कोर्ट मे पेशी को लाए गए गोपालगंज के कुख्यात पर जानलेवा हमला, गोलीबारी में कोर्ट परिसर में मौजूद एक युवक को लगी गोली

डेस्क : बिहार के गोपालगंज जिले से एक बड़ी खबर सामने आई है, जहां आज पेशी के लिए गोपालगंज कोर्ट पहुंचे कुख्यात अपराधी व कैदी विशाल सिंह पर जानलेवा हमला हुआ है। हालांकि इस हमले मे वह तो बाल-बाल बच गया। लेकिन कोर्ट में आए एक युवक गोली लगने से घायल हो गया।

मिली जानकारी के अनुसार मॉडल कार से कैदी कुख्यात विशाल सिंह और मुन्ना मिश्रा एक ही हथकड़ी में कोर्ट में पेशी के लिए आए थे। उसी दौरान अज्ञात अपराधियों ने उसपर हमला बोल दिया। इस हमले में वे दोनो तो बाल-बाल बच गए। लेकिन गोपालगंज थाना क्षेत्र के माझागढ़ के भोजपुरवा गांव निवासी गुलाब हुसैन नामक युवक जो अपने कोर्ट की तारीख पर गया था उसे गोली लग गई। गुलाब हुसैन को पेट में गोली लगी है।

घटना की बाद कोर्ट परिसर में अफरा-तफरी का माहौल कायम हो गया। कोर्ट परिसर में मौजूद लोग इधर-उधर भागने लगे। वहीं घटना की सूचना मिलते ही एसपी और सदर एसडीपीओ दल-बल के साथ मौके पर पहुंचे। वहीं दो अपराधियों के पकड़े जाने की भी सूचना है।

गौरतलब है कि विशाल सिंह पिछले चार वर्षों से जेल में बंद है। उसके ऊपर दो दर्जन से अधिक हत्या, लूट फिरौती सहित कई संगीन मामले दर्ज है।

*2 लाख का इनामी कुख्यात नक्सली मतला कोड़ा गिरफ्तार, कई सालों से पुलिस कर रही थी तलाश

डेस्क : नक्सलियों के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान में जमुई पुलिस को बड़ी सफलता हाथ लगी है। जमुई पुलिस, सीआरपीएफ, एसटीएफ, और एसएसबी के ज्वाइंट ऑपरेशन में कुख्यात 2 लाख का इनामी मतला कोड़ा को गिरफ्तार किया गया है। जमुई पुलिस को कई सालों से इस कुख्यात नक्सली की तलाश थी।

इस बात की जानकारी देते हुए जमुई एसपी ने बताया कि इस कुख्यात नक्सली के ऊपर बरहट थाना में लगभग सात केस दर्ज है। इसके अलावे लखीसराय समेत झारखंड के भी जिलों में मतला कोड़ा के खिलाफ कई केस दर्ज है। यह कुख्यात नक्सली जमुई जिले के बरहट थाना क्षेत्र का रहनेवाला है। कल ही इसकी गिरफ्तारी बरहट थाना क्षेत्र के भीमबांध जंगल से की गई है।

एसपी चंद्र प्रकाश ने बताया कि मतला कोड़ा की तलाश कई सालों से की जा रही थी। हमें गुप्त सूचना मिली थी कि गिरफ्तार अपराधी नक्सली गतिविधियों को लेकर कई दिनों से भीमबांध इलाके में भ्रमणशील है। तत्काल हमने एएसपी अभियान ओंकारनाथ सिंह के नेतृत्व में सीआरपीएफ, एसटीएफ और एसएसबी की एक टीम गठित की।

इसी टीम के द्वारा ही कल भीमबांध जंगली इलाके से इस इनामी नक्सली को गिरफ्तार कर लिया गया। जमुई पुलिस इसे एक बड़ी सफलता मानती है। हालाकि जमुई जिले में नक्सलियों की कमर टूट चुकी है। फिर भी जमुई पुलिस नक्सल गतिविधियों पर पैनी नजर बनाए हुए है। छापेमारी टीम में जमुई पुलिस के जवानों के अलावा SSB, CRPF और STF के जवान शामिल थे।

