जम्मू-कश्मीर के बारामूला और किश्तवाड़ में सेना-दहशतगर्दों के बीच मुठभेड़, 3 आतंकी ढेर, किश्तवाड़ में दो जवान शहीद

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जम्मू-कश्मीर में दो अलग-अलग जगहों पर मुठभेड़ जारी है।बारामूला और किश्तवाड़ इलाके में सेना और दहशतगर्दों के बीच मुठभेड़

चल रही है।बारामूला में सुरक्षाबलों के हाथ बड़ी कामयाबी लगी है। सेना ने 3 आतंकियों को ढेर कर दिया। हालांकि, किश्तवाड़ में जारी सर्च ऑपरेशन में शुक्रवार को दो जवान शहीद हो गए।

जानकारी के अनुसार, बारामूला के चक टप्पर क्रेरी पट्टन इलाके में आतंकियों और सुरक्षाबलों के बीच मुठभेड़ जारी है। जानकारी के मुताबिक पुलिस सब डिवीजन पट्टन के चक टपर इलाके में स्थित एक बाग में स्थित इमारत में कुछ आतंकवादी छिपे हुए हैं। सेना और जम्मू कश्मीर पुलिस के जवान लगातार आतंकियों की तलाश में जुटे हुए हैं। इसी क्रम में सुबह-सुबह दोनों तरफ से गोलीबारी शुरू हो गई। वहीं, सेना ने तीन आतंकियों को मार गिराया है।

इससे पहले शुक्रवार को जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले के ऊपरी इलाकों में आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में एक जूनियर कमीशन अधिकारी (जेसीओ) समेत दो सैन्यकर्मी शहीद हो गए जबकि दो अन्य घायल हो गए। सुरक्षा अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। अधिकारियों ने बताया कि एक गुप्त सूचना के आधार पर सुरक्षा बलों ने छतरू क्षेत्र के नैदघाम इलाके में घेराबंदी करके एक तलाशी अभियान शुरू किया और इस दौरान ही मुठभेड़ हुई। उन्होंने बताया कि छतरू पुलिस थाने के अधिकार क्षेत्र में नैदघाम गांव के ऊपरी इलाकों में पिंगनल दुगड्डा वनक्षेत्र में सुरक्षा बलों के तलाशी दलों और छिपे हुए आतंकवादियों के बीच गोलीबारी हुई।

वहीं, बुधवार को उधमपुर के बसंतगढ़ में सुरक्षाबलों ने दो पाकिस्तानी आतंकियों को मार गिराया गया था। मारे गए आतंकियों से भारी मात्रा में गोला बारूद बरामद किए गए हैं।

*जम्मू-कश्मीर और हरियाणा में पीएम नरेंद्र मोदी का चुनावी शंखनाद, डोडा और कुरुक्षेत्र में भरेंगे हुंकार

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जम्मू-कश्मीर में 10 साल बाद विधानसभा चुनाव हो रहे हैं। सभी दलों ने जम्मू-कश्मीर चुनाव के लिए पूरी ताकत झोंक दी है। बीजेपी भी घाटी में कमल खिलाने की कोशिश कर रही है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बाद अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कश्मीर से चुनावी शंखनाद कर रहे हैं।पीएम मोदी आज सुबह 11 बजे डोडा में एक रैली को संबोधित करेंगे। डोडा में रैली करने के बाद पीएम शाम को हरियाणा के कुरुक्षेत्र में जनसभा करेंगे।

डोडा स्टेडियम में होने वाली पीएम की रैली के मद्देनजर पूरा स्टेडियम परिसर सील कर दिया गया है। आसपास के इलाकों में भी सुरक्षा बढ़ाई गई है। रैली स्थल की ड्रोन से भी निगरानी होगी। साथ ही आसपास के मकानों की छतों पर भी सुरक्षा बल तैनात किए जाएंगे।मोदी डोडा से पूरे चिनाब वैली के आठ विधानसभा सीटों डोडा, डोडा पश्चिम, भद्रवाह, किश्तवाड़, इंद्रवल, पाडर-नागसेनी, रामबन व बनिहाल के प्रत्याशियों के लिए वोट मांगेंगे। इन आठ सीटों के लिए 18 सितंबर को मतदान होना है।

