मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने महाराजा चक्रधर सिंह को उनकी पुण्यतिथि पर किया नमन

रायपुर-    मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने महाराजा चक्रधर सिंह को 7 अक्टूबर उनकी पुण्यतिथि पर नमन किया है। मुख्यमंत्री ने अपने संदेश में कहा है कि रायगढ़ के महाराजा चक्रधर सिंह का संगीत और शास्त्रीय नृत्य कला की गौरवशाली संस्कृति के संरक्षण में उल्लेखनीय योगदान रहा है। उन्होंने नृत्य और संगीत विधा की अनेक साहित्यिक कृतियों की रचना की। उनकी कला के प्रति साधना के कारण शास्त्रीय नृत्य के रायगढ़ घराना को जाना जाता है। राज्य सरकार द्वारा उनके सम्मान में चक्रधर सम्मान की स्थापना की है।

मुख्यमंत्री ने कहा है कि महाराजा चक्रधर सिंह के संगीत और नृत्य कला के संवर्धन और संरक्षण में योगदान को चिरस्थायी बनाने के लिए हर वर्ष रायगढ़ में अखिल भारतीय चक्रधर समारोह का आयोजन किया जाता है, जिसमें देश के सुप्रसिद्ध कलाकार अपनी कला की प्रस्तुति देते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा है कि महाराजा चक्रधर सिंह के संगीत और कला के क्षेत्र में योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता।

पहाड़ी क्षेत्र की रामबाई के लिए महतारी वंदन योजना की राशि किसी संजीवनी से कम नहीं

रायपुर-   अपने घर की परछी में मक्के का बीज निकालती रामबाई खुश है कि इस बार दशहरा-दीपावली के त्यौहार के समय बहुत ज्यादा आर्थिक समस्याओं से नहीं जूझना पड़ेगा। कोरबा शहर से लगभग सौ किलोमीटर दूर जंगल और पहाड़ी इलाकों में रहने वाली रामबाई के लिए जीवनयापन किसी जद्दोजहद से कम नहीं है। वह बताती है कि जब से मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने महतारी वंदन योजना शुरू की है तब से उन्हें अपने खाते में हर माह एक हजार रुपए आने की गारण्टी मिल गई है। उनका कहना है कि वह आने वाले दशहरा-दीपावली को बीते बरसो की तुलना में बहुत बेहतर तरीके से मनाएगी।

कोरबा जिले के पोड़ी उपरोड़ा ब्लॉक में दूरस्थ क्षेत्र ग्राम जजगी में रहने वाली रामबाई आयाम बताती है कि इस बार बरसात ठीक-ठाक हुई है लेकिन पहाड़ी इलाकों में पानी का ठहराव कुछ देर तक नहीं रहता। इन इलाकों में मक्के की फसल लेनी होती है। उन्होंने अपनी बाड़ी में मक्के की फसल ली थी, अब मौसम के साथ ही मक्के को तोड़कर बीज अलग कर रही है। रामबाई ने बताया कि उनके क्षेत्र में धान का फसल लेना बहुत बड़ी चुनौती है। कई बार मौसम दगा दे जाता है। बारिश नहीं होने पर भी खेत में ही फसल सूख जाते हैं। ऐसे में ज्यादातर ग्रामीण मक्के सहित कम पानी में पैदा होने वाले फसलों पर ध्यान देते हैं और जीविकोपार्जन के लिए बकरी सहित अन्य पशुओं का पालन करते हैं। रामबाई ने बताया कि उनके गाँव में अधिकांश गरीब परिवार निवास करते हैं। गांव की ज्यादातर महिलाएं जीवकोपार्जन के लिए बहुत जद्दोजहद करती हुई घर चलाती है, उन्हें दिन भर कुछ न कुछ परिश्रम करना पड़ता है। ऐसे में जब महतारी वंदन योजना की शुरूआत हुई तो कुछ महिलाओं को भरोसा नहीं था कि हर माह उनके खाते में एक हजार आएगा। अब जबकि 7 महीने हो गए हैं और एक हजार रुपये निरंतर खाते में आ रहा है तो उनका भरोसा और विश्वास छत्तीसगढ़ सरकार के प्रति बढ़ता ही जा रहा है। रामबाई ने बताया कि आने वाले समय में दशहरा-दीपावली है। इस दौरान माह में मिलने वाली एक हजार की राशि उनके जैसी अनेक जरूरतमंद महिलाओं के लिए खुशियों के साथ त्यौहार मनाने में मददगार साबित होगी। इस राशि से वे कुछ कपड़े, मिठाई सहित अन्य जरूरी सामग्री अवश्य खरीद पाएंगी।

