सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला: अजित पवार के 'घड़ी' सिंबल पर रोक नहीं,डिस्क्लेमर के साथ इस्तेमाल की अनुमति

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले शरद पवार को सुप्रीम कोर्ट से झटका लगा है. अजित पवार को घड़ी चुनाव चिह्न का इस्तेमाल करने से रोकने की मांग को सुप्रीम कोर्ट ने फिलहाल कोई आदेश नहीं दिया. एनसीपी (शरद पवार) ने दो अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर चुनाव चिह्न घड़ी के इस्तेमाल पर रोक लगाने की मांग की थी.

सर्वोच्च अदालत ने हालांकि कहा कि हम उम्मीद करते हैं कि दोनों पक्ष हमारे निर्देशों का पालन कर रहे हैं. अपने लिए शर्मनाक स्थिति पैदा न करें, यदि हम पाते हैं कि जानबूझकर हमारे आदेश का उल्लंघन करने का प्रयास किया गया है, तो हम स्वत: संज्ञान लेकर अवमानना ​​शुरू कर सकते हैं.

इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने अजित पवार से हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया है. उसमें घड़ी चिन्ह के साथ कोर्ट के आदेश के मुताबिक डिस्क्लेमर लगाने का अनुपालन करने की बात स्पष्ट करने के लिए कहा गया है.

जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि हम अजित पवार जवाब का मौका देंगे. वह यह हलफनामा दें कि भविष्य में हमारे आदेश का उल्लंघन नहीं होगा. यह भी लिखें कि अतीत में भी उन्होंने ऐसा नहीं किया है.

अजित पवार को हलफनामा देने का निर्देश

जस्टिस कांत ने कहा कि अजित पवार हलफनामा दें कि वह 19 मार्च और 4 अप्रैल को आए हमारे आदेश का पालन कर रहे हैं. इस मामले में अगल सुनवाई 6 नवंबर को होगी.

चुनाव आयोग ने अजित पवार की एनसीपी को असली ठहरा कर पार्टी का चिह्न (घड़ी) इस्तेमाल करने का अधिकार दिया था. कोर्ट में बहस के दौरान शरद पवार के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि मार्च में हुई सुनवाई में कोर्ट ने चुनाव आयोग को हमारे लिए भी एक चिन्ह तुरही आवंटित करने का आदेश दिया था.

डिस्क्लेमर के साथ घड़ी चिह्न का करना होगा इस्तेमाल

अजित पवार से कहा गया था कि घड़ी चिह्न के साथ यह लिखें (डिस्क्लेमर) कि मामला अभी कोर्ट में विचाराधीन है. सिंघवी ने दावा किया कि अजित गुट ने इस आदेश का सही तरीके से पालन नहीं किया. लोग घड़ी चिह्न को शरद पवार से पहचानते हैं, जिसका इस्तेमाल बिना डिस्क्लेमर के किया जा रहा है.

अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि अजित पवार कोर्ट के आदेश के मुताबिक डिस्क्लेमर नहीं लगाया. हमने कोर्ट को तस्वीरें सौंपी हैं, अब इन्हें इसकी सजा मिलनी चाहिए.

इस पर अजित पवार के वकील बलबीर सिंह ने कहा कि इन्हें कुछ तो जिम्मेदारी दिखानी चाहिए. कोर्ट में गलत तस्वीरें पेश की जा रही हैं. एक-दो मामले में टेंट हाउस वाले की गलती हो सकती है. इस आधार पर हम पर आरोप नहीं लगा सकते. यह तस्वीरें सीधे कोर्ट में रखी गई हैं. हम अचानक इसका जवाब कैसे दे सकते हैं. हमें इस अर्जी की कॉपी पहले मिलनी चाहिए थी.

वकील बलबीर सिंह ने कहा कि शरद पवार गुट लोकसभा चुनाव के समय भी यही बातें कही थीं. कोर्ट ने घड़ी चिन्ह हमारे पास ही रहने दिया था। अब इन्हें नहीं सुना जाना चाहिए.

बारामूला में मलखाना कोर्ट परिसर में ग्रेनेड ब्लास्ट,एक पुलिसकर्मी घायल

जम्मू कश्मीर के बारामूला में ग्रेनेड ब्लास्ट हुआ है. धमाका मलखाना कोर्ट परिसर में हुआ है. घटना में एक पुलिसकर्मी घायल हो गया है. पुलिस के मुताबिक, ग्रेनेड गलती से फटा. हालात काबू में है. लोगों से अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील की गई है.

त्राल में आतंकियों ने मजदूर को मारी गोली

इस घटना से कुछ देर पहले त्राल में आतंकवादियों ने उत्तर प्रदेश के एक मजदूर को गोली मार दी, जिसमें वह घायल हो गया. अधिकारियों ने यह जानकारी दी. अधिकारियों ने बताया कि बिजनौर के रहने वाले शुभम कुमार को बटागुंड गांव में आतंकवादियों ने गोली मार दी. कुमार को गोली हाथ में लगी थी.