चार दशकों यानी 45 साल बाद किसी प्रधानमंत्री की पहली रैली होगी। 1979 में इंदिरा गांधी ने डोडा में रैली की थी। डोडा कई दशकों तक आतंकवाद से प्रभावित रहा है। रैली के लिए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। रैली स्थल की ड्रोन से निगरानी की जाएगी। इसके लिए पूरे परिसर को सील कर दिया गया है। आसपास के इलाकों में भी सुरक्षा बढ़ा दी गई है।

जम्मू-कश्मीर की 90 विधानसभा सीटों पर तीन चरणों में मतदान है। पहले चरण की वोटिंग 18 सितंबर को है जबकि दूसरे और तीसरे फेज का मतदान 25 सितंबर और 1 अक्टूबर को है। 8 अक्टूबर को नतीजे आएंगे। चुनाव आयोग ने 31 अगस्त को जम्मू कश्मीर और हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए तारीखों का ऐलान किया था। इसके बाद यह पीएम मोदी की पहली जम्मू-कश्मीर यात्रा है।

बच्ची ने लगाया था कोच अटेंडेट पर बैड टच का आरोप, चलती ट्रेन में यात्रियों ने पीट-पीटकर मार डाला

डेस्क: बरौनी से नई दिल्ली जा रही हमसफर एक्सप्रेस ट्रेन के थर्ड AC कोच में 11 साल की बच्ची से छेड़छाड़ के आरोपी रेलवे कर्मी को यात्रियों ने जमकर पीटा। बैड टच करने के आरोप में बच्ची के परिजनों और ट्रेन में यात्रा कर रहे यात्रियों ने कोच अटेंडेंट (फोर्थ क्लास) के पद तैनात प्रशांत कुमार को पीट-पीट कर मार डाला। उसे आश्रित कोटे से ये नौकरी मिली थी। ट्रेन में पिटाई और फिर उसके बाद कर्मचारी की मौत से हड़कंप मच गया। मृतक के परिजनों ने रेलवे पुलिस को पीट-पीटकर हत्या करने की तहरीर दी है। घटना बुधवार रात की है। बताया जा रहा है कि पीड़ित बच्ची की मां जब टॉयलेट गई थी तब 34 वर्षीय प्रशांत ने उसे अपनी सीट पर बैठाया और उसके साथ छेड़छाड़ की। मां के वापस आने पर बच्ची रोने लगी। बाद में मां के पूछने पर उसने सारी बात बताई। महिला ने घटना की जानकारी अपने पति को दी जिसके बाद पीड़ित बच्ची के पिता और रेल यात्रियों ने प्रशांत को थप्पड़ मारकर घसीटते हुए पहले गैलरी में लाया। करीब 80 किलोमीटर तक उसकी लात-घूसों से बेरहमी से पिटाई करते रहे। फिर कानपुर सेंट्रल स्टेशन पर उसे जीआरपी के हवाले कर दिया। बताया जा है कि पुलिस कस्टडी में आरोपी प्रशांत की तबीयत बिगड़ने लगी तो उसे केपीएम अस्पताल में भर्ती कराया जहां डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया। पिछले साल सड़क हादसे में हुई थी मां की मौत इधर घटना की जानकारी मिलने के बाद प्रशांत के घर में कोहराम मच गया। मृतक प्रशांत बिहार के मुजफ्फरपुर जिले के सकरा थाना के सरमस्तपुर का रहने वाला था। उसके पिता की रेलवे में नौकरी के दौरान मौत हो गई थी जिसके बाद उसकी अनुकम्पा के आधार पर ही नौकरी लगी थी। पिछले साल आज ही के दिन उसकी मां की भी सड़क दुर्घटना में मौत हो गई थी। प्रशांत दो भाइयों में बड़ा था। छोटा भाई बिहार पुलिस में आरक्षी के पद पर कार्यरत है। प्रशांत की मौत की खबर के बाद दिल्ली में रह रहे उसके मामा और अन्य रिश्तेदार कानपुर पहुंच चुके है। आज देर शाम तक उसका शव पैतृक गांव पहुंच जाएगा। वहीं, इस घटना के बाद से प्रशांत के रिश्तेदार और ग्रामीण भी सकते में है। उनका कहना है कि मृतक प्रशांत गलत प्रवृति का नहीं था। झूठा आरोप लगाकर उसके साथ ये वारदात की गई। इस मामले को लेकर मृतक प्रशांत के चाचा पवन कुमार ने बताया कि उन्हें घटना की जानकारी उनके स्थानीय सकरा थाना के द्वारा दी गई। परिजनों का कहना है कि उसपर जो आरोप लगाए गए हैं वह बिल्कुल गलत है। प्रशांत उस प्रवृत्ति का नहीं था। परिजन रेलवे की सुरक्षा को लेकर भी सवाल खड़े कर रहे हैं कि रेल के अंदर एस्कॉर्ट पार्टी होती है। वैसे में लड़की के परिजनों ने शिकायत क्यों नहीं की। करीब 80 किलोमीटर तक उसके साथ पिटाई होती रही और किसी को भनक तक नहीं लगी। परिजन अब इस पूरे मामले की जांच की मांग कर रहे हैं। साथ ही प्रशांत की हत्या में शामिल लोगों पर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
आतंकी ओसामा बिन लादेन के बेटे पर बड़ा खुलासा, जिंदा है हमजा और अफगानिस्तान में संभाल रहा अलकायदा की कमान

