उमर ने ली जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री पद की शपथ, कांग्रेस कैबिनेट में नहीं हुई शामिल

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अनुच्छेद-370 हटाए जाने के बाद केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री के रूप में उमर अब्दुल्ला ने आज शपथ ली। श्रीनगर के शेर-ए-कश्मीर इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर में उप-राज्यपाल मनोज सिन्हा ने उमर और उनके मंत्रियों को पद व गोपनीयता की शपथ दिलाई। नेशनल कांफ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला केंद्र शासित प्रदेश के पहले और जम्मू-कश्मीर में दूसरी बार मुख्यमंत्री बने हैं।

सुरिंदर कुमार चौधरी बने उपमुख्यमंत्री

उमर अब्दुल्ला ने सुरिंदर कुमार चौधरी को उपमुख्यमंत्री बनाया है। उन्होंने नौशेरा से चुनाव लड़ा और बीजेपी नेता रविंदर रैना को हराया। उमर अब्दुल्ला के अलावा पांच कैबिनेट मंत्रियों ने शपथ ली है, जिसमें सतीश शर्मा, सकीना येतू, जावेद डार, सुरिंदर चौधरी और जावेद राणा शामिल हैं।

भारत सरकार के साथ मिलकर काम करने के लिए तत्पर-उमर

शपथ ग्रहण से पहले उमर अब्दुल्ला ने कहा, ‘मैं 6 साल का कार्यकाल पूरा करने वाला आखिरी मुख्यमंत्री था. अब मैं केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर का पहला मुख्यमंत्री बनूंगा। 6 साल तक सेवा की, मैं इससे काफी खुश हूं। मुझे उम्मीद है कि केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा अस्थायी है। हम लोगों की समस्याओं को हल करने के लिए भारत सरकार के साथ मिलकर काम करने के लिए तत्पर हैं और ऐसा करने का सबसे अच्छा तरीका जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा बहाल करके शुरू करना होगा। बहुत कुछ करना है, लोगों को एक हौसला देना है कि उनकी हुकूमत है, उनकी आवाज सुनी जाएगी। 5-6 साल हो गए कोई लोगों को सुनने के लिए तैयार नहीं था। हमारा फर्ज बनेगा कि हम उनकी बात सुने और उस पर अमल करें। हमारी कोशिश रहेगी कि हम लोगों के उम्मीदों के बराबर आएं।’

एनसी ने जीती हैं 42 सीटें

जम्मू-कश्मीर में 90 विधानसभा सीटों के लिए हुए चुनाव में नेशनल कॉन्फ्रेंस को 42, बीजेपी को 29, कांग्रेस को 6, पीडीपी को 3, जेपीसी को 1, सीपीआईएस को 1, AAP को 1, जबकि 7 निर्दलीय उम्मीदवारों को जीत मिली है। जम्मू-कश्मीर में कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस ने गठबंधन में चुनाव लड़ा है।

हरियाणा में कौन होगा सीएम? दावेदारों की भरमार, आज विधायक दल की बैठक में होगा फैसला

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हरियाणा में लगातार दो बार सरकार चलाने के बाद भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) सूबे के चुनावी इतिहास का अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए लगातार तीसरी बार सत्ता मे लौटी है।बीजेपी ने सूबे में सरकार गठन की कवायद तेज कर दी है। शपथग्रहण के लिए 17 अक्टूबर की तारीख तय हो चुकी है। ऐसे में बुधवार यानी आज पार्टी विधायकों की बैठक बुलाई गई है जिसमें विधायक दल का नया नेता चुना जाएगा। विधायक दल की बैठक के लिए बीजेपी ने गृह मंत्री अमित शाह और मध्य प्रदेश मुख्यमंत्री मोहन यादव को पर्यवेक्षक बनाया है।

विधायक दल की बैठक के बाद ही तय होगा कि राज्य का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा। बीजेपी की जीत के बाद से अनिल विज और राव इंद्रजीत सिंह का नाम सीएम पद के लिए चर्चा में है। मुख्यमंत्री पद के लिए तीन दावेदारी की वजह से ही अमित शाह खुद पर्यवेक्षक की भूमिका में हैं ताकि कोई गड़बड़ी न हो। हालांकि, चुनाव के दौरान पंचकूला में अमित शाह कह चुके हैं कि नायब सिंह ही अगले मुख्यमंत्री रहेंगे।

