पीएम मोदी अमेरिका रवाना, क्वाड शिखर सम्मेलन में लेंगे भाग
#pm_modi_s_us_tour
* प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को अपनी तीन दिवसीय अमेरिका यात्रा पर रवाना हो गए हैं। इस यात्रा के दौरान वे वार्षिक ‘क्वाड’ शिखर बैठक में शामिल होंगे और संयुक्त राष्ट्र महासभा में 'समिट ऑफ द फ्यूचर' को संबोधित करेंगे। अमेरिका दौरे पर रवाना होने के बाद प्रधानमंत्री ने एक्स पर पोस्ट में लिखा कि आज, मैं राष्ट्रपति बाइडेन के गृहनगर विलमिंगटन में आयोजित क्वाड शिखर सम्मेलन में भाग लेने और न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा में भविष्य के शिखर सम्मेलन को संबोधित करने के लिए अमेरिका की तीन दिवसीय यात्रा पर जा रहा हूं। *पीएम मोदी ने की यूएस दौरे की बात* पीएम मोदी ने आगे लिखा कि मैं क्वाड शिखर सम्मेलन के लिए अपने सहयोगियों राष्ट्रपति जो बाइडन, प्रधानमंत्री अल्बनीज और प्रधानमंत्री किशिदा के साथ शामिल होने के लिए उत्सुक हूँ। यह मंच हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति, प्रगति और समृद्धि के लिए काम करने वाले समान विचारधारा वाले देशों के एक प्रमुख समूह के रूप में उभरा है। राष्ट्रपति बाइडन के साथ मेरी बैठक हमें अपने लोगों और वैश्विक भलाई के लाभ के लिए भारत-अमेरिका व्यापक वैश्विक रणनीतिक साझेदारी को और गहरा करने के लिए नए रास्तों की समीक्षा और पहचान करने की अनुमति देगी। मैं भारतीय प्रवासियों और महत्वपूर्ण अमेरिकी व्यापारिक नेताओं के साथ जुड़ने का बेसब्री से इंतजार कर रहा हूं, जो प्रमुख हितधारक हैं और दुनिया के सबसे बड़े और सबसे पुराने लोकतंत्रों के बीच अनूठी साझेदारी को जीवंतता प्रदान करते हैं। भविष्य का शिखर सम्मेलन वैश्विक समुदाय के लिए मानवता की बेहतरी के लिए आगे की राह तैयार करने का एक अवसर है। मैं मानवता के छठे हिस्से के विचारों को साझा करूंगा क्योंकि शांतिपूर्ण और सुरक्षित भविष्य में उनकी हिस्सेदारी दुनिया में सबसे अधिक है। *पीएम मोदी का यूएस यात्रा का कार्यक्रम* वहीं, विदेश मंत्रालय ने उनकी यात्रा के बारे में मंगलवार को जानकारी दी थी। विदेश मंत्रालय के मुताबिक, पीएम मोदी 22 सितंबर को न्यूयॉर्क में भारतीय समुदाय के लोगों को भी संबोधित करेंगे। इससे पहले वे 21 सितंबर को डेलवेयर के विलमिंगटन में 'क्वाड लीडर्स समिट' में शामिल होंगे, जिसकी मेजबानी अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन करेंगे।पीएम मोदी 22 सितंबर को न्यूयॉर्क में भारतीय समुदाय के लोगों को भी संबोधित करेंगे। प्रधानमंत्री मोदी न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा में 23 सितंबर को 'समिट ऑफ द फ्यूचर' को संबोधित करेंगे। इसमें विभिन्न देशों के नेता एक मंच पर आएंगे और इस बात पर नई अंतरराष्ट्रीय सहमति बनाएंगे कि कैसे वर्तमान को बेहतर और भविष्य को सुरक्षित बनाया जाए। प्रधानमंत्री विश्व के कई नेताओं के साथ द्विपक्षीय बैठकें करेंगे और परस्पर हितों के मुद्दों पर चर्चा करेंगे।इनमें अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन, ऑस्ट्रेलियाई पीएम एंथनी अल्बनीस व जापानी पीएम फुमियो किशिदा मुख्य रूप से शामिल हैं। साथ ही वे हिंद-प्रशांत में क्षेत्रीय सुरक्षा व सहयोग पर चर्चा करेंगे।
आतिशी आज लेगी सीएम पद की शपथ, कैबिनेट में शामिल होंगे ये 5 चेहरे*
#atishi_delhi_cm_swearing_in_lg_office_today_evening
देश की राजधानी दिल्ली में राजनीति में आज एक अहम बदलाव होने जा रहा है।आम आदमी पार्टी की नेता आतिशी आज दिल्ली की नई मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने जा रहीं हैं। आतिशी का शपथ ग्रहण आज शाम साढे चार बजे होगा। आतिशी के साथ पांच कैबिनेट मंत्री भी शपथ लेंगे। राजनिवास में शपथ ग्रहण समारोह होगा। कार्यक्रम को लेकर तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। जानकारी के मुताबिक शाम 4:30-5:00 बजे के बीच आतिशी मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगी। सीएम पद से अरविंद केजरीवाल के इस्तीफे के बाद आतिशी को आम आदमी पार्टी के विधायक दल का नेता चुना गया। विधायक दल का नेता चुने जाने के बाद आतिशी ने नई सरकार बनाने का दावा पेश किया और उपराज्यपाल से शपथ ग्रहण की तारीख तय करने की मांग की। आतिशी का शपथ ग्रहण समारोह शनिवार, 21 सितंबर को शाम 4:30 बजे आयोजित किया जाएगा। इस अवसर पर उनके साथ पांच कैबिनेट मंत्री भी शपथ लेंगे, जो नई सरकार की दिशा और नीतियों को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। *आतिशी के साथ ये लेंगे शपथ* दिल्ली में गोपाल राय, कैलाश गहलोत, सौरभ भारद्वाज और इमरान हुसैन कैबिनेट मंत्री की शपथ लेंगे। मुकेश अहलावत भी कैबिनेट मंत्री की शपथ लेंगे। दिल्ली को एक नया कैबिनेट मंत्री मिलेगा।मुकेश अहलावत सुल्तानपुरी से विधायक हैं। यह अनुसूचित जाति वर्ग से आते हैं। यह राजकुमार आनंद की जगह लेंगे। बता दें कि दिल्ली सरकार में मुख्यमंत्री सहित कुल छह मंत्री होते हैं। अभी पांच मंत्री शपथ लेंगे मुख्यमंत्री के साथ। एक मंत्री की जगह अभी खाली है जो आतिशी की जगह पर बनेंगे। *केजरीवाल की सबसे विश्वासपात्र आतिशी* बता दें कि दिल्ली शराब घोटाला मामले में जेल से रिहा होने के बाद अरविंद केजरीवाल ने 17 सितंबर को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। केजरीवाल की ओर से इस्तीफा देने के ऐलान के बाद विधायक दल की बैठक हुई जिसमें आतिशी के नाम पर मुहर लगी। आतिशी को केजरीवाल का सहयोगी और विश्वासपात्र माना जाता है। अन्ना आंदोलन के समय से ही वो केजरीवाल के साथ हैं। सरकार में सबसे ज्यादा मंत्रालय भी उन्हीं के पास थे और केजरीवाल के जेल जाने के बाद से वो पार्टी और सरकार से जुड़े अधिकतर मुद्दों पर मुखर भी रही हैं। मंत्री बनने से पहले आतिशी शिक्षा के लिए पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया के सलाहकार के रूप में भी काम कर चुकी हैं। *तीसरी महिला मुख्यमंत्री होंगी आतिशी* आतिशी दिल्ली की तीसरी महिला मुख्यमंत्री होंगी। इससे पहले बीजेपी की दिवंगत और दिग्गज नेता सुषमा स्वराज, कांग्रेस की शीला दीक्षित दिल्ली की मुख्यमंत्री रह चुकी हैं। सुषमा स्वराज का कार्यकाल बहुत छोटा था जबकि शीला दीक्षित 15 साल दिल्ली की मुख्यमंत्री रहीं। अब दिल्ली की कमान आतिशी को मिलने जा रही है।
मिडिल ईस्ट में चरम पर तनाव, अब हिजबुल्लाह ने इजरायल पर दागे 140 रॉकेट