डेस्क: अमेरिका में 9/11 हमले को अंजाम देने वाले दुनिया के सबसे खतरनाक आतंकी ओसामा बिन लादेन के बेटे को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। अमेरिकी अखबार द मिरर की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि ओसामा का बेटा हमजा बिन लादेन अभी जिंदा है और वह अफगानिस्तान में अल कायदा आतंकी संगठन की कमान संभाल रहा है। रिपोर्ट में चेताया गया है कि "हमजा आदेश के तहत, अल कायदा फिर से संगठित हो रहा है और पश्चिमी लक्ष्यों पर भविष्य के हमलों की तैयारी कर रहा है"।

द मिरर द्वारा उद्धृत खुफिया रिपोर्ट के अनुसार, अल कायदा प्रमुख ओसामा बिन लादेन का बेटा हमजा बिन लादेन जीवित है। रिपोर्ट में कहा गया है कि हमजा अपने भाई अब्दुल्ला बिन लादेन के साथ अफगानिस्तान में गुप्त रूप से अल कायदा संगठन को चला रहा है। तालिबान विरोधी सैन्य गठबंधन, नेशनल मोबिलाइजेशन फ्रंट (एनएमएफ) ने भी हमजा और उसके सहयोगियों के संचालन का विवरण देते हुए एक रिपोर्ट पेश की है। आउटलेट ने कहा कि "आतंक का राजकुमार" करार दिया गया व्यक्ति 450 स्नाइपर्स की निरंतर सुरक्षा के तहत उत्तरी अफगानिस्तान में छिपा हुआ है।

आफगानिस्तान बना आतंकवादी प्रक्षिशण केंद्र 

रिपोर्ट में चेतावनी दी गई है कि 2021 में काबुल के पतन के बाद से अफगानिस्तान "विभिन्न आतंकवादी समूहों के लिए प्रशिक्षण केंद्र" बन गया है। इसमें कहा गया है, ''हमजा बिन लादेन को दारा अब्दुल्ला खेल जिले (पंजशीर में) ले जाया गया है, जहां 450 अरब और पाकिस्तानी उसकी रक्षा कर रहे हैं।' रिपोर्ट ने उन दावों का खंडन किया कि हमजा 2019 के अमेरिकी हवाई हमले में मारा गया था। माना जाता है कि हमजा ने अयमान अल-जवाहिरी के साथ मिलकर काम किया था, जिसने ओसामा की हत्या के बाद अल कायदा का कामकाज संभाला था। अमेरिका और अन्य देशों पर हमले का आह्वान करने वाले उसके ऑडियो और वीडियो संदेश सामने आने के बाद हमजा के मारे जाने की खबर सामने आई थी। हालांकि बीबीसी की एक पुरानी रिपोर्ट के अनुसार हमजा की मौत का स्थान और तारीख स्पष्ट नहीं थी। पेंटागन ने भी इस मुद्दे पर कोई टिप्पणी नहीं की।

ओसामा के बेटे हमजा बिन लादेन को आधिकारिक तौर पर अमेरिका द्वारा वैश्विक आतंकवादी के रूप में नामित किया गया था और माना जाता था कि वह ईरान में नजरबंद था। कहा जाता है कि ईरान में अपनी मां के साथ कई साल बिताने से पहले उसका जन्म सऊदी अरब के जेद्दा में हुआ था। बता दें कि हमजा के पिता ओसामा बिन लादेन को 2011 में पाकिस्तान के एबटाबाद के एक परिसर में अमेरिकी विशेष बलों ने मार डाला था। ओसामा ने 11 सितंबर 2001 को अमेरिका पर हुए हमलों को मंजूरी दी थी, जिसमें करीब 3,000 लोग मारे गए थे।

