109 साल पुरानी भट्ठा दुर्गाबाड़ी में आज सिंदूर की होली खेलकर किया गया माँ का विसर्जन

पूर्णिया के 109 साल पुरानी भट्ठा दुर्गाबाड़ी में आज माता के प्रतिमा का विसर्जन है। माता के विसर्जन के मौके पर बंगाली महिलाएं सिंदूर खेला करती है । श्रद्धालु माता को सिंदूर लगाकर फिर एक दूसरे के गाल और मांग में सिंदूर लगाती है । महिला मिट्ठू साव, जूली आर्या, रूपाली साव,सोनिका पाहुजा ने कहा कि भट्ठा दुर्गाबाड़ी में पिछले 109 सालों से पूजा अर्चना हो रही है । आज माता के विदाई की बेला है। जिस कारण वे लोग काफी भावुक हैं । वे लोग माता को सिंदूर लगाकर विदाई देते हैं और एक दूसरे को सिंदूर लगाकर माता से अखंड सौभाग्य की कामना करते हैं। उन्होंने कहा कि विदाई की बेला में वे लोग काफी भावुक हैं। जिस तरह बेटी की विदाई होती है उसी तरह वे लोग अपने माता की विदाई करते हैं । और माता से आशीर्वाद मांगते हैं की सब लोग सुखी रहे। इसके लिए वे लोग सिंदूर खेला भी करते हैं।
पूर्णिया के कई गांव के लोग आज भी कच्ची सड़क पर चलते है । एक अदद पक्की सड़क के लिए चल रहा है संघर्ष

आज़ादी के कई दशक बीतने के बावजूद अमौर विधानसभा अंतर्गत रहरिया-केमा सड़क नहीं बन पाया । अधांग एवं झौवारी पंचायत के अंतर्गत पडऩे वाले इस सड़क से लोगों के लिये इस सड़क से गुजरना एक चुनौती है। अन्य सड़क न होने पर मजबूर हैं। रहरिया-केमा सड़क अमौर की मुख्य चार पंचायतों को जोड़ती है। अधांग, तियरपाड़ा, झौवारी और पोठिया गंगेली के लोग हर दिन इस सड़क से गुजरते हैं। अबतक सड़क निर्माण नहीं हो पाई, सड़क की लंबाई तक़रीबन एक किलोमीटर है, जब बारिश का मौसम होता है तो पहली बारिश के बाद इस सड़क से गुज़रना किसी खतरे से खाली नहीं है, इस सड़क से होकर सैकड़ों छात्र हर रोज झौवारी प्लस टू स्कूल आते हैं।

        सबसे ज्यादा परेशानी बात के समय होती है। अगर सैलाब के वक्त कोई बीमार पड़ गया और उसको हास्पिटल में भर्ती कराने की जरूरत पड़ गई तो संभव नहीं हो पाता है, जनप्रतिनिधि चुनाव के वक्त वादे तो खूब करते हैं, लेकिन जीत जाने के बाद दोबारा इलाके के लोगों का हाल नहीं पूछते हैं, ग्रामीणों का ऐसा आरोप है,जबकि इस सड़क निर्माण को लेकर धरना प्रदर्शन से लेकर लोकसभा चुनाव में वोट बहिष्कार किया गया था, लेकिन इसके बावजूद भी सिर्फ आश्वासन मिलता है, मुखिया सरबर आलम बताते हैं कि सड़क मार्ग की लंबाई अधिक है जो मेरे द्वारा योजनाओं से पुरा नहीं किया जा सकता है, दोनों ओर मुख्यमंत्री सड़कों का निर्माण हो चूका है, आगे उन्होंने बताया कि कई सांसद विधायक बने,

       लेकिन सड़क निर्माण को लेकर सिर्फ़ अधिकारियों द्वारा डीपीआर ही तैयार होता है, बच्चे बुढ़े होने चले लेकिन पुल सड़क निर्माण नहीं हो पाई सड़क के अभाव में रिश्ते के लिए भी लोग नहीं आते हैं, उन्होंने कहा कि हो सकता है शायद यह सड़क बिहार के मानचित्र पर नही है,सड़क निर्माण को लेकर मुखिया सरबर आलम पंचायत समिति सदस्य तैयब आलम मनौवर आलम नौशाद आलम मोo खालिक आसिफ आलम अन्य लोगों ने जिला पदाधिकारी से सड़क निर्माण कराने की मांग की है,
जेपी आंदोलन 74 की छात्र आंदोलन की चर्चा आज भी पूर्णिया के चपे चपे मे सुनाई देती है