अमित शाह ज्यादातर चुनावी राज्यों में संगठन से रणनीति तक पार्टी के पेंच दुरुस्त करने का दायित्व निभाते आए हैं। पार्टी में चाणक्य’ की भूमिका निभाते आए हैं, लेकिन इस बार अमित शाह जैसे दिग्गज नेता को पर्यवेक्षक बनाए जाने के बाद अटकलों का बाजार गर्म है। क्या पार्टी फिर से कोई सरप्राइजिंग फेस लाने की तैयारी में तो नहीं है?

बता दें कि बीजेपी ने हरियाणा में 48 सीटों पर जीत दर्ज की है। हरियाणा विधानसभा चुनाव में बीजेपी अकेले दम पर बहुमत हासिल कर लगातार तीसरी बार सत्ता में वापसी कर चुकी है। पार्टी की ओर से मुख्यमंत्री के तौर पर किसी का चेहरा आगे नहीं किया गया था। हलांकि, सियासी जानकारों की मानें तो विधानसभा चुनाव से पहले मनोहर लाल खट्टर को हरियाणा के मुख्यमंत्री पद से हटाकर केंद्र की राजनीति में लाना और नायब सिंह सैनी को सीएम बनाने का दांव बीजेपी के लिए रामबाण साबित हुआ।

फिर कश्मीर मुद्दे पर एक साथ आए पाकिस्तान-चीन, दूसरों की जमीन हड़पने वाले ने भारत को दी नसीहत

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पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में दो दिवसीय शंघाई सहयोग संगठन का शिखर सम्मेलन शुरू हो गया है। 15 से 16 अक्टूबर तक चलने वाले इस शिखर सम्मेलन में पाकिस्तान अपनी मेजबानी दिखा दुनियाभर में अपनी छवि सुधारने की कोशिश कर रहा है। हालांकि, पाकिस्तान ने एक बार फिर यहां कश्मीर राग अलापा। वहीं, हर बार की तरह पाकिस्तान को इस मुद्दे पर चीन का खुला साथ मिला। चीन ने कहा कि यह इतिहास का बचा हुआ मुद्दा है जिसे हल करने की जरूरत है।

पाकिस्तान में हो रहे एससीओ शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए चीन के प्रधानमंत्री ली कियांग पहुंचे हैं। ली कियांग ने पाकिस्तानी पीएम शहबाज शरीफ और राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी के साथ अलग-अलग मीटिंग की। दोनों देशों की ओर से जारी जॉइंट स्टेटमेंट में कश्मीर का मुद्दा उठाया गया है।

पाकिस्तान ने चीन को सुनाया दुखड़ा

ली कियांग ने पाकिस्तानी राष्ट्रपति के साथ मीटिंग में पाकिस्तान की क्षेत्रीय अखंडता, संप्रभुता और समृद्धि के लिए चीन के अटूट समर्थन की पुष्टि की। संयुक्त बयान में कहा गया, दोनों देशों ने दक्षिण एशिया में शांति और स्थिरता बनाए रखने के महत्व और सभी लंबित विवादों के समाधान की जरूरत पर जोर दिया और किसी भी एकतरफा कार्रवाई का विरोध किया। पाकिस्तानी पक्ष ने चीनी पक्ष को जम्मू-कश्मीर की स्थिति के नवीनतम घटनाक्रम से अवगत कराया।

शांतिपूर्वक हल की सलाह

बयान में आगे चीनी पक्ष ने दोहराया कि जम्मू और कश्मीर का विवाद इतिहास से बचा हुआ है। इसे संयुक्त राष्ट्र चार्टर, प्रासंगिग संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों और द्विपक्षीय समझौतों के मुताबिक शांतिपूर्वक हल किया जाना चाहिए।

