सरायकेला : शारदीय नवरात्रि पर चौका में देवी के नौ रूपों की भव्य प्रतिमा स्थापित की गई है. शुक्रवार को देवी के दूसरे स्वरूप मां ब्रह्मचारिणी की..
सरायकेला : जिला के ईचागढ़ विधान सभा क्षेत्र में शारदीय नवरात्रि पर मनाया जाने वाला दुर्गोत्सव हर्षोल्लास के साथ शुरू हो गया ।नवरात्रि के पहले दिन प्रतिपदा के पावन अवसर पर गुरुवार को विभिन्न स्थानों में देवी की प्रतिमा और कलश स्थापित कर शक्ति की आराधना शुरू की गई. कई भक्तों ने अपने घर में कलश स्थापित कर देवी महाशक्ति की आराधना शुरू की है ।

कई स्थानाें में चंडीपाठ भी प्रारंभ किया गया है. वहीं कई स्थानों पर महाषष्ठी के पावन अवसर पर बेलवरण के साथ देवी का आवाहन किया जाएगा. महासप्तमी के दिन कलश यात्रा निकालकर दुर्गोत्सव मनाया जाएगा. दुर्गोत्सव को लेकर पूरे क्षेत्र में उत्साह का माहौल है. शारदीय नवरात्रि पर चौका में देवी के नौ रूपों की भव्य प्रतिमा स्थापित की गई है. शुक्रवार को देवी के दूसरे स्वरूप मां ब्रह्मचारिणी की कलश यात्रा निकालकर पूजा-अर्चना की जाएगी. चौका में सजा मां का दरबार शारदीय नवरात्रि के पहले दिन चौका में सार्वजनिक श्रीश्री नवदुर्गा पूजा समिति की ओर से शुभ मुहूर्त पर कलश यात्रा निकाली गई. इसके बाद नवदुर्गा मंदिर में घट का विधि विधान से स्थापना कर मां दुर्गा के प्रथम स्वरूप शैलपुत्री की पूजा-अर्चना श्रद्धा व भक्तिभाव से की गई।


इसके साथ ही मंदिर में चंडीपाठ भी शुरू हुआ. देवी के दर्शन-पूजन के लिए पहले दिन बड़ी संख्या में श्रद्धालु नव दुर्गा मंदिर पहुंचे. श्रद्धालुओं में महिलाओं की संख्या अधिक थी. चौका में भक्तों ने देवी की पूजा-अर्चना के बाद मां का जयकारा लगाया. पूजा-अर्चना के बाद माता की आरती की गई. दोपहर में मंदिर परिसर में श्रीराम कथा पर प्रवचन शुरू हुआ, जो सात दिनों तक चलेगा. पंडित शक्तिपद चटर्जी व अविनाश चटर्जी श्रद्धालुओं को श्रीराम कथा सुनाएंगे. नवरात्र के अवसर पर मंदिर और पूरे परिसर में भव्य सजावट की गई है ।
सरायकेला : भाजपा में शामिल होंगे । पप्पू और। राकेश बर्मा दोनो भाई इसका भाजपा जिलाध्यक्ष ने बताया कि।
सरायकेला : चांडिल के निवासी पप्पू वर्मा और उनके बड़े भाई राकेश वर्मा ने झामुमो में 26 वर्ष तक राजनीतिक सफर तय करने के बाद भाजपा में शामिल होने का फैसला किया है। यह घोषणा चांडिल में आयोजित प्रेसवार्ता में भाजपा जिलाध्यक्ष उदय सिंहदेव ने की। उन्होंने कहा कि वर्मा भाइयों के भाजपा में आने से संगठन और मजबूत होगा ।

भाजपा जिलाध्यक्ष ने बताया कि चार अक्तूबर को चांडिल एनएच-32 बाइपास स्थित भालुकोचा में आयोजित सभा में प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी, पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन, पूर्व केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा एवं झारखंड विस में प्रतिपक्ष के नेता अमर बाउरी की उपस्थिति में पप्पू वर्मा एवं राकेश वर्मा भाजपा में शामिल होंगे।