#hezbollah_hits_northern_israel_with_140_rockets

इजराइल और लेबनान के बीच लगातार तनाव बढ़ता जा रहा है।एक तरफ जहां इजराइल की सेना लेबनान में आतंकी संगठन हिजबुल्लाह के कई ठिकानों पर ताबड़तोड़ हमले कर रही है तो वहीं अब हिजबुल्लाह की ओर से भी पलटवार किया गया है। हिजबुल्लाह ने उत्तरी इजराइल में मिसाइलें दागी हैं। शुक्रवार को लेबनान समर्थित हिज्बुल्ला ने उत्तरी इजराइल में एक के बाद एक 3 हमलों को अंजाम दिया है। इन तीन हमलों नें हिज्बुल्ला आतंकियों ने करीब 140 मिसाइलें दागीं। यह हमला हिज्बुल्ला के नेता हसन नसरल्लाह द्वारा इजरायल पर बड़े पैमाने पर बमबारी का बदला लेने की कसम खाने के एक दिन बाद हुआ।

इंटरनेशनल मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस हमले की जानकारी इजरायली सेना और आतंकवादी समूह हिज्बुल्ला दोनों ने दी है। इजरायल की सेना ने कहा कि शुक्रवार दोपहर को तीन दौर में रॉकेट दागे गए, जिनका लक्ष्य लेबनान से लगी सीमा पर स्थित स्थल थे। हिज्बुल्ला ने कहा कि उसने सीमा पर कई स्थानों को कत्युशा रॉकेटों से निशाना बनाया है।

हिज्बुल्ला ने यह भी कहा कि हमले में कई हवाई रक्षा अड्डे और एक इजरायली बख्तरबंद ब्रिगेड का मुख्यालय भी शामिल है। उसने कहा कि इन ठिकानों पर पहली बार हमला किया गया है। हिज्बुल्ला ने कहा कि ये रॉकेट दक्षिणी लेबनान के गांवों और घरों पर इजरायली हमलों का बदला लेने के लिए दागे गए।

