दिल्ली-एनसार में महसूस किए गए भूकंप के झटके, यूपी से कश्मीर तक कांपी धरती,पाकिस्तान था केंद्र

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दिल्ली एनसीआर में बुधवार दोपहर एक बजे के करीब भूकंप के झटके महसूस किए गए। यूपी से लेकर कश्मीर तक धरती कांपी है। भूकंप के ये झटके हरियाणा, पंजाब और कश्मीर से लेकर पाकिस्तान और अफगानिस्तान तक में महसूस किए गए हैं। बताया जा रहा है कि भूकंप का केंद्र पाकिस्तान के करूर इलाके में था। जिसकी तीव्रता 5.8 दर्ज की गई है। फिलहाल, इस भूकंप में किसी तरह के नुकसान की कोई खबर नहीं है।

बताया गया कि बुधवार को दोपहर में उत्तर भारत, पाकिस्तान और अफगानिस्तान में भूकंप के झटके महसूस किए गए। पाकिस्तान के पेशावर, इस्लामाबाद और लाहौर में भी झटके महसूस किए गए हैं। पाकिस्तान में 12 बजकर 58 मिनट पर यह भूकंप आया था। इसके झटके ही भारत और अफगानिस्तान में महसूस किए गए। इस भूकंप का सेंटर पंजाब के अमृतसर से 415 किलोमीटर पश्चिम पाकिस्तान में था।

वहीं, भारत में दिल्ली, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, जम्मू और कश्मीर में धरती हिली है। दिल्ली-एनसीआर में दो हफ्ते के अंदर दूसरी बार भूकंप के झटके महसूस किए गए। इससे पहले 29 अगस्त को दिल्ली-एनसीआर में धरती हिली थी।

डोनाल्ड ट्रंप-कमला हैरिस के बीच तीखी बहस, जानें प्रेसिडेंशियल डिबेट में किसकी हुई जीत?

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अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में डेमोक्रेटिक उम्मीदवार कमला हैरिस और रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप अपनी पहली प्रेसिडेंशियल डिबेट में आमने-सामने आए। अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के लिए बुधवार को डोनाल्ड ट्रंप और कमला हैरिस के बीच सेमीफाइनल का मुकाबला हुआ। 1 घंटे 45 मिनट की बहस में कमला हैरिस ने पूर्व राष्ट्रपति पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कैपिटल हिल दंगा, गर्भपात कानून जैसे मुद्दों पर घेरा। हैरिस ने कहा कि लोग थकान और ऊब के चलते ट्रंप की रैलियों से चले गए। वहीं, डोनाल्ड ट्रंप ने हैरिस को अप्रवासन, बॉर्डर और इजरायल को लेकर निशाने पर लिया।

इस मुकाबले में कमला हैरिस रिपब्लिकन कैंडिडेट डोनाल्ड ट्रंप पर भारी पड़ती दिखीं। सीएनएन के एक पोल के अनुसार, कमला हैरिस और डोनाल्ड ट्रंप के बीच मंगलवार की बहस देखने वाले पंजीकृत मतदाताओं 63 प्रतिशत ने माना कि हैरिस ने अच्छा प्रदर्शन किया। वहीं, ट्रंप के प्रदर्शन को 37 प्रतिशत ने अच्छा बताया। खास बात यह है कि बहस से पहले मतदाता दोनों के प्रदर्शन पर समान रूप से बंटे थे। 50% ने हैरिस और 50% ने ट्रंप के मजबूत प्रदर्शन की बात कही थी। बता दें कि, पोल के नतीजे केवल उन मतदाताओं के विचारों को दर्शाते हैं जो इसे देख रहे थे। यह सभी वोटरों का प्रतिनिधित्व नहीं करता है।

इस डिबेट की शुरुआत में कमला हैरिस और डोनाल्ड ट्रंप ने एक-दूसरे से हाथ मिलाया और अपना-अपना परिचय भी दिया। बता दें कि अमेरिका के इतिहास में पिछले आठ सालों से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवारों की तरफ से हाथ नहीं मिलाया गया था। डिबेट की शुरुआत के बाद दोनों उम्मीदवारों की तरफ से एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप को दौर शुरू हुआ। इस दौरान डेमोक्रेटिक पार्टी की उम्मीदवार कमला हैरिस ने डोनाल्ड ट्रंप पर आरोप लगाया कि ट्रंप हमारे लिए सबसे खराब इकोनॉमी और लोकतंत्र छोड़कर गए थे। इस दौरान कमला हैरिस ने कहा कि वे एक मध्यम वर्ग परिवार से आती हैं और अकेली उम्मीदवार हैं जिनके पास अमेरिका के लोगों के जीवन को बेहतर बनाने की योजना है।