इस अवसर पर जिला प्रभारी केके गुप्ता, राकेश वर्मा, पप्पू वर्मा एवं दिवाकर सिंह उपस्थित थे। पप्पू वर्मा ने कहा कि उन्होंने भाजपा के राष्ट्रवाद से प्रेरित होकर यह फैसला लिया है। उनके इस फैसले से भाजपा को मजबूती मिलने की उम्मीद है।
शारदीय नवरात्र आज से होंगे शुरू ।
हिंदू धर्म में चार नवरात्रि मनाई जाती है, जिसमें से दो गुप्त नवरात्रि होती है। बाकी की दो चैत्र और आश्विन माह में मनाई जाती है। आश्विन माह में आने वाली नवरात्रि को शारदीय नवरात्रि कहा जाता है। इसकी शुरूआत हर साल आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा (पहले दिन) से होती है, जो नवमी तिथि पर समाप्त होती है। पंचांग के अनुसार इस वर्ष 3 अक्तूबर 2024, गुरुवार से शारदीय नवरात्रि आरंभ हो रही है, जो 11 अक्तूबर 2024 को समाप्त होगी। वहीं 12 अक्तूबर को दुर्गा विसर्जन होगा। इस दौरान मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है, और उन्हें कई प्रकार के भोग लगाए जाते हैं। नवरात्रि में दिन के अनुसार देवी की अर्चना की जाती है, जिसमें पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा की होती है। इस दौरान भक्तजन विधि विधान से आराधना करते हैं, और उपवास रखते हैं।

शारदीय नवरात्र की तिथि और शुभ मुहूर्त ।

हिंदू पंचांग के अनुसार, शारदीय नवरात्रि का त्योहार हर साल अश्विन माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को मनाया जाता है। शारदीय नवरात्रि के दसवें दिन दशहरा मनाया जाता है। इस पर्व की तारीखें हर साल बदलती हैं, क्योंकि हिन्दू पंचांग के अनुसार तारीखें निर्धारित होती हैं। यह त्योहार आमतौर पर सितंबर या अक्टूबर के महीने में ही मनाया जाता है। इस साल शारदीय नवरात्रि 03 अक्टूबर से 12 अक्टूबर 2024 तक मनाया जाएगा।

नवरात्र पर कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त ।

।शारदीय नवरात्रि कलश स्थापना मुहूर्तः 3 अक्टूबर सुबह 6.19 से 7.23 बजे तक (कुल 1 घंटा 4 मिनट) घटस्थापना अभिजित मुहूर्त 3 अक्टूबर सुबह 11.52 बजे से 12.39 बजे तक शारदीय नवरात्र की तिथियां  पंचांग के अनुसार इस साल आश्विन मास की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि का आरंभ 3 अक्तूबर 2024 को सुबह 12 बजकर 19 मिनट से हो रहा है। इसका समापन 4 अक्टूबर को सुबह 2 बजकर 58 मिनट पर होगा। उदया तिथि के मुताबिक शारदीय नवरात्रि का पहला दिन 3 अक्टूबर 2024 को होगा, और इस दिन से ही नवरात्रि की शुरूआत होगी। दूसरा दिन- मां ब्रह्मचारिणी की पूजा – 4 अक्तूबर तीसरा दिन- मां चंद्रघंटा की पूजा – 5 अक्तूबर चौथा दिन- मां कूष्मांडा की पूजा – 6 अक्तूबर पांचवां दिन- मां स्कंदमाता की पूजा – 7 अक्तूबर छठा दिन- मां कात्यायनी की पूजा – 8 अक्तूबर सातवां दिन- मां कालरात्रि की पूजा – 9 अक्तूबर आठवां दिन- मां सिद्धिदात्री की पूजा – 10 अक्तूबर नौवां दिन- मां महागौरी की पूजा – 11 अक्तूबर विजयदशमी – 12 अक्टूबर 2024, दुर्गा विसर्जन शारदीय नवरात्र का महत्व