इससे पहले इजराइली वायुसेना के विमानों ने बृहस्पतिवार-शुक्रवार की दरमियानी रात दक्षिणी लेबनान में हिजबुल्लाह के ठिकानों पर घातक हमले किए। रात भर लेबनान में इजराइली फाइटर जेट्स गरजते रहे। इजराइल की तरफ से किए गए इन हमलों में हिजबुल्लाह के 1000 से ज्यादा रॉकेट बैरल लांचर नष्ट हो गए है। आतंकी संगठन के 100 से ज्यादा ठिकानों को भी ध्वस्त किया गया है।

इस बीच इज़राइली सेना की तरफ से भी कहा गया था कि लेबनान में हिजबुल्लाह के ठिकानों पर हमले इस वजह से किए जा रहे हैं ताकि उसकी आतंकवादी क्षमताओं और बुनियादी ढांचे को नुकसान पहुंचाया जा सके। सेना ने यह भी कहा गया था कि हिजबुल्लाह ने आम लोगों के घरों को हथियार बनाया है, उनके नीचे सुरंगें खोदी हैं और नागरिकों को मानव ढाल के रूप में इस्तेमाल किया है, जिससे दक्षिणी लेबनान युद्ध क्षेत्र में बदल गया है।

जिस एजेंसी को “पानी पी-पी” कर कोस रहा विपक्ष, दुनियाभर में हो रही उसी की सराहना*
#fatf_praise_enforcement_directorate दिल्ली के पीर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उपमुख्यमंत्री रह चुके मनीष सिसोदिया हाल ही में ईडी के मामले में जेल से लौटे हैं। वहीं, हाल ही में झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भी जेल से बाहर आए हैं। विपक्ष के कई नेता केन्द्रीय जांच एजेंसी इनफोर्समेंट डायरेक्टरेट (ईडी) के निशाने पर है। ऐसे में पूरा विपक्ष केन्द्र की मोदी सरकार को हर बार इन संस्थाओं के दुरूपयोग का आरोप लगाकर कोसता है। हालांकि, इसी केन्द्रीय जांच एजेंसी की फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) ने सराहना की है। एफएटीएफ वैश्विक स्तर पर मनी लॉन्ड्रिंग और टेरर फंडिंग को रोकने का काम करती है। इसने भारत की मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवाद के वित्तपोषण रोधी प्रणाली की सराहना की है। एफएटीएफ ने गुरुवार को भारत पर अपनी बहुप्रतीक्षित पारस्परिक मूल्यांकन रिपोर्ट जारी की।इसने अपनी रिपोर्ट में इनफोर्समेंट डायरेक्टरेट (ईडी) की कार्रवाइयों की जमकर तारीफ की। ईडी ने 2018 से अक्टूबर 2023 के बीच 16,537 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की। एफएटीएफ की यह रिपोर्ट इसी अवधि की है। एफएटीएफ ने कहा कि देश की प्रणालियां 'प्रभावी' हैं, लेकिन इन मामलों में अभियोजन को मजबूत करने के लिए 'बड़े सुधारों' की आवश्यकता है। *भारत को 'रेगुलर फॉलोअप' कैटेगरी में रखा* यह रिपोर्ट पिछले वर्ष नवंबर में एफएटीएफ एक्सपर्ट्स के भारत दौरे के बाद आई है। इसने देश को 'रेगुलर फॉलोअप' कैटेगरी में रखा है। यह वह स्थान है जो केवल चार अन्य जी20 देशों को प्राप्त है। एफएटीएफ अनुशंसाओं के कार्यान्वयन के स्तर का आकलन करने के लिए एफएटीएफ प्रत्येक सदस्य की निरंतर समीक्षा करता है। इसके आधार पर रेटिंग दी जाती है। यह रेटिंग वित्तीय प्रणाली के आपराधिक दुरुपयोग को रोकने के लिए प्रत्येक देश की प्रणाली का गहन विवरण और विश्लेषण प्रदान करता है। 'रेगलुर फॉलोअप' रेटिंग एफएटीएफ की तरफ से दी जाने वाली सर्वोच्च रेटिंग श्रेणी है। भारत के अलावा, ब्रिटेन, फ्रांस और इटली ही ऐसे G-20 देश हैं जिन्हें इस श्रेणी में रखा गया है। *रेगुलर फॉलोअप रेटिंग के मायने?* एफएटीएफ के संदर्भ में 'रेगुलर फॉलोअप' रैंकिंग उन देशों को संदर्भित करती है, जो एफएटीएफ के मनीलॉन्ड्रिंग विरोधी (एएमएल) और आतंकवाद के वित्तपोषण का मुकाबला करने (सीएफटी) मानकों के साथ काफी हद तक अनुपालन करते पाए गए हैं। इस श्रेणी के देशों, जैसे भारत, में आम तौर पर मजबूत प्रणालिया हैं। हालांकि, अभी भी कुछ क्षेत्रों, जैसे प्रवर्तन या कुछ तकनीकी पहलुओं में कुछ सुधार करने की आवश्यकता हो सकती है। *क्यों मिली यह रेटिंग?* भारत ने एफएटीएफ की सिफारिशों के अनुरूप उच्च स्तर का तकनीकी अनुपालन हासिल किया है। साथ ही अवैध वित्त से निपटने के उपायों को लागू करने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। भारत ने मनी लॉन्ड्रिंग निरोधक और आतंकवाद वित्तपोषण निरोधक (एएमएल/सीएफटी) ढांचा कार्यान्वित किया है। इससे 'अच्छे; परिणाम प्राप्त हो रहे हैं, जिसमें जोखिम को समझना, लाभकारी स्वामित्व संबंधी जानकारी तक पहुंच और अपराधियों को उनकी संपत्ति से वंचित करना शामिल है।रिपोर्ट में कहा गया है कि यह महत्वपूर्ण है कि देश अपनी प्रणाली में सुधार करना जारी रखे, क्योंकि इसकी अर्थव्यवस्था और वित्तीय प्रणाली निरंतर विकसित हो रही है। इसमें विशेष रूप से यह सुनिश्चित करना कि मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवादी वित्तपोषण के मुकदमे पूरे हो जाएं। अपराधियों पर उचित प्रतिबंध लगाए जाएं। *मनी लॉन्ड्रिंग का मुख्य स्रोत देश के भीतर की अवैध गतिविधियां* दरअसल, हमारे देश में मनीलॉन्ड्रिंग का सबसे बड़ा जोखिम धोखाधड़ी से संबंधित है। इसमें साइबर-सक्षम धोखाधड़ी, भ्रष्टाचार और मादक पदार्थों की तस्करी शामिल है। भारत में मनी लॉन्ड्रिंग का मुख्य स्रोत देश के भीतर की अवैध गतिविधियों से उत्पन्न होता है। रिपोर्ट के अनुसार, इससे देश को विभिन्न प्रकार के आतंकवादी खतरों का सामना करना पड़ रहा है। इनमें सबसे प्रमुख खतरा आईएसआईएल (इस्लामिक स्टेट या आईएसआईएस) या अलकायदा से जुड़े समूहों से है, जो जम्मू-कश्मीर तथा उसके आसपास सक्रिय हैं। फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) एक अंतर सरकारी संगठन है जिसकी स्थापना 1989 में मनी लॉन्ड्रिंग, आतंकवादी वित्तपोषण और अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय प्रणाली की अखंडता के लिए अन्य खतरों से निपटने के लिए की गई थी। भारत 2010 में एफएटीएफ का सदस्य बना था।
अरब सागर में बढ़ी भारतीय नौसेना की ताकत, भारत ने तैनात किया आईएनएस विक्रांत