उन्होंने बताया कि कुमार को इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया. पिछले एक हफ्ते में कश्मीर में प्रवासी मजदूरों पर हमले का यह तीसरा मामला है.

रविवार को गांदरबल जिले में एक निर्माण स्थल पर हुए आतंकी हमले में छह प्रवासी मजदूरों और एक स्थानीय चिकित्सक की मौत हो गई थी, जबकि 18 अक्टूबर को शोपियां जिले में आतंकवादियों ने बिहार के एक मजदूर की गोली मारकर हत्या कर दी थी.

मृतक डॉक्टर के घर पहुंचे थे सीएम

मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला गांदरबल हमले में जान गंवाने वाले डॉ. शाहनवाज डार के घर पहुंचे और उनके परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की घोषणा की. मुख्यमंत्री ने यह भी घोषणा की कि राज्य सरकार चिकित्सक के बेटे की सिविल सेवा की शिक्षा और प्रशिक्षण से संबंधित सभी खर्च वहन करेगी. उनका बेटा अधिकारी बनना चाहता है.

अब्दुल्ला ने डॉ. डार के परिवार के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करने के लिए बडगाम के नाईदगाम गांव का दौरा किया. उन्होंने कहा, डॉ. साहब के निधन से जो क्षति पहुंची है उसे पूरा नहीं किया जा सकता, लेकिन हम आपकी सहायता के लिए हर संभव प्रयास करेंगे.

वायनाड उपचुनाव: प्रियंका गांधी के रोड शो पर नव्या हरिदास ने साधा निशाना, लगाया ये आरोप

केरल की वायनाड सीट पर 13 नवंबर को उपचुनाव होंगे, जहां कांग्रेस से प्रियंका गांधी ने बुधवार को अपना नामांकन दाखिल किया, तो वहीं बीजेपी से उनको टक्कर देने के लिए नव्या हरिदास मैदान में उतरेंगी, जो गुरुवार को अपना नामांकन दाखिल करेंगी. इसी बीच प्रियंका गांधी ने रोड शो किया, जिस पर नव्या हरिदास ने जमकर निशाना साधा और आरोप लगाया कि रोड शो में झूठ बोलकर भीड़ इकट्ठा की गई.

प्रियंका गांधी पहली बार चुनावी मैदान में किस्मत आजमाने उतरी हैं, जहां उन्होंने अपना रोड शो किया. इस पर हरिदास ने कहा कि लोगों को शूटिंग के लिए और वायनाड के पर्यटन स्थलों की सैर कराने के बहाने वहां लाया गया था और इस तरह रोड शो में भारी भीड़ उमड़ी थी. नव्या हरिदास गुरुवार को भाजपा उम्मीदवार की तौर वायनाड से ही अपना नामांकन दाखिल करेंगी. उन्होंने कहा कि प्रियंका गांधी का आगमन और रोड शो एक मौसमी त्योहार की तरह था जो साल में सिर्फ एक बार आता है लेकिन लोग इसे देखेंगे.

बीजेपी के पास ऐसे क्राइटेरिया नहीं”

हरिदास ने निशाना साधते हुए आगे कहा कि कांग्रेस महासचिव सिर्फ अपने पॉलिटिकल बैकग्राउंड के आधार पर एक बड़ी उम्मीदवार बनीं . हालांकि, मेरे जैसी निगम पार्षद एक ऐसी व्यक्ति है, जिसके पास लोगों के साथ काम करने का सालों का अनुभव है और वह जमीनी स्तर पर काम करके आगे आई है. अगर परिवार ही किसी उम्मीदवार की महानता का क्राइटेरिया है, तो सिर्फ वह (प्रियंका) ही इसका दावा कर सकती हैं. बीजेपी के पास ऐसे क्राइटेरिया नहीं हैं और मैं ऐसे किसी महानता का दावा नहीं कर सकती.

दो बार पार्षद रह चुकी हैं नव्या हरिदास

नव्या हरिदास ने कहा कि जब वह अपना नामांकन दाखिल करेंगी तो पूर्व भाजपा प्रदेश अध्यक्ष और मिजोरम के पूर्व राज्यपाल कुम्मनम राजशेखरन और पार्टी के बाकी वरिष्ठ नेता उनके साथ होंगे.उपचुनाव में उनका मुकाबला प्रियंका गांधी के अलावा LDF के सत्यन मोकेरी से है. नव्या हरिदास निगम में दो बार पार्षद रह चुकी हैं, साथ ही वह महिला मोर्चा की प्रदेश महासचिव भी हैं.

