भारत-चीन मुलाकात: मोदी और शी जिनपिंग की बातचीत से क्या परिणाम निकलेंगे? जानें

23 अक्टूबर को रूस के कज़ान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की मुलाकात ने पूरी दुनिया का ध्यान खींचा है. दोनों देशों के बीच 2020 में हुए गलवान संघर्ष के बाद यह पहली बार है कि इतने उच्च स्तर पर बातचीत हुई. यह मुलाकात ऐसे समय हुई जब वैश्विक स्तर पर तनाव, अमेरिका-रूस और चीन-ताइवान मुद्दों पर नजरें टिकी हैं. ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर भारत और चीन ने इस मुलाकात का फैसला क्यों लिया और दोनों देशों को इससे क्या हासिल होगा? आइए, इसके पीछे की रणनीति पर एक नजर डालते हैं.

भारत ने इन कारणों से लिया यह फैसला

मोदी की शांति-कूटनीति: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हमेशा से ही कूटनीति और बातचीत के जरिए समाधान पर जोर देते रहे हैं. चाहे रूस-यूक्रेन युद्ध हो या इजराइल-मध्य पूर्व का संघर्ष, मोदी ने शांति और संवाद की पहल की. 2020 के गलवान संघर्ष के बाद भी भारत ने चीन के साथ बातचीत जारी रखी, जिससे सीमा पर तनाव को कम किया जा सके. इस मुलाकात के जरिए मोदी ने फिर से साबित किया है कि वे केवल दूसरों को सलाह नहीं देते बल्कि खुद भी शांति-कूटनीति के सिद्धांत पर चलते हैं.

अमेरिकी दबाव को किया खारिज: भारत पर अमेरिका का यह दबाव था कि चीन के साथ युद्ध की स्थिति में रूस भारत का साथ नहीं देगा. मगर, चीन के साथ इस शांति पहल ने अमेरिका के इस नैरेटिव को कमजोर कर दिया. भारत ने स्पष्ट कर दिया है कि वह अपनी विदेश नीति में स्वायत्तता और संतुलन बनाए रखेगा. किसी एक खेमे में जाने के बजाय अपनी रणनीति खुद तय करेगा.

भारत की रणनीतिक स्वतंत्रता:

विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कई बार स्पष्ट किया है कि भारत अपने राष्ट्रीय हितों को प्राथमिकता देता है. चाहे रूस हो या अमेरिका, भारत किसी एक देश के दबाव में आकर फैसला नहीं करता. इस मुलाकात से भारत ने यह संदेश दिया कि वह अपने पड़ोसी चीन के साथ संबंधों को सुधारने के लिए तैयार है, बिना किसी बाहरी दबाव के.

चीन एक जरूरी पड़ोसी: भारत और चीन के बीच करीब 3500 किलोमीटर लंबी सीमा है. 2020 के गलवान संघर्ष के बावजूद दोनों देशों का व्यापार 110 बिलियन डॉलर से अधिक का है. ऐसे में भारत ने यह फैसला किया कि चीन के साथ व्यावहारिक दृष्टिकोण अपनाते हुए संबंधों को सुधारा जाए, जिससे व्यापार और सुरक्षा दोनों क्षेत्रों में स्थिरता आए.

चीन की मजबूरी:

ताइवान पर भारत का विरोध न हो: चीन ताइवान पर कब्जा करना चाहता है और उसकी योजना 2025 तक यह कदम उठाने की है. शी जिनपिंग की मोदी से मुलाकात की एक वजह यह है कि भारत ताइवान मुद्दे पर विरोध न करे. भले ही भारत वन चाइना पॉलिसी को लेकर खुला समर्थन न दे लेकिन चीन चाहता है कि भारत ताइवान पर किसी भी प्रकार से विरोधी भूमिका में न आए.

अमेरिकी दबाव का सामना:

अमेरिका लगातार चीन पर दबाव बढ़ा रहा है. विशेष रूप से ताइवान और दक्षिण चीन सागर को लेकर. इस बीच भारत को चीन के खिलाफ अमेरिकी रणनीति में एक महत्वपूर्ण भागीदार माना जा रहा है. शी जिनपिंग की भारत से इस दोस्ती के प्रयास का मकसद यह भी है कि भारत को अमेरिका के चीन विरोधी खेमे से दूर रखा जा सके.

क्वाड का मुकाबला: भारत, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान का क्वाड गठबंधन चीन के लिए चिंता का विषय है. भले ही यह सैन्य गठबंधन न हो लेकिन चीन इसे एशियाई नाटो के रूप में देखता है. भारत के साथ दोस्ती बढ़ाकर चीन इस गठबंधन के प्रभाव को कमजोर करना चाहता है. खासकर भारत की सीमाओं से जुड़े मुद्दों पर.