#indiannavypowerarabianseadeployins_vikrant

अरब सागर से लेकर हिन्द महासागर में बंगाल की खाड़ी तक लम्बे चौड़े फैली भारत की समुद्री सीमा की रक्षा करने के लिए एक मजबूत नौसेना आवश्यक है। अरब सागर और हिंद महासागर जैसे रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण क्षेत्र में चीन और पाकिस्तान जैसे ‘अड़ियल दुश्मनों’ पर नकेल कसने के लिए भारत को मजबूत नौसेना की जरूरत है। केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार की ओर से भारतीय नौसेना को लगातार मजबूत करने की कोशिश की जा रही है। जिससे भारत अरब सागर में किसी भी चुनौती के लिए तैयार है। इसी क्रम में भारतीय नौसेना ने अपने दोनों एयरक्राफ़्ट कैरियर को अरब सागर में तैनात कर दिया है। स्वदेशी एयरक्राफ़्ट कैरियर आईएनएस विक्रांत ने वेस्टर्न फ्लीट ‘सोर्ड आर्म’ के कैरियर बैटल ग्रुप आईएनएस विक्रमादित्य को ज्वॉइन कर लिया है और मल्टी डोमेन एक्सरसाइज और ट्विन कैरियर फाइटर ऑपरेशन को अंजाम दिया।

भारतीय नौसेना के दोनों एयरक्राफ़्ट कैरियर अपने बैटल ग्रुप यानी आईएनएस विक्रमादित्य और आईएनएस विक्रांत के साथ तकरीबन 8 से 12 जंगी जहाज और सबमरीन के साथ ब्लू वॉटर में मौजूद रहे। एक के बाद एक मिग-29K फाइटर जब कैरियर के डेक से उड़ान भर रहे थे। पिछले साल भी दोनों कैरियर बैटल ग्रुप एक साथ सैन्य अभ्यास का हिस्सा बने थे। स्वदेशी एयरक्रफ्ट कैरियर आईएनएस विक्रांत के नौसेना में शामिल होने के बाद से ये इसका दूसरा और बड़ा सैन्य अभ्यास है। एयर क्राफ़्ट कैरियर से मिग 29k फ़ाइटर और सीकिंग, कामोव और हाल ही में अमेरिका से लिए एमएच-60 रोमियो हैलिकॉप्टर ऑपरेशन को अंजाम दिया गया।

चीन-पाक को कराया ताकत का एहसास

अरब सागर में पाकिस्तान पहले सिर्फ़ कुछ नॉटिकल मील दूर तक ही ऑपरेट करता था, लेकिन जब चीन ने अपनी नौसेना को नए सिरे से आकार देना शुरू किया, तो वह अपनी मांद से बाहर निकल कर काफी लंबी दूरी तक आने लगा। चीन पहले ही एंटी पायरेसी और हाईड्रोग्राफी के नाम पर हिंद महासागर के रास्ते अरब सागर तक पहुंचने लगा है। इसीलिए समय-समय पर भारतीय नौसेना को भी अपनी ताक़त का एहसास दोनों देशों की नौसेना को दिखाना ही पड़ता है।

