पहली बार बिहार के पूर्णिया में शुरू हुई चाय की खेती ,जिलाधिकारी ने किया निरीक्षण
पूर्णिया जिले में पहली बार 10 एकड़ भूमि पर चाय की खेती की गई है । यह खेती पूर्णिया के वैसा प्रखंड अंतर्गत चांदबाड़ी पंचायत में की गई है ।

परिवार नियोजन सुविधा के लिए लोगों को जागरूक हेतु सारथी रथ का जिलाधिकारी द्वारा हरी झंडी दिखाकर किया गया रवाना

परिवार नियोजन सुविधा के लिए लोगों को जागरूक हेतु सारथी रथ का जिलाधिकारी द्वारा हरी झंडी दिखाकर किया गया रवाना -17 से 30 सितंबर तक जिले के सभी स्वास्थ्य केंद्रों में चलाया जाएगा मिशन परिवार विकास अभियान -लोगों को विशेष रूप से मिलेगा परिवार नियोजन के स्थायी और अस्थायी सुविधा का लाभ -परिवार नियोजन के विभिन्न विकल्पों के लिए जागरूकता रथ द्वारा लोगों को मिलेगी जानकारी : जिलाधिकारी


परिवार नियोजन के सभी स्थायी और अस्थायी सुविधाओं की जानकारी लेते हुए विभिन्न सुविधाओं का लाभ उठाने के लिए लोगों को जागरूक करने हेतु जिलाधिकारी कुंदन कुमार द्वारा समाहरणालय से मिशन परिवार विकास अभियान के तहत सारथी रथ को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया। सारथी रथ द्वारा जिले के विभिन्न क्षेत्रों में माइकिंग करते हुए लोगों को परिवार नियोजन के सभी सुविधाओं की जानकारी देते हुए नजदीकी अस्पताल में इसका लाभ उठाने के लिए जागरूक किया जाएगा। इस दौरान प्रभारी सिविल सर्जन डॉ आर पी मंडल, डीपीएम सोरेंद्र कुमार दास, डीसीएम संजय कुमार दिनकर, डीपीसी डॉ सुधांशु शेखर, पिरामल स्वास्थ्य जिला समन्यवक चंदन कुमार, पीएसआई जिला प्रोग्राम मैनेजर मयंक राणा, सीनियर फील्ड प्रोग्राम कोऑर्डिनेटर ब्यूटी कुमारी सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे। 17 से 30 सितंबर तक जिले के सभी स्वास्थ्य केंद्रों में चलाया जाएगा मिशन परिवार विकास अभियान : जिले में 02 सितंबर से 30 सितंबर तक मिशन परिवार विकास अभियान के तहत लोगों को परिवार नियोजन के विभिन्न सुविधाओं की जानकारी देते हुए इच्छुक दंपत्तियों को 17 सितंबर से 30 सितंबर तक परिवार नियोजन सेवा अभियान के तहत आवश्यक सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। इसके लिए लोगों को जागरूक करने हेतु जिले में सारथी रथ चलाया गया है। सारथी रथ द्वारा लोगों को माइकिंग के जरिए सभी सरकारी अस्पतालों में उपलब्ध परिवार नियोजन के विभिन्न सुविधाओं की जानकारी दी जाएगी।


     सारथी रथ द्वारा लोगों को अस्पताल में उपलब्ध इन सुविधाओं का लाभ उठाने पर स्वास्थ्य विभाग द्वारा दिये जाने वाले प्रोत्साहन राशि की भी जानकारी दी जाएगी। रथ द्वारा इच्छुक दंपत्तियों को इन सुविधाओं का लाभ लेकर अपने परिवार को स्वस्थ और संतुलित रखने के लिए जागरूक किया जाएगा। लोगों को विशेष रूप से मिलेगा परिवार नियोजन के स्थायी और अस्थायी सुविधा का लाभ : मिशन परिवार विकास अभियान के तहत इच्छुक दंपतियों को सभी अस्पताल में विशेष रूप से परिवार नियोजन के स्थायी और अस्थायी सुविधा का लाभ मिलेगा। परिवार नियोजन के स्थायी सुविधा के रूप में लोग महिला बंध्याकरण और पुरूष नसबंदी सुविधा का लाभ उठा सकते हैं। परिवार नियोजन के अस्थायी सुविधा के रूप में लोगों द्वारा अंतरा, छाया की सुई, माला-एन, कॉपर-टी और आपातकालीन गर्भनिरोधक गोली (ईजी पिल्स) का लाभ उठाते हुए अपने पहले बच्चे के जन्म और दो बच्चों में पर्याप्त अंतराल रखते हुए सुखी परिवार का लाभ उठा सकते हैं। परिवार नियोजन के विभिन्न विकल्पों के लिए जागरूकता रथ द्वारा लोगों को मिलेगी जानकारी : जिलाधिकारी जिलाधिकारी कुंदन कुमार ने सारथी रथ को रवाना करते हुए कहा कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा लोगों को परिवार नियोजन के विभिन्न विकल्पों के प्रति जागरूक करने के लिए सारथी रथ को रवाना किया जा रहा है। इच्छुक लोगों को 17 सितंबर से सभी स्वास्थ्य केंद्रों में परिवार नियोजन के विभिन्न विकल्पों के लाभ उपलब्ध कराई जाएगी। जागरूकता रथ द्वारा लोगों को परिवार नियोजन के स्थायी के साथ साथ विभिन्न अस्थायी सुविधा की जानकारी दी जाएगी। सारथी रथ द्वारा लोगों को दो बच्चों के जन्म के बीच कुछ साल का अंतराल रखने के लिए विभिन्न सुविधाओं की जानकारी दी जाएगी। बच्चों के जन्म में आवश्यक अंतराल रखने से माँ और बच्चे को स्वस्थ बेहतर रह सकेगा और बच्चों की परवरिश बेहतर हो सकेगी। इसके साथ साथ माँ और बच्चों के बेहतर स्वास्थ्य के लिए लोगों को चिकित्सकों की निगरानी में प्रसव सुविधा का लाभ उठाने के लिए जागरूकता रथ द्वारा लोगों को जागरूक किया जाएगा। पूर्णिया जिला में माँ और बच्चों के बेहतर स्वास्थ्य के लिए संस्थागत प्रसव के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए विशेष अभियान चलाया जा रहा है। इसका परिणाम है कि पूर्णिया जिला संस्थागत प्रसव कराने में राज्य में तीसरे स्थान पर है। इसके साथ साथ पूर्णिया जिले में माँ और बच्चों के बेहतर स्वास्थ के लिए नियमित टीकाकरण और प्रसव पूर्व जांच कराने के लिए लोगों को विशेष रूप से जागरूक किया जा रहा है। नियमित टीकाकरण के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा ध्यान रखा जा रहा है कि ड्यू लिस्ट और सर्वे रजिस्टर नियमित रूप से अपडेट रहे ताकि कोई भी बच्चा नियमित टीकाकरण से वंचित नहीं रह सके। जिले में सभी सुविधा समग्र रूप से किया जा रहा है जिसका जिला में बेहतर परिणाम भी मिल रहा है।
विद्या विहार आवासीय विद्यालय को सीफोर स्कूल उत्कृष्टता पुरस्कार 2024 में बिहार के सर्वश्रेष्ठ सह-शिक्षा आवासीय विद्यालय का सम्मान

