एस जयशंकर ने फिर ठोका सुरक्षा परिषद में भारत के लिए स्थायी सीट का दावा, ब्रिक्‍स समिट में बोले-दुनिया में व्यवस्था बदल रही

#s_jaishankar_pushing_permanent_seat_for_india_at_un

Image 2Image 4

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने एक बार फिर ब्रिक्‍स प्‍लस के मंच से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में भारत के ल‍िए स्‍थायी सीट का दावा ठोका है।रूस के कजान में ब्रिक्स समिट के दौरान भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने गुरुवार को कहा कि ज्यादा न्यायसंगत वैश्विक व्यवस्था बनाने के लिए स्थापित संस्थानों में सुधार की जरूरत है। ये सुधार तत्काल किया जाना चाहिए।

जयशंकर ने ब्रिक्स के आउटरीच सेशन में कहा, "ब्रिक्स ये दिखाता है कि पुरानी व्यवस्था कितनी गहराई से बदल रही है। साथ ही अतीत की कई असमानताएं भी जारी हैं, बल्कि उन्होंने नए तरीके अपना लिए हैं। ग्लोबलाइजेशन के फायदे बहुत असमान रहे हैं। ऐसे में दुनिया के सस्टेनेबल डेवलपमेंट के लक्ष्यों को हासिल करने में काफी पीछे रह जाने का खतरा है।

एस जयशंकर ने इस दौरान अधिक न्यायसंगत वैश्विक व्यवस्था कैसे बनाने का तरीका भी बताया। उन्होंने कहा कि सबसे पहले एक स्वतंत्र प्रकृति के प्लेटफार्म को मजबूत और विस्तारित किया जाना चाहिए। दूसरा तरीका ये है कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद जैसी संस्थाओं में तुरंत सुधार किया जाए। बहुपक्षीय विकास बैंकों की भी बदला जाए, जिनकी कार्य प्रक्रियाएं संयुक्त राष्ट्र की तरह पुरानी हैं। इसके बाद तीसरा तरीका वैश्विक अर्थव्यवस्था का लोकतंत्रीकरण है।

जयशंकर ने आगे कहा कि चौथा तरीका वैश्विक बुनियादी ढांचे में कमियों को ठीक करना है, जो कमियां औपनिवेशिक युग से विरासत में मिली हुई हैं। दुनिया को ऐसे कनेक्टिविटी विकल्पों की आवश्यकता है, जो लॉजिस्टिक्स को बढ़ाएं और जोखिमों को कम कर सकें। वहीं पांचवां तरीका अनुभव और नई पहल एक दूसरे से साझा करने का है।

बता दें कि भारत लंबे समय से सुरक्षा परिषद में सुधार की मांग कर रहा है। वह स्थायी और अस्थायी सदस्यों की संख्या में बढ़ोतरी करने की जरूरत पर जोर देता है। 1945 में गठित सुरक्षा परिषद के शुरू से 15 सदस्य हैं। इनमें से 5 स्थायी और 10 अस्थायी सदस्य होते हैं। चीन, फ्रांस, रूस, यूनाइटेड किंगडम और संयुक्त राज्य अमेरिका सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्य हैं। अस्थायी सदस्य हर 2 साल बाद बदले जाते हैं। अमेरिका, रूस, फ्रांस और ब्रिटेन पहले ही सुरक्षा परिषद में स्थायी सदस्यता के लिए भारत के दावे का समर्थन कर चुके हैं। लेकिन चीन वीटो पावर के जरिए इसमें अड़ंगे डालता रहा है।

श्रीलंका में इजरायलियों के खिलाफ बड़ा साजिश नाकाम, कैसे भारत के खुफिया इनपुट से टला खतरा

#2_arrested_in_sri_lanka_over_threats_to_israelis

श्रीलंकाई पुलिस ने इजरायली नागरिकों के खिलाफ एक बड़ी साजिश का भंडाफोड़ किया है।श्रीलंकाई पुलिस ने दो संदिग्धों को गिरफ्तार किया है, जो कथित तौर पर इजरायलियों को नुकसान पहुंचाने की योजना बना रहे थे।भारत से मिले खुफिया इनपुट के आधार पर श्रीलंकाई पुलिस ने इजरायली नागिरकों के खिलाफ खाजिश का पर्दाफाश किया है।

Image 2Image 4

श्रीलंका की स्थानीय मीडिया ने गुरुवार को बताया कि इजरायली नागरिकों के खिलाफ आतंकी धमकियों के सिलसिले में दो श्रीलंकाई नागरिकों को गिरफ्तार किया गया है। इसमें भारत की अहम भूमिका रही है। संदिग्धों में एक इराक में रहता था और भारत से दी गई खुफिया जानकारी ने उनकी पहचान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