भारत के लिए अरब सागर की अहमियत

अरब सागर हिंद महासागर का उत्तर पश्चिमी इलाका है। ये पश्चिम में अरब प्रायद्वीप और पूरब में भारतीय उप महाद्वीप के बीच स्थित है। ये लाल सागर को ओमान की खाड़ी से जोड़ता है।अरब सागर की सीमा यमन,ओमान,पाकिस्तान, ईरान, भारत और मालदीव को छूती है। अरब सागर एक ऐसा समुद्री क्षेत्र है जो कई अहम शिपिंग लेन और बंदरगाहों को जोड़ता है। इसलिए अंतरराष्ट्रीय व्यापार के लिए ये एक अहम रास्ता बन जाता है। अरब सागर तेल और प्राकृतिक गैस का भी बड़ा भंडार और इस क्षेत्र में ऊर्जा का अहम संसाधन भी है। अरब सागर में ईरान, भारत और अमेरिका के नौसैनिक ऑपरेशन चलते हैं और यहां उनके कई नौसैनिक अड्डे भी हैं। इसलिए क्षेत्रीय सुरक्षा और स्थिरता के लिए अरब सागर भारत के लिए अहम समुद्री इलाका है। प्राकृतिक संसाधनों से भरपूर अफ्रीका और मध्यपूर्व के देशों से लेकर एशियाई देशों के श्रम बाजारों और मैन्युफैक्चरिंग इंडस्ट्री के लिए अरब सागर में स्थिरता बेहद जरूरी है। इसलिए ग्लोबल अर्थव्यवस्था में इसकी भूमिका बड़ी है।

तिरुपति के लड्डुओं में चर्बी के आरोपों पर एक्शन में सरकार, FSSAI करेगा जांच

#jp_nadda_on_tirupati_laddu_row_ssai_will_investigate

आंध्र प्रदेश में तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रसाद को लेकर सियासत गर्म है।तिरुपति बालाजी के लड्डू में जानवरों की चर्बी मिलाए जाने का मामला अब दिल्ली पहुंच गया है। केन्द्र सरकार ने इस मामले में सक्रियता दिखाई है। केंद्रीय स्वास्थय मंत्री जेपी नड्डा ने तिरुमाला लड्डू प्रसादम में मिलावट पर मुख्यमंत्री नायडू से फोन पर बात की है और आंध्र प्रदेश सरकार से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) रिपोर्ट की जांच करेगा और पूरी जांच की जाएगी।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने तिरुपति प्रसादम विवाद पर कहा, आज ही मैंने चंद्रबाबू नायडू से बात की है। मैंने उनसे रिपोर्ट मांगी है।हम उनकी जांच करेंगे। इसकी जांच एफएसएसएआई करेगी। हम राज्य सरकार की तरफ से रिपोर्ट मिलने का इंतजार कर रहे हैं। वैश्विक खाद्य नियामक शिखर सम्मेलन के अवसर पर संवाददाताओं से बात करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि, आंध्र के मुख्यमंत्री ने जो कुछ भी कहा है, वह गंभीर चिंता का विषय है। विस्तृत जांच की आवश्यकता है और दोषी को दंडित किया जाना चाहिए।

इससे पहले आंध्र प्रदेश के सीएम चंद्रबाबू नायडू ने तिरुमाला लड्डू प्रसादम मे मिलावट को लेकर बड़ा दावा किया था। चंद्रबाबू नायडू ने इस मामले में कहा कि तिरुपति बालाजी के लड्डू में भी मिलावट की गई। मुझे हैरान हो रहा है कि बार-बार शिकायत भी की गई लेकिन इस पर ध्यान नहीं दिया गया। इससे बाला जी की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचा है उनका (जगनमोहन सरकार) कार्य बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण रहा, अन्य प्रसादों में भी फूड स्टैंडर्ड में कोताही बरती गई। भगवान के लिए प्रसाद के इस्तेमाल में लाए जाने वाले सामग्री की क्वालिटी के साथ समझौता किया गया। ये बताते हुए दुख होता है कि प्रसाद में घी के बदले एनिमल फैट का इस्तेमाल किया गया। आगे कहा कि अब हमने प्रसाद की क्वालिटी पर काम करना शुरू किया है। प्रसाद बनाने के लिए शुद्ध घी का उपयोग किया जा रहा है। भगवान बाला जी हमारे प्रदेश में है ये हमारी खुशकिस्मती है। दुनिया भर से लोग यहां आते हैं ऐसे में हमें तिरुपति जी की पवित्रता का हमें पूरा ध्यान रखना होगा।

