अमेरिका में टॉप टेक कंपनियों के CEOs के साथ पीएम मोदी की मीटिंग, बताया भारत में निवेश के फायदे

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीन दिवसीय अमेरिका दौरे पर हैं।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिका दौरे के दूसरे दिन न्यूयॉर्क में टेक कंपनियों के CEOs से मुलाकात की।अमेरिकी टेक कंपनियों के सीईओ के साथ एक राउंडटेबल (गोलमेज) मीटिंग में जहां उन्होंने भारत की विकास संभावनाओं पर जोर दिया और विभिन्न क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग को बढ़ावा देने की पहलों पर चर्चा की।यह बैठक लोटे न्यूयॉर्क पैलेस होटल में हुई। इसमें एआई, क्वांटम कंप्यूटिंग और सेमीकंडक्टर जैसी अत्याधुनिक तकनीकों पर काम करने वाली 15 प्रमुख अमेरिकी फर्मों के सीईओ ने भाग लिया।

बैठक में बोलते हुए पीएम मोदी ने कहा कि पिछले साल जब मैं वाशिंगटन आया था, तब मैं एक कार्यक्रम में शामिल हुआ था, तब भी मुझे आपमे से कई साथियों से मिलने का मौका मिला था। आज एक साल बाद यहां दुनिया के बड़े-बड़े इन्नोवेटर के साथ बैठक कर मैं गर्व महसूस कर रहा हूं। प्रधानमंत्री ने कहा कि, मैं जो ऊर्जा और उत्साह देख रहा हूं और भारत के प्रति जो भरोसा देख रहा हूं। ये वाकई बहुत सुखद है, क्योंकि जब आप जैसे विशेषज्ञ बदलती हुई दुनिया और भारत की संभावनाओं के विषय में कोई बात बताते हैं, तब भारत में भी नीति-निर्धारण के विषय में हमारा विश्वास बढ़ जाता है।

भारत में निवेश की अपील

इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि आज का भारत सपनों से भरा हुआ है। पीएम मोदी ने कहा कि आज का भारत एम्बीशियस सपने देखता है और उन्हें पूरा करने का भरसक प्रयास भी करता है। हमारा गवर्नेंस पॉलिसी ड्रिवेन है इसलिए जनता ने शायद हमें तीसरी बार चुना है।आज भारत विश्व की सबसे तेजी से ग्रो करने वाली इकॉनमी है। तीसरे कार्यकाल में हम तीसरे स्थान पर होंगे, इसका मुझे उम्मीद है। आपका आना मेरे लिए बहुत महत्वपूर्ण है। पीएम मोदी ने कहा कि आप जिस दुनिया में काम करते हैं और उसका भविष्य आपको पता हो तो काफी वैल्युएबल होता है। कुछ चीजों का सुझाव भी आपने दिया है मेरी टीम ने उसे नोट किया है।

भारत ग्लोबल बायो-टेक पॉवर हाउस बना-पीएम मोदी

पीएम मोदी ने कहा कि आज भारत तेजी से ग्लोबल बायो-टेक पॉवर हाउस के रूप में उभर रहा है। भारत में बायो-फार्मा रिसर्च को प्रमोट करने के लिए एक उपजाऊ पारिस्थितिकी तंत्र भी है। आत्मनिर्भर और सशक्त भारत की विकासयात्रा में आप सभी को मैं एक सहयात्री और सह-भागीदार के रूप में हमेशा देखता हूं। मुझे विश्वास है कि भारत और अमेरिका की टेक कंपनियां मिलकर वैश्विक चुनौतियां के समाधान में अहम रोल निभाएगी।

AI का मतलब समझाया

उन्होंने कहा कि भारत उन पहले देशों में से एक है जिसने AI रणनीतियों पर काम किया है। मेरे लि ए, AI का मतलब है ‘अमेरिका-भारत’। यही वह शक्ति है जिसे हम मजबूत करना चाहते हैं। भारत ने प्रौद्योगिकी के उपयोग को लोकतांत्रिक बनाया है, जिससे विभाजन कम हुआ है। भारत AI के नैतिक उपयोग पर ध्यान केंद्रित कर रहा है।

समुद्र में चीन का मुकाबला करने के लिए क्वाड ने “कसी कमर”, 'कोस्‍ट गार्ड' बनाने की घोषणा