आतंकवाद से निपटने के पाक के प्रयासों की प्रशंसा

चीनी पक्ष ने आतंकवाद से निपटने में पाकिस्तान के निरंतर प्रयासों और जबरदस्त बलिदानों तथा अंतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा बनाए रखने में उसके योगदान की सराहना की। दोनों पक्षों ने शून्य-सहिष्णुता के दृष्टिकोण के साथ आतंकवाद के सभी रूपों और अभिव्यक्तियों का मुकाबला करने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई साथ ही आतंकवाद-रोधी कार्य में द्विपक्षीय और बहुपक्षीय सहयोग को और मजबूत करने और आतंकवाद-रोधी कार्य के राजनीतिकरण और साधनीकरण का संयुक्त रूप से विरोध करने पर सहमति व्यक्त की।

जम्मू-कश्मीर की उमर अब्दुल्ला सरकार में शामिल नहीं होगी कांग्रेस, जानें क्या है वजह?

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नेशनल कांफ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला आज यानी बुधवार को मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। उनके शपथ ग्रहण से पहले कांग्रेस ने बड़ा फैसला लिया है। कांग्रेस जम्मू कश्मीर की उमर अब्दुल्ला सरकार का हिस्सा नहीं बनेगी, बल्कि सरकार को बाहर से अपना समर्थन देगी। बता दें कि उमर अब्दुल्ला की नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस ने जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनाव में गठबंधन किया था और साथ मिलकर चुनाव लड़ा था। इस गठबंधन ने चुनाव में जीत भी हासिल की थी।  

जम्मू कश्मीर की उमर अब्दुल्ला सरकार में कांग्रेस शामिल होने की बजाय बाहर से समर्थन करेगी। यानी उमर अब्दुल्ला सरकार में कांग्रेस से कोई मंत्री नहीं होगा।कांग्रेस ने इस फैसले के पीछे की वजह भी बताई है औऱ कहा है कि कांग्रेस की लोकल इकाई चाहती थी कि सरकार में कांग्रेस पार्टी शामिल हो, लेकिन कांग्रेस हाई कमान राज्य में पार्टी की परफॉर्मेंस से नाराज था, लिहाजा फैसला लिया गया कि बजाय कि कुछ लोगों को मंत्रीपद दिया जाए, लोकल इकाई पर यह दबाव बना रहे कि उन्हें संगठन को मजबूत करना है। कांग्रेस हाई कमान ने खराब परफॉर्मेंस के बावजूद नेताओं को मंत्री पद के लिए रिवॉर्ड नहीं चाहती।

कह सकते हैं कि ये एक तरह से ये कांग्रेस का राजनीतिक प्रायश्चित है। हालांकि राजनीतिक एकजुटता का संदेश देने के लिए राहुल गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष खरगे और प्रियंका गांधी उमर अब्दुल्ला के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होंगे।

बता दें कि जम्मू-कश्मीर में नेशनल कॉन्फ्रेंस ने 42 सीटों पर जीत दर्ज की है, जबकि कांग्रेस के खाते में सिर्फ 6 सीटें आई हैं।

उमर अब्दुल्ला लेंगे जम्मू-कश्मीर के सीएम पद की शपथ, आज शपथ ग्रहण समारोह

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अनुच्छेद-370 हटाए जाने के बाद पहली बार हुए विधानसभा चुनाव में नेशनल कॉन्फ्रेंस ने बड़ी जीत दर्ज की। आज केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर को पहला सीएम मिलेगा। उमर अब्दुल्ला सीएम पद की शपथ लेंगे। वो इससे पहले भी जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री रहे हैं। हालांकि, तब जम्मू-कश्मीर राज्य था।

डल झील के किनारे स्थित शेर-ए-कश्मीर इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर (एसकेआईसीसी) में उमर अब्दुल्ला के शपथ ग्रहण समारोह की तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। मुख्यमंत्री और उनके मंत्रियों को उपराज्यपाल मनोज सिन्हा सुबह 11:30 बजे पद और गोपनीयता की शपथ दिलाएंगे। समारोह स्थल के आसपास सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। सुरक्षा को इस कार्यक्रम में कई वीवीआईपी शामिल होंगे। शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए इंडिया गठबंधन के घटकों को निमंत्रण भेजे गए हैं।

