शिक्षा के बिना जीवन अधूरा, मानव और पशु के बीच यही है अंतर - संतोष कुशवाहा
शिक्षा के बिना मानव जीवन अधूरा है। शिक्षा ही मानव और पशु के बीच की विभाजक रेखा है।दो रोटी कम खाइए लेकिन अपने बच्चों को जरूर पढ़ाइये। बच्चे जब पढ़ेंगे तो वे अपने अधिकार और कर्तव्य को समझेंगे।डॉ आंबेडकर ने कहा था ,शिक्षा शेरनी का वह दूध है जो पिएगा वह दहाड़ेगा।उक्त बातें पूर्व सांसद संतोष कुशवाहा ने सोमवार को धमदाहा प्रखण्ड के नासी टोला, दमैली में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के तत्वाधान में संचालित निःशुल्क कोचिंग संस्थान में आयोजित प्रतिभा सम्मान समारोह को संबोधित करते हुए कही।उन्होंने इस संस्थान के संचालक अभिषेक कुमार सहनी और उनकी टीम को बधाई देते हुए कहा कि आप सब असली समाज सेवा कर रहे हैं।सुदूर ग्रामीण इलाके में निःशुल्क शिक्षा-दान की जितनी तारीफ की जाय, कम होगी।कहा कि आप सब निष्ठापूर्वक काम कीजिये, इस कार्य मे मुझसे जो भी बन पड़ेगा, मदद के लिए तैयार हूं। पूर्व सांसद श्री कुशवाहा ने कहा कि माननीय नीतीश कुमार के कार्यकाल में शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय बदलाव आया है।साइकल योजना, छात्रवृति योजना, पोशाक योजना शिक्षा के क्षेत्र में क्रांति का साधन बना है।
कहा कि बदलाव का आलम यह है कि पुलिस जैसी नौकरियों में महिलाएं अपनी 35 फीसदी उपस्थिति दर्ज करा रही है।उन्होंने कहा कि इस संस्थान में भी लड़कियों की संख्या लड़को से अधिक है जो सुखद संदेश है।संचालक अभिषेक ने धन्यवाद ज्ञापन करते हुए कहा कि हमने इस संस्थान की शुरुआत इसलिए किया ताकि अर्थ के अभाव में हमारे जैसे लोगों को जो परेशानी हुई वह और किसी को नही हो।उन्होंने अभिभावकों से कहा कि बेटियों के हाथ मे कलम दीजिए ,मोबाइल नही।इस मौके पर प्रोफेसर जितेंद्र कुमार, संस्थान के केंद्राध्यक्ष अखिलेश सहनी,शिवानी सोरेन,अभिषेक कुमार,नीतीश कुमार,राकेश कुमार,रोहित कुमार,नीलू सिंह पटेल,राजेश गोस्वामी,कैलाश महतो,भगवान कुमार महतो,मनीष कुमार प्रदेश कार्य समिति सदस्य विद्यार्थी परिषद,अनिल कुमार महतो,पिंकी देवी, खुशबू कुमारी,शिवाली,चंदन पटेल, महेश्वरी मेहता,प्रदीप मेहता,ब्रजेश कुमार,राजेश कुमार, शिक्षण संस्थान के छात्र,छात्राओं सहित अनेक गण्यमान व्यक्ति उपस्थित थे।
Oct 23 2024, 08:32