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Sep 13 2024, 12:24

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत, जानें- किन शर्तों पर मिली केजरीवाल को जमानत

डेस्क: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. कथित शराब घोटाले में केजरीवाल को सीबीआई के केस में भी सुप्रीम कोर्ट ने जमानत दे दी है. उन्हें ईडी के मामले में पहले ही जमानत मिल गई थी. अब सुप्रीम कोर्ट से उन्हें सीबीआई के मामले में भी जमानत मिल गई है. इससे अब उनके जेल से बाहर आने का रास्ता साफ हो गया है.

हालांकि, जमानत देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कुछ शर्तें भी लगाई हैं. जमानत के लिए उनपर वहीं शर्तें लागू होंगी, जो ईडी के मामले में जमानत देते हुए लगाई गई थीं. जेल से बाहर आने के बाद केजरीवाल किसी भी फाइल पर दस्तखत नहीं कर पाएंगे. इसके साथ ही उनके दफ्तर जाने पर भी पाबंदी रहेगी. इतना ही नहीं, इस मामले में वो कोई बयान या टिप्पणी भी नहीं कर सकेंगे.

जमानत के लिए क्या शर्तें होंगी

- अरविंद केजरीवाल न तो मुख्यमंत्री कार्यालय और न ही सचिवालय जा सकेंगे.

- किसी भी सरकारी फाइल पर तब तक दस्तखत नहीं करेंगे जब तक ऐसा करना जरूरी न हो.

- अपने ट्रायल को लेकर कोई सार्वजनिक बयान या टिप्पणी नहीं करेंगे.

- किसी भी गवाह से किसी तरह की बातचीत नहीं करेंगे.

- इस केस से जुड़ी किसी भी आधिकारिक फाइल तक पहुंच नहीं रखेंगे.

- जरूरत पड़ने पर ट्रायल कोर्ट में पेश होंगे और जांच में सहयोग करेंगे.

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Sep 13 2024, 11:34

CJI डीवाई चंद्रचूड़ और उनकी पत्नी के खिलाफ सोशल मीडिया पर अभद्र टिप्पणी, दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने शुरू की जांच

डेस्क: एक तस्वीर सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही है। इस तस्वीर में पीएम नरेंद्र मोदी मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ के घर गणेश उत्सव में भाग लेने पहुंचे थे। इस दौरान पीएम मोदी का डीवाई चंद्रचूड़ और उनकी पत्नी ने स्वागत किया। इस दौरान पीएम मोदी ने भगवान गणेश की आरती भी की। लेकिन इसी तस्वीर को लेकर सोशल मीडिया पर गलत बयानबाजी भी शुरू हो गई है। इस बीच दिल्ली पुलिस की IFSO यूनिट यानी स्पेशल सेल ने सीजेआई और उनकी पत्नी के खिलाफ अभ्रद टिप्पणी करने के मामले में मुकदमा दर्ज किया है। साइबर सेल अब ये जांच कर रही है कि आखिर किन-किन लोगों ने सोशल मीडिया पर दोनों के खिलाफ अभद्र टिप्पणियां की है। स्पेशल सेल ने सेक्शन 356, 217, 61(2)(a), BNS और IT एक्ट के तहत केस दर्ज किया है। 9 सितंबर को यह केस दर्ज किया गया है। बता दें कि स्पेशल सेल की आईएफएस यूनिट अब इस मामले की जांच में जुट चुकी है। दरअसल सुप्रीम कोर्ट के एडमिन सुरक्षा ऑफिस की तरफ से दिल्ली पुलिस से इसकी शिकायत की गई थी। दरअसल जो पोस्ट वायरल हो रहा है, उसपर कमेंट्स को पढ़कर सीजेआई चंद्रचूड़ और उनकी पत्नी काफी नाराज हुए थे। इसके बाद उन्होंने इसकी शिकायत करने की सोची। इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट के एडमिन सुरक्षा विभाग ने दिल्ली पुलिस से शिकायत की। बताया जा रहा है कि ये मामला चीफ जस्टिस और न्यायपालिका की प्रतिष्ठा को धूमिल करने के लिए इरादे से फैलाई गई झूठी और गलत जानकारी से जुड़ा है। पुलिस के मुताबिक, उन्हें सुप्रीम कोर्ट के एडमिन सुरक्षा विभाग को एक शिकायत मिली थी। इस शिकायत में सोशल मीडिया साइट फेसबुक और एक्स पर किए जा रहे पोस्ट का जिक्र किया गया था, जो तथ्यों के हिसाब से गलत थे। शिकायतकर्ता के मुताबिक, इसका मकसद न्यायपालिका की छवि खराब करना था। इसकी शिकायत जैसे ही दिल्ली पुलिस को मिली तो पुलिस ने इसपर संज्ञान लिया।

