मिडिल ईस्ट में चरम पर तनाव, अब हिजबुल्लाह ने इजरायल पर दागे 140 रॉकेट
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इजराइल और लेबनान के बीच लगातार तनाव बढ़ता जा रहा है।एक तरफ जहां इजराइल की सेना लेबनान में आतंकी संगठन हिजबुल्लाह के कई ठिकानों पर ताबड़तोड़ हमले कर रही है तो वहीं अब हिजबुल्लाह की ओर से भी पलटवार किया गया है। हिजबुल्लाह ने उत्तरी इजराइल में मिसाइलें दागी हैं। शुक्रवार को लेबनान समर्थित हिज्बुल्ला ने उत्तरी इजराइल में एक के बाद एक 3 हमलों को अंजाम दिया है। इन तीन हमलों नें हिज्बुल्ला आतंकियों ने करीब 140 मिसाइलें दागीं। यह हमला हिज्बुल्ला के नेता हसन नसरल्लाह द्वारा इजरायल पर बड़े पैमाने पर बमबारी का बदला लेने की कसम खाने के एक दिन बाद हुआ।
इंटरनेशनल मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस हमले की जानकारी इजरायली सेना और आतंकवादी समूह हिज्बुल्ला दोनों ने दी है। इजरायल की सेना ने कहा कि शुक्रवार दोपहर को तीन दौर में रॉकेट दागे गए, जिनका लक्ष्य लेबनान से लगी सीमा पर स्थित स्थल थे। हिज्बुल्ला ने कहा कि उसने सीमा पर कई स्थानों को कत्युशा रॉकेटों से निशाना बनाया है।
हिज्बुल्ला ने यह भी कहा कि हमले में कई हवाई रक्षा अड्डे और एक इजरायली बख्तरबंद ब्रिगेड का मुख्यालय भी शामिल है। उसने कहा कि इन ठिकानों पर पहली बार हमला किया गया है। हिज्बुल्ला ने कहा कि ये रॉकेट दक्षिणी लेबनान के गांवों और घरों पर इजरायली हमलों का बदला लेने के लिए दागे गए।
इससे पहले इजराइली वायुसेना के विमानों ने बृहस्पतिवार-शुक्रवार की दरमियानी रात दक्षिणी लेबनान में हिजबुल्लाह के ठिकानों पर घातक हमले किए। रात भर लेबनान में इजराइली फाइटर जेट्स गरजते रहे। इजराइल की तरफ से किए गए इन हमलों में हिजबुल्लाह के 1000 से ज्यादा रॉकेट बैरल लांचर नष्ट हो गए है। आतंकी संगठन के 100 से ज्यादा ठिकानों को भी ध्वस्त किया गया है।
इस बीच इज़राइली सेना की तरफ से भी कहा गया था कि लेबनान में हिजबुल्लाह के ठिकानों पर हमले इस वजह से किए जा रहे हैं ताकि उसकी आतंकवादी क्षमताओं और बुनियादी ढांचे को नुकसान पहुंचाया जा सके। सेना ने यह भी कहा गया था कि हिजबुल्लाह ने आम लोगों के घरों को हथियार बनाया है, उनके नीचे सुरंगें खोदी हैं और नागरिकों को मानव ढाल के रूप में इस्तेमाल किया है, जिससे दक्षिणी लेबनान युद्ध क्षेत्र में बदल गया है।






दिल्ली के पीर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उपमुख्यमंत्री रह चुके मनीष सिसोदिया हाल ही में ईडी के मामले में जेल से लौटे हैं। वहीं, हाल ही में झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भी जेल से बाहर आए हैं। विपक्ष के कई नेता केन्द्रीय जांच एजेंसी इनफोर्समेंट डायरेक्टरेट (ईडी) के निशाने पर है। ऐसे में पूरा विपक्ष केन्द्र की मोदी सरकार को हर बार इन संस्थाओं के दुरूपयोग का आरोप लगाकर कोसता है। हालांकि, इसी केन्द्रीय जांच एजेंसी की फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) ने सराहना की है। एफएटीएफ वैश्विक स्तर पर मनी लॉन्ड्रिंग और टेरर फंडिंग को रोकने का काम करती है। इसने भारत की मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवाद के वित्तपोषण रोधी प्रणाली की सराहना की है। एफएटीएफ ने गुरुवार को भारत पर अपनी बहुप्रतीक्षित पारस्परिक मूल्यांकन रिपोर्ट जारी की।