तिहाड़ जेल से बाहर आने के बाद बोले अरविंद केजरीवाल, 'मेरे खून का एक-एक कतरा देश के लिए...' सीएम आवास तक रोड शो

डेस्क: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट ने सशर्त जमानत दे दी है। अरविंद केजरीवाल तिहाड़ जेल के 3 नंबर बैरक से शुक्रवार शाम को रिहा हो गए। जेल के बाहर बड़ी संख्या में आम आदमी पार्टी के समर्थकों ने अरविंद केजरीवाल का स्वागत किया। केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल और पंजाब के सीएम भगवंत मान भी तिहाड़ जेल पहुंच कर केजरीवाल का स्वागत किया है।

तिहाड़ जेल से रिहा होने के बाद दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा, 'मैंने अपने जीवन में कई मुश्किलों का सामना किया है लेकिन भगवान ने हर कदम पर मेरा साथ दिया है। इस बार भी भगवान ने मेरा साथ दिया क्योंकि मैं ईमानदार था।' इसके साथ ही सीएम ने कहा, 'मेरे खून का एक-एक कतरा देश के लिए है।'

अरविंद केजरीवाल की रिहाई से पहले शुक्रवार को आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता तिहाड़ जेल के बाहर जश्न मनाने के लिए एकत्र हुए। यहां पर कार्यकर्ता केजरीवाल के समर्थन में और बीजेपी के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। केजरीवाल की रिहाई के बाद अब तिहाड़ जेल से लेकर सीएम आवास तक रोड शो किया जा रहा है।

अरविंद केजीरवाल को सुप्रीम कोर्ट ने शराब घोटाले मामले पर जमानत दी है। दिल्ली में सीएम अरविंद केजरीवाल के आवास के बाहर आम आदमी पार्ट कार्यकर्ताओं ने नाच-गाकर जश्न मनाया। साथ ही केजरीवाल के आवास के बाहर आप कार्यकर्ताओं ने पटाखे भी फोड़े हैं।

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने अंडमान निकोबार द्वीप समूह की राजधानी पोर्ट ब्लेयर का नाम बदलकर विजयपुरम किया

डेस्क: केंद्रीय गृह मंत्रालय ने अंडमान निकोबार द्वीप समूह की राजधानी पोर्ट ब्लेयर का नाम बदलकर विजयपुरम कर दिया। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने एक्स पर एक पोस्ट में पोर्ट ब्लेयर के नए नाम का एलान किया गया। अमित शाह ने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी विजन के तहत देश को औपनिवेशिक पहचान से मुक्त करने के लिए हमने पोर्ट ब्लेयर का नाम बदलकर श्री विजय पुरम करने का निर्णय लिया है। अब गुलामी का एक और निशान मिटा दिया गया है।

उन्होंने लिखा कि पहले के नाम में औपनिवेशिक विरासत थी। विजय पुरम स्वतंत्रता संग्राम में हासिल की गई जीत और उसमें अंडमान और निकोबार द्वीप समूह की अद्वितीय भूमिका का प्रतीक है। अंडमान और निकोबार द्वीप समूह का हमारे स्वतंत्रता संग्राम और इतिहास में अद्वितीय स्थान है। यह द्वीप क्षेत्र जो कभी चोल साम्राज्य के नौसैनिक अड्डे के रूप में कार्य करता था, आज हमारी रणनीतिक और विकास आकांक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण आधार बनने के लिए तैयार है।

यह वह स्थान भी है जहां नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने तिरंगे को पहली बार फहराया था और वह सेल्युलर जेल भी है जहां वीर सावरकर और अन्य स्वतंत्रता सेनानियों ने एक स्वतंत्र राष्ट्र के लिए संघर्ष किया था।

संदेह का मिल गया लाभ..! शाहरुख़-शहनावाज सहित दिल्ली दंगों के 10 आरोपियों को कोर्ट ने किया बरी

दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट ने 2020 के गोकुलपुरी दंगा मामले में संदेह का लाभ देते हुए 10 आरोपियों को बरी कर दिया है। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश (ASJ) पुलस्त्य प्रमाचला ने 12 सितंबर को इस फैसले की घोषणा की। बरी किए गए आरोपियों में मोहम्मद शाहनवाज उर्फ शानू, मोहम्मद शोएब उर्फ छुटवा, शाहरुख पठान, राशिद उर्फ राजा, आजाद, अशरफ अली, परवेज, मोहम्मद फैसल, राशिद उर्फ मोनू और मोहम्मद ताहिर शामिल हैं। मजे की बात ये भी है कि, सरेआम पुलिसकर्मी पर पिस्टल तानने वाले दंगाई शाहरुख़ पठान को भी कोर्ट ने बाइज्जत बरी कर दिया, जिसकी तस्वीर दंगों के समय काफी वायरल हुई थी। 

जज प्रमाचला ने अपने आदेश में कहा, "मुझे लगता है कि इस मामले में सभी आरोपियों के खिलाफ लगाए गए आरोप उचित संदेह से परे साबित नहीं हुए हैं। इसलिए, आरोपियों को संदेह का लाभ देते हुए उन्हें बरी किया जाता है।" इन व्यक्तियों पर पुलिस ने धारा 147/148/149/436/454/392/452/188/153-ए/427/506 आईपीसी के तहत दंडनीय अपराध करने के आरोप लगाए थे। मामले की शुरुआत 24 फरवरी 2020 को हुई, जब शिकायतकर्ता नरेंद्र कुमार ने गोकुलपुरी थाना में लिखित शिकायत दर्ज कराई। उन्होंने आरोप लगाया कि लगभग 1500 दंगाई हथियारों से लैस होकर उनकी पिज्जा दुकान में तोड़फोड़ करने लगे और फिर उनके घर की ऊपरी मंजिलों पर चढ़ गए। दंगाइयों ने उन्हें धमकी दी कि वे घर खाली करें, अन्यथा जलाकर मार डालेंगे। इसके बाद, दंगाइयों ने घर से सोना, चांदी और नकद लूट लिया, घर के फर्नीचर में आग लगा दी, और अन्य दस्तावेजों को जला दिया।

 

इस मामले में पहली पूरक चार्जशीट 09 जनवरी 2023 को दायर की गई, जिसमें शिकायत, दस्तावेज और बयान शामिल थे। दूसरी पूरक चार्जशीट 25 सितंबर 2023 को दायर की गई। हालांकि, 09 अक्टूबर 2023 के आदेश के अनुसार, अदालत ने पाया कि रिंकू की शिकायत को इस मामले में नहीं जोड़ा जा सकता था और केवल धारा 196 सीआरपीसी के तहत मंजूरी और दो पुलिस अधिकारियों के बयानों पर विचार किया गया था। 

बता दें कि, 2020 दंगों का मुख्य आरोपी और आम आदमी पार्टी (AAP) का पूर्व पार्षद ताहिर हुसैन खुद कबूल चुका है कि, उसने हिन्दुओं को सबक सीखाने के लिए यह साजिश रची थी। इस ताहिर हुसैन को बचाने के लिए भी ऑल्टन्यूज़, राणा अय्यूब, संजुक्ता बसु (राहुल गांधी की करीबी) ने सोशल मीडिया पर काफी भ्रम फैलाया था, लेकिन जब कोर्ट में ट्रायल चला, तो ताहिर हुसैन ने खुद कबूल किया कि उसके द्वारा जुटाई गई भीड़ अधिक से अधिक हिन्दुओं को मारना चाहती थी। ताहिर ने कोर्ट में कबूला कि, उसने इलाके के CCTV तुड़वा दिए थे और अपने लोगों को लाठी-डंडों और हथियारों को इकठ्ठा करने के लिए कहा था। जबकि, दूसरी तरफ हिन्दुओं को यह पता ही नहीं था, कि उन पर हमला करने के लिए कई दिनों से तैयारी चल रही है। किसी भी अनहोनी की आशंका से बेफिक्र हिन्दुओं पर जब हमला हुआ, तो वे खुद को बचा भी न सके। कोर्ट ने यह भी माना है कि सबूतों से यह पता चला है कि तमाम आरोपित हिंदुओं को निशाना बनाने, उन्हें मारने और संपत्तियों को ज्यादा से ज्यादा नुकसान पहुँचाने में लिप्त थे। हिंदुओं पर अंधाधुंध फायरिंग यह स्पष्ट करती है कि यह भीड़ जानबूझकर हिंदुओं की हत्या चाहती थी। हिंदुओं की दुकानों को आग के हवाले किया जाने लगा, लूटा जाने लगा और पत्थरबाजी चालू हो गई। इन दंगों में 53 लोगों की मौत हुई थी, जबकि 200 से अधिक घायल हुए थे।  