इन नेताओं को मिला निमंत्रण

नेशनल कॉन्फ्रेंस ने शपथ ग्रहण समारोह के लिए 50 से ज्यादा वीआईपी को निमंत्रण भेजा है। इसमें कांग्रेस अध्यक्ष मलिकार्जुन खरगे, सांसद राहुल, सोनिया गांधी, प्रियंका गांधी, पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी, सपा मुखिया अखिलेश यादव और आम आदमी पार्टी नेता अरविंद केजरीवाल समेत अन्य नेताओं को निमंत्रण भेजा है। नेशनल कॉन्फ्रेंस के एक नेता ने बताया कि शपथ ग्रहण समारोह में एमके स्टालिन, उद्धव ठाकरे, शरद पवार, लालू प्रसाद यादव, और डी राजा को भी निमंत्रण भेजा गया है।

शपथ ग्रहण से पहले क्या बोले उमर अब्दुल्ला

जम्मू-कश्मीर के मनोनीत मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा, 'मैं 6 साल का कार्यकाल पूरा करने वाला आखिरी मुख्यमंत्री था। अब मैं केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर का पहला मुख्यमंत्री बनूंगा। 6 साल तक सेवा की, मैं इससे काफी खुश हूं। मुझे उम्मीद है कि केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा अस्थायी है। हम लोगों की समस्याओं को हल करने के लिए भारत सरकार के साथ मिलकर काम करने के लिए तत्पर हैं और ऐसा करने का सबसे अच्छा तरीका जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा बहाल करके शुरू करना होगा। बहुत कुछ करना है, लोगों को एक हौसला देना है कि उनकी हुकूमत है, उनकी आवाज सुनी जाएगी। 5-6 साल हो गए कोई लोगों को सुनने के लिए तैयार नहीं था। हमारा फर्ज बनेगा कि हम उनकी बात सुने और उस पर अमल करें। हमारी कोशिश रहेगी कि हम लोगों के उम्मीदों के बराबर आएं।'

पाकिस्तान में दिखा एस जयशंकर का स्वैग, काला चश्मा और चेहरे पर दिखी आत्मविश्वास भरी मुस्कान

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भारत के विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर एससीओ के शासनाध्यक्षों की परिषद की 23वीं बैठक में शामिल होने के लिए पाकिस्तान पहुंच गए हैं। एयरपोर्ट पर उनके स्वागत के लिए पाकिस्तान की तरफ से विदेश मंत्रालय का एक अधिकारी मौजूद था। उनके स्वागत के लिए रेड कार्पेट बिछाई गई। इस दौरान जयशंकर के अंदाज ने भी लोगों का ध्यान खींचा। यहां एस. जयशंकर का स्वैग देखने को मिला। भारतीय विदेश मंत्री ने पहले तो पाकिस्तानी अधिकारियों ने हाथ मिलाया। उनका दिखा गुलदस्ता स्वीकार किया और फिर जेब से काला चश्मा निकालकर लगाया।जयशंकर इस दौरान आत्मविश्वास के साथ मुस्कुराते हुए दिखे।

शंघाई सहयोग संगठन की बैठक में शामिल होने के लिए भारत के विदेश मंत्री 9 साल में पहली बार पाकिस्तान पहुंचे हैं। भारतीय विदेश मंत्री का यह दौरा काफी अहम माना जा रहा है। आखिरी बार दिवंगत नेता और तत्कालीन विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने दिसंबर 2015 में पाकिस्तान की यात्रा की थी। वो अफगानिस्तान पर एक सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए इस्लामाबाद गई थीं।

पिछले कई वर्षों से दोनों पड़ोसी देशों के बीच संबंधों में जारी तनाव के बीच भारत की ओर से पाकिस्तान की यह पहली उच्च स्तरीय यात्रा है। हालांकि, अपने हाव-भाव से विदेश मंत्री ने बता दिया कि वो पाकिस्तान को किस तरह से भाव देने वाले हैं। रावलपिंडी एयरबेस पर सबसे पहले वो विमान से उतरे तो बच्चों ने उनका बुके देकर स्वागत किया। फिर उन्होंने पाकिस्तान अधिकारी से हाथ मिलाया। इसके बाद चलते-चलते उन्होंने अपना रेगुलर चश्मा उतारा और ब्लैक कलर का सनग्लास पहन लिया।

एस जयशंकर पहले ही अपने पाकिस्तान दौरे को लेकर साफ कर दिया है कि ‘किसी भी पड़ोसी की तरह, भारत निश्चित रूप से पाकिस्तान के साथ अच्छे संबंध रखना चाहेगा। लेकिन ऐसा सीमा पार आतंकवाद को नजरअंदाज करके और कल्पना लोक में जीकर नहीं हो सकता।

चाहे 84 का हो जाऊं या 90 का, ये बूढ़ा नहीं रूकेगा..., जानें शरद पवार ने ऐसा क्यों कहा?