जेपी आंदोलन 74 की छात्र आंदोलन की चर्चा आज भी पूर्णिया के चपे चपे मे सुनाई देती है . क्योंकि 15 अगस्त 74 के छात्र नेताओं ने तत्कालीन जिला पदाधिकारी जिन पर भ्रष्टाचार का आरोप था उनके खिलाफ एक दिन पहले ही ध्वनि विस्तारक यंत्र पूरे शहर में यह घोषणा करवा दी गई थी की भ्रष्ट जिला पदाधिकारी को पुलिस लाइन में झंडा फहराने नहीं दिया जाएगा इस घोषणा पर अमल करते हुए स्वयं छात्रों के द्वारा झंडा फहरा दिया गया था इसके कारण छात्रों पर लाठी चार्ज भी किया गया था तत्कालीन छात्र संघर्ष समिति के संयोजक दिलीप कुमार दीपक बताते हैं की लोकनायक जयप्रकाश नारायण ने पूर्णिया के शांतिपूर्ण आंदोलन की चर्चा पूर्णिया के ऐतिहासिक रंगभूमि मैदान में सार्वजनिक सभा को संबोधित करते हुए कहा था कि पूर्णिया कै शांतिपूर्ण आंदोलन की तारीफ की थी आंदोलनकारी तत्कालीन छात्र संघर्ष समिति के संयोजक दिलीप कुमार दीपक बाल गोपाल प्रसाद राजीव भारती ज्ञानेंद्र राय सुमंत्रालाल शाह धनेश जेठानी नरेंद्र चौधरी एवं जन संघर्ष सeमिति के संयोजक बालेश्वर प्रसाद वर्मा सभी को मीशा कानून के अंतर्गत गिरफ्तार कर पहले अररिया जेल भेजा गया बाद में उन्हें भागलपुर सेंट्रल जेल भेजा गया था इन लोगों पर यह आरोप था की इन लोगों ने कलेक्टर को झंडा फहराने नहीं दिया यह लोग पूर्णिया कॉलेज के प्रोफेसर बृजेंद्र शरण की मदद से बम बनाया करते थे तथा कलेक्ट्रेट को बम से उड़ने की योजना भी बना रखे थे ज्ञातव्य है की झंडा फहराने का निर्धारित समय तक जिला पदाधिकारी के नहीं पहुंचने पर छात्रों द्वारा झंडा फहरा दिया गया था जिसके कारण लाठी चार्ज हुआ था और उपरोक्त सभी नेताओं को पकड़ कर जेल भेज दिया गया जिसकी गूंज बीबीसी लंदन तक सुनाई दी थी यही कारण है कि आज भी जीपी आंदोलन की चर्चा होती रहती है इस आंदोलन की योजना जेल में 9 अगस्त को गिरफ्तार होकर आंदोलन के नेता एवं साहित्यकार फणीश्वर नाथ रेणु के द्वारा बनाई गई थी जिसे अमली जामा पहनाने का काम छात्रों द्वारा किया गया था
मां का दर्शन कर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने विश्व शांति की कामना की