विद्या विहार आवासीय विद्यालय, पूर्णिया ने एक बार फिर से एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। इसे वर्ष 2024 के लिए बिहार के सर्वश्रेष्ठ सह-शिक्षा आवासीय विद्यालय (भारतीय पाठ्यक्रम) के रूप में मान्यता दी गई है। यह सम्मान 11 सितंबर 2024 को ग्रैंड होटल, वसंत कुंज, नई दिल्ली में आयोजित सीफोर स्कूल उत्कृष्टता पुरस्कार समारोह में प्रदान किया गया। यह आयोजन ब्रेनफीड पत्रिका द्वारा संचालित था, जिसमें शिक्षा में उत्कृष्टता और नवाचार के प्रति स्कूलों की प्रतिबद्धता का जश्न मनाया गया। यह प्रतिष्ठित पुरस्कार विद्या विहार के प्रधानाचार्य श्री निखिल रंजन और विद्यालय के जनसंपर्क अधिकारी इं. राहुल शांडिल्य को सीफोर के संस्थापक श्री प्रेमचंद पालेटी द्वारा भेंट किया गया। इस अवसर पर देश भर के शिक्षा जगत के दिग्गज भी उपस्थित थे।

      यह मान्यता विद्या विहार की निरंतर अकादमिक उत्कृष्टता, समग्र विकास, और भविष्य के नेताओं को पोषित करने के प्रति उसके समर्पण को उजागर करती है। उत्कृष्टता की परंपरा विद्या विहार आवासीय विद्यालय का भारतीय शिक्षा जगत में शीर्ष स्थान नया नहीं है। टाइम्स ऑफ इंडिया, एजुकेशन टुडे, एजुकेशन वर्ल्ड और करियर 360 जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों द्वारा इसे बिहार और देशभर में शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए निरंतर सराहा गया है। लेकिन 2024 का यह पुरस्कार विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह विद्यालय परिवार के सभी सदस्यों - शिक्षक, छात्र, कर्मचारी और अभिभावकों की कड़ी मेहनत, समर्पण और प्रतिबद्धता का प्रतीक है।
      विद्यालय के प्रधानाचार्य श्री निखिल रंजन ने इस उपलब्धि पर आभार व्यक्त करते हुए कहा, "यह पुरस्कार विद्या विहार से जुड़े प्रत्येक व्यक्ति के सामूहिक प्रयासों का प्रमाण है। यह हमारे कर्मचारियों की कड़ी मेहनत, अभिभावकों के समर्थन और छात्रों की उत्कृष्टता की निरंतर खोज को दर्शाता है। यह सम्मान हमारे प्रतिष्ठित संस्थापक स्वर्गीय श्री रमेश चंद्र मिश्रा को समर्पित है, जिनकी शिक्षा के प्रति दूरदृष्टि आज भी हमें प्रेरित करती है।" नेतृत्व और दूरदृष्टि विद्यालय के सचिव इं. राजेश चंद्र मिश्रा और निदेशक इं. रंजीत कुमार पॉल ने इस सम्मान पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा, "यह पुरस्कार पूरे विद्या विहार परिवार के समर्पण, मेहनत और ईमानदारी को मान्यता देता है। यह हमारे छात्रों में मूल्य, अनुशासन और चरित्र का विकास करते हुए, उन्हें विश्व स्तरीय शिक्षा प्रदान करने की हमारी प्रतिबद्धता को भी दर्शाता है। हम अपने समस्त स्टाफ को बधाई देते हैं और माता-पिता व छात्रों का हमारे दृष्टिकोण में अटूट विश्वास बनाए रखने के लिए धन्यवाद करते हैं।" उत्सव की लहर पुरस्कार की खबर से विद्या विहार परिसर में हर्ष और उत्सव का माहौल है। शिक्षक, छात्र, कर्मचारी और पूर्व छात्र, सभी विद्यालय की इस उपलब्धि पर गर्व कर रहे हैं। यह सम्मान न केवल विद्यालय की शिक्षा प्रणाली की उत्कृष्टता को प्रमाणित करता है, बल्कि इसके चरित्र निर्माण, नेतृत्व कौशल और छात्रों को भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार करने पर ध्यान केंद्रित करने के महत्व को भी रेखांकित करता है। इस सम्मान के साथ, विद्या विहार आवासीय विद्यालय की उत्कृष्टता की यात्रा और भी ऊंचाइयों तक पहुँचने की दिशा में निरंतर जारी है। विद्यालय के प्रति यह मान्यता दर्शाती है कि आने वाले वर्षों में भी यह शिक्षा के उच्चतम मानकों को बनाए रखते हुए, हर छात्र को जीवन में सफल होने के लिए सशक्त बनाने के अपने मिशन पर दृढ़ बना रहेगा।
पूर्णिया में प्रशांत किशोर ने राहुल गांधी पर ताबड़तोड़ किया हमला,कहा राहुल गांधी कब क्या बोल दे वही समझे