बांग्लादेश में सत्ता परिवर्तन:

बांग्लादेश की राजनीतिक स्थिति में हुए हालिया बदलावों ने चीन को अस्थिर कर दिया है. अगस्त में बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना को देश छोड़ना पड़ा और अमेरिका के साथ बांग्लादेश के मजबूत होते संबंध चीन के लिए खतरे की घंटी हैं. चीन भारत के साथ सहयोग बढ़ाकर बंगाल की खाड़ी में अमेरिकी प्रभाव को रोकना चाहता है.

भारत का बढ़ता वैश्विक प्रभाव: चाहे रूस-यूक्रेन युद्ध हो या इजराइल-मध्य पूर्व का संकट, भारत ने अपनी स्वतंत्र विदेश नीति और संतुलित दृष्टिकोण से दुनिया भर में अपनी साख बढ़ाई है. दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में भारत का कूटनीतिक और सामरिक कद बढ़ रहा है. चीन ने यह समझ लिया है कि भारत के साथ शत्रुता उसके हित में नहीं है.

मोदी और शी जिनपिंग की मुलाकात भारत और चीन के बीच संबंधों को एक नया मोड़ दे सकती है. दुनिया के दो सबसे बड़े देशों के बीच यह बातचीत न सिर्फ एशियाई बल्कि वैश्विक संतुलन को भी प्रभावित करेगी. चीन के तरफ से दोस्ती के बड़े हाथ को भारत जांच-परख और संभलकर थामना चाहेगा.

सीएम योगी आदित्यनाथ का दिवाली गिफ्ट: उत्तर प्रदेश के राज्य कर्मचारियों को बोनस देने का किया ऐलान

उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य कर्मचारियों को दिवाली से पहले गिफ्ट दिया है. सीएम योगी आदित्यनाथ ने दिवाली से पहले राज्य कर्मचारियों को बड़ा तोहफा देने का ऐलान करते हुए सोशल मीडिया पर एक पोस्ट भी शेयर किया है. जिसमें ये कहा गया है कि प्रदेश के समस्त पूर्णकालिक और सभी वेतनभोगी कर्मचारियों को दिवाली से पहले बोनस देने का ऐलान किया गया है.

राज्य सरकार ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट भी शेयर किया है जिसमें राज्य कर्मचारियों को बोनस देने का ऐलान किया गया है. सोशल मीडिया पर शेयर किए गए पोस्ट में लिखा गया है कि राज्य के समस्त पूर्णकालिक अराजपत्रित कर्मचारियों, राज्य निधि से सहायता शिक्षण एवं प्राविधिक शिक्षण संस्थाओं, स्थानीय निकायों, जिला पंचायतों और राजकीय विभागों के कर्मचारियों और दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों को बोनस देने का निर्णय लिया गया है.

दिवाली पर मिलेगा बोनस

जानकारी के मुताबिक, राज्य कर्मचारियों को सैलरी के साथ ही बोनस दिए जाने का फैसला सरकार की तरफ से लिया गया है. वहीं सरकार ने इससे पहले ही राज्य कर्मचारियों को सैलरी देने का ऐलान कर चुकी है. सरकार ने सभी कर्मचारियों को 30 अक्टूबर तक सैलरी दिए जाने का ऐलान किया है. वहीं अन्य कर्मचारियों के साथ ही दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों को भी दिवाली से पहले वेतन और बोनस दिए जाने का ऐलान किया गया है. बोनस दिए जाने के ऐलान के बाद से सभी कर्मचारियों के चेहरे पर खुशी झलक रही है.

दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों को मिलेगा लाभ

सरकार की तरफ से बोनस दिए जाने का ऐलान किया गया है. वहीं इससे पहले दिवाली से पहले अक्टूबर का वेतन दिए जाने का आदेश जारी किया गया था. सरकार के इस एलान के बाद 14.82 लाख कर्मचारियों को इसका लाभ मिलेगा. बोनस के ऐलान से 1025 करोड़ रुपए का सरकारी खजाने पर बोझ पड़ेगा. यानि सरकार 1025 करोड़ रुपए का बोनस राज्य कर्मचारियों को बांटेगी.

दिवाली पर हरियाणा कर्मचारियों को तोहफा: महंगाई भत्ता में 3% की वृद्धि

हरियाणा सरकार ने कर्मचारियों को दीपावली का तोहफा दिया है. सरकार ने कर्मचारियों और रिटायर्ड कर्मचारियों का महंगाई भत्ता बढ़ाया गया है. महंगाई भत्ता 50 प्रतिशत से बढ़ाकर 53% कर दिया गया है. यह बढ़ोतरी 1 जुलाई 2024 से प्रभावी होगी. इस संबंध में फाइनेंस डिपार्टमेंट के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी अनुराग रस्तोगी की ओर से आदेश जारी किया गया है.