खेजड़ी के पेड़ की रक्षा में 363 बिश्नोई समुदाय के लोगों ने दी थी अपनी जान, जानें

आज के वक्त में हम में से ज्यादातर लोग अपने फायदे के लिए पर्यावरण को नुकसान पहुंचा रहे है, लेकिन आज से ठीक 294 साल पहले 363 लोगों ने एक पेड़ को बचाने के लिए अपनी जान गंवा दी थी. 11 सितंबर 1730 ये वो तारीख है जो इतिहास के पन्नों में दर्ज होने के साथ साथ हर बिश्नोई समुदाय के शख्स और पर्यावरण की रक्षा करने वाले लोगों के जेहन की गहराई में भी समाई है.

11 सितंबर को राजस्थान के जोधपुर के खेझरली या खेजड़ली गांव में लॉरेंस बिश्नोई के पूर्वज यानी अमृता देवी और उनकी तीन बेटियों समेत 363 लोगों ने खेजड़ी के पेड़ के साथ कट कर अपनी जान गंवा दी. ऐसे में लॉरेंस बिश्नोई के पूर्वजों की वजह से ही भारत में हर साल भारत में 11 सितंबर को राष्ट्रीय वन शहीद दिवस के रूप में मनाया जाता है.

प्रकृति के लिए दे दी थी अपनी जान

बिश्नोई समुदाय के प्रकृति के प्रति अटूट प्रेम सार्वजनिक चर्चा में तब आया जब गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई गिरोह ने दावा किया कि उसने अभिनेता सलमान खान से रिश्ते होने के कारण बाबा सिद्दीकी की हत्या कर दी. सलमान पर राजस्थान में 1998 में फिल्म ‘हम साथ-साथ हैं’ की शूटिंग के दौरान दो काले हिरणों के शिकार का आरोप लगा था, जिसका बदला लॉरेंस बिश्नोई गिरोह अब तक ले रहा है. इस काले हिरण की हत्या के कारण सलमान खान बिश्नोई गैंग के निशाने पर हैं. ऐसे में आइए जानते हैं कि 300 साल पहले आखिर उस दिन क्या हुआ जब लॉरेंस बिश्नोई के पूर्वजों ने बिना किसी हिचकिचाहट के अपनी जान दे दी थी और क्यों लॉरेंस बिश्नोई के लिए आज भी उसकी विरासत जारी है?

क्या थी वजह ?

किंवदंती के अनुसार 1730 राजस्थान के जोधपुर में उन दिनों मारवाड़ राजा अभय सिंह का शासन हुआ करता था. अभय सिंह अपने लिए एक महल बानो की योजना बना रहा है. महल बनाने के लड़कियां चाहिए थीं. हालांकि राजस्थान के थार रेगिस्तान वाले एरिया में ज्यादातर भूमि बंजर है, जिस वजह से पेड़ कम हैं.

ऐसे में राजा ने रियासत के हाकिम गिरधारी दास भंडारी के नेतृत्व में अपने कर्मचारियों को खेजड़ी (प्रोसोपिस सिनेरिया) काट कर लाने के लिए कहा. खेजड़ली गांव में ढेरों खेजड़ी के पेड़ थे ये सदाबहार पेड़ होते हैं, जिन्हें रेगिस्तान की जीवन रेखा माना जाता है. खेजड़ली गांव बिश्नोई समुदाय का गांव था. खेजड़ी पेड़ की जड़ें पर्यावरण में नाइट्रोजन को स्थिर करती हैं, जिससे मिट्टी उपजाऊ बनती है.

अमृता देवी बिश्नोई को जब यह बात पता चली तो वह अपनी तीन बेटियों के साथ पेड़ से लिपट गईं. बिश्नोई धर्म में हरे और उपजाऊ पेड़ों को काटना मना है. ऐसे में राजा के सैनिकों के खिलाफ अमृता देवी ने जमकर प्रदर्शन किया, क्योंकि सैनिकों की हरकत न केवल उनके गांव के पवित्र वृक्ष को नष्ट कर रही थी बल्कि उनके धर्म को भी ठेस पहुंचा रही थी. अमृता देवी के विरोध की बात जब खेजड़ली गांव वालों को पता चली तो वो भी वहां पहुंच गए.

साथ ही आस-पास के गांवों से भी बिश्नोई समाज के लोग झुंड बनाकर आए और एक-एक कर पेड़ों से लिपटने लगे. ऐसे में उस दिन बिश्नोई समाज के 83 गांव के 363 लोग पेड़ों को बचाने गए थे.

राजा का आदेश

हालांकि सैनिकों के पास राजा का आदेश था. ऐसे में वे बिश्नोई समुदाय के व्यवहार से प्रभावित नहीं हुए. उन्होंने ग्रामीणों के विरोध को नजरअंदाज करते हुए पेड़ों को काटने से पहले बिश्नोई ग्रामीणों का सिर भी काट दिया. कुल मिलाकर, बिश्नोई समुदाय के 363 सदस्य उस दिन खेजड़ली के जंगल में शहीद हो गए, जिसमें महिलाएं भी थीं, पुरुष भी थे, बच्चे भी थे.