आज शुक्रवार से हिन्दू स्वाभिमान यात्रा निकालेंगे केन्द्रीय मंत्री गिरिराज सिंह, सभी दलों से की यह अपील

डेस्क : केन्द्रीय मंत्री गिरिराज सिंह आज शुक्रवार को भागलपुर से हिन्दू स्वाभिमान यात्रा की शुरुआत करने जा रहे है। वही गुरुवार की शाम भागलपुर पहुंचे गिरिराज सिंह ने सर्किट हाउस में कार्यक्रम पूर्व प्रेस कांफ्रेंस कर कहा कि वे भाजपा ही नहीं जदयू, राजद, कम्युनिस्ट हर दल और संगठन से जुड़े हिन्दुओं से अपील करेंगे कि यात्रा में शामिल हों और एकजुट हों। 

उन्होंने कहा कि उन्हें खुशी है हमारी यात्रा के मद्देनजर तेजस्वी यादव ने अपनी यात्रा रद्द कर दी है। गिरिराज ने कहा कि 1951 में जो स्थिति थी उसके अनुसार भागलपुर, कटिहार, पूर्णिया आदि जिलों में हमारी आबादी गिरती जा रही है। देश के 400 जिलों 1600 स्थानों पर एक वर्ग विशेष की आबादी बढ़ी है और हमारी कम हो गई है। यात्रा में अपने लोगों को ये बताना है। 

उन्होंने कहा कि अगर विपक्ष के नेता किसी खास वर्ग को एकत्रित करने के लिए निकल सकते हैं तो मैं हिन्दुओं के जागरण के लिए क्यों नहीं निकल सकता। उन्होंने एक समुदाय का नाम लेते हुए कहा कि आजादी के बाद से हमने उनके जुलूस पर पत्थर नहीं फेंका लेकिन दुर्गा पूजा, काली पूजा आदि में वे अपने घरों की छत पर पत्थर इकट्ठा करके रखते हैं, गोली और तलवार चलाते हैं। 

कहा कि जब तक मेरे शरीर में एक बूंद भी खून है तो यह यात्रा निकलकर रहेगी। हमें किसी की चिंता नहीं। 2002 से मैं घुटन महसूस कर रहा हूं। पाकिस्तान को देखा- हमारी बेटी मंडप से उठाई गई। बांग्लादेश में अर्धनग्न बहनों पर अत्याचार देखा। हमारी इच्छा है कि हिमाचल की तरह हर जगह हिन्दू एकत्रित रहें।

नाबालिगों से ई-रिक्शा व तिपहिया वाहन चलवाने वाले हो जाए सावधान, पकड़े जाने पर होगी यह कड़ी कार्रवाई

डेस्क : जब से ई-रिक्सा का परिचालन शुरु हुआ है तब ऐसा देखा जा रहा है कि नाबालिग बच्चे धड़ल्ले से ई-रिक्सा चला रहे है। कम उम्र के बच्चों द्वारा ई-रिक्सा और तीन पहिया वाहन चलाने से दुर्घटनाएं भी बढ रही है। अब प्रशासन इसपर रोक लगाने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। बिना लाइसेंस, नाबालिगों द्वारा ई-रिक्शा व तिपहिया वाहनों का परिचालन करने पर वाहन जब्त कर लिया जाएगा। यही नहीं मोटरवाहन अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत कार्रवाई भी होगी। सड़क सुरक्षा को बढ़ावा देने और नाबालिगों द्वारा वाहन परिचालन पर रोक लगाने के लिए सभी जिलों में अभियान चलाया जाएगा। परिवहन सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने सभी जिलों के जिला परिवहन पदाधिकारियों को इसके लिए विशेष अभियान चला कर कार्रवाई का निर्देश दिया है। परिवहन सचिव ने बताया कि नाबालिगों द्वारा ई रिक्शा और तिपहिया वाहनों का परिचालन गंभीर समस्या है। यह उनकी और अन्य लोगों की सुरक्षा के लिए खतरा उत्पन्न करता है। जिलों में जिला परिवहन पदाधिकारी, एमवीआई और ईएसआई द्वारा जांच अभियान चलाया जाएगा। अभियान के दौरान नाबालिगों द्वारा ई रिक्शा, तिपहिया वाहन परिचालन एवं लाइसेंस जांच की जाएगी। उल्लंघन पाए जाने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि अभिभावकों से अपील की गई है कि उनके बच्चे बिना वैध लाइसेंस सड़क पर वाहन न चलाएं। इस निर्देश का उल्लंघन करने पर अभिभावकों के खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी। अभिभावक अपने बच्चों को वाहन चलाने की अनुमति न दें ताकि सड़क दुर्घटनाओं को रोका जा सके। नाबालिगों द्वारा वाहन परिचालन से दुर्घटना की आशंका बढ़ जाती है। इससे न केवल उनकी अपनी जान को खतरा होता है बल्कि अन्य सड़क उपयोगकर्ताओं की सुरक्षा भी प्रभावित होती है।
रेल यात्रियों के लिए बड़ी खबर : अग्रिम आरक्षण के नियम में हुआ बड़ा बदलाव, अब इतने दिन पहले होगा रिजर्वेशन

