आपदा में प्रत्येक विभाग की भूमिका महत्वपूर्ण: जिलाधिकारी

गोरखपुर। मोहद्दीपुर क्षेत्र की दो प्रमुख भवनो, ओरियन मॉल एवं ऑर्किड ग्रीन रेजिडेंसी अपार्टमेंट में भूकंप एवं अग्निकांड के दौरान की जाने वाली गतिविधियों का संजीव प्रस्तुतीकरण किया गया।

इंसीडेंट रिस्पांस सिस्टम (आईआरएस) के तहत की गई कार्रवाई : आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 तथा उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार आपदा में घटित होने वाली घटना में की जाने वाली कार्यवाही आईआरएस के अंतर्गत किया गया। आईआरएस में सभी विभाग/कार्यालय अध्यक्षों के कार्य एवं उत्तरदायित्व का निर्धारण किया गया है।

जिला इमरजेंसी ऑपरेशन सेंटर (इओसी) का संचालन: अपर नगर मजिस्ट्रेट प्रथम के नेतृत्व में आपदा प्राधिकरण कार्यालय, कलेक्ट्रेट में स्थापित जिला ईओसी का संचालन किया गया। वायरलेस सेट के माध्यम से सूचनाओं का प्रेषण तथा विभागों द्वारा की जा रही कार्रवाई का दस्तावेजीकरण का कार्य किया गया।

रूट डाइवर्जन व ग्रीन कॉरिडोर का निर्माण: मोहद्दीपुर से एयरपोर्ट जाने वाली मुख्य मार्ग को घटित आपदा के दृष्टिगत ग्रीन कॉरिडोर में परिवर्तित करते हुए रूट को डायवर्ट किया गया। पेडलेगंज और यूनिवर्सिटी की तरफ से आने वाले वाहनों को मोहद्दीपुर से चार फाटक फ्लावर के नीचे से हाइडिल रोड होते हुए मूव कराया गया जिससे कि राहत एजेंसियां त्वरित रूप से घटना स्थल तक पहुंच सके।

स्टेजिंग एरिया एवं कमांड पोस्ट का निर्माण: विभागों के मध्य समन्वय स्थापित करने, आवश्यक दिशा निर्देश देने तथा सूचनाओं के प्रेषण हेतु गोपाल मंदिर परिसर में स्टेजिंग एरिया एवं कमांड पोस्ट का निर्माण किया गया। उक्त स्थल पर पुलिस विभाग द्वारा वायरलेस स्टेशन की स्थापना, राजस्व, एनडीआरएफ, स्वास्थ्य, नगर निगम, नागरिक सुरक्षा, अग्निशमन आदि विभागों ने अपने संसाधनों का प्रदर्शन करते हुए पोस्ट की स्थापना की। स्टेजिंग एरिया का नेतृत्व पुलिस अधीक्षक (दक्षिणी) गोरखपुर ने किया।

भवन में फंसे लोगों का रेस्क्यू ऑपरेशन: 11वीं वाहिनी एनडीआरएफ एवं अन्य विभागों के सहयोग से ऑर्किड ग्रीन अपार्टमेंट में भूकंप के दौरान फंसे लोगों का रेस्क्यू ऑपरेशन किया गया। एनडीआरएफ टीम ने दीवाल काटकर (प्रतीकात्मक रूप से) अंदर फंसे व्यक्ति को बाहर निकाला और रस्सा बांधकर तीसरे और चौथे माले पर फंसे व्यक्तियों एवं बच्चों को निकालने की कार्यवाही का संजीव प्रस्तुतीकरण किया।

मलबा निस्तारण तथा विद्युत आपूर्ति हेतु पहुंची नगर निगम की टीम: भूकंप के पश्चात क्षतिग्रस्त हुए भवनो के मलबों को हटाने तथा क्षतिग्रस्त हुए विद्युत पोलो को ठीक करने के लिए जेसीबी, ट्रक, लोडर, पानी टंकी, क्रेन, सफाई कर्मचारियों आदि संसाधनों के साथ नगर निगम की टीम मौके पर पहुंची और कार्य में सहयोग प्रदान किया।

राहत शिविर का संचालन: भूकंप की दृष्टिगत प्रभावित परिवारों को सुरक्षित एवं समुचित सहायता उपलब्ध कराए जाने के उद्देश्य से हाइडिल गेस्ट हाउस मोहद्दीपुर को राहत शिविर के रूप में प्रयुक्त किया गया। शिविर के अंतर्गत महिलाओं व पुरुषों को रहने हेतु पृथक रूप से व्यवस्था, शुद्ध पेयजल, शौचालय, मेडिकल टीम, पंजीकरण स्थल, वैकल्पिक शिक्षा आदि अन्य व्यवस्थाओं का प्रस्तुतीकरण किया गया।

ओरियन मॉल में अग्निकांड: भूकंप के पश्चात यह संभावित है की किन्हीं क्षेत्र में अग्निकांड की घटनाएं हो सकती हैं। उक्त के दृष्टिगत ओरियन मॉल में अग्निकांड की घटना का संजीव प्रस्तुतीकरण किया गया। अग्निशमन विभाग, नागरिक सुरक्षा, एनसीसी, आपदा मित्र व सखी तथा ओरियन मॉल के कर्मचारियो के सहयोग से मॉल में फंसे लोगों को बाहर निकाला गया और फायर टेंडर की मदद से आग पर काबू पाया गया।

