क्वाड की बैठक में बाइडेन ने ड्रैगन को लेकर दे डाली चेतावनी, पीएम मोदी बोले- हम किसी के खिलाफ नहीं....
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अमेरिका के डेलावेयर के विलमिंगटन में 'क्वाड' नेताओं की बैठक में ऑस्ट्रेलिया, भारत, अमेरिका और जापान के राष्ट्राध्यक्ष शामिल हुए हैं। भारत की तरफ़ से प्रधानमंत्री मोदी ने इस बैठक में शिरकत की है। क्वाड समूह के देशों ने साझा बयान जारी किया, जिसमे खासकर दक्षिण चीन सागर का ज़िक्र है।साझा बयान में कहा गया है, "हम विवादित मुद्दों के सैन्यीकरण और दक्षिणी चीन सागर में बलपूर्वक और डराने-धमकाने के लिए होने वाले युद्धाभ्यासों पर अपनी गंभीर चिंता व्यक्त करना जारी रखते हैं। हम इस बात की पुष्टि करते हैं कि समुद्री विवादों को शांतिपूर्वक और अंतरराष्ट्रीय क़ानून के मुताबिक़ हल किया जाना चाहिए..."
क्वाड भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया द्वारा बनाया गया एक समूह जो इन देशों के बीच अनौपचारिक रणनीतिक वार्ता का एक मंच प्रदान करता है। यह मुक्त, खुले और समृद्ध इंडो-प्रशांत क्षेत्र सुनिश्चित करता है और इन देशों को एक साथ लाता है। सही मायने में देखा जाए तो इसका मुख्य उद्देश्य इंडो-पैस्फिक क्षेत्र में चीन के बढ़ते प्रभुत्त्व को रोकना है और यहां पावर का चैक एंड बैलेंस बनाए रखना है। इस संगठन के गठन के बाद से ही लगातार ऐसे समझौते हो रहे हैं जो हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन के प्रभाव को कम कर सकें।
क्वाड शिखर सम्मेलन में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन का चीन को लेकर दिया बयान चर्चा में है। बाइडन ने कहा कि उनका मानना है कि 'चीन हम सबकी परीक्षा ले रहा है।' अमेरिकी राष्ट्रपति समूह के दूसरे नेताओं से आपसी बातचीत कर रहे थे, लेकिन उस दौरान उनका माइक ऑन था। जब पत्रकार कार्यक्रम स्थल से निकल रहे थे, तो बाइडन ने दूसरे नेताओं से कहा, 'हमारा मानना है कि शी जिनपिंग घरेलू आर्थिक चुनौतियों पर ध्यान केंद्रित करना चाहते हैं और चीन में अशांति को कम करना चाहते हैं।'
बाइडन को आगे यह कहते हुए सुना गया कि चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग 'चीन के हितों को आक्रामक तरीके से बढ़ाने के लिए अपने लिए कूटनीतिक जगह बनाना चाह रहे हैं।' अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा, 'चीन आक्रामक रवैया अपनाते हुए आर्थिक और तकनीकी मुद्दों समेत कई मोर्चों पर पूरे क्षेत्र में हम सभी की परीक्षा ले रहा है।'
बाइडन का बयान तब आया है जब सम्मेलन के दौरान सभी चार देश इस बात पर जोर दे रहे थे कि उनका समूह सिर्फ चीन को जवाब देने से कहीं ज्यादा है।
क्वाड की बैठक में एक तरफ बाइडन ने चीन को लेकर आक्रामक रूख दिखाया। हालांकि, पीएम मोदी ने साफ कहा कि क्वाड किसी देश के खिलाफ नहीं है और यह हमेशा रहेगा।प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘हम किसी के खिलाफ नहीं हैं। हम सभी नियम-आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था, संप्रभुता का सम्मान, क्षेत्रीय अखंडता और सभी मुद्दों का शांतिपूर्ण तरीके से समाधान करने के सपोर्ट में हैं।’ पीएम मोदी ने यहां किसी देश का नाम तो नहीं लिया, लेकिन साफ तौर पर उनका इशारा चीन की तरफ था।
Sep 23 2024, 11:14