छात्रा पर यौन उत्पीड़न और पुरूष पुलिस द्वारा की गयी पिटाई के खिलाफ लोगों का गुस्सा फूटा, प्रयागराज में बड़ी सभा
प्रयागराज। थाना घूरपुर अंतर्गत ग्राम दौना-अतरैला में 11 सितंबर 2024 को गांव की एक छात्रा को स्कूल से लौटते समय झाड़ी के पीछे खींचने वाले मनचले को संरक्षण दिए जाने के खिलाफ ग्रामीणों का गुस्सा फूट पड़ा, सैकड़ों ने आज सभाा की। जबकि घटना में राहगीरों ने बेटी को बचाया था, घूरपुर पुलिस, एसआई कृष्ण कुमार, एसआई अमित सिंह और एसआई अंकत ने उस पर पैसे लेकर शिकायत वापस लेने का दबाव बनाया।
जब उसने मना किया तो एसआई अमित सिंह ने उसके बाल खींचे और थप्पड़ मारा, और आरोपी राहुल तिवारी के पिता ने उसे जान से मारने की धमकी दी। उसके बाद उसके 7 भाइयों, बचावकतार्ओं को घूरपुर पुलिस ने थाने ले जाकर पीटा और दंगा करने का फर्जी आरोप में 12 सितंबर को जेल भेज दिया। जब ग्रामीणों ने अधिकारियों से शिकायत की, तब जाकर आरोपी को 14 सितंबर को गिरफ्तार किया।
ग्रामीणों ने 13 सितंबर को एसएसपी, प्रयागराज से और 18 सितंबर को जिलाधिकारी, प्रयागराज के माध्यम से डीजीपी उत्तर प्रदेश से शिकायत की। इसके बाद उन्होंने आज की सभा बुलाई और एसडीएम बारा से भी शिकायत की। माननीय केन्द्रीय मंत्री श्रीमती अनुप्रिया पटेल और उनके पति श्री आशीष सिंह पटेल, जो राज्य सरकार में मंत्री हैं, को भी शिकायत दी गई पर अभी तक उन्होंने पीड़िता के पक्ष में कार्यवाही नहीं कराई है।
सभा को संबोधित करते हुए पीड़ित लड़की और उसके परिवार के सदस्यों ने पूरी घटना के बारे में विस्तार से बताया और बताया कि कैसे पुलिस ने उन्हें प्रताड़ित किया, शिकायत वापस लेने का दबाव बनाने के लिए उन फोनों को तोड़ दिया, जिनमें यातना की रिकॉर्डिंग की जा रही थी। बड़ी संख्या में स्थानीय ग्रामीणों ने अपनी बेटियों और महिलाओं की सुरक्षा को लेकर आशंका व्यक्त की क्योंकि ऐसे अपराधिक लोगों को स्थानीय पुलिस बल द्वारा संरक्षण दिया जा रहा है। उन्होंने माननीय मुख्यमंत्री और पार्टी नेताओं से तत्काल कार्रवाई करने और अपराधियों से रिश्वत लेकर उनको बचाने वाले पुलिस अधिकारियों दोनों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करके महिलाओं के सम्मान की रक्षा करने की अपील की।
प्रगतिशील महिला संगठन, इलाहाबाद की संयोजक शबनम ने हाल के दिनों में उत्तर प्रदेश में महिलाओं के खिलाफ बढ़ रहे विभिन्न अपराधों के कारण ग्रामांचल में महिलाओं की बुरी स्थिति पर प्रकाश डाला। उन्होंने पुलिस द्वारा आरोपियों को बचाने और शिकायतकर्ता महिलाओं को दबाने की कई घटनाओं को हवाला दिया जिनमें अयोध्या मंदिर में सामूहिक बलात्कार, फतेहगढ़ में दो लड़कियों के पेड़ से लटका होना, फतेहपुर की 12वीं कक्षा की छात्रा की आत्महत्या, अमेठी में परिवार के चार सदस्यों की हत्या, हाथरस और उन्नाव मामले शामिल किये।
उन्होंने जोर दिया कि हम सामान्य घरों की महिलाओं को पढ़ने की जरूरत है और हम पढ़ना चाहती हैं क्योंकि हमारे माता-पिता केवल शादी को ही हमारी अंतिम नियति मानते हैं। लेकिन हमें काम करना पड़ता है, बाहर रोजगार ढूंढना पड़ता है, दुकानें चलानी पड़ती हैं और सभी सार्वजनिक स्थानों पर हमें पुरुषवादी अपमान का सामना करना पड़ता है। प्रचलित मनुवादी विचारधारा ऐसे पुरुष वर्चस्व को महत्वपूर्ण समर्थन देती है। संविधान और पुलिस हमारी रक्षा के लिए है। यदि यह अपना काम नहीं करता है तो हम संगठित होकर संघर्ष करेंगे। उन्होंने सभी बुजुर्गों से इस संघर्ष में महिलाओं की मदद करने की अपील की।
बैठक की अध्यक्षता भगमाना देवी, रेखा देवीरर, अरातकली देवीर, मंजु देवी, मीला देवी ने की। सभा को ग्राम प्रधान दौना बब्लू, पूर्व ग्राम प्रधान चितौरी मानसिंह पटेल, कमेरवादी अपनादल नेता पेम बगाह, अनिल, सूर्यपाल, अर्जुन और एआईकेएमएस नेता हीरालाल, रामकैलाश कुशवाहा, राजकुमार पथिक, विनोद सैलानी व अन्य ने संबोधित किया। सभी वक्ताओं ने जनवादी व जनपक्षधर ताकतों से आगे आकर यौन उत्पीड़न के विरुद्ध इस संघर्ष का समर्थन करने की अपील की ।
Oct 07 2024, 12:22