आज भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप कुमार जायसवाल ने पूर्णिया के विभिन्न पूजा पंडालों में मां का दर्शन किया और माँ से विश्व शांति के लिए प्रार्थना की । वही बिहार सरकार की खाध उपभोक्ता संरक्षण मंत्री लेसी सिंह भी उपस्थित थी । प्रदेश अध्यक्ष ने मधुबनी दुर्गा मंदिर, स्टेशन क्लब ,रजनी चौक दुर्गा मंदिर, लायंस क्लब और ठाकुरबाड़ी में मां के दर्शन किए । इस मौके पर भाजपा नेत्री नूतन गुप्ता, जिला अध्यक्ष राकेश कुमार, पूर्व जिला अध्यक्ष प्रफुल्ल रंजन वर्मा, वरिष्ठ नेता पंकज पटेल के  साथ कई वरिष्ठ नेता उनके साथ मौजूद थे । पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि पूर्णिया मेरा घर है और मां का आशीर्वाद लेने अपने घर आया हूं । मां से कामना किया हूं कि बिहार तरक्की के रास्ते पर आगे बढ़े और भारत विश्व गुरु बने जिसकी परिकल्पना हम लोगों ने किया है ।
1998 ईस्वी में पूर्णिया और मधेपुरा बॉर्डर पर संतोष सिंह की हुई फर्जी एनकाउंटर में पटना की सीबीआई कोर्ट ने सुनाई सजा

1998 ईस्वी में पूर्णिया और मधेपुरा बॉर्डर पर संतोष सिंह की हुई फर्जी एनकाउंटर में पटना की सीबीआई कोर्ट ने दो थाना प्रभारी को कल सजा सुनाई है। इस मामले में सीबीआई कोर्ट ने बड़हरा कोठी के तत्कालीन थाना प्रभारी मुखलाल पासवान और बिहारीगंज थाना के तत्कालीन थाना प्रभारी अरविंद कुमार झा को 26 साल बाद सजा सुनाई है। सीबीआई कोर्ट में बडहरा थाना प्रभारी मुखलाल पासवान को आजन्म कारावास और ₹300000 जुर्माना के साथ बिहारीगंज के तत्कालीन थाना प्रभारी अरविंद कुमार झा को 5 साल की सजा और ₹50000 का जुर्माना की सजा सुनाया है। इस बाबत मृतक संतोष सिंह के रिश्तेदार रुपौली विधायक शंकर सिंह , फूफेरा भाई रितेश सिंह और रिश्तेदार मुकेश सिंह ने कहा कि 26 साल बाद मृतक संतोष सिंह के परिजनों को इंसाफ मिला है । उन्होंने कहा कि संतोष सिंह एक साधारण किसान थे । उसपर किसी तरह का कोई केस नहीं था । 1998 ईस्वी मे संतोष सिंह को उनके घर से ले जाकर थाना प्रभारी मुखलाल पासवान और अरविंद कुमार झा ने गोली मारकर हत्या कर दिया। उन्होंने कहा कि 26 साल बाद उनके परिजन को इंसाफ मिला है। सीबीआई कोर्ट ने दोनों थाना प्रभारी को सजा सुनाई है। लेकिन जिस परिवार का आदमी चला गया उनको कितनी परेशानी हुई। सरकार को उन्हें मुआवजा देना चाहिए। विधायक शंकर सिंह ने कहा कि नीतीश कुमार के राज्य में कोई भी दोषी बक्सा नहीं जा रहा है। उन्होंने कहा कि जिस समय यह घटना हुई थी उस समय लालू रावड़ी का जंगल राज था। और उसे समय निर्दोष को जानबूझकर एनकाउंटर कर दिया जाता था ।
सांसद पप्पू यादव ने रुपौली प्रखंड के बाढ़ पीड़ितों को बांटी राहत सामग्री, कहा – सरकार की ओर से अब तक कोई मदद नहीं

पूर्णिया लोकसभा क्षेत्र के सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने आज रुपौली प्रखंड के विजय मोहनपुर पंचायत के मोहनपुर गांव और भौवा प्रवल पंचायत के अंझरी गांव में बाढ़ पीड़ितों से मुलाकात कर उनकी समस्याओं का जायजा लिया। सांसद ने बाढ़ प्रभावित परिवारों की आर्थिक मदद करते हुए उन्हें राहत सामग्री वितरित की। साथ ही उन्होंने घोषणा की कि कल 1 हजार सूखा राशन सामग्री पॉकेट, 1 हजार साड़ी और 1 हजार लुंगी प्रभावित गांवों में भेजी जाएगी। सांसद पप्पू यादव ने निरीक्षण के दौरान बताया कि अब तक सरकार की ओर से कोई भी व्यवस्था नहीं की गई है, जिससे बाढ़ प्रभावित लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। सांसद ने कहा, "लोगों की समस्याओं को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। हम हरसंभव सहायता प्रदान कर रहे हैं और इस कठिन समय में बाढ़ पीड़ितों के साथ मजबूती से खड़े हैं।
      पप्पू यादव ने इस दौरान प्रशासन से भी अपील की कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में तत्काल राहत पहुंचाई जाए ताकि लोगों की पीड़ा कम हो सके। उन्होंने कहा कि वे आगे भी लोगों की मदद के लिए तैयार हैं और उनकी सभी समस्याओं का समाधान करेंगे।
शिक्षकों की नई स्थानांतरण नीति छलावा पूर्ण - पवन कुमार जायसवाल