छत्तीसगढ़ सरकार भी कर्मचारियों को दे चुकी है दिवाली गिफ्ट

बीते दिनों छत्तीसगढ़ सरकार ने भी राज्य कर्मचारियों को दिवाली गिफ्ट के तौर पर महंगाई भत्ते में इजाफा किया था. सीएम विष्णु देव साई ने कर्मचारियों के लिए महंगाई भत्ते में 4 प्रतिशत की बढ़ोतरी की घोषणा की थी. इस तरह छत्तीसगढ़ में सरकारी कर्मचारियों का डीए 50 प्रतिशत हो गया है.

रायपुर में सीएम साय ने कहा था, राज्य कर्मचारियों को अभी 46 फीसदी डीए मिल रहा है. हमारी सरकार ने फैसला किया है कि हम उनका डीए 4 फीसदी बढ़ाएंगे. अब कर्मचारियों को 50 फीसदी डीए मिलेगा. छत्तीसगढ़ के सीएम ऑफिस ने भी इस मामले में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट किया था.

प्रियंका गांधी ने वायनाड से नामांकन दाखिल किया, राहुल बोले- जीतने पर दो सांसद होंगे

कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने बुधवार को केरल के वायनाड से नामांकन दाखिल किया. पर्चा भरने से पहले उन्होंने रोड शो किया और जनसभा को संबोधित किया. इस दौरान कांग्रेस सांसद और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी भी मौजूद रहे. राहुल ने कहा कि प्रियंका जीतीं तो वायनाड के दो सांसद होंगे. मैं वायनाड के लोगों का अनौपचारिक सांसद रहूंगा.

राहुल गांधी ने कहा कि एक बार जब उनकी बहन जीत जाएंगी, तो वायनाड के लोगों के पास संसद में प्रतिनिधित्व करने के लिए उनके सहित दो सांसद होंगे. राहुल ने कहा, मैं वायनाड के लोगों का अनौपचारिक सांसद रहूंगा. प्रियंका वाम गठबंधन एलडीएफ के प्रत्याशी सत्यन मोकेरी और बीजेपी की नाव्या हरिदास के खिलाफ चुनाव लड़ेंगी.

राहुल गांधी इस लोकसभा चुनाव में वायनाड के साथ उत्तर प्रदेश के रायबरेली से भी निर्वाचित हुए थे. बाद में उन्होंने वायनाड सीट छोड़ने का फैसला किया. इस वजह से यहां उपचुनाव हो रहा है. वायनाड में 13 नवंबर को मतदान होगा और मतगणना 23 नवंबर को होगी.

पहली बार चुनावी मैदान में प्रियंका

प्रियंका गांधी ने वायनाड लोकसभा सीट से पार्टी के उम्मीदवार के तौर पर नामांकन दाखिल करके अपनी चुनावी पारी का आगाज किया. इस मौके पर उन्होंने कहा कि उनके पास राजनीति में 35 साल का अनुभव है, क्योंकि वह 1989 में अपने पिता राजीव गांधी के साथ 17 साल की उम्र में पहली बार चुनाव प्रचार अभियान में शामिल हुई थीं.

वायनाड लोकसभा उपचुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने से पहले कलपेट्टा में एक विशाल सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि वह 1989 में अपने पिता राजीव गांधी के साथ चुनाव प्रचार में शामिल हुईं थीं, उसके बाद से 35 वर्षों में उन्होंने अपनी मां सोनिया गांधी, अपने भाई राहुल गांधी और पार्टी के अन्य सहयोगियों के लिए प्रचार किया है.

प्रियंका गांधी के भाषण के दौरान मंच पर कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी, लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेता मौजूद थे.

नायब सरकार की बड़ी सौगात: हरियाणा में मेट्रो परियोजना को मिली मंजूरी, जानें क्या होंगे फायदे

हरियाणा लोगों के लिए नायब सरकार की तरफ से एक बड़ी गुड न्यूज है. लोगों को अब आने जाने के लिए घंटों घंटो तक जाम में फसे नहीं रहना पड़गा. गुड़गांव सेक्टर-56 से पंचगांव चौक के मेट्रो प्लान को मंजूरी मिल गई है. ऐसे में हरियाणा सरकार को इसके लिए पंद्रह दिन में डीपीआर तैयार करने के आदेश दिए गए हैं, जिसके बाद प्लान तैयार किया जाएगा. इस प्लान के जरिए पालम विहार से एयरपोर्ट को कनेक्ट किया जाएगा. वहीं इस प्रोजेक्ट का पूरा खर्च नायब सरकार देगी.