शारदीय नवरात्रि को महानवरात्रि या अश्विन नवरात्रि के रूप में भी जाना जाता है। शास्त्रों के अनुसार, जब भगवान राम, माता सीता और अपने भाई लक्ष्मण के साथ 14 साल के लिए वनवास गए थे, तो वहां रावण ने धोखे से माता सीता का हरण कर लिया था। इसके बाद भगवान राम ने माता सीता की रक्षा के लिए रावण से युद्ध किया और उस पर विजय प्राप्त की। तभी से इस दिन को बुराई पर अच्छाई की जीत के रूप में मनाया जाने लगा। इसके पीछे एक और पौराणिक कथा भी मौजूद है। जिसके अनुसार, मां दुर्गा ने नौ दिनों तक दुष्ट राक्षस महिसासुर से युद्ध किया था और दसवें दिन उसे पराजित किया था। इसलिए लगातार नौ दिनों तक भक्त माता की उपासना करते हैं और उन्हें प्रसन्न करने का प्रयास करते हैं। ऐसी मान्यता है कि इस समय पूरी श्रद्धा से मां दुर्गा की पूजा करने से आपके सभी कष्ट दूर हो सकते हैं और आप एक समृद्ध जीवन की शुरुआत कर सकते हैं। इस बार मां दुर्गा की क्या है सवारी? ======================== इस वर्ष मां हाथी पर सवार होकर आ रही हैं ऐसे में इस बात के प्रबल संकेत मिल रहे हैं कि, इससे सर्वत्र सुख संपन्नता बढ़ेगी। इसके साथ ही देश भर में शांति के लिए किए जा रहे प्रयासों में सफलता मिलेगी। यानी कि पूरे देश के लिए यह नवरात्रि शुभ साबित होने वाली है।


घटस्थापना या कलशस्थापना के लिए आवश्यक सामग्री सप्त धान्य (7 तरह के अनाज), मिट्टी का एक बर्तन, मिट्टी, कलश, गंगाजल (उपलब्ध न हो तो सादा जल), पत्ते (आम या अशोक के), सुपारी, जटा वाला नारियल, अक्षत, लाल वस्त्र, पुष्प।


नवरात्र के नौ दिन किस रंग के कपड़े पहनें ?
नवरात्रि के त्योहार में रंगों का भी विशेष महत्व होता है। इन नौ दिनों के लिए नौ अलग-अलग रंगों को चुना जाता है। अगर आप नौ दिनों तक इन रंगों को पहनते हैं और देवी मां की पूजा करते हैं तो यह आपको बेहद शुभ परिणाम देता है। आइए जानते हैं किस दिन कौन-सा रंग आपके लिए शुभ होगा? पहले दिन- साल 2024 में नवरात्रि के पहले दिन आपको नारंगी रंग के कपड़े पहनने चाहिए। नारंगी रंग को पहन कर पूजा करने से आपको बहुत सकारात्मक महसूस होगा। दूसरे दिन- इस दिन सफ़ेद रंग के वस्त्र धारण करें। यह रंग आपको आत्मशांति और बेहतर महसूस करवाने में सहयोग करेगा। तीसरे दिन- नवरात्रि के तीसरे दिन लाल रंग को दिनचर्या में जरूर शामिल करें। आप इस रंग का प्रयोग माता की पूजा के लिए भी कर सकते हैं क्योंकि लाल रंग माता को अतिप्रिय होता है। चौथे दिन- गहरा नीला रंग नवरात्रि के चौथे दिन सबसे शुभ रहेगा। नीला रंग समृद्धि और शान्ति लाता है। इस रंग के वस्त्र पहनें और माता का ध्यान करें। पांचवे दिन- पीले रंग के कपड़े पहनने से आप खुश और सकारात्मक महसूस कर सकते हैं। पीला एक नर्म और मन को खुशी देने वाला रंग है। यह आपका दिन अच्छा बनाएगा। छठवें दिन- नवरात्रि के छठवें दिन हरा रंग पहनें। हरा रंग प्रकृति से जुड़ा होता है, यह सभी चीज़ों के फलदायी, शांतिपूर्ण और स्थिर होने का संकेत देता है। देवी की प्रार्थना करते समय हरा रंग पहनना, आपको शांति महसूस करवा सकता है। सातवें दिन- इस दिन स्लेटी रंग पहनें। यह आपकी सोच को संतुलित करने में मदद करेगा। इसकी ऊर्जा से आप अधिक व्यावहारिक हो सकते हैं। आठवें दिन- नवदुर्गा पूजा के दौरान आठवें दिन बैंगनी रंग का उपयोग करें। इससे आपको समृद्धि और सफलता प्राप्त हो सकती है। इसलिए, अगर आप देवी मां का आशीर्वाद चाहते हैं, तो यह रंग अवश्य चुनें। नौवें दिन- नवरात्रि के नौवें दिन आपको मोर वाला हरा रंग पहनना चाहिए। यह हरे और नीले रंग से मिलकर बनता है। यह रंग समृद्धि से जुड़ा होता है।


