कांग्रेस ने अल्पसंख्यक मंत्रालय को मुस्लिम मामलों के मंत्रालय में बदला', रिजिजू का कांग्रेस पर बड़ा हमला*

केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कांग्रेस और राहुल गांधी पर बड़ा आरोप लगाया है। रिजिजू ने कहा कि कांग्रेस ने अपने शासन के दौरान अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय को 'मुस्लिम मामलों के मंत्रालय' में बदल दिया था। उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेता नेता राहुल गांधी अब झूठा प्रचार कर रहे हैं कि भारत में अल्पसंख्यक असुरक्षित हैं। रिजिजू ने कहा कि मुसलमानों को कांग्रेस का वोट बैंक नहीं बनना चाहिए, क्योंकि इससे केवल देश ही नहीं, बल्कि समुदाय को भी नुकसान पहुंच रहा है। रिजिजू ने कहा, मैं अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय का प्रभार संभालते हुए कुछ बातें साफ करना चाहता हूं। कांग्रेस के शासन के दौरान अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय को 'मुस्लिम मामलों के मंत्रालय' में बदल दिया गया था। हम इस धारणा को बदलने की कोशिश कर रहे हैं। हमारी सरकार देश के सभी अल्पसंख्यकों के लिए समान रूप से काम कर रही है और देश हित के लिए प्रतिबद्ध है। *मंत्रालय ने केवल मुसलमानों पर फोकस किया-रिजिजू* केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कांग्रेस के शासन में मंत्रालय ने केवल मुसलमानों पर फोकस किया, क्योंकि उन्हें वोट बैंक के रूप में देखा जाता था। रिजिजू ने आगे कहा, नरेंद्र मोदी सरकार की योजनाएं मुसलमानों को उसी तरह लाभ पहुंचा रही हैं, जैसे अन्य समुदायों को। तो फिर मुसलमानों को कांग्रेस के लिए वोट बैंक क्यों बने रहना चाहिए? यह न केवल देश के लिए नुकसानदेह है, बल्कि मुसलमानों के लिए भी। जब वे किसी एक राजनीतिक पार्टी और उसके सहयोगियों के वोट बैंक बन जाते हैं, तो इससे उन्हें अधिक नुकसान होता है। *राहुल गांधी गलत धारणा फैला रहे-रिजियू* रिजिजू ने यह भी कहा कि केंद्र सरकार सभी छह अल्पसंख्यक समुदायों के साथ काम करेगी और इसको लेकर लोगों को जागरूक करेगी कि राहुल गांधी और उनके सहयोगी यह गलत धारणा फैला रहे हैं कि अल्पसंख्यक भारत में सुरक्षित नहीं हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि राहुल गांधी विदेश में देश की छवि खराब करते हैं और भारत विरोधी ताकतों के साथ करते हैं। रिजिजू ने कहा, देखिए किस तरह की राजनीतिक खेली जा रही है? क्या आपने कभी सुना है कि कोई नेता विदेश जाकर देश की छवि खराब करता है? लोग उन्हें दस साल से नकार रहे हैं और अब वे विदेश जाकर देश को बुरा-भला कह रहे हैं।
संजय रॉय ही है ट्रेनी डॉक्टर का बलात्कारी और हत्यारा..', कोलकाता-कांड में CBI ने दाखिल की चार्जशीट

कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में एक ट्रेनी डॉक्टर के रेप और मर्डर केस में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने चार्जशीट दाखिल कर दी है। चार्जशीट के अनुसार, मुख्य आरोपी संजय रॉय ने पीड़ित डॉक्टर के साथ बलात्कार किया और फिर उसकी हत्या कर दी। सोमवार को अधिकारियों ने जानकारी दी कि सीबीआई ने कोलकाता की विशेष अदालत में यह आरोप पत्र दाखिल किया, जिसमें बताया गया कि रॉय ने 9 अगस्त को अस्पताल के सेमिनार हॉल में इस घटना को अंजाम दिया था। चार्जशीट में यह उल्लेख नहीं किया गया है कि सामूहिक बलात्कार हुआ था, जिससे संकेत मिलता है कि यह अपराध संजय रॉय ने अकेले ही किया था। अधिकारियों के मुताबिक, डॉक्टर रात में खाना खाने के बाद सेमिनार हॉल में आराम करने गई थीं, तभी रॉय ने यह घिनौना काम किया। सीबीआई ने इस मामले में लगभग 200 लोगों के बयान दर्ज किए हैं, हालांकि अभी भी यह जांच की जा रही है कि क्या इस अपराध में कोई और व्यक्ति शामिल था या नहीं। 