नायब सरकार ने हरियाणा में बेहतर सुविधा देने के लिए इस आदेश पर विचार किया, जिसके बाद इस प्रावधान को मंजूरी दी गई. नई दिल्ली के निर्वाण भवन में केंद्रीय शहरी आवास विकास मंत्री, हरियाणा के मुख्यमंत्री के बीच 22 अक्टूबर शाम को हुई बैठक के बाद ये फैसला लिया गया. बैठक में सेक्टर नौ से झज्जर बाढ़सा के एम्स हॉस्पिटल तक के रूट पर स्टडी को भी कहा गया है. ऐसे में सेक्टर 9 को झज्जर के बाढ़सा एम्स से जोड़ने की योजना पर जल्द ही सर्वे शुरू होगा.

जेवर तक कनेक्ट करने का प्लान

बैठक में गुड़गांव-फरीदाबाद रूट पर रैपिड रेल के लिए सर्वे को लेकर भी चर्चा की गई. इसके अलावा ओल्ड सिटी में हुडा सिटी सेंटर से हाईवे तक मेट्रो रूट की स्टेटस रिपोर्ट भी इस दौरान रखी गई. फरीदाबाद से पलवल पर मेट्रो के प्लान को मंजूरी मिल गई है. हालांकि भविष्य में इसे यूपी में जेवर तक कनेक्ट करने का प्लान बनाया जा रहा है.

कहां से कहां तक है रैपिड रेल?

साइबर सिटी से सेक्टर-56 तक रैपिड रेल है. वहीं इससे आगे सेक्टर-56 से पंचगांव चौक तक रूट को मीटिंग में मंजूरी मिल गई है. दिल्ली में हुई बैठक में हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी, प्रिंसिपल सेक्रेट्री वी उमाशंकर, डीएस ढेसी, मेट्रो प्रोजेक्ट के अधिकारी चंद्रशेखर खरे आदि अधिकारी मौजूद रहे.

छत्तीसगढ़ पुलिस भर्ती 2024: आवेदन प्रक्रिया आज से शुरू, जानें योग्यता, उम्र और चयन की प्रक्रिया

छ्त्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग की ओर से पहली बार पुलिस एसआई और प्लाटून कमांडर सहित कई पदों पर भर्तियां निकाली गई हैं. इन पदों के लिए आज, 23 अक्टूबर दोपहर 12 बजे से आवेदन प्रक्रिया शुरू होगी. आयोग ने कुल 341 पदों को भरने के लिए योग्य अभ्यर्थियों से आवेदन मांगे हैं. इस भर्ती का नोटिफिकेशन पहले ही जारी कर दिया गया था. कैंडिडेट आयोग की आधिकारिक वेबसाइट psc.cg.gov.in पर जाकर आवेदन कर सकते हैं

कुल पदों में एसआई के 278, सूबेदार के 19, एसआई विशेष शाखा के 11, प्लाटून कमांडर के 14, एसआई फिंगर प्रिंट के 4 सहित कई अन्य पद शामिल हैं. इन पदों के लिए आवेदन करने वाले अभ्यर्थी 500 रुपए फीस जमा कर 25 से 27 नवंबर तक अपने आवेदन फाॅर्म में संशोधन कर सकते हैं.

ये होनी चाहिए योग्यता

सब इंस्पेक्टर, सूबेदार और प्लाटून कमांडर पदों के लिए आवेदक का किसी भी स्ट्रीम में ग्रेजुएटन होना चाहिए. वहीं सब इस्पेक्टर कंप्यूटर और साइबर क्राइम के लिए कैंडिडेट के पास बीएससी या बीएसस कंप्यूटर साइंस के डिग्री होनी चाहिए.

कितनी होनी चाहिए उम्र?

पुलिस भर्ती के लिए आवेदन करने वाले कैंडिडेट की उम्र 21 वर्ष से 28 वर्ष के बीच होनी चाहिए. आरक्षित कैटेगरी को अधिकतम उम्र सीमा में 5 साल छूट का भी प्रावधान हैं. आवेदकों के उम्र की गणना 1 जनवरी 2024 से की जाएगी.

ये भी है नियम

जारी आधिकारिक नोटिफिकेशन के अनुसार शैक्षणिक योग्यता पूरी करने के साथ आवेदक दिव्यांग नहीं होना चाहिए. आंखों से संबंधित कोई बीमारी नहीं होनी चाहिए. कैंडिडेट को बिना चश्मे के एक आंख से 6 मीटर की दूरी तक साफ दिखाई देना चाहिए. कैंडिडेट के नाॅक-नी प्लैट फुट नहीं होना चाहिए. जिन आवेदकों में ये कमियां होंगी वह परीक्षा नहीं दें पाएं. अधिक जानकारी के लिए जारी आधिकारिक भर्ती विज्ञापन को चेक कर सकते हैं.

कैसे होगा चयन?