हाफ मैराथन के जरिये, जल बचाने दिखाया उत्साह

रायपुर-    ज़िले में जल जगार महा उत्सव के दौरान रविवार दूसरे दिन अल सुबह हाफ मैराथन में सैकड़ों की तादाद में लोग पहुँचे और जल जागरूकता के लिए आयोजित इस विराट आयोजन का हिस्सा बने। रविशंकर जलाशय गंगरेल डैम के मुहाने से शुरू हुई इस हाफ मैराथन को तीन श्रेणियों में आयोजित किया गया। इसमें गंगरेल हाफ मैराथन, एन्डुरन्स रन और वॉकेथॉन शामिल है।

गौरतलब है कि गंगरेल हाफ मैराथन के तहत 21.1 किलोमीटर का मैराथन में 18 से 29 वर्ष, 30 से 49 वर्ष तक की आयु वर्ग तथा 50 वर्ष से अधिक आयु के प्रतिभागी हिस्सा लिये । इसी तरह एन्डुरन्स रन के तहत 10 किलोमीटर का मैराथन में 15 से 29 वर्ष, 30 से 49 वर्ष तक की आयु तथा 50 वर्ष से अधिक आयु के प्रतिभागी शामिल हुए। इसके साथ ही पारिवारिक मनोरंजन के लिए वॉकेथॉन के तहत 5 किलोमीटर का मैराथन में पुरुष और महिला दोनों श्रेणी में लोग हिस्सा लेते नज़र आये। ज्ञात हो यह पूरा आयोजन गंगरेल डैम के गेट से लेकर कुकरेल तक आयोजित किया गया।

लोगों ने लिया जल ओलंपिक का आनंद

रायपुर-     धमतरी के रविशंकर जलाशय गंगरेल में आयोजित दो दिवसीय जल जगार महा उत्सव के दूसरे दिन रायपुर सहित प्रदेश के अन्य जिलों से प्रतिभागी और लोग पहुँचे। इस दौरान सबमें जल ओलंपिक को लेकर भारी उत्साह देखने को मिला। यहाँ पहुँचे लोगों ने कयाकिंग, स्वींमिंग, बनाना राईड, फ्री स्टाईल स्वीमिंग, फ्लैग् रैन, थ्रो रो, रिवर क्रॉसिंग आदि का भरपूर आनंद लिया।

इस अवसर पर रायपुर के संजय बच्चानी, अमित गोयल, राकेश ने धमतरी में जल संरक्षण के लिए की गयी पहल विशेषकर सामुदायिक सहभागिता से किए गए प्रयास और उसके परिणाम को खूब सराहा। प्रतिभागियों का मानना है कि यह केवल शासन-प्रशासन की ज़िम्मेदारी नहीं, बल्कि पूरे समाज की ज़िम्मेदारी है कि जल संरक्षण के लिए जागरूक हों और पानी की हर बूँद को बचाने की कोशिश करें। उन्होंने कहा कि गिरते भूजल स्तर, पेड़ों की कटाई, सॉइल इरोशन सब विषयों पर चिंता करते हुये भविष्य के लिए जल और पर्यावरण संरक्षण हेतु वॉटर हार्वेस्टिंग संरचनायें, पौधारोपण की दिशा में काम करना चाहिए। यहाँ जल ओलंपिक में बिलासपुर से आए वेदांत वर्मा ने बताया कि तैराकी उनका शौक़ है, इसलिए जल ओलंपिक में वे हिस्सा ले रहे हैं। उन्होंने कहा कि जल संरक्षण के लिए सभी को आगे आना चाहिए, क्योंकि जल है तो कल है। गौरतलब है कि ज़िला प्रशासन ने जल जगार महा उत्सव में जल ओलंपिक के लिए गंगरेल बांध में प्रतिभागियों के लिए लाइफ जैकेट, मेडिकल किट सहित सुरक्षा के पुख्ता इंतज़ाम किए हैं।

स्कूली बच्चे ग्राम सभा में पारित किए जल और वन संरक्षण के लिए संकल्प को मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने सराहा