9 अगस्त को ट्रेनी डॉक्टर अस्पताल में मृत पाई गई थी। प्रारंभिक जांच में सामने आया कि उसके साथ दुष्कर्म और बर्बरता हुई थी। इस घटना के बाद पूरे देश में विरोध प्रदर्शन हुए, जिसके बाद कोलकाता हाई कोर्ट ने इस मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी। मामला सुप्रीम कोर्ट तक भी पहुंचा। इस बीच, इस घटना के विरोध में और मृत डॉक्टर के लिए न्याय की मांग करते हुए कनिष्ठ डॉक्टरों का आमरण अनशन सोमवार को लगातार तीसरे दिन भी जारी रहा। हालांकि, राज्य सरकार की तरफ से उनकी मांगों पर अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। छह कनिष्ठ डॉक्टर शनिवार से अनशन कर रहे हैं, और बाद में एक और डॉक्टर भी उनके साथ जुड़ गए। 'ज्वाइंट प्लेटफॉर्म ऑफ डॉक्टर्स इन वेस्ट बंगाल' के छह सदस्य भी कनिष्ठ डॉक्टरों के साथ एकजुटता जताने के लिए इस अनशन में शामिल होने पर विचार कर रहे हैं। एक कनिष्ठ डॉक्टर अनिकेत महतो ने कहा कि हमारा आमरण अनशन जारी है। राज्य सरकार से हमें कोई संदेश नहीं मिला है। हम अपनी सभी मांगें पूरी होने तक यह अनशन जारी रखेंगे। कोई भी बाहरी दबाव हमें अपनी मृत बहन के लिए न्याय मांगने की हमारी राह से नहीं हटा सकता... अभी नहीं तो कभी नहीं।
धर्म पर टिप्पाणियां बर्दाश्त नहीं, लेकिन अराजकता भी.., समीक्षा बैठक में आला अधिकारियों को योगी आदित्यनाथ ने दिए सख्त निर्देश

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने त्योहारों को ध्यान में रखते हुए सोमवार को कानून व्यवस्था की समीक्षा के लिए एक बैठक की, जिसमें मुख्य सचिव, डीजीपी, अपर मुख्य सचिव गृह और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि किसी भी जाति, धर्म, संप्रदाय या महापुरुषों, देवी-देवताओं और साधु-संतों के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी अस्वीकार्य है। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि विरोध के नाम पर अराजकता, तोड़-फोड़ और हिंसा भी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि हर संप्रदाय और धर्म की आस्था का सम्मान होना चाहिए, और महापुरुषों के प्रति कृतज्ञता का भाव होना स्वाभाविक है। हालांकि, इसे किसी पर जबरन थोपा नहीं जा सकता। यदि कोई व्यक्ति आस्था के साथ खिलवाड़ करता है या अपमानजनक टिप्पणी करता है, तो उसे कानून के तहत सख्त सजा दी जाएगी। इसके साथ ही मुख्यमंत्री योगी ने सभी धर्मों और समुदायों के बीच आपसी सम्मान बनाए रखने की अपील की। उन्होंने कहा कि विरोध के नाम पर किसी भी तरह की अराजकता, हिंसा या आगजनी बर्दाश्त नहीं की जाएगी, और ऐसा करने वालों को इसका खामियाजा भुगतना होगा। मुख्यमंत्री ने पुलिस प्रशासन को निर्देश दिए कि शारदीय नवरात्रि और विजयदशमी के पर्व शांति और सौहार्दपूर्ण माहौल में मनाए जाएं। उन्होंने यह सुनिश्चित करने के लिए कहा कि कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए उन तत्वों पर कड़ी नजर रखी जाए, जो माहौल खराब कर सकते हैं। साथ ही, महिला सुरक्षा पर जोर देते हुए उन्होंने भीड़भाड़ वाले इलाकों में फुट पेट्रोलिंग और पीआरवी 112 की पेट्रोलिंग को बढ़ाने के निर्देश दिए, ताकि महिलाओं और बेटियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। सभी विभागों को इस दिशा में मिलकर काम करने का निर्देश दिया गया।