पूर्णिया में प्रशांत किशोर ने राहुल गांधी पर जम कर हमला किया । जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने पूर्णियाँ में संवाददाता सम्मेलन के दौरन पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए देश के नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी पर अपनी ही बात से पलटने के लिए तीखा प्रहार किया।
        उन्होंने कहा कि राहुल गांधी कब क्या बोल दे उनको खुद को भी नहीं पता। कुछ महिनों पहले जब देश में लोकसभा चुनाव थे तब वह पूरे देश में घूम-घूमकर जाति जनगणना की बात कर रहे थे और कह रहे थे कि अगर जरूरत पड़ी तो सुप्रीम कोर्ट की तय 50 प्रतिशत आरक्षण की सीमा को भी बढ़ाए जाना चाहिए। लेकिन अब वह अमेरिका जाकर अपनी ही बात से पलट गए हैं। इसलिए अब उनकी आरक्षण को लेकर क्या विचार और सोच हैं वह तो उनके साथी कांग्रेसी नेता ही बेहतर बता पाएंगे।
राज्य टीम ने किया हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर दीवानगंज का मूल्यांकन
राज्य टीम ने किया हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर दीवानगंज का मूल्यांकन -अस्पताल में उपलब्ध सभी सुविधाओं की ली जानकारी -एनक्यूएएस प्रमाणपत्र के लिए अस्पताल में सभी 06 विभाग पूर्णतः कार्यरत -सभी उपलब्ध सुविधाओं की गुणवत्ता बेहतर होने और पब्लिक रिव्यु के आधार पर अस्पताल को दिया जाएगा अंक -70 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त होने पर अस्पताल को मिलेगा एनक्यूएएस प्रमाणपत्र -अस्पताल अधिकारियों और कर्मियों द्वारा किया गया बेहतर प्रयास पूर्णिया, 11 सितंबर जिला और प्रखंड के साथ साथ समुदाय स्तर पर भी लोगों को बेहतर चिकित्सकीय सहायता प्रदान करने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा सभी प्रखंड के विभिन्न क्षेत्रों में हेल्थ एंड वेलनेस सेंटरों का संचालन किया जा रहा है। अस्पताल द्वारा मरीजों को मिलने वाली सुविधाओं के आधार पर राज्यस्तरीय और राष्ट्रीय स्तर पर राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक (एनक्यूएएस) प्रमाणपत्र जारी किया जाता है। एनक्यूएएस प्रमाणपत्र मिलने पर अस्पताल को बेहतर सुविधा जारी रखने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा अतिरिक्त सहायता राशि भी प्रदान किया जाता है। एनक्यूएएस मानक के अनुसार अस्पताल को तैयार करने के बाद राज्य और केंद्र स्वास्थ्य अधिकारियों द्वारा अस्पताल का मूल्यांकन करते हुए अस्पताल में उपलब्ध सुविधाओं के आधार पर अस्पताल को अंक प्रदान किया जाता है। एनक्यूएएस प्रमाणपत्र के लिए राज्य स्तरीय टीम में राज्य स्वास्थ्य समिति बिहार की आशा कंसल्टेंट शालिनी सिन्हा और चिकित्सा अधिकारी डॉ राजीव कुमार ने पूर्णिया पूर्व प्रखंड के हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर दीवानगंज का मंगलवार और बुधवार को दो दिनों निरीक्षण किया। इस दौरान स्वास्थ्य अधिकारियों द्वारा अस्पताल में उपलब्ध विभिन्न सुविधाओं की जानकारी लेते हुए मरीजों को उससे मिलने वाले लाभ का मूल्यांकन किया गया। इस दौरान जिला स्वास्थ्य विभाग से डीसीएम संजय कुमार दिनकर, यूनिसेफ जिला सलाहकार शिवशेखर आनंद, डीसीक्यूए डॉ अनिल कुमार शर्मा, प्रखंड स्वास्थ्य पदाधिकारी डॉ शरद कुमार, बीएचएम विभव कुमार, दीवानगंज मुखिया अंगद मंडल, हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर के सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी रजत कुमार सहित अन्य स्वास्थ्य अधिकारी, एएनएम और अन्य लोग उपस्थित रहे। अस्पताल में उपलब्ध सभी सुविधाओं की ली जानकारी : राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक के अनुसार राज्य स्वास्थ्य अधिकारियों द्वारा अस्पताल में मरीजों के लिए उपलब्ध 06 विभागों की जानकारी ली गई। इसमें लेबर रूम की व्यवस्था, गैर संचारी रोग नियंत्रण सुविधा, राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रम में शामिल