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Sep 13 2024, 11:34

CJI डीवाई चंद्रचूड़ और उनकी पत्नी के खिलाफ सोशल मीडिया पर अभद्र टिप्पणी, दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने शुरू की जांच

डेस्क: एक तस्वीर सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही है। इस तस्वीर में पीएम नरेंद्र मोदी मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ के घर गणेश उत्सव में भाग लेने पहुंचे थे। इस दौरान पीएम मोदी का डीवाई चंद्रचूड़ और उनकी पत्नी ने स्वागत किया। इस दौरान पीएम मोदी ने भगवान गणेश की आरती भी की। लेकिन इसी तस्वीर को लेकर सोशल मीडिया पर गलत बयानबाजी भी शुरू हो गई है।

इस बीच दिल्ली पुलिस की IFSO यूनिट यानी स्पेशल सेल ने सीजेआई और उनकी पत्नी के खिलाफ अभ्रद टिप्पणी करने के मामले में मुकदमा दर्ज किया है। साइबर सेल अब ये जांच कर रही है कि आखिर किन-किन लोगों ने सोशल मीडिया पर दोनों के खिलाफ अभद्र टिप्पणियां की है।

स्पेशल सेल ने सेक्शन 356, 217, 61(2)(a), BNS और IT एक्ट के तहत केस दर्ज किया है। 9 सितंबर को यह केस दर्ज किया गया है। बता दें कि स्पेशल सेल की आईएफएस यूनिट अब इस मामले की जांच में जुट चुकी है। दरअसल सुप्रीम कोर्ट के एडमिन सुरक्षा ऑफिस की तरफ से दिल्ली पुलिस से इसकी शिकायत की गई थी। दरअसल जो पोस्ट वायरल हो रहा है, उसपर कमेंट्स को पढ़कर सीजेआई चंद्रचूड़ और उनकी पत्नी काफी नाराज हुए थे। इसके बाद उन्होंने इसकी शिकायत करने की सोची। इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट के एडमिन सुरक्षा विभाग ने दिल्ली पुलिस से शिकायत की।

बताया जा रहा है कि ये मामला चीफ जस्टिस और न्यायपालिका की प्रतिष्ठा को धूमिल करने के लिए इरादे से फैलाई गई झूठी और गलत जानकारी से जुड़ा है। पुलिस के मुताबिक, उन्हें सुप्रीम कोर्ट के एडमिन सुरक्षा विभाग को एक शिकायत मिली थी। इस शिकायत में सोशल मीडिया साइट फेसबुक और एक्स पर किए जा रहे पोस्ट का जिक्र किया गया था, जो तथ्यों के हिसाब से गलत थे। शिकायतकर्ता के मुताबिक, इसका मकसद न्यायपालिका की छवि खराब करना था। इसकी शिकायत जैसे ही दिल्ली पुलिस को मिली तो पुलिस ने इसपर संज्ञान लिया।

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Sep 13 2024, 10:58

संजौली मस्जिद मामले में हिमाचल के सीएम सुक्खू को कांग्रेस आलाकमान ने लगाई फटकार, दिया ये निर्देश

