Veer Gupta

Sep 07 2024, 12:24

गणेश चतुर्थी 2024: इन शहरों में रहेंगे बैंक बंद,जानें क्या है RBI की गाइडलाइन,देखे लिस्ट

आज से गणेश चतुर्थी का पर्व शुरू हो रहा है. देश के कई हिस्सों में गणेश चतुर्थी का पर्व धूमधाम से मनाया जाता है. महाराष्ट्र से लेकर गुजरात में इसका काफी महत्त्व है. ऐसे में इस मौके पर तमाम जगहों पर बैंक बंद रहते हैं और कामकाज नहीं होता है. आज भी कई जगह बैंक बंद रहने वाले हैं. अगर आपने कोई बैंक का आज के लिए पेंडिंग रखा है बैंक विजिट करने से पहले एक बार ये जरूर चेक कर लें कि कहीं आपके शहर में भी तो बैंक बंद नहीं है.

बैंक की छुट्टियां रिजर्व बैंक हर महीने जारी करता है. RBI के मुताबिक, गणेश चतुर्थी पर पूरे भारत में छुट्टी नहीं होगी, लेकिन तमाम जगहों पर बैंक बंद रहेंगे. RBI Bank Holidays Calendar के मुताबिक गणेश चतुर्थी के दिन मुंबई, नागपुर, पणजी, अहमदाबाद, बेलापुर, बेंगलुरु, चेन्नई, भुवनेश्वर, हैदराबाद (आंध्र प्रदेश और तेलंगाना) में बैंक बंद रहेंगे. वहीं, देश के बाकि राज्यों में बैंकों में सामान्य रूप से कामकाज होगा.

सितंबर में कब-कब बंद रहेंगे बैंक

सितंबर के महीने में छुट्टियों की भरमार है. इस बार देश के तमाम हिस्सों में 10 या 12 दिन नहीं बल्कि 15 दिन बैंक बंद रहेंगे.

1 सितंबर: रविवार

4 सितंबर: तिरुभव तिथि ऑफ श्रीमंता शंकरदेवा (गुवाहाटी)

7 सितंबर: गणेश चतुर्थी

8 सितंबर: रविवार

14 सितंबर: दूसरा शनिवार, फर्स्ट ओणम (कोची, रांची और तिरुवनंतपुरम)

15 सितंबर: रविवार

16 सितंबर: बारावफात

17 सितंबर: मिलाद-उन-नबी (गंगटोक और रायपुर)

18 सितंबर: पंग-लहबसोल (गंगटोक)

20 सितंबर: ईद-ए-मिलाद-उल-नबी (जम्मू और श्रीनगर)

22 सितंबर: रविवार

21 सितंबर: श्री नारायण गुरु समाधि दिवस (कोची और तिरुवनंतपुरम)

23 सितंबर: महाराजा हरिसिंह जी जन्मदिवस (जम्मू और श्रीनगर)

28 सितंबर: चौथा शनिवार

29 सितंबर: रविवार

अलग-अलग होती है छुट्टी

बैंकों के लिए सभी राज्यों में छुट्टियों की लिस्ट एक जैसी नहीं होती है. भारतीय रिजर्व बैंक के मुताबिक, सभी राज्यों की छुट्टियों की लिस्ट अलग होती है. RBI की ऑफिशियल वेबसाइट पर इन छुट्टियों की पूरी लिस्ट दी होती है, जिसमें राज्यों के हिसाब से अलग त्योहारों छुट्टियों का पूरा ब्यौरा दिया होता है. बैंकों के बंद रहने के बावजूद भी ग्राहकों को परेशानी नहीं होगी. छुट्टियों के दिन भी लोग ऑनलाइन बैंकिंग की सहायता से अपने सारे काम निपटा सकते हैं. आज के समय में बैंक की ज्यादातर सर्विसेज ऑनलाइन उपलब्ध हैं. इसलिए अवकाश वाले दिन भी आप बहुत से बैंकिंग कार्य घर बैठे ही निपटा सकते हैं.

Veer Gupta

Sep 07 2024, 11:00

गणेश चतुर्थी पर दिल्ली में धूम: बुराड़ी में सजेगा सबसे बड़ा पंडाल, और क्यो मुंबई के लालबाग से की जाती है तुलना,जानिए इनका इतिहास

गणेश चतुर्थी का त्योहार शानिवार यानी आज मनाया जा रहा है. मंगल मूर्ति गणपति बप्पा जी की पूजा किसी भी शुभ काम से पहले की जाती है. गणेशोत्सव के इस पावन त्योहार को लेकर हर कोई उत्सुक है. बप्पा को घर में स्थापित करने की तैयारियां लोगों ने पहले से ही कर ली हैं. 10 दिनों तक चलने वाले इस त्योहार पर पंडाल भी सजाए जाते हैं.

