राज्य टीम ने किया हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर दीवानगंज का मूल्यांकन
राज्य टीम ने किया हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर दीवानगंज का मूल्यांकन -अस्पताल में उपलब्ध सभी सुविधाओं की ली जानकारी -एनक्यूएएस प्रमाणपत्र के लिए अस्पताल में सभी 06 विभाग पूर्णतः कार्यरत -सभी उपलब्ध सुविधाओं की गुणवत्ता बेहतर होने और पब्लिक रिव्यु के आधार पर अस्पताल को दिया जाएगा अंक -70 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त होने पर अस्पताल को मिलेगा एनक्यूएएस प्रमाणपत्र -अस्पताल अधिकारियों और कर्मियों द्वारा किया गया बेहतर प्रयास पूर्णिया, 11 सितंबर जिला और प्रखंड के साथ साथ समुदाय स्तर पर भी लोगों को बेहतर चिकित्सकीय सहायता प्रदान करने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा सभी प्रखंड के विभिन्न क्षेत्रों में हेल्थ एंड वेलनेस सेंटरों का संचालन किया जा रहा है। अस्पताल द्वारा मरीजों को मिलने वाली सुविधाओं के आधार पर राज्यस्तरीय और राष्ट्रीय स्तर पर राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक (एनक्यूएएस) प्रमाणपत्र जारी किया जाता है। एनक्यूएएस प्रमाणपत्र मिलने पर अस्पताल को बेहतर सुविधा जारी रखने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा अतिरिक्त सहायता राशि भी प्रदान किया जाता है। एनक्यूएएस मानक के अनुसार अस्पताल को तैयार करने के बाद राज्य और केंद्र स्वास्थ्य अधिकारियों द्वारा अस्पताल का मूल्यांकन करते हुए अस्पताल में उपलब्ध सुविधाओं के आधार पर अस्पताल को अंक प्रदान किया जाता है। एनक्यूएएस प्रमाणपत्र के लिए राज्य स्तरीय टीम में राज्य स्वास्थ्य समिति बिहार की आशा कंसल्टेंट शालिनी सिन्हा और चिकित्सा अधिकारी डॉ राजीव कुमार ने पूर्णिया पूर्व प्रखंड के हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर दीवानगंज का मंगलवार और बुधवार को दो दिनों निरीक्षण किया। इस दौरान स्वास्थ्य अधिकारियों द्वारा अस्पताल में उपलब्ध विभिन्न सुविधाओं की जानकारी लेते हुए मरीजों को उससे मिलने वाले लाभ का मूल्यांकन किया गया। इस दौरान जिला स्वास्थ्य विभाग से डीसीएम संजय कुमार दिनकर, यूनिसेफ जिला सलाहकार शिवशेखर आनंद, डीसीक्यूए डॉ अनिल कुमार शर्मा, प्रखंड स्वास्थ्य पदाधिकारी डॉ शरद कुमार, बीएचएम विभव कुमार, दीवानगंज मुखिया अंगद मंडल, हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर के सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी रजत कुमार सहित अन्य स्वास्थ्य अधिकारी, एएनएम और अन्य लोग उपस्थित रहे। अस्पताल में उपलब्ध सभी सुविधाओं की ली जानकारी : राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक के अनुसार राज्य स्वास्थ्य अधिकारियों द्वारा अस्पताल में मरीजों के लिए उपलब्ध 06 विभागों की जानकारी ली गई। इसमें लेबर रूम की व्यवस्था, गैर संचारी रोग नियंत्रण सुविधा, राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रम में शामिल कालाजार, फाइलेरिया, टीबी आदि रोग नियंत्रण की सुविधा, लैबोरेटरी की सुविधा, ओपीडी और आईपीडी व्यवस्था शामिल हैं। राज्य स्तरीय टीम द्वारा हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर, दीवानगंज में उपलब्ध इन सभी सुविधाओं का मूल्यांकन करते हुए मरीजों को मिल रही व्यवस्था का आकलन किया गया। अस्पताल में उपलब्ध मरीजों से अस्पताल में मिलने वाले सुविधाओं की जानकारी ली गई। इसके आधार पर अस्पताल में मरीजों को मिल रही सुख सुविधाओं को राज्य स्वास्थ्य समिति में रिपोर्ट किया जाएगा। राज्य स्वास्थ्य विभाग द्वारा उपलब्ध सुविधाओं के आधार पर अस्पताल को अंक प्रदान किया जायेगा। सभी उपलब्ध सुविधाओं की गुणवत्ता बेहतर होने और पब्लिक रिव्यु के आधार पर अस्पताल को दिया जाएगा अंक : राज्य स्वास्थ्य समिति बिहार की आशा कंसल्टेंट शालिनी सिन्हा ने बताया कि दीवानगंज अस्पताल की सभी व्यवस्था सुचारू रूप से कार्यरत हो रहा है इसकी जानकारी लेने के लिए राज्य स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा अस्पताल का मूल्यांकन किया गया। इस दौरान अस्पताल में उपलब्ध सुविधाओं की जानकारी लेने के साथ साथ स्थानीय लोगों को इससे मिलने वाले लाभ की जानकारी ली गई और संबंधित रिपोर्ट तैयार किया गया। रिपोर्ट के अनुसार मरीजों के लिए अस्पताल में उपलब्ध चिकित्सकीय सुविधा को राज्य स्वास्थ्य विभाग द्वारा रिपोर्ट में मूल्यांकन करते हुए अंक प्रदान किया जाएगा। उसके अनुसार अस्पताल को एनक्यूएएस प्रमाणपत्र जारी किया जाएगा जिससे कि यहां के लोगों को अस्पताल में सभी सुविधा नियमित रूप से मिलती रहेगी। 70 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त होने पर अस्पताल को मिलेगा एनक्यूएएस प्रमाणपत्र : यूनिसेफ जिला सलाहकार शिवशेखर आनंद ने बताया कि एनक्यूएएस के तहत दो प्रकार के प्रमाणन की व्यवस्था है। पहला राज्य प्रमाणन होता है जिसके तहत राज्य की टीम द्वारा मूल्यांकन किया जाता है। जब अस्पताल को राज्य द्वारा प्रमाणपत्र मिल जाता है उसके बाद संबंधित अस्पताल केंद्रीय प्रमाणन के पात्र बन सकता है। एनक्यूएएस प्रमाणिकरण के लिए अस्पताल में वह सभी व्यवस्था उपलब्ध होनी चाहिए जो उस स्तर के अस्पताल के लिए आवश्यक है। उन सभी विभागों के मूल्यांकन के बाद उसे मूल्यांकन टीम द्वारा अंक प्रदान किया जाता है। अस्पताल में उपलब्ध सुविधाओं के आधार पर 70 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त करने पर अस्पताल को एनक्यूएएस प्रमाणपत्र जारी किया जाता है। उन्होंने बताया कि हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर दीवानगंज में सभी व्यवस्था उपलब्ध है जिससे कि उसे एनक्यूएएस प्रमाणपत्र मिल सकता है। अस्पताल अधिकारियों और कर्मियों द्वारा किया गया बेहतर प्रयास : सिविल सर्जन डॉ प्रमोद कुमार कनौजिया ने बताया कि हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर दीवानगंज में राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक (एनक्यूएएस) प्रमाणीकरण के लिए आवश्यक सभी स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध है। इसका निरक्षण जिला स्तरीय टीम द्वारा पहले से किया गया है जिसमें अस्पताल एनक्यूएएस के सभी पैमाने पर शत प्रतिशत खरा उतरा है। इसके लिए यहां कार्यरत स्वास्थ्य अधिकारी व कर्मियों द्वारा नियमित बेहतर प्रयास किया जाता है जिससे कि यहां उपस्थित मरीजों को आसानी से बेहतर सामान्य स्वास्थ्य चिकित्सा उपलब्ध हो सके। इसके जांच के लिए उपस्थित राज्य स्तरीय टीम के द्वारा सभी विभागों का अवलोकन किया गया है और अस्पताल के प्रदर्शन के आधार पर टीम द्वारा अपनी संतुष्टि जताई गई है। राज्य टीम द्वारा निर्धारित अंक के अनुसार अस्पताल को राज्य स्तरीय एनक्यूएएस प्रमाणपत्र मिल सकेगा जिसके बाद अस्पताल द्वारा नेशनल एनक्यूएएस प्रमाणपत्र के लिए तैयारी शुरू कर दिया जाएगा।
सौरा नदी में डूबने से 12 साल के बच्चे की मौत,परिजनों में कोहराम