यह जानकारी बुधवार को यहूदी राष्ट्र की ओर से जारी की गई ट्रेवल वार्निंग के बाद सामने आई। एक दिन पहले ही इजरायल की नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल ने आतंकवाद के खतरे का हवाला देते हुए इजरायलियों से लोकप्रिय पर्यटन क्षेत्र और सर्फिंग रिसॉर्ट को तुरंत छोड़ने की अपील की। एनएससी ने कहा, "इन क्षेत्रों को छोड़ने वालों को सलाह दी जाती है कि वे देश छोड़ दें या कम से कम राजधानी कोलंबो चले जाएं, जहां स्थानीय सुरक्षा बलों की मौजूदगी काफी ज्यादा है।

ट्रेवल वार्निंग में कहा गया कि इजरायलियों को देश के बाकी हिस्सों की यात्रा स्थगित कर देनी चाहिए। उनसे उन चिह्नों को छिपाने को कहा गया जो यह दर्शाते हों कि वे इजरायली हैं। नागरिकों को बड़ी संख्या में जमा होने से बचने को भी कहा गया। इजरायल ने कहा कि वह श्रीलंकाई अधिकारियों के साथ निकट संपर्क में है। चेतावनी के मद्देनजर, श्रीलंका ने कहा कि उसने अरुगम खाड़ी में चबाड हाउस यहूदी सामुदायिक केंद्र में सुरक्षा बढ़ा दी।

इजरायल की चेतावनी से पहले, श्रीलंका में अमेरिकी दूतावास ने कहा था कि उसे पूर्वी अरुगाम खाड़ी में लोकप्रिय पर्यटक स्थलों को निशाना बनाकर किए जाने वाले हमले की विश्वसनीय सूचना मिली है। रिपोर्ट के मुताबिक ब्रिटेन और कनाडा ने अपनी वेबसाइटों पर अमेरिकी चेतावनी शेयर की, जबकि रूसी दूतावास ने अपने नागरिकों को द्वीप पर जाते समय भीड़-भाड़ वाले स्थानों से बचने की सलाह दी।

भारत-चीन भूल रहे आपसी मतभेद, क्या यह अमेरिका के लिए चुनौती है?

#india_china_are_burying_hatchet_a_challenge_for_us

लंबे समय बाद भारत और चीन के बीच सीमा विवाद को हल करने की सहमति बनी है और इसके साथ ही दोनों देशों के बीच संबंध सुधरने की उम्मीद भी बढ़ गई है। इसकी एक झलक रूस के कज़ान में हुए ब्रिक्स सम्मेलन के दौरान भी दिखी, जब भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच वार्ता हुई। बता दें कि साल 2020 में पूर्वी लद्दाख के गलवान में दोनों देशों के सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प में भारत के 20 भारतीय सैनिकों के साथ कई चीनी सैनिक मारे गए थे।तबसे ही दोनों देशों के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया था। अब इतने सालों के बाद दोनों देशों के रिश्ते पटरी पर आते दिख रहे हैं।

Image 2Image 4

अब सवाल उठ रहे हैं कि क्या भारत-चीन संबंधों में नरमी अमेरिका के लिए नई चुनौती पेश कर सकती है? दरअसल, यह समझौता ऐसे समय में हुआ है जब अमेरिका ने कनाडा में खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या और अपने यहां आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की साजिश के आरोपों में भारत को घेरने की लगातार कोशिशें की हैं। अमेरिका ने न केवल निज्जर की हत्या मामले में कनाडा के कंधे पर हाथ रखकर भारत की तरफ आंखें तरेर रहा है बल्कि पन्नू मामले में भारत पर लगातार दबाव बनाना चाह रहा है।

