समुद्र में चीन का मुकाबला करने के लिए क्वाड ने “कसी कमर”, 'कोस्ट गार्ड' बनाने की घोषणा
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डेलावेयर के विलमिंगटन में क्वाड नेताओं की बैठक में ऑस्ट्रेलिया, भारत, अमेरिका और जापान के राष्ट्राध्यक्ष शामिल हुए हैं। बाइडन ने बैठक की मेजबानी की, जिसमें भारत की तरफ से प्रधानमंत्री मोदी ने शिरकत की है। बैठक के बाद आए बयान में क्वाड की चीन पर चिंता सामने आई है। क्वाड समिट के बाद जारी साझा बयान में दक्षिण चीन सागर का जिक्र करते हुए फिक्र जाहिर की गई है। क्वाड नेताओं ने 2025 में संयुक्त तट रक्षक मिशन बनाने की घोषणा करते हुए इंडो-पैसिफिक में समुद्री सहयोग बढ़ाने का फैसला किया है।
बयान में कहा गया है कि यूएस कोस्ट गार्ड, जापान कोस्ट गार्ड, ऑस्ट्रेलियाई सीमा बल और भारतीय तट रक्षक बल समुद्री सुरक्षा को बढ़ाने के लिए 2025 में पहली बार क्वाड-एट-सी शिप ऑब्जर्वर मिशन शुरू करने जा रहे हैं। बयान में चीन की ओर स्पष्ट इशारा है लेकिन ये भी कहा गया कि क्वाड यानी ऑस्ट्रेलिया, भारत, जापान और अमेरिका किसी विशेष देश के खिलाफ नहीं है।
बैठक की मेजबानी करते हुए जो बाइडेन ने कहा कि आज हम इंडो-पैसिफिक के लिए वास्तविक सकारात्मक प्रभाव डालने के लिए पहलों की एक सीरीज की घोषणा कर रहे हैं। इसमें हमारे क्षेत्रीय भागीदारों को नई समुद्री तकनीकें प्रदान करना शामिल है ताकि वे जान सकें कि उनके जल में क्या हो रहा है। पहली बार तट रक्षकों के बीच सहयोग शुरू करना, और दक्षिण-पूर्व एशिया के छात्रों को शामिल करने के लिए क्वाड फेलोशिप का विस्तार करना है। इसलिए मैं यहां आने के लिए आप सभी को फिर से धन्यवाद देना चाहता हूं।
गार्जियन की रिपोर्ट के मुताबिक, क्वाड समिट के बाद जारी बयान में विस्तृत रूप से चीन के बारे में बात नहीं की गई लेकिन दक्षिण चीन सागर में चल रही गतिविधियों के संबंध में इस दफा पहले से कड़ी भाषा का इस्तेमाल हुआ है, जो इन जल क्षेत्रों में चीन के बढ़ते दबदबे के लिए चिंता को दिखाता है।
बयान में कहा गया है क्वाड खतरनाक युद्धाभ्यास के बढ़ते उपयोग सहित तट रक्षक और समुद्री मिलिशिया जहाजों के खतरनाक उपयोग की निंदा करते हैं। हमारा मत है कि समुद्री विवादों को शांतिपूर्वक और अंतरराष्ट्रीय कानून (यूएनसीएलओएस) के अनुसार हल किया जाना चाहिए।' बयान में कहा गया है कि दक्षिण चीन सागर पर 2016 का मध्यस्थता एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है और पार्टियों के बीच विवादों को शांतिपूर्ण ढंग से सुलझाने का आधार है।
क्वाड के बयान में साफ तौर पर चीन के समुद्र में बढ़ते दबदबे पर चिंता जाहिर की गई है लेकिन एक बार भी नाम नहीं लिया गया है। चीन का परोक्ष रूप से जिक्र करते हुए कहा कि समूह किसी भी ऐसी अस्थिरकारी या एकतरफा कार्रवाई का दृढ़ता से विरोध करता है, जो बल या दबाव के जरिए यथास्थिति को बदलने की कोशिश करती है।
बता दें कि चीन का दक्षिण चीन सागर और पूर्वी चीन सागर में कई देशों से विवाद है। वह पूरे दक्षिण चीन सागर पर अपनी संप्रभुता का दावा करता है। दूसरी ओर, वियतनाम, मलेशिया, फिलीपीन, ब्रुनेई और ताइवान भी इस क्षेत्र पर अपने-अपने दावे करते हैं।
Sep 23 2024, 11:50