पूर्णिया में सौरा नदी में डूबने से 12 साल के बच्चे की मौत हो गई। मृतक दोस्तों के साथ कूड़ा बिनकर नदी में नहाने गया था। इसी क्रम में उसका पैर फिसला और वो गहरे पानी में जा समाया। उसे डूबता देख वहां मौजूद बच्चों ने शोर मचाना शुरू किया। जिसके बाद स्थानीय गोताखोर बच्चे को बचाने नदी में कूदे, मगर काफी खोजबीन के बाद भी बच्चे को ढूंढा नहीं जा सका। कुछ ही देर बाद सूचना पाकर स्थानीय पुलिस और फिर SDRF की टीम पहुंची, जिसके बाद घंटों की मशक्कत के बाद शव को आज सुबह पानी से बाहर निकाला जा सका।

      घटना शहर के सदर थाना क्षेत्र के सौरा नदी घाट की है। बच्चे की मौत के बाद से परिजनों में मातम पसरा है। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंच चुकी है। शव को पोस्टमॉर्टम के लिए GMCH पूर्णिया लेकर आई है। मृतक की पहचान के.हाट थाना क्षेत्र के पूर्णिया कोर्ट के बालकिशुन नगर वार्ड 17 निवासी कन्हैया ऋषिदेव के बेटे साजन कुमार 12 के रूप में हुई है। घटना की जानकारी देते हुए मृतक बच्चे की दीदी संजो देवी ने बताया कि बच्चा रोजाना की तरह इलाके के बच्चों के साथ देर दोपहर घर से कूड़ा बिनने निकला था। इसी क्रम में वो सौरा नदी में नहाने चला गया। इसी क्रम में उसका पैर फिसला और फिर वो नदी में डूबने लगा। इधर बच्चे को डूबता देख साथ में खेल रहे बच्चों ने शोर मचाना शुरू किया। शोर की आवाज सुनकर स्थानीय मौके पर जुटे।
      स्थानीय गोताखोरों ने उसे बचाने नदी में छलांग लगाई, मगर उसे ढूंढा नहीं जा सका। जिसके बाद सदर थाना की पुलिस ने SDRF को घटना की जानकारी दी।