ऐसे में राजा अभय सिंह को गांव में हुए इस नरसंहार की जानकारी मिली तो उन्हें बहुत दुख हुआ और वह पश्चाताप में डूब गए. राजा ने तुरंत गांव में जाकर सैनिकों को पेड़ काटने से रोका और वहां पेड़ों और जानवरों को नुकसान पहुंचाने पर रोक लगा दी. यह कानून आज भी इस क्षेत्र में लागू है.

इसके अलावा उन 363 बिश्नोई शहीदों की याद में, क्षेत्र में कई बबूल के पेड़ लगाए गए थे. कहा जाता है कि वे पेड़ अब भी वहीं हैं. उनका बलिदान भी गांव के एक स्मारक में संरक्षित है. साथ ही वहां उन 363 लोगों के नाम खुदे हुए हैं और स्मारक के शीर्ष पर अमृता देवी की एक मूर्ति है.

बिश्नोई पौधों और जानवरों की रक्षा क्यों करते हैं?

पश्चिमी राजस्थान के मारवाड़ के रेगिस्तानी क्षेत्र में 1485 ई. में इस बिश्नोई समुदाय (Bishnoi History) की स्थापना गुरु महाराज जांबाजी ने की थी. उस क्षेत्र में अक्सर सूखा पड़ता था. क्षेत्र के निवासी अपने जानवरों को खिलाने के लिए लगातार पेड़ों को काट रहे थे. ऐसे में जब जंबाजी ने देखा, सूखे का स्तर बढ़ रहा है और अधिक मौतें हो रही हैं तब उन्होंने अपने भक्तों को समझाया कि यदि हम जानवरों और पर्यावरण को को बचाना चाहते हैं और तो हमें पेड़ों को भी बचाना होगा.

जंबाजी ने इसके 29 उपदेश या नियम पेश किये, जिनमें से लगभग सभी प्रकृति संरक्षण से संबंधित हैं. ऐसे में आज भी बिश्नोई समुदाय के अधिकतर लोग अपने पूर्वजों के बताये रास्ते पर चलते हैं. सभी बिश्नोईयों को बचपन से ही प्रकृति से प्रेम करना सिखाया जाता है। जानवर उनके लिए बच्चों की तरह हैं. बिश्नोई हिंदू धर्म को मानते हैं, लेकिन अपने मृतकों का दाह संस्कार नहीं करते है क्योंकि आग जलाने के लिए पेड़ को काटना पड़ता है.

सलमान खान पर काले हिरण के शिकार का आरोप 1998 में लगा था, तब लॉरेंस बिश्नोई बच्चे थे. हालांकि बिश्नोई बचपन से ही जानवरों और पौधों का संरक्षण करना सीखते हैं. ऐसे में लॉरेंस के मन में उसी समय से सलमान खान के प्रति नकारात्मक रवैया विकसित हो गया. गैंगस्टर बनने के बाद सलमान उनकी जिंदगी का मुख्य टारगेट बन गए हैं.

पैसा नहीं चाहिए’

एक इंटरव्यू में लॉरेंस बिश्नोई ने कहा था, ”हमें पैसा नहीं चाहिए. हम बस यही चाहते हैं कि वह (सलमान खान) हमारे समुदाय के मंदिर में जाएं और हमसे माफी मांगें.’ उन्होंने काले हिरण का शिकार करके हमारे पूरे समुदाय का अपमान किया. हालांकि सलमान उस वक्त माफी मांगने में अनिच्छुक थे. इस मामले में सलमान को शुरुआत में पांच साल जेल की सजा सुनाई गई थी, लेकिन बाद में उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया गया.

सलमान खान को धमकी भरा मैसेज भेजने वाला आरोपी झारखंड से गिरफ्तार

मुंबई पुलिस ने बुधवार को बॉलीवुड अभिनेता सलमान खान को धमकी भरा मैसेज भेजने वाले शख्स को गिरफ्तार किया है. मुंबई की वर्ली पुलिस ने उसे झारखंड के जमशेदपुर से गिरफ्तार किया है. पिछले हफ्ते मुंबई ट्रैफिक पुलिस को सलमान को लेकर एक धमकी भरा मैसेज मिला था और उसमें 5 करोड़ रुपये की फिरौती मांगी गई थी. अब जमशेदपुर की स्थानीय पुलिस की मदद से मैसेज भेजने वाले शख्स को गिरफ्तार कर लिया गया है.

एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि वर्ली पुलिस की एक टीम हिरासत में लिए गए शख्स से पूछताछ कर रही है. उसे आगे की कार्रवाई के लिए मुंबई लाया जाएगा. मुंबई ट्रैफिक पुलिस की व्हाट्सएप हेल्पलाइन पर धमकी भरा मैसेज मिलने के बाद मामला दर्ज कर जांच शुरू की गई. जांच के दौरान पुलिस को पता चला कि धमकी भरा मैसेज झारखंड के एक नंबर से भेजा गया था. पुलिस ने आरोपी को पकड़ने के लिए कई टीमें झारखंड भेजीं.