शारदीय नवरात्र में घटस्थापना की विधि । नवरात्रि के पहले दिन व्रती द्वारा व्रत का संकल्प लिया जाता है। इस दिन लोग अपने सामर्थ्य अनुसार 2, 3 या पूरे 9 दिन का उपवास रखने का संकल्प लेते हैं। संकल्प लेने के बाद मिट्टी की वेदी में जौ बोया जाता है और इस वेदी को कलश पर स्थापित किया जाता है। हिन्दू धर्म में किसी भी मांगलिक काम से पहले भगवान गणेश की पूजा का विधान बताया गया है और कलश को भगवान गणेश का रूप माना जाता है इसलिए इस परंपरा का निर्वाह किया जाता है। कलश को गंगाजल से साफ की गई जगह पर रख दें। इसके बाद देवी-देवताओं का आवाहन करें। कलश में सात तरह के अनाज, कुछ सिक्के और मिट्टी भी रखकर कलश को पांच तरह के पत्तों से सजा लें। इस कलश पर कुल देवी की तस्वीर स्थापित करें। दुर्गा सप्तशती का पाठ करें इस दौरान अखंड ज्योति अवश्य प्रज्वलित करें। अंत में देवी मां की आरती करें और प्रसाद को सभी लोगों में बाट दें।
जिला के नारायण आईटीआई लुपुंगडीह परिसर में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी एवं पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री जी की जयंती मनाई गई एवं उनके तस्व
सरायकेला : जिला के नारायण आईटीआई लुपुंगडीह परिसर में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी एवं पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री जी की जयंती मनाई गई एवं उनके तस्वीर पर श्रद्धा सुमन अर्पित किया गया और स्वच्छ पखवाड़ा का समापन किया गया। इस अवसर नारायण आईटीआई लुपुंगडीह चांडिल में चित्रकला का आयोजन किया गया ।जिसमे बहुत सारे विद्यार्थियों ने भाग लिया संस्थापक डॉक्टर जटाशंकर पांडेजी ने कहा मोहनदास करमचन्द गांधी जन्म: 2 अक्टूबर 1869 - निधन: 30 जनवरी 1948 जिन्हें महात्मा गांधी के नाम से भी जाना जाता है भारत एवं भारतीय स्वतन्त्रता आन्दोलन के एक प्रमुख राजनैतिक एवं आध्यात्मिक नेता थे। वे सत्याग्रह (व्यापक सविनय अवज्ञा) के माध्यम से अत्याचार के प्रतिकार करने के समर्थक अग्रणी नेता थे, उनकी इस अवधारणा की नींव सम्पूर्ण अहिंसा के सिद्धान्त पर रखी गयी थी जिसने भारत सहित पूरे विश्व में जनता के नागरिक अधिकारों एवं स्वतन्त्रता के प्रति आन्दोलन के लिये प्रेरित किया। संसार में साधारण जनता महात्मा गांधी के नाम से जानती है। संस्कृत भाषा में महात्मा अथवा 'महान आत्मा' एक सम्मान सूचक शब्द है। गांधी को महात्मा के नाम से सबसे पहले 1915 में राजवैद्य जीवराम कालिदास ने संबोधित किया था। एक अन्य मत के अनुसार स्वामी श्रद्धानन्द ने 1915 मे महात्मा की उपाधि दी थी। तीसरा मत ये है कि रवीन्द्रनाथ ठाकुर ने 12 अप्रैल 1919 को अपने एक लेख मे उन्हें महात्मा कहकर सम्बोधित किया था।उन्हें बापू (गुजराती भाषा में બાપુ बापू अर्थात् पिता) के नाम से भी स्मरण किया जाता है। एक मत के अनुसार गांधीजी को बापू सम्बोधित करने वाले प्रथम व्यक्ति उनके साबरमती आश्रम के शिष्य थे सुभाष चन्द्र बोस ने 6 जुलाई 1944 को रंगून रेडियो से गांधी जी के नाम जारी प्रसारण में उन्हें राष्ट्रपिता कहकर सम्बोधित करते हुए आज़ाद हिन्द फौज के सैनिकों के लिये उनका आशीर्वाद और शुभकामनाएँ माँगीं थीं। प्रति वर्ष 2 अक्टूबर को उनका जन्म दिन भारत में गांधी जयन्ती के रूप में और पूरे विश्व में अन्तरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस के रूप में मनाया जाता है।