मुलेठी के सेवन से पाएँ इम्युनिटी और पाचन संबंधी समस्याओं से छुटकारा

मुलेठी, जिसे अंग्रेजी में Licorice कहा जाता है, आयुर्वेद में एक महत्वपूर्ण जड़ी-बूटी के रूप में जानी जाती है। यह न केवल एक प्राकृतिक मिठास प्रदान करती है, बल्कि इसके सेवन से कई स्वास्थ्य लाभ भी मिलते हैं। 

प्राचीन समय से ही इसका उपयोग औषधि के रूप में किया जाता रहा है। इसके औषधीय गुणों के कारण यह इम्युनिटी बढ़ाने से लेकर पाचन तंत्र को दुरुस्त करने तक, कई प्रकार की बीमारियों से निजात दिलाने में सहायक होती है।

1. इम्युनिटी बढ़ाने में मददगार:

मुलेठी में एंटी-ऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं। इसके सेवन से शरीर में सफेद रक्त कोशिकाओं (WBC) की संख्या बढ़ती है, जो संक्रमण से लड़ने में मदद करती हैं। यह बदलते मौसम में सर्दी-खांसी और बुखार से बचाव करने में सहायक है।

2. पाचन तंत्र के लिए फायदेमंद:

मुलेठी का सेवन पाचन तंत्र को मजबूत बनाने में भी फायदेमंद है। यह पेट की गैस, अपच और एसिडिटी जैसी समस्याओं को दूर करता है। इसके सेवन से आंतों की सूजन कम होती है और पेट में बनने वाले गैस्ट्रिक एसिड का संतुलन बना रहता है। यह कब्ज की समस्या को भी दूर करने में सहायक है।

3. गले की समस्याओं का समाधान:

मुलेठी का सेवन गले की खराश, खांसी और अन्य गले की समस्याओं को दूर करने के लिए बहुत ही कारगर माना जाता है। इसमें मौजूद ग्लाइसीराइजिक एसिड गले की सूजन और जलन को कम करता है और श्वसन तंत्र को बेहतर बनाता है।

4. स्ट्रेस और चिंता को कम करे:

मुलेठी का सेवन मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी है। यह तनाव, चिंता और अवसाद को कम करने में मदद करता है। इसमें मौजूद तत्व सर्पोटोनिन और एड्रेनलिन हार्मोन के स्तर को संतुलित रखते हैं, जिससे मूड बेहतर होता है और तनाव कम होता है।

5. त्वचा की समस्याओं के लिए फायदेमंद:

मुलेठी में एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-फंगल गुण होते हैं, जो त्वचा की समस्याओं जैसे एक्ने, पिंपल्स, और डार्क स्पॉट्स को कम करने में मदद करते हैं। इसका उपयोग त्वचा की सूजन और रैशेज को दूर करने के लिए भी किया जाता है।

6. लिवर को स्वस्थ रखे:

मुलेठी लिवर की सफाई और उसकी कार्यक्षमता को बेहतर बनाने में मदद करती है। इसके नियमित सेवन से लिवर की कोशिकाओं को होने वाले नुकसान से बचाया जा सकता है और लिवर के विषैले तत्वों को शरीर से बाहर निकाला जा सकता है।

7. महिलाओं के लिए विशेष फायदेमंद:

मुलेठी महिलाओं के स्वास्थ्य के लिए भी बहुत लाभकारी होती है। यह मासिक धर्म के दौरान होने वाले दर्द और असंतुलन को कम करने में मदद करती है। इसके अलावा, यह हार्मोनल असंतुलन को भी नियंत्रित करती है, जिससे पीसीओएस (PCOS) और मेनोपॉज की समस्याओं में आराम मिलता है।

मुलेठी का सेवन कैसे करें?

चूर्ण के रूप में: मुलेठी का चूर्ण बनाकर गर्म पानी या दूध के साथ सेवन करें।

काढ़ा बनाकर: मुलेठी की जड़ का काढ़ा बनाकर पीने से सर्दी-खांसी में आराम मिलता है।

चाय के रूप में:

इसे अदरक, तुलसी और शहद के साथ मिलाकर चाय के रूप में भी पिया जा सकता है।

सावधानियां:

मुलेठी का सेवन सीमित मात्रा में ही करना चाहिए। इसका अत्यधिक सेवन ब्लड प्रेशर बढ़ा सकता है और शरीर में पोटैशियम की कमी कर सकता है। गर्भवती महिलाओं और उच्च रक्तचाप के मरीजों को इसका सेवन चिकित्सक की सलाह पर ही करना चाहिए।

मुलेठी एक बहुउपयोगी जड़ी-बूटी है जो हमारे शरीर को स्वस्थ और मजबूत बनाने में सहायक है। इम्युनिटी बढ़ाने से लेकर पाचन तंत्र को सुधारने तक, इसके कई स्वास्थ्य लाभ हैं। हालांकि, इसका सेवन सीमित मात्रा में और सही तरीके से ही करना चाहिए ताकि इसके सभी लाभों का आनंद लिया जा सके।

अगर बढ़ गया है यूरिक एसिड, तो खाएं ये 6 सब्जियां, पाएं तुरंत आराम!