बिहार राज्य प्रारंभिक शिक्षक संघ,पूर्णिया के जिला अध्यक्ष सह बिहार शिक्षक एकता मंच के संयोजक पवन कुमार जायसवाल ने शिक्षा विभाग के द्वारा शिक्षकों के लिए लाई नई स्थानांतरण नीति को छलावा पूर्ण करार दिया है। श्री जायसवाल ने कहा कि सरकार को अपने गृह जिला अथवा गृह प्रखंड से बाहर कार्यरत शिक्षकों को गृह जिले अथवा गृह प्रखंड में स्थानांतरण करने की नीति लानी चाहिए , ताकि सभी चिंता मुक्त होकर कार्यरत शिक्षक विद्यालय में बेहतर ढंग से गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा प्रदान कर सकें। परन्तु सरकार ने खासकर पुरुष शिक्षकों को उसे अनुमंडल से बाहर रखने की नीति बना कर सौतेलापन कार्य किया है। सरकार की स्थानांतरण नीति से स्पष्ट है कि स्वस्थ्य पुरुष शिक्षक होना एक सजा है। दुसरी तरह अधिकांश महिला शिक्षिकाएं अपने घर के नजदीक आने से दूर रह जाएगी। नये पदस्थापन व स्थानांतरण होने से वर्तमान में जो महिलाएं मायके या ससुराल की नजदीक के विद्यालय में कार्यरत हैं, वे भी अब दूर हो जायेगें ।

      असाध्य रोग से पीड़ित शिक्षकों को भी मनचाहा जगह मिलने की गारंटी नहीं है। जिला अध्यक्ष श्री जायसवाल ने कहा कि यह स्थानांतरण नीति सुविधा युक्त पदस्थापित शिक्षकों को बल पूर्वक हटाने की नीति प्रतीत हो रहा है । नई स्थानांतरण नीति आने के बाबजूद भी शिक्षकों की सारी उर्जा विद्यालय आने-जाने में ही समाप्त हो जाएगी। जिससे नौनिहाल बच्चों की शिक्षा प्रभावित होने की संभावना बनी रह जायेगी। श्री जायसवाल ने कहा कि राज्य सरकार दोषपूर्ण स्थानांतरण नीति के बदले स्वैच्छिक स्थानांतरण नीति लायें। ताकि सभी कोटि के शिक्षकों को एक साथ सुविधा युक्त स्थानांतरण व पदस्थापन हो सके। स्थानीय निकाय के शिक्षकों को प्रथम चरण में स्थानांतरण से अलग रखना भेदभाव पूर्ण नीति दुर्भाग्यपूर्ण है। जबकि नियोजित शिक्षकों के नियमावली में ऐच्छिक स्थानांतरण नीति का नियम बनी है। सरकार व विभाग स्थानांतरण करने हेतु बर्षो से लगातार साफ्टवेयर बनाने की बात कहते रहे हैं। इस हेतु सरकार को पहले स्थानांतरण चाहने वाले नियोजित शिक्षकों का स्वैच्छिक स्थानांतरण कर विघालय पदस्थापन करना चाहिए। उसके बाद ही किसी अन्य कोटि के शिक्षकों का स्थानांतरण एवं पोस्टिंग करना चाहिए।