डेस्क : रेल यात्रियों के लिए एक बड़ी खबर है। रेलने ने अग्रमि आरक्षण के नियम में बड़ा बदलाव किया है। अब रेलवे में रिजर्वेशन 60 दिन पहले होगा। रेलवे बोर्ड ने सीटों की अग्रिम आरक्षण अवधि को मौजूदा 120 दिनों से घटाकर 60 दिन कर दिया है। नयी व्यवस्था एक नवंबर से प्रभावी होगी। रेलवे बोर्ड के 16 अक्तूबर, 2024 की सूचना में कहा गया है कि 120 दिनों की अग्रिम आरक्षण अवधि (एआरपी) के तहत 31 अक्तूबर तक की गई सभी बुकिंग यथावत रहेंगी। रेलवे ने एआरपी में कटौती का कोई कारण नहीं बताया है। बोर्ड के अनुसार, ताज एक्सप्रेस, गोमती एक्सप्रेस आदि जैसी कुछ दिन के समय चलने वाली एक्सप्रेस ट्रेनों के मामले में कोई बदलाव नहीं होगा, जहां अग्रिम आरक्षण के लिए कम समय सीमा वर्तमान में लागू है। विदेशी पर्यटकों के लिए 365 दिनों की सीमा के मामले में भी कोई बदलाव नहीं होगा। रेलवे ने 25 मार्च 2015 को एआरपी को 60 दिनों से बढ़ाकर 120 दिन किया था।
रेल यात्रियों के लिए बड़ी खबर : अग्रिम आरक्षण के नियम में हुआ बड़ा बदलाव, अब इतने दिन पहले होगा रिजर्वेशन

डेस्क : रेल यात्रियों के लिए एक बड़ी खबर है। रेलने ने अग्रमि आरक्षण के नियम में बड़ा बदलाव किया है। अब रेलवे में रिजर्वेशन 60 दिन पहले होगा। रेलवे बोर्ड ने सीटों की अग्रिम आरक्षण अवधि को मौजूदा 120 दिनों से घटाकर 60 दिन कर दिया है। नयी व्यवस्था एक नवंबर से प्रभावी होगी। रेलवे बोर्ड के 16 अक्तूबर, 2024 की सूचना में कहा गया है कि 120 दिनों की अग्रिम आरक्षण अवधि (एआरपी) के तहत 31 अक्तूबर तक की गई सभी बुकिंग यथावत रहेंगी। रेलवे ने एआरपी में कटौती का कोई कारण नहीं बताया है। बोर्ड के अनुसार, ताज एक्सप्रेस, गोमती एक्सप्रेस आदि जैसी कुछ दिन के समय चलने वाली एक्सप्रेस ट्रेनों के मामले में कोई बदलाव नहीं होगा, जहां अग्रिम आरक्षण के लिए कम समय सीमा वर्तमान में लागू है। विदेशी पर्यटकों के लिए 365 दिनों की सीमा के मामले में भी कोई बदलाव नहीं होगा। रेलवे ने 25 मार्च 2015 को एआरपी को 60 दिनों से बढ़ाकर 120 दिन किया था।
बिहार के इन तीन जिलों मे कोहराम : जहरीली शराब से अबतक 39 की मौत, कई की आंख की रोशनी गई