बढ़ गया है यूरिक एसिड? खाएं ये सब्जियां, तेजी से मिलेगा आराम

यूरिक एसिड का बढ़ना शरीर के लिए कई समस्याओं का कारण बन सकता है, जैसे जोड़ों में दर्द, सूजन, गठिया आदि। जब शरीर में प्यूरिन के मेटाबोलिज्म के दौरान यूरिक एसिड का उत्पादन अधिक हो जाता है, तो यह रक्त में जमा होने लगता है और इससे कई स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न होती हैं। इसे नियंत्रित करने के लिए दवाइयों के साथ-साथ खान-पान का भी खास ध्यान रखना ज़रूरी है। कुछ विशेष सब्जियों का सेवन करके यूरिक एसिड के स्तर को कम किया जा सकता है। आइए जानते हैं कौन-सी सब्जियां आपके लिए फायदेमंद हो सकती हैं:

1. कद्दू (Pumpkin)

कद्दू यूरिक एसिड के स्तर को कम करने में बेहद सहायक है। इसमें पोटैशियम और विटामिन सी की अच्छी मात्रा होती है, जो यूरिक एसिड के उत्पादन को नियंत्रित करती है। कद्दू का सेवन सलाद, सूप या सब्जी के रूप में किया जा सकता है।

2. खीरा (Cucumber)

खीरे में 96% पानी होता है, जो शरीर से यूरिक एसिड को बाहर निकालने में मदद करता है। यह किडनी को स्वस्थ रखने के साथ-साथ शरीर के डिटॉक्सिफिकेशन में भी सहायक होता है। खीरे को सलाद के रूप में या इसका जूस बनाकर सेवन किया जा सकता है।

3. लौकी (Bottle Gourd)

लौकी में पोटैशियम, सोडियम और फाइबर की मात्रा अधिक होती है, जो यूरिक एसिड को शरीर से बाहर निकालने में मदद करती है। इसके अलावा, लौकी का सेवन शरीर को ठंडक भी पहुंचाता है और पाचन तंत्र को मजबूत बनाता है।

4. पालक (Spinach)

पालक आयरन, फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट्स का बेहतरीन स्रोत है। इसमें फ्लेवोनोइड्स और पोटैशियम की मात्रा होती है, जो यूरिक एसिड को नियंत्रित करती है। हालांकि, इसे सीमित मात्रा में ही सेवन करना चाहिए क्योंकि ज्यादा मात्रा में इसके सेवन से यूरिक एसिड बढ़ भी सकता है।

5. गाजर (Carrot)

गाजर में बीटा-कैरोटीन, विटामिन ए और फाइबर होते हैं, जो यूरिक एसिड को नियंत्रित करने में सहायक होते हैं। गाजर को सलाद, जूस या सब्जी के रूप में शामिल कर सकते हैं। यह शरीर से टॉक्सिन्स को बाहर निकालने और यूरिक एसिड के स्तर को कम करने में मदद करती है।

6. टमाटर (Tomato)

टमाटर में विटामिन सी और लाइकोपीन प्रचुर मात्रा में होते हैं, जो यूरिक एसिड को घटाने में सहायक होते हैं। इसका सेवन सलाद, सब्जी, जूस या सूप के रूप में किया जा सकता है। टमाटर का नियमित सेवन करने से यूरिक एसिड के स्तर को नियंत्रित किया जा सकता है।

यूरिक एसिड को नियंत्रित करने के अन्य उपाय

पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं: पानी की कमी से यूरिक एसिड का स्तर बढ़ सकता है। इसलिए, दिनभर में कम से कम 8-10 गिलास पानी पिएं।

व्यायाम करें: नियमित व्यायाम से वजन नियंत्रित रहता है और यूरिक एसिड के स्तर को भी नियंत्रण में रखा जा सकता है।

प्रोटीन का सेवन सीमित करें: उच्च प्रोटीन वाले खाद्य पदार्थ जैसे मांस, मछली और अंडों का सेवन सीमित मात्रा में करें।

शराब और कैफीन से बचें: ये पदार्थ यूरिक एसिड को बढ़ा सकते हैं, इसलिए इनका सेवन कम से कम करें।

इन सब्जियों और उपायों को अपनी जीवनशैली में शामिल कर यूरिक एसिड को नियंत्रित रखा जा सकता है। अगर फिर भी कोई समस्या हो, तो डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।

नींबू पानी के 5 चमत्कारी फायदे, वजन घटाने से स्किन चमकाने तक, जानें कैसे बनाएं इसे अपनी दिनचर्या का हिस्सा


नींबू पानी, एक ऐसा पेय है जो न केवल आपकी प्यास बुझाता है बल्कि सेहत और सौंदर्य के लिए भी बेहद फायदेमंद होता है। चाहे सुबह-सुबह खाली पेट हो या दिनभर किसी भी समय, नींबू पानी आपके शरीर को अंदर से स्वस्थ और बाहर से सुंदर बनाता है। इसमें मौजूद विटामिन सी, एंटीऑक्सिडेंट्स और मिनरल्स इसे एक बेहतरीन पेय बनाते हैं। आइए जानते हैं नींबू पानी के 5 ऐसे गजब के फायदे, जो आपके स्वास्थ्य और स्किन के लिए बेहद फायदेमंद हैं:

1. वजन घटाने में मददगार

नींबू पानी वजन घटाने के लिए सबसे सरल और प्रभावी तरीका है। इसमें कैलोरी बहुत कम होती है, और यह मेटाबॉलिज्म को बढ़ाने में मदद करता है। सुबह खाली पेट नींबू पानी पीने से शरीर के विषाक्त पदार्थ बाहर निकलते हैं, जिससे वजन कम करने में सहायता मिलती है। इसमें मौजूद पेक्टिन फाइबर भूख को कम करता है, जिससे बार-बार खाने की आदत पर काबू पाया जा सकता है।