       सूचना पाकर पहुंची SDRF की टीम शाम ढलने तक बच्चे की खोजबीन में जुटी रही। आज सुबह अंजोरा होने पर SDRF ने दोबारा से बच्चे की खोजबीन शुरू की। घंटों की मशक्कत के बाद बच्चे के शव को सौरा नदी से बाहर निकाला गया। इधर बच्चे की मौत के बाद से परिजनों में मातम पसरा है। सूचना मिलते ही सदर थाना की पुलिस ने मृतक बच्चे के शव को अपने कब्जे में ले लिया है और पोस्टमॉर्टम में जुट गई है।
मोबाइल छिनतई का विरोध करने पर अपराधियों ने युवक पर चलाई गोली, अपराधी चढ़ा वीर के हत्थे, फिर क्या हुआ देखिए इस खबर में

पूर्णिया मोबाइल छिनतई का विरोध करने पर बदमाशों ने एक युवक पर गोली चला दी। संयोगवश गोली युवक के सिर के बगल से निकली लेकिन बारूद के छीटे से युवक गंभीर रूप से घायल हो गया। हालांकि पुलिस गोली चलने की बात से इनकार कर रही है। वारदात को एक बाइक पर सवार 3 बदमाश अंजाम देने पहुंचे थे। छिनतई और फायरिंग की वारदात को अंजाम देकर भाग रहे 2 बदमाशों को ग्रामीणों ने खदेड़कर पकड़ लिया और फिर उसकी जमकर धुनाई कर दी।

      भीड़ ने पहले दोनों को हाथ बांध दिए, इसके बाद लात, घुसे और मुक्के से अधमरा होने तक पीटते रहे। वहीं समूचे घटनाक्रम से जुड़ा लाइव वीडियो भी सामने आया है। जिसमें ग्रामीण बदमाशों की बेतरतीब धुनाई करते दिख रहे हैं। घटना रूपौली थाना क्षेत्र के दरगहा से लाहरौनी जाने वाली सड़क की है। इधर घटना की सूचना मिलते ही रुपौली थाना की पुलिस मौके पर पहुंची, जिसके बाद किसी तरह बदमाशों की जान बच सकी। फिलहाल पुलिस दोनों को हिरासत में लेकर थाना ले आई है। फरार तीसरे बदमाशों के बारे में पूछताछ की जा रही है। फायरिंग में बारूद के छींटों से घायल हुए युवक की पहचान रूपौली थाना क्षेत्र के दरगहा गांव निवासी मो इरशाद के रूप में हुई है। हादसे में घायल शख्स को घटना के फौरन बाद गंभीर हालत में रेफ़रल अस्पताल रूपौली में एडमिट कराया गया, जहां उसका इलाज जारी है।

      घटना की जानकारी देते हुए घायल मो इरशाद ने बताया कि वो बाजार से वापस अपने घर लौट रहा था कि तभी रूपौली के दरगहा से लाहरौनी जाने वाली सड़क में स्कूल के समीप बाइक सवार बदमाशों ने रास्ता पूछने के बहाने अपने पास बुलाया और फिर मोबाइल की छिनतई कर भागने लगे। उन्होंने जब इसका विरोध किया, तो बदमाशों ने उनके ऊपर गोली चला दी, संयोगवश ये गोली उनके सिर के बगल से होकर गुजरी, लेकिन बारूद के छींटे से वे गंभीर रूप से जख्मी हो गए। जिसके बाद परिजनों की मदद से उन्हें इलाज के लिए रेफ़रल अस्पताल रूपौली में एडमिट कराया गया। इधर फायरिंग की आवाज सुनकर ग्रामीण मौके पर जुट गए। जिसके बाद बाइक पर स्वर तीन में से दो बदमाशों की ग्रामीणों ने खदेड़कर पकड़ लिया और फिर जमकर उसकी कुटाई कर दी। भीड़ में खड़े जिस किसी को मौका मिला, उसने बदमाशों पर अपना हाथ साफ किया। लोगों ने बदमाशों के हाथ बांध दिए और अधमरा होने तक उसे पीटते रहे। इधर घटना की सूचना पर रूपौली थाना की पुलिस मौके पर पहुंची। जहां काफी मशक्कत के बाद आक्रोशित मॉब के बीच से बदमाशों को बाहर निकाला गया और फिर उसकी जान बच सकी। पकड़े गए दोनों बदमाशों को पुलिस हिरासत में लेकर थाने लेकर आई है। फरार तीसरे बदमाश के बारे में पूछताछ की जा रही है। इधर घटना की जानकारी देते हुए रूपौली थानाध्यक्ष उदय कुमार ने बताया कि घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची थी। जिसके बाद दोनों बदमाशों को मॉब के बीच से निकाला गया और इसी जान बचाई गई। दोनों को हिरासत में लेकर पुलिस थाना ले आई है और पूछताछ की जा रही है। पुलिस ने गोली चलने की बात से इनकार किया है।
केंद्रीय कारा पूर्णिया में स्वास्थ्य अधिकारियों द्वारा उपस्थित बंदियों को एचआईवी एड्स के प्रति किया गया जागरूक

केंद्रीय कारा पूर्णिया में स्वास्थ्य अधिकारियों द्वारा उपस्थित बंदियों को एचआईवी एड्स के प्रति किया गया जागरूक -जिले के सभी क्षेत्रों में 12 अगस्त से 12 अक्टूबर तक चलाया जा रहा एचआईवी एड्स जागरूकता अभियान -सिफलिस होने पर तत्काल जांच व इलाज नहीं कराने पर एचआईवी संक्रमित होने का रहता है खतरा : सीडीओ -एचआईवी संक्रमित व्यक्ति व उनके बच्चों को नियमित इलाज कराने पर मिलता है सहायता राशि पूर्णिया, 09 सितंबर एचआईवी एड्स के प्रति लोगों को जागरूक करते हुए संक्रमित व्यक्ति को नियमित आवश्यक इलाज करवाने के प्रति जागरूक करने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा 12 अगस्त से 12 अक्टूबर तक जिले के सभी क्षेत्रों में एड्स जागरूकता अभियान (इंटेसिफाइड कैंपेन) चलाया जा रहा है। इसके तहत स्वास्थ्य अधिकारियों और कर्मियों द्वारा जिले के सभी प्रखंडों के विभिन्न क्षेत्रों में लोगों को एड्स संक्रमण से सुरक्षा के लिए सावधानी बरतने के प्रति जागरूक करने के लिए जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है।