आवेदकों का चयन लिखित परीक्षा, शारीरिक माप परीक्षा, इंटरव्यू और डाक्यूमेंट्स वेरिफिकेशन के जरिए किया जाएगा. एग्जाम के लिए विस्तृत पैटर्न आयोग ने नोटिफिकेशन के साथ जारी कर दिया है, जिसे कैंडिडेट चेक कर सकते हैं.

एमपॉक्स का नया स्ट्रेन: लड़कियों और युवा महिलाओं के लिए खतरा, विशेषज्ञों ने जताई चिंता,जाने लक्षण

एक नए अध्ययन से पता चला है कि कांगो से पड़ोसी देशों में फैलने वाला घातक एमपॉक्स स्ट्रेन लड़कियों और युवा महिलाओं के लिए खतरा बन सकता है. ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार, लड़कियां और युवा महिलाएं एमपॉक्स की वजह बनने वाले वायरस के एक वेरिएंट के प्रति अधिक संवेदनशील हो सकती हैं. पूर्वी कांगो में इस घातक स्ट्रेन से सैकड़ों बच्चे पहले ही मर चुके हैं.

वायरस के इस वेरिएंट की जानकारी पत्रिका यूरोसर्विलांस में प्रकाशित किया गया था, जिसके अनुसार पूर्वी कांगो के एक क्षेत्र बुरुंडी में 154 लोगों में एमपॉक्स के लिए टेस्ट किया गया है. 3 जुलाई से 9 सितंबर तक रिपोर्ट किए गए 154 एमपॉक्स मामलों में से, औसत आयु 9.5 साल थी.

कैसे फैलता है एमपॉक्स का नया स्ट्रेन?

रिपोर्ट के मुताबिक संक्रमित लड़कियों की औसत आयु छह साल थी, जबकि लड़कों की आयु 17.5 साल थी, जैसा कि डेटा से पता चला. जब 254 रोगियों का एनालिसिस किया गया, तो पुरुषों और महिलाओं के बीच बहुत बड़ा अंतर पाया गया. बीमारी के कारण अस्पताल में भर्ती होने वाली महिलाओं की औसत आयु 16 वर्ष थी, जबकि पुरुषों की आयु 32 वर्ष थी.

अस्पताल में भर्ती होने वाले अधिकांश लोगों में सामान्य,

फुंसीदार दाने थे और 20 प्रतिशत में जननांगों पर दाने थे. रिपोर्ट में बताया गया है कि आधे लोगों को बुखार था और एक तिहाई से अधिक लोगों में लिम्फ ग्रंथियां सूजी हुई थीं, मांसपेशियों में दर्द के कुछ मामले थे और नजर कमजोर के दो मामले थे.

अध्ययन के अनुसार, क्लेड आईबी के रूप में पहचाना गया सब वेरिएंट पहले के वेरिएंट की तुलना में अधिक तेज़ी से फैलता प्रतीत होता है और यह निकट शारीरिक संपर्क के साथ-साथ सभी प्रकार की यौन गतिविधियों के माध्यम से फैल रहा है.

सब वेरिएंट क्लेड आईए मध्य और पश्चिम अफ्रीका में दशकों से प्रसारित हो रहा है, लेकिन मुख्य रूप से जानवरों के संपर्क के माध्यम से फैलता है. क्लेड आईआई, जो दुनिया भर में फैल चुका है, मुख्य रूप से पुरुषों के बीच यौन संभोग के माध्यम से फैलता है

एमपॉक्स के मामले

त्वचा से त्वचा के संपर्क से फैलने वाले नए स्ट्रेन की खोज से चिंताएं बढ़ीं हैं. शोधकर्ताओं ने कहा कि संदिग्ध मामलों में नकारात्मक परीक्षण करने वाले पुरुषों और महिलाओं के बीच उम्र में बहुत कम अंतर था.

जर्मनी में नए एमपॉक्स स्ट्रेन का पहला केस

मंगलवार को सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए रॉबर्ट कोच इंस्टीट्यूट (आरकेआई) ने कहा कि जर्मनी में नए एमपॉक्स वैरिएंट का पहला मामला पाया गया है, साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि व्यापक आबादी के लिए जोखिम कम है. एक बयान में, संस्थान ने कहा कि नए वैरिएंट के कारण होने वाला संक्रमण, जो विदेश से आया था, वह 18 अक्टूबर को पता चला था. इसने कहा कि संक्रमण के लिए निकट शारीरिक संपर्क की आवश्यकता होती है.

आरकेआई वर्तमान में जर्मनी में सामान्य आबादी के स्वास्थ्य के लिए जोखिम को कम मानता है. उन्होंने कहा कि यह स्थिति की बारीकी से निगरानी कर रहा है और यदि आवश्यक हो तो अपने आकलन को बदल देगा.

ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी घोषित

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने अगस्त में दो साल में दूसरी बार एमपॉक्स को वैश्विक सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल घोषित किया, जब डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो में वायरल संक्रमण का प्रकोप हुआ और यह पड़ोसी देशों में भी फैल गया. WHO के अनुसार, एमपॉक्स, जिसे पहले मंकीपॉक्स के नाम से जाना जाता था, एक वायरल बीमारी है. यह मंकीपॉक्स वायरस के कारण होती है, जो ऑर्थोपॉक्सवायरस जीनस की एक प्रजाति है. वायरस के दो अलग-अलग क्लेड हैं: क्लेड I (सबक्लेड्स आईए और आईबी के साथ) और क्लेड आईआई (सबक्लेड्स आईआईए और आईआईबी के साथ). 2022-2023 में, क्लेड आईआईबी स्ट्रेन के कारण एमपॉक्स ने ग्लोबली प्रभावित किया.

एमपॉक्स के सामान्य लक्षण त्वचा पर लाल चकत्ते या म्यूकोसल घाव हैं जो 2-4 सप्ताह तक रह सकते हैं और साथ में बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, पीठ दर्द, कम ऊर्जा और सूजी हुई लिम्फ नोड्स भी हो सकते हैं. एमपॉक्स से पीड़ित किसी व्यक्ति, दूषित सामग्री या संक्रमित जानवरों के साथ निकट संपर्क के माध्यम से यह फैल सकता है. गर्भावस्था के दौरान, वायरस भ्रूण में, या जन्म के दौरान या बाद में नवजात शिशु में जा सकता है.

एमपॉक्स एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में मुख्य रूप से एमपॉक्स से पीड़ित किसी व्यक्ति के निकट संपर्क के माध्यम से फैलता है. एक से अधिक यौन साझेदारों वाले लोगों को एमपॉक्स होने का खतरा अधिक होता है. डब्ल्यूएचओ के अनुसार, लोग दूषित वस्तुओं जैसे कपड़े या लिनन, स्वास्थ्य देखभाल में सुई की चोटों के माध्यम से, या टैटू पार्लर जैसी सामुदायिक सेटिंग्स में भी एमपॉक्स को पकड़ सकते हैं.

क्या हैं लक्षण?

इसके सामान्य लक्षण चकत्ते, बुखार, गले में खराश, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, पीठ दर्द, कम ऊर्जा और सूजी हुई लिम्फ नोड्स हैं.

एमपॉक्स के लिए सावधानियां

सलाह के लिए अपने डॉक्टर से संपर्क करें.

यदि संभव हो तो घर पर हवादार कमरे में रहें.

विशेष रूप से घावों को छूने से पहले या बाद में साबुन और पानी या हैंड सैनिटाइज़र से हाथ धोएं.

जब तक आपके दाने ठीक न हो जाएं तब तक मास्क पहनें और अन्य लोगों के आस-पास होने पर घावों को ढकें.

त्वचा को सूखा और खुला रखें (जब तक कि किसी और के साथ कमरे में न हों)

साझा स्थानों में वस्तुओं को छूने से बचें.

मुंह में घावों के लिए खारे पानी का उपयोग करें.

शरीर के घावों के लिए बेकिंग सोडा या गर्म स्नान करें.

पैरासिटामोल (एसिटामिनोफेन) या इबुप्रोफेन जैसी दर्द के लिए ओवर-द-काउंटर दवाएं लें.

बाबा सिद्दीकी हत्याकांड: पुलिस ने 10 आरोपियों को किया गिरफ्तार , शूटर्स ने जंगल में की थी गोली चलाने की प्रैक्टिस

महाराष्ट्र के राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (अजित) के नेता और पूर्व मंत्री बाबा सिद्दीकी हत्या मामले में पुलिस ने अब तक कुल 10 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. रोजाना इस हत्याकांड में नए खुलासे हो रहे हैं. अब पुलिस की पूछताछ में पता चला कि शूटर्स ने बाबा सिद्दीकी को निशाना बनाने से पहले कर्जत खोपोली रोड पर स्थित एक जंगल में जाकर गोली चलाने की प्रैक्टिस की थी.

अधिकारी ने बताया कि बाबा सिद्दीकी पर फायरिंग करने से पहले आरोपियों ने पेड़ पर गोली चलाकर प्रैक्टिस की थी. यह प्रैक्टिस कर्जत खोपोली रोड पर स्थित वाटरफॉल के पास पलसदरी गांव के पास नजदीकी जंगल में की थी. आरोपियों ने गोली चलाने की प्रैक्टिस इसी साल की सितंबर महीने में की थी.