 

इसी हिन्दू विरोधी दंगे में इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB) के अफसर अंकित शर्मा की भी हत्या की गई थी, उनके शरीर पर चाक़ू के 51 जख्म निशान मिले थे। यानी नफरत इस हद तक थी कि, मौत होने के बाद भी अंकित को लगातार चाक़ू मारे जा रहे थे, उनकी लाश AAP के पूर्व पार्षद ताहिर हुसैन के घर के पास स्थित एक नाले से मिली थी। यहाँ तक कि, ताहिर हुसैन पर आरोप तय करने वाली कोर्ट खुद यह कह चुकी है कि, दंगाई भीड़ का मकसद केवल और केवल हिन्दुओं को मरना और उन्हें नुकसान पहुँचाना था। वहीं, तत्कालीन AAP पार्षद खुद यह कबूल चुका है कि, उनका मकसद हिन्दुओं को सबक सिखाना ही था।

भारी प्रदर्शन के बीच हिमाचल प्रदेश के मंडी में मस्जिद की 2 अवैध फ्लोर तोड़ने के आदेश, मिला 30 दिन का वक्त

डेस्क: हिमाचल प्रदेश के मंडी शहर में जमीन पर अवैध कब्जा कर बनाई गई मस्जिद को ढहाने की मांग को लेकर भारी प्रदर्शन के बीच नगर निगम कमिश्नर की कोर्ट ने बड़ा आदेश दिया है। दो मंजिला अवैध मस्जिद को तोड़ने का आदेश दिया गया है। नगर निगम कमिश्नर एचएस राणा की कोर्ट ने इसके लिए एक महीने (30 दिन) का वक्त दिया है। इससे पहले मंडी प्रशासन ने ऐलान किया था कि मंडी अवैध मस्जिद को सील किया जाएगा, मगर प्रदर्शनकारी डटे हुए हैं।

मंडी नगर निगम के आयुक्त एचएस राणा ने कहा कि इस मामले की सुनवाई हमने तीन महीने में पूरी की है। सुनवाई के दौरान हमने पाया की मस्जिद में अवैध निर्माण किया गया है क्योंकि जो निर्माण किया गया था उसकी मंजूरी नहीं ली गई थी। कोई नक्शा पास नहीं कराया गया था। इसलिए हमने 30 दिन के अंदर अवैध निर्माण को गिरने का आदेश दिया है। मस्जिद को उसके पुराने स्वरूप में लाना होगा अगर मस्जिद कमेटी ने खुद अवैध निर्माण नहीं गिराया तो इस निर्माण को नगर निगम गिराएगा। 30 दिन के अंदर मस्जिद कमेटी ऊपरी अदालत में भी अपील कर सकती है।

मंडी शहर में जमीन पर अवैध कब्जा कर बनाई गई मस्जिद को ढहाने की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे हिंदू संगठनों से जुड़े लोगों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने शुक्रवार को पानी की बौछारें की। प्रदर्शनकारियों ने पहले मंडी बाजार इलाके में मार्च निकाला और फिर वे सेरी मंच पर धरने पर बैठ गए। बाद में जब उन्होंने मस्जिद की ओर बढ़ने की कोशिश की तो पुलिस ने उन्हें रोक दिया और स्थिति को काबू में करने के लिए पानी की बौछार की। हिंदू संगठनों की ओर से विरोध मार्च का आह्वान किए जाने के बाद पुलिस ने मंडी में भारी बल तैनात कर सुरक्षा बढ़ा दी है।  