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महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव 2024 की तारीख का ऐलान हो चुका है। राज्य में 20 नवंबर को सभी 288 विधानसभा सीटों के लिए एक साथ वोटिंग होगी और 23 नवंबर की तारीख को चुनाव परिणाम सामने आएंगे। चुनाव की तारीखों के ऐलान के बीच राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी शरदचंद्र पवार) के प्रमुख शरद पवार का बड़ा बयान आया है। शरद पवार ने अपनी उम्र और राजनीति को लेकर अहम बयान दिया है। पवार ने कहा है कि वे चाहे 84 वर्ष के हो जाएं या 90 साल के, वे तब तक नहीं रुकेंगे, जब तक महाराष्ट्र को सही रास्ते पर नहीं ले जाते।

शरद पवार ने महाराष्ट्र में सातारा जिले के फलटण में कहा कि चाहे 84 वर्ष का हो जाऊं या 90, यह बूढ़ा आदमी नहीं रुकेगा। वह एनसीपी नेता रामराजे नाइक निंबालकर के भाई संजीव राजे नाइक निंबालकर और फलटण के विधायक दीपक चह्वाण को एनसीपी (एसपी) में शामिल करने के लिए आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।

यहां पावर ने कहा कि उन्होंने अपनी पार्टी के कुछ युवा सदस्यों को उनकी तस्वीरों वाले बैनर लिए देखा था। उन बैनर पर मुझे 84 साल का बूढ़ा आदमी बताया गया था। लेकिन आप चिंता मत करिए क्योंकि चाहे 84 का हो जाऊं या 90 का, यह बूढ़ा आदमी रुकेगा नहीं। यह बूढ़ा आदमी राज्य को सही रास्ते पर लाने तक रुकेगा नहीं और मुझे आपकी मदद मिलने का भरोसा है।

शरद पवार ने आगे राज्य की एकनाथ शिंदे नीत गठबंधन सरकार पर भ्रष्टाचार में शामिल होने का आरोप लगाया। अगस्त में सिंधुदुर्ग जिले के राजकोट किले में छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा ढहने पर महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि यह घटना दिखाती है कि प्रतिमा के निर्माण में भ्रष्टाचार किया गया।उन्होंने कहा कि यह उन लोगों की नीति है जो हर क्षेत्र में भ्रष्टाचार में लिप्त रहते हैं और इसलिए यह आपकी और मेरी जिम्मेदारी है कि हम उनके हाथों से सत्ता छीन लें।

बता दें कि मंगलवार की दोपहर में चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र और झारखंड विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया है। महाराष्ट्र में 20 नवंबर को चुनाव होंगे और 23 नवंबर को वोटों की गिनती होगी। महाराष्ट्र में एक ही चरण में चुनाव होगा।नतीजे 23 नवंबर को आएंगे।

माना आप बहुत ताकतवर हो, लेकिन…सलमान खान ने लॉरेंस बिश्नोई को दी बड़ी चुनौती, सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा वीडियो

महाराष्ट्र में उद्योगपति-राजनेता बाबा सिद्दीकी की शनिवार को गोलीमार कर हत्या कर दी है। इसकी जिम्मेदारी गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई गैंग ने ली है। इस घटना से हर कोई हैरान और दुखी है। इस हमले के बाद से गुजरात के जेल में बंद गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई चर्चा में है। अपने अजीज दोस्त को खोकर सलमान खान भी टूट गए हैं। बाबा सिद्दीकी पर हमले के बाद सलमान की सुरक्षा को लेकर नवी मुंबई पुलिस भी अलर्ट हो गई है। इसी बीच सलमान खान ने गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई गैंग को बड़ी चुनौती दी है।