जमशेदपुर में सब्जी बेचता है आरोपी

अभिनेता सलमान खान को धमकी भरा मैसेज भेजने वाले शख्स की तलाश में मुंबई पुलिस ने झारखंड में उस नंबर को ट्रैक किया. आरोपी जमशेदपुर का रहने वाला सब्जी विक्रेता है. पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए आरोपी की पहचान शेख हुसैन शेख मौसिन के रूप में हुई है. आरोपी की उम्र 24 साल है और वह जमशेदपुर में सब्जी बेचता है.

इससे एक दिन पहले अधिकारियों ने बताया था कि पुलिस ने आरोपी को पकड़ने के लिए जाल बिछाया हुआ है. लेकिन मुंबई ट्रैफिक पुलिस को उसी मोबाइल फोन नंबर से माफीनामा मिला. अभिनेता सलमान खान को इससे पहले लॉरेंस बिश्नोई गिरोह से जान से मारने की धमकी मिली थी. गिरोह के संदिग्ध सदस्यों ने इस साल अप्रैल में अभिनेता के बांद्रा स्थित घर के बाहर गोलीबारी की थी.

पुलिस ने हत्या की साजिश का किया था पर्दाफाश

कुछ महीने पहले नवी मुंबई पुलिस ने बिश्नोई गिरोह द्वारा सलमान खान की हत्या की साजिश का पर्दाफाश किया था. इस घटना के बाद अभिनेता की सुरक्षा बढ़ा दी गई थी. इस बीच सलमान के दोस्त और एनसीपी (अजीत) नेता और पूर्व मंत्री बाबा सिद्दीकी की भी मुंबई में सरेआम हत्या कर दी गई.

कुछ दिन पहले बाबा सिद्दीकी को तीन लोगों ने गोली मारी थी. जिसके बाद अस्पताल में उनकी मौत हो गई थी. इस मामले में लॉरेंस बिश्नोई गिरोह का नाम भी सामने आ रहा है. पुलिस ने इस मामले में अब तक 14 लोगों को गिरफ्तार किया है.

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव: एमएनएस ने तीसरी लिस्ट जारी की, 13 उम्मीदवारों के नाम घोषित

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए महाराष्ट्र नवनिर्माण पार्टी (एमएनएस) बुधवार को ने तीसरी लिस्ट की घोषणा कर दी है. इस लिस्ट में 13 सीटों पर उम्मीदवारों के नामों का ऐलान किया गया है.इस लिस्ट में नासिक के एक बीजेपी नेता का नाम देखकर कई लोग हैरान हैं. क्योंकि ये नेता नासिक में बीजेपी के बड़े नेता हैं. ये नेता नासिक पश्चिम सीट से चुनाव लड़ना चाहते हैं. इसलिए इस नेता ने बीजेपी पार्टी से उम्मीदवारी की मांग की. लेकिन बीजेपी द्वारा घोषित उम्मीदवारों की पहली सूची में उनका नाम नहीं था.

दूसरी ओर, सीमा हिरे को नासिक पश्चिम निर्वाचन क्षेत्र से उम्मीदवार घोषित किया गया था, जिससे असंतुष्ट होकर दिनकर पाटिल ने विद्रोह कर दिया है. उन्होंने बीजेपी छोड़ने का फैसला किया. उन्होंने मनसे में जाने का फैसला किया. एमएनएस ने उनकी उम्मीदवारी को हरी झंडी दे दी है.

भाजपा नेता दिनकर पाटिल को बनाया उम्मीदवार

मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे ने दिनकर पाटिल पर भरोसा जताते हुए उनकी उम्मीदवारी की घोषणा की है. डिंकप पाटिल कुछ पूर्व नगरसेवकों के साथ मनसे में शामिल हो गए हैं. सभी की निगाहें उनके अगले राजनीतिक कदम पर होंगी. क्या वह इस चुनाव में सीमा हिरे को हराएंगे? अब ये देखना अहम होगा.

उन्होंने कहा कि भाजपा पार्टी ने मेरे साथ बार-बार गलत किया है. मेयर बनाने को कहा था. एक बार फिर विधानसभा में टिकट नहीं दिया गया. अब चुनाव लड़ेंगे. इससे पहले दिनकर पाटिल ने टिप्पणी की थी कि वह कार्यकर्ताओं से बात करेंगे कि वह किस पार्टी से लड़ेंगे या निर्दलीय लड़ेंगे. इसके बाद दिनकर पाटिल ने संकल्प सभा की. लोकसभा चुनाव में मैंने वरिष्ठों का आग्रह माना था, लेकिन अब विधानसभा बंद में ऐसा नहीं होगा और वह एमएनएस में शामिल हो गए.