डेस्क: संजौली मस्जिद के अवैध निर्माण को लेकर हिमाचल प्रदेश में चल रहे विरोध प्रदर्शन के बीच कांग्रेस आलाकमान ने गुरुवार को इस मुद्दे से निपटने में नाकाम मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू और मंत्री अनिरुद्ध सिंह को कड़ी फटकार लगाई। सूत्रों के अनुसार, कांग्रेस आलाकमान सीएम सुख्सू से इस मुद्दे पर नाराज है। पार्टी ने सांप्रदायिक तनाव को शांत करने के लिए कार्रवाई का निर्देश दिया है। दरअसल, शिमला में काफी अशांति देखी जा रही है क्योंकि मस्जिद मुद्दे पर संजौली में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया है। प्रदर्शन के दौरान कुछ प्रदर्शनकारियों सहित कई पुलिसकर्मी घायल हो गए और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया। राज्य के मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि कानून अपना काम करेगा। एक बड़े घटनाक्रम में, मस्जिद समिति के अधिकारियों ने बढ़ते तनाव को दूर करने के लिए नगर निगम आयुक्त से मुलाकात की। समिति ने सांप्रदायिक सौहार्द बनाए रखने के लिए मस्जिद परिसर को सील करने की इच्छा व्यक्त की। उन्होंने आयुक्त की अदालत द्वारा किए गए किसी भी निर्णय का सम्मान करने पर सहमति व्यक्त करते हुए एक लिखित बयान प्रस्तुत किया। संजौली में एक मस्जिद के अनधिकृत हिस्से को ध्वस्त करने की मांग कर रहे प्रदर्शनकारियों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई के विरोध में गुरुवार को तीन घंटे के बंद के दौरान शिमला में दुकानें और व्यवसाय बंद रहे। भाजपा से जुड़े व्यापारियों के संगठन शिमला व्यापार मंडल द्वारा बुलाया गया बंद सुबह 10 बजे से दोपहर 1 बजे तक चला। व्यापार मंडल के अध्यक्ष संजीव ठाकुर के अनुसार, प्रदर्शनकारियों ने उपायुक्त कार्यालय तक मार्च किया और बंद कथित तौर पर शांतिपूर्ण रहा। विरोध प्रदर्शन बुधवार को पुलिस कार्रवाई के विरोध में हुआ। जहां मस्जिद के विध्वंस का आह्वान करने वाले हिंदू समूहों पर बैरिकेड तोड़ने के बाद लाठीचार्ज किया गया और पानी की बौछारों से तितर-बितर किया गया। इस टकराव में छह पुलिस अधिकारियों समेत दस लोग घायल हो गए।

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Sep 13 2024, 10:30

पेरिस पैरालंपिक एथलीटों से पीएम नरेंद्र मोदी ने की मुलाकात, पदक विजेताओं की दी शुभकामनाएं

डेस्क: फ्रांस की राजधानी पेरिस में 28 अगस्त से लेकर 8 सितंबर तक हुए पैरालंपिक गेम्स में भारतीय पैरा एथलीटों का इस बार शानदार प्रदर्शन देखने को मिला जिसमें पिछले सभी रिकॉर्ड को तोड़ते हुए कुल 29 पदक जीतने में सफलता हासिल हुई। वहीं सभी पैरा एथलीटों के देश वापस आने के बाद आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने आवास पर उनसे मुलाकात करने के साथ पदक विजेताओं को शुभकामनाएं भी दी। भारत ने इस बार पैरालंपिक गेम्स में रिकॉर्ड 7 गोल्ड मेडल जीतने के अलावा 9 सिल्वर और 13 कांस्य पदक भी जीते।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पेरिस पैरालंपिक एथलीटों से मुलाकात के दौरान पदक विजेताओं को बधाई देने के साथ उनसे बात भी की। इस मुलाकात के दौरान खेल मंत्री मनसुख मांडविया और भारतीय पैरालंपिक समिति (पीसीआई) के प्रमुख देवेंद्र झाझडिया भी मौजूद थे। महिलाओं की 10 मीटर एयर राइफल (एसएच1) इवेंट में लगातार दूसरा पैरालंपिक गोल्ड मेडल जीतने वाली निशानेबाज अवनि लेखरा और पैरालंपिक पदक जीते वाले भारत के पहले जूडो खिलाड़ी दृष्टिबाधित कपिल परमार उन लोगों में शामिल थे जिन्होंने प्रधानमंत्री के साथ तस्वीर भी खिंचाई। परमार ने पीएम मोदी से अपने पदक पर ऑटोग्राफ भी लिया।