वैसे तो गणेशोत्सव का महत्व महाराष्ट्र में ज्यादा है लेकिन राजधानी नई दिल्ली में इस मामले में पीछे नहीं है. यहां भी गणपति जी का उत्सव धूम-धाम से मनाया जाता है. दिल्ली की कई जगहों पर बड़े-बड़े पंडाल सजाए जाते हैं. बता दें कि दिल्ली में सबड़े बड़ा पंडाल बुराड़ी इलाके में लगाया जाता है, जिसे देखने के लिए दू-दूर से लोग आते हैं. खास बात तो ये है कि इसकी तुलना मुंबई के लालबाग से की जाती है

जानिए पंडाल का इतिहास

आपको बता दें कि साल 2015 में इस बड़े से पंडाल को सांसद मनोज तिवारी ने सजवाया था. उनका कहना था कि लोग मुंबई में लालबाग के राजा के दर्शन करने जाते हैं. वैसे ही हम भी दिल्ली के लोगों के लिए लालबाग का आयोजन करवाएंगे. बीते 9 सालों से दिल्ली में इतने बड़े पंडाल का आयोजन करवाया जा रहा है.

ये है खासियत

पंडाल की खासियत ये है कि इसका फर्श लकड़ियों का बनाया जाता है, जिस पर करीब 5 लाख लोगों के खड़े होने की क्षमता है. गणेश उत्सव के दौरान बुराड़ी के लालबाग पंडाल में लगभग 1 से 5 लाख लोग दर्शन करने के लिए आते हैं.

कैसे पहुंचे लालबाग पंडाल

दिल्ली में रहने वाले लोग बुराड़ी इलाके को तो जानते ही होंगे. यहां पहुंचने के लिए आप नजदीकी मेट्रो से जीटीबी नगर पहुंचे. जीटीबी नगर येलो लाइन मेट्रो पर है. लालबाग का पंडालDDA ग्राउंड, संत निरंकारी समागम, बुराड़ी में आयोजित किया जाता है. तो इस बार आप भी अगर दिल्ली में ही लालबाग के राजा का दर्शन करना चाहते हैं तो बुराड़ी के पंडाल में जरूर घूमकर आएं. यहां आपको खाने के भी तमाम सारे स्टॉल लगे दिख जाएंगे.

Veer Gupta

Sep 07 2024, 10:12

मेवा सिंह को लाडवा सीट से कांग्रेस का टिकट, सीएम नायब सिंह सैनी से होगा मुकाबला,जाने कौन है मेवा सिंह

कांग्रेस ने हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए अपनी पहली लिस्ट जारी कर दी है और 32 उम्मीदवारों के नाम पर मुहर लगा दी है. पार्टी ने लाडवा सीट से मेवा सिंह को टिकट दिया है. वहीं बीजेपी ने सीएम नायब सिंह सैनी को इस सीट से उतारा है, जिसके बाद, अब इस सीट पर मेवा सिंह का सीएम नायब सिंह सैनी से सीधा मुकाबला होगा.

जिस सीट से बीजेपी ने सीएम नायब सिंह सैनी को उतारा है, उस सीट पर कांग्रेस ने मेवा सिंह पर भरोसा जताया है. इस भरोसे के पीछे मेवा सिंह का सियासी सफर है. मेवा सिंह हरियाणा की राजनीति में कांग्रेस पार्टी का एक बड़ा चेहरा बनकर उभरे हैं

कौन हैं मेवा सिंह?

मेवा सिंह पर ही कांग्रेस ने पिछले विधानसभा चुनाव (2019) में भी लाडवा सीट से भरोसा जताया था और मेवा सिंह ने बीजेपी के पवन सैनी को 12,637 वोटों से हराया था. मेवा सिंह ने साल 1985-86 में राजनीति में कदम रखा, उन्होंने सरपंच बनने से अपने इस सियासी सफर की शुरुआत की. इसके बाद वो इंडियन नेशनल लोकदल का हिस्सा बने और उन्होंने कुरुक्षेत्र जिला परिषद अध्यक्ष की जिम्मेदारी संभाली

BJP के टिकट पर लड़ा पहला चुनाव

लाडवा कुरुक्षेत्र जिला की विधानसभा सीट है, जिसको साल 2009 में कुरुक्षेत्र के थानेसर निवार्चन क्षेत्र से अलग करके बनाया गया है. मेवा सिंह ने अपना पहला चुनाव बीजेपी के टिकट पर लड़ा था. इस चुनाव में वो 21 हजार 775 वोट ही हासिल कर सके थे. साल 2009 के चुनाव में इंडियन नेशनल लोकदल पार्टी के शेर सिंह बड़शामी ने जीत हासिल की थी, जबकि कांग्रेस की कैलाशो देवी सैनी दूसरे पायदान पर रही थी.