* डेस्क : पूर्ण शराबबंदी वाले बिहार में एकबाऱ फिर जहरीली शराब से बड़ी संख्या में लोगों की मौत हो गई है। वहीं तीन दर्जन से ज्यादा लोग बीमार है। जिनका इलाज चल रहा है। प्रदेश के सीवान, सारण और गोपालगंज में बुधवार से जहरीली शराब पीने से मौत का शुरु हुआ सिलसिला गुरुवार को भी जारी हुआ। अबतक जहरीली शराब से मौतों की संख्या बढ़कर 39 हो गई है। बुधवार की सुबह से लेकर गुरुवार की शाम तक सीवान में 24 जबकि सारण में 14 लोगों की जान गई। गोपालगंज में भी शराब का सेवन करने वाले एक व्यक्ति ने दम तोड़ दिया। अलग-अलग अस्पतालों में अभी भी 35 लोग भर्ती हैं, जिनमें से कुछ की हालत गंभीर है। बीते गुरुवार को सीवान में इलाजरत 11 की जान गई। सारण में शराब पीने वाले जिले के एक व्यक्ति की मौत गुरुवार को गोरखपुर में इलाज के दौरान हो गई। हालांकि, सीवान जिला प्रशासन ने 22 और सारण जिला प्रशासन ने 7 की शराब से मौत की पुष्टि की है। पीएमसीएच में 17 लोगों को भर्ती कराया गया है। सीवान में नौ, छपरा व मशरक में एक-एक, और पानापुर में सात लोगों का इलाज चल रहा है। अधिकतर की आंखों की रोशनी धुंधली हो गई है। इधर, सरकार ने इस मामले में जांच और कार्रवाई तेज कर दी है। अब तक एक शराब माफिया समेत 42 लोगों को पकड़ा गया है। उत्पाद विभाग की टीम प्रभावित क्षेत्रों में छापेमारी में जुटी है। डीजीपी आलोक राज ने कहा कि इस घटना में अब तक 29 की मौत की पुष्टि हुई है। सारण का मशरक और सीवान का भगवानपुर प्रखंड सबसे प्रभावित इलाका है। सरकार ने इस घटना को बेहद गंभीरता से लिया और पूरे मामले की सघन जांच चल रही है। जल्द सभी आरोपी गिरफ्त में होंगे।
केन्द्रीय मंत्री गिरिराज सिंह का बड़ा बयान : हिंदुओं को जगाने के लिए हर कुर्बानी देने को हूं तैयार

डेस्क : बीजेपी के फायर ब्रांड नेता व केन्द्रीय मंत्री गिरिराज सिंह कल शुक्रवार 18 अक्टूबर को भागलपुर से हिन्दू स्वाभिमान यात्रा शुरू करने वाले हैं। उनकी पांच दिनों की यात्रा पूर्णिया, कटिहार, किशनगंज जिलों में होगी और 22 अक्टूबर को समाप्त होगी। वहीं अपनी यात्रा शुरु करने से पहले उन्होंने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि हिंदुओं को जगाने के लिए मैं कोई भी कुर्बानी देने को तैयार हूं।

हिंदू स्वाभिमान यात्रा शुरू करने के लिए गिरिराज सिंह गुरूवार को भागलपुर पहुंच गये। मीडिया से बात करते हुए गिरिराज सिंह ने कहा कि धन, धरती और धर्म के लिए मैंने यह यात्रा शुरू की है। पाकिस्तान में हिंदुओं की दुर्दशा देखकर मैने 2015 में इस यात्रा की परिकल्पना की थी। अब इसे पूरा करने जा रहा हूं। गिरिराज बोले- मेरी यात्रा का चुनाव से कोई लेना देना ही देश में कहीं ना कहीं चुनाव तो चलता ही रहता है। वैसे भी बिहार में एक साल बाद चुनाव होना है।