लाल बहादुर शास्त्री भारत के दूसरे प्रधानमन्त्री थे। वह 9 जून 1964 से 11 जनवरी 1966 को अपनी मृत्यु तक लगभग अठारह महीने भारत के प्रधानमन्त्री रहे। इस प्रमुख पद पर उनका कार्यकाल अद्वितीय रहा। शास्त्री जी ने काशी विद्यापीठ से शास्त्री की उपाधि प्राप्त की। भारत की स्वतन्त्रता के पश्चात शास्त्रीजी को उत्तर प्रदेश के संसदीय सचिव के रूप में नियुक्त किया गया था। गोविंद बल्लभ पंत के मन्त्रिमण्डल में उन्हें पुलिस एवं परिवहन मन्त्रालय सौंपा गया। परिवहन मन्त्री के कार्यकाल में उन्होंने प्रथम बार महिला संवाहकों (कण्डक्टर्स) की नियुक्ति की थी। पुलिस मंत्री होने के बाद उन्होंने भीड़ को नियन्त्रण में रखने के लिये लाठी की जगह पानी की बौछार का प्रयोग प्रारम्भ कराया। 1951 में, जवाहरलाल नेहरू के नेतृत्व में वह अखिल भारत कांग्रेस कमेटी के महासचिव नियुक्त किये गये। उन्होंने 1952, 1957 व 1962 के चुनावों में कांग्रेस पार्टी को भारी बहुमत से जिताने के लिये बहुत परिश्रम किया। जवाहरलाल नेहरू का उनके प्रधानमन्त्री के कार्यकाल के दौरान 27 मई, 1964 को देहावसान हो जाने के बाद साफ सुथरी छवि के कारण शास्त्रीजी को 1964 में देश का प्रधानमन्त्री बनाया गया। उन्होंने 9 जून 1964 को भारत के प्रधानमंत्री का पद भार ग्रहण किया। उनके कार्यकाल में 1965 का भारत पाक युद्ध शुरू हो गया। इससे तीन वर्ष पूर्व चीन का युद्ध भारत हार चुका था। शास्त्रीजी ने अप्रत्याशित रूप से हुए इस युद्ध में राष्ट्र को उत्तम नेतृत्व प्रदान किया और पाकिस्तान को करारी शिकस्त दी। इसकी कल्पना पाकिस्तान ने कभी सपने में भी नहीं की थी। ताशकंद में पाकिस्तान के प्रधानमन्त्री अयूब खान के साथ युद्ध समाप्त करने के समझौते पर हस्ताक्षर करने के बाद 11 जनवरी 1966 की रात में ही रहस्यमय परिस्थितियों में उनकी मृत्यु हो गयी। उनकी सादगी, देशभक्ति और ईमानदारी के लिये मरणोपरान्त भारत रत्‍न से सम्मानित किया गया लाल बहादुर शास्त्री एक महान व्यक्ति थे । मुख्य रूप से मौजूद रहे ऐडवोकेट निखिल कुमार, सुधिस्त कुमार,शांति राम महतो , जॉयदीप पाण्डेय,पवन कुमार महतो, गौरव महतो,अजय मंडल , कृष्ण पद महतो, शशि भूषण महतो, आदि उपस्थित रहे
सरायकेला : इस बार बदलेगा ईचागढ़ ,देखने लगी ग्रामीणों चाहत, परिवर्तन का दौड़ने लगा लहर। स्थानीय विधायक की हो रहे मांगे। सुखराम हेंब्रम....
सरायकेला : जिला के  ईचागढ़ विधानसभा क्षेत्र में सुखराम हेम्ब्रम ने महात्मा गांधी जयंती के अवसर पर जनसंपर्क अभियान चलाया। उन्होंने नीमडीह, कुकड़ू प्रखंड, झिमड़ी, माहलीडीह, रुपड़ु और अन्य गांवों में लोगों से विचार-विमर्श किया और विधानसभा चुनाव के लिए समर्थन मांगा। लोगों ने उनका फूल वर्षा कर स्वागत किया और अपनी समस्याओं के बारे में बताया। सुखराम हेम्ब्रम ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि इस बार ईचागढ़ विधानसभा चुनाव में बदलाव लाने की जरूरत है। उनके अभियान को लोगों का अपार समर्थन मिल रहा है।
सरायकेला : विधायक सविता महतो ने झारखंड आंदोलनकारियों के बीच किया प्रमाण पत्र का वितरण ।...
रायकेला : गांधी जयंती पर विधायक ने महात्मा गांधी के चित्र पर माल्यार्पण कर किया श्रद्धांजलि अर्पित झारखंड आंदोलनकारी आयोग द्वारा चिन्हित ईचागढ़ विधानसभा क्षेत्र के झारखंड आंदोलनकारियों के बीच चांडिल व ईचागढ़ प्रखंड सभागार में बुधवार को विधायक सविता महतो ने प्रमाण पत्र का वितरण किया।