सोशल मीडिया पर इन दिनों सलमान खान का एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा हैै। इस वीडियो में अभिनेता लॉरेंस बिश्नोई गैंग को चुनौती देते हुए नजर आ रहे है। सलमान कह रहे है कि मान लिया बड़े ताकतवर हो आप, बड़े बहादुर हो आप, इतने बहादुर और ताकतवर हो आप, क्या अपने परिवार वालों को कांधा दोगे, उनकी अर्थी उठावोगे, इतना जिगर है आपके पास, क्यों आप यमराज और मौत बनना चाहते हो, क्यों अपने परिवार के लोगों का राम नाम सत्य है करना चाहते हो।

सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा वीडियो

इस वीडियो को एक्स पर Sayyad Uzma Parveen 786 के यूजर ने 14 अक्टूबर को शाम 7:23 PM पोस्ट किया है। अब तक इस वीडियो को 392.7K लोग देख चुके है। 155 यूजर्स अपनी प्रतिक्रिया दे चुके है। इतना ही नहीं यह वीडियो 994 रिपोस्ट हुआ है। इस वीडियो पर लोग जमकर कमेंट कर रहे है और तरह तरह की राय दे रहे है।

लॉरेंस की हिटलिस्ट में सलमान खान का नाम

बता दें कि लॉरेंस बिश्नोइ की हिटलिस्ट में सलमान खान सहित कुछ बड़े नाम शामिल हैं। यह मुद्दा खान के काले हिरण शिकार मामले में शामिल होने के बाद से शुरू हुआ। बिश्नोई समुदाय के लोग काले हिरण का बहुत सम्मान करते हैं। अभिनेता पर निगरानी रखने के लिए बिश्नोई ने अपने सहयोगी संपत नेहरा को भेजा था। नेहरा को हरियाणा पुलिस के विशेष कार्य बल ने गिरफ्तार कर लिया। मौके पर पुलिस बल पहुंच जाने के कारण इस वर्ष अप्रैल में गोलीबारी का प्रयास भी विफल रहा।

1998 में काले हिरणों के शिकार के बाद सलमान खान अक्सर बिश्नोई गिरोह के निशाने पर रहे हैं. उनके घर तक पर गोलियां बरसाई गई थीं. तो क्या सलमान खान गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई से माफी मांगेंगे? ये सवाल उठा क्योंकि हाल ही में NCP लीडर बाबा सिद्दीकी की गोली मारकर हत्या की गई और सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए इसकी जिम्मेदारी बिश्नोई गैंग ने ली. इस पोस्ट में सलमान का जिक्र किया गया. इतना ही नहीं इससे पहले पंजाबी सिंगर एपी ढिल्लों के घर पर भी हमला किया गया था, जहां वजह सलमान से दोस्ती बताई गई थी.

तो क्या सलमान 1998 के शिकार केस में लॉरेंस बिश्नोई गैंग से माफी मांगेंगे? क्या इस बात का कोई चांस है कि एक्टर इस मामले में कोई पब्लिक अपॉलिजी या निजी तौर पर माफीनामा जारी करेंगे? इंडिया टुडे से सलमान खान के एक करीबी ने बात की और बताया कि लगातार हो रहे हमलों से बचने के क्या ऑप्शन हो सकते हैं, या क्या सॉल्यूशन हैं जिसपर सलमान खान विचार कर रहे हैं?

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार अगर सलमान माफी मांगते हैं तो इसका मतलब है कि वो इस मामले में फंस गए हैं. वो किसी ऐसी चीज के लिए माफी नहीं मांगेंगे जो उन्होंने की ही नहीं. ये सिर्फ एक्टर के विश्वास का मामला है. उन्होंने इतने सालों से ऐसा नहीं किया है, अब उनके ऐसा करने की संभावना बहुत कम है.