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डेलावेयर के विलमिंगटन में क्वाड नेताओं की बैठक में ऑस्ट्रेलिया, भारत, अमेरिका और जापान के राष्ट्राध्यक्ष शामिल हुए हैं। बाइडन ने बैठक की मेजबानी की, जिसमें भारत की तरफ से प्रधानमंत्री मोदी ने शिरकत की है। बैठक के बाद आए बयान में क्वाड की चीन पर चिंता सामने आई है। क्वाड समिट के बाद जारी साझा बयान में दक्षिण चीन सागर का जिक्र करते हुए फिक्र जाहिर की गई है। क्वाड नेताओं ने 2025 में संयुक्त तट रक्षक मिशन बनाने की घोषणा करते हुए इंडो-पैसिफिक में समुद्री सहयोग बढ़ाने का फैसला किया है।

बयान में कहा गया है कि यूएस कोस्ट गार्ड, जापान कोस्ट गार्ड, ऑस्ट्रेलियाई सीमा बल और भारतीय तट रक्षक बल समुद्री सुरक्षा को बढ़ाने के लिए 2025 में पहली बार क्वाड-एट-सी शिप ऑब्जर्वर मिशन शुरू करने जा रहे हैं। बयान में चीन की ओर स्पष्ट इशारा है लेकिन ये भी कहा गया कि क्वाड यानी ऑस्ट्रेलिया, भारत, जापान और अमेरिका किसी विशेष देश के खिलाफ नहीं है।

बैठक की मेजबानी करते हुए जो बाइडेन ने कहा कि आज हम इंडो-पैसिफिक के लिए वास्तविक सकारात्मक प्रभाव डालने के लिए पहलों की एक सीरीज की घोषणा कर रहे हैं। इसमें हमारे क्षेत्रीय भागीदारों को नई समुद्री तकनीकें प्रदान करना शामिल है ताकि वे जान सकें कि उनके जल में क्या हो रहा है। पहली बार तट रक्षकों के बीच सहयोग शुरू करना, और दक्षिण-पूर्व एशिया के छात्रों को शामिल करने के लिए क्वाड फेलोशिप का विस्तार करना है। इसलिए मैं यहां आने के लिए आप सभी को फिर से धन्यवाद देना चाहता हूं।

गार्जियन की रिपोर्ट के मुताबिक, क्वाड समिट के बाद जारी बयान में विस्तृत रूप से चीन के बारे में बात नहीं की गई लेकिन दक्षिण चीन सागर में चल रही गतिविधियों के संबंध में इस दफा पहले से कड़ी भाषा का इस्तेमाल हुआ है, जो इन जल क्षेत्रों में चीन के बढ़ते दबदबे के लिए चिंता को दिखाता है।

बयान में कहा गया है क्वाड खतरनाक युद्धाभ्यास के बढ़ते उपयोग सहित तट रक्षक और समुद्री मिलिशिया जहाजों के खतरनाक उपयोग की निंदा करते हैं। हमारा मत है कि समुद्री विवादों को शांतिपूर्वक और अंतरराष्ट्रीय कानून (यूएनसीएलओएस) के अनुसार हल किया जाना चाहिए।' बयान में कहा गया है कि दक्षिण चीन सागर पर 2016 का मध्यस्थता एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है और पार्टियों के बीच विवादों को शांतिपूर्ण ढंग से सुलझाने का आधार है।

क्वाड के बयान में साफ तौर पर चीन के समुद्र में बढ़ते दबदबे पर चिंता जाहिर की गई है लेकिन एक बार भी नाम नहीं लिया गया है। चीन का परोक्ष रूप से जिक्र करते हुए कहा कि समूह किसी भी ऐसी अस्थिरकारी या एकतरफा कार्रवाई का दृढ़ता से विरोध करता है, जो बल या दबाव के जरिए यथास्थिति को बदलने की कोशिश करती है।

बता दें कि चीन का दक्षिण चीन सागर और पूर्वी चीन सागर में कई देशों से विवाद है। वह पूरे दक्षिण चीन सागर पर अपनी संप्रभुता का दावा करता है। दूसरी ओर, वियतनाम, मलेशिया, फिलीपीन, ब्रुनेई और ताइवान भी इस क्षेत्र पर अपने-अपने दावे करते हैं।

क्वाड की बैठक में बाइडेन ने ड्रैगन को लेकर दे डाली चेतावनी, पीएम मोदी बोले- हम किसी के खिलाफ नहीं....