समाज से दूर जेल में रहने वाले बंदियों को भी इसके प्रति जागरूक करने के लिए स्वास्थ्य अधिकारियों द्वारा केंद्रीय कारागार, पूर्णिया में एड्स जागरूकता अभियान चलाया गया। इस दौरान सभी बंदियों को एड्स से सुरक्षा के लिए सावधानी रखते हुए एड्स संक्रमित होने पर अस्पताल से नियमित जांच और इलाज सुविधा का लाभ लेने के लिए आवश्यक जानकारी दिया गया।केंद्रीय कारागार में एड्स जागरूकता अभियान में दौरान जेल अधीक्षक मनोज कुमार, जिला संचारी रोग नियंत्रण पदाधिकारी (सीडीओ) सह जिला एड्स नियंत्रण पदाधिकारी (डीएसीओ) डॉ कृष्ण मोहन दास, डब्लूएचओ कंसल्टेंट डॉ इश्फाक नाजिर भट्ट, केंद्रीय कारागार चिकित्सा अधिकारी डॉ प्रीतम प्रियदर्शी, डीपीएस राजेश शर्मा, एचआईवी जिला समन्यवक बी.एन प्रसाद के साथ सभी केंद्रीय जेल के बंदी उपस्थित रहे। जेल कैदियों को भी एड्स से सुरक्षा के प्रति जागरूक करना आवश्यक :
   सिविल सर्जन प्रभारी सिविल सर्जन डॉ आर पी मंडल ने कहा कि बहुत से बंदी अपने अपराधियों के कारण जेल में बहुत दिन तक कैद रहते हैं। समाज से दूर रहने के बाद भी सभी कैदियों को एचआईवी एड्स से सुरक्षा के लिए जागरूक रहना आवश्यक है। इसलिए एड्स जागरूकता अभियान के तहत केंद्रीय कारा बंदियों को भी एड्स से सुरक्षा के प्रति जागरूक किया गया है। सभी को बताया गया कि एक पुरुष या एक महिला द्वारा बहुत से लोगों के साथ शारीरिक संबंध बनाने से संबंधित व्यक्ति एचआईवी एड्स से ग्रसित हो सकते हैं। इसके अलावा बाल कटवाने या दाढ़ी बनवाने के दौरान एचआईवी संक्रमित व्यक्ति के उपयोग वाले ब्लेड/कैंची बिना बदले या साफ किए उपयोग करने पर एचआईवी पॉजिटिव व्यक्ति का खून सामान्य व्यक्ति के खून से मिलने पर भी लोग एचआईवी संक्रमित हो सकते हैं। जेल के कैदियों को भी इसके प्रति जागरूक करना बिहार सरकार और स्वास्थ्य विभाग की प्राथमिकता में शामिल है। इसके लिए बिहार एड्स कंट्रोल सोसायटी के निर्देशक द्वारा सभी जेल के कैदियों को इसके लिए जागरूक करने का आवश्यक निर्देश दिया गया है जिसके लिए जिला स्वास्थ्य विभाग द्वारा केंद्रीय कारागार में जागरूकता अभियान चलाया गया और सभी को इसकी जानकारी दी गई। इससे सभी बंदी भी एचआईवी एड्स के प्रति जागरूक रह सकेंगे और संक्रमित होने पर अस्पताल से आवश्यक उपचार का लाभ उठा सकेंगे। सिप्लिस होने पर तत्काल जांच व इलाज नहीं कराने पर एचआईवी संक्रमित होने का रहता है खतरा : सीडीओ जिला संचारी रोग नियंत्रण पदाधिकारी (सीडीओ) सह जिला एड्स नियंत्रण पदाधिकारी (डीएसीओ) डॉ कृष्ण मोहन दास ने बताया कि बहुत से लोगों से बहुत बार शारीरिक संबंध बनाने पर संबंधित पुरुष और महिला एचआईवी संक्रमित हो सकते हैं। गैर संचारी शारीरिक संबंध बनाने पर किसी भी पुरूष या महिला के प्राइवेट पार्ट में इंफेक्शन हो सकता है। इंफेक्शन के रूप में संबंधित क्षेत्र में फोड़ा/फुंसी होने लगता है जिसे मेडिकल भाषा में सिप्लिस कहा जाता है। सिप्लिस होने पर तत्काल चिकित्सक से संपर्क करते हुए इसका इलाज नहीं करवाने पर संबंधित व्यक्ति का एचआइवी पॉजिटिव होने की संभावना 10 गुणा बढ़ जाती है। सिप्लिस होने पर समय पर इलाज कराने से लोग एचआइवी से सुरक्षित रह सकते हैं। इसके लिए लोगों को जागरूक होने की जरूरत है जिससे कि लोग एचआइवी संक्रमण से सुरक्षित रह सकें और सामान्य जीवन यापन सुनिश्चित कर सकें। एचआईवी संक्रमित व्यक्ति व उनके बच्चों को नियमित इलाज कराने पर मिलता है सहायता राशि : एचआईवी डीआईएस बी एन प्रसाद ने बताया कि एचआईवी संक्रमित व्यक्ति द्वारा नियमित रूप से जिला एआरटी सेंटर से आवश्यक दवा का सेवन करने से एचआईवी एड्स को नियंत्रित रखा जा सकता है। ऐसा करने पर संबंधित एचआईवी पॉजिटिव व्यक्ति को बिहार एड्स शताब्दी योजना के तहत प्रति माह 1500 रुपये सहयोग राशि के रूप में सरकार द्वारा दिया जाता है। इसके साथ साथ एचआइवी संक्रमित व्यक्ति के 18 वर्ष से कम उम्र के एचआईवी संक्रमित या एचआईवी से सुरक्षित सभी बच्चों को भी परवरिश योजना के तहत प्रति माह 1000 रुपये प्रति माह सहयोग राशि उपलब्ध कराई जाती है। एचआईवी संक्रमित लोगों को नियमित एड्स नियंत्रण दवा का उपयोग करते हुए इस योजनाओं का लाभ उठाना चाहिए।
केंद्रीय कारा पूर्णिया में स्वास्थ्य अधिकारियों द्वारा उपस्थित बंदियों को एचआईवी एड्स के प्रति किया गया जागरूक