इसके बाद पूर्व राष्ट्रपति और रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप ने देश की मौजूदा बाइडन सरकार पर आरोप लगाया कि देश में महंगाई का सबसे खराब दौर है। डोनाल्ड ट्रंप ने कमला हैरिस पर हमला करते हुए कहा कि उन्होंने वो काम क्यों नहीं किए जिन्हें करने का वादा किया था। कमला ने ऐसा क्यों नहीं किया? ट्रंप ने कहा कि हम एक असफल राष्ट्र हैं। हम एक ऐसा राष्ट्र हैं जो गंभीर गिरावट में है। दुनिया भर में हमारा मजाक उड़ाया जा रहा है। हम नेता नहीं हैं। हमारे मध्य पूर्व में युद्ध चल रहे हैं, रूस और यूक्रेन में युद्ध चल रहा हैं और हम तीसरे विश्व युद्ध में समाप्त होने जा रहे हैं।

डिबेट के दौरान ट्रंप बहस में बार-बार बाइडन की चीन को लेकर पॉलिसी पर कमला हैरिस पर निशाना साध रहे थे। जिसपर कमला हैरिस ने कहा आप की सरकार तो चीन को सप्लाई कर रही थी।

इस डिबेट के दौरान जब ट्रंप ने अपराध नियंत्रण को लेकर बाइडन सरकार के रिकॉर्ड पर हमला किया, तो हैरिस ने जवाब दिया कि यह टिप्पणी किसी ऐसे व्यक्ति की ओर से की जा रही है, जिस पर कई बार आपराधिक आरोप लगे हैं। जिस पर ट्रंप ने कहा कि उनके खिलाफ मामले न्याय विभाग के हथियारीकरण का एक उदाहरण हैं, ताकि एक राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी को निशाना बनाया जा सके। फिर उन्होंने 13 जुलाई की हत्या के प्रयास का जिक्र करते हुए कहा, शायद मैंने उन बातों के कारण सिर पर गोली खाई है। वे लोकतंत्र की बात करते हैं, मैं लोकतंत्र के लिए खतरा हूं, आप लोग लोकतंत्र के लिए खतरा हैं।

वहीं इस पर पलटवार करते हुए कमला हैरिस ने कहा कि मैंने संयुक्त राज्य अमेरिका के उपराष्ट्रपति के रूप में दुनिया की यात्रा की है। विश्व के नेता डोनाल्ड ट्रंप पर हंस रहे हैं। वे कहते हैं कि आप एक कलंक हैं।

इस डिबेट से ऐसा लग रहा है कि कमला हैरिस ने अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में बाजी पलट दी है। इसकी वजह है कि डिबेट से पहले तक मुकाबला 50-50 का था। डिबेट से पहले वही वोटर्स यह तय नहीं कर पा रहे थे कि कौन कैंडिडेट बेहतर है। डिबेट से पहले तक 50 फीसदी वोटर्स का कहना था कि कमला हैरिस बेहतर प्रदर्शन करेंगी। वहीं, 50 फीसदी वोटर्स का मानना था कि डोनाल्ड ट्रंप ही बेहतर प्रदर्शन करेंगे। कुल मिलाकर डिबेट से पहले मुकाबला बराबरी का था। मगर अब जो लेटेस्ट सर्वे के रिजल्ट आए हैं, उससे साफ है कि कमला ने बाजी मार ली है और ट्रंप पिछड़ गए हैं।

पिछले 50 दिनों में 18 रेल हादसे, महज हादसा या बड़ी साजिश?

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पिछले दिनों भारत में रेल हादसों में काफी बढ़ोत्तरी देखने को मिली है। ट्रेन की पटरी पर कभी साइकिल तो कभी गैस सिलेंडर रखकर उसे बेपटरी करने की आपराधिक कोशिश जारी है।रेलगाड़ियों के पटरी से उतरने की घटनाओं में भारी वृद्धि को देखते हे रेल मंत्रालय ने संज्ञान लिया और पाया कि पिछले सप्ताह में रेलगाड़ियों को पटरी से उतारने की तीन कोशिशें और रेलगाड़ियों पर पत्थरबाजी की दो घटनाएं हुईं, जिससे चिंता पैदा हुई।