इमरजेंसी अस्पताल की स्थापना: भूकंप में प्रभावित हुए व्यक्तियों को त्वरित उपचार उपलब्ध कराने हेतु 100 शैय्या टीवी अस्पताल नंदा नगर में 20 बेड का ओपन अस्पताल संचालित किया गया। अस्पताल में चिकित्सक एवं पैरामेडिकल स्टाफ के साथ ऑक्सीजन तथा अन्य आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित की गई।

एच.यू.आर.एल. में ऑन साइट ड्रिल: हिंदुस्तान उर्वरक एवं रसायन लिमिटेड बरगदवा में फैक्ट्री के अंतर्गत ऑन साइट ड्रिल का आयोजन किया गया और यह सुनिश्चित किया गया कि फैक्ट्री के अंतर्गत कहीं से कोई रिसाव नहीं हो रहा है।

मॉक ड्रिल कार्यक्रम का नेतृत्व विनीत कुमार सिंह अपर जिलाधिकारी (वि/रा)/प्रभारी अधिकारी (आपदा)/ इंसीडेंट कमांडर एवं जितेंद्र कुमार पुलिस अधीक्षक (दक्षिणी)/ ऑपरेशन सेक्शन चीफ गोरखपुर ने किया। एनडीआरएफ से प्रेम कुमार पासवान डिप्टी कमांडेंट तथा इंस्पेक्टर सुधीर कुमार मय टीम उपस्थित रहे। अग्निशमन विभाग से शांतनु कुमार एफएसओ ने नेतृत्व किया। नागरिक सुरक्षा से डॉक्टर संजीव गुलाटी चीफ वार्डन तथा सत्य प्रकाश सिंह उप नियंत्रक मय टीम ने कार्य किया। चिकित्सा विभाग से डॉ राजेश कुमार अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी मय टीम उपस्थित रहे। जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण से प्रतीक, मनोज, मनदीप, राणा, विवेक तथा भारी संख्या में आपदा मित्र व सखी उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन गौतम गुप्ता जिला आपदा विशेषज्ञ, गोरखपुर ने किया।

हनुमान प्रसाद पोद्दार कैंसर अस्पताल एवं शोध संस्थान द्वारा नि:शुल्क कैंसर शिविर का आयोजन

गोरखपुर। कैंसर के चयनित विषय "देखभाल अंतर को बंद करें" के तहत मुख्य चिकित्साधिकारी- संत कबीर नगर, के सहयोग से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, मेंहदावल के प्रांगण में शुक्रवार को हनुमान प्रसाद पोद्दार कैंसर अस्पताल एवं शोध संस्थान, गीता वाटिका, गोरखपुर द्वारा एक नि:शुल्क कैंसर की प्राथमिक जांच एवं प्रशिक्षण शिविर का आयोजन हुआ।

जिसमें 127 लोगों ने आकर अपनी परेशानी बताकर कैंसर अस्पताल के चिकित्सक डॉ. सी. पी. अवस्थी से कैंसर संबंधित लक्षण की परामर्श एवं जांच कराई तथा उचित नि:शुल्क दवाई पाकर बहुत खुस हुए। इस कैंसर शिविर में हिस्सा लेने आए लोगों एवं उनके परिजनों को समाज के दुर्दांत रोग कैंसर के विषय के बारे में तथा उनसे बचाव और होने पर तुरंत इलाज कराने के बारे में जानकारी दी गई।

कैंसर जागरूकता अभियान के तहत इस स्वास्थ्य केंद्र से संबंधित जी. एन. एम., ए. एन. एम. संगिनी एवं आशा कार्यकतार्ओं को बुलाकर उनको कैंसर लक्षण का प्रशिक्षण तथा इलाज के बारे में जानकारी दी गई ताकि वे और लोगों को कैंसर के बारे मे जागरुक कर सकें। भारत में स्तन कैंसर 23% है जबकि महिलाओं में कैंसर के 17% मरीज सर्वाइकल कैंसर के कारण होते हैं और दुनिया में सर्वाइकल कैंसर से होने वाली मौतों में से एक चौथाई का कारण सर्वाइकल कैंसर है, हालांकि इसे ज्यादातर रोका जा सकता है। इन्हें समझाया गया कि भारत में हर साल लगभग 1.25 लाख महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर का पता चलता है और 75 हजार से अधिक की इससे मौत हो जाती है।

भारत में 83% आक्रामक सर्वाइकल कैंसर एचपीवी 16 या 18 से जुड़े होते हैं, जबकि दुनिया भर में यह 70% है। महिलाओं को शक होने पर गर्भाशय ग्रीवा और स्तनों के लिए परीक्षण करना चाहिए, क्योंकि प्रारंभिक युवी अवस्था में निदान होने पर यह पूरी तरह से ठीक हो सकता है।

सभी लोगो को कैंसर से संबंधित पत्रक, विवरण पुस्तिका आदि वितरित किया गया ताकि वे लोगो को कैंसर के बारे मे जागरुक कर सकें जिससे हम साथ मिलकर कैंसर से लड़कर उसको जीतने न दें।

शिविर में प्रभारी चिकित्सा अधीक्षक डॉ. आई. डी. गौरव, डॉ. राकेश श्रीवास्तव, अजय श्रीवास्तव, सत्यवती तिवारी, सुनील मिश्र, रामसूरत सिंह नारद मुनि, स्वास्थ्य केन्द्र के डॉक्टर एवं कर्मचारियों आदि का कार्य उल्लेखनीय रहा।