वहीं, टीडीपी के प्रवक्ता ए वेंकट रमण रेड्डी ने गुरुवार को अमरावती में एक संवाददाता सम्मेलन में दावा किया था कि, श्री वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर का प्रबंधन करने वाली संस्था तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) द्वारा उपलब्ध कराए गए घी के नमूनों में मिलावट की पुष्टि हुई है। ये जांच गुजरात स्थित पशुधन प्रयोगशाला द्वारा की गई है। प्रेस कॉन्फ्रेस के दौरान टीडीपी प्रवक्ता ने प्रयोगशाला रिपोर्ट दिखाई थी। जिसमें कथित तौर पर दिए गए घी के नमूने में "बीफ टैलो", "लार्ड" और "मछली का तेल" मौजूद होने की पुष्टि की गई थी।

घी के नूमने 9 जुलाई, 2024 को लिए गए थे और प्रयोगशाला रिपोर्ट 16 जुलाई को सामने आई थी। हालांकि, आंध्र प्रदेश सरकार या टीटीडी की ओर से प्रयोगशाला रिपोर्ट पर कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है। वहीं दूसरी ओर वाईएसआरसीपी नेताओं ने आरोपों से इनकार किया है।

अमेरिकी राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात करेंगे पीएम मोदी, कमला हैरिस पर पड़ सकता है ये असर

पीएम नरेंद्र मोदी 21 सितंबर को अमेरिका के 3 दिवसीय दौरे पर वार्षिक क्वाड शिखर सम्मेलन में भाग लेने आ रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी संयुक्त राष्ट्र महासभा के 'भविष्य के शिखर सम्मेलन' को भी संबोधित करेंगे। दूसरी ओर, पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति एवं रिपब्लिकन पार्टी के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप ने मंगलवार को घोषणा की थी कि वे अगले सप्ताह पीएम नरेंद्र मोदी से मुलाकात करेंगे। रिपोर्ट के अनुसार, डोनाल्ड ट्रंप ने मिशिगन में एक कार्यक्रम के चलते भारत एवं अमेरिका के व्यापार पर चर्चा करते हुए कहा कि वे अगले सप्ताह प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात करेंगे। हालांकि, यह बैठक कहां होगी, इसकी कोई जानकारी नहीं दी गई। अगर प्रधानमंत्री मोदी एवं डोनाल्ड ट्रंप की मुलाकात होती है, तो इसके कई निहितार्थ हो सकते हैं। गौरतलब है कि भारतीय मूल की कमला हैरिस, डोनाल्ड ट्रंप को राष्ट्रपति चुनाव में कड़ी चुनौती देने के लिए तैयार हैं। अमेरिका में बड़े आंकड़े में भारतीय मूल के लोग रहते हैं, जो कमला हैरिस का समर्थन कर रहे हैं। कई लोग उन्हें चुनाव में मजबूत दावेदार मानते हैं। ऐसे में पीएम मोदी का यह दौरा महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि अमेरिका में भारतीय मूल के लोग प्रधानमंत्री मोदी के कट्टर समर्थक हैं। अमेरिकी राजनीति में भारतीय-अमेरिकियों की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण हो गई है। यहां भारतीय-अमेरिकी एवं हिंदू समुदाय चुनाव परिणामों को प्रभावित करने में बड़ी भूमिका निभाते हैं। यही नहीं, इस समुदाय के लोग विभिन्न स्तरों पर राजनीतिक प्रतिनिधित्व भी कर रहे हैं। मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, ट्रंप के करीबी लोगों ने प्रधानमंत्री मोदी एवं ट्रंप की पिछली मुलाकातों को भी याद किया है। जब ट्रंप अमेरिका के राष्ट्रपति थे, तब भारत और अमेरिका के संबंध काफी मजबूत हो गए थे। डोनाल्ड ट्रंप ने अपने कार्यकाल के चलते भारतीय-अमेरिकी समुदाय तक व्यक्तिगत स्तर पर पहुंचने का प्रयास किया था और उनके हित में कई कार्य किए थे। ट्रंप द्वारा प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात की घोषणा के बाद कुछ लोगों का मानना है कि इससे भारतीय-अमेरिकी मतदाताओं का झुकाव ट्रंप की ओर हो सकता है। वहीं, कुछ लोगों का कहना है कि अगर राष्ट्रपति चुनाव में कमला हैरिस की जीत होती है, तो क्या इस मुलाकात का भारत-अमेरिका संबंधों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा? इस संदर्भ में कई सवाल लोगों के मन में उठ रहे हैं। उल्लेखनीय है कि पीएम मोदी एवं डोनाल्ड ट्रंप की आखिरी मुलाकात फरवरी 2020 में ट्रंप के भारत दौरे के दौरान हुई थी, जिसे प्रधानमंत्री मोदी ने एक ऐतिहासिक क्षण बताया था।
एमपी के हरदा में दिव्यांग दलित लड़के ने किया पेशाब तो भड़का रिटायर्ड अधिकारी, कपड़े उतारे और फिर..

