अंतिम संस्कार को लेकर दो पक्ष आमने सामने, पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर सूझबूझ से किया काम
पूर्णिया में पत्नी से आपसी कहासुनी के बाद एक युवक ने फंदे से झूलकर खुदकुशी कर ली। लड़का हिंदू समुदाय से था, जबकि घर वालों के खिलाफ जाकर 16 साल पहले लड़के ने मुस्लिम लड़की से शादी की थी। शव के पोस्टमार्टम के बाद उसके अंतिम संस्कार को लेकर दो पक्ष आमने सामने आ गए और फिर खूब हंगामा हुआ। मामला हाथ से निकलते देख मौके पर सदर एसडीपीओ पहुंच चुके हैं। दोनों को समझाने कि कोशिशें जारी हैं। मृतक की पहचान के.हाट थाना क्षेत्र के हाउसिंग कॉलोनी निवासी दिलीप कुमार झा के बेटे आजाद कुमार झा 35 के रूप में हुई है। हालांकि साल 2008 में हाउसिंग कॉलोनी ने ही रहने वाली मुस्लिम लड़की रानी परवीन 32 से शादी के बाद आजाद झा ने धर्म परिवर्तन कर अपना नाम मो आजाद आलम कर लिया। जिससे उसके तीन बच्चे भी हैं। मामले की जानकारी देते हुए मृतक की पत्नी रानी परवीन ने बताया कि दोनों एक ही मुहल्ले में रहते थे।
16 साल पहले साल 2008 में दोनों की मुहल्ले में ही पहली मुलाकात हुई। बाद में ये प्यार में बदल गया और फिर दोनों ने कोर्ट से शादी कर ली। लड़का शादी के बाद मुझे अपने घर ले गया, मगर उनके घर वालों ने ये रिश्ता कबूल करने से इनकार कर दिया। आजाद ने बाद में अपना धर्म परिवर्तन करा लिया। और वो अपने घर के बजाए ससुराल में ही रह रहा था। दोनों के तीन बच्चे भी हुए। कुछ सालों तब सबकुछ ठीक रहा, इसके बाद उसे शराब की बुरी लत लग गई। वो अपने घर वालों से मदद चाहता था। मगर वे इसे लेकर तैयार नहीं थे। वो मां से जब भी बात करता था, परेशान हो जाता था।
कुछ साल पहले उसने मां से बातचीत के ठीक बाद ही जहर खा लिया था। जिसे उस समय किसी तरह बचा लिया गया था। कल फिर वो शराब पीकर घर लौटा, इस पर पैसे को लेकर उससे हल्की कहासुनी हुई थी। जब वे देर शाम गए कमरे में पहुंची, तो आजाद को फंदे से झूलता पाया। इतने में ही उनके चीखने की आवाज सुनकर बच्चे पहुंचे। किसी तरह आजाद को नीचे उतारा गया और फंदा खोला गया। मगर तब तक उसकी मौत हो चुकी थी। आजाद ने अपने बेटे मो आफताब 11 से बातों ही बातों में इच्छा जताई थी कि मुस्लिम रीति रिवाज से ही उसका अंतिम संस्कार किया जाए। इसी को लेकर वे शव का मुस्लिम रीति रिवाज से दाह संस्कार करते हुए जनाजा सजाकर कब्रगाह ले जाने लगे। मगर इतने में ही पुलिस पहुंच गई और शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए ले आई। वहीं मामले की जानकारी देते हुए मृतक की मां अनीता देवी ने बताया कि कल देर दोपहर ही उससे बात हुई थी। वो काफी परेशान लग रहा था। घर आना चाहता था और उसने मिलने की इच्छा जताई थी। वो बेटे का इंतेजार ही कर रही थी। कि देर शाम घर वालों को बेटे के सुसाइड करने की बात मालूम चली। मगर न तो लड़की ने और न ही उसके घरवालों ने उन्हें इस बात की भनक तक लगने दी। उन्हें मालूम हुआ कि शव का मुस्लिम रीति रिवाज से दाह संस्कार किया जा रहा था। जिसके बाद उन्होंने के. हाट थाना की पुलिस को इसकी सूचना दी। जिसके बाद पुलिस शव को लेकर पोस्टमार्टम कराने पहुंची। पोस्टमार्टम के बाद वे बेटे के शव को अपने साथ ले जाना चाहते थे। इसी को लेकर लड़की और उसके साथ आए लोगों ने उन्हें ऐसा करने से रोका। लड़का जन्म से हिंदू है। इस नाते उनके बेटे का अंतिम संस्कार हिंदू रीति रिवाज से होना चाहिए। जबकि लड़की और उसके घर वालों का कहना है कि उसने धर्म परिवर्तन कर लिया था और उसकी अंतिम इच्छा थी कि मुस्लिम रीति रिवाज से उसका दाह संस्कार हो। इसलिए वे अपने साथ शव ले जाना चाहते थे।
इसी के बाद दोनों पक्ष आमने सामने आ गए। तनातनी का माहौल बनता देख पहले फणीश्वरनाथ रेणु टीओपी की पुलिस और फिर सदर एसडीपीओ पुष्कर कुमार और के.हाट थानाध्यक्ष पोस्टमार्टम हाउस पहुंच चुके हैं। मामले की जानकारी देते हुए सदर एसडीपीओ पुष्कर कुमार ने कहा कि दोनों को समझाने की कोशिशें जारी है।
Oct 18 2024, 17:07