      जायसवाल ने कहा कि इस हेतु सभी कोटि के स्थानांतरण चाहने वाले ही शिक्षकों से ही आवेदन लिये जाए। जिससे अपने गृह जिले से बाहर जो शिक्षक कार्यरत हैं उन्हें अपने गृह जिले के ऐच्छिक विघालय में पदस्थापन एवं गृह जिले में पदस्थापित शिक्षकों को ऐच्छिक विघालय में स्थानांतरण व पोस्टिंग का अवसर मिल सके। श्री जायसवाल ने कहा कि शिक्षा एवं शिक्षक हित में बिहार शिक्षक एकता मंच सरकार से स्वैच्छिक स्थानांतरण नीति लाने की मांग करते है। पवन कुमार जायसवाल जिला अध्यक्ष बिहार राज्य प्रारंभिक शिक्षक संघ,पूर्णिया सह संयोजक बिहार शिक्षक एकता मंच,पूर्णिया
11 राउंड गोली चली और मारा गया अपराधी बाबर छाती हुई गिरफ्तारी कुख्यात अपराधी बाबर, छः की हुई गिरफ्तारी ,कई जिलों के थाने में है मुकदमा दर्ज

पूर्णिया के अमौर में देर रात कुख्यात अपराधी डकैत बाबर उर्फ आदिल उर्फ पापड का एनकाउंटर किया गया था ।.इस दौरान पुलिस ने 6 अन्य डकैतों को भी गिरफ्तार किया है। इनके पास से कर्वाईन समेत कई हथियार भी बरामद हुए हैं। वहीं इस दौरान कुछ पुलिस कर्मी भी जख्मी हुआ है। एसपी कार्तिकेय के शर्मा ने प्रेस वार्ता कर कहा कि पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी कि कुछ अपराधी अमौर थाना के गड़हरा गांव में डकैती की योजना बना रहे हैं। इसके बाद एसटीएफ की टीम और पूर्णिया के अमौर, रोटा, अनगढ़ और बायसी के थाना अध्यक्ष के नेतृत्व में एक टीम गठित की गई। इस दौरान एक स्कॉर्पियो पर सवार सभी 7 अपराधी आ रहे थे ।

   उन्हें रोकने का प्रयास किया गया। इसके बाद सभी अपराधी धान खेत की तरफ भागने लगे और पुलिस पर फायरिंग करने लगे । इस दौरान पुलिस के द्वारा चेतावनी भी दी गई। इसके बावजूद अपराधी लगातार फायरिंग करते रहे । अपराधियों ने करीब 20 से 25 राउंड फायरिंग किया। पुलिस और एसटीएफ ने भी जवाब में 11 राउंड फायरिंग किया । जिसमें कुख्यात डकैत बाबर उर्फ आदिल उर्फ पापड को गोली लगी और वह इसी धान के खेत में ढेर हो गया।

    इस दौरान पुलिस ने 6 अपराधियों को गिरफ्तार कर लिया है । बाबर के पास से एक कार्वाईन ,एक देशी पिस्तौल और कारतूस बरामद किया गया। जब सभी अपराधियों की जांच की गई तो उनके पास से कुल एक कारवाईन ,तीन देशी पिस्तौल, तीन देसी कट्टा, 37 जिंदा कारतूस, चार मैगजीन ,एक चाकू और कई खोखा बरामद किया गया ।

    एसपी ने कहा कि बाबर उर्फ आदिल पर पूर्णिया, कटिहार और किशनगंज जिले में 50-50000 रूपये यानी कुल डेढ़ लाख रुपए का इनाम है । इसके अलावा उनके ऊपर इन तीन जिलों में एक दर्जन से अधिक केस है। साथ ही पश्चिम बंगाल में भी उनके ऊपर कई केस है। और वहां भी बाबर पर इनाम रखा गया है। एसपी ने कहा कि बाबर 2016 ईस्वी में अपराध की दुनिया में आया था और तभी से उसने कई डकैती की कांड को अंजाम दिया था। एक बार वह किशनगंज में जेल भी गया था। एसपी ने कहा कि गिरफ्तार अपराधियों में नुर्शीद आलम, दिलदार, अकबाल हुसैन, सहिनूर उर्फ सैनुल, असलम और सायेन बाबू को गिरफ्तार कर लिया गया है। एसपी ने कहा कि इस एनकाउंटर के दौरान अमौर थाना अध्यक्ष अवधेश कुमार , अनगढ थाना अध्यक्ष कुणाल सौरभ समेत कुछ अन्य पुलिस बल भी गिरने के दौरान घायल हुए हैं। उन्होंने कहा कि एनकाउंटर का जो मानवाधिकार और अन्य नॉर्म होता है उसके अनुसार सभी हथियारों को जप्त कर उसकी एफएसएल जांच के लिए भेज दी गई है। साथ ही मेडिकल टीम और मजिस्ट्रेट के नेतृत्व में पोस्टमार्टम कराया गया है। फॉरेंसिक टीम इसकी जांच कर रही है ।
फर्जी पुलिस बन किया पांच लाख की ठगी ,पीड़ित ने सुनाई आपबीति

