मीरजापुर: सैकड़ों वर्ष पुराना है पंचमुखी महादेव मंदिर का इतिहास

संतोष देव गिरि
मीरजापुर। नगर के महुवरियां स्थित सैकड़ों वर्ष पुराने अति प्राचीन मंदिर श्री श्री 1008 पंचमुखी मंदिर का रविवार को श्रृंगार पूजन के साथ विशाल भंडारा आयोजित किया गया। भंडारा दोपहर से प्रारंभ होकर देर रात तक जारी रहा है। भंडारे में नगर सहित आस-पास के ग्रामीण क्षेत्रों से भी हजारों की संख्या में भक्तों की कतार लगी हुई थी। बताते चलें कि नवरात्र के दुर्गा विसर्जन के पश्चात बड़े ही धूमधाम से श्री श्री 1008 पंचमुखी मंदिर का श्रृंगार पूजन एवं विशाल भंडारा आयोजित किया जाता है।
यह परंपरा दशकों से अनवरत चलता आ रहा है। मंदिर समिति से जुड़े हुए लोग बताते हैं कि विशाल भंडारा दुर्गा पूजा पश्चात हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी सम्पन्न कराया जा रहा है जहां आने वाले भक्तों को प्रेम पूर्वक भंडारा का प्रसाद ग्रहण कराया जाता है। भंडारा दोपहर से शुरू होकर देर रात तक चलता रहा है। इस मौके पर मंदिर समिति के अध्यक्ष सच्चिदानन्द राय, पुजारी अशोक कुमार पाण्डेय, प्रेम चन्द श्रीमाली, सेवक राजू गुप्ता, सतीश श्रीवास्तव, पीएन सिंह बल्लू यादव, दयाराम सोनकर, आकाश पटेल इत्यादि लोग व्यवस्था संचालन में लगे हुए थे।
अद्भुत है पंचमुखी महादेव की प्रतिमा
मीरजापुर नगर के महुवरियां स्थित श्री श्री 1008 पंचमुखी महादेव मंदिर का इतिहास काफी प्राचीन होना बताया जा रहा है। मोहल्ले के लोगों की मानें तो वह बाप दादा के जमाने से इस मंदिर को देखते हुए आएं हैं। मंदिर में पंचमुखी महादेव की अष्टधातु की प्रतिमा है तो, मां विंध्यवासिनी की प्रतिमा सहित अन्य देवी देवताओं की प्रतिमाएं स्थापित की गई है। यह मंदिर लोगों के अटूट आस्था और विश्वास का पवित्र धाम है। नवरात्र और सावन के अलावा विशेषपर्व त्योहारों पर इस मंदिर में भक्तों की भीड़ उमर पड़ती है।



 
						







 



 मिर्जापुर- उपरौध क्षेत्र के सुविख्यात यूओ कान्वेंट स्कूल गुरुकुलम कोटा शिव प्रताप सिंह में विजयदशमी पर्व पर गोस्वामी तुलसीदास जी द्वारा रचित रामायण के मार्मिक सोपान का वर्णन किया गया। इस मौके पर मां अहिल्या उद्धार की अनोखी व अद्धभूत संदेश लेकर बच्चों ने अपने अभिनय के माध्यम से सभी के चहेते भगवान राम जी के रूप में व गुरु वशिष्ठ विश्वामित्र, लक्ष्मण हर्ष, दीपेश, कृष्ण, मां अहिल्या के रूप में आन्या, ने संवाद किया। मुनि के स्वरूप में दीपेश जी ने कहा की हे राघव दंड देना तो सभी को आता है, परंतु गिरते हुए को उठाना तो किसी बिरले को ही आता है, सो हे राम अहिल्या का उद्धार करो राम। इसे देख सभी बच्चें मां अहिल्या उद्धार की कहानी समझ जाते है। पत्थर रूपी अहिल्या से संबंधित कई प्रश्न प्रार्थना सभा में भी करते है जिसका जवाब श्रद्धे बाबूजी व शिक्षकों द्वारा दिया गया। इस मौके पर प्रभु श्रीराम के जीवन चरित्र का वर्णन करते भी उनके जीवन वृत्त से सभी को अपने जीवन में उतारने का आह्वान करते हुए भगवान श्रीराम के आदर्श भरे जीवन से प्रेरणा लेने की बात कही गई। इस मौके पर विद्यालय परिवार से जुड़े हुए सभी शिक्षक शिक्षिकाएं एवं ग्रामीण अभिभावक बंधु उपस्थित रहे। अंत में सभी के प्रति आभार प्रकट विद्यालय के प्रबंधक ओंकारनाथ पांडेय ने किया।
 मिर्जापुर- उपरौध क्षेत्र के सुविख्यात यूओ कान्वेंट स्कूल गुरुकुलम कोटा शिव प्रताप सिंह में विजयदशमी पर्व पर गोस्वामी तुलसीदास जी द्वारा रचित रामायण के मार्मिक सोपान का वर्णन किया गया। इस मौके पर मां अहिल्या उद्धार की अनोखी व अद्धभूत संदेश लेकर बच्चों ने अपने अभिनय के माध्यम से सभी के चहेते भगवान राम जी के रूप में व गुरु वशिष्ठ विश्वामित्र, लक्ष्मण हर्ष, दीपेश, कृष्ण, मां अहिल्या के रूप में आन्या, ने संवाद किया। मुनि के स्वरूप में दीपेश जी ने कहा की हे राघव दंड देना तो सभी को आता है, परंतु गिरते हुए को उठाना तो किसी बिरले को ही आता है, सो हे राम अहिल्या का उद्धार करो राम। इसे देख सभी बच्चें मां अहिल्या उद्धार की कहानी समझ जाते है। पत्थर रूपी अहिल्या से संबंधित कई प्रश्न प्रार्थना सभा में भी करते है जिसका जवाब श्रद्धे बाबूजी व शिक्षकों द्वारा दिया गया। इस मौके पर प्रभु श्रीराम के जीवन चरित्र का वर्णन करते भी उनके जीवन वृत्त से सभी को अपने जीवन में उतारने का आह्वान करते हुए भगवान श्रीराम के आदर्श भरे जीवन से प्रेरणा लेने की बात कही गई। इस मौके पर विद्यालय परिवार से जुड़े हुए सभी शिक्षक शिक्षिकाएं एवं ग्रामीण अभिभावक बंधु उपस्थित रहे। अंत में सभी के प्रति आभार प्रकट विद्यालय के प्रबंधक ओंकारनाथ पांडेय ने किया।
 
 
   
   
 
 
Oct 14 2024, 12:24
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