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अमेरिका के डेलावेयर के विलमिंगटन में 'क्वाड' नेताओं की बैठक में ऑस्ट्रेलिया, भारत, अमेरिका और जापान के राष्ट्राध्यक्ष शामिल हुए हैं। भारत की तरफ़ से प्रधानमंत्री मोदी ने इस बैठक में शिरकत की है। क्वाड समूह के देशों ने साझा बयान जारी किया, जिसमे खासकर दक्षिण चीन सागर का ज़िक्र है।साझा बयान में कहा गया है, "हम विवादित मुद्दों के सैन्यीकरण और दक्षिणी चीन सागर में बलपूर्वक और डराने-धमकाने के लिए होने वाले युद्धाभ्यासों पर अपनी गंभीर चिंता व्यक्त करना जारी रखते हैं। हम इस बात की पुष्टि करते हैं कि समुद्री विवादों को शांतिपूर्वक और अंतरराष्ट्रीय क़ानून के मुताबिक़ हल किया जाना चाहिए..."

क्वाड भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया द्वारा बनाया गया एक समूह जो इन देशों के बीच अनौपचारिक रणनीतिक वार्ता का एक मंच प्रदान करता है। यह मुक्त, खुले और समृद्ध इंडो-प्रशांत क्षेत्र सुनिश्चित करता है और इन देशों को एक साथ लाता है। सही मायने में देखा जाए तो इसका मुख्य उद्देश्य इंडो-पैस्फिक क्षेत्र में चीन के बढ़ते प्रभुत्त्व को रोकना है और यहां पावर का चैक एंड बैलेंस बनाए रखना है। इस संगठन के गठन के बाद से ही लगातार ऐसे समझौते हो रहे हैं जो हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन के प्रभाव को कम कर सकें।

क्वाड शिखर सम्मेलन में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन का चीन को लेकर दिया बयान चर्चा में है। बाइडन ने कहा कि उनका मानना है कि 'चीन हम सबकी परीक्षा ले रहा है।' अमेरिकी राष्ट्रपति समूह के दूसरे नेताओं से आपसी बातचीत कर रहे थे, लेकिन उस दौरान उनका माइक ऑन था। जब पत्रकार कार्यक्रम स्थल से निकल रहे थे, तो बाइडन ने दूसरे नेताओं से कहा, 'हमारा मानना है कि शी जिनपिंग घरेलू आर्थिक चुनौतियों पर ध्यान केंद्रित करना चाहते हैं और चीन में अशांति को कम करना चाहते हैं।'

बाइडन को आगे यह कहते हुए सुना गया कि चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग 'चीन के हितों को आक्रामक तरीके से बढ़ाने के लिए अपने लिए कूटनीतिक जगह बनाना चाह रहे हैं।' अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा, 'चीन आक्रामक रवैया अपनाते हुए आर्थिक और तकनीकी मुद्दों समेत कई मोर्चों पर पूरे क्षेत्र में हम सभी की परीक्षा ले रहा है।'

बाइडन का बयान तब आया है जब सम्मेलन के दौरान सभी चार देश इस बात पर जोर दे रहे थे कि उनका समूह सिर्फ चीन को जवाब देने से कहीं ज्यादा है। 

क्वाड की बैठक में एक तरफ बाइडन ने चीन को लेकर आक्रामक रूख दिखाया। हालांकि, पीएम मोदी ने साफ कहा कि क्वाड किसी देश के खिलाफ नहीं है और यह हमेशा रहेगा।प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘हम किसी के खिलाफ नहीं हैं। हम सभी नियम-आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था, संप्रभुता का सम्मान, क्षेत्रीय अखंडता और सभी मुद्दों का शांतिपूर्ण तरीके से समाधान करने के सपोर्ट में हैं।’ पीएम मोदी ने यहां किसी देश का नाम तो नहीं लिया, लेकिन साफ तौर पर उनका इशारा चीन की तरफ था।

बॉर्डर पार कर भारत में घुसे 11 बांग्लादेशी, चेन्नई-अहमदाबाद जाने की थी प्लानिंग, रेलवे स्टेशन से हुए गिरफ्तार

डेस्क: वैध दस्तावेजों के बिना भारत में दाखिल होने के आरोप में 11 बांग्लादेशियों को त्रिपुरा से गिरफ्तार किया गया। राजकीय रेलवे पुलिस (GRP) ने यह जानकारी दी। जीआरपी के एक अधिकारी ने बताया कि इन बांग्लादेशियों की घुसपैठ में मदद करने के आरोप में तीन भारतीय को भी पकड़ा गया है।

जीआरपी अधिकारी ने बताया कि गुप्त सूचना के आधार पर कार्रवाई करते हुए जीआरपी की टीम ने शनिवार शाम अगरतला रेलवे स्टेशन पर इन बांग्लादेशियों को पकड़ा। उन्होंने बताया कि ये ट्रेन से चेन्नई और अहमदाबाद जाने की योजना बना रहे थे।