. मध्य प्रदेश के हरदा से एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है। एक सेवानिवृत अफसर ने कथित तौर पर एक दलित दिव्यांग की पिटाई कर दी। घटना में अपराधी ने पीड़ित से उसकी शर्ट उतरवाकर नाली साफ करवाई। इस मामले का CCTV फुटेज सामने आने के पश्चात् पुलिस ने आरोपी सेवानिवृत अफसर के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया। पीड़ित दिव्यांग नाबालिग है तथा उसकी उम्र 17 वर्ष है। यह घटना बृहस्पतिवार की प्रातः लगभग 10 बजे हुई। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में सेवानिवृत अफसर पीड़ित को पीटते हुए नाली की सफाई कराते नजर आ रहे हैं। पीड़ित का कहना है कि उसने कार के पास नाली में पेशाब किया था, जबकि आरोपी ने उस पर कार पर पेशाब करने का आरोप लगाते हुए उसकी पिटाई की। आरोपी आयकर विभाग से रिटायर्ड है। मामला हरदा नगर में विवेकानंद परिसर का है। 17 वर्षीय दलित युवक वहां से गुजर रहा था तथा उसने वहीं रुककर पेशाब किया। इसी पर परिसर में रहने वाले सेवानिवृत अफसर डीपी ओझा ने उसे पकड़ लिया और कार पर पेशाब करने के आरोप में पिटाई कर दी। आरोपी ने न सिर्फ उसकी पिटाई की, बल्कि युवक को नाली साफ करने के लिए मजबूर भी किया और जातिसूचक गालियाँ दीं। पिटाई से युवक घायल हो गया एवं वह वहां से चला गया। उसने हरदा कोतवाली में आरोपी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई। घटना CCTV कैमरे में रिकॉर्ड हो गई, जिसका फुटेज सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया। एक पुलिस अफसर ने बताया कि घटना गुरुवार को हुई। रिटायर्ड अधिकारी ने नाबालिग पर आरोप लगाया कि उसने उसकी कार पर पेशाब किया, जिस पर लड़के ने इनकार किया तो आरोपी ने उसकी पिटाई कर दी। पुलिस अफसर ने बताया कि आरोपी ने युवक को अपनी शर्ट से नाली साफ करने के लिए भी मजबूर किया।
पीएम मोदी और भारत को अब्दुल्ला खानदान का शुक्रगुजार होना चाहिए', महबूबा मुफ्ती ने क्यों कही ये बात?*
#kashmir_would_have_been_part_of_pakistan_why_pdp_chief_mufti_said_this *
जम्मू-कश्मीर में करीब 10 साल बाद विधानसभा चुनाव का आयोजन किया जा रहा है। जम्मू-कश्मीर से 370 हटने और लद्दाख के अलग होने के बाद ये पहला विधानसभा चुनाव है। सभी राजनीतिक दल चुनाव प्रचार में एक दूसरे पर निशाना साध रहे हैं। इस बीच पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी के अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने बड़ा बयान दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आरोपों पर पलटवार करते हुए मुफ्ती ने कहा कि बीजेपी सरकार बनाने के लिए पीडीपी के दरवाजे पर आई थी। ये बात प्रधानमंत्री जी को याद होगा। यही नहीं, पीडीपी चीफ ने ये भी कहा कि अब्दुल्ला परिवार की वजह से भारत में कश्मीर है। अगर अब्दुल्ला खानदान ने तब पाकिस्तान का एजेंडा लागू किया होता तो जम्मू कश्मीर भारत के बदले पाकिस्तान में होता और आजाद होता। श्रीनगर में मीडिया को संबोधित करते हुए महबूबा मुफ्ती ने कहा कि मुझे लगता है कि बीजेपी को शेख अब्दुल्ला खानदान का शुक्रगुजार होना चाहिए कि उमर अब्दुल्ला ने यहां उनके एजेंडे को लागू किया। जहां तक महबूबा मुफ्ती, मुफ्ती परिवार और पीडीपी का सवाल है तो प्रधानमंत्री मोदी को याद होगा कि सरकार बनाने के लिए वे 2-3 महीने तक हमारे दरवाजे पर थे। उन्होंने कहा कि हम जो भी शर्तें रखेंगे, वे हमारे साथ सरकार बनाने के लिए तैयार हैं और हमने शर्तें रखीं जैसे कि 370 से छेड़छाड़ नहीं किया जाएगा। सड़कें खोली जाएंगी, AFSPA हटाया जाएगा। पाकिस्तान और अलगाववादियों से बातचीत की जाएगी, जिसके लिए उन्होंने एक बड़ा प्रतिनिधिमंडल भी बुलाया। वे खुद हमारे दरवाजे पर आए, जैसे वे उमर को मंत्री बनाने के लिए आए थे, देखिए अब वे क्या बोल रहे हैं? महबूबा मुफ्ती ने आगे कहा ये भी कि जब कश्मीर में आतंकवाद चरम पर था तब उमर अब्दुल्ला ने कश्मीर के बारे में भारत का पक्ष पूरी दुनिया भर में फैलाया। महबूबा ने कहा कि मुफ़्ती परिवार ने कश्मीर में हुर्रियत के साथ बातचीत शुरू करवाई और युवाओं को हिंसा से दूर रखा। महबूबा ने कहा कि मोदी जी को शेख परिवार का आभारी होना चाहिए, जिनके प्रयासों से देश में जम्मू कश्मीर का विलय हुआ। उमर अब्दुल्ला जब बीजेपी में मंत्री थे, तब उन्होंने पोटा लाया, तब भाजपा, उमर को हर जगह घुमाती रही, ताकि यह दिखाया जा सके कि कश्मीर मुद्दा कोई मुद्दा नहीं है और यह केवल आतंकवाद से जुड़ा मुद्दा है। पाकिस्तान पर हमला किया जाना चाहिए और इस मामले को सुलझाया जाना चाहिए। मुझे लगता है कि बीजेपी को शेख परिवार का शुक्रगुजार होना चाहिए और उमर ने भी उन्हें यहां अपना एजेंडा लागू करने में मदद की। बता दें कि जम्मू-कश्मीर में तीन चरणों के तहत चुनाव होने हैं। तीन चरणों में पहले चरण का मतदान 18 सितंबर को संपन्न हो गया है। राज्य में दूसरे चरण का मतदान 25 सितंबर और तीसरे चरण का मतदान 1 अक्टूबर को होना है। वहीं चुनाव के नतीजे 8 अक्टूबर को घोषित किए जाएंगे। आपको बता दें कि केंद्रशासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में करीब 10 साल बाद चुनाव हो रहे हैं।
पीएम मोदी और भारत को अब्दुल्ला खानदान का शुक्रगुजार होना चाहिए', महबूबा मुफ्ती ने क्यों कही ये बात?