आरोपी फायरिंग की प्रैक्टिस के लिए कुर्ला स्टेशन से ट्रेन पकड़कर लौजी रेलवे स्टेशन गए. वहां से ऑटोरिक्शा पकड़ी और 8 किलोमीटर दूर पलसदरी गांव पहुंचे. आरोपियों ने उस गांव में पास के जंगल में किसी पेड़ पर 5-10 राउंड फायर कर प्रैक्टिस की. आरोपियों की इस खुलासे के बाद मुंबई क्राइम ब्रांच के अधिकारी उस जगह पर पहुंचे और पंचनामा किया. आरोपियों ने पुलिस को ये भी बताया था कि उन्होंने YouTube पर आपराधिक घटनाएं और सीरियल देखकर गोली चलाना सीखी थी.

इससे पहले पुलिस जांच में सामने आया था कि 2 लाख रुपए की खातिर शूटर इस खौफनाक वारदात को अंजाम देने के लिए राजी हो गए थे. चारों शूटर को 50-50 हजार रुपए इस मर्डर के लिए मिले. शूटर्स सोशल मीडिया के मैसेंजिंग ऐप के जरिए एक दूसरे से बात करते थे.

कई बार की बाबा सिद्दीकी के घर की रेकी

आरोपी हरीश ने बताया था- बाबा सिद्दीकी को उनके घर के बाहर ही शूट करना था इसलिए कई बार उनके घर की रेकी की गई थी लेकिन ये संभव नहीं हो पाया. हत्याकांड के पिछले 28 दिनों में ही इन लोगों 5 बार रेकी कर डाली थी. तीन महीने से सभी बाबा सिद्दीकी पर नजर रखे हुए थे. आरोपी ने बताया- कई बार तो बिना हथियार के भी शूटर बाबा के घर तक गए ताकि किसी को कोई शक न हो.

आरोपी हरीश ने पैसे से लेकर बाइक तक जा इंतजाम किया था. शूटर्स के लिए वो मिडल मैन का काम कर रहा था. शूटर शिव कुमार, गुरनेल,और धर्मराज को कुल 2 लाख रुपए दिए गए थे. इनके रहने खाने और खर्च के लिए इस पैसे को गिरफ्तार प्रवीण लोंकर के भाई शुभम लोंकर ने दिया था.

शूटर्स नहीं जानते थे बाबा सिद्दीकी को

हरीश को घटना को लेकर पूरी जानकारी थी. उसने ही पुणे में बाबा सिद्दीकी की फोटो दी थी. शूटर्स तब तक नहीं जानते थे कि बाबा सिद्दीकी कौन हैं और उनका प्रोफाइल क्या है. हरीश पुणे में 9 साल से रह रहा था. उसे मुंबई पुणे तो क्या महाराष्ट्र की हर चीज के बारे में पता है फिर भी वो इस प्लानिंग का हिस्सा बना. शूटर्स को नकदी के साथ-साथ मोबाइल फोन भी दिया था.

अपने डेटा को सुरक्षित रखें: जानें क्या हैं महत्वपूर्ण सेटिंग्स"

आजकल डेटा चोरी के कई मामले आपके सामने हैं, हम इन सब को देखते हुए कई प्राइवेसी सेटिंग करके भी रखते हैं लेकिन फिर भी खतरा मंडराता रहता है. ऐसे में हमें जितनी प्राइवेसी सेटिंग मेंटेन रखनी पड़े हम अपने फोन में रखते हैं. लेकिन फिर भी कई लोग इन सेटिंग को नजरअंदाज करते हैं. इसिलए यहां हम आपको कुछ ऐसी सेटिंग्स के बारे में बताएंगे जिन्हें अगर आप चेंज कर लेंगे तो आप काफी हद तक अपना डेटा चोरी होने से बचा सकते हैं.

इन सेंटिग्स में करें बदलाव

वेबसाइट से डेटा सेफ करने के लिए आपको ज्यादा कुछ नहीं करना है, इसके लिए सबसे पहले अपने स्मार्टफोन में क्रोम ओपन करें. क्रोम ओपन करने के बाद राइट साइड कॉर्नर पर शो हो रही थ्री डॉट पर क्लिक करें, यहां पर आपको सेटिंग का ऑप्शन शो होगा इस पर जाएं, अब थोड़ा नीचे स्क्रॉल करें और साइट सेटिंग के ऑप्शन पर जांए, साइट सेटिंग के ऑप्शन पर क्लिक करने के बाद, यहां पर नीचे जाने पर आपको डेटा स्टोर्ड का ऑप्शन शो होगा. जब आप इस पर क्लिक करोगे तो आपको यहां वो सब वेबसाइट शो होंगी जो आपका डेटा स्टोर करती हैं. आप इन्हें टाइम टू टाइम डिलीट करते रहें.