कालाजार, फाइलेरिया, टीबी आदि रोग नियंत्रण की सुविधा, लैबोरेटरी की सुविधा, ओपीडी और आईपीडी व्यवस्था शामिल हैं। राज्य स्तरीय टीम द्वारा हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर, दीवानगंज में उपलब्ध इन सभी सुविधाओं का मूल्यांकन करते हुए मरीजों को मिल रही व्यवस्था का आकलन किया गया। अस्पताल में उपलब्ध मरीजों से अस्पताल में मिलने वाले सुविधाओं की जानकारी ली गई। इसके आधार पर अस्पताल में मरीजों को मिल रही सुख सुविधाओं को राज्य स्वास्थ्य समिति में रिपोर्ट किया जाएगा। राज्य स्वास्थ्य विभाग द्वारा उपलब्ध सुविधाओं के आधार पर अस्पताल को अंक प्रदान किया जायेगा। सभी उपलब्ध सुविधाओं की गुणवत्ता बेहतर होने और पब्लिक रिव्यु के आधार पर अस्पताल को दिया जाएगा अंक : राज्य स्वास्थ्य समिति बिहार की आशा कंसल्टेंट शालिनी सिन्हा ने बताया कि दीवानगंज अस्पताल की सभी व्यवस्था सुचारू रूप से कार्यरत हो रहा है इसकी जानकारी लेने के लिए राज्य स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा अस्पताल का मूल्यांकन किया गया। इस दौरान अस्पताल में उपलब्ध सुविधाओं की जानकारी लेने के साथ साथ स्थानीय लोगों को इससे मिलने वाले लाभ की जानकारी ली गई और संबंधित रिपोर्ट तैयार किया गया। रिपोर्ट के अनुसार मरीजों के लिए अस्पताल में उपलब्ध चिकित्सकीय सुविधा को राज्य स्वास्थ्य विभाग द्वारा रिपोर्ट में मूल्यांकन करते हुए अंक प्रदान किया जाएगा। उसके अनुसार अस्पताल को एनक्यूएएस प्रमाणपत्र जारी किया जाएगा जिससे कि यहां के लोगों को अस्पताल में सभी सुविधा नियमित रूप से मिलती रहेगी। 70 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त होने पर अस्पताल को मिलेगा एनक्यूएएस प्रमाणपत्र : यूनिसेफ जिला सलाहकार शिवशेखर आनंद ने बताया कि एनक्यूएएस के तहत दो प्रकार के प्रमाणन की व्यवस्था है। पहला राज्य प्रमाणन होता है जिसके तहत राज्य की टीम द्वारा मूल्यांकन किया जाता है। जब अस्पताल को राज्य द्वारा प्रमाणपत्र मिल जाता है उसके बाद संबंधित अस्पताल केंद्रीय प्रमाणन के पात्र बन सकता है। एनक्यूएएस प्रमाणिकरण के लिए अस्पताल में वह सभी व्यवस्था उपलब्ध होनी चाहिए जो उस स्तर के अस्पताल के लिए आवश्यक है। उन सभी विभागों के मूल्यांकन के बाद उसे मूल्यांकन टीम द्वारा अंक प्रदान किया जाता है। अस्पताल में उपलब्ध सुविधाओं के आधार पर 70 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त करने पर अस्पताल को एनक्यूएएस प्रमाणपत्र जारी किया जाता है। उन्होंने बताया कि हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर दीवानगंज में सभी व्यवस्था उपलब्ध है जिससे कि उसे एनक्यूएएस प्रमाणपत्र मिल सकता है। अस्पताल अधिकारियों और कर्मियों द्वारा किया गया बेहतर प्रयास : सिविल सर्जन डॉ प्रमोद कुमार कनौजिया ने बताया कि हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर दीवानगंज में राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक (एनक्यूएएस) प्रमाणीकरण के लिए आवश्यक सभी स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध है। इसका निरक्षण जिला स्तरीय टीम द्वारा पहले से किया गया है जिसमें अस्पताल एनक्यूएएस के सभी पैमाने पर शत प्रतिशत खरा उतरा है। इसके लिए यहां कार्यरत स्वास्थ्य अधिकारी व कर्मियों द्वारा नियमित बेहतर प्रयास किया जाता है जिससे कि यहां उपस्थित मरीजों को आसानी से बेहतर सामान्य स्वास्थ्य चिकित्सा उपलब्ध हो सके। इसके जांच के लिए उपस्थित राज्य स्तरीय टीम के द्वारा सभी विभागों का अवलोकन किया गया है और अस्पताल के प्रदर्शन के आधार पर टीम द्वारा अपनी संतुष्टि जताई गई है। राज्य टीम द्वारा निर्धारित अंक के अनुसार अस्पताल को राज्य स्तरीय एनक्यूएएस प्रमाणपत्र मिल सकेगा जिसके बाद अस्पताल द्वारा नेशनल एनक्यूएएस प्रमाणपत्र के लिए तैयारी शुरू कर दिया जाएगा।
सौरा नदी में डूबने से 12 साल के बच्चे की मौत,परिजनों में कोहराम