2. स्किन की चमक बढ़ाए

नींबू में विटामिन सी की भरपूर मात्रा होती है, जो त्वचा के लिए एक बेहतरीन एंटीऑक्सिडेंट की तरह काम करती है। रोजाना नींबू पानी पीने से स्किन की रंगत निखरती है, और यह मुंहासे, झुर्रियां, और दाग-धब्बों को कम करने में मदद करता है। यह त्वचा को हाइड्रेट रखता है और उसे ग्लोइंग और फ्रेश बनाता है।

3. पाचन तंत्र को दुरुस्त रखे

नींबू पानी पाचन तंत्र के लिए बेहद फायदेमंद होता है। यह पाचन तंत्र की सफाई करने में मदद करता है और कब्ज, एसिडिटी जैसी समस्याओं को दूर करता है। इसमें मौजूद साइट्रिक एसिड लिवर के बाइल प्रोडक्शन को उत्तेजित करता है, जिससे पाचन क्रिया सुचारु रूप से चलती है।

4 प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाए

नींबू में विटामिन सी की उच्च मात्रा होती है, जो इम्यूनिटी को बढ़ाने में सहायक है। नियमित रूप से नींबू पानी पीने से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है, जिससे सर्दी, खांसी और फ्लू जैसी बीमारियों से बचाव होता है। यह शरीर को विषैले तत्वों से लड़ने की शक्ति देता है और बीमारियों से दूर रखता है।

5. लिवर को डिटॉक्स करे

नींबू पानी लिवर के लिए एक प्राकृतिक डिटॉक्सिफायर का काम करता है। यह लिवर की सफाई करता है और शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करता है। इससे लिवर के कार्य बेहतर होते हैं, जिससे शरीर स्वस्थ और ऊर्जावान महसूस करता है।

कैसे बनाएं नींबू पानी? 

नींबू पानी बनाना बहुत आसान है। इसके लिए आपको चाहिए:

1 गिलास गुनगुना पानी

आधा नींबू का रस

एक चुटकी काला नमक (इच्छानुसार)

विधि: गुनगुने पानी में नींबू का रस निचोड़ें और उसमें काला नमक मिलाएं। अच्छे से मिलाकर तुरंत पिएं।

सावधानियां

नींबू पानी पीने के बाद, दांतों को तुरंत न ब्रश करें क्योंकि नींबू का अम्ल दांतों के इनेमल को नुकसान पहुंचा सकता है।

अगर आपको गैस्ट्रिक या एसिडिटी की समस्या है, तो नींबू पानी का सेवन करने से पहले डॉक्टर की सलाह लें।

इन सरल और प्राकृतिक फायदों के कारण नींबू पानी को अपनी दिनचर्या में शामिल करें और स्वस्थ जीवन का आनंद लें।

दुबले-पतले शरीर को बनाएं मजबूत,केले को इस तरह से डाइट में शामिल करें और बढ़ाएं मांसपेशियों का विकास


शरीर में मांस बढ़ाने के लिए केले को डाइट में शामिल करने के उपाय

दुबला-पतला शरीर कई लोगों के लिए एक चिंता का विषय हो सकता है। शरीर में सही तरीके से मांसपेशियों का विकास न होना, कमजोरी महसूस करना और आकर्षक कद-काठी का अभाव होने से आत्मविश्वास में कमी आ सकती है। ऐसे में, अपने आहार में सही पोषक तत्वों को शामिल करके आप अपने शरीर में मांसपेशियों को बढ़ा सकते हैं। केला, एक ऐसा फल है, जो शरीर में मांस और वजन बढ़ाने के लिए बेहद फायदेमंद है। आइए जानते हैं, केले को किस तरीके से डाइट में शामिल कर आप अपने शरीर में मांस बढ़ा सकते हैं।

1. दूध के साथ केले का सेवन:

दूध और केला एक क्लासिक कॉम्बिनेशन है, जो वजन और मांसपेशियों को बढ़ाने में सहायक है। दूध प्रोटीन और कैल्शियम से भरपूर होता है, वहीं केला कार्बोहाइड्रेट और फाइबर का अच्छा स्रोत है। रोजाना सुबह के समय 1-2 केले को एक गिलास दूध के साथ सेवन करने से शरीर को जरूरी पोषक तत्व मिलते हैं और मांसपेशियों का विकास होता है।

2. केले का शेक (Banana Shake):

केला शेक शरीर में तुरंत ऊर्जा प्रदान करता है। इसके लिए 1-2 केले, 1 गिलास दूध, 1 चम्मच शहद और थोड़े से ड्राई फ्रूट्स (बादाम, काजू आदि) को ब्लेंड करके शेक बनाएं। यह शेक नाश्ते में या वर्कआउट के बाद पीने से शरीर को पोषण मिलेगा और मांसपेशियों का विकास होगा।

3. केले और मूंगफली के मक्खन (Peanut Butter) का सेवन:

मूंगफली का मक्खन प्रोटीन का अच्छा स्रोत है और केले के साथ इसका सेवन करना शरीर में मांस बढ़ाने के लिए लाभकारी हो सकता है। इसके लिए, 1-2 केले के टुकड़ों पर मूंगफली का मक्खन लगाएं और इसे नाश्ते या स्नैक के रूप में खाएं। यह मांसपेशियों के विकास में सहायक रहेगा।