केंद्रीय कारा पूर्णिया में स्वास्थ्य अधिकारियों द्वारा उपस्थित बंदियों को एचआईवी एड्स के प्रति किया गया जागरूक -जिले के सभी क्षेत्रों में 12 अगस्त से 12 अक्टूबर तक चलाया जा रहा एचआईवी एड्स जागरूकता अभियान -सिफलिस होने पर तत्काल जांच व इलाज नहीं कराने पर एचआईवी संक्रमित होने का रहता है खतरा : सीडीओ -एचआईवी संक्रमित व्यक्ति व उनके बच्चों को नियमित इलाज कराने पर मिलता है सहायता राशि पूर्णिया, 09 सितंबर एचआईवी एड्स के प्रति लोगों को जागरूक करते हुए संक्रमित व्यक्ति को नियमित आवश्यक इलाज करवाने के प्रति जागरूक करने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा 12 अगस्त से 12 अक्टूबर तक जिले के सभी क्षेत्रों में एड्स जागरूकता अभियान (इंटेसिफाइड कैंपेन) चलाया जा रहा है। इसके तहत स्वास्थ्य अधिकारियों और कर्मियों द्वारा जिले के सभी प्रखंडों के विभिन्न क्षेत्रों में लोगों को एड्स संक्रमण से सुरक्षा के लिए सावधानी बरतने के प्रति जागरूक करने के लिए जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है।