पूर्णिया में सौरा नदी में डूबने से 12 साल के बच्चे की मौत हो गई। मृतक दोस्तों के साथ कूड़ा बिनकर नदी में नहाने गया था। इसी क्रम में उसका पैर फिसला और वो गहरे पानी में जा समाया। उसे डूबता देख वहां मौजूद बच्चों ने शोर मचाना शुरू किया। जिसके बाद स्थानीय गोताखोर बच्चे को बचाने नदी में कूदे, मगर काफी खोजबीन के बाद भी बच्चे को ढूंढा नहीं जा सका। कुछ ही देर बाद सूचना पाकर स्थानीय पुलिस और फिर SDRF की टीम पहुंची, जिसके बाद घंटों की मशक्कत के बाद शव को आज सुबह पानी से बाहर निकाला जा सका।

      घटना शहर के सदर थाना क्षेत्र के सौरा नदी घाट की है। बच्चे की मौत के बाद से परिजनों में मातम पसरा है। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंच चुकी है। शव को पोस्टमॉर्टम के लिए GMCH पूर्णिया लेकर आई है। मृतक की पहचान के.हाट थाना क्षेत्र के पूर्णिया कोर्ट के बालकिशुन नगर वार्ड 17 निवासी कन्हैया ऋषिदेव के बेटे साजन कुमार 12 के रूप में हुई है। घटना की जानकारी देते हुए मृतक बच्चे की दीदी संजो देवी ने बताया कि बच्चा रोजाना की तरह इलाके के बच्चों के साथ देर दोपहर घर से कूड़ा बिनने निकला था। इसी क्रम में वो सौरा नदी में नहाने चला गया। इसी क्रम में उसका पैर फिसला और फिर वो नदी में डूबने लगा। इधर बच्चे को डूबता देख साथ में खेल रहे बच्चों ने शोर मचाना शुरू किया। शोर की आवाज सुनकर स्थानीय मौके पर जुटे।
      स्थानीय गोताखोरों ने उसे बचाने नदी में छलांग लगाई, मगर उसे ढूंढा नहीं जा सका। जिसके बाद सदर थाना की पुलिस ने SDRF को घटना की जानकारी दी।

       सूचना पाकर पहुंची SDRF की टीम शाम ढलने तक बच्चे की खोजबीन में जुटी रही। आज सुबह अंजोरा होने पर SDRF ने दोबारा से बच्चे की खोजबीन शुरू की। घंटों की मशक्कत के बाद बच्चे के शव को सौरा नदी से बाहर निकाला गया। इधर बच्चे की मौत के बाद से परिजनों में मातम पसरा है। सूचना मिलते ही सदर थाना की पुलिस ने मृतक बच्चे के शव को अपने कब्जे में ले लिया है और पोस्टमॉर्टम में जुट गई है।
मोबाइल छिनतई का विरोध करने पर अपराधियों ने युवक पर चलाई गोली, अपराधी चढ़ा वीर के हत्थे, फिर क्या हुआ देखिए इस खबर में

पूर्णिया मोबाइल छिनतई का विरोध करने पर बदमाशों ने एक युवक पर गोली चला दी। संयोगवश गोली युवक के सिर के बगल से निकली लेकिन बारूद के छीटे से युवक गंभीर रूप से घायल हो गया। हालांकि पुलिस गोली चलने की बात से इनकार कर रही है। वारदात को एक बाइक पर सवार 3 बदमाश अंजाम देने पहुंचे थे। छिनतई और फायरिंग की वारदात को अंजाम देकर भाग रहे 2 बदमाशों को ग्रामीणों ने खदेड़कर पकड़ लिया और फिर उसकी जमकर धुनाई कर दी।

      भीड़ ने पहले दोनों को हाथ बांध दिए, इसके बाद लात, घुसे और मुक्के से अधमरा होने तक पीटते रहे। वहीं समूचे घटनाक्रम से जुड़ा लाइव वीडियो भी सामने आया है। जिसमें ग्रामीण बदमाशों की बेतरतीब धुनाई करते दिख रहे हैं। घटना रूपौली थाना क्षेत्र के दरगहा से लाहरौनी जाने वाली सड़क की है। इधर घटना की सूचना मिलते ही रुपौली थाना की पुलिस मौके पर पहुंची, जिसके बाद किसी तरह बदमाशों की जान बच सकी। फिलहाल पुलिस दोनों को हिरासत में लेकर थाना ले आई है। फरार तीसरे बदमाशों के बारे में पूछताछ की जा रही है। फायरिंग में बारूद के छींटों से घायल हुए युवक की पहचान रूपौली थाना क्षेत्र के दरगहा गांव निवासी मो इरशाद के रूप में हुई है। हादसे में घायल शख्स को घटना के फौरन बाद गंभीर हालत में रेफ़रल अस्पताल रूपौली में एडमिट कराया गया, जहां उसका इलाज जारी है।

      घटना की जानकारी देते हुए घायल मो इरशाद ने बताया कि वो बाजार से वापस अपने घर लौट रहा था कि तभी रूपौली के दरगहा से लाहरौनी जाने वाली सड़क में स्कूल के समीप बाइक सवार बदमाशों ने रास्ता पूछने के बहाने अपने पास बुलाया और फिर मोबाइल की छिनतई कर भागने लगे। उन्होंने जब इसका विरोध किया, तो बदमाशों ने उनके ऊपर गोली चला दी, संयोगवश ये गोली उनके सिर के बगल से होकर गुजरी, लेकिन बारूद के छींटे से वे गंभीर रूप से जख्मी हो गए। जिसके बाद परिजनों की मदद से उन्हें इलाज के लिए रेफ़रल अस्पताल रूपौली में एडमिट कराया गया। इधर फायरिंग की आवाज सुनकर ग्रामीण मौके पर जुट गए। जिसके बाद बाइक पर स्वर तीन में से दो बदमाशों की ग्रामीणों ने खदेड़कर पकड़ लिया और फिर जमकर उसकी कुटाई कर दी। भीड़ में खड़े जिस किसी को मौका मिला, उसने बदमाशों पर अपना हाथ साफ किया। लोगों ने बदमाशों के हाथ बांध दिए और अधमरा होने तक उसे पीटते रहे। इधर घटना की सूचना पर रूपौली थाना की पुलिस मौके पर पहुंची। जहां काफी मशक्कत के बाद आक्रोशित मॉब के बीच से बदमाशों को बाहर निकाला गया और फिर उसकी जान बच सकी। पकड़े गए दोनों बदमाशों को पुलिस हिरासत में लेकर थाने लेकर आई है। फरार तीसरे बदमाश के बारे में पूछताछ की जा रही है। इधर घटना की जानकारी देते हुए रूपौली थानाध्यक्ष उदय कुमार ने बताया कि घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची थी। जिसके बाद दोनों बदमाशों को मॉब के बीच से निकाला गया और इसी जान बचाई गई। दोनों को हिरासत में लेकर पुलिस थाना ले आई है और पूछताछ की जा रही है। पुलिस ने गोली चलने की बात से इनकार किया है।
केंद्रीय कारा पूर्णिया में स्वास्थ्य अधिकारियों द्वारा उपस्थित बंदियों को एचआईवी एड्स के प्रति किया गया जागरूक