4. केले और अंडे का कॉम्बिनेशन:

अंडे प्रोटीन, विटामिन्स और मिनरल्स से भरपूर होते हैं। केले के साथ अंडे का सेवन करने से शरीर को सभी आवश्यक पोषक तत्व मिलते हैं, जिससे मांसपेशियों का विकास तेजी से होता है। इसके लिए नाश्ते में 1-2 उबले हुए अंडे के साथ 1-2 केले का सेवन करें।

5. केले और ओट्स (Oats) का मिश्रण:

ओट्स फाइबर और प्रोटीन का अच्छा स्रोत है। आप 1-2 केले को ओट्स के साथ मिलाकर एक हेल्दी और पोषक तत्वों से भरपूर नाश्ता बना सकते हैं। यह मिश्रण शरीर को ऊर्जा प्रदान करता है और मांसपेशियों के विकास के लिए फायदेमंद है।

केले के सेवन के फायदे:

कार्बोहाइड्रेट का अच्छा स्रोत: केला शरीर को तुरंत ऊर्जा प्रदान करता है। इसमें मौजूद नेचुरल शुगर शरीर को तेजी से कैलोरी और एनर्जी देती है, जो मांसपेशियों के विकास के लिए जरूरी है।

फाइबर और पोटैशियम: केले में भरपूर मात्रा में फाइबर होता है, जो पाचन तंत्र को दुरुस्त रखता है। वहीं, पोटैशियम मांसपेशियों को मजबूती देता है और वर्कआउट के बाद होने वाले मांसपेशियों के दर्द को कम करता है।

प्रोटीन का अच्छा स्रोत: हालांकि केले में प्रोटीन की मात्रा कम होती है, लेकिन इसे अन्य प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थों के साथ मिलाकर सेवन करने से शरीर को प्रचुर मात्रा में प्रोटीन मिलता है, जो मांसपेशियों के विकास के लिए जरूरी है।

ध्यान देने योग्य बातें:

अधिक मात्रा में न करें सेवन: केला उच्च कैलोरी युक्त फल है, इसलिए इसे अत्यधिक मात्रा में न खाएं। रोजाना 2-3 केले का सेवन ही पर्याप्त होता है।

व्यायाम के साथ सेवन: केवल आहार से ही मांसपेशियों का विकास संभव नहीं है। इसके लिए नियमित रूप से व्यायाम या वर्कआउट भी जरूरी है। केले का सेवन करने के साथ-साथ नियमित रूप से व्यायाम करें, जिससे मांसपेशियों का विकास तेजी से हो सके।

डॉक्टर की सलाह लें: अगर आप किसी स्वास्थ्य समस्या से जूझ रहे हैं या किसी विशेष आहार का पालन कर रहे हैं, तो केले को अपने आहार में शामिल करने से पहले डॉक्टर या न्यूट्रिशनिस्ट की सलाह अवश्य लें।

केले को सही तरीके से अपने आहार में शामिल करके आप दुबले-पतले शरीर में मांस बढ़ा सकते हैं और एक स्वस्थ और सशक्त शरीर पा सकते हैं।

डेंगू में प्लेटलेट काउंट बढ़ाने के लिए इन खाद्य पदार्थों का करे सेवन तेजी से बढ़ेगा प्लेटलेट काउंट

आपने कई बार लोगों को कहते सुना होगा कि प्‍लेटलेट काउंट कम है। पर क्‍या आप जानते भी हैं कि प्‍लेटलेट होता क्‍या है। प्लेटलेट एक तरह की ब्‍लड सेल्‍स हैं जो आपके रक्त को थक्का बनाने में मदद करती हैं। शरीर में प्‍लेटलेट की संख्या का कम होना चिंता की बात है।अभी डेंगू के केस काफी तेजी से बढ़ रहे हैं. ऐसे में जो लोग डेंगू की चपेट में आ गए हैं या उनके परिवार का कोई सदस्‍य डेंगू से पीडि़त हैंं, उसके लिए प्‍लेटलेट काउंट पर नजर रखना बहुत जरूरी होता है।

अगर आपका प्‍लेटलेट काउंट गिर रहा है तो यह खतरे की बात हो सकती है. ऐसे में यह जरूरी है कि आप खाने पीने में उन चीजों को शामिल करें जिनकी मदद से आपके सेहत में सुधार हो और प्‍लेटलेट काउंट में तेजी से बढ़ोत्‍तरी हो. कई ऐसे विटामिन व मिनरल्‍स हैं जो प्‍लेटलेट को बढ़ाने में मदद कर सकते हैं. तो आइए जानते हैं कि आप डेंगू होने पर किन चीजों को खाकर अपने प्‍लेटलेट को तेजी से बढ़ा सकते हैं.

प्‍लेटलेट काउंट बढ़ाने के लिए इन चीजों को डाइट में करें शामिल

फॉलेट रिच फूड:  

फॉलेट यानी कि विटामिन बी हेल्‍दी ब्‍लड सेल को बढ़ाता है. ऐसे में आप डाइट में अधिक से अधिक बीफ लीवर, हरी पत्‍तेदार सब्जियां, बीन्‍स, चावल आदि शामिल करें.