रायपुर-   लोगों को जल से जोड़ने एवं सामुदायिक सहभागिता के उद्देश्य गंगरेल जहां दो दिवसीय जल जगार महा उत्सव मनाया गया। वहाँ समुदाय का हर वर्ग इसका अंग बने यह भी कोशिश है । इसी कोशिश का एक हिस्सा है जल सभा। धमतरी शहर से लगभग 14 किलोमीटर की दूरी पर गंगरेल में स्थित रविशंकर जलाशय गंगरेल में जल(डैम) के निकट जल सभा का भी आयोजन किया।

पहले दिन जल सभा का आयोजन गंगरेल रेस्ट हाउस के परिसर में किया गया। इसमें स्कूली बच्चों ने बढ़चढ़कर सहभागिता निभाई थी। जब शाम के वक़्त प्रदेश के मुखिया विष्णु देव साय पहुँचे तब बच्चों ने जीवंत ग्राम सभा का प्रदर्शन किया। बच्चों ने ग्राम सभा में आयोजित होने वाली विभिन्न कार्रवाही के साथ विभिन्न मुद्दों एवं जल संरक्षण के लिए पारित संकल्पों से अवगत कराया।

यह भी बताया कि ग्राम सभा में गाँव में पेयजल और स्वच्छता समिति गठित की गई है और जल वाहिनी दीदियाँ नियुक्त की गयी हैं, जो जल और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं और सुझावों से अवगत कराती हैं। उनके गाँव में गंदे पानी के उपचार के लिए भी कार्रवाही होती है। फ्लोराइडयुक्त पानी वाले हैंडपंप को लाल और आयरन अधिकता वाले हैंडपंप को काले रंग से चिह्नित किया गया है।

ग्राम सभा अध्यक्ष जोकि कक्षा बारहवीं की छात्रा फाल्गुनी साहू बनी थीं, उन्होंने बताया ग्राम सभा में नल मरम्मत का कार्य, स्वच्छता गाड़ी की व्यवस्था, तालाब गहरीकरण एवं वर्षा जल संचयन के लिए संयंत्र स्थापित करने का प्रस्ताव पारित किया गया है। स्कूली बच्चों द्वारा आयोजित ग्राम सभा की कार्रवाही देख मुख्यमंत्री श्री साय ने जल संरक्षण और साफ़ सफ़ाई के प्रति उनकी जागरूकता की सराहना भी की।

दूसरे दिन जल सभा में छत्तीसगढ़ के कॉलेज के स्टूडेंट्स ने जल असेंबली में शामिल होकर अपनी-अपनी भूमिका निभाई। जिसमें जल संरक्षण, पर्यावरण संरक्षण, सदन में मानवीय सभ्यता और संस्कृति में जल की भूमिका, संकट और भविष्य की दिशा पर चर्चा की। पक्ष विपक्ष से चर्चा कर निष्कर्ष निकालने का प्रयास किया गया कि जल संरक्षण, पर्यावरण संरक्षण के लिए लोगों में जागरूकता लायी जाये।

जल सभा में पचास महाविद्यालयीन विद्यार्थियों ने नेताओं की भूमिका अदा करते हुये जल असेंबली का संचालन किया और अध्यक्ष, मुख्यमंत्री, सिंचाई एवं जल मंत्री, वन एवं पर्यावरण मंत्री, स्वास्थ्य मंत्री, आदिवासी मामले का मंत्री, खनन एवं उद्योग मंत्री, कृषि मंत्री, महिला एवं बाल विकास मंत्री, नेता प्रतिपक्ष, विधानसभा सचिव की भूमिका निभायी।

सदन में मानवीय सभ्यता और संस्कृति में जल की भूमिका, संकट और भविष्य की दिशा पर चर्चा कर जल संरक्षण के लिए सामुदायिक सहभागिता पर जोर दिया गया। विपक्ष के सदस्यों से गरमा गरमा बहस के बाद जल संरक्षण के लिए सबकी सहमति भी बनी।यह सदन की सफल कार्रवाही रही भावी पीढ़ी को हरा भरा वन, साफ़ पानी और सुंदर भविष्य देने के लिए।

वन्य जीवों के रहवास के लिए छत्तीसगढ़ के वन क्षेत्र सबसे उपयुक्त: वन मंत्री केदार कश्यप