समाज से दूर जेल में रहने वाले बंदियों को भी इसके प्रति जागरूक करने के लिए स्वास्थ्य अधिकारियों द्वारा केंद्रीय कारागार, पूर्णिया में एड्स जागरूकता अभियान चलाया गया। इस दौरान सभी बंदियों को एड्स से सुरक्षा के लिए सावधानी रखते हुए एड्स संक्रमित होने पर अस्पताल से नियमित जांच और इलाज सुविधा का लाभ लेने के लिए आवश्यक जानकारी दिया गया।केंद्रीय कारागार में एड्स जागरूकता अभियान में दौरान जेल अधीक्षक मनोज कुमार, जिला संचारी रोग नियंत्रण पदाधिकारी (सीडीओ) सह जिला एड्स नियंत्रण पदाधिकारी (डीएसीओ) डॉ कृष्ण मोहन दास, डब्लूएचओ कंसल्टेंट डॉ इश्फाक नाजिर भट्ट, केंद्रीय कारागार चिकित्सा अधिकारी डॉ प्रीतम प्रियदर्शी, डीपीएस राजेश शर्मा, एचआईवी जिला समन्यवक बी.एन प्रसाद के साथ सभी केंद्रीय जेल के बंदी उपस्थित रहे। जेल कैदियों को भी एड्स से सुरक्षा के प्रति जागरूक करना आवश्यक :
   सिविल सर्जन प्रभारी सिविल सर्जन डॉ आर पी मंडल ने कहा कि बहुत से बंदी अपने अपराधियों के कारण जेल में बहुत दिन तक कैद रहते हैं। समाज से दूर रहने के बाद भी सभी कैदियों को एचआईवी एड्स से सुरक्षा के लिए जागरूक रहना आवश्यक है। इसलिए एड्स जागरूकता अभियान के तहत केंद्रीय कारा बंदियों को भी एड्स से सुरक्षा के प्रति जागरूक किया गया है। सभी को बताया गया कि एक पुरुष या एक महिला द्वारा बहुत से लोगों के साथ शारीरिक संबंध बनाने से संबंधित व्यक्ति एचआईवी एड्स से ग्रसित हो सकते हैं। इसके अलावा बाल कटवाने या दाढ़ी बनवाने के दौरान एचआईवी संक्रमित व्यक्ति के उपयोग वाले ब्लेड/कैंची बिना बदले या साफ किए उपयोग करने पर एचआईवी पॉजिटिव व्यक्ति का खून सामान्य व्यक्ति के खून से मिलने पर भी लोग एचआईवी संक्रमित हो सकते हैं। जेल के कैदियों को भी इसके प्रति जागरूक करना बिहार सरकार और स्वास्थ्य विभाग की प्राथमिकता में शामिल है। इसके लिए बिहार एड्स कंट्रोल सोसायटी के निर्देशक द्वारा सभी जेल के कैदियों को इसके लिए जागरूक करने का आवश्यक निर्देश दिया गया है जिसके लिए जिला स्वास्थ्य विभाग द्वारा केंद्रीय कारागार में जागरूकता अभियान चलाया गया और सभी को इसकी जानकारी दी गई। इससे सभी बंदी भी एचआईवी एड्स के प्रति जागरूक रह सकेंगे और संक्रमित होने पर अस्पताल से आवश्यक उपचार का लाभ उठा सकेंगे। सिप्लिस होने पर तत्काल जांच व इलाज नहीं कराने पर एचआईवी संक्रमित होने का रहता है खतरा : सीडीओ जिला संचारी रोग नियंत्रण पदाधिकारी (सीडीओ) सह जिला एड्स नियंत्रण पदाधिकारी (डीएसीओ) डॉ कृष्ण मोहन दास ने बताया कि बहुत से लोगों से बहुत बार शारीरिक संबंध बनाने पर संबंधित पुरुष और महिला एचआईवी संक्रमित हो सकते हैं। गैर संचारी शारीरिक संबंध बनाने पर किसी भी पुरूष या महिला के प्राइवेट पार्ट में इंफेक्शन हो सकता है। इंफेक्शन के रूप में संबंधित क्षेत्र में फोड़ा/फुंसी होने लगता है जिसे मेडिकल भाषा में सिप्लिस कहा जाता है। सिप्लिस होने पर तत्काल चिकित्सक से संपर्क करते हुए इसका इलाज नहीं करवाने पर संबंधित व्यक्ति का एचआइवी पॉजिटिव होने की संभावना 10 गुणा बढ़ जाती है। सिप्लिस होने पर समय पर इलाज कराने से लोग एचआइवी से सुरक्षित रह सकते हैं। इसके लिए लोगों को जागरूक होने की जरूरत है जिससे कि लोग एचआइवी संक्रमण से सुरक्षित रह सकें और सामान्य जीवन यापन सुनिश्चित कर सकें। एचआईवी संक्रमित व्यक्ति व उनके बच्चों को नियमित इलाज कराने पर मिलता है सहायता राशि : एचआईवी डीआईएस बी एन प्रसाद ने बताया कि एचआईवी संक्रमित व्यक्ति द्वारा नियमित रूप से जिला एआरटी सेंटर से आवश्यक दवा का सेवन करने से एचआईवी एड्स को नियंत्रित रखा जा सकता है। ऐसा करने पर संबंधित एचआईवी पॉजिटिव व्यक्ति को बिहार एड्स शताब्दी योजना के तहत प्रति माह 1500 रुपये सहयोग राशि के रूप में सरकार द्वारा दिया जाता है। इसके साथ साथ एचआइवी संक्रमित व्यक्ति के 18 वर्ष से कम उम्र के एचआईवी संक्रमित या एचआईवी से सुरक्षित सभी बच्चों को भी परवरिश योजना के तहत प्रति माह 1000 रुपये प्रति माह सहयोग राशि उपलब्ध कराई जाती है। एचआईवी संक्रमित लोगों को नियमित एड्स नियंत्रण दवा का उपयोग करते हुए इस योजनाओं का लाभ उठाना चाहिए।
मधुमक्खी के झुंड के हमले में एक चार वर्षीय बच्ची की मौत,भाई व मां गंभीर रूप से घायल

मधुमक्खी के झुंड के हमले में एक चार वर्षीय बच्ची की मौत,भाई व मां गंभीर रूप से घायल. पूर्णिया जिले के अमौर थाना क्षेत्र अंतर्गत बंगरा मेहदीपूर पंचायत के बनकोरा गांव में काली मधुमक्खी के झुंड के हमले ने एक चार वर्षीय बच्ची की जान ले ली है । इस हमले में मृत बच्ची का बड़ा भाई और उसकी मां की हालत गंभीर हैं जिसे बेहोसी की हालत में अस्पताल में भर्ती किया गया हैं. घटना अमौर थाना क्षेत्र अन्तर्गत बंगरा मेहदीपूर पंचायत के बनकोरा गांव में घटी है जहां मिथिलेश कुमार विश्वास की 06 वर्षीय पुत्र जयकांत कुमार, 04 वर्षीय पुत्री संजना कुमारी अन्य बच्चों के साथ पड़ोस के अशोक मुंशी के दरवाजे पर खेल रहा था । दरवाजे पर एक लिची का पेड़ था जिसमें काला बिरनी का छत्ता लगा हुआ था । खेल खेल में बच्चों ने लिची पेड़ की टहनियों को हिला दिया जिससे बिरनियों का झुंड उड़कर बच्चों पर हमला कर दिया, बच्चे की चीख पुकार सुन मां ने दौड़ते हुए बचाने गया,