भारत ने पैरालंपिक खेलों में 29 पदक जीतकर अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया है। वहीं इस बार भारत ने पहली दफा एथलेटिक्स की ट्रैक इवेंट्स में पदक जीतने के अलावा आर्चरी में पहली बार गोल्ड मेडल जीता है। देश वापस लौटने पर पैरालंपिक एथलीटों को सरकार द्वारा सम्मानित भी किया गया और खेल मंत्री मांडविया ने स्वर्ण पदक विजेताओं को 75 लाख रुपये, रजत पदक विजेताओं को 50 लाख रुपये और कांस्य पदक जीतने वाले खिलाड़ियों को 30 लाख रुपये का पुरस्कार दिया। राकेश कुमार के साथ मिलकर कांस्य पदक जीतने वाली आर्चरी पैरा एथलीट शीतल देवी जैसे मिश्रित टीम स्पर्धाओं में पदक जीतने वाले खिलाड़ियों को 22.5 लाख रुपये की राशि दी गई है।

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Sep 12 2024, 20:05

2 घंटे तक जूनियर डॉक्टरों का इंतजार करतीं रहीं सीएम ममता, मीटिंग रद्द होने के बाद बोलीं- 'मुझे पद की लालसा नहीं

#kolkata_rape_murder_case_doctor_strike_nabanna_mamata_banerjee_meeting

कोलकाता रेप-मर्डर केस के मामले में आंदोलन कर रहे जूनियर डॉक्टर और ममता बनर्जी की सरकार के बीच ठन गयी है। न्याय की मांग पर जूनियर डॉक्टर हड़ताल और प्रदर्शन कर रहे हैं। वहीं, राज्य की सीएम ममता बनर्जी ने हड़ताल समाप्त करने का आह्वान किया है।सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद ममता सरकार ने तीसरी बार जूनियर डॉक्टरों को बातचीत के लिए चिट्ठी लिखी है। सीएम ममता बनर्जी ने गुरुवार को प्रदर्शनकारी डॉक्टरों को मिलने के लिए बुलाया। सीएम राज्य सचिवालय नबान्नो में 2 घंटे तक इंतजार करती रहीं। लेकिन हड़ताल कर रहे डॉक्टर बाहर एक मांग को लेकर अड़े रहे।

डॉक्टरों की मांग है कि सीएम से मुलाकात और बातचीत का लाइव टेलीकास्ट किया जाए। इसके बाद सीएम ममता बनर्जी का बयान सामने आया है।दो घंटे 10 मिनट तक ममता बनर्जी के इंतजार करने के बावजूद जब डॉक्टर्स बातचीत के लिए तैयार नहीं हुए तो ममता बनर्जी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर आम लोगों से माफी मांगीं और डॉक्टरों से अपील की कि डॉक्टर्स काम पर लौट आएं।उन्होंने कहा कि वे न्याय लेने नहीं आये। उन्हें कुर्सी चाहिए। मैं लोगों की खातिर इस्तीफा देने को तैयार हूं। मुझे मुख्यमंत्री का पद नहीं चाहिए। मैं चाहती हूं कि दोषियों के खिलाफ मुकदमा चलाया जाए। आम लोगों का न्याय किया जाना चाहिए।

ममता बनर्जी ने कहा कि हमें उम्मीद थी कि बच्चे लोग आएंगे और अपना दर्द बताएंगे और काम में शामिल होंगे। हमें उम्मीद थी कि आज समस्या का समाधान हो जाएगा। मैंने जूनियर डॉक्टरों से बात करने की पूरी कोशिश की। मैंने अपने उच्च अधिकारियों के साथ 3 दिनों तक इंतजार किया। आरजी कर मामला न्यायालय में विचाराधीन है, इसलिए जूनियर डॉक्टरों की मांग के अनुसार उनके साथ बैठक का सीधा प्रसारण नहीं किया जा सकता। हमारे पास जूनियर डॉक्टरों के साथ बैठक की वीडियो रिकॉर्डिंग की व्यवस्था थी, हम सुप्रीम कोर्ट की अनुमति से इसे उनके साथ साझा कर सकते थे। हमने दो घंटे तक जूनियर डॉक्टरों का इंतजार किया, लेकिन वह नहीं आए।