हालांकि, अमेरिका भारत पर भरोसा करता है कि वह हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन को रोके रखने का सबसे बड़ा जरिया है। भारत-चीन सीमा गतिरोध के समाधान की संभावना के प्रति अमेरिकी संदेह भारत-अमेरिका रणनीतिक संबंधों को मजबूत करने में चीन की भूमिका से उपजा है। चूंकि अमेरिका को लगता है कि भारत को इंडो-पैसिफिक में चीनी प्रभाव को रोकने के साथ-साथ चीन द्वारा ताइवान पर संभावित आक्रमण की स्थिति में महत्वपूर्ण भूमिका निभानी है, इसलिए उसने भारत के साथ अपनी साझेदारी बढ़ाई है जिसमें महत्वपूर्ण तकनीक साझा करना और विनिर्माण के लिए चीन के विकल्प के रूप में भारत का समर्थन करना शामिल है। हाल ही में, भारत और अमेरिका ने अमेरिकी सशस्त्र बलों और सहयोगी सेनाओं के साथ-साथ भारतीय रक्षा बलों को उन्नत चिप्स की आपूर्ति करने के लिए भारत में एक संयुक्त सेमीकंडक्टर फ़ैब की योजना बनाई है। स्पष्ट चीन कोण के साथ, भारत और अमेरिका ने हाल ही में 31 प्रीडेटर ड्रोन के अधिग्रहण के लिए 32,000 करोड़ रुपये के सौदे पर हस्ताक्षर किए हैं, जिन्हें भारतीय सेना , नौसेना और वायु सेना के बीच वितरित किया जाएगा। यह अधिग्रहण हिंद महासागर क्षेत्र (IOR) में विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, जहाँ चीन अपनी नौसैनिक उपस्थिति का तेज़ी से विस्तार कर रहा है और टर्नअराउंड सुविधाएँ स्थापित कर रहा है।

हालांकि, ये कहना जल्दबादजी होगी कि भारत और चीन के बीच सीमा पर मतभेद पूरी तरह से खत्म हो गए हैं। भारत और चीन के बीच इतना अधिक अविश्वास और अतीत का बोझ है कि वे किसी भी तरह के घनिष्ठ सहयोग की अनुमति नहीं दे सकते जो अमेरिका या पश्चिम के लिए चुनौती बन जाए।

दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने पहले कार्यकाल के दौरान, भारत-चीन साझेदारी को मजबूत करने का प्रयास किया। जिसमें अहमदाबाद, वुहान और महाबलीपुरम में तीन बार शी और मोदी की मुलाकात शामिल थी। बावजूद इसके सीमा पर चीन की आक्रामकता दिखी पहले डोकलाम और फिर गलवान में।

जिहादी से बचाना है-अंकिता को घर लाना है’, एमपी में हुई इस शादी को लेकर मचा-हंगामा

Image 2Image 4

मध्य प्रदेश के इंदौर की रहने वाली लड़की अंकिता राठौर ने जबलपुर में मुस्लिम युवक हसनैन से शादी करने के लिए अदालत में आवेदन दिया, तत्पश्चात, इस शादी को लेकर विवाद हो गया। हिंदू संगठनों के कार्यकर्ता इसे लव जिहाद बताते हुए विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। इंदौर से लेकर जबलपुर तक इस शादी को लेकर जमकर हंगामा हुआ है। यहां तक कि इंदौर में युवती को सद्बुद्धि देने के लिए एक यज्ञ का आयोजन भी किया गया है।

इंदौर की अंकिता राठौर ने मुस्लिम युवक हसनैन से शादी करने का आवेदन जबलपुर जिला कलेक्टर को दिया था। जैसे ही इस मामले की जानकारी हिंदू संगठनों और अन्य लोगों को हुई, विरोध आरम्भ हो गया। दोनों ने सुरक्षा के लिए मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय की जबलपुर बेंच में गुहार लगाई थी। जबलपुर उच्च न्यायालय ने इंदौर की अंकिता राठौर को 15 दिनों के लिए नारी निकेतन भेजने का आदेश दिया, वहीं सिहौर निवासी हसनैन अंसारी को पुलिस सुरक्षा देने के निर्देश दिए गए। हिंदू संगठनों के लोग इस शादी के खिलाफ हैं तथा इसका पुरजोर विरोध कर रहे हैं। हसनैन से शादी करने की जिद पर अड़ी अंकिता राठौर के लिए इंदौर में अनुसूचित जनजाति मोर्चा के राजेश शिरोडकर द्वारा एक सद्बुद्धि यज्ञ का आयोजन किया गया।

वही यज्ञ के चलते अनुसूचित जनजाति मोर्चा के कार्यकर्ताओं ने हाथों में पोस्टर ले रखे थे, जिन पर लिखा था, "जिहादी से बचाना है, अंकिता को घर लाना है।" साथ ही अन्य पोस्टर पर यह भी लिखा था, "अंकिता की घर वापसी हर हाल में करवाना है, फिर नहीं होने देंगे हिंदू बेटियों के 400 टुकड़े।" इस चलते कार्यकर्ताओं ने यज्ञ में आहुति दी तथा सद्बुद्धि के लिए भगवान से कामना की।

यूपी में 2 दिन बारिश कराएगा चक्रवाती तूफान 'दाना'; तेज हवा के साथ बिजली गिरने के भी आसार

Image 2Image 4

रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव

पश्चिम बंगाल की खाड़ी में सक्रिय हुए तूफान का आशिंक असर उत्तर प्रदेश के मौसम पर भी पड़ने की संभावना है. मौसम विज्ञान विभाग ने आज और कल दो दिन उत्तर प्रदेश के पूर्वी इलाकों में गरज चमक के साथ हल्की बारिश होने की संभावना जताई है. इसके साथ ही तेज हवा चलने और बिजली गिरने के भी आसार हैं. वही, पश्चिम उत्तर प्रदेश में मौसम शुष्क बना रहेगा.