धर्म पर टिप्पाणियां बर्दाश्त नहीं, लेकिन अराजकता भी.., समीक्षा बैठक में आला अधिकारियों को योगी आदित्यनाथ ने दिए सख्त निर्देश

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने त्योहारों को ध्यान में रखते हुए सोमवार को कानून व्यवस्था की समीक्षा के लिए एक बैठक की, जिसमें मुख्य सचिव, डीजीपी, अपर मुख्य सचिव गृह और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि किसी भी जाति, धर्म, संप्रदाय या महापुरुषों, देवी-देवताओं और साधु-संतों के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी अस्वीकार्य है। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि विरोध के नाम पर अराजकता, तोड़-फोड़ और हिंसा भी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि हर संप्रदाय और धर्म की आस्था का सम्मान होना चाहिए, और महापुरुषों के प्रति कृतज्ञता का भाव होना स्वाभाविक है। हालांकि, इसे किसी पर जबरन थोपा नहीं जा सकता। यदि कोई व्यक्ति आस्था के साथ खिलवाड़ करता है या अपमानजनक टिप्पणी करता है, तो उसे कानून के तहत सख्त सजा दी जाएगी। इसके साथ ही मुख्यमंत्री योगी ने सभी धर्मों और समुदायों के बीच आपसी सम्मान बनाए रखने की अपील की। उन्होंने कहा कि विरोध के नाम पर किसी भी तरह की अराजकता, हिंसा या आगजनी बर्दाश्त नहीं की जाएगी, और ऐसा करने वालों को इसका खामियाजा भुगतना होगा। मुख्यमंत्री ने पुलिस प्रशासन को निर्देश दिए कि शारदीय नवरात्रि और विजयदशमी के पर्व शांति और सौहार्दपूर्ण माहौल में मनाए जाएं। उन्होंने यह सुनिश्चित करने के लिए कहा कि कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए उन तत्वों पर कड़ी नजर रखी जाए, जो माहौल खराब कर सकते हैं। साथ ही, महिला सुरक्षा पर जोर देते हुए उन्होंने भीड़भाड़ वाले इलाकों में फुट पेट्रोलिंग और पीआरवी 112 की पेट्रोलिंग को बढ़ाने के निर्देश दिए, ताकि महिलाओं और बेटियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। सभी विभागों को इस दिशा में मिलकर काम करने का निर्देश दिया गया।
हिजबुल्लाह का इजराइल के हाइफा शहर पर हमला, मिलिट्री बेस को भी निशाना बनाया*
#israel_hamas_war_anniversary_hezbollah_rocket_attack_on_haifa
7 अक्टूबर, 2023 इजरायल के इतिहास में सबसे घातक दिन के रूप में दर्ज हो गया है. इसी दिन सैकड़ों हमास के लड़ाकों ने इजरायल पर एक आश्चर्यजनक हमला किया। उन्होंने भारी किलेबंद गाजा सीमा को तोड़कर यहूदी कस्बों और शहरों में प्रवेश किया और सैकड़ों लोगों की हत्या कर दी। इसके बाद जो युद्ध का तांडव शुरू हुआ वह 1 साल से जारी है। इजरायल हमास और हिजबुल्लाह के ठिकानों पर लगातार हमला कर रहा है। इस बीच 7 अक्टूबर को हमास हमले की बरसी पर हिजबुल्लाह ने भी इजराइल को बड़ा जख्म दिया है।