रायपुर-    वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री केदार कश्यप आज नया रायपुर स्थित ट्रिपल आईटी के सभागार में आयोजित वन्य जीव सप्ताह कार्यक्रम में शामिल हुए। वन विभाग 2-8 अक्टूबर तक मनाए जा रहे ‘‘सह अस्तित्व से वन्य जीव संरक्षण सप्ताह’’ थीम पर आधारित वन्य जीव सप्ताह के तहत राज्य के विभिन्न जिलों में जन जागरूकता को लेकर विविध गतिविधियों का आयोजन किया जा रहा है। राज्य स्तर पर आयोजित विविध गतिविधियों एवं प्रतियोगिताओं के विजेता प्रतिभागियों को पुरस्कृत एवं सम्मानित करने का कार्यक्रम आज वन विभाग द्वारा ट्रिपल आईटी रायपुर के सभागार में आयोजित हुआ।

वन मंत्री केदार कश्यप ने इस मौके पर विजयी प्रतिभागियों को प्रशस्ति पत्र एवं पुरस्कार प्रदान करने के साथ ही उन्हें बधाई और शुभकामनाएं दी। मंत्री श्री कश्यप ने इस मौके पर वन्य जीव सप्ताह अंतर्गत राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित पेंटिंग प्रतियोगिता में पूरे देश में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाली छत्तीसगढ़ की रागिनी ध्रुव को प्रशस्ति पत्र, प्रतीक चिन्ह और पुरस्कार राशि का चेक भेंट कर सम्मानित किया। उन्होंने इस मौके पर उनकी उल्लेखनीय उपलब्धि के लिए बधाई दी। रागिनी ध्रुव अचानक मार्ग टायगर रिजर्व वन क्षेत्र के गांव शिवतराई की रहने वाली हैं।

मंत्री श्री कश्यप ने इस मौके पर अपने उद्बोधन में कहा कि जिस तरह छत्तीसगढ़ राज्य की जलवायु और भौगोलिक स्थिति अन्य स्थानों की तुलना में बेहतर है। हमारा राज्य बाढ़, भूकंप जैसी प्राकृतिक आपदा से सुरक्षित है। यहां के वन क्षेत्र वन्य जीवों के रहवास के लिए बेहद उपयुक्त है। उन्होंने कहा कि प्राचीनकाल से ही हमारे वनवासियों भाईयों का वन्य जीवों से मित्रवत व्यवहार रहा है। उन्होंने कहा कि वर्तमान परिस्थिति में इसमें बदलाव आया है, जिसके चलते यदा-कदा द्वन्द की स्थिति देखने और सुनने को मिलती है। उन्होंने वन्य जीवों की सुरक्षा के लिए वन क्षेत्रों को संरक्षित और संवर्धित करने का आव्हान किया। मंत्री श्री कश्यप ने राज्य में वन एवं पर्यावरण को बेहतर बनाने के लिए वन विभाग एवं छत्तीसगढ़वासियों के संयुक्त प्रयासों की सराहना की। उन्होंने नवा रायपुर स्थित जंगल सफारी में सालभर पूर्व जन्मे 6 शावकों का क्रमशः ज्वाला, पृथ्वी, पंचमुख, मृजराज, केशरी और इन्द्रावती जैसे पौराणिक नाम रखे और कहा कि जंगल सफारी में शेर की संख्या में वृद्धि होना, खुशी की बात है।

इस मौके पर मंत्री श्री कश्यप ने अचानकमार टायगर रिजर्व का लोगो तथा कानन पेंडारी और जंगल सफारी की वार्षिक प्रतिवेदन पुस्तिका का विमोचन किया। कार्यक्रम के प्रारंभ में प्रधान मुख्य वन संरक्षक वन्य प्राणी श्री धम्मशील गनवीर ने वन्य जीव सप्ताह के अंतर्गत आयोजित कार्यक्रमों का प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में वन्य जीवों के संरक्षण की स्थिति में सुधार होने के कारण इनकी संख्या में वृद्धि हुई है। उन्होंने यह भी बताया कि वन विभाग द्वारा बर्ड काउंट इंडिया, कलिंगा यूनिवर्सिटी और पक्षी मित्रों के सहयोग से बर्ड एटलस तैयार किया जा रहा है। 2 अक्टूबर से चल रहे वन्य प्राणी सप्ताह के तहत राजधानी से लेकर जिला मुख्यालयों में जन जागरूकता के लिए निबंध, प्रश्नोत्तरी, भाषण, रंगोली, चित्रकला प्रतियोगिता का आयोजन किया गया।

