पिछले 50 दिनों में 18 रेल हादसे, महज हादसा या बड़ी साजिश?
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पिछले दिनों भारत में रेल हादसों में काफी बढ़ोत्तरी देखने को मिली है। ट्रेन की पटरी पर कभी साइकिल तो कभी गैस सिलेंडर रखकर उसे बेपटरी करने की आपराधिक कोशिश जारी है।रेलगाड़ियों के पटरी से उतरने की घटनाओं में भारी वृद्धि को देखते हे रेल मंत्रालय ने संज्ञान लिया और पाया कि पिछले सप्ताह में रेलगाड़ियों को पटरी से उतारने की तीन कोशिशें और रेलगाड़ियों पर पत्थरबाजी की दो घटनाएं हुईं, जिससे चिंता पैदा हुई।
रेल हादसों के आंकड़ों की बात करें, तो अगस्त से अब तक 50 दिनों में ट्रेनों के डीरेल करने की करीब 18 कोशिशें की जा चुकी हैं। अगर बीते दो सालों कि बात की जाए, तो इस दौरान करीब 24 ऐसी कोशिशें हुईं थी।रेलवे ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि इनमें सबसे अधिक घटनाएं उत्तर प्रदेश में सामने आई हैं। यहां कई बार यह प्रयास हो चुका है।इसके अलावा पंजाब, झारखंड, राजस्थान, मध्य प्रदेश, ओडिशा और तेलंगाना में भी ट्रेन को पटरी से उतारने की कोशिश हो चुकी है।
ट्रेन को पटरी से उतारने की कोशिश
-19 जुलाई को, लखनऊ से 150 किलोमीटर दूर गोंडा के मोतीगंज के पास चंडीगढ़-डिब्रूगढ़ एक्सप्रेस के 21 डिब्बे पटरी से उतर गए, जिसमें 3 लोगों की मौत हो गई और 19 लोग घायस हो गए। ट्रेन असम जा रही थी। रिपोर्ट के अनुसार, लोको पायलट ने ओवरहेड बिजली के तारों को बेतहाशा झूलते देखा, जिसके बाद उसने आपातकालीन ब्रेक लगाए। 22 डिब्बों में से 8 पूरी तरह से पटरी से उतर गए और बाकी आंशिक रूप से पटरी से उतर गए।
-17 अगस्त की रात कानपुर के गोविंदपुरी स्टेशन के पास साबरमती एक्सप्रेस ट्रेन का इंजन पटरी से उतर गया। इसके तुरंत बाद रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि पटरी पर रखी गई किसी वस्तु के कारण यह दुर्घटना हुई। बाद में जांच अधिकारियों ने खुलासा किया कि दुर्घटना को अंजाम देने के लिए रेलवे ट्रैक का टूटा हुआ टुकड़ा रेल लाइन पर रखा गया था।
-18 अगस्त को जबलपुर में रेलवे ट्रैक पर रखी आधा दर्जन लोहे की छड़ें एक पैसेंजर ट्रेन के इंजन से टकरा गईं। रेल अधिकारियों ने मामले की जांच की और बताया कि बदमाशों ने छड़ें चुराने की कोशिश की, लेकिन तेज गति से आ रही ट्रेन को देखकर उन्हें ट्रैक पर ही छोड़ दिया। अधिकारी ने बताया कि पटरियों पर विदेशी वस्तुएं रखने के अलावा, ट्रेनों पर पत्थरबाजी की घटनाएं भी हुई हैं, खासकर वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनों पर।
-20 अगस्त को, उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में सुबह 07:40 से 07:45 बजे के बीच ट्रेन KN2733541 एक मोटरसाइकिल के रिम से टकरा गई, जिससे ट्रेन का इंजन रुक गया।
-फिर 22 अगस्त को अलीगढ़ रेलवे पुलिस ने चलती ट्रेन को पटरी से उतारने के लिए जानबूझकर रेलवे ट्रैक पर एलॉय व्हील लगाने के आरोप में अफ़सान नामक व्यक्ति पर मामला दर्ज किया।
-23 अगस्त की रात को कासगंज और फर्रुखाबाद के बीच चलने वाली फर्रुखाबाद एक्सप्रेस रेलवे ट्रैक पर रखे लकड़ी के लट्ठे से टकराने के बाद एक बड़ा हादसा होने से बाल-बाल बच गई थी।
-23 अगस्त को कायमगंज और शमशाबाद के बीच रेलवे ट्रैक पर लकड़ी का टुकड़ा रख दिया गया, जिससे ट्रेन संख्या 05389 को उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद में घटना स्थल पर रोकना पड़ा।
-24 अगस्त को राजस्थान के अजमेर जिले में अज्ञात बदमाशों ने रेलवे ट्रैक पर भारी पत्थर रख दिए। ये पत्थर जवाईबांध और बिरोलिया क्षेत्र के बीच जानबूझकर ट्रेन को पटरी से उतारने के इरादे से रखे गए थे।
-30 अगस्त को तेलंगाना के रंगारेड्डी में चंदन नगर और हाफ़िज़पेट रेलवे स्टेशन के बीच डाउनलाइन ट्रैक पर लोहे की रॉड रखी गई। ट्रेन को पटरी से उतारने की कोशिश की गई, लेकिन कोई बड़ी दुर्घटना होने से बच गई।
-4 सितंबर को सोलापुर के कुर्दुवाड़ी स्टेशन पर एक फाउलिंग मार्क स्टोन मिला, जिसकी वजह से टावर वैगन ट्रैक पर रुक गया।
-5 सितंबर को गुजैनी पुल से इसी रेलवे ट्रैक पर एक ट्रक भी गिर गया था। इससे भी रेलवे काफी प्रभावित हुई थी और कई ट्रेनों का संचालन रुक गया था।
-9 सितंबर को कालिंदी एक्सप्रेस के ट्रैक पर एक सिलेंडर रखा गया था जिसमें ट्रेन को डिरेल करने की कोशिश की गई थी जिसकी जांच भी अभी कई खुफिया एजेंसी और एटीएस कर रही है।
Sep 11 2024, 14:04