इसने अपनी रिपोर्ट में इनफोर्समेंट डायरेक्टरेट (ईडी) की कार्रवाइयों की जमकर तारीफ की। ईडी ने 2018 से अक्टूबर 2023 के बीच 16,537 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की। एफएटीएफ की यह रिपोर्ट इसी अवधि की है। एफएटीएफ ने कहा कि देश की प्रणालियां 'प्रभावी' हैं, लेकिन इन मामलों में अभियोजन को मजबूत करने के लिए 'बड़े सुधारों' की आवश्यकता है। *भारत को 'रेगुलर फॉलोअप' कैटेगरी में रखा* यह रिपोर्ट पिछले वर्ष नवंबर में एफएटीएफ एक्सपर्ट्स के भारत दौरे के बाद आई है। इसने देश को 'रेगुलर फॉलोअप' कैटेगरी में रखा है। यह वह स्थान है जो केवल चार अन्य जी20 देशों को प्राप्त है। एफएटीएफ अनुशंसाओं के कार्यान्वयन के स्तर का आकलन करने के लिए एफएटीएफ प्रत्येक सदस्य की निरंतर समीक्षा करता है। इसके आधार पर रेटिंग दी जाती है। यह रेटिंग वित्तीय प्रणाली के आपराधिक दुरुपयोग को रोकने के लिए प्रत्येक देश की प्रणाली का गहन विवरण और विश्लेषण प्रदान करता है। 'रेगलुर फॉलोअप' रेटिंग एफएटीएफ की तरफ से दी जाने वाली सर्वोच्च रेटिंग श्रेणी है। भारत के अलावा, ब्रिटेन, फ्रांस और इटली ही ऐसे G-20 देश हैं जिन्हें इस श्रेणी में रखा गया है। *रेगुलर फॉलोअप रेटिंग के मायने?* एफएटीएफ के संदर्भ में 'रेगुलर फॉलोअप' रैंकिंग उन देशों को संदर्भित करती है, जो एफएटीएफ के मनीलॉन्ड्रिंग विरोधी (एएमएल) और आतंकवाद के वित्तपोषण का मुकाबला करने (सीएफटी) मानकों के साथ काफी हद तक अनुपालन करते पाए गए हैं। इस श्रेणी के देशों, जैसे भारत, में आम तौर पर मजबूत प्रणालिया हैं। हालांकि, अभी भी कुछ क्षेत्रों, जैसे प्रवर्तन या कुछ तकनीकी पहलुओं में कुछ सुधार करने की आवश्यकता हो सकती है। *क्यों मिली यह रेटिंग?* भारत ने एफएटीएफ की सिफारिशों के अनुरूप उच्च स्तर का तकनीकी अनुपालन हासिल किया है। साथ ही अवैध वित्त से निपटने के उपायों को लागू करने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। भारत ने मनी लॉन्ड्रिंग निरोधक और आतंकवाद वित्तपोषण निरोधक (एएमएल/सीएफटी) ढांचा कार्यान्वित किया है। इससे 'अच्छे; परिणाम प्राप्त हो रहे हैं, जिसमें जोखिम को समझना, लाभकारी स्वामित्व संबंधी जानकारी तक पहुंच और अपराधियों को उनकी संपत्ति से वंचित करना शामिल है।