रेल हादसों के आंकड़ों की बात करें, तो अगस्त से अब तक 50 दिनों में ट्रेनों के डीरेल करने की करीब 18 कोशिशें की जा चुकी हैं। अगर बीते दो सालों कि बात की जाए, तो इस दौरान करीब 24 ऐसी कोशिशें हुईं थी।रेलवे ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि इनमें सबसे अधिक घटनाएं उत्तर प्रदेश में सामने आई हैं। यहां कई बार यह प्रयास हो चुका है।इसके अलावा पंजाब, झारखंड, राजस्थान, मध्य प्रदेश, ओडिशा और तेलंगाना में भी ट्रेन को पटरी से उतारने की कोशिश हो चुकी है।

ट्रेन को पटरी से उतारने की कोशिश

-19 जुलाई को, लखनऊ से 150 किलोमीटर दूर गोंडा के मोतीगंज के पास चंडीगढ़-डिब्रूगढ़ एक्सप्रेस के 21 डिब्बे पटरी से उतर गए, जिसमें 3 लोगों की मौत हो गई और 19 लोग घायस हो गए। ट्रेन असम जा रही थी। रिपोर्ट के अनुसार, लोको पायलट ने ओवरहेड बिजली के तारों को बेतहाशा झूलते देखा, जिसके बाद उसने आपातकालीन ब्रेक लगाए। 22 डिब्बों में से 8 पूरी तरह से पटरी से उतर गए और बाकी आंशिक रूप से पटरी से उतर गए।

-17 अगस्त की रात कानपुर के गोविंदपुरी स्टेशन के पास साबरमती एक्सप्रेस ट्रेन का इंजन पटरी से उतर गया। इसके तुरंत बाद रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि पटरी पर रखी गई किसी वस्तु के कारण यह दुर्घटना हुई। बाद में जांच अधिकारियों ने खुलासा किया कि दुर्घटना को अंजाम देने के लिए रेलवे ट्रैक का टूटा हुआ टुकड़ा रेल लाइन पर रखा गया था।

-18 अगस्त को जबलपुर में रेलवे ट्रैक पर रखी आधा दर्जन लोहे की छड़ें एक पैसेंजर ट्रेन के इंजन से टकरा गईं। रेल अधिकारियों ने मामले की जांच की और बताया कि बदमाशों ने छड़ें चुराने की कोशिश की, लेकिन तेज गति से आ रही ट्रेन को देखकर उन्हें ट्रैक पर ही छोड़ दिया। अधिकारी ने बताया कि पटरियों पर विदेशी वस्तुएं रखने के अलावा, ट्रेनों पर पत्थरबाजी की घटनाएं भी हुई हैं, खासकर वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनों पर।

-20 अगस्त को, उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में सुबह 07:40 से 07:45 बजे के बीच ट्रेन KN2733541 एक मोटरसाइकिल के रिम से टकरा गई, जिससे ट्रेन का इंजन रुक गया।

-फिर 22 अगस्त को अलीगढ़ रेलवे पुलिस ने चलती ट्रेन को पटरी से उतारने के लिए जानबूझकर रेलवे ट्रैक पर एलॉय व्हील लगाने के आरोप में अफ़सान नामक व्यक्ति पर मामला दर्ज किया।

-23 अगस्त की रात को कासगंज और फर्रुखाबाद के बीच चलने वाली फर्रुखाबाद एक्सप्रेस रेलवे ट्रैक पर रखे लकड़ी के लट्ठे से टकराने के बाद एक बड़ा हादसा होने से बाल-बाल बच गई थी।

-23 अगस्त को कायमगंज और शमशाबाद के बीच रेलवे ट्रैक पर लकड़ी का टुकड़ा रख दिया गया, जिससे ट्रेन संख्या 05389 को उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद में घटना स्थल पर रोकना पड़ा।

-24 अगस्त को राजस्थान के अजमेर जिले में अज्ञात बदमाशों ने रेलवे ट्रैक पर भारी पत्थर रख दिए। ये पत्थर जवाईबांध और बिरोलिया क्षेत्र के बीच जानबूझकर ट्रेन को पटरी से उतारने के इरादे से रखे गए थे।

-30 अगस्त को तेलंगाना के रंगारेड्डी में चंदन नगर और हाफ़िज़पेट रेलवे स्टेशन के बीच डाउनलाइन ट्रैक पर लोहे की रॉड रखी गई। ट्रेन को पटरी से उतारने की कोशिश की गई, लेकिन कोई बड़ी दुर्घटना होने से बच गई।

-4 सितंबर को सोलापुर के कुर्दुवाड़ी स्टेशन पर एक फाउलिंग मार्क स्टोन मिला, जिसकी वजह से टावर वैगन ट्रैक पर रुक गया।