पूर्णिया शहर में घूम रहा है नकली पुलिस रहे सतर्क और सावधान पूर्णिया. नकली पुलिस बनकर बाइक सवार दो युवकों ने करीब पांच लाख से अधिक मृल्य के गहने उड़ा लिये. पीड़ित गुरूद्वारा स्थित महबूब खान टोला निवासी राजकिशोर मिश्रा ने सहायक खजांची थाना में लिखित शिकायत की है. थानाध्यक्ष शशि कुमार भगत ने बताया कि घटना को लेकर पीड़ित द्वारा आवेदन दिया गया है. टेक्निकल टीम द्वारा घटनास्थल के आस पास लगे सीसीटीवी कैमरे का फुटेज खंगाला जा रहा है. प्राप्त फुटेज में अब तक किसी की पहचान नहीं हुई है. इधर, मामले को लेकर श्री मिश्रा ने बताया कि रविवार को करीब 12 बजे वह अपनी स्कूटी से लाइन बाजार जा रहे थे.

        इसी बीच पंचमुखी मंदिर के समीप एक बाइक पर दो युवक उनके समीप आया और उन्हें रूकने का इशारा किया. उन दोनों ने पुलिस आइडी दिखाते हुए कहा कि हमलोग पुलिस वाले हैं. रात को क्राइम हुआ है. एसपी साहेब ने गाड़ी का जांच करने का निर्देश दिया है.

       आपलोग इतना आभूषण पहनकर क्यों निकलते हैं. इसलिये शहर में क्राइम होता है. सारा आभूषण उतारकर अपनी डिक्की में रख लीजिये. मिश्रा ने बताया कि वह उसके झांसे में यह सोच कर आ गये कि पूजा का समय है, हो सकता है हमार
3 लाख का इनामी कुख्यात अपराधी बाबर एनकाउंटर में मर गया , पूर्णिया पुलिस और एसटीएफ ने संयुक्त कार्रवाई कर मार गिराया

पूर्णिया पुलिस और एसटीएफ की टीम ने कुख्यात 3 लाख का इनामी डकैत बाबर एनकाउंटर में मारा गया । पूर्णिया पुलिस और एसटीएफ की टीम ने अमौर थाना से महज डेढ़ किलोमीटर दूर स्टेट हाईवे के पास धान के खेत में एनकाउंटर में बाबर उर्फ आदिल उर्फ पा पड़, पिता अली मोहम्मद उर्फ मोमा, पतुलवा किशनगंज जिला निवासी को मार गिराया। सूचना मिलते ही एसपी कार्तिकेय शर्मा खुद अमौर पहुंचे थे। एसपी ने कहा कि 12:00 बजे प्रेस वार्ता कर जानकारी दी जाएगी। लेकिन पुलिस सूत्रों से जो अब तक जानकारी मिली है बाबर पूर्णिया, कटिहार, किशनगंज के अलावा बंगाल और यूपी में भी डेढ़ दर्जन से अधिक डकैती कांड को अंजाम दे चुका है। उस पर कई जिलों में अपराधिक मामले दर्ज हैं। रात में भी वह डकैती की योजना बना रहा था। पुलिस और एसटीएफ को गुप्त सूचना मिली। इसके बाद घेराबंदी कर बाबर को मार गिराया गया ।बाबर किशनगंज जिला का निवासी बताया जाता है । फिलहाल उसे पोस्टमार्टम के लिए पूर्णिया लाया गया है।