विटामिन B12 रिच फूड:

रेड ब्‍लड सेल्‍स के फॉर्मेशन में विटामिन बी12 काफी फायदेमंद होता है. इसकी कमी से शरीर में प्‍लेटलेट कम होने लगते हैं. इसके लिए आप बीफ लीवर, अंडा, सैल्‍मन, बादाम दूध, सोया मिल्‍क आदि का सेवन करें.

विटामिन C रिच फूड:

विटामिन सी इम्‍यूनिटी को बढ़ाने में मदद करता है. यह प्‍लेटलेट को बढ़ाने में भी मदद करता है. इसके लिए आप ब्रोकोली, स्‍प्राउट, लाल हरा शिमला मिर्च, नारंगी आदि का सेवन करें.

विटामिन D रिच फूड:

शोधों में पाया गया है कि विटामिन डी बोन मैरो सेल्‍स के प्रोडक्‍शन में मदद करता है जो प्‍लेटलेट और रेड ब्‍लड सेल्‍स के प्रोडक्‍शन के लिए जरूरी है. इसके लिए आप रोज अंडा, ऑयल फिश, सीरियल, मशरूम आदि का सेवन करें.

विटामिन K रिच फूड:

विटामिन के ब्‍लड क्‍लॉट और बोन हेल्‍थ के लिए एक जरूरी चीज है. यह प्‍लेटलेट काउंट को इंप्रूव करने में मदद करता है. इसके लिए आप डाइट में सूरजमुखी, ब्रोकली, हरी सब्जियां, पत्‍तेवाली सब्जियां, सोयाबीन, कददू आदि का सेवन करें।

जेसीबी ने साइकिल सवार व्यक्ति को रौंदा ,घटनास्थल पर ही हुई दिहाड़ी मजदूर की मौत

धनबाद: कतरास तिलाटांड महिला थाना के समीप फोरलेन सड़क पर सुबह जेसीबी ने साइकिल सवार व्यक्ति को रौंद दिया.

 इससे घटनास्थल पर ही व्यक्ति की दर्दनाक मौत हो गयी.सूचना पर कतरास थानेदार असीत कुमार सिंह सहित अन्य पुलिस के जवान पहुचे और जेसीबी को अपने कब्जे में ले लिया.

मृतक कंको का रहने वाला है.वह दिहाड़ी मजदूरी के लिये साइकिल से भटमुड़ना के तरफ जा रहा था.

सेहत के लिए काफी फायदेमंद है काली मिर्च आईए जाने इससे होने वाले फायदे और उपयोग के सरल तरीके।


काली मिर्च, जिसे हम 'ब्लैक पेपर' के नाम से भी जानते हैं, एक ऐसी मसाला है जो हर भारतीय रसोई में पाया जाता है। यह न केवल भोजन में स्वाद बढ़ाने के लिए इस्तेमाल होती है, बल्कि इसमें मौजूद औषधीय गुण इसे सेहत के लिए भी बहुत लाभकारी बनाते हैं। इसमें पिपेरिन नामक एक सक्रिय तत्व होता है, जो शरीर के लिए कई फायदेमंद होता है।

काली मिर्च के फायदे:

1 पाचन तंत्र के लिए फायदेमंद

काली मिर्च का सेवन पाचन में सुधार करता है। यह पेट में हाइड्रोक्लोरिक एसिड के स्राव को बढ़ाती है, जिससे भोजन का पाचन बेहतर तरीके से होता है। इससे कब्ज, गैस, और अन्य पाचन संबंधी समस्याओं से राहत मिलती है।

2 वजन घटाने में सहायक

काली मिर्च में मौजूद पिपेरिन मेटाबॉलिज्म को बढ़ाने में मदद करता है, जिससे शरीर की कैलोरी जलाने की क्षमता बढ़ती है। इससे वजन कम करने में सहायता मिलती है।

3 प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाती है

काली मिर्च एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होती है, जो शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करती है। इसके सेवन से शरीर संक्रमणों से लड़ने में अधिक सक्षम होता है।

4 सर्दी और खांसी में राहत

काली मिर्च प्राकृतिक रूप से गर्म होती है, इसलिए इसका उपयोग सर्दी, खांसी और गले की खराश में राहत के लिए किया जाता है। इसे शहद के साथ लेने से गले की समस्याओं में जल्दी आराम मिलता है।

5 स्किन के लिए फायदेमंद

काली मिर्च का सेवन त्वचा के लिए भी अच्छा होता है। इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट त्वचा को फ्री रेडिकल्स से बचाते हैं और उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को धीमा करते हैं।

6 मस्तिष्क के लिए फायदेमंद

काली मिर्च में पिपेरिन मस्तिष्क के कार्य में सुधार करता है और याददाश्त को बढ़ाने में मदद करता है। यह मानसिक तनाव और डिप्रेशन को कम करने में सहायक हो सकता है।

काली मिर्च का उपयोग कैसे करें: 

दूध के साथ 

एक गिलास गर्म दूध में एक चुटकी काली मिर्च पाउडर मिलाकर रोजाना पीने से शरीर को गर्मी मिलती है और प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है।

चाय में मिलाकर

काली मिर्च को अदरक, तुलसी और शहद के साथ चाय में मिलाकर पीने से सर्दी-जुकाम में राहत मिलती है।

खाने में छिड़कें

रोजाना के भोजन में आप काली मिर्च का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसे सलाद, सूप, दाल, या सब्जियों पर छिड़ककर खाया जा सकता है।