प्रभारी अधिकारी तपन दास ने बताया कि इन बांग्लादेशियों को हिरासत में लेकर अगरतला जीआरपी थाना ले जाया गया। उन्होंने बताया कि पूछताछ के दौरान पकड़े गए बांग्लादेशियों ने बताया कि उन्होंने अवैध रूप से अंतरराष्ट्रीय सीमा पार की है। सभी बांग्लादेशी अवैध रूप से चेन्नई व अहमदाबाद जाने की योजना बना रहे थे।

दास ने बताया कि इन 11 बांग्लादेशियों और उनके तीन भारतीय मददगारों को पुलिस हिरासत में लेने के लिए रविवार को एक स्थानीय अदालत में पेश किया गया। इन सभी बांग्लादेशियों पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

बता दें कि पिछले कई महीनों में अंतरराष्ट्रीय सीमा पार कर अवैध रूप से घुसे बांग्लादेशियों को गिरफ्तार किया गया है। इसके पहले भी बड़ी संख्या में बांग्लादेशियों को रेलवे स्टेशन से ही गिरफ्तार किया गया था। तब पुलिस ने अवैध बांग्लादेशियों को कोर्ट में पेश कर कानूनी कार्रवाई की थी।

हिजबुल्लाह ने शुरू किया 'ऑपरेशन बदला', 150 से ज्यादा रॉकेटों से किया हमला

डेस्क: पिछले एक हफ्ते में इजराइल ने हिजबुल्लाह को कई बड़ी चौटे दी हैं. जिसके जवाब में रविवार सुबह से ही हिजबुल्लाह ने इजराइल के खिलाफ तीन ऑपरेशन किए हैं. जिसमें सैकड़ों रॉकेट और ड्रोनों से इजराइल के ठिकानों पर हमला किया गया है. हिजबुल्लाह के इन हमलों के बाद इजराइल के अलग अलग शहरों से नुकसान की खबरे आई है. सबसे ज्यादा नुकसान हाइफा में हुआ है.

पहले ऑपरेशन में इस्लामिक रेजिस्टेंस ने दर्जनों फादी 1 और फादी 2 रॉकेटों से इजराइली रमत डेविड सैन्य अड्डे और हवाई अड्डे को निशाना बनाया. पहले हमले के कुछ देर बाद ही हिजबुल्लाह ने उन्हीं लक्ष्यों पर दूसरा ऑपरेशन भी शुरू किया, इसमें भी फादी 1 और फादी 2 रॉकेटों का इस्तेमाल हुआ है. हमले के बाद सामने आई तस्वीरों में गाड़ियों और इंफ्रास्ट्रक्चर में आग लगती देखी जा सकती है. इस हमले में एक किशोर की मौत की भी खबर है.

तीसरे ऑपरेशन में सुबह करीब 6:30 बजे राफेल सैन्य-औद्योगिक परिसर पर किया गया. राफेल इजराइल सेना के लिए इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों बनाने के लिए जाना जाता है और यह हाइफा शहर के उत्तर में ज़्वुलुन घाटी पर स्थित है. इसको भी दर्जनों फादी 1, फादी 2 और कत्युशा रॉकेटों से निशाना बनाया गया है.

इजराइल सेना के मुताबिक हिजबुल्लाह ने देर रात से करीब 150 रॉकेट दागे हैं, जिसमें से ज्यादातर को एयर डिफेंस ने नष्ट कर दिया है.

इजराइल सेना ने जानकारी दी की उसके फाइटर्स जेट ने हिजबुल्लाह के ठिकानों पर करीब 400 एयर स्ट्राइक की हैं. इजराइल ने दावा किया कि ज्यादातर हमले हिजबुल्लाह के उन ठिकानों को निशाना बनाकर किए गए जहां से इजराइल पर हमला करने की कोशिश की जा रही थी. पिछले कुछ महीनों से चल रहे तनाव के बाद ये दोनों ही पक्षों की ओर से सबसे बड़े हमलों वाला दिन रहा है.

वहीं लेबनान में बढ़ते तनाव पर UN चीफ एंटोनियो गुटेरेस ने चिंता जाहिर की है. गुटेरेस ने अरब न्यूज को दिए गए अपने इंटरव्यू में कहा कि हम लेबनान को दूसरा गाजा नहीं बनने दे सकते हैं.