सूत्र ने बताया कि सलमान के दोस्त और परिवारवाले उनकी सेहत को लेकर बहुत फिक्रमंद हैं, “बेशक, ये उनके लिए गंभीर चिंता का विषय है. हर बार जब वो पब्लिकली बाहर निकलते हैं या शूटिंग के लिए बाहर जाते हैं तो ये और भी तनावपूर्ण हो जाता है. परिवार निश्चित रूप से उनके लिए परेशान और फिक्रमंद है. लेकिन वो इस मामले में उनके साथ हैं और इस मामले पर उनके रुख का पूरी तरह से समर्थन करते हैं.”

सलमान की सुरक्षा को देखते हुए सुरक्षा की एक नई परत दी गई है कि वो बिग बॉस 18 के एपिसोड की शूटिंग के लिए हर हफ्ते ट्रैवल करेंगे. इस कमिटमेंट के अलावा, सलमान के पास फिल्म प्रोजेक्ट्स भी हैं- सिकंदर और सिंघम अगेन और बेबी जॉन में कैमियो का उन्हें आने वाले हफ्तों में शूट करना है. सोर्स कहते हैं, “वो अपने कमिटमेंट्स से पीछे नहीं हटेंगे और उनको पूरा करने के लिए आगे बढ़ेंगे. वो इन धमकियों के कारण अपने काम को खतरे में नहीं डालना चाहते. इसलिए वो तय समय के अनुसार अपना काम करेंगे.”

बता दें, सलमान पर 1998 में हम साथ साथ हैं फिल्म की शूटिंग की दौरान दो ब्लैक बक यानी काले हिरण को मारने का आरोप लगा था. बिश्नोई समुदाय के सदस्य लॉरेंस बिश्नोई, जो काले हिरण को पवित्र जानवर मानते हैं, जब अभिनेता को शिकार के मामले में दोषी ठहराया गया तो वो भड़क गए थे. हालांकि सलमान को आखिर इस मामले में जमानत मिल गई, लेकिन बिश्नोई, जो घटना के समय मुश्किल से पांच साल का था, उसने बॉलीवुड स्टार को अपना मिशन बना लिया और निशाना बनाया.

पिछले कुछ सालों में सलमान को कई धमकियां मिली हैं. खबर आई थी कि बिश्नोई गैंग ने इस साल जून में एक्टर को उनके पनवेल वाले फार्म हाउस पर मारने की प्लानिंग की थी. इस साजिश को मुंबई पुलिस ने नाकाम कर दिया था. लॉरेंस बिश्नोई गिरोह ने उनके फार्महाउस के पास उनकी कार रोककर और उन्हें एके-47 राइफलों से गोली मारकर उनकी हत्या करने की योजना बनाई थी.

महाराष्ट्र में एक तो झारखंड में दो चरणों में मतदान, 23 नवंबर को आएंगे नतीजे

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चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र और झारखंड विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया है। महाराष्ट्र में 20 नवंबर को चुनाव होंगे और 23 नवंबर को वोटों की गिनती होगी। महाराष्ट्र में एक ही चरण में चुनाव होगा। वहीं झारखंड में 13 और 20 नवंबर को वोटिंग होगी और नतीजे 23 नवंबर को ही आएंगे। झारखंड में 2 चरणों में चुनाव होंगे।

महाराष्ट्र विधानसभा का कार्यकाल 26 नवंबर को खत्म हो रहा है। महाराष्ट्र में 9.63 करोड़ मतदाता होंगे। 4.97 करोड़ पुरुष और 4.66 करोड़ महिला मतदाता होंगी। 1.85 करोड़ युवा मतदाता होंगे। पहली बार मतदान करने वाली संख्या 20.93 लाख होगी। राज्य में इस बार 1,00,186 मतदान केंद्र होंगे।

झारखंड विधानसभा का कार्यकाल 5 जनवरी 2025 को खत्म हो रहा है। यहां 2.6 करोड़ मतदाता होंगे। इनमें 1.29 करोड़ महिलाएं और 1.31 करोड़ पुरुष मतदाता होंगे। यहां युवा मतदाताओं की संख्या 66.84 लाख और पहली बार मतदान करने वालों की संख्या 11.84 लाख होगी। झारखंड में 29,562 मतदान केंद्र होंगे। कतारों के बीच में थोड़ी कुर्सियां या बेंच लगाई जाएंगी ताकि अपनी बारी का इंतजार कर रहे मतदाता थोड़ी-थोड़ी देर में बैठ सकें। ये व्यवस्था हर मतदान केंद्र पर मिलेगी।