इस अवसर पर प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं वन बल प्रमुख व्ही. श्रीनिवास राव, वन्य प्राणी प्रधान मुख्य वन संरक्षक सुधीर अग्रवाल, प्रबंध संचालक लघु वनोपज संघ अनिल कुमार साहू, प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं निदेशक राज्य वन अनुसंधान केन्द्र आनंद बाबू, सरपंच ग्राम भेलवाडीह सहदेव कोसरिया, उपरवारा सरपंच गिरधर पटेल, विभागीय अधिकारी-कर्मचारी सहित बड़ी संख्या में ग्रामवासी उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने जवानो की हौसला अफजाई करने के लिए भेजा मंत्रीगणों को

रायपुर-      मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने अपने मंत्रीगणों के हाथों मिठाई भेजकर नक्सल ऑपरेशन में शामिल जवानों की हौसला अफजाई की। उपमुख्यमंत्री व गृह मंत्री विजय शर्मा, कृषि मंत्री रामविचार नेताम और वन मंत्री केदार कश्यप ने दंतेवाड़ा-नारायणपुर की सीमा से लगे थुलथुली क्षेत्र में छत्तीसगढ़ के सबसे बड़े एनकाउंटर को अंजाम देने वाले जांबाज जवानों का मुंह मीठा कराकर उनका हौसला बढ़ाया।

मंत्रीगणों ने दंतेवाड़ा पुलिस लाइन में जवानों से भेंटकर बस्तर में शानदार कार्य के लिए आईजी पी. सुंदरराज, नारायणपुर दंतेवाड़ा एसपी, डीआरजी, एसटीएफ सहित पुलिस के सभी अधिकारियों की प्रशंसा की व एनकाउंटर का नेतृत्व कर रहे एएसपी से उनके अनुभव सुने व डीआरजी के महिला जवानों से भी स्थिति की जानकारी ली।

जवानों से चर्चा करते हुए गृह मंत्री विजय शर्मा ने कहा कि मैं यहां आप सबके पास देश के गृहमंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री विष्णु देव साय का शुभकामना संदेश लेकर आया हूं। मैं मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के द्वारा आप लोगों को शुभकामना स्वरूप भेजी गई मिठाई देने आया हूं। आप सब दंतेश्वरी माई के बेटे और बेटियां हैं और आपने जो कार्य किया है, इसके बाद किसी को कोई संदेह नहीं है कि आपकी भुजाओ की ताकत से बस्तर में मंडराने वाला नक्सली आतंक जल्द ही खत्म होगा। गृह मंत्री ने जवानों को आश्वस्त किया कि सरकार नक्सलवाद को खत्म करने के लिए पूरी तरह से मुस्तैद है। बस्तर में विकास के लिए सरकार कभी किसी चीज की कोई कमी नहीं होने देगी। उन्होंने बस्तर के भटके नौजवानों से अपील की कि वे मुख्यधारा में लौटे। उनके पुनर्वास की व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी।

कृषि मंत्री राम विचार नेताम ने कहा कि प्रदेश व देश के विकास में बाधक किसी भी शक्ति को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। वन मंत्री केदार कश्यप ने कहा की आम बस्तरियों के विकास के लिए राशन दुकान, स्वास्थ्य सुविधाएं, सड़के ,बिजली आदि की व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जा रही है। इससे बस्तर विकास की गति में तेजी से आगे बढ़ेगा। इस अवसर पर पूर्व मंत्री महेश गागड़ा, दंतेवाड़ा विधायक चैतराम अटामी सहित बड़ी संख्या में लोग उपस्थित थे।

जल जगार महा उत्सव और अंतरराष्ट्रीय जल सम्मेलन के समापन कार्यक्रम में शामिल हुए डॉ. रमन सिंह और उप मुख्यमंत्री अरुण साव

रायपुर-    छत्तीसगढ़ विधानसभा के अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह और उप मुख्यमंत्री अरुण साव आज धमतरी के गंगरेल बांध के किनारे आयोजित दो दिवसीय जल जगार महा उत्सव और अंतरराष्ट्रीय जल सम्मेलन के समापन कार्यक्रम में शामिल हुए। लोगों को जल संरक्षण और जल संचय के प्रति जागरूक करने दो दिवसीय जल जगार महा उत्सव के दौरान विभिन्न कार्यक्रमों और गतिविधियों का आयोजन किया गया था। इन गतिविधियों में धमतरी जिले के साथ ही प्रदेशभर के लोगों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। इस मौके पर आयोजित अंतरराष्ट्रीय जल सम्मेलन में चार देशों के प्रतिनिधियों सहित देश के प्रसिद्ध पर्यावरणविदों, जल संरक्षकों, नीति निर्माताओं, विशेषज्ञों और गैर-सरकारी संगठनों ने अपनी बातें रखीं।