     परन्तु अपनी बच्ची को नहीं बचा पाई , बच्ची संजना कुमारी की मृत्यु हो गई, बचाने गईं माँ और भाई भी मधुमक्खी के चपेट में आ गया, मां बेटी की हालत नाजुक देखते हुए , परिवार वालों ने अस्पताल में भर्ती कराया, जहाँ उपचार चल रहा है । घटना के बाद मिथिलेश विश्वास का पूरा परिवार सदमे में है और परिजनों का रो रो कर बुरा हाल है ।
कटाव का निरीक्षण करने गए जिला परिषद प्रतिनिधि को ग्रामीणों ने बनाया बंधक
बायसी प्रखंड से एक सनसनीखेज खबर सामने आ रही है जहां नदी कटाव का निरीक्षण करने गए जिला परिषद प्रतिनिधि को ग्रामीणों ने बंधक बना लिया और कटाव निरोधक कार्य की जल्द से जल्द मांग की, दरअसल पूरा मामला प्रखंड के गंगार पंचायत अंतर्गत तेलंगाना मालोपाड़ा की है जहां क्षेत्र संख्या 33 के जिला परिषद प्रतिनिधि तारीक अनवर उर्फ प्रवेज नाज महानंदा नदी से हो रहे कटाव का निरीक्षण करने के लिए पहुंचा, इसी बीच ग्रामीणों ने इकट्ठा होकर उसे बंधक बना लिया और कटाव निरोधक कार्य करने की मांग की, वही जब ग्रामीणों को पूछा गया तो ग्रामीणों ने बताया कि नदी कटाव इतनी तेज है कि चंद दिनों में ही नदी गांव के करीब पहुंच चुकी है, जिसको लेकर हम सब ने ठाना है कि आज जब तक विभाग या जनप्रतिनिधि के द्वारा कटाव निरोधक कार्य शुरू नही किया जाएगा तब तक हम सभी जिला पार्षद को यहा से जाने नही देंगे, जिसको लेकर जिला परिषद प्रतिनिधि तारीक अनवर उर्फ परवेज नाज ने कहा कि सभी ग्रामीण द्वारा हमें बंधक बनाया गया किंतु यह उसका दायित्व है, क्योंकि जब गांव तबाह होने पर है

       ऐसे में उन सभी का मांग है कि जल्द से जल्द काटाव निरोधक कार्य कर गांव को बचाया जाए, हालांकि इसको लेकर जिला परिषद प्रतिनिधि ने ग्रामीणों से एक सप्ताह का समय मांगने हुए आश्वासन दिया है कि यही कार्य नही किया जाएगा तो फिर आगे आप जो करेंगे मंजुर है, जिसके बाद ग्रामीणों ने उसे वहा से जाने दिया, अब देखना यह होगा कि क्या जिला परिषद प्रतिनिधि के द्वारा दी गई आश्वासन पूरा हो पाएगा, क्या एक सप्ताह के भीतर कटाव निरोधक कार्य शुरु कर इस गांव को बचाया जाएगा। हालांकि तारीख अनवर ने मौके से जिला चैयरमैन को वीडियो कॉल के माध्यम से तमाम लोगों की दुख दर्द को दिखाए एव सारी बातो को बताया और जिला प्रशासन से इस गांव मे तुरंत काटाव निरोधक कार्य करने की अपील की।
तनिष्क शोरूम लूट कांड के मुख्य आरोपी गिरफ्तार । इन्हीं पांच अपराधियों ने लूटकांड की घटना को दिया था अंजाम ।

पिछले 26 जुलाई को पूर्णिया के तनिष्क शोरूम लूट का पूर्णिया पुलिस ने सफल उद्वेदन कर लिया है । पुलिस अधीक्षक के पीछे खड़े पांच नकाबपोश की गिरफ्तारी बिहार के अलग-अलग जिलों से पूर्णिया पुलिस ने की है । जिसमें प्रशांत गौरव की गिरफ्तारी बिहार के मुजफ्फरपुर से, सोनू झा की गिरफ्तारी पूर्णिया से, बिट्टू कुमार पासवान की गिरफ्तारी मुजफ्फरपुर से, तो अंकुश कुमार की गिरफ्तारी रोहतास जिले से की गई है । जबकि सम्मी आनंद को पटना से गिरफ्तार किया गया है ।
      यह गिरफ्तारी पूर्णिया पुलिस के साथ-साथ एसटीएफ की टीम द्वारा की गई है । यह सभी नकाबपोश तनिष्क लूट कांड के मुख्य अभियुक्त हैं जो शोरूम के अंदर घुसकर लूटपाट की घटना को अंजाम दिया था । पूर्णिया पुलिस अधीक्षक उपेंद्रनाथ वर्मा ने बताया कि इससे पूर्व भी इस लूट कांड में सात लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है । जबकि लूट कांड का मास्टरमाइंड सुबोध सिंह ,प्रिंस राज, बिट्टू सिंह पहले से ही जेल में बंद है । उन्होंने कहा कि जल्द ही इन लोगों को रिमांड पर लेकर पूछताछ की जाएगी । जिससे कई और अहम राज खुलेंगे । हालांकि तनिष्क शोरूम लूट कांड 3 करोड़ 70 लाख से ज्यादा की लूट हुई थी ।

         लेकिन पूर्णिया पुलिस के हाथ महज एक हीरे की अंगूठी लगी और अब तक पुलिस के हाथ 12 गिरफ्तारी के सिवा खाली रहे हैं । पूर्णिया पुलिस का दावा है कि जल्द ही और भी बड़े खुलासे होंगे ।
जालिम पति ने अपने पत्नी को ही लोहे के रड से मार कर मौत के नींद उतार दी