अक्टूबर का आखिरी सप्ताह है लेकिन, दिन के तापमान में कोई खास कमी नहीं देखने को मिल रही है. दिन के समय तेज धूप निकल रही है, जिससे किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें दिख रही हैं. क्योंकि, धान की फसल खेतों में लगी है और बाली तेज धूप के कारण समय से पहले ही परिपक्व हो जाएगी. ऐसे में धान काला होने के साथ ही हल्का होगा, जिससे किसानों को काफी नुकसान उठाना पड़ सकता है.

रात का तापमान भी सामान्य से 1-3 डिग्री सेल्सियस तक सामान्य से अधिक होने के कारण रात में भी मौसम अभी पूरी तरह से ठण्डा नहीं हुआ है. कुछ तराई वाले इलाकों में रात व सुबह के समय हल्की ठण्ड का अहसास हो रहा है. मौसम विज्ञान विभाग ने 15 नवंबर से गुलाबी सर्दी शुरू होने का अनुमान जताया है।

यूपी में 2 दिन बारिश का अलर्ट

मौसम वैज्ञानिक डॉ. अतुल सिंह ने बताया कि आज व कल पूर्वी उत्तर प्रद्रेश में कुछ स्थानों पर वर्षा/गरज के साथ छींटे पड़ने की संभावना है. पश्चिमी उत्तर प्रदेश में मौसम शुष्क रहने की संभावना है. अगले 5 दिन तक अधिकतम व न्यूनतम तापमान में कोई विशेष बदलाव नहीं होगा.

पीएसी की बैठक में नहीं पहुंचीं सेबी प्रमुख, माधवी बुच पर आमने-सामने बीजेपी और कांग्रेस
Image 2Image 4
#pac_meeting_postponed_due_to_sebi_chief_madhavi_puri_buchs
संसदीय लोक लेखा समिति (पीएसी) की बैठक सेबी प्रमुख माधवी पुरी बुच के अनुपस्थित रहने के कारण स्थगित कर दी गई। पीएसी के प्रमुख के सी वेणुगोपाल ने गुरुवार को कहा कि भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) की प्रमुख माधवी पुरी बुच के उपस्थित होने में असर्थता जताने के कारण समिति की आज प्रस्तावित बैठक स्थगित कर दी गई है। उन्होंने बताया कि गुरुवार को सुबह साढ़े नौ बजे बुच की तरफ से सूचित किया गया कि निजी वजहों के चलते वह दिल्ली नहीं पहुंच सकेंगी। वेणुगोपाल ने बताया कि बुच की तरफ से सूचित किया गया कि निजी वजहों के चलते वह दिल्ली नहीं पहुंच सकेंगी। वेणुगोपाल ने कहा, समिति की पहली बैठक में हमने फैसला किया था कि पहले विषय के रूप में हमारी नियामक संस्थाओं की समीक्षा की जाए। इसलिए हमने आज सेबी की प्रमुख को इस संस्था की समीक्षा के लिए बुलाया था। उन्होंने कहा, सबसे पहले समिति के समक्ष पेश होने से सेबी प्रमुख के लिए छूट की मांग की गई जिससे हमने इनकार कर दिया। इसके बाद उन्होंने इसकी पुष्टि की थी कि वह समिति के समक्ष पेश होंगी। आज सुबह साढ़े नौ बजे सेबी प्रमुख और इसके अन्य सदस्यों की ओर सूचित किया गया कि निजी कारणों से वह दिल्ली की यात्रा नहीं कर सकतीं। वेणुगोपाल ने कहा, एक महिला के आग्रह को देखते हुए आज की बैठक को स्थगित करने का फैसला किया गया। वेणुगोपाल ने कहा कि एक महिला के आग्रह को देखते हुए आज की बैठक को स्थगित करने का फैसला किया गया। बैठक के एजेंडे में संसद के अधिनियम द्वारा स्थापित नियामक निकायों के कामकाज की समीक्षा’’ के लिए समिति के निर्णय के हिस्से के रूप में वित्त मंत्रालय और भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) के प्रतिनिधियों के मौखिक साक्ष्य शामिल थे। उधर बीजेपी के नेता ने केसी वेणुगोपाल के रवैए पर ऐतराज जताया है।पीएसी के चेयरमैन की शिकायत करने के लिए एनडीए के सांसद लोकसभा स्पीकर के पास पहुंचे और उनका कहना है कि केसी वेणुगोपाल की मंशा देश के वित्तीय ढांचे को तोड़ने का प्रयास है।बीजेपी सांसद रवि शंकर प्रसाद के अनुसार, हर स्टैंडिग कमेटी उस विभाग से संबंधित रेगुलेटरी कमेटी का रिव्यू करती है। लेकिन पीएसी चेयरमैन ने खुद से निर्णय लेकर सेबी चेयरमैन माधवी बुच को बुलाया, यह उन्होंने कैसे तय किया। पीएसी का काम सीएजी के रिपोर्ट पर विचार करना है। बता दें कि बुच के खिलाफ अमेरिकी शॉर्ट-सेलर कंपनी ने हितों के टकराव के आरोप लगाए थे जिसके बाद कांग्रेस ने उन पर और सरकार पर तीखे हमले किए थे।
जागरूकता के नाम पर महिलाओं के अंगों को लेकर ये कैसा विज्ञापन? दिल्ली मेट्रो में लगा पोस्टर तो मच गया बवाल