मनसे ने तीसरी सूची में 13 उम्मीदवारों की घोषणा की

दिनकर पाटिल बुधवार को एमएनएस पार्टी में शामिल हो गए. इसके बाद उन्होंने नासिक पश्चिम सीट से अपनी उम्मीदवारी की घोषणा की है. ये बीजेपी के लिए बड़ा झटका है. मनसे ने पहले 45 उम्मीदवारों की सूची की घोषणा की थी. इसके बाद मनसे की ओर से 13 उम्मीदवारों की तीसरी सूची की घोषणा की गई है. इस सूची में अमरावती से पप्पू उर्फ ​​मंगेश पाटिल को उम्मीदवार घोषित किया गया है. नरसिंह भिकाने को अहमदपुर-चाकुर निर्वाचन क्षेत्र से उम्मीदवार घोषित किया गया है.

वॉट्सऐप पर जल्द ही मिलेगा इंस्टाग्राम और फेसबुक जैसा म्यूजिक शेयरिंग फीचर

WhatsApp आजकल ज्यादातर फोन में मिल जाता है. आपको जानकर खुशी होगी कि आप जल्द ही इंस्टाग्राम और फेसबुक पर मिलने वाला फीचर वॉट्सऐप पर यूज कर सकेंगे. वॉट्सऐप पर भी आप स्टोरी पर म्यूजिक लगा सकेंगे, गाना ऐड करने के लिए आपको किसी एडिटिंग ऐप की जरूरत नहीं पड़ेगी. लेकिन ये फीचर कब आएगा और कैसे काम करेगा इसकी पूरी डिटेल्स यहां पढ़ें.

म्यूजिक शेयरिंग फीचर कब और कैसे?

WABetaInfo की रिपोर्ट के मुताबिक, आप जल्द ही इंस्टाग्राम और फेसबुक वाला फीचर यूज कर सकेंगे. जैसा कि ऊपर बताया आप वाट्सऐप में स्टेटस अपडेट में म्यूजिक लगा पाएंगे. लेकिन फिलहाल इस फीचर पर काम चल रहा है. इस फीचर की टेस्टिंग चल रही है. Android वर्जन 2.24.22.11 में अपकमिंग फीचर म्यूजिक ऐड की झलक दिखी है. संभावना है कि वाट्सऐप का ये फीचर iOS यूजर्स के लिए भी लाया जा सकता है.

वाट्सऐप पर हर दिन कोई ना कोई फीचर बीटा वर्जन में टेस्टिंग के लिए आता है, लेकिन हर फीचर को मेन वर्जन में नहीं लाया जाता, अब ये फीचर स्टेबल वर्जन में एंट्री लेगा या नहीं फिलहाल इसकी पुख्ता जानकारी नहीं है.

वॉट्सऐप के और भी अपकमिंग फीचर

वॉट्सऐप की ब्लॉग पोस्ट के हिसाब से इंस्टेंट मैसेजिंग ऐप कॉन्टैक्ट सेविंग को और भी बेहतर कर सकता है. ज्यादातर वॉट्सऐप पर एक समस्या आती है कि बिना नंबर सेव किए वॉट्सऐप पर कॉन्टैक्ट करना मुश्किल होता है, लेकिन जल्द ही आपको इस झंझट से छुटकारा मिल सकता है. प्लेटफॉर्म आने वाले समय में किसी कॉन्टैक्ट को बिना फोन की कॉन्टैक्ट लिस्ट में सेव किए केवल WhatsApp पर सेव करने के लिए एक नए फीचर को पेश कर सकता है.

इससे यूजर्स को काफी सहूलियत हो जाएगी, किसी भी कॉन्टैक्ट से चैट करने के लिए आपको उसका नंबर फोन में सेव नहीं करना पड़ेगा. आप डायरेक्ट वॉट्सऐप पर नंबर सेव कर सकेंगे.

फिलहाल ये दोनों फीचर अपने डेवलपमेंट फेज में संभावना है कि इन्हें जल्द ही यूजर्स के लिए शुरू किया जा सकता है.

भारत-चीन मुलाकात: मोदी और शी जिनपिंग की बातचीत से क्या परिणाम निकलेंगे? जानें

23 अक्टूबर को रूस के कज़ान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की मुलाकात ने पूरी दुनिया का ध्यान खींचा है. दोनों देशों के बीच 2020 में हुए गलवान संघर्ष के बाद यह पहली बार है कि इतने उच्च स्तर पर बातचीत हुई. यह मुलाकात ऐसे समय हुई जब वैश्विक स्तर पर तनाव, अमेरिका-रूस और चीन-ताइवान मुद्दों पर नजरें टिकी हैं. ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर भारत और चीन ने इस मुलाकात का फैसला क्यों लिया और दोनों देशों को इससे क्या हासिल होगा? आइए, इसके पीछे की रणनीति पर एक नजर डालते हैं.