केंद्रीय कारा पूर्णिया में स्वास्थ्य अधिकारियों द्वारा उपस्थित बंदियों को एचआईवी एड्स के प्रति किया गया जागरूक -जिले के सभी क्षेत्रों में 12 अगस्त से 12 अक्टूबर तक चलाया जा रहा एचआईवी एड्स जागरूकता अभियान -सिफलिस होने पर तत्काल जांच व इलाज नहीं कराने पर एचआईवी संक्रमित होने का रहता है खतरा : सीडीओ -एचआईवी संक्रमित व्यक्ति व उनके बच्चों को नियमित इलाज कराने पर मिलता है सहायता राशि पूर्णिया, 09 सितंबर एचआईवी एड्स के प्रति लोगों को जागरूक करते हुए संक्रमित व्यक्ति को नियमित आवश्यक इलाज करवाने के प्रति जागरूक करने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा 12 अगस्त से 12 अक्टूबर तक जिले के सभी क्षेत्रों में एड्स जागरूकता अभियान (इंटेसिफाइड कैंपेन) चलाया जा रहा है। इसके तहत स्वास्थ्य अधिकारियों और कर्मियों द्वारा जिले के सभी प्रखंडों के विभिन्न क्षेत्रों में लोगों को एड्स संक्रमण से सुरक्षा के लिए सावधानी बरतने के प्रति जागरूक करने के लिए जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है।

समाज से दूर जेल में रहने वाले बंदियों को भी इसके प्रति जागरूक करने के लिए स्वास्थ्य अधिकारियों द्वारा केंद्रीय कारागार, पूर्णिया में एड्स जागरूकता अभियान चलाया गया। इस दौरान सभी बंदियों को एड्स से सुरक्षा के लिए सावधानी रखते हुए एड्स संक्रमित होने पर अस्पताल से नियमित जांच और इलाज सुविधा का लाभ लेने के लिए आवश्यक जानकारी दिया गया।केंद्रीय कारागार में एड्स जागरूकता अभियान में दौरान जेल अधीक्षक मनोज कुमार, जिला संचारी रोग नियंत्रण पदाधिकारी (सीडीओ) सह जिला एड्स नियंत्रण पदाधिकारी (डीएसीओ) डॉ कृष्ण मोहन दास, डब्लूएचओ कंसल्टेंट डॉ इश्फाक नाजिर भट्ट, केंद्रीय कारागार चिकित्सा अधिकारी डॉ प्रीतम प्रियदर्शी, डीपीएस राजेश शर्मा, एचआईवी जिला समन्यवक बी.एन प्रसाद के साथ सभी केंद्रीय जेल के बंदी उपस्थित रहे। जेल कैदियों को भी एड्स से सुरक्षा के प्रति जागरूक करना आवश्यक :
   सिविल सर्जन प्रभारी सिविल सर्जन डॉ आर पी मंडल ने कहा कि बहुत से बंदी अपने अपराधियों के कारण जेल में बहुत दिन तक कैद रहते हैं। समाज से दूर रहने के बाद भी सभी कैदियों को एचआईवी एड्स से सुरक्षा के लिए जागरूक रहना आवश्यक है। इसलिए एड्स जागरूकता अभियान के तहत केंद्रीय कारा बंदियों को भी एड्स से सुरक्षा के प्रति जागरूक किया गया है। सभी को बताया गया कि एक पुरुष या एक महिला द्वारा बहुत से लोगों के साथ शारीरिक संबंध बनाने से संबंधित व्यक्ति एचआईवी एड्स से ग्रसित हो सकते हैं। इसके अलावा बाल कटवाने या दाढ़ी बनवाने के दौरान एचआईवी संक्रमित व्यक्ति के उपयोग वाले ब्लेड/कैंची बिना बदले या साफ किए उपयोग करने पर एचआईवी पॉजिटिव व्यक्ति का खून सामान्य व्यक्ति के खून से मिलने पर भी लोग एचआईवी संक्रमित हो सकते हैं। जेल के कैदियों को भी इसके प्रति जागरूक करना बिहार सरकार और स्वास्थ्य विभाग की प्राथमिकता में शामिल है। इसके लिए बिहार एड्स कंट्रोल सोसायटी के निर्देशक द्वारा सभी जेल के कैदियों को इसके लिए जागरूक करने का आवश्यक निर्देश दिया गया है जिसके लिए जिला स्वास्थ्य विभाग द्वारा केंद्रीय कारागार में जागरूकता अभियान चलाया गया और सभी को इसकी जानकारी दी गई। इससे सभी बंदी भी एचआईवी एड्स के प्रति जागरूक रह सकेंगे और संक्रमित होने पर अस्पताल से आवश्यक उपचार का लाभ उठा सकेंगे। सिप्लिस होने पर तत्काल जांच व इलाज नहीं कराने पर एचआईवी संक्रमित होने का रहता है खतरा : सीडीओ जिला संचारी रोग नियंत्रण पदाधिकारी (सीडीओ) सह जिला एड्स नियंत्रण पदाधिकारी (डीएसीओ) डॉ कृष्ण मोहन दास ने बताया कि बहुत से लोगों से बहुत बार शारीरिक संबंध बनाने पर संबंधित पुरुष और महिला एचआईवी संक्रमित हो सकते हैं। गैर संचारी शारीरिक संबंध बनाने पर किसी भी पुरूष या महिला के प्राइवेट पार्ट में इंफेक्शन हो सकता है। इंफेक्शन के रूप में संबंधित क्षेत्र में फोड़ा/फुंसी होने लगता है जिसे मेडिकल भाषा में सिप्लिस कहा जाता है। सिप्लिस होने पर तत्काल चिकित्सक से संपर्क करते हुए इसका इलाज नहीं करवाने पर संबंधित व्यक्ति का एचआइवी पॉजिटिव होने की संभावना 10 गुणा बढ़ जाती है। सिप्लिस होने पर समय पर इलाज कराने से लोग एचआइवी से सुरक्षित रह सकते हैं। इसके लिए लोगों को जागरूक होने की जरूरत है जिससे कि लोग एचआइवी संक्रमण से सुरक्षित रह सकें और सामान्य जीवन यापन सुनिश्चित कर सकें। एचआईवी संक्रमित व्यक्ति व उनके बच्चों को नियमित इलाज कराने पर मिलता है सहायता राशि : एचआईवी डीआईएस बी एन प्रसाद ने बताया कि एचआईवी संक्रमित व्यक्ति द्वारा नियमित रूप से जिला एआरटी सेंटर से आवश्यक दवा का सेवन करने से एचआईवी एड्स को नियंत्रित रखा जा सकता है। ऐसा करने पर संबंधित एचआईवी पॉजिटिव व्यक्ति को बिहार एड्स शताब्दी योजना के तहत प्रति माह 1500 रुपये सहयोग राशि के रूप में सरकार द्वारा दिया जाता है। इसके साथ साथ एचआइवी संक्रमित व्यक्ति के 18 वर्ष से कम उम्र के एचआईवी संक्रमित या एचआईवी से सुरक्षित सभी बच्चों को भी परवरिश योजना के तहत प्रति माह 1000 रुपये प्रति माह सहयोग राशि उपलब्ध कराई जाती है। एचआईवी संक्रमित लोगों को नियमित एड्स नियंत्रण दवा का उपयोग करते हुए इस योजनाओं का लाभ उठाना चाहिए।
केंद्रीय कारा पूर्णिया में स्वास्थ्य अधिकारियों द्वारा उपस्थित बंदियों को एचआईवी एड्स के प्रति किया गया जागरूक