#delhi_metro_breast_cancer_ad_controversy

स्तन कैंसर आज महिलाओं में तेजी से बढ़ने वाली समस्या हो गई है। किसी भी समस्या से बचाव का सबसे बेहतर उपाय उसके प्रति जागरूक होना होता है। लेकिन जागरूकता के नाम पर अश्लीलता फैलाई जाए या से अशिष्टा से पेश किया जाए तो? निःसंदेश उसे जागरूकता अभियान का को मतलब नहीं बनता। दिल्ली मेट्रो में स्तन कैंसर जागरूकता से जुड़े एक विज्ञापन के साथ ऐसा ही कुछ हाल है। इस विज्ञापन में स्त्री के स्तन की तुलना संतरों से की गई है और “हर महीने अपने संतरे की जांच” करने जैसी असभ्य भाषा का प्रयोग किया गया है। जाहिर सी बात है विज्ञापन पर काफी विवाद हो रहा है।

Image 2Image 4

दरअसल, यूवीकैन फाउंडेशन ने ब्रेस्ट कैंसर अवेयरनेस को लेकर दिल्ली मेट्रो में AI जेनरेटेड एक विज्ञापन लगाया। विज्ञापन को ज्यादा क्रिएटिव बनने के चक्कर में यह कुछ ऐसा बन गया कि लोगों को इस पर आपत्ति होने लगी। ब्रेस्ट कैंसर जागरूकता माह को बढ़ावा देने के उद्देश्य से चलाए गए इस अभियान की इसलिए आलोचना की गई क्योंकि इसमें ब्रेस्ट को संतरे के रूप में संदर्भित किया गया है।

विज्ञापन में बस में सवार एआई-जनरेटेड महिलाओं को संतरे पकड़े हुए दिखाया गया है। साथ ही कैप्शन में लिखा गया 'महिलाएं संभावित गांठों का जल्द पता लगाने के लिए ''हर महीने अपने संतरे की जांच करें'।

विज्ञापन की वजह से सोशल मीडिया पर भी यूजर भड़क गए हैं और जमकर दिल्ली मेट्रो को ट्रोल कर रहे है। दिल्ली मेट्रो के एक यात्री ने कोच के अंदर लगे विज्ञापन की एक तस्वीर साझा की और लिखा, "अगर हम स्तनों को उनके वास्तविक नाम से भी नहीं पुकार सकते तो देश स्तन कैंसर के प्रति जागरूकता कैसे बढ़ाएगा?