जूनियर डॉक्टरों का 30 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल नबान्न पहुंचा, लेकिन प्रदर्शनकारी डॉक्टर बातचीत लाइव टेलीकास्ट की मांग करते रहे, लेकिन राज्य प्रशासन ने इससे इनकार कर दिया है। इससे बातचीत को लेकर दोनों पक्षों के बीच गतिरोध बना हुआ है।पिछले 3 दिनों में सरकार की ओर से डॉक्टरों के साथ बातचीत की यह तीसरी पहल है। डॉक्टर्स ने पिछले दो प्रस्तावों को खारिज कर दिया था। डॉक्टरों ने सीएम से बातचीत के लिए 4 शर्तें रखी हैं:-

-मीटिंग में जूनियर डॉक्टरों का 30 डेलीगेशन को शामिल करने की इजाजत मिले।

-मीटिंग नबन्नो में हो. ट्रांसपिरेंसी के लिए मीटिंग की लाइव टेलीकास्ट की जाए।

-मीटिंग का पूरा फोकस जूनियर डॉक्टर्स की 5 मांगों पर हो।

-मीटिंग में सीएम ममता बनर्जी जरूर शामिल हों।

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Sep 12 2024, 19:31

हरियाणा की सबसे हॉट सीट बनी जुलाना, जोरदार होगी “जंग”

#haryana_julana_hot_seats_in_assembly_election

हरियाणा में विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी हलचल तेज है। राज्य के चुनावी माहौल में इन दिनों जुलाना सीट की खासी चर्चा है। हरियाणा विधानसभा चुनाव में रेसलर विनेश फोगाट की उम्मीदवारी के बाद सुर्खियों में आई जुलाना हॉट सीट हो गई है। जींद की जुलाना सीट पर मुकाबला काफी दिलचस्प हो चला है। अब यहां पर कुश्ती लड़ने वाली पहलवानों में चुनावी दंगल देखने को मिलेगा। पहले कांग्रेस ने रेसलर विनेश फोगाट को जुलाना से टिकट दिया। 

इस सीट में दिलचस्प बात ये है कि विनेश के मुकाबले बीजेपी और आईएनएलडी ने जो उम्मीदवार उतारे हैं अधिकारियों से राजनेता बने हैं। बीजेपी ने कैप्टन योगेश बैरागी को मैदान में उतारा है। बैरागी ने डेढ़ साल पहले वायुसेना में सीनियर पायलट की नौकरी छोड़ी है। बीजेपी द्वारा यहां से पूर्व पायलट योगेश बैरागी को अपना उम्मीदवार बनाने के बाद अब आम आदमी पार्टी ने डब्लूडब्लूई महिला रेसलर कविता दलाल पर दांव खेला है। कांग्रेस के साथ सीटों पर सहमति ना बनने से अकेले चुनाव लड़ रही आम आदमी पार्टी ने रेसलर कविता दलाल को मैदान में उतारा है।

आप पार्टी ने भारत की पहली महिला WWE रेसलर कविता दलाल को सियासी पिच पर उतार कर यहां का मुकाबला दिलचस्प और माहौल 'टाइट' बना दिया है। अब यहां पहलवान बनाम पहलवान की फाइट भी होगी। हालांकि बीजेपी के योगेश बैरागी भी सियासी अखाड़े में दोनों को चित करने के लिए प्रचार में जमकर पसीना बहा रहे हैं। जजपा ने यहां से अमरजीत ढांडा को टिकट दिया है। वे 2019 में भी जजपा की टिकट से चुनाव जीते और विधायक बने थे। ढांडा दुष्यंत चौटाला के करीबियों में से एक हैं।