छत्तीसगढ़ विधानसभा के अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने जल जगार महा उत्सव के समापन समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि जल की एक-एक बूंद को बचाने की चिंता करने के लिए इस जल जगार महा उत्सव का आयोजन किया गया है। इस दौरान आयोजित विभिन्न गतिविधियों में भारी संख्या में लोगों की भागीदारी को देखकर इसकी सफलता का अंदाजा लगाया जा सकता है। हजारों लोग इनमें भागीदार बन रहे हैं। डॉ. सिंह ने कहा कि पर्यावरण के प्रति यदि हम अभी सचेत नहीं हुए तो भू-जल भी प्रदूषित हो जाएगा। उन्होंने कहा कि देश-विदेश के विशेषज्ञों, सुप्रसिद्ध पर्यावरणविदों और जल के संरक्षण-संवर्धन के लिए जिन लोगों ने अपना जीवन खपा दिया, ऐसे लोगों को धमतरी की धरती पर बुलाकर इस शानदार आयोजन के लिए मैं जिला प्रशासन की पूरी टीम को बधाई देता हूं।

उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि जल संचय और जल संरक्षण पूरी दुनिया में आसन्न जल संकट से निपटने का एकमात्र उपाय है। इसके लिए पूरी दुनिया में चर्चा हो रही है और जरुरी कदम उठाए जा रहे हैं। समाज और आम लोगों को भी इसके लिए आगे आना होगा, तभी हम अपनी जल धरोहरों को बेहतर ढंग से संरक्षित कर पाएंगे। उन्होंने कहा कि यह मेरा सौभाग्य है कि पीएचई और नगरीय प्रशासन मंत्री के रूप में राज्य के ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में लोगों को स्वच्छ और सुरक्षित पेयजल आपूर्ति की महती जिम्मेदारी मेरे विभागों की है। श्री साव ने जल जीवन मिशन, जल शक्ति अभियान, अमृत सरोवर, मिशन अमृत और एक पेड़ मां के नाम जैसे अभियानों का उल्लेख करते हुए कहा कि कि भारत सरकार की अनेक महत्वाकांक्षी कार्यक्रम और अभियान जल और पर्यावरण के संरक्षण-संवर्धन को समर्पित हैं। उन्होंने माता अंगार मोती की पवित्र धरती पर जल जगार महा उत्सव और अंतरराष्ट्रीय जल सम्मेलन के सफल आयोजनों के लिए जिला प्रशासन की पीठ थपथपाई।

जल जगार महा उत्सव और अंतरराष्ट्रीय जल सम्मेलन के समापन कार्यक्रम को सांसद भोजराज नाग और रुपकुमारी चौधरी ने भी संबोधित किया। समापन कार्यक्रम में स्कूली बच्चों ने महा उत्सव के तहत आयोजित जल विधानसभा के अपने अनुभवों को साझा किया। उन्होंने इस दौरान विधानसभा अध्यक्ष, मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष की अपनी भूमिकाओं की झलक भी दिखाई।

अंतरराष्ट्रीय जल सम्मेलन के समापन सत्र मे वनमंडलाधिकारी कृष्णा जाधव ने अपने प्रतिवेदन मे बताया कि दो दिवसीय अंतराष्ट्रीय जल सम्मलेन में देश-विदेश के 150 से ज्यादा प्रतिनिधि, 69 जल विशेषज्ञ और वक्तागण सहित पद्मश्री से सम्मानित तीन पर्यावरणविद शामिल हुए। डेनमार्क, जापान, श्रीलंका और यूनिसेफ़ के प्रतिनिधियों ने भी अपनी भागीदारी दी। उन्होंने कहा कि इस सम्मलेन से जल प्रबंधन और संचयन के क्षेत्र में नया दृष्टिकोण मिला है। निश्चित रूप से इस सम्मलेन से जिले में जल संचय और जल संरक्षण के कार्यों को नई दिशा मिलेगी। श्री जाधव ने कहा कि नारी शक्ति से जल शक्ति तक की सोच ने जल जगार जैसे नवाचारी अभियान को मूर्त रूप दिया। इस अवसर पर कलेक्टर नम्रता गाँधी ने सम्मेलन के निष्कर्षों और सुझावों को अतिथियों को सौंपा। विधायक रोहित साहू और दीपेश साहू तथा पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष नेहरु निषाद भी जल जगार महा उत्सव के समापन कार्यक्रम में शामिल हुए।

सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने 24 वीं राज्यस्तरीय शालेय क्रीड़ा प्रतियोगिता का किया शुभारंभ

रायपुर-      रायपुर सांसद एवं पूर्व शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने रविवार को राजधानी रायपुर के जे.आर.दानी शास. कन्या उत्कृष्ट, हिन्दी माध्यम विद्यालय में 24 वीं राज्यस्तरीय शालेय क्रीड़ा प्रतियोगिता का शुभारंभ किया। 9 अक्टूबर तक चलने वाली इस प्रतियोगिता में 5 संभाग के 1790 प्रतिभागी और 300 कोच तथा मैनेजर हिस्सा लेंगे।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि, पढ़ाई के साथ खेलकूद और अन्य अतिरिक्त पाठ्येतर गतिविधियाँ भी अत्यंत आवश्यक हैं। ये न केवल शारीरिक फिटनेस में मदद करती हैं, बल्कि बच्चों के मानसिक विकास, टीमवर्क, नेतृत्व कौशल और आत्मविश्वास को भी बढ़ाती हैं। इन गतिविधियों से छात्रों का सर्वांगीण विकास होता है और वे तनाव से मुक्त रहते हैं। खेलकूद के माध्यम से अनुशासन, समर्पण और समय प्रबंधन जैसी महत्वपूर्ण जीवन कौशल भी सीखी जा सकती हैं, जो जीवन में सफलता पाने के लिए अत्यंत आवश्यक हैं।

उन्होंने यह भी कहा कि, आज समय बदल चुका है, खेलों के माध्यम से भी करियर बनाया जा सकता है। साथ ही इससे हम अपना अपने स्कूल, शहर और प्रदेश का नाम देश दुनिया में रौशन कर सकते हैं।हाल ही में हुए ओलंपिक और पैरालंपिक खेलों में देश के खिलाड़ियों ने दुनिया को अपनी क्षमता दिखाई साथ ही विजेताओं को पुरुस्कार के रूप में करोड़ों रुपए भी मिले। आप सब भी खेलों के माध्यम से अपना भविष्य बना सकते हैं।

इस अवसर पर खिलाड़ियों के मार्च पास्ट किया और मुख्य अतिथि बृजमोहन अग्रवाल को सलामी दी। श्री अग्रवाल ने भी गुब्बारों को हवा में छोड़कर प्रतियोगिता के विधिवत शुभारंभ की घोषणा की।
इस अवसर पर स्कूली छात्राओं ने रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किए। कार्यक्रम में प्रतिभागियों के साथ ही पार्षद सीमा कंदोई, शिक्षा विभाग के अधिकारी और कर्मचारी उपस्थित रहे।

साय सरकार के दूसरे बजट की सीमा तय, विभाग अपने प्रस्ताव में 8 फीसदी से ज्यादा वृद्धि नहीं कर पाएंगे

रायपुर-    छत्तीसगढ़ के वित्त विभाग ने साय सरकार के दूसरे बजट (2025-26) के लिए सीमा रेखा निर्धारित कर दी है. वित्त सचिव ने सभी विभागों को निर्देश दिया है कि वे चालू वर्ष के बजट से केवल 8% की वृद्धि करते हुए नए प्रावधान भेजें. विभागों की ओर भेजे जाने वाले संबंधित प्रस्तावों के अनुसार अंदाजा लगाया जा सकता है कि आगामी बजट 1.59 लाख करोड़ रुपये का हो सकता है.

उप सचिव वित्त रामेश्वर शर्मा ने सभी अतिरिक्त मुख्य सचिवों, प्रमुख सचिवों और सचिवों को नए प्रस्तावों के संबंध में पत्र भेजा है. पत्र में स्पष्ट किया गया है कि अपरीक्षित नवीन व्यय के रूप में प्रस्ताव यथासंभव बजट में शामिल नहीं किए जाएंगे.