सड़क दुर्घटना में घायल व्यक्ति की एसएसपी ने स्वयं की मदद

गोरखपुर । जनपद में तमाम अधिकारी है मगर पिछले दो सालों से अधिक समय से जिले की कमान संभाल रहे तेजतर्रार आईपीएस अधिकारी एसएसपी डॉ. गौरव ग्रोवर का मानवीय चेहरा भी आज देखने को मिला जब वह हरिओम नगर तिराहे से उनकी स्कॉर्ट गाड़ी गुजर रही थी इसी दौरान मोटरसाइकिल और ई रिक्शा में टक्कर हो गई जिससे ई रिक्शा पलट गया और उसका चालक गंभीर रूप से घायल हो गया।

रास्ते से गुजर रहे एसएसपी ने तुरंत अपनी गाड़ी रोककर घायल व्यक्ति को इलाज के लिए पुलिस की गाड़ी से अस्पताल भिजवाए फिलहाल युवक का जिला अस्पताल में इलाज चल रहा है और वह खतरे से बाहर है पुलिस का यह मानवीय चेहरा देखकर रास्ते से गुजर रहे लोगों ने गोरखपुर पुलिस की प्रशंसा की । पुलिस लोगों की सुरक्षा के लिए सदैव तत्पर रहती है जिसकी एक बानगी भी आज देखने को मिली जब खुद घायल व्यक्ति के मदद के लिए एसएसपी दौड़ पड़े । ऐसे तो पुलिस की कमियां सभी को दिखाई देती है लेकिन अच्छाई भी देखनी चाहिए । पुलिस ही हमेशा हमारी आपकी सुरक्षा के लिए सदैव तत्पर रहती है।

उप जिलाधिकारी ने बाढ़ पीड़ितों को बांटी राहत सामाग्री

खजनी गोरखपुर। उप जिलाधिकारी कुंवर सचिन सिंह ने आज बेलघाट ब्लॉक के नरगड़ा जग्गा गांव के निवासी बाढ़ पीड़ितों को राहत सामाग्री और राशन किट वितरित किया। प्रदेश शासन के निदेर्शानुसार बाढ़ पीड़ितों को राहत पहुंचाने का काम तेजी से किया जा रहा है।

आज तहसील क्षेत्र के बेलघाट ब्लॉक के नरगड़ा जग्गा गांव में राजस्व टीम के साथ पहुंचे एसडीएम ने बाढ़ से प्रभावित लक्ष्मी नारायण, गनेश, संवरू, रामशरण, राजमती, आशा, मंजू, संदीप, अनिल, गुड्डू, रामअजोर सहित गांव के कुल 300 लोगों को राहत सामाग्री का वितरण किया गया। इस दौरान राजस्व टीम के साथ तहसीलदार गोपाल कृष्ण तिवारी एवं अन्य लोग मौजूद रहे। एसडीएम ने बताया कि 600 राहत पैकेट वितरित किए जाएंगे 300 पैकेट आ गए हैं शेष 300 आते ही उसे भी वितरित कर दिया जाएगा, बाढ़ से निपटने के लिए सभी जरूरी तैयारियां पूरी कर ली गयी हैं। किसी भी प्रकार की अनहोनी को रोकने तथा आपदा पीड़ित ग्रामीणों की मदद के लिए बाढ़ चौकियों पर एसडीआरएफ की टीमें तैनात की गई हैं।

घाघरा नदी के बाढ़ के पानी से घिरे गांवों में राजस्व टीमें लगातार भ्रमण कर रही हैं। उनके साथ स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारीयों को भी लगाया गया है। ग्रामीणों को गांव से बाहर निकालने और आवागमन की परेशानी दूर करने के लिए नावों की व्यवस्था भी कर दी गई है। उन्होंने कहा कि बाढ़ के पानी में डूबी फसलों का सर्वे बाढ़ हटने के बाद कराया जाएगा, जिससे किसानों को उनकी फसल का उचित मुआवजा दिलाया जा सके।

हाईकोर्ट के आदेश पर कार्यमुक्त हुए इंटरकॉलेज के प्राचार्य,फर्जी प्रमाणपत्रों के आधार पर नियुक्ति का आरोप

खजनी गोरखपुर।एरिया के आदर्श इंटरकॉलेज हरदीचक में प्राचार्य के पद पर कार्यरत रहे अरूणेश कुमार सिंह को हाईकोर्ट के आदेश पर जिला विद्यालय निरीक्षक डाक्टर अमरकांत सिंह कार्यालय द्वारा निर्गत आदेश पत्र संख्या 6/6204 -12 वर्ष 2024-25 दिनांक 10 सितंबर 2024 के आधार पर प्रबंधक सत्यप्रकाश सिंह द्वारा कार्यमुक्त कर दिया गया है।

मिली जानकारी के अनुसार प्राचार्य अरूणेश कुमार सिंह पर साजिश के तहत पूर्णतया कूटरचित फर्जी प्रपत्रों से नौकरी प्राप्त करने, विभागीय अधिकारियों को गुमराह करने, दायित्वों और कार्यों का निर्वहन करने में अक्षम होने, उच्चाधिकारियों को आरोपित कर उन्हें ब्लैक मेल करके अवैधानिक कार्यों को संपन्न करने,सी.टी.ग्रेड में नियुक्ति माध्यमिक शिक्षा अधिनियम 1921 की धारा-16(छ:) व माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड अधिनियम 1982 की धारा 18 के प्राविधानों अनुसार धारा 33(क) से सी.टी. ग्रेड में विनियमित नहीं होने, एल.टी.ग्रेड में अनर्ह होने के आरोप में हाईकोर्ट इलाहाबाद के द्वारा आदेश प्राप्त होने के बाद जिला विद्यालय निरीक्षक के निर्देश पर काॅलेज मैनेजमेंट की बैठक में सामुहिक निर्णय के बाद कार्यमुक्त कर दिया गया है।