वहीं गिरिराज सिंह ने भागलपुर के बिहपुर में एक जनसभा को भी संबोधित किया। गिरिराज सिंह ने कहा है-मेरी यात्रा का विरोध करने वाले कान खोल कर सुन लें। मैं हिन्दूओं को जगाने के लिए सारी कुर्बानी देने को तैयार हूं। मैं सारी कुर्सी छोड़ दूंगा लेकिन अपनी इस यात्रा को किसी सूरत में नहीं रोकूंगा।

उन्होंने कहा कि मैंने मंत्री या सांसद-विधायक के रूप में जन्म नहीं लिया था। मैंने हिंदू के रूप में जन्म लिया था और आजीवन हिंदू ही रहूंगा। ऐसे में हिन्दूओं की रक्षा करने के लिए यात्रा पर निकला हूं। अब हिंदुत्व की रक्षा करूंगा। भले ही इसके लिए मुझे कोई भी कुर्बानी देनी पड़े। मैं सारी कुर्बानी देने को तैयार हूं।

गिरिराज सिंह ने कहा कि लोग कहते हैं कि केंद्रीय मंत्री के तौर पर आपने सर्व धर्म समभाव की शपथ ली थी। हां, मैंने शपथ लिया था। लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि कोई मुझे मारने आयेगा तो मैं उसे छोड़ दूंगा। जो मुझे मारने आयेगा उसे मैं भी मारूंगा। चाहे वह मुसलमान की क्यों न हो। यही बात मैं हिन्दूओं को समझाने निकला हूं और मुझे किसी पद की कोई चिंता नहीं है।

गिरिराज सिंह ने कहा कि मेरी यात्रा बिहार के जिन पांच जिलों में होने वाली है, वहां हिंदुओं की स्थिति बेहद खराब है। मेरी वेदना यह है कि किशनगंज में मंदिर के अंदर गाय का मांस फेंका जाता है। मुझे पीड़ा है कि किशनगंज में हिंदुओं की बेटियों को तंग किया जाता है। हम अपने अस्तित्व को बचाने के लिए यात्रा कर रहे हैं।

बता दें कि इस यात्रा पर सियासी घमासान मचा हुआ है। आरजेडी समेत सारी विपक्षी पार्टियां इस यात्रा से धार्मिक तनाव बढने का आरोप लगा रही हैं। वहीं, बिहार में बीजेपी की सहयोगी पार्टी जेडीयू ने भी गिरिराज सिंह की यात्रा पर विरोध जताया है। इसके बाद बिहार बीजेपी के अध्यक्ष दिलीप जायसवाल का बयान आय़ा है कि ये गिरिराज सिंह की निजी यात्रा है औऱ पार्टी का इससे कोई लेना-देना नहीं है।

बेतिया आयोजित कार्यकर्ता संवाद कार्यक्रम में शामिल हुए जदयू के राष्ट्रीय महासचिव मनीष वर्मा, कार्यकर्ताओं को दिए चुनावी टिप्स

डेस्क : बिहार में अगले साल 2025 में होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारी में अभी से सभी पार्टियां जुट गई है। सभी पार्टी के नेताओं द्वारा प्रदेश में यात्रा कर कार्यकर्तोओं को चुनाव के लिए तैयार करने की कवायद जारी है। बिहार के सत्ताधारी जदयू के राष्ट्रीय महासचिव भी इनदिनों बिहार की यात्रा पर है। वे अलग-अलग जिलों में जाकर कार्यकर्ताओं से संवाद कर उन्हें चुनावी टिप्स दे रहे है। 

इसी कड़ी में मनीष वर्मा आज पश्चिमी चम्पारण के बेतिया पहुँचे। यहां पहुंचते ही कार्यकर्ताओं औऱ नेताओं नें उनका गर्मजोशी से स्वागत किया। मनीष वर्मा ने यहां पर कार्यकर्त्ता समागम में भाग लिया। 

अपने संबोधन के दौरान उन्होंने पार्टी के कार्यकर्ताओं की समस्याओं के निदान का भरोसा दिया। साथ ही साथ उन्होंने अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव को देखते हुए पार्टी के कार्यकर्ताओं को ज़रूरी टिप्स दिये। मनीष वर्मा ने एनडीए में आपसी समन्वय पर तेज़ी से काम चलने की बात कहीं।  