शहद के साथ

गले की खराश या खांसी में काली मिर्च पाउडर को शहद के साथ मिलाकर सेवन करना बहुत लाभकारी होता है।

निष्कर्ष:

काली मिर्च न केवल भोजन का स्वाद बढ़ाती है, बल्कि इसे नियमित रूप से अपने आहार में शामिल करने से सेहत पर भी कई सकारात्मक प्रभाव पड़ते हैं। चाहे वह पाचन तंत्र हो, प्रतिरोधक क्षमता हो, या मस्तिष्क का स्वास्थ्य, काली मिर्च हर रूप में लाभकारी है। इसका उपयोग सही मात्रा में और सही तरीके से करने से आप कई बीमारियों से बच सकते हैं।

रोज एक गिलास पीजिए आंवला और चुकंदर का जूस थकान और कमजोरी से मिलेगा छुटकारा


आजकल की तेज़ जीवनशैली में थकान और कमजोरी आम समस्या बन गई है। इसके कई कारण हो सकते हैं, जैसे कि तनाव, खराब खानपान, पर्याप्त नींद की कमी और व्यायाम की कमी। लेकिन प्राकृतिक तरीकों से इसे दूर करना संभव है। आंवला और चुकंदर का जूस एक ऐसा ही प्रभावी घरेलू उपाय है, जो शरीर को ऊर्जा प्रदान करने के साथ-साथ इम्यून सिस्टम को भी मजबूत करता है।

आंवला और चुकंदर: सेहत का खजाना

आंवला (Indian Gooseberry) को पोषक तत्वों का भंडार माना जाता है। इसमें विटामिन सी, कैल्शियम, आयरन और एंटीऑक्सिडेंट्स भरपूर मात्रा में होते हैं, जो इम्यूनिटी को बढ़ाने में मदद करते हैं। आंवला रक्त को शुद्ध करता है और ऊर्जा के स्तर को बढ़ाता है।

चुकंदर (Beetroot) भी पोषक तत्वों से भरपूर होता है। इसमें आयरन, फोलेट, पोटैशियम और फाइबर होता है, जो शरीर में ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर बनाता है और खून की कमी (एनीमिया) से निपटने में मदद करता है। 

चुकंदर रक्त में हीमोग्लोबिन के स्तर को बढ़ाने और शरीर में ऑक्सीजन के प्रवाह को बढ़ाने में सहायक है, जिससे थकान कम होती है और ताकत मिलती है।

आंवला और चुकंदर के जूस के फायदे

शरीर को ऊर्जा प्रदान करना: आंवला और चुकंदर का जूस शरीर में जल्दी ऊर्जा प्रदान करता है। आंवले में मौजूद विटामिन सी और चुकंदर में नाइट्रेट्स मिलकर मेटाबोलिज्म को बेहतर करते हैं, जिससे शरीर को ताकत मिलती है।

रक्त में हीमोग्लोबिन का स्तर बढ़ाना: चुकंदर का जूस पीने से रक्त में आयरन की मात्रा बढ़ती है, जिससे खून की कमी दूर होती है और कमजोरी महसूस नहीं होती।

पाचन तंत्र को दुरुस्त रखना: आंवला और चुकंदर का जूस फाइबर से भरपूर होता है, जो पाचन को बेहतर बनाता है और कब्ज़ जैसी समस्याओं से छुटकारा दिलाता है।

त्वचा में निखार लाना: आंवला और चुकंदर का जूस पीने से त्वचा में प्राकृतिक चमक आती है। इसका कारण यह है कि यह जूस शरीर से टॉक्सिन्स को निकालकर त्वचा को स्वस्थ बनाता है।

इम्यून सिस्टम को मजबूत करना: आंवले में मौजूद एंटीऑक्सिडेंट्स और विटामिन सी शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करते हैं, जिससे बार-बार बीमार होने की समस्या कम हो जाती है।

कैसे बनाएं आंवला और चुकंदर का जूस?

सामग्री:

2-3 ताजे आंवले

1 मध्यम आकार का चुकंदर

1 गिलास पानी

स्वादानुसार शहद या नमक 

विधि:

आंवले और चुकंदर को अच्छे से धो लें।

आंवले के बीज निकालकर चुकंदर के साथ छोटे-छोटे टुकड़ों में काट लें।

इन टुकड़ों को मिक्सर में डालकर थोड़ा पानी डालें और अच्छे से पीस लें।

तैयार मिश्रण को छानकर जूस निकाल लें।

यदि स्वाद बढ़ाना हो तो इसमें शहद या नमक मिला सकते हैं।

इस जूस को रोज सुबह खाली पेट पीने से आप जल्दी ही थकान और कमजोरी से छुटकारा पा सकते हैं।

लगातार सेवन करने से आपको इसके फायदों का अनुभव होने लगेगा।

निष्कर्ष

आंवला और चुकंदर का जूस एक प्राकृतिक और सुरक्षित तरीका है थकान और कमजोरी से लड़ने का। इसके नियमित सेवन से न सिर्फ आपकी ऊर्जा में वृद्धि होगी, बल्कि आपका शरीर भी मजबूत और स्वस्थ रहेगा।

सेहत को रखना चाहते है दुरुस्त तो अपने किचन से आज ही बाहर करें ये 5 कुकिंग ऑयल

नयी दिल्ली : टेस्‍ट हो या फिर न्‍यूट्र‍िशन, कुकिंग ऑयल हमारे खाने की बेहद अहम जरूरत होते हैं. लेकिन क्‍या ये 5 तेल आपकी भी रसोई में जगह बनाए हुए हैं? अगर हां, तो इन्‍हें आज ही अपनी किच‍िन से बाहर करें.