केंद्रीय कारा पूर्णिया में स्वास्थ्य अधिकारियों द्वारा उपस्थित बंदियों को एचआईवी एड्स के प्रति किया गया जागरूक -जिले के सभी क्षेत्रों में 12 अगस्त से 12 अक्टूबर तक चलाया जा रहा एचआईवी एड्स जागरूकता अभियान -सिफलिस होने पर तत्काल जांच व इलाज नहीं कराने पर एचआईवी संक्रमित होने का रहता है खतरा : सीडीओ -एचआईवी संक्रमित व्यक्ति व उनके बच्चों को नियमित इलाज कराने पर मिलता है सहायता राशि पूर्णिया, 09 सितंबर एचआईवी एड्स के प्रति लोगों को जागरूक करते हुए संक्रमित व्यक्ति को नियमित आवश्यक इलाज करवाने के प्रति जागरूक करने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा 12 अगस्त से 12 अक्टूबर तक जिले के सभी क्षेत्रों में एड्स जागरूकता अभियान (इंटेसिफाइड कैंपेन) चलाया जा रहा है। इसके तहत स्वास्थ्य अधिकारियों और कर्मियों द्वारा जिले के सभी प्रखंडों के विभिन्न क्षेत्रों में लोगों को एड्स संक्रमण से सुरक्षा के लिए सावधानी बरतने के प्रति जागरूक करने के लिए जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है।