-5 सितंबर को गुजैनी पुल से इसी रेलवे ट्रैक पर एक ट्रक भी गिर गया था। इससे भी रेलवे काफी प्रभावित हुई थी और कई ट्रेनों का संचालन रुक गया था।

-9 सितंबर को कालिंदी एक्सप्रेस के ट्रैक पर एक सिलेंडर रखा गया था जिसमें ट्रेन को डिरेल करने की कोशिश की गई थी जिसकी जांच भी अभी कई खुफिया एजेंसी और एटीएस कर रही है।

अमेरिका में भारत विरोधी इल्हान उमर से राहुल गांधी ने क्यों की मुलाकात? बीजेपी ने घेरा

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राहुल गांधी अमेरिका के तीन दिनों के दौरे पर हैं। अमेरिकी दौरे पर गए कांग्रेस नेता राहुल गाँधी ने अलग-अलग क्षेत्रों के लोगों से मुलाकात की है। इसी क्रम में वो वाशिंगटन के रेबर्न हाउस में अमेरिकी कांग्रेस के सदस्यों से मिले। इस मुलाकात के बाद एक तस्वीर सामने आई है। इस तस्वीर में राहुल के साथ एक ऐसा चेहरा नजर आया, जिसे लेकर विवाद हो गया। दरअशल, वो चेहरा चेहरा इल्हान उमर का है,जो भारत और हिंदुओं से घृणा को लेकर अक्सर चर्चा में रहती हैं।उमर अमेरिकी संसद के निचले सदन की सदस्य हैं।

इल्हान उमर अमेरिकी सांसदों के उस समूह का हिस्सा थीं जिसने वाशिंगटन डीसी के रेबर्न हाउस में कॉन्ग्रेस नेता के साथ बैठक की। इसकी मेजबानी अमेरिकी सांसद ब्रेडली जेम्स शेरमन ने की। उमर के अलावा इस बैठक में सांसद जोनाथन जैकसन, रो खन्ना, राजा कृष्णमूर्ति, बारबरा ली, श्री थानेदार, जीसस जी ग्रासिया, हैंक जॉनसन और जैन शाकोवस्की भी शामिल थे। न्यूज एजेंसी एएनआई के अनुसार सूत्रों ने बताया कि राहुल गाँधी ने अमेरिकी राजनयिक डोनाल्ड लू से भी मुलाकात की है।

राहुल की इल्हान की मुलाकात पर भारतीय जनता पार्टी ने सवाल उठाया है।बीजेपी के प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कहा है कि सिख विरोधी, आरक्षण विरोधी बयान देने और विदेशी जमीन से भारतीय संस्थानों पर सवाल उठाने के बाद, राहुल गांधी अब एक पार्टी का विरोध करते हुए भारत विरोधी तत्वों से मिल रहे हैं। ऐसा पहली बार नहीं हो रहा है। कौन हैं इल्हान उमर? अमेरिकी कांग्रेस में भारत के खिलाफ प्रस्ताव लाईं, पाकिस्तान के दौरे पर गईं। प्रायोजित यात्रा और भारत की संप्रभुता का उल्लंघन किया।

बता दें कि अपने भारत विरोधी बयान के लिए पहचाने जाने वाली इल्हान उमर पाकिस्‍तान की चहेती है। वो जम्‍मू-कश्‍मीर को पाकिस्‍तान का हिस्‍सा बता चुकी हैं। उमर 2022 में पाकिस्‍तान गई थी. इस दौरान वो पाकिस्‍तानी अधिकृत कश्‍मीर में भी पहुंची। यह पूरा दौरा पाकिस्‍तान द्वारा प्रयोजित था। वो पाकिस्‍तान के पीएम शाहबाज शरीफ से भी मिली थी। तब इल्हान उमर ने यह बयान भी दिया था कि पीओके पाकिस्‍तान का अहम हिस्‍सा है। इसपर भारत का कोई हक नहीं है।

इतना ही नहीं जब पीएम नरेंद्र मोदी अमेरिकी संसद में भाषण दे रहे थे, तब इल्हान उमर ने इसका विरोध किया था। यही वजह है कि राहुल गांधी के साथ तस्‍वीर वायरल होने के बाद अब इसपर विवाद भी शुरू हो गया है।