अयोध्या से सपा सांसद अवधेश प्रसाद के बेटे के खिलाफ मारपीट, धमकी और जबरन उठा ले जाने का मामला दर्ज

डेस्क: यूपी के अयोध्या से इस वक्त की बड़ी खबर सामने आ रही है। यहां से सपा सांसद अवधेश प्रसाद के बेटे अजीत प्रसाद के खिलाफ थाना कोतवाली नगर में मारपीट, धमकाने और जबरन उठा ले जाने का मुकदमा दर्ज हुआ है। 

अयोध्या से समाजवादी पार्टी सांसद अवधेश प्रसाद के बेटे अजीत प्रसाद के खिलाफ अयोध्या के थाना कोतवाली नगर में मुकदमा दर्ज हुआ है। अजीत के खिलाफ मारपीट, जबरन ले जाने और धमकी देने की धाराओं में मुकदमा दर्ज हुआ है। उन पर धारा 140(3), 115(2), 191 (3) और 351 (3) बीएनएस में मामला दर्ज हुआ है। 

अजीत प्रसाद समेत 3 नामजद और 15 अज्ञात लोगों के खिलाफ ये मामला दर्ज किया गया है। ये मामला रवि तिवारी नाम के शख्स ने दर्ज कराया है ।

हालही में अवधेश प्रसाद ने पूरे भारत में बिना इजाजत के बुलडोजर से तोड़फोड़ रोकने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया था। एएनआई से बात करते हुए, अवधेश प्रसाद ने कहा था, 'सुप्रीम कोर्ट का फैसला उचित था। इस आदेश के बाद सुप्रीम कोर्ट की गरिमा बढ़ेगी। मैं इस फैसले का स्वागत करता हूं। मुझे उम्मीद है कि सरकार सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का पालन करेगी।'

बता दें कि यह सुप्रीम कोर्ट के 1 अक्टूबर तक कोर्ट की अनुमति के बिना भारत में कहीं भी संपत्ति के विध्वंस को रोकने के निर्देश के बाद आया था। सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया था कि यह आदेश सार्वजनिक सड़कों, फुटपाथों सहित अन्य पर किसी भी अनधिकृत निर्माण पर लागू नहीं होगा। 

न्यायमूर्ति बीआर गवई और न्यायमूर्ति केवी विश्वनाथन की पीठ ने संपत्तियों पर बुलडोजर चलाने की प्रथा को चुनौती देने वाली याचिकाओं की एक श्रृंखला पर सुनवाई करते हुए यह आदेश जारी किया। इससे पहले, सपा प्रमुख और लोकसभा सांसद अखिलेश यादव ने भी पूरे भारत में बुलडोजर विध्वंस को रोकने के निर्देश के लिए सुप्रीम कोर्ट को धन्यवाद दिया था।

पीएम मोदी को जगन मोहन रेड्डी का खत 'चंद्रबाबू नायडू झूठे, राजनीतिक फायदे के लिए हिंदुओं की आस्था को ठेस पहुंचा रहे'

डेस्क: आंध्र प्रदेश के तिरुपति बालाजी मंदिर को लेकर जगन मोहन रेड्डी ने पीएम मोदी को खत लिखा है। इस खत में उन्होंने कहा है कि इस मंदिर के प्रसाद में मिलावट को लेकर जो आरोप लगाए गए हैं। वह पूरी तरह से निराधार हैं। चंद्रबाबू नायडू ने राजनीतिक लाभ के लिए ये आरोप लगाए हैं। उन्हें इसके लिए फटकार लगाई जानी चाहिए और मामले का पूरा सच सामने आना चाहिए।

चंद्रबाबू नायडू ने आरोप लगाए हैं कि पिछली सरकार के दौरान तिरुपति बालाजी मंदिर में बनने वाले प्रसाद में मिलावटी घी का इस्तेमाल हुआ था। उन्होंने दावा किया कि लैब में हुई जांच में पाया गया है कि प्रसाद बनाने के लिए इस्तेमाल होने वाले घी में पशु की चर्बी पाई गई है। उनके इस खुलासे के बाद बवाल मचा हुआ है और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की बात हो रही है। इस बीच पिछली सरकार और विपक्षी दलों ने आरोपों को झूठा करार दिया है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस मामले में राज्य सरकार से रिपोर्ट मांगी है।