तीस साल पुरानी 3 मंजिला यह मस्जिद मंडी शहर के जेल रोड पर है। आरोप है कि इसकी 2 मंजिल अवैध रूप से बनाई गई थी। मस्जिद के साथ ही एक दीवार बनाकर सरकारी जमीन पर अतिक्रमण का भी आरोप है। हालांकि इस दीवार को मस्जिद कमेटी ने खुद ही गिरा दिया है। आरोप है कि मंडी के जेल रोड पर मस्जिद में 2 मंजिल बिना अनुमति बनाई गई हैं। इसे लेकर जून 2024 से ही नगर निगम आयुक्त कोर्ट में केस चल रहा है। इस मस्जिद की जमीन मुस्लिम महिला के नाम है। करीब तीस साल पहले बनी एक मंजिला मस्जिद पर इस साल मार्च में 2 मंजिल बनाई गईं। 

नगर निगम ने जून में काम रोकने का नोटिस दिया था। जांच की गई तो कुछ जमीन PWD की निकली। सड़क से लगी दीवार भी अवैध रूप से बनाई गई थी। स्थानीय लोगों को अवैध निर्माण और अतिक्रमण के अलावा इस मस्जिद में बाहर से आकर रहने वाले लोगों पर ऐतराज है। स्थानीय लोगों का आरोप है की मस्जिद के आसपास बाहरी लोग आकर रहने लगे हैं और ऐसे में इलाके की डेमोग्राफी भी प्रभावित हो रही है।

मध्यप्रदेश के कई जिलों में बाढ़ जैसे हालात, CM ने बुलाई इमरजेंसी मीटिंग, अधिकारियों को हेलिकॉप्टर रेस्क्यू के आदेश, इन जिलों में स्कूलों की छुट्

 मध्य प्रदेश बीते दो दिन से जारी भारी वजह से कई जिलों में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं. बारिश से बाढ़ के हालातों के बीच मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने गुरुवार को आपात बैठक बुलाई है. मुख्यमंत्री ने अतिवर्षा की स्थिति से निबटने के कार्यों की समीक्षा के लिए आपात बैठक बुलाई. आज मुख्यमंत्री निवास कार्यालय समत्व में बैठक होगी.

बैठक में अतिवृष्टि से उत्पन्न स्थिति से बचाव के लिए किए जाने वाले कार्यों की समीक्षा होगी. इसमें वीसी के माध्यम से सभी संभागीय आयुक्त, आईजी, कमिश्नर आफ पुलिस, जिला कलेक्टर और एसपी जुड़ेंगे. इसके अलावा डीजीपी/ डी.जी होम गार्ड/ अपर मुख्य सचिव/ प्रमुख सचिव, जल संसाधन, गृह, पंचायत एवम ग्रामीण विकास, लोक निर्माण विभाग, नगरीय विकास एवं आवास, राजस्व, लोक स्वास्थ्य चिकित्सा शिक्षा, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी, जनसंपर्क की प्रत्यक्ष में उपस्थिति होगी.

मध्य प्रदेश में अब तक सामान्य से ज्यादा बारिश हो चुकी है. इस वजह से कई इलाकों में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं. बांधो में ज्यादा बारिश होने प्रशासन हाई अलर्ट पर है. 282 बांधों में से 199 में 90 प्रतिशत से अधिक जल भराव हो गया है. प्रदेश के 282 बांधों में से 199 बांध के गेट खोल दिए गए हैं. सीजन में हुई बारिश से लबालब बांधों में 90 प्रतिशत से अधिक जलभराव हो चुका है. प्रदेश की औसत वर्षा से 9 प्रतिशत अधिक है.

लगातर बारिश से बांधो से पानी छोड़ा जा रहा है. भारी बारिश के चलते कई जिलों के स्कूलों की आज छुट्टी घोषित कर दी गई है. राजधानी भोपाल में आज भारी बारिश के अलर्ट को देखते हुए 1 से 5 वीं क्लास तक के स्कूलों की छुट्टी घोषित की गई. कलेक्टर के आदेश पर जिला शिक्षा अधिकारी ने आदेश जारी किया. महिला बाल विकास विभाग ने सभी आंगनवाड़ी केंद्रों का भी अवकाश घोषित किया.

ग्वालियर जिले की डबरा भीतरवार तहसील में कल से हो रही लगातार बारिश ने शहर और गावों में किए बाढ़ जैसे हालात पैदा कर दिए हैं. डबरा में नंदू का डेरा सराफा बाजार, चिनोर रोड में पानी भरा, डबरा के वार्ड नंबर 22 में रह रहे आदिवासी दफायी लोगों के कई मकान ढह गए हैं. लोग खुले में बैठने को मजबूर हैं. कोई भी प्रशासनिक अधिकारी और जनप्रतिनिधि नहीं पहुंचा है.