चीन ने लद्दाख में दिल्ली जितनी जमीन पर कब्जा किया, यूएस में राहुल गांधी का दावा

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कांग्रेस सांसद और नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी अमेरिका दौरे पर है। पिछले तीन दिनों से राहुल गांधी अमेरिका में अलग-अलग जगहों पर लोगों को संबोधित कर रहे हैं। इस दौरान उनके बयानों ने भारत में सियासी पारा हाई कर रखा है। यहां देश में उनके बयानों पर बहस छिड़ी हुई है। मंगलवार को आरक्षण खत्म करने को लेकर दिए गे बयान के बाद राहुल गांधी ने चीन को लेकर ऐसा दावा किया है, जिससे एक बार फिर सियासी भूचाल आना तय है। राहुल गांधा का दावा है कि चीनी सैनिकों ने लद्दाख में दिल्ली के आकार की जमीन पर कब्जा जमाया हुआ है।

4,000 वर्ग किलोमीटर में चीनी सैनिकों कब्जा-राहुल गांधी

अमेरिकी राजधानी वाशिंगटन डीसी में नेशनल प्रेस क्लब में बोलते हुए राहुल गांधी ने कहा, अगर आप कहते हैं कि हमारे क्षेत्र के 4,000 वर्ग किलोमीटर में चीनी सैनिकों का होना किसी चीज़ से ठीक से निपटना है, तो शायद हमने लद्दाख में दिल्ली के आकार की ज़मीन पर चीनी सैनिकों का कब्ज़ा कर रखा है। मुझे लगता है कि यह एक आपदा है।

पीएम मोदी ने चीन से ठीक से नहीं निपटा-राहुल गांधी

राहुल गांधी ने इसके साथ ही कहा, अगर कोई पड़ोसी देश आपकी 4000 वर्ग किलोमीटर जमीन पर कब्ज़ा करले तो अमेरिका की क्या प्रतिक्रिया होगी? क्या कोई राष्ट्रपति यह कहकर बच निकल पाएगा कि उसने इसे ठीक से संभाला है? इसलिए मुझे नहीं लगता कि पीएम मोदी ने चीन से ठीक से निपटा है। मुझे लगता है कि कोई कारण नहीं है कि चीनी सैनिक हमारे क्षेत्र में बैठे रहें।

ये पहली बार नहीं है जब कांग्रेस नेता ने चीन को लेकर ऐसा दावा किया हो। पिछले साल भी राहुल गांधी ने इसी तरह का आरोप लगाते हुए प्रधानमंत्री मोदी पर लद्दाख में भारत-चीन सीमा की स्थिति पर विपक्ष से झूठ बोलने का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा था कि चीन ने भारतीय जमीन छीन ली है। हालांकि, केन्द्र की बीजेपी सरकार कांग्रेस के इस दावे को बार-बार खारिज करती आ रही है।

मैं आरक्षण के खिलाफ नहीं हूं” यूएस में बोले राहुल गांधी, जानें क्यों देनी पड़ी सफाई

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अमेरिकी दौरे पर गए कांग्रेस के नेता राहुल गांधी ने आरक्षण को लेकर दिए अपने बयान पर देश में विवाद खड़ा हो गया है। रक्षण पर अपने बयान की वजह से चढ़े सियासी पारे के बीच कांग्रेस सासंद ने सफाई पेश की है। उन्होंने कहा है कि वह आरक्षण के खिलाफ नहीं हैं। राहुल ने कहा कि आरक्षण के मुद्दे पर उनकी पार्टी को गलत समझा गया, कांग्रेस पार्टी और का लक्ष्य इसे 50 प्रतिशत तक ले जाने का है।

वाशिंगटन में मीडिया से बातचीत के दौरान राहुल ने कहा कि आरक्षण के मुद्दे पर उनकी पार्टी को गलत समझा गया है। वो 50 प्रतिशत से आगे बढ़कर आरक्षण देना चाहते हैं। उन्‍होंने कहा कि हम जो कह रहे हैं वह केवल आरक्षण के विचार से अलग है। हम, जो चल रहा है उसकी व्यापक समझ चाहते हैं और फिर इसे ठीक करने के लिए नीतियों की एक सीरीज लागू करना चाहते हैं, आरक्षण भी उनमें से एक है। राहुल गांधी ने कहा, ‘हम आरक्षण को 50 प्रतिशत से आगे बढ़ाने जा रहे हैं। मैं बार-बार यह कहता रहा हूं और कभी भी आरक्षण के खिलाफ नहीं रहा हूं। कल किसी ने मेरे बयान को गलत तरीके से प्रस्तुत किया कि मैं आरक्षण के खिलाफ हूं। लेकिन मैं यह स्पष्ट कर दूं कि मैं आरक्षण के खिलाफ नहीं हूं। हम चाहते हैं कि आरक्षण 50% हो।’

क्या कहा था राहुल गांधी ने?