डीआईओएस कार्यालय गोरखपुर के द्वारा इसकी सूचना रजिस्ट्रार हाईकोर्ट इलाहाबाद, माध्यमिक शिक्षा निदेशक प्रयागराज/लखनऊ,उप सचिव उ.प्र.माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड प्रयागराज,अपर शिक्षा निदेशक माध्यमिक उ.प्र. शिक्षा निदेशक प्रयागराज, संयुक्त शिक्षा निदेशक सप्तम मंडल गोरखपुर, वित्त एवं लेखाधिकारी माध्यमिक शिक्षा डीआईओएस कार्यालय गोरखपुर, प्रबंधक आदर्श इंटरकॉलेज हरदीचक गोरखपुर और अरूणेश सिंह को भेज दी गई है।

उक्त मामले में कार्यमुक्त हुए प्राचार्य अरूणेश कुमार सिंह ने बताया कि सभी आरोप निराधार हैं, मैं विगत 20 वर्षों से विभिन्न विद्यालयों में कार्यरत रहा प्रबंधकीय साजिश का शिकार हुआ हूं।

वहीं प्रबंधक सत्यप्रकाश सिंह ने कहा कि हाईकोर्ट इलाहाबाद तथा डीआईओएस के आदेश पर प्राचार्य को कार्यमुक्त किया गया है।

किसी के साथ भी नहीं होने देंगे अन्याय : सीएम योगी
त्वरित व संतुष्टिपरक हो लोगों की समस्याओं का समाधान : मुख्यमंत्री

बख्शे न जाएं जबरन जमीन कब्जाने वाले

जनता दर्शन में सीएम योगी ने सुनीं 300 लोगों की समस्याएं, निस्तारण के लिए अफसरों को दिए निर्देश

गोरखपुर। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर प्रवास के दौरान शुक्रवार सुबह गोरखनाथ मंदिर में करीब 300 लोगों से मुलाकात कर उनकी समस्याएं सुनीं। इस दौरान अधिकारियों को निर्देशित किया कि लोगों की समस्याओं का निस्तारण उनकी सरकार की विशेष प्राथमिकता है, इसलिए पीड़ितों की समस्याओं को गंभीरता और संवेदनशीलता से लेते हुए उनका समाधान त्वरित और संतुष्टिपरक तरीके से कराना सुनिश्चित कराएं।

उन्होंने अधिकारियों को दो टूक में यह भी हिदायत दी कि किसी की जमीन पर अवैध कब्जा करने वाले भूमाफिया और कमजोरों को उजाड़ने वाले दबंग किसी भी दशा में बख्शे न जाएं। उनके खिलाफ कठोर से कठोर कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित की जाए। सरकार का संकल्प है कि किसी के भी साथ अन्याय नहीं होने दिया जाएगा।

जनता दर्शन के दौरान शुक्रवार सुबह गोरखनाथ मंदिर परिसर में महंत दिग्विजयनाथ स्मृति सभागार के बाहर कुर्सियों पर बैठाए गए लोगों तक मुख्यमंत्री खुद गए और एक-एक कर उनकी समस्याओं को सुना। सबको आश्वस्त किया कि किसी को भी चिंता करने की आवश्यकता नहीं है, सबकी समस्या का समाधान हरहाल में किया जाएगा।

जनता दर्शन में कुछ महिलाएं जमीन से जुड़े विवादों में  प्रार्थना पत्र लेकर पहुंची थीं। कुछ की शिकायत थी कि दबंग उनकी जमीनों पर कब्जा करने का प्रयास कर रहे हैं। इन शिकायतों पर मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को कड़ी कार्रवाई करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि जमीन कब्जाने में पेशेवर प्रवृत्ति वालों को भू माफिया के रूप में चिन्हित कर सख्ती की जाए।

किसी भी गरीब की जमीन पर कब्जा करने वालों के खिलाफ ऐसी कार्रवाई करें जो नजीर बने। जमीनी विवादों का समाधान तत्परतापूर्वक इस तरह होना चाहिए जिससे पीड़ित व्यक्ति संतुष्ट दिखे। प्रार्थना पत्रों को उन्होंने अधिकारियों को हस्तगत करते हुए निर्देश दिया कि हर समस्या का निस्तारण त्वरित, गुणवत्तापूर्ण और संतुष्टिप्रद होना चाहिए।

पारिवारिक रिश्तों को लेकर विवाद संबंधी शिकायतों पर मुख्यमंत्री ने अफसरों से कहा कि सबसे पहले इसमें सभी पक्षों को एकसाथ बैठाकर संवाद करने की जरूरत है।

जनता दर्शन में गंभीर बीमारियों के इलाज के लिए आर्थिक मदद की गुहार लेकर पहुंचे लोगों को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आश्वस्त किया कि पैसे की तंगी से किसी का भी इलाज नहीं रुकने दिया जाएगा। उन्होंने प्रशासन को निर्देश दिया कि संबंधित मरीज के इलाज संबंधी इस्टीमेट की प्रक्रिया को पूर्ण कर इसे जल्द से जल्द शासन को उपलब्ध कराया जाए। इस्टीमेट मिलते ही इलाज के लिए धन अवमुक्त हो जाएगा।