भारत ने इन कारणों से लिया यह फैसला

मोदी की शांति-कूटनीति: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हमेशा से ही कूटनीति और बातचीत के जरिए समाधान पर जोर देते रहे हैं. चाहे रूस-यूक्रेन युद्ध हो या इजराइल-मध्य पूर्व का संघर्ष, मोदी ने शांति और संवाद की पहल की. 2020 के गलवान संघर्ष के बाद भी भारत ने चीन के साथ बातचीत जारी रखी, जिससे सीमा पर तनाव को कम किया जा सके. इस मुलाकात के जरिए मोदी ने फिर से साबित किया है कि वे केवल दूसरों को सलाह नहीं देते बल्कि खुद भी शांति-कूटनीति के सिद्धांत पर चलते हैं.

अमेरिकी दबाव को किया खारिज: भारत पर अमेरिका का यह दबाव था कि चीन के साथ युद्ध की स्थिति में रूस भारत का साथ नहीं देगा. मगर, चीन के साथ इस शांति पहल ने अमेरिका के इस नैरेटिव को कमजोर कर दिया. भारत ने स्पष्ट कर दिया है कि वह अपनी विदेश नीति में स्वायत्तता और संतुलन बनाए रखेगा. किसी एक खेमे में जाने के बजाय अपनी रणनीति खुद तय करेगा.

भारत की रणनीतिक स्वतंत्रता:

विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कई बार स्पष्ट किया है कि भारत अपने राष्ट्रीय हितों को प्राथमिकता देता है. चाहे रूस हो या अमेरिका, भारत किसी एक देश के दबाव में आकर फैसला नहीं करता. इस मुलाकात से भारत ने यह संदेश दिया कि वह अपने पड़ोसी चीन के साथ संबंधों को सुधारने के लिए तैयार है, बिना किसी बाहरी दबाव के.

चीन एक जरूरी पड़ोसी: भारत और चीन के बीच करीब 3500 किलोमीटर लंबी सीमा है. 2020 के गलवान संघर्ष के बावजूद दोनों देशों का व्यापार 110 बिलियन डॉलर से अधिक का है. ऐसे में भारत ने यह फैसला किया कि चीन के साथ व्यावहारिक दृष्टिकोण अपनाते हुए संबंधों को सुधारा जाए, जिससे व्यापार और सुरक्षा दोनों क्षेत्रों में स्थिरता आए.

चीन की मजबूरी:

ताइवान पर भारत का विरोध न हो: चीन ताइवान पर कब्जा करना चाहता है और उसकी योजना 2025 तक यह कदम उठाने की है. शी जिनपिंग की मोदी से मुलाकात की एक वजह यह है कि भारत ताइवान मुद्दे पर विरोध न करे. भले ही भारत वन चाइना पॉलिसी को लेकर खुला समर्थन न दे लेकिन चीन चाहता है कि भारत ताइवान पर किसी भी प्रकार से विरोधी भूमिका में न आए.

अमेरिकी दबाव का सामना:

अमेरिका लगातार चीन पर दबाव बढ़ा रहा है. विशेष रूप से ताइवान और दक्षिण चीन सागर को लेकर. इस बीच भारत को चीन के खिलाफ अमेरिकी रणनीति में एक महत्वपूर्ण भागीदार माना जा रहा है. शी जिनपिंग की भारत से इस दोस्ती के प्रयास का मकसद यह भी है कि भारत को अमेरिका के चीन विरोधी खेमे से दूर रखा जा सके.

क्वाड का मुकाबला: भारत, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान का क्वाड गठबंधन चीन के लिए चिंता का विषय है. भले ही यह सैन्य गठबंधन न हो लेकिन चीन इसे एशियाई नाटो के रूप में देखता है. भारत के साथ दोस्ती बढ़ाकर चीन इस गठबंधन के प्रभाव को कमजोर करना चाहता है. खासकर भारत की सीमाओं से जुड़े मुद्दों पर.

बांग्लादेश में सत्ता परिवर्तन:

बांग्लादेश की राजनीतिक स्थिति में हुए हालिया बदलावों ने चीन को अस्थिर कर दिया है. अगस्त में बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना को देश छोड़ना पड़ा और अमेरिका के साथ बांग्लादेश के मजबूत होते संबंध चीन के लिए खतरे की घंटी हैं. चीन भारत के साथ सहयोग बढ़ाकर बंगाल की खाड़ी में अमेरिकी प्रभाव को रोकना चाहता है.

भारत का बढ़ता वैश्विक प्रभाव: चाहे रूस-यूक्रेन युद्ध हो या इजराइल-मध्य पूर्व का संकट, भारत ने अपनी स्वतंत्र विदेश नीति और संतुलित दृष्टिकोण से दुनिया भर में अपनी साख बढ़ाई है. दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में भारत का कूटनीतिक और सामरिक कद बढ़ रहा है. चीन ने यह समझ लिया है कि भारत के साथ शत्रुता उसके हित में नहीं है.