हिजबुल्लाह ने हाइफा सिटी को निशाना बनाते हुए इजराइली एयर डिफेंस को फेल कर दिया है। बेरूत में इजराइल की बमबारी के बीच एक बार फिर हिजबुल्लाह ने इजराइल के हाइफा शहर को दहला दिया है। दक्षिण लेबनान की ओर से इजराइल की पोर्ट सिटी हाइफा पर रॉकेट्स दागे गए हैं। हिजबुल्लाह ने पहली बार उत्तरी इजराइल के इस शहर को निशाना बनाया है। इसमें कम से कम 10 लोग घायल हुए हैं। लोगों को छर्रे और कांच से चोटें आईं हैं। सभी को नजदीकी हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है। हिजबुल्लाह ने तिबेरियस शहर पर भी हमला किया। इसमें एक शख्स घायल है। वहीं, हिजबुल्लाह ने कहा कि उसने इजराइल के कार्मेल मिलिट्री बेस को भी निशाना बनाया है। इस हमले को लेबनान में जारी इजराइली कार्रवाई का जवाब भी समझा जा रहा है। हिजबुल्लाह ने अपने बयान में कहा कि उन्होंने हाइफा पोर्ट के पास इजराइली सैन्य अड्डे को निशाना बनाया है। इससे पहले भी हाइफा के दक्षिण में एक अन्य बेस पर दो हमलों किए गए थे। सोशल मीडिया पर आई तस्वीरों में देखा जा सकता है कि हिजबुल्लाह के रॉकेट्स ने हाइफा में भीषण तबाही मचाई है। दक्षिण लेबनान से आए रॉकेट्स को रोकने में इजराइली एयर डिफेंस विफल रहा है। वो तो समय पर सायरन बजने के कारण लोगों ने बॉम्ब शेल्टर में पनाह ले ली थी, वरना हाइफा में और ज्यादा तबाही मच सकती थी। इजराइली सेना ने कहा कि हम एयर डिफेंस फेल होने की वजहों की जांच कर रहे हैं। इजराइल और हिज़्बुल्लाह के बीच बढ़ते तनाव के बीच, ईरान भी इस संघर्ष में गहराई से जुड़ा हुआ है। ईरान के सहयोगी समूह हमास और हिज़्बुल्लाह इजराइल के खिलाफ लड़ाई में प्रमुख भूमिका निभा रहे हैं। पिछले हफ्ते इजराइल पर हुए बैलिस्टिक मिसाइल हमले के बाद इजराइल ने ईरान पर हमले की धमकी दी है, जिससे क्षेत्रीय संघर्ष की संभावना और बढ़ गई है।
मुइज्जू की मुराद पूरी, भारत-मालदीव के साथ कई अहम समझौते*
#pm_modi_meet_maldives_president_signs_key_deal
मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू 5 दिनों के भारत दौरे पर हैं। बदले तेवर के साथ मुइज्जू कुछ उम्मीद लेकर भारत पहुंचे थे। सोमवार को मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने पीएम मोदी से मुलाकात की। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुइज्जू के बीच कई मुद्दों को लेकर अहम बैठक हुई। इस दौरान भारत और मालदीव के बीच 5 समझौते पर हस्ताक्षर हुए। बातचीत के बाद पीएम मोदी ने बताया कि कैसे भारत मालदीव के आर्थिक विकास में मदद कर रहा है। साथ ही पीएम ने आगे भी मालदीव के लिए सहयोग जारी रखने की प्रतिबद्धता जताई। मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू रविवार की शाम को भारत पहुंचे थे। उनके साथ पत्नी साजिदा मोहम्मद और मालदीव का एक डेलिगेशन भी भारत पहुंचा है। सोमवार को राष्ट्रपति भवन में मुइज्जू का स्वागत किया गया और गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी के साथ हुई द्विपक्षीय बैठक में दोनों देशों ने द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत बनाने पर जोर दिया है। इस दौरान भारत और मालदीव के बीच 5 समझौते पर हस्ताक्षर हुए। इसमें करेंसी, शिक्षा, भ्रष्टाचार को रोकने , न्यायिक और खेल के क्षेत्र से जुड़े समझौते पर हस्ताक्षर हुए। भारत और मालदीव ने आज 400 मिलियन