समाज से दूर जेल में रहने वाले बंदियों को भी इसके प्रति जागरूक करने के लिए स्वास्थ्य अधिकारियों द्वारा केंद्रीय कारागार, पूर्णिया में एड्स जागरूकता अभियान चलाया गया। इस दौरान सभी बंदियों को एड्स से सुरक्षा के लिए सावधानी रखते हुए एड्स संक्रमित होने पर अस्पताल से नियमित जांच और इलाज सुविधा का लाभ लेने के लिए आवश्यक जानकारी दिया गया।केंद्रीय कारागार में एड्स जागरूकता अभियान में दौरान जेल अधीक्षक मनोज कुमार, जिला संचारी रोग नियंत्रण पदाधिकारी (सीडीओ) सह जिला एड्स नियंत्रण पदाधिकारी (डीएसीओ) डॉ कृष्ण मोहन दास, डब्लूएचओ कंसल्टेंट डॉ इश्फाक नाजिर भट्ट, केंद्रीय कारागार चिकित्सा अधिकारी डॉ प्रीतम प्रियदर्शी, डीपीएस राजेश शर्मा, एचआईवी जिला समन्यवक बी.एन प्रसाद के साथ सभी केंद्रीय जेल के बंदी उपस्थित रहे। जेल कैदियों को भी एड्स से सुरक्षा के प्रति जागरूक करना आवश्यक :
   सिविल सर्जन प्रभारी सिविल सर्जन डॉ आर पी मंडल ने कहा कि बहुत से बंदी अपने अपराधियों के कारण जेल में बहुत दिन तक कैद रहते हैं। समाज से दूर रहने के बाद भी सभी कैदियों को एचआईवी एड्स से सुरक्षा के लिए जागरूक रहना आवश्यक है। इसलिए एड्स जागरूकता अभियान के तहत केंद्रीय कारा बंदियों को भी एड्स से सुरक्षा के प्रति जागरूक किया गया है। सभी को बताया गया कि एक पुरुष या एक महिला द्वारा बहुत से लोगों के साथ शारीरिक संबंध बनाने से संबंधित व्यक्ति एचआईवी एड्स से ग्रसित हो सकते हैं। इसके अलावा बाल कटवाने या दाढ़ी बनवाने के दौरान एचआईवी संक्रमित व्यक्ति के उपयोग वाले ब्लेड/कैंची बिना बदले या साफ किए उपयोग करने पर एचआईवी पॉजिटिव व्यक्ति का खून सामान्य व्यक्ति के खून से मिलने पर भी लोग एचआईवी संक्रमित हो सकते हैं। जेल के कैदियों को भी इसके प्रति जागरूक करना बिहार सरकार और स्वास्थ्य विभाग की प्राथमिकता में शामिल है। इसके लिए बिहार एड्स कंट्रोल सोसायटी के निर्देशक द्वारा सभी जेल के कैदियों को इसके लिए जागरूक करने का आवश्यक निर्देश दिया गया है जिसके लिए जिला स्वास्थ्य विभाग द्वारा केंद्रीय कारागार में जागरूकता अभियान चलाया गया और सभी को इसकी जानकारी दी गई। इससे सभी बंदी भी एचआईवी एड्स के प्रति जागरूक रह सकेंगे और संक्रमित होने पर अस्पताल से आवश्यक उपचार का लाभ उठा सकेंगे। सिप्लिस होने पर तत्काल जांच व इलाज नहीं कराने पर एचआईवी संक्रमित होने का रहता है खतरा : सीडीओ जिला संचारी रोग नियंत्रण पदाधिकारी (सीडीओ) सह जिला एड्स नियंत्रण पदाधिकारी (डीएसीओ) डॉ कृष्ण मोहन दास ने बताया कि बहुत से लोगों से बहुत बार शारीरिक संबंध बनाने पर संबंधित पुरुष और महिला एचआईवी संक्रमित हो सकते हैं। गैर संचारी शारीरिक संबंध बनाने पर किसी भी पुरूष या महिला के प्राइवेट पार्ट में इंफेक्शन हो सकता है। इंफेक्शन के रूप में संबंधित क्षेत्र में फोड़ा/फुंसी होने लगता है जिसे मेडिकल भाषा में सिप्लिस कहा जाता है। सिप्लिस होने पर तत्काल चिकित्सक से संपर्क करते हुए इसका इलाज नहीं करवाने पर संबंधित व्यक्ति का एचआइवी पॉजिटिव होने की संभावना 10 गुणा बढ़ जाती है। सिप्लिस होने पर समय पर इलाज कराने से लोग एचआइवी से सुरक्षित रह सकते हैं। इसके लिए लोगों को जागरूक होने की जरूरत है जिससे कि लोग एचआइवी संक्रमण से सुरक्षित रह सकें और सामान्य जीवन यापन सुनिश्चित कर सकें। एचआईवी संक्रमित व्यक्ति व उनके बच्चों को नियमित इलाज कराने पर मिलता है सहायता राशि : एचआईवी डीआईएस बी एन प्रसाद ने बताया कि एचआईवी संक्रमित व्यक्ति द्वारा नियमित रूप से जिला एआरटी सेंटर से आवश्यक दवा का सेवन करने से एचआईवी एड्स को नियंत्रित रखा जा सकता है। ऐसा करने पर संबंधित एचआईवी पॉजिटिव व्यक्ति को बिहार एड्स शताब्दी योजना के तहत प्रति माह 1500 रुपये सहयोग राशि के रूप में सरकार द्वारा दिया जाता है। इसके साथ साथ एचआइवी संक्रमित व्यक्ति के 18 वर्ष से कम उम्र के एचआईवी संक्रमित या एचआईवी से सुरक्षित सभी बच्चों को भी परवरिश योजना के तहत प्रति माह 1000 रुपये प्रति माह सहयोग राशि उपलब्ध कराई जाती है। एचआईवी संक्रमित लोगों को नियमित एड्स नियंत्रण दवा का उपयोग करते हुए इस योजनाओं का लाभ उठाना चाहिए।
मधुमक्खी के झुंड के हमले में एक चार वर्षीय बच्ची की मौत,भाई व मां गंभीर रूप से घायल

मधुमक्खी के झुंड के हमले में एक चार वर्षीय बच्ची की मौत,भाई व मां गंभीर रूप से घायल. पूर्णिया जिले के अमौर थाना क्षेत्र अंतर्गत बंगरा मेहदीपूर पंचायत के बनकोरा गांव में काली मधुमक्खी के झुंड के हमले ने एक चार वर्षीय बच्ची की जान ले ली है । इस हमले में मृत बच्ची का बड़ा भाई और उसकी मां की हालत गंभीर हैं जिसे बेहोसी की हालत में अस्पताल में भर्ती किया गया हैं. घटना अमौर थाना क्षेत्र अन्तर्गत बंगरा मेहदीपूर पंचायत के बनकोरा गांव में घटी है जहां मिथिलेश कुमार विश्वास की 06 वर्षीय पुत्र जयकांत कुमार, 04 वर्षीय पुत्री संजना कुमारी अन्य बच्चों के साथ पड़ोस के अशोक मुंशी के दरवाजे पर खेल रहा था । दरवाजे पर एक लिची का पेड़ था जिसमें काला बिरनी का छत्ता लगा हुआ था । खेल खेल में बच्चों ने लिची पेड़ की टहनियों को हिला दिया जिससे बिरनियों का झुंड उड़कर बच्चों पर हमला कर दिया, बच्चे की चीख पुकार सुन मां ने दौड़ते हुए बचाने गया,

     परन्तु अपनी बच्ची को नहीं बचा पाई , बच्ची संजना कुमारी की मृत्यु हो गई, बचाने गईं माँ और भाई भी मधुमक्खी के चपेट में आ गया, मां बेटी की हालत नाजुक देखते हुए , परिवार वालों ने अस्पताल में भर्ती कराया, जहाँ उपचार चल रहा है । घटना के बाद मिथिलेश विश्वास का पूरा परिवार सदमे में है और परिजनों का रो रो कर बुरा हाल है ।