जगन मोहन रेड्डी ने प्रधानमंत्री मोदी को जो पत्र लिखा है, उसमें कहा गया है, "चंद्रबाबू नायडू एक रोगग्रस्त और आदतन झूठ बोलने वाले व्यक्ति हैं, जो राजनीतिक उद्देश्यों के लिए करोड़ों लोगों की आस्था को ठेस पहुंचाने के लिए इतने नीचे गिर गए हैं। यह जरूरी है कि झूठ फैलाने के उनके बेशर्म कृत्य के लिए नायडू को कड़ी से कड़ी फटकार लगाई जाए और सच्चाई को सामने लाया जाए। इससे नायडू द्वारा करोड़ों हिंदू भक्तों के मन में पैदा किए गए संदेह दूर होंगे और टीटीडी की पवित्रता में विश्वास बहाल होगा।"

तिरुपति मंदिर को लंबे समय से कर्नाटक की सरकारी कंपनी घी की सप्लाई करती थी। हालांकि, पैसे कम होने के कारण कंपनी ने घी देने से मना कर दिया। ऐसे में वाईएसआरसीपी सरकार ने पांच निजी कंपनियों से घी लेने का फैसला किया। आरोप है कि इसके बाद प्रसाद के स्वाद में खराबी आई। जांच करने पर पाया गया कि प्रसाद में इस्तेमाल होने वाले घी में मिलावट है। पांच में से एक कंपनी के घी में मिलावट पाई गई है। हालांकि, कंपनी का कहना है कि उसने जांच करने के बाद रिपोर्ट के साथ घी का टैंकर भेजा था।

पीएम मोदी बोले- भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया शांति के पक्षधर; हिंद-प्रशांत पर भी हुई बात

पीएम मोदी ने कहा कि क्वाड शिखर सम्मेलन ऐसे समय में हो रहा है, जब दुनिया तनाव और संघर्ष से घिरी हुई है। ऐसे में साझा लोकतांत्रिक मूल्यों के आधार पर क्वाड का एक साथ काम करना पूरी मानवता के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। हम किसी के खिलाफ नहीं हैं।

अमेरिका के डेलावेयर में आयोजित क्वाड शिखर सम्मेलन में भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया के राष्ट्राध्यक्ष शामिल हुए। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि सम्मेलन ऐसे समय में हो रहा है, जब दुनिया तनाव और संघर्ष से घिरी है। उन्होंने कहा कि साझा लोकतांत्रिक मूल्यों के आधार पर क्वाड देशों को एक साथ काम करना पूरी मानवता के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।

प्रधानमंत्री मोदी अपनी तीन दिवसीय अमेरिकी यात्रा के पहले चरण में शनिवार सुबह (स्थानीय समयानुसार) अमेरिका के फिलाडेल्फिया हवाई अड्डे पर पहुंचे। क्वाड शिखर सम्मेलन में भाग लेने से पहले उन्होंने राष्ट्रपति जो बाइडन के साथ द्विपक्षीय बैठक की। दोनों नेताओं ने भारत-अमेरिका व्यापक वैश्विक रणनीतिक साझेदारी को और गहरा करने के लिए नए रास्ते खोजे।

इसके बाद, पीएम मोदी ने क्वाड शिखर सम्मेलन को संबोधित किया। इस दौरन उन्होंने कहा, 'क्वाड शिखर सम्मेलन ऐसे समय में हो रहा है, जब दुनिया तनाव और संघर्ष से घिरी हुई है। ऐसे में साझा लोकतांत्रिक मूल्यों के आधार पर क्वाड का एक साथ काम करना पूरी मानवता के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। हम किसी के खिलाफ नहीं हैं। हम सभी नियम-आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था, संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के सम्मान और सभी मुद्दों के शांतिपूर्ण समाधान का समर्थन करते हैं। स्वतंत्र, खुला, समावेशी और समृद्ध हिंद-प्रशांत हमारी साझा प्राथमिकता और साझा प्रतिबद्धता है।'

चुनौतियां आएंगी, दुनिया बदल जाएगी, लेकिन क्वाड बरकरार रहेगा: बाइडन

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने क्वाड समिट के दौरान इंडो-पैसिफिक के साथ ही दक्षिण-पूर्व एशिया के छात्रों को शामिल करने के लिए क्वाड फेलोशिप के साथ ही चुनौतियों पर बात की। इस दौरान बाइडन ने कहा, हम लोकतांत्रिक देश जानते हैं कि काम कैसे करना है। यही कारण है कि मैं राष्ट्रपति पद के पहले दिनों में यह प्रस्तावित करने के लिए कि हम क्वाड को और अधिक परिणामी बना रहे हैं, प्रत्येक राष्ट्र तक पहुंचा। चार साल बाद, चारों देश पहले से कहीं अधिक रणनीतिक रूप से एकजुट हैं।