पासवर्ड सेफ्टी ट्रिक

अपने पासवर्ड को सेफ रखना बहुत जरूरी होता है. एक पासवर्ड ही होता है जो हैकर्स और दूसरे खतरों के खिलाफ पहली सेफ्टी लेयर होता है. इसी पर सबकी नजर भी होती है. पासवर्ड के मामले में आपको कुछ चीजों को ध्यान में रखना होगा. हमेशा ध्यान रखें कि आप जो पासवर्ड सेट कर रहे हैं वो आसान तो बिलकुल नहीं होना चाहिए. ऐसा पासवर्ड भी सेट ना करें जिसका कोई भी अंदाजा लगा ले और आपका पासवर्ड हैक करले. जैसे कई लोग अपने फोन नंबर, बर्थ डेट या फैमिली के किसी मेंबर का नाम पासवर्ड बना लेते हैं. इन सब नामों, मोबाइल नंबर जैसे पासवर्ड को आसानी से हैक किया जा सकता है.

चक्रवात डाना का खतरा: ओडिशा में भारी बारिश और तेज हवाओं की संभावना, अलर्ट जारी"

ओडिशा राज्य पर एक बड़ा संकट मंडरा रहा है, क्योंकि चक्रवात डाना राज्य के तटीय क्षेत्रों की ओर तेजी से बढ़ रहा है. क्षेत्रीय मौसम विज्ञान केंद्र, भुवनेश्वर ने चेतावनी जारी की है कि 23 अक्टूबर से लेकर 25 अक्टूबर तक ओडिशा के कई जिलों को भारी से अत्यधिक भारी बारिश और तेज हवाओं का सामना करना पड़ सकता है. वहीं, इस चक्रवात से जान और माल की हानि हो सकती है.

मौसम विज्ञान केंद्र की निदेशक मनोरमा महंती ने बताया कि चक्रवात डाना के प्रभाव से बालासोर, भद्रक, केंद्रपाड़ा, जगतसिंहपुर, जाजपुर, पुरी और खोरधा जिलों में भारी बारिश हो सकती है और कुछ स्थानों पर अत्यधिक भारी बारिश हो सकती है. उन्होंने स्पष्ट किया है कि अत्यधिक भारी बारिश का मतलब 20 से 30 सेंटीमीटर तक की बारिश होती है और कुछ क्षेत्रों में यह 30 सेंटीमीटर से भी अधिक हो सकती है.

बारिश की संभावना

महंती ने जानकारी दी है कि बारिश का सिलसिला 23 अक्टूबर की सुबह से शुरू होगा और लगातार तीन दिन तक जारी रहेगा. इस दौरान तटीय जिलों में बाढ़, भूस्खलन और जलभराव की संभावना है. ओडिशा के आंतरिक जिलों में भी कुछ स्थानों पर भारी बारिश हो सकती है, जिससे ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में जनजीवन अस्त-व्यस्त हो सकता है. लोगों से अपील की जा रही है कि वे सतर्क रहें, सुरक्षित स्थानों पर जाएं और यात्रा से बचें.

हवाओं की गति का खतरा

चक्रवात के साथ तेज हवाएं चलने की भी संभावना है. वर्तमान में समुद्र में चक्रवात डाना की हवाओं की गति 100 से 110 किमी प्रति घंटा है, जो बढ़कर 120 किमी प्रति घंटा तक पहुंच सकती है. 23 से 25 अक्टूबर के बीच तटीय इलाकों में हवा की गति और तेज हो सकती है, जिससे घरों, पेड़ों, और बिजली के खंभों को नुकसान पहुंच सकता है. मनोरमा महंती ने बताया कि 24 अक्टूबर की सुबह तक इस तूफान की सटीक गति का अनुमान लगाया जा सकेगा, लेकिन अभी से तैयार रहना जरूरी है.

मछुआरों के लिए चेतावनी

मौसम विभाग ने मछुआरों को चेतावनी दी है कि वे तुरंत समुद्र से लौट आएं और 21 अक्टूबर से समुद्र में न जाएं. चक्रवात के कारण समुद्र की स्थिति खतरनाक होती जा रही है, जिससे मछली पकड़ने के दौरान गंभीर दुर्घटनाएं हो सकती हैं. अक्टूबर का महीना ओडिशा के लिए ऐतिहासिक रूप से खतरनाक रहा है. 1999 में आए सुपर साइक्लोन और 2013 के फाइलिन चक्रवात जैसी आपदाओं ने इस राज्य को बुरी तरह प्रभावित किया था.

सरकारी आदेशों का करें पालन

चक्रवात डाना भी इसी श्रेणी का हो सकता है और इससे एक और बड़े पैमाने पर तबाही की आशंका जताई जा रही है. राज्य सरकार और प्रशासन अलर्ट पर हैं. नागरिकों से अपील की जा रही है कि वे सावधान रहें, मौसम विभाग की चेतावनियों का पालन करें और किसी भी आपात स्थिति में सरकारी आदेशों का अनुपालन करें.