मोदी और शी जिनपिंग की मुलाकात भारत और चीन के बीच संबंधों को एक नया मोड़ दे सकती है. दुनिया के दो सबसे बड़े देशों के बीच यह बातचीत न सिर्फ एशियाई बल्कि वैश्विक संतुलन को भी प्रभावित करेगी. चीन के तरफ से दोस्ती के बड़े हाथ को भारत जांच-परख और संभलकर थामना चाहेगा.

सीएम योगी आदित्यनाथ का दिवाली गिफ्ट: उत्तर प्रदेश के राज्य कर्मचारियों को बोनस देने का किया ऐलान

उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य कर्मचारियों को दिवाली से पहले गिफ्ट दिया है. सीएम योगी आदित्यनाथ ने दिवाली से पहले राज्य कर्मचारियों को बड़ा तोहफा देने का ऐलान करते हुए सोशल मीडिया पर एक पोस्ट भी शेयर किया है. जिसमें ये कहा गया है कि प्रदेश के समस्त पूर्णकालिक और सभी वेतनभोगी कर्मचारियों को दिवाली से पहले बोनस देने का ऐलान किया गया है.

राज्य सरकार ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट भी शेयर किया है जिसमें राज्य कर्मचारियों को बोनस देने का ऐलान किया गया है. सोशल मीडिया पर शेयर किए गए पोस्ट में लिखा गया है कि राज्य के समस्त पूर्णकालिक अराजपत्रित कर्मचारियों, राज्य निधि से सहायता शिक्षण एवं प्राविधिक शिक्षण संस्थाओं, स्थानीय निकायों, जिला पंचायतों और राजकीय विभागों के कर्मचारियों और दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों को बोनस देने का निर्णय लिया गया है.

दिवाली पर मिलेगा बोनस

जानकारी के मुताबिक, राज्य कर्मचारियों को सैलरी के साथ ही बोनस दिए जाने का फैसला सरकार की तरफ से लिया गया है. वहीं सरकार ने इससे पहले ही राज्य कर्मचारियों को सैलरी देने का ऐलान कर चुकी है. सरकार ने सभी कर्मचारियों को 30 अक्टूबर तक सैलरी दिए जाने का ऐलान किया है. वहीं अन्य कर्मचारियों के साथ ही दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों को भी दिवाली से पहले वेतन और बोनस दिए जाने का ऐलान किया गया है. बोनस दिए जाने के ऐलान के बाद से सभी कर्मचारियों के चेहरे पर खुशी झलक रही है.

दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों को मिलेगा लाभ

सरकार की तरफ से बोनस दिए जाने का ऐलान किया गया है. वहीं इससे पहले दिवाली से पहले अक्टूबर का वेतन दिए जाने का आदेश जारी किया गया था. सरकार के इस एलान के बाद 14.82 लाख कर्मचारियों को इसका लाभ मिलेगा. बोनस के ऐलान से 1025 करोड़ रुपए का सरकारी खजाने पर बोझ पड़ेगा. यानि सरकार 1025 करोड़ रुपए का बोनस राज्य कर्मचारियों को बांटेगी.

दिवाली पर हरियाणा कर्मचारियों को तोहफा: महंगाई भत्ता में 3% की वृद्धि

हरियाणा सरकार ने कर्मचारियों को दीपावली का तोहफा दिया है. सरकार ने कर्मचारियों और रिटायर्ड कर्मचारियों का महंगाई भत्ता बढ़ाया गया है. महंगाई भत्ता 50 प्रतिशत से बढ़ाकर 53% कर दिया गया है. यह बढ़ोतरी 1 जुलाई 2024 से प्रभावी होगी. इस संबंध में फाइनेंस डिपार्टमेंट के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी अनुराग रस्तोगी की ओर से आदेश जारी किया गया है.

छत्तीसगढ़ सरकार भी कर्मचारियों को दे चुकी है दिवाली गिफ्ट

बीते दिनों छत्तीसगढ़ सरकार ने भी राज्य कर्मचारियों को दिवाली गिफ्ट के तौर पर महंगाई भत्ते में इजाफा किया था. सीएम विष्णु देव साई ने कर्मचारियों के लिए महंगाई भत्ते में 4 प्रतिशत की बढ़ोतरी की घोषणा की थी. इस तरह छत्तीसगढ़ में सरकारी कर्मचारियों का डीए 50 प्रतिशत हो गया है.

रायपुर में सीएम साय ने कहा था, राज्य कर्मचारियों को अभी 46 फीसदी डीए मिल रहा है. हमारी सरकार ने फैसला किया है कि हम उनका डीए 4 फीसदी बढ़ाएंगे. अब कर्मचारियों को 50 फीसदी डीए मिलेगा. छत्तीसगढ़ के सीएम ऑफिस ने भी इस मामले में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट किया था.