सीईसी ने ईवीएम को लेकर कही ये बात

चुनाव आयोग ने मतगणना के दौरान नतीजों के रुझानों पर रिपोर्टिंग को लेकर नाराजगी जाहिर की। ईवीएम को लेकर मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि पांच छह महीने पहले ईवीएम की पहले लेवल की चेकिंग होती है। हमारे पास ईवीएम को लेकर 20 शिकायतें आई हैं और हम हर शिकायत का जवाब देंगे, पूरे तथ्यों के साथ। ये हमारा कर्तव्य है। हम उन जवाबों को प्रकाशित भी करेंगे ताकि सभी को पता चल सके। पहली चेकिंग, स्टोरेज रखना फिर उसे बूथ पर ले जाना, फिर स्टोरेज रखना और फिर मतगणना, हर समय पर राजनीतिक पार्टियों के एजेंट्स मौजूद रहते हैं।

एग्जिट पोल को लेकर क्या कहा

चुनाव आयोग ने एग्जिट पोल के अनुमानों पर कहा कि इसके सैंपल साइज और अन्य चीजों को देखने की जरूरत है। एग्जिट पोल का कोई साइंटिफिक आधार नहीं है, लेकिन एक सोच बन जाती है कि ऐसा हो सकता है। हमारी काउंटिंग तो 8.30 बजे के बाद ही शुरू होती है। वास्तविक रूप से जब एक्चुअल रिजल्ट आने शुरू होते हैं तो उससे मिसलिड होती है।

आज एशिया का सबसे बड़ा डिजिटल सम्मेलन, हर चार साल में डिजिटल मानकीकरण में यह आयोजन निभाता है अहम भूमिका

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज नई दिल्ली के भारत मंडपम में वर्ल्ड टेलीकम्युनिकेशन स्टैंडर्डाइजेशन असेंबली (WTSA) 2024 और आठवीं इंडिया मोबाइल कांग्रेस 2024 का उद्घाटन करेंगे। दरअसल यह आयोजन अंतरराष्ट्रीय दूरसंचार संघ (ITU) द्वारा आयोजित किया गया है, जो वैश्विक स्तर पर डिजिटल प्रौद्योगिकी के मानकीकरण में अहम भूमिका निभाता आ रहा है।

वहीं भारत और एशिया-प्रशांत क्षेत्र में पहली बार WTSA का आयोजन हो रहा है, जो भारत के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि मानी जा रही है। WTSA ITU का एक प्रमुख वैश्विक आयोजन माना जाता है, जो हर चार साल में एक बार आयोजित होता है।

190 से अधिक देशों से 3,000 से अधिक उद्यमी होंगे शामिल

दरअसल इस आयोजन में दूरसंचार और डिजिटल प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में मानकों का निर्धारण और दिशा तय की जाती है। वहीं इस बार के सम्मेलन में 190 से अधिक देशों से 3,000 से अधिक उद्यमी, नीति निर्माता और तकनीकी विशेषज्ञ शामिल होने जा रहे हैं। 6जी, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT), साइबर सुरक्षा और बिग डेटा जैसे भविष्य की तकनीकों पर चर्चा का केंद्र यह आयोजन रहने वाला है।

एशिया का सबसे बड़ा डिजिटल तकनीकी मंच

इसके साथ ही आपको बता दें कि इंडिया मोबाइल कांग्रेस 2024 को एशिया का सबसे बड़ा डिजिटल तकनीकी मंच माना जाता है। इस आयोजन में विश्वभर के उद्योग, सरकार, स्टार्टअप्स और शैक्षणिक संस्थान भी एकत्रित होने वाले हैं। वहीं इस साल आयोजन में 400 से अधिक प्रदर्शक, 900 स्टार्टअप्स और 120 से अधिक देशों की भागीदारी होने की उम्मीद जताई जा रही है। 100 से अधिक सत्रों में 600 से अधिक विशेषज्ञ भी इस आयोजन में शामिल होंगे और 900 से अधिक तकनीकी उपयोग मामलों का प्रदर्शन भी इसमें किया जाएगा।