समूचे राष्ट्र के सनातनियों की आस्था के ज्योति पुंज हैं: ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ

राष्ट्र संत के रूप में युगों तक याद रहेंगे सामाजिक समरसता के अग्रदूत और  मंदिर आंदोलन के नायक


गोरखपुर। सामाजिक समरसता को ही आजीवन ध्येय मानने वाले श्रीराम मंदिर आंदोलन के नायक ब्रह्मलीन गोरक्षपीठाधीश्वर महंत अवेद्यनाथ का अहर्निश स्मरण एक ऐसे संत के रूप में होता है जिनमें समूचे राष्ट्र के सनातनियों की आस्था है। नाथपंथ की लोक कल्याण की परंपरा को धर्म के साथ राजनीति से भी संबद्ध कर महंत जी ने पांच बार मानीराम विधानसभा और चार बार गोरखपुर लोकसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व भी किया।  श्रीराम जन्मभूमि पर मंदिर निर्माण के लिए हुए आंदोलन को निर्णायक पड़ाव देने के लिए इस राष्ट्रसंत को निश्चित ही युगों-युगों तक याद किया जाएगा। उनकी पुण्य स्मृति में आश्विन कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि (21 सितंबर, शनिवार) को गोरखनाथ मंदिर के महंत दिग्विजयनाथ स्मृति सभागार में वर्तमान गोरक्षपीठाधीश्वर एवं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में श्रद्धांजलि सभा का आयोजन होगा। इसमें देशभर के प्रतिष्ठित साधु-संत और धर्माचार्य भी सहभागिता करेंगे।

18 मई 1919 को गढ़वाल (उत्तराखंड) के ग्राम कांडी में जन्में महंत अवेद्यनाथ का बचपन से ही धर्म, अध्यात्म के प्रति गहरा झुकाव था। उनके इस जुड़ाव को विस्तृत आयाम नाथपंथ के विश्वविख्यात गोरक्षपीठ में महंत दिग्विजयनाथ के सानिध्य में मिला।

गोरक्षपीठ में उनकी विधिवत दीक्षा 8 फरवरी 1942 को हुई और वर्ष 1969 में महंत दिग्विजयनाथ की आश्विन तृतीया को चिर समाधि के बाद 29 सितंबर को वह गोरखनाथ मंदिर के महंत व पीठाधीश्वर बने। योग व दर्शन के मर्मज्ञ पीठाधीश्वर के रूप में उन्होंने अपने गुरुदेव के लोक कल्याणकारी व सामाजिक समरसता के आदर्शों का फलक और विस्तारित किया। यह सिलसिला 2014 में आश्विन कृष्ण चतुर्थी को उनके चिर समाधिस्थ होने तक अनवरत जारी रहा।

*अयोध्या में श्रीराम मंदिर निर्माण को बना लिया जीवन का मिशन*

अयोध्या में प्रभु श्रीराम की जन्मभूमि पर मंदिर निर्माण के लिए गोरक्षपीठ की तीन पीढ़ियों का योगदान स्वर्णाक्षरों में अंकित है। महंत दिग्विजयनाथ ने अपने जीवनकाल में मंदिर आंदोलन में क्रांतिकारी नवसंचार किया तो उनके बाद इसकी कमान संभाली महंत अवेद्यनाथ ने। नब्बे के दशक में उनके ही नेतृत्व में श्रीराम मंदिर आंदोलन को समग्र, व्यापक और निर्णायक मोड़ मिला।

आंदोलन की ज्वाला गांव-गांव तक प्रज्वलित हुई। मंदिर आंदोलन में यह महंत जी का ही अविस्मरणीय योगदान था कि उन्होंने धर्माचार्यों के बीच अपने-अपने मत-श्रेष्ठतावाद का खंडन कर भारत के लगभग सभी शैव-वैष्णव आदि धर्माचार्यों को एक मंच पर खड़ा कर दिया। परिणामतः जब श्रीराम जन्मभूमि मुक्ति यज्ञ-समिति का गठन हुआ तो 21 जुलाई, 1984 को अयोध्या के वाल्मीकि भवन में सर्वसम्मति से महंत अवेद्यनाथ जी को अध्यक्ष चुना गया। तब से आजीवन श्रीराम जन्मभूमि मुक्ति यज्ञ समिति के अध्यक्ष रहे और उनके नेतृत्व में भारत में ऐसे जनांदोलन का उदय हुआ जिसने भारत में सामाजिक-राजनीतिक क्रान्ति का सूत्रपात किया।

महंत अवेद्यनाथ जी ने श्रीराम जन्मभूमि मुक्ति यज्ञ समिति के आजीवन अध्यक्ष और श्रीराम जन्मभूमि निर्माण उच्चाधिकार समिति के अध्यक्ष के रूप में आंदोलन में संतो, राजनीतिज्ञों और आमजन को एकसूत्र में पिरोया। यह भी सुखद संयोग है कि पांच सदी के इंतजार के बाद अयोध्या में श्रीराम मंदिर के निर्माण का मार्ग उनके शिष्य, वर्तमान गोरक्षपीठाधीश्वर एवं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के राज्य शासन में पूर्णता को प्राप्त हो रहा है। श्रीराम मंदिर का निर्माण महंत अवेद्यनाथ जी के जीवन का वह मिशन रहा जो उनके सुयोग्य उत्तराधिकारी की देखरेख में जारी है।