अमेरिकी डॉलर के मुद्रा विनिमय समझौते पर हस्ताक्षर किए, यह कदम द्वीपीय देश को विदेशी मुद्रा भंडार की समस्याओं से उबरने में मदद करेगा। साथ ही मालदीव में Rupay (रुपे) कार्ड लॉन्च हो गया। प्रधानमंत्री मोदी ने बैठक के बाद साझा बयान में मुइज्जू का स्वागत करते हुए मालदीव को भारत का करीबी दोस्त बताया। प्रधानमंत्री ने कहा कि दोनों देशों के दशकों पुराने मजबूत संबंधों का जिक्र करते हुए कहा कि भारत, मालदीव का सबसे करीबी पड़ोसी और घनिष्ठ मित्र है। साथ ही हमारी ‘नेबरहुड फर्स्ट पॉलिसी’ और ‘सागर’ विजन में भी मालदीव का महत्वपूर्ण स्थान है। *3 हजार करोड़ रुपए का करेंसी स्वैप समझौता* संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस में पीएम मोदी ने कहा कि भारत हमेशा मालदीव का फर्स्ट रिस्पांडर रहा है। पीएम मोदी ने आगे कहा कि 3 हजार करोड़ रुपए का करेंसी स्वैप समझौता हुआ है। उन्होंने कहाकि हमने मालदीव में इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास पर बात की है। हमने डिजिटल कनेक्टिविटी पर भी बात की है। पीएम मोदी ने कहाकि भारत ने हमेशा पड़ोसी होने के दायित्व को निभाया है। भारत ने उसके सहयोग से निर्मित 700 से अधिक सामाजिक आवास इकाइयां मालदीव को सौंपी। *मुक्त व्यापार समझौते पर भी हुई चर्चा* मोदी ने कहा कि भारत और मालदीव ने आर्थिक संबंधों को और मजबूत करने के लिए मुक्त व्यापार समझौते (FTA) पर चर्चा शुरू करने का फैसला किया है। प्रधानमंत्री ने मालदीव को एक 'घनिष्ठ मित्र' बताया, जिसका भारत की पड़ोस नीति और सागर विजन में महत्वपूर्ण स्थान है। पीएम मोदी ने कहा कि भारत ने हमेशा एक पड़ोसी की जिम्मेदारियों को पूरा किया है। आज हमने अपने आपसी सहयोग को एक रणनीतिक दिशा देने के लिए एक व्यापक आर्थिक और समुद्री सुरक्षा साझेदारी के विजन को अपनाया है।
मुइज्जू की मुराद पूरी, भारत-मालदीव के साथ कई अहम समझौते*
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मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू 5 दिनों के भारत दौरे पर हैं। बदले तेवर के साथ मुइज्जू कुछ उम्मीद लेकर भारत पहुंचे थे। सोमवार को मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने पीएम मोदी से मुलाकात की। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुइज्जू के बीच कई मुद्दों को लेकर अहम बैठक हुई। इस दौरान भारत और मालदीव के बीच 5 समझौते पर हस्ताक्षर हुए। बातचीत के बाद पीएम मोदी ने बताया कि कैसे भारत मालदीव के आर्थिक विकास में मदद कर रहा है। साथ ही पीएम ने आगे भी मालदीव के लिए सहयोग जारी रखने की प्रतिबद्धता जताई। मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू रविवार की शाम को भारत पहुंचे थे। उनके साथ पत्नी साजिदा मोहम्मद और मालदीव का एक डेलिगेशन भी भारत पहुंचा है। सोमवार को राष्ट्रपति भवन में मुइज्जू का स्वागत किया गया और गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी के साथ हुई द्विपक्षीय बैठक में दोनों देशों ने द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत बनाने पर जोर दिया है। इस दौरान भारत और मालदीव के बीच 5 समझौते पर हस्ताक्षर हुए। इसमें करेंसी, शिक्षा, भ्रष्टाचार को रोकने , न्यायिक और खेल के क्षेत्र से जुड़े समझौते पर हस्ताक्षर हुए। भारत