आलोचकों का मानना है कि शरीर के अंगों को दर्शाने के लिए फलों का उपयोग करना ब्रेस्ट कैंसर की गंभीरता को कम करता है और इससे प्रभावित लोगों की गरिमा का अनादर करता है। कई महिलाओं ने लिखा- इन्हें ब्रेस्ट कहिए, न कि संतरे।

यह विज्ञापन यूवीकैन फाउंडेशन की ओर से लगाया गया है। जो कि क्रिकेटर युवराज सिंह द्वारा स्थापित एक गैर-लाभकारी संगठन है। इस विज्ञापन के कारण युवराज सिंह को भी ट्रोल किया जा रहा है। यूजर ने एक्स पोस्ट में युवराज सिंह को भी टैग किया और उनसे इस अभियान को हटाने की अपील की। यूजर ने लिखा, ''मुझे अभी पता चला कि यह आपके फाउंडेशन का अभियान है। भले ही आपका इरादा सही हो, लेकिन मैं आपको सुझाव दूंगा कि आप इस अभियान को हटा दें। यह वाकई अपमानजनक और अविश्वसनीय है।''

मार्केट खुलने के साथ सेंसेक्स-निफ्टी जोरदार तेजी के साथ ओपनिंग तो कर रहे, पर कुछ ही देर में ये तेजी गिरावट में तब्दील हो जा रहा, जानें ताजा अपडे

Image 2Image 4

शेयर बाजार बीते कई दिनों से निवेशकों को चौंका रहा है. मार्केट ओपन होने के साथ सेंसेक्स-निफ्टी जहां जोरदार तेजी के साथ ओपनिंग कर रहे हैं, तो वहीं कुछ ही देर में ये तेजी गिरावट में तब्दील हो जा रही है और अंत में दोनों इंडेक्स बुरी तरह टूटकर बंद हो रहे हैं. सप्ताह के चौथे कारोबारी दिन गुरुवार को भी यही स्थिति देखने को मिल रही है. बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का 30 शेयरों वाला Sensex शुरुआत में 135 अंक उछला, तो कुछ ही मिनटों में ये 227 अंक फिसल गया.

80000 के नीचे आया Sensex

सप्ताह के चौथे कारोबारी दिन गुरुवार को भी शेयर बाजार हैरान करता नजर आ रहा है. सुस्त ग्लोबल संकेतों के बीच भी सेंसेक्स और निफ्टी दोनों इंडेक्स ग्रीन जोन में ओपन हुए थे. BSE Sensex ने हरे निशान पर कारोबार की शुरुआत की और 135 अकं उछलकर 80,215 के स्तर पर कारोबार करता नजर आया. लेकिन अचानक से ये शुरुआती तेजी पीछे छूट गई और सेंसेक्स रेड जोन में आ गया. खबर लिखे जाने तक सुबह 9.35 बजे पर Sensex 227.82 अंक फिसलकर 79,854.16 के लेवल पर कारोबार कर रहा था.

Nifty भी शुरुआती तेजी से फिसला

सेंसेक्स ही नहीं, निफ्टी भी इसके कदम से कदम मिलाकर चलता हुआ नजर आया और देखते ही देखते करीब 90 अंक की गिरावट के साथ फिसलकर 24,341.20 के लेवल पर आ गया. इससे पहले बुधवार को निफ्टी 37 अंक टूटकर 24,435 पर बंद हुआ, जबकि सेंसेक्‍स 138 अंक टूटकर 80,081 पर क्‍लोज हुआ था. बैंक निफ्टी समेत स्‍मॉल कैप और मिडकैप इंडेक्‍स में भी गिरावट देखी गई थी.

खुलते ही बिखरे ये 10 शेयर

गुरुवार को मार्केट में अचानक आई गिरावट के बीच सबसे ज्यादा बिखरने वाले 10 शेयरों के बारे में तो बता दें कि BSE लार्जकैप कैटेगरी में शामिल 20 में से 16 शेयर खबर लिखे जाने तक लाल निशान पर कारोबार कर रहे थे. इनमें शामिल HUL Share 5.29% की गिरावट के साथ 2515.10 रुपये पर, जबकि Nestle India Share 1.70% गिरकर 2287.50 रुपये पर कारोबार कर रहा था. इसके अलावा Bharti Airtel Share भी 1.50% तक टूटा और 1661 रुपये पर ट्रेड कर रहा था

मिड और स्मालकैप शेयरों का हाल

मिडकैप कैटेगरी में शामिल KPI Tech Share 7.62% फिसलकर 1507.80 रुपये पर, Escorts Share 7.36% की गिरावट लेकर 3430.25 रुपये, PEL Share 2.81% टूटकर 1015.55 रुपये पर था. वहीं दूसरी ओर स्मालकैप कैटेगरी की कंपनियों में शामिल JCHAC Share 10.03%, Haritage Food Share 5%, KICL Share 5%, Reltd Share 4.99% की गिरावट के साथ कारोबार कर रहे थे.

तूफान ‘दाना’ कितनी तबाही लाएगा, कैसे बनते हैं चक्रवात, किसने दिया यह नाम?