*सामाजिक समरसता को समर्पित धर्माचार्य*

महंत अवेद्यनाथ वास्तविक अर्थों में धर्माचार्य थे। धर्म के मूल मर्म सामाजिक समरसता को उन्होंने अपने जीवनपथ का उद्देश्य बनाया। आजीवन उन्होंने हिन्दू समाज से छुआछूत और ऊंच-नीच के भेदभाव को समाप्त करने के लिए वृहद अभियान चलाया।

अखिल भारतवर्षीय अवधूत भेष बरहपंथ योगी महासभा के अध्यक्ष के रूप में महंतजी ने देशभर के संतों को भी अपने इसी अभियान से जोड़ा। अपने स्पष्ट विचारों के चलते पूरे देश के संत समाज में अति सम्माननीय रहे महंत अवेद्यनाथ दक्षिण भारत के मीनाक्षीपुरम में दलित समाज के सामूहिक धर्मांतरण की घटना से बहुत दुखी हुए। इस तरह की पुनरावृत्ति उत्तर भारत में न हो, इसी कारण से धर्म के साथ उन्होंने राजनीति की भी राह चुनी। उनका ध्येय हिन्दू समाज की कुरीतियों को दूर कर पूरे समाज को एकजुट करना था। इसे लेकर उन्होंने दलित बस्तियों में सहभोज अभियान शुरू किया जहां जातिगत विभेद से परे सभी लोग एक पंगत में भोजन करते।

काशी में डोमराजा के घर संतों और साधु समाज के साथ भोजन कर महंतजी ने सामाजिक समरसता का देशव्यापी संदेश दिया। सामाजिक समरसता को बढ़ावा देने के लिए उन्होंने दलित कामेश्वर चौपाल के हाथों राम मंदिर के भूमिपूजन की पहली शिला रखवाई। समाजिक समरसता को सुदृढ़ करने के लिए दलितों, वंचितों के घर सहभोज का आयोजन तो उनके जीवनकाल में स्वस्थ रहने तक जारी रहा। सामाजिक एकता के लिए वह सदैव स्पष्टवादी रहे। उन्होंने इस प्रश्न पर धर्माचार्यों, संत-महात्माओं, राजनीतिज्ञों, किसी को भी क्षमा नहीं किया, यदि वे हिंदू समाज की एकता के विरुद्ध अथवा अस्पृश्यता के पक्ष में खड़े हुए।

*उद्धरणों से समझाते थे सामाजिक एकता की ताकत*

नाथपंथ, गोरक्षपीठ के अध्येता और महंत अवेद्यनाथ के जीवन के शोधार्थी डॉ. प्रदीप कुमार राव बताते हैं कि महंत अवेद्यनाथ सामाजिक समरसता को मजबूत करने के लिए प्रभु श्रीराम और देवी दुर्गा के उद्धरणों से संदेश देते थे। ऐसे संदेश उनकी दिनचर्या में शामिल थे।

महंतश्री लोगों को व्यावहारिक रूप में समझाते थे कि प्रभु श्रीराम ने शबरी के जूठे बेर खाए, निषादराज को गले लगाया, गिद्धराज जटायु का अंतिम संस्कार अपने हाथों किया, वनवास के दौरान वनवासियों से मित्रता की तो इसके पीछे उनकी सोच समरस समाज की स्थापना ही थी। वह बताते थे कि देवी दुर्गा की आठ भुजाएं समाज के चारों वर्णों से दो-दो भुजाओं की प्रतीक हैं। समाज के ये चारों वर्ण एकजुट हो जाएंगे तो वह भी देवी दुर्गा की भांति इतने सशक्त होंगे कि किसी भी शक्तिशाली पर नियंत्रण पा लेंगे। ठीक वैसे ही जैसे अष्टभुजी देवी दुर्गा सबसे तेज तर्रार और शक्तिशाली जीव शेर पर सवारी करती हैं।

*गुरु के बीजारोपित शिक्षा परिषद को बनाया वटवृक्ष*

शिक्षा के क्षेत्र में भी महंत अवेद्यनाथ जी महाराज ने अपने वरेण्य गुरुदेव महंत दिग्विजयनाथ जी महाराज के सपनों को साकार किया। उन्होंने अपनी निष्ठा, सुदीर्घकालीन तपस्या और अनुभव की पूंजी से उत्तरोत्तर समृद्ध और समुन्नत करते हुए पूज्य गुरुदेव द्वारा बीजारोपित महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद को वटवृक्ष जैसा वृहत्तर स्वरूप प्रदान किया। महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के अंतर्गत आज चार तीन दर्जन से अधिकन प्राथमिक से लेकर उच्च स्तर तक के शिक्षण-प्रशिक्षण संस्थान, चिकित्सा संस्थान तथा सेवा संस्थान संचालित हो रहे हैं। प्राथमिक शिक्षा से लेकर उच्च शिक्षा तक के पारंपरिक शिक्षण संस्थानों के साथ-साथ तकनीकी एवं स्वास्थ्य शिक्षा के संस्थानों में हजारों विद्यार्थी रोजगारपरक पुस्तकीय पाठ्यक्रमों के साथ-साथ भारतीयता तथा सांस्कृतिक राष्ट्रवाद का पाठ पढ़ रहे हैं।