गांधी जयंती के अवसर पर महात्मा गांधी के चित्र पर माल्यार्पण कर आंदोलनकारीयों के बीच प्रमाण पत्र वितरण कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। ईचागढ़ प्रखंड सभागार में आयोग द्वारा चिन्हित कुल 70 आंदोलनकारियों को प्रमाण पत्र दिया गया, वहीं कुकड़ु प्रखंड के 134 आंदोलनकारियों व चांडिल मे 76 आंदोलनकारियों को प्रमाण पत्र दिया गया। वहीं विधायक सविता महतो ने कहा कि झारखंड अलग राज्य हुए इतने दिनों के बाद हेमंत सोरेन की सरकार ने अलग राज्य के लिए आंदोलन कर चुके आंदोलनकारियों को चिन्हित कर प्रमाण पत्र देने का काम किया। उन्होंने कहा कि झामुमो गठबंधन कि सरकार प्रमाण पत्र देकर सम्मान दिया है और आंदोलनकारियों को पैंशन आदि देने के लिए भी सरकार काम कर रही है। उन्होंने कहा कि कुछ लोगों का नाम किसी कारण से छुट गया है, वैसे छुटे हुए आंदोलनकारियों का नाम जोड़ने के लिए आयोग के चैयरमेन से बात किया जाएगा। कार्यक्रम में आंदोलनकारी अधिवक्ता महेंद्र कुमार महतो, राम प्रसाद महतो, सहित कईयों ने संबोधित करते हुए झारखंड सरकार की इस कार्य का सराहना करते हुए धन्यवाद दिया।


