सुशांत सिंह राजपूत मामले में रिया चक्रवर्ती को राहत, सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई और सरकार को फटकारा
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सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले में रिया चक्रवर्ती और उनके परिवार को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। कोर्ट ने सीबीआई की उस अपील को खारिज कर दिया है, जिसमें बॉम्बे हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती दी गई थी। दरअसल, हाई कोर्ट ने रिया चक्रवर्ती, उनके पिता और भाई के खिलाफ जारी किए गए लुक-आउट सर्कुलर को रद्द कर दिया था।
सुप्रीम कोर्ट बेंच ने सीबीआई और महाराष्ट्र राज्य पर बॉम्बे हाईकोर्ट के फैसले को सिर्फ इसलिए चुनौती देने का आरोप लगाया क्योंकि वो हाई-प्रोफाइल बैकग्राउंड से हैं।इस मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई पर बड़ी टिप्पणी की है। जस्टिस बीआर गवई ने कहा कि हम चेतावनी दे रहे हैं। आप सिर्फ इसलिए इतनी ये तुच्छ याचिका दायर कर रहे हैं क्योंकि आरोपियों में से एक हाई-प्रोफाइल व्यक्ति है। इस पर यकीनन बहुत बड़ी कीमत चुकानी पड़ेगी। इनकी समाज में गहरी जड़ें है। सीबीआई अगर जुर्माना और कुछ कड़ी टिप्पणियां लेना चाहती है तो मामले में बहस करें।
सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले में साल 2020 में सीबीआई ने रिया चक्रवर्ती उनके भाई और पिता पर लुक आउट सर्कुलर जारी किया था। इसे बॉम्बे हाईकोर्ट ने यह कहते हुए रद्द कर दिया था कि इसे जारी करने के पीछे कोई खास वजह नहीं है। साथ ही यह भी कहा गया था कि एक्ट्रेस और उनके परिवार ने जांच एजेंसियों के साथ पूरा-पूरा सहयोग किया है।
बता दें, एक्टर सुशांत सिंह राजपूत 14 जून 2020 को बांद्रा के फ्लैट में मृत पाए गए थे। इस मामले में रिया चक्रवर्ती और उनके परिवार पर सुशांत को आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप लगा, जिसकी जांच मुंबई पुलिस कर रही थी। हालांकि, बाद में यह केस सीबीआई को ट्रांसफर कर दिया। इसके बाद 2020 में ही सीबीआई ने रिया चक्रवर्ती और उनके परिवार के खिलाफ लुक-आउट सर्कुलर जारी किया था।बॉम्बे हाई कोर्ट ने फरवरी में रिया चक्रवर्ती और उनके परिवार के खिलाफ जारी सीबीआई का लुक-आउट सर्कुलर को रद्द कर दिया था। इसके बाद सीबीआई ने सर्कुलर लागू करने के लिए सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी।







* महाराष्ट्र में एक चरण यानी 20 नवंबर को विधानसभा के चुनाव हैं। यहां वोटों की गिनती 23 नवंबर को की जाएगी। इस दिन तय हो जाएगा की आखिर महाराष्ट्र के सत्ता की कुर्सी कौन संभालेगा? महाराष्ट्र में मुख्य लड़ाई दो गठबंधन के बीच है। ये गठबधंन महायुति और महाविकास अघाड़ी हैं। महायुति में बीजेपी, शिवसेना (शिंदे गुट) एनसीपी (अजित गुट) हैं। इसके साथ ही महाविकास अघाड़ी गठबंधन में शिवसेना (उद्धव गुट), एनसीपी (शरद पवार गुट) और कांग्रेस पार्टी शामिल है। महाराष्ट्र की वीआईपी सीटों की बात करें वर्ली विधानसभा सीट उनमें से एक है। मुंबई की हाई प्रोफाइल सीटों में एक सीट है वर्ली विधानसभा सीट से शिवसेना (UBT) ने आदित्य ठाकरे को मैदान में उतारा है। शिवसेना (एकनाथ शिंदे) भी कड़ी चुनौती देने की तैयारी में जुटी है।उद्धव ठाकरे के बेटे और पूर्व कैबिनेट मंत्री रहे आदित्य ठाकरे को वर्ली सीट से घेरने को शिंदे वाली शिवसेना राज्यसभा सांसद मिलिंद देवड़ा को मैदान में उतार सकती है। दरअसल, वर्ली सीट पर एकनाथ शिंदे आदित्यनाथ को वॉकओवर नहीं देना चाहते हैं। पार्टी में इस संबंध में गंभीर मंथन भी हुआ है। इसी सिलसिले में मिलिंद देवड़ा से भी सीएम शिंदे सहित तमाम बड़े नेताओं ने बातचीत की है और विचार किया जा रहा है आदित्य के सामने मजबूत युवा चेहरे के तौर पर मिलिंद देवड़ा को ही उतारा जाए। हालांकि इस पर अभी तक अंतिम फैसला नहीं लिया जा सका है। बता दें कि मिलिंद देवड़ा को राजनीति विरासत में मिली है और उनके पिता मुरली देवड़ा कांग्रेस के वरिष्ठ नेता थे और कांग्रेस सरकार में केंद्रीय मंत्री भी रहे। मिलिंद देवड़ा इस समय राज्यसभा सदस्य हैं और दक्षिण मुंबई से तीन बार सांसद रह चुके हैं। मिलिंद देवड़ा ने जनवरी में ही कांग्रेस छोड़कर एकनाथ शिंदे की शिवसेना का दामन थामा था। लोकसभा चुनाव के दौरान मिलिंद देवड़ा को ही वर्ली की कमान दी गई थी। वर्ली सीट शिवसेना यूबीटी के प्रभाव वाली मानी जाती है और इसके बावजूद वर्ली से शिवसेना यूबीटी को महज 6500 वोट की ही बढ़त हासिल हुई थी। हालांकि वर्ली सीट महायुति में बीजेपी, शिवसेना (शिंदे गुट) एनसीपी (अजित गुट) में से किसके कोटे में जाएगी, ये स्थिति अभी स्पष्ट नहीं है। लेकिन कयास यही लगाए जा रहे हैं कि महायुति गठबंधन में शिंदे गुट को कोटे के तहत यह सीट मिल जाए। ऐसे में उनके पास मजबूत चेहरे के रूप में मिलिंद देवड़ा हैं लेकिन वर्ली सीट पर बहुतायत में मराठी वोटर्स जीत तय करते हैं, ऐसे में पार्टियों के लिए इसका भी ध्यान रखना अनिवार्य है। अगर मिलिंद देवड़ा चुनाव नहीं लड़ते हैं तो बीजेपी शायना एनसी को शिंदे गुट ज्वाइन कराकर मैदान में उतार सकती है। इससे पहले बीजेपी अपने 2 पूर्व सांसदों समेत कुल 3 नेताओं को एनसीपी (अजीत पवार गुट) ज्वाइन कराकर वहां से टिकट दिला दिया है।

Oct 25 2024, 18:48
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