उन्होंने कहा कि आज हम इंडो-पैसिफिक के लिए एक सकारात्मक प्रभाव देने के लिए पहल की एक श्रृंखला की घोषणा कर रहे हैं। इसमें हमारे क्षेत्रीय साझेदारों को नई समुद्री प्रौद्योगिकियां प्रदान करना शामिल है, ताकि वे जान सकें कि उनके जल क्षेत्र में क्या हो रहा है। पहली बार तट रक्षकों के बीच सहयोग शुरू करना और दक्षिण-पूर्व एशिया के छात्रों को शामिल करने के लिए क्वाड फेलोशिप का विस्तार करना शामिल है। उन्होंने कहा कि चुनौतियां आएंगी, दुनिया बदल जाएगी, लेकिन क्वाड बरकरार रहेगा, मुझे विश्वास है।

ऑस्ट्रेलियाई पीएम अल्बानी ने समान विचारधारा पर दिया जोर

क्वाड समिट में ऑस्ट्रेलियाई पीएम एंथनी अल्बानी ने इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में निरंतर शांति और स्थिरता और समान विचारधारा के लिए काम करने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा, 'क्वाड स्वच्छ ऊर्जा और चुनौतियों से निपटने से लेकर जलवायु परिवर्तन से मिलने वाले अवसरों, स्वास्थ्य सुरक्षा, महत्वपूर्ण और उभरती प्रौद्योगिकियों, साइबर और आतंकवाद-निरोध जैसे रणनीतिक क्षेत्रों में व्यावहारिक सार्थक परिणामों के बारे में है।' उन्होंने कहा कि हम हमेशा बेहतर स्थिति में रहेंगे, जब समान विचारधारा वाले देश और पूर्ण महान लोकतंत्र एक साथ काम करेंगे। यह सब क्षेत्र में निरंतर शांति और अस्थिरता, रणनीतिक प्रतिस्पर्धा और अनुभव के बुद्धिमान प्रबंधन पर निर्भर करता है।

जापानी पीएम ने क्वाड समूह द्वारा ठोस कार्रवाई की आवश्यकता को रेखांकित किया

जापानी पीएम फुमियो किशिदा ने हिंद-प्रशांत के भविष्य पर चर्चा करने के लिए क्वाड नेताओं के साथ मुलाकात पर खुशी जाहिर की।

अपने कार्यकाल के दौरान (क्वाड रिलेट्रल सिक्योरिटी डायलॉग) द्वारा किए गए प्रयासों पर लगातार जोर दिया और रेखांकित किया। इस दौरान उन्होंने जापान के हिरोशिमा में हुई पिछली बैठक को याद करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री के रूप में मेरी पिछली विदेश यात्रा के लिए इससे बेहतर नहीं हो सकती थी। उन्होंने क्वाड समूह द्वारा ठोस कार्रवाई की आवश्यकता को रेखांकित करते हुए कहा, 'हमारे आस-पास का सुरक्षा वातावरण लगातार गंभीर होता जा रहा है। कानून के शासन पर आधारित एक स्वतंत्र और लोकतंत्र जैसे मूल्यों को साझा करते हैं। एक स्वतंत्र और खुली दुनिया के हमारे साझा दृष्टिकोण के प्रति अपनी दृढ़ प्रतिबद्धता का प्रदर्शन करना जारी रखना और भी महत्वपूर्ण है।'

खुशखबरी, केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा के लिए आवेदन शुरू, अभ्यर्थी ऐसे करें आवेदन, यहां जानिए कब होगी परीक्षा

केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) की ओर से केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा (सीटेट) के लिए आवेदन प्रक्रिया शुरू हो गई है। अभ्यर्थी 16 अक्टूबर तक वेबसाइट ctet.nic.in पर जाकर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। सामान्य और ओबीसी अभ्यर्थियों को एक पेपर के लिए एक हजार रुपये शुल्क लगेगा, दोनों पेपर के लिए 1200 रुपये शुल्क है। इसी तरह एससी, एसटी और दिव्यांग अभ्यर्थियों को एक पेपर के लिए पांच सौ और दोनों के लिए छह सौ रुपये शुल्क निर्धारित है।

सीबीएसई की तरफ से परीक्षा तिथि बढ़ाई गई है। पहले एक दिसंबर को परीक्षा होना था, लेकिन अब 15 दिसंबर को परीक्षा होगी। सीबीएसई ने इसी साल जुलाई में भी सीटेट आयोजित की थी। इस तरह से साल में यह परीक्षा दूसरी बार होने जा रही है। सीबीएसई ने स्पष्ट किया है कि यदि कुछ शहरों में अभ्यर्थियों की संख्या अधिक होती है तो परीक्षा 30 नवंबर को भी आयोजित की जाएगी।