और मालदीव ने आज 400 मिलियन अमेरिकी डॉलर के मुद्रा विनिमय समझौते पर हस्ताक्षर किए, यह कदम द्वीपीय देश को विदेशी मुद्रा भंडार की समस्याओं से उबरने में मदद करेगा। साथ ही मालदीव में Rupay (रुपे) कार्ड लॉन्च हो गया। प्रधानमंत्री मोदी ने बैठक के बाद साझा बयान में मुइज्जू का स्वागत करते हुए मालदीव को भारत का करीबी दोस्त बताया। प्रधानमंत्री ने कहा कि दोनों देशों के दशकों पुराने मजबूत संबंधों का जिक्र करते हुए कहा कि भारत, मालदीव का सबसे करीबी पड़ोसी और घनिष्ठ मित्र है। साथ ही हमारी ‘नेबरहुड फर्स्ट पॉलिसी’ और ‘सागर’ विजन में भी मालदीव का महत्वपूर्ण स्थान है। *3 हजार करोड़ रुपए का करेंसी स्वैप समझौता* संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस में पीएम मोदी ने कहा कि भारत हमेशा मालदीव का फर्स्ट रिस्पांडर रहा है। पीएम मोदी ने आगे कहा कि 3 हजार करोड़ रुपए का करेंसी स्वैप समझौता हुआ है। उन्होंने कहाकि हमने मालदीव में इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास पर बात की है। हमने डिजिटल कनेक्टिविटी पर भी बात की है। पीएम मोदी ने कहाकि भारत ने हमेशा पड़ोसी होने के दायित्व को निभाया है। भारत ने उसके सहयोग से निर्मित 700 से अधिक सामाजिक आवास इकाइयां मालदीव को सौंपी। *मुक्त व्यापार समझौते पर भी हुई चर्चा* मोदी ने कहा कि भारत और मालदीव ने आर्थिक संबंधों को और मजबूत करने के लिए मुक्त व्यापार समझौते (FTA) पर चर्चा शुरू करने का फैसला किया है। प्रधानमंत्री ने मालदीव को एक 'घनिष्ठ मित्र' बताया, जिसका भारत की पड़ोस नीति और सागर विजन में महत्वपूर्ण स्थान है। पीएम मोदी ने कहा कि भारत ने हमेशा एक पड़ोसी की जिम्मेदारियों को पूरा किया है। आज हमने अपने आपसी सहयोग को एक रणनीतिक दिशा देने के लिए एक व्यापक आर्थिक और समुद्री सुरक्षा साझेदारी के विजन को अपनाया है।
मुइज्जू की मुराद पूरी, भारत-मालदीव के साथ कई अहम समझौते*
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मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू 5 दिनों के भारत दौरे पर हैं। बदले तेवर के साथ मुइज्जू कुछ उम्मीद लेकर भारत पहुंचे थे। सोमवार को मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने पीएम मोदी से मुलाकात की। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुइज्जू के बीच कई मुद्दों को लेकर अहम बैठक हुई। इस दौरान भारत और मालदीव के बीच 5 समझौते पर हस्ताक्षर हुए। बातचीत के बाद पीएम मोदी ने बताया कि कैसे भारत मालदीव के आर्थिक विकास में मदद कर रहा है। साथ ही पीएम ने आगे भी मालदीव के लिए सहयोग जारी रखने की प्रतिबद्धता जताई। मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू रविवार की शाम को भारत पहुंचे थे। उनके साथ पत्नी साजिदा मोहम्मद और मालदीव का एक डेलिगेशन भी भारत पहुंचा है। सोमवार को राष्ट्रपति भवन में मुइज्जू का स्वागत किया गया और गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी के साथ हुई द्विपक्षीय बैठक में दोनों देशों ने द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत बनाने पर जोर दिया है। इस दौरान भारत और मालदीव के बीच 5 समझौते पर हस्ताक्षर हुए। इसमें करेंसी, शिक्षा, भ्रष्टाचार को रोकने , न्यायिक और खेल के क्षेत्र से