इसके अलावा राष्ट्रीय महासचिव ने जनसुराज नेता प्रशांत किशोर पर इशारों इशारों में निशाना साधते हुए कहा की जनता तय करेगी पीके का क्या राजनीतिक मापदंड है क्योंकि पदयात्रा करते नई पार्टी जनसुराज का गठन किया गया है जो जनता के सामने है। उनके पार्टी का कोई लोकतान्त्रिक प्रणाली है भी या नहीं। इसका फ़ैसला बिहार की जनता करेगी। लोगों की जो इच्छा होंगी वहीं होगा।

इधर जेडीयू कार्यकर्ताओं ने बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में फ़िर से एनडीए सरकार बनाने कों लेकर एकजुटता दिखाई। ख़ासकर अल्पसंख्यक समाज के वोटरों को गोलबंद करने की कवायद तेज़ क़र दी गईं है। जेडीयू की रैली में वाल्मीकिनगर सांसद सुनील कुमार के साथ एमएलसी भीष्म सहनी औऱ विधायक रिंकू सिंह भी मौजूद रहे।

बिहार के इन पांच जिलों के DEO पर विभागिए कार्रवाई की सिफारिश, जानिए क्या है वजह

डेस्क : बिहार के बांका, जमुई, पटना, सहरसा और सिवान जिले के जिला शिक्षा पदाधिकारी पर विभागिए कार्रवाई की सिफारिश की गई है। बताया जा रहा कि शिक्षा विभाग के अधिकारियों की लापरवाही के कारण हजारों शिक्षकों और कर्मचारियों का वेतन समय से नहीं मिल पा रहा है। इन जिलों के जिला शिक्षा पदाधिकारियों (DEO) पर आरोप है कि उन्होंने शिक्षकों का आधार वेतन, महंगाई भत्ता और अन्य भत्ते समय पर नहीं दिए हैं। विशेष रूप से, अस्थायी शिक्षकों और अनुबंध पर कार्यरत कर्मचारियों का मानदेय लंबे समय से रुका हुआ है। शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव एस. सिद्धार्थ ने इस मामले को गंभीरता से लिया है।

बताया जा रहा है कि शिक्षा विभाग के अपर सचिव संजय कुमार ने बार-बार स्पष्ट निर्देश दिए थे कि सभी जिलों में शिक्षकों का वेतन हर महीने के पहले हफ्ते में अवश्य दे दिया जाए। लेकिन, इन जिलों के DEO ने इन निर्देशों का पालन नहीं किया। 8 अक्टूबर को हुई एक उच्च स्तरीय बैठक में पाया गया कि कई जिलों में सितंबर महीने का वेतन अभी तक नहीं दिया गया था। इसके बाद संबंधित अधिकारियों को 9 अक्टूबर तक वेतन वितरण करने का आदेश दिया गया था। हालांकि, 15 अक्टूबर को हुई एक और बैठक में पता चला कि कई जिलों में, खासकर बांका, जमुई, पटना, सहरसा और सिवान में, वेतन भुगतान अभी भी लंबित है।

वेतन भुगतान में इस तरह की देरी के कारण शिक्षकों और कर्मचारियों की आर्थिक स्थिति काफी खराब हो गई है। कई शिक्षक परिवारों के पालन-पोषण के लिए कर्ज लेने के लिए मजबूर हो रहे हैं। इससे न केवल उनका मनोबल गिर रहा है बल्कि उनके कार्य पर भी इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है।

शिक्षा विभाग के एसीएस डॉ एस सिद्दार्थ इस लापरवाही से काफी नाराज है। विभाग ने इन जिलों के DEO के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की सिफारिश की है। साथ ही, विभाग यह भी जांच कर रहा है कि आखिर क्यों इन जिलों में वेतन भुगतान में इतनी देरी हो रही है। क्या यह तकनीकी समस्या है, वित्तीय अड़चन है, या फिर प्रशासनिक लापरवाही? भविष्य में इस तरह की स्थिति न आए, इसके लिए शिक्षा विभाग कुछ कड़े कदम उठाने की योजना बना रहा है। इसमें संबंधित अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के साथ-साथ वेतन भुगतान की प्रक्रिया को और अधिक पारदर्शी बनाने के उपाय भी शामिल हैं।