रिपोर्ट में कहा गया है कि यह महत्वपूर्ण है कि देश अपनी प्रणाली में सुधार करना जारी रखे, क्योंकि इसकी अर्थव्यवस्था और वित्तीय प्रणाली निरंतर विकसित हो रही है। इसमें विशेष रूप से यह सुनिश्चित करना कि मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवादी वित्तपोषण के मुकदमे पूरे हो जाएं। अपराधियों पर उचित प्रतिबंध लगाए जाएं। *मनी लॉन्ड्रिंग का मुख्य स्रोत देश के भीतर की अवैध गतिविधियां* दरअसल, हमारे देश में मनीलॉन्ड्रिंग का सबसे बड़ा जोखिम धोखाधड़ी से संबंधित है। इसमें साइबर-सक्षम धोखाधड़ी, भ्रष्टाचार और मादक पदार्थों की तस्करी शामिल है। भारत में मनी लॉन्ड्रिंग का मुख्य स्रोत देश के भीतर की अवैध गतिविधियों से उत्पन्न होता है। रिपोर्ट के अनुसार, इससे देश को विभिन्न प्रकार के आतंकवादी खतरों का सामना करना पड़ रहा है। इनमें सबसे प्रमुख खतरा आईएसआईएल (इस्लामिक स्टेट या आईएसआईएस) या अलकायदा से जुड़े समूहों से है, जो जम्मू-कश्मीर तथा उसके आसपास सक्रिय हैं। फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) एक अंतर सरकारी संगठन है जिसकी स्थापना 1989 में मनी लॉन्ड्रिंग, आतंकवादी वित्तपोषण और अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय प्रणाली की अखंडता के लिए अन्य खतरों से निपटने के लिए की गई थी। भारत 2010 में एफएटीएफ का सदस्य बना था।
. मध्य प्रदेश के हरदा से एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है। एक सेवानिवृत अफसर ने कथित तौर पर एक दलित दिव्यांग की पिटाई कर दी। घटना में अपराधी ने पीड़ित से उसकी शर्ट उतरवाकर नाली साफ करवाई। इस मामले का CCTV फुटेज सामने आने के पश्चात् पुलिस ने आरोपी सेवानिवृत अफसर के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया। पीड़ित दिव्यांग नाबालिग है तथा उसकी उम्र 17 वर्ष है। यह घटना बृहस्पतिवार की प्रातः लगभग 10 बजे हुई। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में सेवानिवृत अफसर पीड़ित को पीटते हुए नाली की सफाई कराते नजर आ रहे हैं। पीड़ित का कहना है कि उसने कार के पास नाली में पेशाब किया था, जबकि आरोपी ने उस पर कार पर पेशाब करने का आरोप लगाते हुए उसकी पिटाई की। आरोपी आयकर विभाग से रिटायर्ड है। मामला हरदा नगर में विवेकानंद परिसर का है। 17 वर्षीय दलित युवक वहां से गुजर रहा था तथा उसने वहीं रुककर पेशाब किया। इसी पर परिसर में रहने वाले सेवानिवृत अफसर डीपी ओझा ने उसे पकड़ लिया और कार पर पेशाब करने के आरोप में पिटाई कर दी। आरोपी ने न सिर्फ उसकी पिटाई की, बल्कि युवक को नाली साफ करने के लिए मजबूर भी किया और जातिसूचक गालियाँ दीं। पिटाई से युवक घायल हो गया एवं वह वहां से चला गया। उसने हरदा कोतवाली में आरोपी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई। घटना CCTV कैमरे में रिकॉर्ड हो गई, जिसका फुटेज सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया। एक पुलिस अफसर ने बताया कि घटना गुरुवार को हुई। रिटायर्ड अधिकारी ने नाबालिग पर आरोप लगाया कि उसने उसकी कार पर पेशाब किया, जिस पर लड़के ने इनकार किया तो आरोपी ने उसकी पिटाई कर दी। पुलिस अफसर ने बताया कि आरोपी ने युवक को अपनी शर्ट से नाली साफ करने के लिए भी मजबूर किया।

Sep 21 2024, 09:58
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