जानें भारतीय कुकिंग में इस्‍तेमाल होने वाले 5 सबसे वाहियात तेल 

शाही पनीर बनाना हो, बैगन की सब्‍जी या फिर कढ़ी… कोई भी सब्‍जी या करी बनाने के लिए आपको सबसे पहले क्‍या चाहिए…? 2 चम्‍मच तेल. भारतीय खाना हो या फिर व‍िदेशी, कुकिंग में तेल का इस्‍तेमाल सद‍ियों से होता आ रहा है. 

हालांकि ये बात अलग है कि जब भी आप डाइट पर जाने की तैयारी करते हैं, सबसे पहले अपने खाने से ऑयल को ही बाहर करते हैं. स्‍वाद लेकर पोषण तक, कुकिंग ऑयल आपको सबकुछ देते हैं. लेकिन आप अपनी कुंकिंग में कोई ऐसा तेल को इस्‍तेमाल नहीं कर रहे जो आपको पोषण के बजाए कॉलेस्‍ट्रॉल, हार्ट की बीमार‍ियां दे रहा हो? 

कुछ तेल ऐसे हैं, जो आपके भोजन की न्‍यूट्र‍िशस वेल्‍यू डबल कर देते हैं, तो वहीं एक तरफ कुछ तेल आपके खाने को बर्बाद कर देते हैं.जानें भारतीय कुकिंग में इस्‍तेमाल होने वाले 5 सबसे बेकार तेल. अगर आपके घर में भी इनमे से कोई तेल है तो उसे आज ही बाहर कर दें.

क्‍यों जरूरी है खाने में तेल

तेल खाने में स्वाद और खुशबू तो बढ़ाता ही है, इससे आपको कई और फायदे भी म‍िलते हैं. कुछ तेलों में आवश्यक फैटी एसिड होते हैं, जो शरीर के लिए जरूरी होते हैं. जैसे, ओमेगा-3 और ओमेगा-6. 

वहीं कई विटामिन (जैसे A, D, E, K) वसा में घुलनशील होते हैं, जिन्हें एब्‍जॉर्ब करने के लि‍ए तेल की जरूरत होती है. कुंकिंग की टेक्‍न‍िक जैसे फ्राई करने या भूनने के लि‍ए तेल जरूरी होता है. ये टेक्‍नीक खाने के स्‍वाद और टैक्‍स्‍चर दोनों को बदल देती हैं. इसके साथ ही तेल एनर्जी का भी अच्‍छा सोर्स है।कई विटामिन वसा में घुल जाते हैं, ज‍िन्‍हें एब्‍जॉर्ब करने के लि‍ए तेल की जरूरत होती है.

ये 5 तेल आज ही करें अपनी रसोई से बाहर

पाम ऑयल : सड़क पर लगी रेहड़ी पर जब भी आप चाट-पापड़ी खाते हैं उसका स्‍वाद गजब का होता है. क्‍या आपको भी ऐसा लगता है. इसकी वजह है पाम ऑयल. दरअसल पाम ऑयल सेचुरेट‍िड फैट लेवल में बहुत हाई होता है, ज‍िसकी वजह से आपका कॉलेस्‍ट्रॉल बहुत तेजी से बढ़ता है. यही वजह है कि ये तेल आपके द‍िल को भी नहीं पसंद. इससे हार्ट ड‍िजीज का भी खतरा बढ़ता है.

वेज‍िटेबल ऑयल के ब्‍लैंड्स :

 इनमें अक्‍सर कॉर्न ऑयल, कनोला ऑयल और पाम ऑयल के ब्‍लैंड्स रहते हैं. ये हाइली प्रोसेस्‍ड और र‍िफाइंड होते हैं और इनमें ओमेगा 6 फैटी ऐस‍िड का कंटेंट बहुत ज्‍यादा हाई होता है. ओमेगा 6 फैटी एस‍िड बॉडी के ल‍िए जरूरी होते हैं, लेकिन इन तेलों में ये मात्रा बहुत ज्‍यादा होती है और ओमेगा 3 की मात्रा बहुत कम. तेल अगर आप ज्‍यादा खाते हैं तो ये आपके शरीर में इनफ्लेमेशन की श‍िकायत हो सकती है.

कॉर्न ऑयल :

 ये तेल भी आपकी सेहत के लि‍ए ब‍िलकुल अच्‍छा नहीं होता. इसमें पॉलीअनसेचुरेट‍िड फैटी एसिड भरे हुए होते हैं. यही वजह है कि कुकिंग इस तेल का इस्‍तेमाल फायदे नहीं बल्‍कि नुकसान देता है. तो अगर आपके घर में इस तेल का इस्‍तेमाल हो रहा है,

सनफ्लॉवर ऑयल : सनफ्लावर का नाम समझकर आप इसे हेल्‍दी ऑयल न समझें. इस तेल में ओमेगा 6 फैटी की भरमार होती है. ऐसे में जब भी आप इस तेल को ज्‍यादा इस्‍तेमाल करते हैं तो शरीर में इनफ्लेमेशन बढ़ने लगती है.