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Sep 12 2024, 18:51

क्या AI के जरिए परमाणु हथियार कंट्रोल करना चाहता है चीन? ड्रैगन की इस चाल ने दुनिया को डराया

#china_refuses_to_sign_agreement_banning_ai_from_controlling_nuclear_weapons

आज के समय में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानी AI मानवीय जीवन का सबसे बड़ा साथी बनता जा रहा। हालांकि हर चीज के दो पहलू होते हैं। एआ के भी फायदे और नुकसान दोनों हैं। नुकसान खासकर तब है, जब दुनिया के तमाम देशों के पास परमाणु हथियार हैं। अमेरिका, चीन समेत कई देश AI के सैन्य इस्तेमाल पर प्रयोग कर रहे हैं। बात यहां तक बढ़ी है कि अब AI के जरिए परमाणु हथियार कंट्रोल किए जाने का खतरा पैदा हो गया है।

परमाणु हथियारों को कंट्रोल करने में भी इसका उपयोग करने की संभावनाएं बढ़ रही हैं, जो मानव सभ्यता के लिए खतरा बन सकता है। परमाणु हथियार कैसी तबाही मचा सकते हैं, यह दुनिया ने उनके विकास के साथ ही 1945 में देख लिया था। जापान के नागासाकी और हिरोशिमा पर अमेरिका ने 6 और 9 अगस्त को परमाणु बम गिराए थे। वह दुनिया में परमाणु बमों के इस्तेमाल का पहला और अब तक का इकलौता वाकया है। हालांकि, बाद के दशकों में रूस, फ्रांस, ब्रिटेन, चीन, भारत समेत कई देशों ने परमाणु हथियार बनाने की क्षमता पा ली। ऐसे में दुनिया के किसी भी कोने में होने वाली जंग के परमाणु युद्ध में बदलने का खतरा बरकरार लगातार बरकरार है।

इस खौफ से निपटने के लिए 100 से ज्‍यादा देशों ने तय क‍िया है क‍ि परमाणु बम को AI के कंट्रोल में नहीं रखा जाएगा, क्‍योंक‍ि इससे कभी भी महाविनाश हो सकता है। इसी कारण साउथ कोरिया में आयोजित REAIM सम्मेलन में परमाणु उपकरणों और हथियारों को कंट्रोल करने में AI का इस्तेमाल नहीं करने का आह्वान किया गया। इसे लेकर एक समझौता करने की कोशिश की गई, जिस पर सहमति जताने से चीन ने इंकार कर दिया है।

दक्ष‍िण कोर‍िया की राजधानी सियोल में हाल ही में एक बैठक का मकसद था, इस बात पर चर्चा करना क‍ि आर्मी और जंग के मैदान में AI कैसे और क‍ितना इस्‍तेमाल क‍िया जाए, इस पर निर्णय लेना। आर्मी में AI के इस्‍तेमाल पर ज्‍यादातर देशों की एक राय थी, लेकिन जब बात एटामिक बमों को AI के कंट्रोल में देने की आई तो चीन ने अपने कदम पीछे खींच ल‍िए। उससे इस पैक्‍ट पर सिग्‍नेचर करने से साफ मना कर दिया। ड्रैगन के इस चाल से पूरी दुनिया चिंता में पड़ गई है।

अभी तक दुनियाभर में सेनाएं AI का इस्तेमाल निगरानी, सर्विलांस और एनालिसिस के लिए करती आई हैं। इस बात पर आम सहमति सी रही कि परमाणु हथियार दागने का फैसला हमेशा इंसानों के हाथ में रहेगा। AFP की रिपोर्ट के अनुसार, ऐसी योजना है कि भविष्य में AI का उपयोग लक्ष्य चुनने के लिए किया जा सकता है, लेकिन अधिकांश देश अभी भी इस बात पर सहमत हैं कि लॉन्च का फैसला निर्णय मनुष्यों के हाथ में होना चाहिए। लेकिन चीन के साथ ऐसा नहीं है। जून में व्हाइट हाउस ने कहा था कि चीन ने परमाणु हथियारों के लॉन्च को कंट्रोल करने में AI की भूमिका को सीमित करने के अमेरिकी प्रस्ताव को खारिज कर दिया है।