इससे पहले राहुल गांधी ने अमेरिका के दौरे पर मंगलवार को जॉर्जटाउन यूनिवर्सिटी में छात्रों से बात की थी। इस दौरान उनसे पूछा गया था कि भारत में आरक्षण कब तक जारी रहेगा। इस पर राहुल गांधी ने कहा था कि कांग्रेस आरक्षण खत्म करने के बारे में तब सोचेगी जब सही समय होगा, जोकि अभी नहीं है। राहुल ने कहा था, “जब आप वित्तीय आंकड़ों को देखते हैं, तो आदिवासियों को 100 रुपये में से 10 पैसे मिलते हैं, दलितों को 100 रुपये में से 5 रुपये मिलते हैं और ओबीसी को भी लगभग इतनी ही रकम मिलती है। असलियत यह है कि उन्हें भागीदारी नहीं मिल रही है। भारत के हर एक बिजनेस लीडर की सूची देखें। मुझे आदिवासी, दलित का नाम दिखाएं। मुझे ओबीसी का नाम दिखाएं। मुझे लगता है कि शीर्ष 200 में से एक ओबीसी है। वे भारत के 50 प्रतिशत हैं, लेकिन हम इस बीमारी का इलाज नहीं कर रहे हैं। हालांकि अब, आरक्षण एकमात्र साधन नहीं है। अन्य साधन भी हैं।”

बयान पर सफाई की वजह

बता दे कि की राहुल के इस बयान के बाद बहुजन समाज पार्टी ने कड़ी आपत्ति जताई है। बसपा सुप्रीमो मायावती ने इसे लेकर कहा है कि 'केंद्र में काफी लंबे समय तक सत्ता में रहते हुए कांग्रेस पार्टी की सरकार ने ओबीसी आरक्षण को लागू नहीं किया और न ही देश में जातीय जनगणना। अब इनके इनकी आड़ में कांग्रेस सत्ता में आने के सपने देख रही है। इनके इस नाटक से सचेत रहें जो आगे कभी भी जातीय जनगणना नहीं करा पाएगी। बसपा के अलावा कुछ दलित संगठनों ने इसे मुद्दा बनाया है और कांग्रेस पर जमकर हमला बोला है।

'कुछ तत्व नहीं चाहते भारत आगे बढ़े', ऐसा क्यों बोले आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत?

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राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत ने बड़ा बयान दिया है।भागवत ने कहा है कि कुछ तत्व भारत का विकास नहीं चाहते लेकिन इनसे डरने की कोई जरूरत नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि डरने की कोई जरूरत नहीं है क्योंकि छत्रपति शिवाजी महाराज के समय में भी ऐसी ही स्थिति थी, लेकिन धर्म की शक्ति का उपयोग करके इससे निपटा गया था। भागवत ने कहा कि अतीत में भारत पर "बाहरी" आक्रमण काफी हद तक दिखाई देते थे, इसलिए लोग सतर्क रहते थे, लेकिन अब वे विभिन्न रूपों में सामने आ रहे हैं। 

भागवत डॉ. मिलिंद पराडकर द्वारा लिखित पुस्तक 'तंजावरचे मराठे' के विमोचन के अवसर पर बोल रहे थे। पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, पुणे में कार्यक्रम को संबोधित करते हुए संघ प्रमुख ने कहा कि हमारा देश बहुत भाग्यशाली है। जब भी ऐसा समय आता है कि यह देश नष्ट हो जाएगा, उसी समय इस संकट से निपटने का उपाय भी सामने आ जाता है। प्राचीन काल से लेकर आज तक महापुरुष आगे आते रहे हैं, जिनके कारण यह देश अमर हो गया है और हमें ऐसा करने की प्रेरणा देने के लिए हजारों लोग आगे आए हैं।

उन्होंने कहा कि अतीत में भारत पर बाहरी आक्रमण काफी हद तक दिखाई देते थे। इसलिए लोग सतर्क रहते थे, लेकिन अब वो अलग-अलग रूपों में सामने आ रहे हैं। रामायण का जिक्र करते हुए कहा कि जब ताड़का ने आक्रमण किया तो बहुत अराजकता फैल गई थी, लेकिन वह केवल एक बाण से मारी गई। आज की स्थिति भी वैसी ही है। हमले हो रहे हैं और वे हर तरह से विनाशकारी हैं। फिर चाहे वह आर्थिक हो, आध्यात्मिक हो या राजनीतिक हो।