अजान और नमाज के वक्त हिंदू बंद करें पूजा-पाठ…हिंदुओं के खिलाफ बांग्लादेश सरकार का नया फरमान

बंगला देश में सरकार के तख्तापलट के बाद से हिंदुओं की हालत खराब हो गई है. बांग्लादेश में शेख हसीना सरकार जाने के बाद पहले हिंदुओं पर हमले हुए और अब उन्हें धार्मिक स्तर पर भी टारगेट किया जा रहा. मोहम्मद युनूस की सरकार हिंदुओं के खिलाफ लगातार कदम उठा रही है. अब एक और नया फरमान जारी कर दिया गया है. बांग्लादेश के गृह मामलों के सलाहकार ने कहा कि स्थानीय पूजा समितियों को अजान और नमाज के दौरान लाउडस्पीकरों बजाने से बचने के लिए कहा गया है.

मीडिया रिपोर्टों में कहा गया है कि मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली बांग्लादेश की नई अंतरिम सरकार ने हिंदू समुदाय से नमाज और अज़ान के दौरान दुर्गा पूजा समारोह में लाउडस्पीकर बजाने से बचने के लिए कहा है. बांग्लादेश के गृह मामलों के सलाहकार लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) एमडी जहांगीर आलम चौधरी ने मंगलवार को कहा कि पूजा समितियों को अजान और नमाज के दौरान लाउडस्पीकरों को बंद करने और संगीत वाद्ययंत्र बजाने से बचने के लिए कहा गया है. उन्होंने कहा कि आयोजकों ने अनुरोध पर सहमति व्यक्त की है.

मीडिया से बात करते हुए चौधरी ने कहा कि इस साल पूरे बांग्लादेश में कुल 32 हजार 666 पूजा पंडाल स्थापित किए जाएंगे, जो पिछले साल की संख्या 33 हजार 431 से कम है. सरकार का यह निर्देश बांग्लादेश के स्वतंत्रता सेनानियों के वंशजों के लिए शिक्षा और नौकरियों में कोटा के खिलाफ छात्रों के विरोध प्रदर्शन और उसके बाद पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के निष्कासन के बाद देश में अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय पर हमलों के बाद आया है.

तब से, बांग्लादेश में धार्मिक अल्पसंख्यकों, विशेषकर हिंदुओं की सुरक्षा को लेकर सवाल उठते रहे हैं. हाल ही में शाह पोरान की दरगाह पर हुई घटना समेत धार्मिक स्थलों पर हमलों के बारे में पूछे जाने पर लेफ्टिनेंट जनरल चौधरी ने कहा कि मुझे शाह पोरान दरगाह पर हमले के बारे में कुछ नहीं पता. हालांकि, सुरक्षा सुनिश्चित करना मेरी जिम्मेदारी है ताकि कोई हमला शुरू कर दिया गया है. कानून लागू करने वालों को इस संबंध में निर्देश दिए गए हैं.

चौधरी ने आश्वासन दिया कि मूर्तियों के निर्माण के समय से ही पूजा आयोजकों को सुरक्षा प्रदान की जाएगी. उन्होंने मीडिया से कहा कि हमने चर्चा की है कि पूजा मंडपों में 24 घंटे सुरक्षा कैसे सुनिश्चित की जाए. बिना किसी बाधा के पूजा मनाने और शरारती तत्वों की बुरी गतिविधियों को रोकने के लिए उपाय किए जाएंगे. इस बीच, मुहम्मद यूनुस शासन द्वारा उठाए गए कुछ कदमों ने भारत में भौंहें चढ़ा दी हैं.

कुछ दिन पहले, यूनुस की कार्यवाहक सरकार ने भारत में हिल्सा के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था, जिससे दुर्गा पूजा से पहले बांग्लादेशी इलिश (जैसा कि मछली को बंगाली में जाना जाता है) की कमी हो गई है और कीमतें बढ़ गई हैं.यह प्रतिबंध त्योहारी सीज़न के दौरान बांग्लादेश द्वारा भारत, विशेष रूप से पश्चिम बंगाल में पद्मा इलिश की बड़ी खेप भेजने की लंबे समय से चली आ रही प्रथा से हट गया है. यह अवामी लीग नेता और पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना द्वारा अपनाई गई एक सद्भावना प्रथा थी.