चीन का इस समझौते से पीछे हटना कई सवाल खड़े कर रहा है। चीन बार-बार यह साबित कर चुका है कि वह आधुनिक तकनीकों में निवेश और अपनी सैन्य क्षमताओं को बढ़ाने के प्रति प्रतिबद्ध है। AI तकनीक के उपयोग से अपनी सैन्य शक्ति को मजबूत करने की उसकी मंशा साफ दिख रही है। इस संदर्भ में चीन का AI संचालित सैन्य प्रणालियों में बढ़ती रुचि और इस समझौते से दूरी बनाना यह संकेत देता है कि वह AI के जरिए परमाणु हथियारों के नियंत्रण की संभावना को खारिज नहीं कर रहा है।

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Sep 12 2024, 18:51

क्या AI के जरिए परमाणु हथियार कंट्रोल करना चाहता है चीन? ड्रैगन की इस चाल ने दुनिया को डराया

#china_refuses_to_sign_agreement_banning_ai_from_controlling_nuclear_weapons

आज के समय में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानी AI मानवीय जीवन का सबसे बड़ा साथी बनता जा रहा। हालांकि हर चीज के दो पहलू होते हैं। एआ के भी फायदे और नुकसान दोनों हैं। नुकसान खासकर तब है, जब दुनिया के तमाम देशों के पास परमाणु हथियार हैं। अमेरिका, चीन समेत कई देश AI के सैन्य इस्तेमाल पर प्रयोग कर रहे हैं। बात यहां तक बढ़ी है कि अब AI के जरिए परमाणु हथियार कंट्रोल किए जाने का खतरा पैदा हो गया है।

परमाणु हथियारों को कंट्रोल करने में भी इसका उपयोग करने की संभावनाएं बढ़ रही हैं, जो मानव सभ्यता के लिए खतरा बन सकता है। परमाणु हथियार कैसी तबाही मचा सकते हैं, यह दुनिया ने उनके विकास के साथ ही 1945 में देख लिया था। जापान के नागासाकी और हिरोशिमा पर अमेरिका ने 6 और 9 अगस्त को परमाणु बम गिराए थे। वह दुनिया में परमाणु बमों के इस्तेमाल का पहला और अब तक का इकलौता वाकया है। हालांकि, बाद के दशकों में रूस, फ्रांस, ब्रिटेन, चीन, भारत समेत कई देशों ने परमाणु हथियार बनाने की क्षमता पा ली। ऐसे में दुनिया के किसी भी कोने में होने वाली जंग के परमाणु युद्ध में बदलने का खतरा बरकरार लगातार बरकरार है।

इस खौफ से निपटने के लिए 100 से ज्‍यादा देशों ने तय क‍िया है क‍ि परमाणु बम को AI के कंट्रोल में नहीं रखा जाएगा, क्‍योंक‍ि इससे कभी भी महाविनाश हो सकता है। इसी कारण साउथ कोरिया में आयोजित REAIM सम्मेलन में परमाणु उपकरणों और हथियारों को कंट्रोल करने में AI का इस्तेमाल नहीं करने का आह्वान किया गया। इसे लेकर एक समझौता करने की कोशिश की गई, जिस पर सहमति जताने से चीन ने इंकार कर दिया है। 

दक्ष‍िण कोर‍िया की राजधानी सियोल में हाल ही में एक बैठक का मकसद था, इस बात पर चर्चा करना क‍ि आर्मी और जंग के मैदान में AI कैसे और क‍ितना इस्‍तेमाल क‍िया जाए, इस पर निर्णय लेना। आर्मी में AI के इस्‍तेमाल पर ज्‍यादातर देशों की एक राय थी, लेकिन जब बात एटामिक बमों को AI के कंट्रोल में देने की आई तो चीन ने अपने कदम पीछे खींच ल‍िए। उससे इस पैक्‍ट पर सिग्‍नेचर करने से साफ मना कर दिया। ड्रैगन के इस चाल से पूरी दुनिया चिंता में पड़ गई है।