मोहन भागवत ने कहा कि कुछ तत्व भारत के विकास की राह में बाधा उत्पन्न कर रहे हैं और वैश्विक मंच पर इसके उदय से भयभीत हैं, लेकिन वे सफल नहीं होंगे। उन्होंने कहा कि जिन लोगों को डर है कि अगर भारत का व्यापक पैमाने पर विकास होता है तो उनके कारोबार बंद हो जाएंगे, ऐसे तत्व देश के विकास की राह में बाधा उत्पन्न करने के लिए अपनी सारी शक्ति का इस्तेमाल कर रहे हैं। वे योजनाबद्ध तरीके से हमले कर रहे हैं, चाहे वे भौतिक हों या सूक्ष्म।

मोहन भागवत ने कहा कि इन चीजों से डरने की कोई जरूरत नहीं है क्योंकि छत्रपति शिवाजी महाराज के समय में भी ऐसी ही स्थिति थी, जब भारत के उत्थान की कोई उम्मीद नहीं थी। भागवत ने कहा कि जीवन शक्ति हमारे भारत का आधार है और यह धर्म पर आधारित है जो हमेशा रहेगा। भागवत ने कहा कि धर्म सृष्टि के आरंभ में था और अंत तक इसकी आवश्यकता रहेगी।

बांग्लादेश में भारत की चार वित्तपोषित परियोजनाओं का क्या होगा? यूनुस सरकार ने दिया जवाब

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बांग्लादेश में शेख हसीना सरकार के तख्तापलट के बाद दोनों देशों के संबंध को लेकर चिंता जताई जा रही है। खासतक ये सवाल उठ रहे हैं कि बांग्लादेश में भारत समर्थित प्रोजेक्ट का क्या होगा? इस पर बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने अपना रूख साफ कर दिया है।बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के एक शीर्ष सलाहकार ने मंगलवार को कहा कि भारत द्वारा वित्तपोषित परियोजनाएं काफी महत्वपूर्ण हैं और देश में नए प्रशासन के तहत भी ये जारी रहेंगी।

बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के वित्त सलाहकार सलाहुद्दीन अहमद ने भारतीय उच्चायुक्त प्रणय वर्मा से मुलाकात के दौरान स्थिति स्‍पष्‍ट कर दी है। सलाहुद्दीन ने भारत के साथ सहयोग बढ़ाने की उम्मीद जताई। इस दौरान भारत ने भी बांग्लादेश को दी जाने वाली ऋण सुविधाओं को न रोकने का आश्वासन दिया है।

सरकारी समाचार एजेंसी ‘बीएसएस’ की खबर के मुताबिक,वित्त सलाहकार सलेहुद्दीन अहमद ने कहा कि बांग्लादेश यहां भारतीय उच्चायुक्त प्रणय वर्मा के साथ अपनी बैठक के दौरान भारत के साथ सहयोग बढ़ाने की आशा करता है।सलेहुद्दीन अहमद ने कहा, ‘‘पहले से ही, उनकी (भारत) जो परियोजनाएं हैं, वो बड़ी परियोजनाएं हैं और हम उन्हें जारी रखेंगे। जो कुछ भी (परियोजनाएं) हमारे पास हैं, उसे नहीं रोकेंगे और हम उन परियोजनाओं के वित्तपोषण और कार्यान्वयन के बारे में चर्चा करेंगे।’’ 

बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के वित्तीय सलाहकार की यह टिप्पणी भारत की परियोजनाओं के समय पर क्रियान्वयन को लेकर चिंताओं के बीच आई है। इन परियोजनाओं के लिए भारत बांग्लादेश को ऋण मुहैया करा रहा है। पिछले महीने शेख हसीना के नेतृत्व वाली अवामी लीग सरकार के गिरने के बाद से इस पर चिंता जताई जा रही थी

हरियाणा विधानसभा चुनाव में भाजपा की दूसरी सूची जारी, विनेश के खिलाफ इस नेता को उतारा, कई नए चेहरों को मौका

भारतीय जनता पार्टी ने हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए अपनी दूसरी सूची जारी कर दी है, जिसमें 21 उम्मीदवारों के नाम शामिल हैं। इससे पहले बीजेपी ने 67 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की थी। इस दूसरी सूची में कई सीटों पर पार्टी ने नए चेहरों को मौका दिया है। गनौर विधानसभा क्षेत्र से मौजूदा विधायक निर्मल रानी को टिकट नहीं दिया गया है, उनकी जगह देवेंद्र कौशिक को मैदान में उतारा गया है। इसी तरह, राई सीट से भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मोहन लाल बडोली को नजरअंदाज कर कृष्णा गहलावत को चुनावी मैदान में उतारा गया है। वहीं, कांग्रेस उम्मीदवार विनेश फोगाट के खिलाफ जुलना सीट से कैप्टन योगेश बैरागी को उतारा गया है। 