*राजनीतिक क्षेत्र में भी बनाया रिकार्ड*
महंत अवेद्यनाथ के नाम राजनीति के क्षेत्र में भी अनूठा रिकार्ड है। उन्होंने पांच बार (1962, 1967, 1969, 1974 व 1977) मानीराम विधानसभा सीट और चार बार (1970, 1989,1991 व 1996) गोरखपुर सदर संसदीय सीट का प्रतिनिधित्व किया था। वह अखिल भारतीय हिन्दू महासभा के उपाध्यक्ष व महासचिव के रूप में भी प्रतिष्ठित रहे। महंत अवेद्यनाथ जी महाराज ने सदैव राष्ट्रीय एकता एवं अखंडता, सांस्कृतिक राष्ट्रवाद, भारतीय संस्कृति की पुनर्प्रतिष्ठा, शैक्षिक पुनर्जागरण तथा हिंदू समाज की रक्षा में अपनी राजनीतिक भूमिका निर्धारित की।

प्रोफेसर अफरोज व मुफ्ती अब्दुल हकीम सब्जपोश अवॉर्ड से सम्मानित


गोरखपुर। सब्जपोश हाउस मस्जिद जाफ़रा बाज़ार के मैदान में मोहसिन-ए-आज़म कांफ्रेंस हुई। मशहूर धर्मगुरु, शिक्षक व लेखक प्रोफेसर मोहम्मद अफरोज कादरी, वरिष्ठ मुफ्ती व लेखक अब्दुल हकीम नूरी व महराजगंज की संस्था तंजीमुल मकातिब व मदारिस को दीनी शिक्षा में अहम योगदान देने के लिए ’सब्जपोश अवॉर्ड’ से सम्मानित किया गया। सम्मानित जनों को फूल, सम्मान पत्र व शील्ड पेश किया गया।  मकतब इस्लामियात जाफरा बाज़ार के बच्चों को कांफ्रेंस में विशेष प्रदर्शन करने पर ईनाम दिया गया। संयोजक हाफिज रहमत अली निजामी ने सभी मेहमानों का इस्तकबाल किया।

मुख्य वक्ता प्रोफेसर मो. अफरोज कादरी ने कहा कि अल्लाह व रसूल की मुहब्बत ज़िंदगी है और नफ़रत मौत। नफ़रत समाज को तोड़ती है और अल्लाह व रसूल की मुहब्बत सभ्य समाज का निर्माण करती है। नफरत आग लगाती है अल्लाह व रसूल की मुहब्बत उस आग को बुझाने का काम करती है। इस्लाम धर्म का संदेश मुहब्बत है। फैसला आपको करना है कि आप इस्लाम धर्म के साथ हैं या नहीं। आज के माहौल में पैगंबरे इस्लाम हज़रत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की शिक्षाओं पर अमल करके हम न सिर्फ अपने प्यारे देश बल्कि पूरे संसार में शांति स्थापित कर सकते हैं।

अध्यक्षता करते हुए मुफ्ती अब्दुल हकीम नूरी ने कहा कि दीन-ए-इस्लाम व पैग़बरे इस्लाम हज़रत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की शिक्षाओं पर पूरी संजीदगी व जिम्मेदारी के साथ हम सभी अमल करें। अगर हम इस पर अमल नहीं करते तो हमारा मुहब्बत का दावा कमजोर है। हमारी ज़िम्मेदारी है कि हम तालीम हासिल करने पर खूब जोर दें। आपसी रिश्तों को मजबूत करें। मां-बाप, रिश्तेदार, भाई बहन, पड़ोसी के हक़ अदा करें। साफ सफाई का ध्यान रखें।

कुरआन-ए-पाक की तिलावत कारी शरफुद्दीन मिस्बाही ने की। नात-ए-पाक कासिद रजा इस्माईली, कैसर रज़ा, मौलाना महमूद रज़ा ने पेश की। अंत में सलातो सलाम पढ़ कर दुआ मांगी गई। कांफ्रेंस में मुफ्ती अख़्तर हुसैन, मुफ्ती मो. अज़हर, मुफ्ती मेराज अहमद, कारी मो. अनस, हाफिज अशरफ रज़ा, सैयद जव्वाद सब्जपोश, कारी मो. अजीमुद्दीन, मौलाना रमज़ान अली अमजदी, मौलाना दानिश रज़ा, आरिफ  सामानी, तारिक सामानी, हाफिज सद्दाम हुसैन, मौलाना मकसूद, हाफिज आमिर हुसैन, इरफ़ान अहमद, एहसान, अफसर अली, आसिफ अहमद, युसूफ, हाजी  रफीउल्लाह, मो. जैद, मो. शहनवाज आलम, मो. यूसुफ, मो. आकिब आदि ने शिरकत की।

हाईकोर्ट के आदेश पर कार्यमुक्त हुए इंटरकॉलेज के प्राचार्य,फर्जी प्रमाणपत्रों के आधार पर नियुक्ति का आरोप
खजनी गोरखपुर।एरिया के आदर्श इंटरकॉलेज हरदीचक में प्राचार्य के पद पर कार्यरत रहे अरूणेश कुमार सिंह को हाईकोर्ट के आदेश पर जिला विद्यालय निरीक्षक डाक्टर अमरकांत सिंह कार्यालय द्वारा निर्गत आदेश पत्र संख्या 6/6204 -12 वर्ष 2024-25 दिनांक 10 सितंबर 2024 के आधार पर प्रबंधक सत्यप्रकाश सिंह द्वारा कार्यमुक्त कर दिया गया है।