परीक्षा में बहुविकल्पीय 150 प्रश्न पूछे जाएंगे, ये सभी प्रश्न एक-एक नंबर के रहेंगे। सामान्य वर्ग के अभ्यर्थी को सीटेट क्वालीफाई करने के लिए 90 अंक लाना जरूरी है। इस परीक्षा को पास करने के बाद अभ्यर्थी देशभर के स्कूलों में नौकरी पा सकते हैं, जिन्हें केंद्र सरकार द्वारा संचालित किया जाता है। इसके अलावा कई राज्य भी स्थानीय टेट के अलावा सीटेट को भी मान्यता देते हैं।

देश में कब होगी मानसून की विदाई? अब तक सामान्य से छह प्रतिशत हुई ज्यादा बारिश, मौसम विभाग ने दिया बड़ा अपडेट, देखें पूरी रिपोर्ट


देश में सामान्य से छह फीसदी ज्यादा बारिश की मेहरबानी कर मानसून सोमवार से लौटना शुरू होगा। लौटने की शुरुआत पश्चिमी राजस्थान और गुजरात के कच्छ क्षेत्र से होगी लेकिन लौटता मानसून भी मध्य और दक्षिण और मध्य भारत के कई हिस्सों को भिगोकर जाएगा। मौसम विभाग ने शनिवार को कहा कि मानसून के लौटने की अनुकूल परििस्थतियां बन गई हैं।

वैसे तो पूर्वी भारत को छोड़कर मानसून पूरे देश में कमोबेश झूम कर बरसा लेकिन कभी सूखे को स्थाई मेहमान बताने वाले राजस्थान में सामान्य औसत बारिश से सर्वाधिक 58 फीसदी ज्यादा बरसात हुई। देश में शुक्रवार तक सामान्य औसत बारिश 82.72 सेमी के मुकाबले इस बार 87.59 सेमी बरसात हुई जो पूरे सीजन के आंकड़े (86.86 सेमी) से भी ज्यादा है। मध्यप्रदेश में सामान्य से 15% तथा छत्तीसगढ़ में 6% ज्यादा बरसात हुई।

मानसून इस बार केरल और पूर्वाेत्तर भारत में एक साथ 30 मई को आया जो उसके आगमन की सामान्य तिथि से दो दिन पहले था। मानसून लौटने की सामान्य तिथि 17 सितंबर से छह दिन देरी से जाएगा। मानसून दो जुलाई को पूरे देश पर छा गया था।

मानसून सीजन में अब तक, मध्य और दक्षिणी भारत में सामान्य से अधिक, उत्तर-पश्चिमी क्षेत्र में सामान्य, तथा उत्तर-पूर्वी भारत में सामान्य से कम बारिश हुई। राज्यवार केवल सात राज्यों व यूटी, बिहार, पंजाब, नगालैंड, मणिपुर, अरुणाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर और चंडीगढ़ में औसत से कम बरसात हुई।

देश में मानसून की मेहरबानी के चलते इस बार खरीफ की बुवाई का रकबा भी पिछले साल की तुलना में ज्यादा हुई है। पिछले साल खरीफ सीजन में 1072.94 लाख हैक्टेयर में बुवाई की गई थी जबकि इस बार 17 सितंबर तक 1096.65 लाख हैक्टेयर में बुवाई हो चुकी है। खास बात यह है कि कृषि मंत्रालय 1096 लाख हैक्टेयर को ही बुवाई योग्य क्षेत्र मानता है। कपास और जूट को छोड़कर अन्य सभी फसलों चावल, दलहन, तिलहन और मोटा अनाज का रकबा बढ़ा है।

मध्य प्रदेश में मानसून की विदाई में कुछ दिनों का और समय लग सकता है। प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में बादल छाए हुए है। कभी धूप तो कभी छांव का खेल जारी है। मौसम विभाग ने 25 सितंबर तक प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में तेज हवाओं और गरज चमक के साथ झमाझम बारिश का यलो अलर्ट जारी किया है। खासकर 24 और 25 सितंबर को सूबे के अलग-अलग हिस्सों में झमाझम बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। प्रदेश में तीन दिन 21 से 25 सितंबर तक तेज हवाएं चलेंगी। खासकर 23 सितंबर को कुछ जिलों में हवा की स्पीड 50 किलोमीटर प्रतिघंटा तक देखी जा सकती है।