इस मौके पर जिला परिषद सदस्य जोतिलाल मांझी, पिंकी लायेक, प्रमुख गुरूपद मार्डी, अंचलाधिकारी दीपक प्रसाद, झामुमो केन्द्रीय सदस्य गुरुचरण किस्कु, काबलू महतो, झामुमो नेता ओम प्रकाश लायेक, विधायक के बेटी स्नेहा महतो, समाजसेवी भूषण चन्द्र मुर्मू, सुभाष दत्ता, कृष्णा किशोर महतो, नीताई उरांव, समर भुईया, सुर्जन स्वासी, सपन सिंगदेव, आदि उपस्थित थे।
सरायकेला-खरसावां जिला पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर पुलिस की कार्रवाई निरंतर जारी रहेगा. उन्होंने कहा कि क्षेत्र में अपराध पर नियंत्रण और अवैध कार
सरायकेला :    झारखंड विधानसभा आम चुनाव 2024 और शारदीय नवरात्रि पर आयोजित होने वाले दुर्गोत्सव के मद्देनजर चांडिल थाना की पुलिस ने अवैध विदेशी शराब की खरीद बिक्री, नकली शराब बनाने और महुआ शराब चुलाई के विरुद्ध लगातार अभियान चला रही है । इस दौरान पुलिस को सफलता भी हाथ लग रही है. मंगलवार की रात चांडिल थाना की पुलिस ने रामगढ़ स्थित नदी किनारे छापामारी अभियान चलाया. अवैध शराब के विरुद्ध छापामारी के क्रम में पुलिस ने एक अवैध शराब भट्ठी को नष्ट कर दिया. भट्ठी में बन रहे महुआ शराब को नष्ट करते हुए करीब पांच क्विंटल जावा महुआ को भी नष्ट किया गया. पुलिस दल ने शराब बनाने में प्रयुक्त होने वाले सामग्रियों को भी तोड़कर बर्बाद कर दिया