जुड़े समझौते पर हस्ताक्षर हुए। भारत और मालदीव ने आज 400 मिलियन अमेरिकी डॉलर के मुद्रा विनिमय समझौते पर हस्ताक्षर किए, यह कदम द्वीपीय देश को विदेशी मुद्रा भंडार की समस्याओं से उबरने में मदद करेगा। साथ ही मालदीव में Rupay (रुपे) कार्ड लॉन्च हो गया। प्रधानमंत्री मोदी ने बैठक के बाद साझा बयान में मुइज्जू का स्वागत करते हुए मालदीव को भारत का करीबी दोस्त बताया। प्रधानमंत्री ने कहा कि दोनों देशों के दशकों पुराने मजबूत संबंधों का जिक्र करते हुए कहा कि भारत, मालदीव का सबसे करीबी पड़ोसी और घनिष्ठ मित्र है। साथ ही हमारी ‘नेबरहुड फर्स्ट पॉलिसी’ और ‘सागर’ विजन में भी मालदीव का महत्वपूर्ण स्थान है। *3 हजार करोड़ रुपए का करेंसी स्वैप समझौता* संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस में पीएम मोदी ने कहा कि भारत हमेशा मालदीव का फर्स्ट रिस्पांडर रहा है। पीएम मोदी ने आगे कहा कि 3 हजार करोड़ रुपए का करेंसी स्वैप समझौता हुआ है। उन्होंने कहाकि हमने मालदीव में इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास पर बात की है। हमने डिजिटल कनेक्टिविटी पर भी बात की है। पीएम मोदी ने कहाकि भारत ने हमेशा पड़ोसी होने के दायित्व को निभाया है। भारत ने उसके सहयोग से निर्मित 700 से अधिक सामाजिक आवास इकाइयां मालदीव को सौंपी। *मुक्त व्यापार समझौते पर भी हुई चर्चा* मोदी ने कहा कि भारत और मालदीव ने आर्थिक संबंधों को और मजबूत करने के लिए मुक्त व्यापार समझौते (FTA) पर चर्चा शुरू करने का फैसला किया है। प्रधानमंत्री ने मालदीव को एक 'घनिष्ठ मित्र' बताया, जिसका भारत की पड़ोस नीति और सागर विजन में महत्वपूर्ण स्थान है। पीएम मोदी ने कहा कि भारत ने हमेशा एक पड़ोसी की जिम्मेदारियों को पूरा किया है। आज हमने अपने आपसी सहयोग को एक रणनीतिक दिशा देने के लिए एक व्यापक आर्थिक और समुद्री सुरक्षा साझेदारी के विजन को अपनाया है।
ऑस्‍ट्रेलियाई राजदूत पहुंचे अरुणाचल प्रदेश, चीन को मिर्ची लगना तय*
#australian_high_commissioner_visited_arunachal_pradesh

भारत में ऑस्‍ट्रेलिया के राजदूत फिल ग्रीन ने रविवार को अरुणाचल प्रदेश का दौरा किया। फिल ग्रीन ने अरूणाचल प्रदेश को 18वां भारतीय राज्य बताया। ऑस्‍ट्रेलिया के राजदूत फिल ग्रीन के इस बात से चीन को मिर्ची लगना तय है। दरअसल, अरुणाचल प्रदेश पर चीन अपना अधिकार जमाता है। आए दिन चीन रूणाचल प्रदेश को अपना हिस्सा बताया रहा है। हालांकि, भारत बार-बार ड्रैगन के इस दावे को पुरजोर तरीके से खारिज करता आया है। *फिल ग्रीन ने अरूणाचल दौरे को लेकर क्या कहा?* ऑस्‍ट्रेलियाई राजदूत ने अरुणाचल प्रदेश का दौरा करने के बाद सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्‍स पर लिखा, ‘अरुणाचल प्रदेश में लैंड हुआ हूं। यह 18वां भारतीय राज्य है, जिसका मैंने अपने कार्यकाल के दौरान दौरा किया है। यहां सीखने और यह देखने के लिए आया हूं कि हम कैसे संबंधों को और गहरा कर सकते हैं। साथ ही मुख्यमंत्री प्रेमा खांडू के साथ नए सिरे से परिचय भी हुआ।’ ऑस्‍ट्रेलियाई राजदूत ने अपने एक्‍स पोस्‍ट को अरुणाचल प्रदेश के सीएम और ऑस्‍ट्रेलियन कॉन्सुलेट जनरल के आधिकारिक अकाउंट से टैग भी किया। बता दें कि भारत और ऑस्‍ट्रेलिया क्‍वाड के सदस्‍य हैं। यह संगठन चीन के खिलाफ बनाया गया है, जिसमें अमेरिका और जापान जैसे देश भी शामिल हैं। बता दें कि हाल ही में भारतीय पवर्ताराहियों ने अरुणाचल प्रदेश के एक पर्वत का नाम छठे दलाई लामा के नाम पर रखा तो चीन आग बबूला हो उठा। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ माउंटेनियरिंग एंड एडवेंचर स्पोर्ट्स (NIMAS) की एक टीम ने अरुणाचल प्रदेश में 20,942 फीट ऊंची एक अनाम चोटी पर चढ़ाई की थी और इसे छठे दलाई लामा त्सांगयांग ग्यात्सो के नाम पर रखने का फैसला लिया। NIMAS रक्षा मंत्रालय के अधीन काम करता है। चीन ने इस फैसले पर नाराजगी जाहिर की थी। चीन इस राज्य को जंगनान कहता है।
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले शिंदे गुट को लगा झटका! 7 पूर्व पार्षदों ने थामा ठाकरे का दामन

महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की शिवसेना को बड़ा झटका लगा है। कल्याण-डोंबिवली में शिंदे गुट के कई नेताओं ने उद्धव ठाकरे का साथ चुन लिया है। रविवार को शिंदे समूह के युवा सेना सचिव दीपेश म्हात्रे, सात नगरसेवकों एवं सैकड़ों कार्यकर्ताओं के साथ शिवसेना के ठाकरे गुट में सम्मिलित हो गए। ये नेता ठाकरे समूह के प्रमुख उद्धव ठाकरे के आवास 'मातोश्री' में आयोजित कार्यक्रम में सम्मिलित हुए। कुछ दिन पहले शिंदे गुट के विधायक एवं मंत्री रवींद्र चव्हाण और दीपेश म्हात्रे के बीच विवाद हुआ था, जिससे म्हात्रे नाराज चल रहे थे। अब डोंबिवली में ठाकरे गुट ने शिंदे गुट को बड़ा झटका दिया है। शिंदे गुट के प्रदेश सचिव दीपेश म्हात्रे ने अपने साथियों के साथ शिवसेना ठाकरे गुट में सम्मिलित होकर उद्धव ठाकरे की उपस्थिति में मशाल थामी। दीपेश म्हात्रे के साथ उनके भाई और पूर्व पार्षद जयेश म्हात्रे, रूपेश म्हात्रे, रत्नताई म्हात्रे, सुलोचना म्हात्रे, संगीता भोईर, वसंत भगत, और संपतताई शेलार समेत सात पूर्व पार्षद भी शिवसेना में सम्मिलित हुए। इस मौके पर उद्धव ठाकरे ने कहा कि यदि यह निर्णय थोड़ा पहले लिया गया होता, तो गुंडागर्दी और अत्याचार लोकसभा में ही समाप्त हो जाते। उन्होंने कहा कि कल्याण-डोंबिवली शिवसेना, हिंदुत्व और शिव राय का गढ़ है, जहां अब गद्दारी का दाग लगा है। उन्होंने इस दाग को धोकर भगवा को मशाल बनाकर जलाने की अपील की। ठाकरे ने कल्याण-डोंबिवली को फिर से शिवसेना का मजबूत गढ़ बनाने का आह्वान किया। उद्धव ठाकरे ने कहा कि कई लोगों को यह गलतफहमी हो गई थी कि उन्होंने बालासाहेब के विचारों को छोड़ दिया है और शिवसेना हिंदुत्व से दूर हो गई है। उन्होंने कहा, "आपकी आंखों पर जो पट्टी बंधी थी, वह अब खुल गई है। अब आपको समझ आ गया है कि असली हिंदुत्व और शिवसेना बालासाहेब के विचारों से दूर नहीं गए हैं। महाराष्ट्र को बेचना कभी भी बालासाहेब का विचार नहीं था और न ही हो सकता है।" आगे उन्होंने कहा, "हम आत्मसम्मान के साथ जिएंगे, कंगाली में नहीं। हिन्दू हृदय सम्राट ने हमें सिखाया था कि यदि एक दिन जीना है तो बकरी की तरह नहीं, बल्कि शेर की तरह जियो। मुझे खुशी है कि आप वापस आ गए। अगर यह फैसला थोड़ा पहले लिया गया होता, तो गुंडागर्दी लोकसभा में ही खत्म हो गई होती।" उद्धव ठाकरे ने कहा कि सत्ता, पैसा एवं अंधराष्ट्रवाद के बावजूद, शिवसेना-प्रेमी मतदाताओं ने साधारण कार्यकर्ताओं को 4 लाख वोट दिए और उन लोगों की जीत सुनिश्चित की।