Image 2Image 4

रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव

चक्रवाती तूफान दाना अपना असर दिखाने लगा है. आज देर रात यह ओडिशा के तट से टकराएगा. बंगाल की खाड़ी से उठे इस चक्रवाती तूफान का असर पश्चिम बंगाल में भी होगा. यह आगे बढ़ रहा है. दोनों राज्यों में अलर्ट जारी कर दिया गया है. 500 से ज्यादा ट्रेनों को रद्द कर दिया गया है. ओडिशा और बंगाल में 16 घंटों के लिए उड़ानों पर रोक लगा दी गई है. दोनों राज्याें में लोगों को डेंजर जोन छोड़ने के लिए कहा दिया गया है. खतरे को देखते हुए NDRF की टीम तैनात कर दी गई है.

अब सवाल उठता है कि आखिर चक्रवाती तूफान क्यों आते हैं, किसने इसे ‘दाना’ नाम दिया और बंगाल की खाड़ी से उठा यह चक्रवाती तूफान कितनी तबाही ला सकता है?

क्यों आते हैं चक्रवाती तूफान?

ब्यूरो ऑफ मेट्रोलॉजी के अनुसार, चक्रवात एक खास तरह की स्थिति में बनता है. ऐसा तब होता है जब समुद्र की सतह का ट्रेम्प्रेचर 26.5 डिग्री को पार कर जाता है और हवाएं समुद्र से ऊपर की तरफ उठने लगती हैं. ये गर्म हवाएं ऊपर उठती हैं और नीचे की तरफ कम दबाव वाला क्षेत्र बनता है. जैसे-जैसे समय बीतता है आसपास चलने वाली हवाओं से कम दबाव वाले क्षेत्र में दबाव बढ़ता है. ऐसा होने वाले चक्रवात की स्थिति बनती है. चक्रवात कुछ दिन तक या कुछ हफ्तों तक बना रह सकता है.

क्या है दाना का मतलब, किसने दिया यह नाम?

अगस्त में आए चक्रवात असना के बाद दाना पिछले दो महीने के अंदर भारतीय तट से टकराने वाला दूसरा तूफान है. एशिया में तूफानों के नामकरण का भी एक सिस्टम है. इनके नामकरण की शुरुआत साल 2000 में विश्व मौसम विज्ञान संगठन (WMO)/एशिया और प्रशांत के लिए संयुक्त राष्ट्र आर्थिक और सामाजिक आयोग के तहत हुई थी.

इस समूह में बांग्लादेश, भारत, मालदीव, म्यांमार, ओमान, श्रीलंका, पाकिस्तान और थाईलैंड शामिल किए गए थे. हालांकि, 2018 में पांच और देश ईरान, क़तर, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात और यमन को शामिल किया गया. ये देश अपनी तरफ से तूफानों के नाम देते हैं. इन देशों ने अपनी-अपनी तरफ से तूफानों के नाम प्रस्तावित किए हैं. WMO ने देशों द्वारा दिए गए नामों की सूची बना रखी है. यही वजह है कि तूफान आने से पहले तय हो जाता है कि उसका नाम क्या होगा. इस सूची को हर छह साल में बदला जाता है.

वर्तमान में जिस चक्रवाती तूफान ‘दाना’ की चर्चा है वो शब्द को अरबी भाषा से लिया गया है. इसका मतलब होता है ‘उदारता’. यह नाम कतर की तरफ से दिया गया है.

कितनी तबाही ला सकता है दाना?

दोनों राज्यों में तूफान का असर दिख रहा है. तेज हवाएं चल रही हैं. कुछ जगहों पर बारिश हो रही है. बीबीसी की रिपोर्ट में ओडिशा में भारतीय मौसम विभाग की निदेशक मनोरमा मोहंती का कहना है, चक्रवाती तूफान दाना ने घातक रूप ले लिया है. यह उत्तर-पश्चिम दिशा की तरफ आगे बढ़ रहा है.

दाना तूफान 24 अक्टूबर यानी आज देर रात करीब 2 बजे ओडिशा के तट से टकराएगा. मौसम विभाग के मुताबिक, तूफान 120 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से ओडिशा के उत्तरी हिस्से से गुजरेगा. इलाकों में 30 सेमी तक बारिश हो सकती है. तूफान कितनी तबाही मचा सकता है, यह इस बात से समझा जा सकता है कि ओडिशा के 14 जिलों से 10 लाख लोगों को एक से दूसरी जगह भेजा गया है.

दाना का असर सिर्फ ओडिशा और पश्चिम बंगाल तक ही सीमित नहीं रहेगा, इस असर छत्तीसगढ़ के मध्य, दक्षिण और उत्तरी हिस्से में भी देखने को मिलेगा. कई इलाकों में तेज हवाएं चलेंगी. बारिश होगी.