#kashmir_would_have_been_part_of_pakistan_why_pdp_chief_mufti_said_this

जम्मू-कश्मीर में करीब 10 साल बाद विधानसभा चुनाव का आयोजन किया जा रहा है। जम्मू-कश्मीर से 370 हटने और लद्दाख के अलग होने के बाद ये पहला विधानसभा चुनाव है। सभी राजनीतिक दल चुनाव प्रचार में एक दूसरे पर निशाना साध रहे हैं। इस बीच पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी के अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने बड़ा बयान दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आरोपों पर पलटवार करते हुए मुफ्ती ने कहा कि बीजेपी सरकार बनाने के लिए पीडीपी के दरवाजे पर आई थी। ये बात प्रधानमंत्री जी को याद होगा। यही नहीं, पीडीपी चीफ ने ये भी कहा कि अब्दुल्ला परिवार की वजह से भारत में कश्मीर है। अगर अब्दुल्ला खानदान ने तब पाकिस्तान का एजेंडा लागू किया होता तो जम्मू कश्मीर भारत के बदले पाकिस्तान में होता और आजाद होता।

श्रीनगर में मीडिया को संबोधित करते हुए महबूबा मुफ्ती ने कहा कि मुझे लगता है कि बीजेपी को शेख अब्दुल्ला खानदान का शुक्रगुजार होना चाहिए कि उमर अब्दुल्ला ने यहां उनके एजेंडे को लागू किया। जहां तक महबूबा मुफ्ती, मुफ्ती परिवार और पीडीपी का सवाल है तो प्रधानमंत्री मोदी को याद होगा कि सरकार बनाने के लिए वे 2-3 महीने तक हमारे दरवाजे पर थे।

उन्होंने कहा कि हम जो भी शर्तें रखेंगे, वे हमारे साथ सरकार बनाने के लिए तैयार हैं और हमने शर्तें रखीं जैसे कि 370 से छेड़छाड़ नहीं किया जाएगा। सड़कें खोली जाएंगी, AFSPA हटाया जाएगा। पाकिस्तान और अलगाववादियों से बातचीत की जाएगी, जिसके लिए उन्होंने एक बड़ा प्रतिनिधिमंडल भी बुलाया। वे खुद हमारे दरवाजे पर आए, जैसे वे उमर को मंत्री बनाने के लिए आए थे, देखिए अब वे क्या बोल रहे हैं?

महबूबा मुफ्ती ने आगे कहा ये भी कि जब कश्मीर में आतंकवाद चरम पर था तब उमर अब्दुल्ला ने कश्मीर के बारे में भारत का पक्ष पूरी दुनिया भर में फैलाया। महबूबा ने कहा कि मुफ़्ती परिवार ने कश्मीर में हुर्रियत के साथ बातचीत शुरू करवाई और युवाओं को हिंसा से दूर रखा। महबूबा ने कहा कि मोदी जी को शेख परिवार का आभारी होना चाहिए, जिनके प्रयासों से देश में जम्मू कश्मीर का विलय हुआ। उमर अब्दुल्ला जब बीजेपी में मंत्री थे, तब उन्होंने पोटा लाया, तब भाजपा, उमर को हर जगह घुमाती रही, ताकि यह दिखाया जा सके कि कश्मीर मुद्दा कोई मुद्दा नहीं है और यह केवल आतंकवाद से जुड़ा मुद्दा है। पाकिस्तान पर हमला किया जाना चाहिए और इस मामले को सुलझाया जाना चाहिए। मुझे लगता है कि बीजेपी को शेख परिवार का शुक्रगुजार होना चाहिए और उमर ने भी उन्हें यहां अपना एजेंडा लागू करने में मदद की।

बता दें कि जम्मू-कश्मीर में तीन चरणों के तहत चुनाव होने हैं। तीन चरणों में पहले चरण का मतदान 18 सितंबर को संपन्न हो गया है। राज्य में दूसरे चरण का मतदान 25 सितंबर और तीसरे चरण का मतदान 1 अक्टूबर को होना है। वहीं चुनाव के नतीजे 8 अक्टूबर को घोषित किए जाएंगे। आपको बता दें कि केंद्रशासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में करीब 10 साल बाद चुनाव हो रहे हैं।