पार्टी ने इस बार कुछ मौजूदा विधायकों को नजरअंदाज करते हुए नए उम्मीदवारों को चुना है। पटौदी से भाजपा के मौजूदा विधायक सत्य प्रकाश का टिकट काटते हुए बिमला चौधरी को मौका दिया गया है। इसके अलावा, बधकल सीट से भाजपा विधायक सीमा त्रिखा का टिकट भी कट गया है और उनकी जगह धनेश अधलखा को उतारा गया है। यह बदलाव पार्टी की रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है, जिसमें भाजपा नए चेहरों को चुनावी मैदान में उतार कर मतदाताओं का ध्यान आकर्षित करना चाहती है।

बीजेपी द्वारा जारी की गई दूसरी सूची में स्पष्ट है कि पार्टी पुराने चेहरों को हटाकर नए उम्मीदवारों को तरजीह दे रही है। इस कदम से यह संदेश जाता है कि पार्टी केवल सत्ता बनाए रखने के बजाय चुनावी जीत के लिए सक्रियता और बदलाव के साथ मैदान में उतरना चाहती है। उम्मीदवारों की सूची से यह भी जाहिर होता है कि बीजेपी ने कुछ सीटों पर प्रतिस्पर्धा बढ़ाने के लिए नए उम्मीदवारों को चुना है, जिससे पार्टी को उन क्षेत्रों में अधिक समर्थन मिल सके जहां पिछले उम्मीदवारों का प्रदर्शन संतोषजनक नहीं था।

हार्ट अटैक आने से पहले मिलेगा अलर्ट, दिल्ली AIIMS की हैरतअंगेज़ रिसर्च, जानिए, कैसे ए आई ने का दी तकनीक में क्रांति

 दुनियाभर में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) ने मेडिकल क्षेत्र में क्रांति ला दी है, जिससे जांच और इलाज की प्रक्रियाएं आसान और अधिक प्रभावी हो गई हैं। सोचिए, अगर एआई तकनीक सिस्टोलिक ब्लड प्रेशर, हार्ट रेट, शरीर का तापमान और सांस दर जैसी चार सामान्य जांचों के आधार पर पहले से ही हार्ट अटैक का पता लगा ले, तो कितनी जानें बचाई जा सकती हैं। एम्स दिल्ली के हृदय रोग विभाग के प्रोफेसर, डॉक्टर एस. रामकृष्णन ने इस बारे में एक शोध पत्र प्रकाशित किया है, जिसमें एआई के वैश्विक परिणामों और इसके भारत में संभावित इस्तेमाल पर चर्चा की गई है।

प्रोफेसर रामकृष्णन ने बताया कि कोरिया के एक अस्पताल के डॉक्टरों ने एआई मॉडल विकसित किया है, जो अस्पताल में भर्ती मरीजों को चार सामान्य जांचों के आधार पर हार्ट अटैक (दिल की धड़कन रुकना) से लगभग आधा घंटे पहले ही इसके खतरे के बारे में अलर्ट कर देता है। अध्ययन से यह सामने आया कि 74% मामलों में, यह मॉडल आधे घंटे पहले ही हार्ट अटैक की चेतावनी दे देता है, जबकि कुछ मामलों में यह 14 घंटे पहले भी अलर्ट करने में सक्षम है। हार्ट अटैक की स्थिति में जल्द इलाज न मिलने पर मरीज की मृत्यु हो सकती है।

डॉ. रामकृष्णन ने कहा कि भारत में भी इस तकनीक का व्यापक रूप से उपयोग हो सकता है। खासकर बच्चों की दिल की सर्जरी के बाद तीन से छह प्रतिशत मामलों में कार्डियक अरेस्ट का खतरा रहता है, जिससे कई बच्चों की जान चली जाती है। यदि इस एआई मॉडल का इस्तेमाल समय पर कर लिया जाए, तो यह बहुत से लोगों की जान बचाने में मददगार साबित हो सकता है। हार्ट अटैक तब होता है जब हृदय में खून का प्रवाह अवरुद्ध हो जाता है, जबकि कार्डियक अरेस्ट तब होता है जब हृदय अचानक धड़कना बंद कर देता है। हालांकि, सभी दिल से जुड़ी बीमारियों में दिल की धड़कनें नहीं रुकतीं।