कांग्रेस ने किया खड़गे का अपमान! प्रियंका गांधी के नामांकन के दौरान कहां से पार्टी प्रमुख, बीजेपी ने शेयर किया वीडियो

#mallikarjunkhargeoutsideduringpriyankagandhinominationbjpattack

प्रियंका गांधी ने बुधवार को केरल की वायनाड लोकसभा सीट के लिए नामांकन दाखिल किया। बुधवार को उनके नॉमिनेशन के लिए भव्य तैयारियां की गईं। कांग्रेस के सभी दिग्गज और राष्ट्रीय स्तर के सीनियर नेता शामिल हुए। हालांकि, नामांकन के दौरान का एक वीडियो बीजेपी ने शेयर किया है और कांग्रेस पर दलित विरोधी होने का आरोप लगाया है।मल्लिकार्जुन खरगे नॉमिनेशन के दौरान गेट के बाहर से झांकते नजर आ रहे हैं। कहा जा रहा है कि उन्हें अंदर एंट्री नहीं दी गई। बीजेपी अब इस घटनाक्रम को लेकर कांग्रेस पर निशाना साधा रही है। उन्होंने कहा कि खरगे को नामांकन प्रक्रिया से बाहर इसलिए रखा गया क्योंकि वह दलित हैं।

Image 2Image 4

भाजपा ने अपने सोशल मीडिया पर हैंडल पर एक वीडियो जारी की है। जिसमें पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे कमरे के बाहर इंतजार करते दिखाई दे रहे हैं। वीडियो के कैप्शन में भाजपा ने लिखा कि 'आज जिस तरह से मल्लिकार्जुन खरगे जी को प्रियंका वाड्रा के नामांकन के समय कमरे से बाहर रखा गया, ठीक उसी तरह राहुल गांधी आरक्षण हटाने के बाद दलित समाज के लोगों को सम्मान और अवसरों से वंचित रखेंगे। अगर गांधी परिवार खरगे जी को ऐसे अपमानित कर सकता है तो दलित समाज के प्रति इनके मन में कितनी घृणा होगी, ये समझा जा सकता है।'

कांग्रेस पर दलितों के प्रति नफरत रखने का आरोप

वीडियो में खड़गे को उस कमरे के बाहर इंतजार करते हुए दिखाया गया है, जहां प्रियंका गांधी वायनाड उपचुनाव के लिए अपना नामांकन पत्र दाखिल कर रही थीं, जिसके बाद भाजपा ने कांग्रेस पर अपने अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे का अनादर करने का आरोप लगाया है। वीडियो को कई भाजपा नेताओं के साथ-साथ असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने भी साझा किया और कांग्रेस पर दलितों के प्रति नफरत रखने का आरोप लगाया।

हिमंत बिस्व सरमा बोले- बेहद निराशाजनक

असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने भी इस वीडियो को ट्वीट किया है। उन्होंने लिखा, 'वायनाड में आज तथाकथित होली ट्रिनिटी के मल्लिकार्जुन खरगे जैसे अनुभवी सांसद और दलित नेता के प्रति दिखाए गए अनादर को देखना बेहद निराशाजनक है। चाहे वह एआईसीसी का अध्यक्ष हो या पीसीसी, क्या परिवार उन लोगों को अपमानित करने में गर्व महसूस करता है जिन्हें वे केवल रबर स्टैंप मानते हैं?'

कांग्रेस का पलटवार

भाजपा के आरोपों पर कांग्रेस ने पलटवार किया है। कांग्रेस नेता प्रणव झा ने कहा कि 'ये बेहद दुर्भाग्यपूर्ण बात है कि जो लोग बीते 10 वर्षों से सत्ता में हैं, वो सरकार और उसके मंत्री अभी भी झूठ और भ्रम फैला रहे हैं। वायनाड में जिलाधिकारी ने कहा था कि नियमों के तहत पांच से ज्यादा लोग कमरे में नहीं रह सकते। उस दौरान लोग कमरे से बाहर गए और उनमें कांग्रेस अध्यक्ष भी थे। उन्होंने पूरे धैर्य से बाहर इंतजार किया, जैसा आप वीडियो में देख सकते हैं। कुछ समय बाद मल्लिकार्जुन खरगे और केसी वेणुगोपाल दोनों कमरे में आ गए थे, लेकिन भाजपा ने कांग्रेस को बदनाम करने और लोगों का असल मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए झूठ की साजिश रची।'