प्रस्तावों के साथ विभागों को योजना का स्वरूप, उद्देश्य का उल्लेख करना होगा. योजनाओं की वित्त पोषण व्यवस्था यथा-भारत सरकार, वित्तीय संस्थाए, विदेशी सहायता, राज्य शासन आदि के संबंध में टीप देनी होगी. जिसमें केंद्र/ एजेंसी का अंश और राज्यांश के अनुपात का स्पष्ट उल्लेख करना होगा. केंद्र प्रवर्तित, केंद्र क्षेत्रीय, विशेष/अतिरिक्त केंद्रीय सहायता योजनाओं का नाम एवं प्रकार केंद्र शासन के स्वीकृति आदेश के अनुरूप ही उल्लेख करना होगा. विशेष रूप से बाह्य सहायता प्राप्त योजनाओं, जिनमें केंद्र प्रायोजित, निगम सहायित और अन्य विदेशी सहायता प्राप्त योजनाएं सम्मिलित हैं, जिनमें अनुदान और ऋण के रूप में प्राप्त राशि को पृथक-पृथक भी बताना होगा. इससे राज्य पर पड़ने वाले ऋण भार का सही आंकलन किया जा सकेगा. केंद्र प्रवर्तित पीएमजीएसवाई, मनरेगा, पीएम आवास आदि में 2024-25 के आधार पर ही केन्द्रांश एवं आनुपातिक राज्यांश का प्रावधान प्रस्तावित किया जाए.

वित्त विभाग की ओर से यह भी कहा गया है कि राज्य शासन द्वारा लगाए गए विभिन्न उपकरों की आय से निर्मित विकास एवं कल्याण निधियों जैसे ग्रामीण विकास निधि, शाला विकास निधि, ऊर्जा विकास निधि, केंद्रीय सड़क निधि आदि से अंतरित राशि व्यय के लिए विभिन्न विभागों के बजट में योजनाओं की निधि में अंतरित की जाने वाली राशि भी कृपया स्पष्ट: दर्शाया जाए. कार्यालय व्यय के अंतर्गत अन्य आकस्मिक व्यय में प्रावधान न्यूनतम और उसके उद्देश्य का कृपया स्पष्ट उल्लेख करें अन्यथा वर्ष 2025-2026 के बजट में यह प्रावधान शून्य कर दिया जाएगा.

बजट में राजस्व व्यय तथा पूंजीगत व्यय का सही वर्गीकरण दर्शाया जाए. वित्त निर्देश 13 मई, 2011 द्वारा नई सेवा/सेवा के नए साधन की वित्तीय सीमा के व्यय के नवीन मदों/सेवाओं की परिभाषा, वित्तीय सीमा को ध्यान में रखते हुए समस्त नवीन व्यय के प्रस्तावों को पूर्ण औचित्य सहित पृथक से नस्ती में वित्त विभाग की सहमति के लिए प्रस्तुत किया जाए. नवीन व्यय के मद को बजट प्रस्ताव में पृथक से भेजा जाए. वर्ष 2024-2025 के पुनरीक्षित अनुमान के आकलन के लिए विगत 12 माह का वास्तविक व्यय आवश्यक है. पिछले दो वर्ष के पुनरीक्षित अनुमान के आधार पर ही वर्ष 2025-2026 का बजट अधिकतम 08 प्रतिशत वृद्धि करते हुए तैयार किया जाए. राजस्व प्राप्ति और पूंजीगत व्यय के प्रावधानों में चालू वर्ष के अनुमान तथा पुनरीक्षित अनुमानों के बीच तथा पुनरीक्षित अनुमान तथा आगामी वर्ष के अनुमान के बीच उल्लेखनीय अंतर को संक्षेप में स्पष्ट करते हुए टीप दी जाए.

वेतन भत्तों के अंतर्गत त्यौहार अग्रिम एवं चिकित्सा अग्रिम के अनुमानों का प्रस्ताव निवल के आधार पर सम्मिलित किया जाए. वर्ष 2024-25 के पुनरीक्षित अनुमान में मद 003 महंगाई भत्ते में 001-वेतन के अन्तर्गत प्रावधानित राशि का 50 प्रतिशत 01-वेतन के अन्तर्गत तथा वर्ष 2025 के लिए -58 प्रतिशत अनुमानित प्रावधान बजट अनुमान 2026 में रखा जाए.