नहीं हुई किसी की  गिरफ्तारी

इस संबंध में चांडिल थाना प्रभारी वरूण यादव ने बताया कि छापामारी अभियान के दौरान किसी की भी गिरफ्तारी नहीं हो सकी है. आशंका जताई जा रही है कि छापामारी की भनक लगते ही अवैध शराब भट्टी से संचालक और कर्मी भाग गए. उन्होंने कहा कि संचालक के बारे में पता जगाया जा रहा है. पुख्ता जानकारी मिलते ही भट्टी संचालक के विरूद्ध कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने कहा कि अवैध व नकली शराब के खिलाफ पुलिस का अभियान जारी रहेगा. सरायकेला-खरसावां जिला पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर पुलिस की कार्रवाई निरंतर जारी रहेगा. उन्होंने कहा कि क्षेत्र में अपराध पर नियंत्रण और अवैध कारोबार के विरूद्ध कार्रवाई में किसी प्रकार का समझौता नहीं किया जाएगा ।

सरायकेला :नीमडीह में 70 झारखंड आंदोलनकारियों को दिया गया प्रमाण पत्र ।...
सरायकेला  : बुधवार को गांधी जयंती के अवसर पर नीमडीह प्रखंड सभागार में महात्मा गांधी के प्रतिमा पर माल्यार्पण कर झारखंड आंदोलनकारी सम्मान समारोह आयोजित की गई। इस अवसर पर प्रखंड के 70 झारखंड आंदोलनकारियों को प्रमाण पत्र दिया गया। इस अवसर पर प्रमुख फुलमनी माझी ने कहा कि हेमंत सोरेन सरकार राज्य के झारखंड आंदोलनकारी, 18 से 50 वर्ष के माता बहन, जल सहिया आदि को विशेष सम्मान देने का काम किया। हेमंत सोरेन के नेतृत्व में सरकार द्वारा गांव के अंतिम व्यक्ति को भी सम्मान देने का काम किया जा रहा है। 18 साल के शासन काल में भाजपा सरकार ने आंदोलनकारियों को चिन्हित करना भी उचित नहीं समझा था, और न ही उन्हें सम्मान देने की बात कही। बीस सूत्री प्रखंड अध्यक्ष हरेकृष्ण सिंह सरदार ने कहा कि जो लोग अलग राज्य गठन के मांग के आंदोलन में अनेक यातनाएं सहन किया झारखंड मुक्ति मोर्चा उन लोगों को सम्मान देने के लिए हमेशा आगे रहेगी। उन्होंने कहा कि गांव - टोला से आंदोलनकारियों को चिन्हित करने का कार्य किया जा रहा है। भविष्य में एक एक आंदोलनकारी को खोज कर सम्मान दिया जायेगा। उन्होंने कहा कि झामुमो हमेशा लोगों के अधिकार के लिए आंदोलन किया और आज भी समाज के अंतिम व्यक्ति को हक दिलाने के लिए प्रयासरत है।
सरायकेला: आद्रा मंडल द्वारा राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती एवं स्वच्छ भारत अभियान की 10वीं वर्षगांठ धूमधाम से मनाई गई।...
सरायकेला: आद्रा मंडल द्वारा राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती एवं स्वच्छ भारत अभियान की 10वीं वर्षगांठ धूमधाम से मनाई गई। इस अवसर पर स्वच्छता ही सेवा- 2024, जिसका मुख्य विषय "स्वभाव स्वच्छता, संस्कार स्वच्छता" रहा। इस विशेष मौके पर स्वच्छता से जुड़े विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। सर्वप्रथम मंडल रेल प्रबंधक कार्यालय में आयोजित मुख्य कार्यक्रम से हुई, जहां रघुनाथपुर के विधायक, श्री विवेकानंद बाउरी, तथा आद्रा मंडल के मंडल रेल प्रबंधक (डीआरएम), श्री सुमित नरूला की अध्यक्षता में महात्मा गांधी की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर राष्ट्रपिता को श्रद्धांजलि अर्पित की गई। इस अवसर पर मंडल के विभिन्न विभागों के अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने भी महात्मा गांधी की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। इसके पश्चात, मंडल रेल प्रबंधक श्री सुमित नरूला ने आद्रा स्टेशन और डीआरएम कार्यालय परिसर का निरीक्षण किया, जहां उन्होंने स्वच्छता के महत्व पर प्रकाश डालते हुए सभी को स्वच्छता बनाए रखने के लिए प्रेरित किया। महात्मा गांधी जयंती के उपलक्ष्य पर माननीय सांसद, पुरुलिया, श्री ज्योतिर्मय सिंह महतो की उपस्थिति में पुरुलिया स्टेशन पर वृक्षारोपण और स्वच्छता कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें स्टेशन के विभिन्न रेल अधिकारियों, कर्मचारियों, और स्थानीय लोगों ने सक्रिय रूप से भाग लिया। आद्रा मंडल के विभिन्न स्टेशनों, रेलवे आवासीय परिसरों, डिविजनल रेलवे हॉस्पिटल (DRH), आद्रा, मंडल की अन्य स्वास्थ्य इकाइयों, रेलवे विद्यालयों और रेलवे सुरक्षा बल बैरकों में गहन सफाई अभियान चलाया गया। इसके साथ ही प्रभात फेरी, नुक्कड़ नाटक, मानव श्रृंखला, स्वच्छता जागरूकता सेमिनार, विभिन्न प्रतियोगिताओं और सर्व धर्म प्रार्थना सभा का आयोजन किया गया।इन कार्यक्रमों में मंडल के विभिन्न अधिकारियों, कर्मचारियों, विद्यालयों और कॉलेजों के शिक्षक एवं छात्र-छात्राओं ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया और श्रमदान किया। सभी ने स्वच्छता की शपथ ली और आयोजित सेमिनारों में भाग लिया। इसके अलावा, जागरूकता पोस्टर, नुक्कड़ नाटक और मानव श्रृंखला के माध्यम से यात्रियों को स्वच्छता का महत्व समझाया गया। यात्रियों से यह अपील की गई कि वे अपने जीवन में स्वच्छता को अपनाएं और अपने आसपास के वातावरण को स्वच्छ बनाए रखें।
सरायकेला : बीते 15 दिनों से लगातार बामनी नदी तट पर हो रहा था जल तर्पण। शास्त्रों में आश्विन मास में पितरों के मोक्ष प्राप्ति के निमित्त गंगा जल
रायकेला : हिंदू धर्म शास्त्रों में पर पूर्वजों के मृत आत्मा की शांति व उनके मोक्ष प्राप्ति के लिए परिवार के लोगों द्वारा आश्विन मास में जल तर्पण की महत्ता वर्णित है। हालांकि लोग नदी व तालाब के तट पर भी पितरों के निमित्त जल तर्पण कर सकते हैं लेकिन गंगा तट पर जल तर्पण की विशेष महत्व बताई गई है यह जल तर्पण आश्विन मास के कृष्णपक्ष प्रतिपदा से अमावस्या तक पंन्द्रह दिनों तक किया जाता है। आज आश्विन मास कृष्ण पक्ष को पन्द्रहवें दिन जल तर्पण करने का कार्य समाप्त हो गया। इसके लिए रोज की तरह आज सुबह से ही लोगों की भारी भीड़ बामनी नदी तट पर हर समुदाय के लोग अपने-अपने पितरों की शांति वह मोक्ष की कामना लेकर पंडितों द्वारा बताए गए वैदिक रीति रिवाज से पिंड के साथ जल तर्पण किया। चांडिल अनुमंडल के निवासी कर्मकांड भटचार्ज द्वारा 17 वर्षो से चांडिल अनुमंडल क्षेत्र के लोगो को तर्पण कराया जा रहा ।वही स्थानीय लोगो को आपने पूर्वजों के लिए तर्पण करने लिए गया धाम नही जाना पड़ता था । श्राद्ध कर्म में, तर्पण विधि का विशेष महत्व होता है। क्योंकि , तर्पण के माध्यम से पितरों को जल और आहार अर्पित किया जाता है। तर्पण संस्कार से, पूर्वजों की आत्मा को शांति और संतोष प्राप्त होता है। तर्पण विधि को सही ढंग से और शास्त्रों के अनुसार करना आवश्यक होता है। मौके पर पंडित जयदेव बनर्जी ने बताया कि आश्विन् मास कृष्ण पक्ष में पितर लोग जल में निवास करते हैं। शास्त्रों में ऐसा उल्लेख है। किसी भी व्यक्ति द्वारा पितरों की मृत्यु की तिथि के दिन जल तर्पण करने से उनके पितरों की आत्मा को शांति मिलती है और इससे परिवार में सुख समृद्धि बढ़ती है। इसलिए आश्विन् मास में पितरों के प्रति जल तर्पण अवश्य करना चाहिए।"ओम् देवताभ्यः पितृभ्यश्च महायोगिभ्य एव च। नमः स्वधायै स्वधाभ्यो नमो नमः।।