मिली जानकारी के अनुसार प्राचार्य अरूणेश कुमार सिंह पर साजिश के तहत पूर्णतया कूटरचित फर्जी प्रपत्रों से नौकरी प्राप्त करने, विभागीय अधिकारियों को गुमराह करने, दायित्वों और कार्यों का निर्वहन करने में अक्षम होने, उच्चाधिकारियों को आरोपित कर उन्हें ब्लैक मेल करके अवैधानिक कार्यों को संपन्न करने,सी.टी.ग्रेड में नियुक्ति माध्यमिक शिक्षा अधिनियम 1921 की धारा-16(छ:) व माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड अधिनियम 1982 की धारा 18 के प्राविधानों अनुसार धारा 33(क) से सी.टी. ग्रेड में विनियमित नहीं होने, एल.टी.ग्रेड में अनर्ह होने के आरोप में हाईकोर्ट इलाहाबाद  के द्वारा आदेश प्राप्त होने के बाद जिला विद्यालय निरीक्षक के निर्देश पर काॅलेज मैनेजमेंट की बैठक में सामुहिक निर्णय के बाद कार्यमुक्त कर दिया गया है।

डीआईओएस कार्यालय गोरखपुर के द्वारा इसकी सूचना रजिस्ट्रार हाईकोर्ट इलाहाबाद, माध्यमिक शिक्षा निदेशक प्रयागराज/लखनऊ। उप सचिव उ.प्र.माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड प्रयागराज,अपर शिक्षा निदेशक माध्यमिक उ.प्र. शिक्षा निदेशक प्रयागराज, संयुक्त शिक्षा निदेशक सप्तम मंडल गोरखपुर, वित्त एवं लेखाधिकारी माध्यमिक शिक्षा डीआईओएस कार्यालय गोरखपुर, प्रबंधक आदर्श इंटरकॉलेज हरदीचक गोरखपुर और अरूणेश सिंह को भेज दी गई है।

उक्त मामले में कार्यमुक्त हुए प्राचार्य अरूणेश कुमार सिंह ने बताया कि सभी आरोप निराधार हैं, मैं विगत 20 वर्षों से विभिन्न विद्यालयों में कार्यरत रहा प्रबंधकीय साजिश का शिकार हुआ हूं।
वहीं प्रबंधक सत्यप्रकाश सिंह ने कहा कि हाईकोर्ट इलाहाबाद तथा डीआईओएस के आदेश पर प्राचार्य को कार्यमुक्त किया गया है।
गोरखनाथ मंदिर में आईं पुंगनूर गाय, सीएम योगी ने खूब दुलारा,देश की अति दुर्लभ नस्ल की गाय है पुंगनूर, और समृद्ध हुआ गोरक्षपीठ का गोवंश संसार


गोरखपुर। गोसेवा के लिए देशभर में प्रसिद्ध गोरक्षपीठ में गोवंश का संसार अब और भी समृद्ध हो गया है। देश में अति दुर्लभ नस्ल में सम्मिलित आंध्र प्रदेश की पुंगनूर गाय को भी गोरखनाथ मंदिर की गोशाला में लाया गया है। बरबस ही सबका ध्यान आकर्षित करने वाली पुंगनूर नस्ल के गोवंश जोड़ी (बछिया और बछड़ा) के मंदिर की गोशाला में आने पर शुक्रवार सुबह मुख्यमंत्री एवं गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ ने खूब दुलारा और उन्हें अपने हाथों से गुड खिलाया।

गुरुवार को दोपहर बाद गोरखपुर आए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की शुक्रवार सुबह की दिनचर्या परंपरागत रही। उन्होंने प्रातःकाल गोरखनाथ मंदिर में गुरु गोरखनाथ का दर्शन-पूजन किया और अपने गुरु ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ की समाधि स्थल पर जाकर मत्था टेका। वह जब भी गोरखनाथ मंदिर में होते हैं तो गोसेवा उनकी दिनचर्या का अभिन्न हिस्सा रहती है। पर, शुक्रवार का दिन गोसेवा के दृष्टिकोण से विशेष था। कारण, मंदिर की गोशाला में आंध्र प्रदेश के पुंगनूर नस्ल की देसी गोवंश की एक नन्ही जोड़ी (बछिया-बछड़ा) का भी यहां आगमन हो चुका है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पुंगनूर नस्ल की इस जोड़ी को खूब दुलार किया। दोनों के माथे पर हाथ फेरते हुए, गर्दन सहलाते हुए उन्होंने यह कहकर स्नेह दिया, ‘अरे रे रे, तुम्हें माई की याद आ रही है ना!’ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कुछ देर तक उन्हें भावुक होकर दुलारते रहे और फिर अपने हाथों से उन्हें खुद खिलाया।

इसके अतिरिक्त उन्होंने मंदिर की गोशाला में अन्य गोवंश के साथ भी समय व्यतीत किया। गोशाला में सीएम योगी ने चारों तरफ भ्रमण करते हुए श्यामा, गौरी, गंगा, भोला आदि नामों से गोवंश को पुकारा। उनकी आवाज इन गोवंश के लिए जानी पहचानी है। प्यार भरी पुकार सुनते ही कई गोवंश दौड़ते-मचलते हुए उनके पास आ गए। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी के माथे पर हाथ फेरा, उन्हें खूब दुलारा और अपने हाथों से उन्हें गुड़ खिलाया। मुख्यमंत्री ने गोशाला के कार्यकर्ताओं से सभी गोवंश के स्वास्थ्य व पोषण की जानकारी ली और देखभाल के लिए जरूरी निर्देश दिए।