राइस ब्रान ऑयल :

इस पांचवे तेल का नाम आपको चौंका सकता है. क्‍योंकि बाजार में राइस ब्रान ऑयल को बहुत ही हेल्‍दी बताकर बेचा जाता है. लेकिन इस तेल में भी ओमेगा 6 फैटी एसिड की भरमार होती है. ये तेल भी बहुत ही र‍िफाइंड और प्रोसेस्‍ड होता है. इस तेल को प्रोसेस्‍ड करने के लि‍ए हैक्‍सेन नाम का केमि‍कल इस्‍तेमाल क‍िया जाता है।

नाशपति एक ऐसा सुपरफूड जिसके रोजाना सेवन से मिलते है कई लाभ कैंसर से बचाव के साथ ही दिल का भी रखती है ख्याल

नाशपाती एक ऐसा फल है जो न सिर्फ स्वाद में लाजवाब है, बल्कि सेहत के लिए भी अत्यंत लाभकारी है। इसमें कई महत्वपूर्ण पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो शरीर के विभिन्न अंगों के लिए फायदेमंद होते हैं। नाशपाती का सेवन न केवल कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से बचाव कर सकता है, बल्कि यह दिल के स्वास्थ्य को भी बेहतर बनाए रखने में मदद करता है। आइए जानते हैं नाशपाती के रोजाना सेवन से होने वाले कुछ महत्वपूर्ण फायदों के बारे में:

1. कैंसर से बचाव में मददगार

नाशपाती में मौजूद फाइटोकेमिकल्स और एंटीऑक्सिडेंट्स कैंसर कोशिकाओं के विकास को रोकने में मदद करते हैं। इसमें विटामिन सी और विटामिन के भी होते हैं, जो शरीर की इम्यूनिटी को मजबूत करते हैं और कैंसर के खिलाफ लड़ने की क्षमता को बढ़ाते हैं। नियमित रूप से नाशपाती खाने से शरीर के विभिन्न अंगों, विशेष रूप से कोलन, स्तन और प्रोस्टेट कैंसर का खतरा कम हो सकता है।

2. दिल का रखे ख्याल

नाशपाती में पोटेशियम और फाइबर की प्रचुर मात्रा होती है, जो दिल के लिए अत्यंत लाभकारी माने जाते हैं। यह हाई ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में मदद करता है और रक्त संचार को सुचारू बनाए रखता है। इसके अलावा, नाशपाती में मौजूद फाइबर कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में मदद करता है, जिससे हृदय रोगों का खतरा कम होता है।

3 पाचन तंत्र को रखे दुरुस्त

नाशपाती में घुलनशील और अघुलनशील दोनों प्रकार के फाइबर होते हैं, जो पाचन तंत्र को बेहतर बनाए रखते हैं। यह कब्ज और अन्य पाचन समस्याओं से राहत दिलाने में मदद करता है। नाशपाती का नियमित सेवन करने से आंतों का स्वास्थ्य अच्छा रहता है और यह शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में भी सहायक होती है।

4. वजन घटाने में सहायक

नाशपाती कैलोरी में कम और फाइबर में उच्च होती है, जिससे यह वजन घटाने के लिए आदर्श फल है। इसका सेवन करने से पेट भरा हुआ महसूस होता है और भूख कम लगती है, जिससे वजन नियंत्रित रखने में मदद मिलती है। यदि आप डाइटिंग कर रहे हैं तो नाशपाती को अपने डाइट में जरूर शामिल करें।

5. इम्यून सिस्टम को करे मजबूत

नाशपाती में विटामिन सी की भरपूर मात्रा होती है, जो इम्यून सिस्टम को मजबूत करने में मदद करता है। यह शरीर को बैक्टीरिया और वायरस से लड़ने में सक्षम बनाता है और मौसमी बीमारियों जैसे सर्दी-खांसी से बचाता है।

6. हड्डियों को बनाए मजबूत

नाशपाती में मौजूद कैल्शियम और मैग्नीशियम हड्डियों को मजबूत बनाए रखने में सहायक होते हैं। यह हड्डियों के घनत्व को बढ़ाता है और ऑस्टियोपोरोसिस जैसी बीमारियों से बचाव करता है। खासतौर पर महिलाओं को नाशपाती का सेवन हड्डियों के स्वास्थ्य के लिए अत्यंत लाभकारी हो सकता है।

7. स्किन और बालों के लिए फायदेमंद

नाशपाती में मौजूद एंटीऑक्सिडेंट्स स्किन की चमक को बनाए रखने और बालों के स्वास्थ्य को बेहतर करने में मदद करते हैं। इसमें विटामिन सी और विटामिन ई होते हैं, जो त्वचा को निखारने और उम्र बढ़ने के संकेतों को कम करने में सहायक होते हैं।

नाशपाती का सेवन कैसे करें?

नाशपाती को आप सलाद, स्मूदी, या सीधे कच्चा भी खा सकते हैं। यह एक बहुमुखी फल है, जिसे किसी भी रूप में आसानी से खाया जा सकता है। सुबह के नाश्ते में इसे शामिल करना बहुत फायदेमंद होता है।

निष्कर्ष:

नाशपाती का रोजाना सेवन शरीर को कई प्रकार से लाभ पहुंचा सकता है। यह न केवल कैंसर और दिल की बीमारियों से बचाव करता है, बल्कि संपूर्ण स्वास्थ्य को भी बेहतर बनाता है। तो, इसे अपनी डाइट में शामिल करें और इसके अद्भुत फायदों का लाभ उठाएं।