अभी तक दुनियाभर में सेनाएं AI का इस्तेमाल निगरानी, सर्विलांस और एनालिसिस के लिए करती आई हैं। इस बात पर आम सहमति सी रही कि परमाणु हथियार दागने का फैसला हमेशा इंसानों के हाथ में रहेगा। AFP की रिपोर्ट के अनुसार, ऐसी योजना है कि भविष्य में AI का उपयोग लक्ष्य चुनने के लिए किया जा सकता है, लेकिन अधिकांश देश अभी भी इस बात पर सहमत हैं कि लॉन्च का फैसला निर्णय मनुष्यों के हाथ में होना चाहिए। लेकिन चीन के साथ ऐसा नहीं है। जून में व्हाइट हाउस ने कहा था कि चीन ने परमाणु हथियारों के लॉन्च को कंट्रोल करने में AI की भूमिका को सीमित करने के अमेरिकी प्रस्ताव को खारिज कर दिया है।

चीन का इस समझौते से पीछे हटना कई सवाल खड़े कर रहा है। चीन बार-बार यह साबित कर चुका है कि वह आधुनिक तकनीकों में निवेश और अपनी सैन्य क्षमताओं को बढ़ाने के प्रति प्रतिबद्ध है। AI तकनीक के उपयोग से अपनी सैन्य शक्ति को मजबूत करने की उसकी मंशा साफ दिख रही है। इस संदर्भ में चीन का AI संचालित सैन्य प्रणालियों में बढ़ती रुचि और इस समझौते से दूरी बनाना यह संकेत देता है कि वह AI के जरिए परमाणु हथियारों के नियंत्रण की संभावना को खारिज नहीं कर रहा है।

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Sep 12 2024, 18:24

70 साल से ऊपर के बुजुर्गों को केंद्र सरकार ने दी बड़ी सौगात, आयुष्मान भारत में मिलेगा 5 लाख तक का मुफ्त इलाज, कैबिनेट ने लगाई मुहर

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 70 साल से ज्यादा उम्र के बुजुर्गों को आयुष्मान भारत योजना के दायरे में लाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। ये फैसला बुधवार को हुई मंत्रिमंडल की बैठक में लिया गया। अब इस मंजूरी के बाद, 70 साल से ऊपर के सभी बुजुर्गों को इस योजना के तहत हर साल 5 लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज मिल सकेगा।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने प्रमुख योजना आयुष्मान भारत प्रधान मंत्री जन आरोग्य योजना (एबी-पीएमजेएवाई) के तहत आय की परवाह किए बिना 70 वर्ष और उससे अधिक आयु के सभी वरिष्ठ नागरिकों को स्वास्थ्य कवरेज को मंजूरी दे दी है। इसका लक्ष्य छह 6 करोड़ वरिष्ठ नागरिकों वाले लगभग 4.5 करोड़ परिवारों को पारिवारिक आधार पर 5 लाख रुपये के मुफ्त स्वास्थ्य बीमा कवर से लाभान्वित करना है।

एबी-पीएमजेएवाई पहले से ही करीब 55 करोड़ लोगों को मुफ्त स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया करा रही है। ये दुनिया की सबसे बड़ी सरकारी स्वास्थ्य बीमा योजना है, जिसका मकसद हर साल 12 करोड़ परिवारों को 5 लाख रुपये तक का स्वास्थ्य कवर देना है, ताकि उन्हें द्वितीयक और तृतीयक अस्पतालों में भर्ती होने की जरूरत पड़ने पर मदद मिल सके।

इस नई घोषणा के बाद अब 70 साल से ज्यादा उम्र के बुजुर्गों को इस योजना का सीधा फायदा होगा। बीते दिनों राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संसद को संबोधित करते हुए कहा था कि सरकार का उद्देश्य है कि 70 साल से ज्यादा उम्र के हर बुजुर्ग को इस योजना का लाभ मिले और वे मुफ्त इलाज पा सकें। इस फैसले से बुजुर्गों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मिलेंगी और उनके इलाज का बोझ उनके परिवारों पर कम होगा।