बायसी बायसी प्रखंड क्षेत्र के आसजा मोबैया पंचायत के बजडी गांव वार्ड नंबर 15 में जालिम पति ने खुद पत्नी को ही लोहे के रड से मार मार कर घटनास्थल पर ही मौत का नींद उतार दी आपको बता दे की कीर्ति शर्मा का पुत्र जालिम उर्फ जुलूम शर्मा गांव मलहरिया के सात वर्ष पहले ही बजडी शर्मा टोली गांव में तेतली देवी की पुत्री कविता कुमारी से विवाह हुवी थी और शादी के ही कुछ दिनों से आपसी विवाद चलता रहता था और विवाद इतना बढ़ गया अचानक शुक्रवार के सुबह चार बजे सुबह मुंह में कपड़ा ठोस कर सर पर लोहे के रड से सर पर वार करने से मकई वारदात पड़ ही उनकी मृत्यु हो गई
      वहीं मृतक की मां को पूछने पर उन्होंने बताई कि मेरी बेटी बहुत अच्छी थी और यह लड़का मेरे बेटी को बहुत दिन से प्रताड़ित करता था और आज मेरे घर में ही अंदर से बंद कर मेरी बेटी के सर पर लोहे के रड से मार कर हत्या कर दी और वही हत्या करने के बाद खुद से अपने गले में सारी बांधकर पंखे से लटकने का कोशिश किया जिसमें ग्रामीणों ने देखने के बाद फिर दरवाजा तोड़कर उन्हें बचा लिया गया और वही मौके पर बायसी पुलिस को सूचना दिया और बायसी पुलिस सुरेश कुमार एस आई बच्चन मंडल एस आई सुमन कुमारी दलबल के साथ घटनास्थल पहुंचकर हत्यारे को पकड़ कर थाना ले गया उनके पति को पूछने पर उनके पति ने बताया कि मेरी पत्नी की संबंध मेरे बड़े भाई से चल रहा था जिसको लेकर मैं अपनी पत्नी को बार-बार मन करता था लेकिन मेरी पत्नी माना नहीं मानती थी वहीं स्थानीय मुखिया प्रतिनिधि मोहम्मद अज्जद राजा को पूछने पर उन्होंने बताया कि यह जितना भी बयान पति का सर सारी गलत है वहीं स्थानीय जिला पार्षद प्रतिनिधि तारिक अनवर उर्फ परवेज नाज को भी पूछने उनौहने ने दुख जताया वह स्थानीय सरपंच महफूज आलम को भी पूछने पर उन्होंने बताया कि यह लड़की बहुत अच्छी थी और कभी इस तरह का शिकायत हम लोगों को नहीं मिला वहीं ग्रामीण संत संघ के अध्यक्ष सुरेश शर्मा भी इस घटना को दुख जताया है वही ग्रामीणों के सहयोग से जालिम शर्मा को पुलिस के हवाले कर इंसाफ के लिए ग्वार लग रही है अब मृतक कविता की दो छोटे-छोटे बच्चे हैं जो हमेशा के लिए मां के सैया बच्चों के सर से उठ गया
शहीद जगदेव बाबू के सपने को पूरा करना हम सबों का दायित्व : संतोष कुशवाहा

शहीद जगदेव बाबू के सपने को पूरा करना हम सबों का दायित्व : संतोष कुशवाहा  मेरा मानना है कि जिन उद्देश्यों को पूरा करने के क्रम में जगदेव बाबू को शहादत मिली ,वह आज भी अधूरी है।उनके सपनो को पूरा करना हम सबों का दायित्व है।वे महान राजनीतिक दूरदर्शी थे और हमेशा शोषित समाज के हक -हकूक की लड़ाई लड़ते रहे।इसकी कीमत उन्हें अपनी शहादत के रूप में चुकानी पड़ी।
     उन्होंने अपनी विचारधारा से कभी समझौता नही किया।उन्होंने कहा था कि सौ में नब्वे शोषित हैं, नब्बे भाग हमारा है।उक्त बातें पूर्व सांसद संतोष कुशवाहा ने गुरुवार को रामबाग स्थित आवासीय कार्यालय में शहीद जगदेव प्रसाद की शहादत दिवस को संबोधित करते हुए कही।पूर्व सांसद सहित अन्य पार्टी कार्यकर्ताओं ने शहीद जगदेव प्रसाद के तैल चित्र पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित किया। शहीद जगदेव प्रसाद को क्रांतिकारी राजनेता बताते हुए श्री कुशवाहा ने कहा कि बिहार में पहली गैर कांग्रेसी सरकार जिसके मुख्यमंत्री कर्पूरी जी थे,उसके गठन में जगदेव बाबू की महत्वपूर्ण भूमिका थी।वे अंग्रेजी और हिंदी अखबार के संपादक थे,लेकिन जब सिद्धांतों पर बात आई तो पत्रकारिता को छोड़ने में देर नही किया।शोषित दल की स्थापना के समय उन्होंने कहा था कि जिस लड़ाई की बुनियाद आज मैं रख रहा हूँ,वह लंबी और कठिन होगी।इसमे पहली पीढ़ी के लोग मारे जाएंगे,दूसरी पीढ़ी के लोग जेल जाएंगे और तीसरी पीढ़ी के लोग राज करेंगे।जीत अंततोगत्वा हमारी ही होगी।
        इस मौके पर आवासीय कार्यालय में देश के पूर्व राष्ट्रपति डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती शिक्षक दिवस के रूप में मनाई गई।पूर्व सांसद श्री कुशवाहा ने कहा कि शिक्षक दिवस जीवन मे शिक्षा के महत्व को रेखांकित करने का दिवस है।इससे न केवल ज्ञान का विकास होता है बल्कि व्यक्तित्व का भी विकास होता है।इस मौके पर जदयू जिला अध्यक्ष प्रकाश सिंह पटेल,संजय राय, अमरेंद्र कुशवाहा, प्रखण्ड प्रमुख रितेश कुमार, युवा जदयू जिलाध्यक्ष राजू मण्डल,चंदन सिंह पटेल,उदय राय ,राजेश गोस्वामी,सुशांत कुशवाहा,दिलीप दास,लड्डू मेहता,महेश सिंह, सुभेष महतो,चंदन मजूमदार,विजय कुमार दास,आशीष आनंद,सुभाष कुमार,आलोक कुमार,निर्मल विश्वास,राजा कुमार,विशाल कुमार,सुभम चौधरी इत्यादि शामिल थे।