कब हुए कांग्रेस में शामिल?

मेवा सिंह ने साल 2011 में बीजेपी का साथ छोड़ कर कांग्रेस का दामन थामा था. हालांकि, उनको जेबीटी घोटाले में दोषी ठहराया गया था, जिसके चलते वो साल 2014 का चुनाव नहीं लड़ सके थे और उनकी पत्नी बचन कौर ने चुनाव लड़ा था, लेकिन वो कामयाबी हासिल नहीं कर सकी थी और तीसरे नंबर पर रही थी. साल 2014 के चुनाव में बीजेपी के पवन सैनी ने जीत हासिल की थी.

2019 में हासिल की जीत

2014 में जीत हासिल करने के बाद बीजेपी ने एक बार फिर 2019 के चुनाव में लाडवा सीट से पवन सैनी को ही टिकट दिया था और इस बार कांग्रेस ने मेवा सिंह को मैदान में उतारा था. हालांकि, दोनों के बीच काफी कड़ा मुकाबला था, लेकिन लगभग 12 हजार से ज्यादा वोटों के अंतर से मेवा सिंह ने जीत हासिल की थी. मेवा सिंह ने 57 हजार 665 वोट हासिल किए थे, जबकि बीजेपी के पवन सिंह ने 45 हजार से अधिक वोट हासिल किए थे.

लाडवा सीट का इतिहास

लाडवा सीट इस समय हरियाणा विधानसभा चुनाव की हॉट सीट मानी जा रही है, क्योंकि बीजेपी ने इस सीट पर सीएम नायब सैनी पर दांव खेला है, जिससे इस सीट पर मुकाबला काफी बढ़ गया है. कांग्रेस के मेवा सिंह की अब सीधी टक्कर बीजेपी के सीएम रहे नायब सैनी से है. हालांकि, इस सीट के इतिहास के हिसाब से यहां हर साल परिवर्तन होता रहा है.

एक भी चुनाव में कोई भी उम्मीदवार लगातार 2 बार जीत हासिल करने में कामयाब नहीं हो सका है. जहां इस सीट पर साल 2009 में इनेलो ने जीत हासिल की, वहीं, साल 2014 का चुनाव बीजेपी के खाते में गया, जिसके बाद साल 2019 में कांग्रेस के मेवा सिंह ने इस सीट पर जीत दर्ज की. हालांकि, अब देखना होगा कि इस बार लाडली सीट किस के सिर पर जीत का सेहरा बांधती है. हरियाणा में एक चरण में 5 अक्टूबर को चुनाव होने हैं, जिसके रिजल्ट 8 अक्टूबर को सामने आएंगे.

Veer Gupta

Sep 06 2024, 21:23

मणिपुर में पूर्व मुख्यमंत्री के घर पर रॉकेट से हमला, एक की मौत, 5 घायल

मणिपुर में पूर्व मुख्यमंत्री मैरेंबम कोइरेंग के आवास पर रॉकेट से हमला हुआ है. इस हमले में एक बुजुर्ग व्यक्ति की मौत हो गई है. पांच लोग घायल हुए हैं. यह हमला बिष्णुपुर जिले के रिहाइशी इलाके मोइरांग में शुक्रवार दोपहर हुआ है. कहा जा रहा है कि उग्रवादियों ने इसे अंजाम दिया है. शुक्रवार को जिले में यह दूसरा रॉकेट हमला हुआ है.

पूर्व मुख्यमंत्री मैरेंबम कोइरेंग के आवास पर हुए इस हमले को लेकर एक अधिकारी ने बताया कि इस हमले में जान गंवाने वाला बुजुर्ग धार्मिक अनुष्ठान की तैयारी कर रहा था. हमले में13 साल की लड़की समेत 5 लोग घायल हो गए है. इससे पहले दिन में इंफाल से करीब 45 किलोमीटर दूर ट्रोंगलाओबी में एक रॉकेट दागा गया था.

Veer Gupta

Sep 06 2024, 21:07

कोलकाता में ट्रेनी डॉक्टर की रेप-मर्डर केस: न्याय की मांग पर 8 सितंबर को फिर होगा प्रदर्शन

कोलकाता में आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में ट्रेनी डॉक्टर की रेप-मर्डर मामले का नौ सितंबर को एक महीना बीत जाएगा. न्याय की मांग पर अभी भी कोलकाता में प्रदर्शन चल रहे हैं. इसके पहले कोलकाता सहित पूरे देश में रिक्लेम द नाइट और लाइटें बंद कर विरोध प्रदर्शन का आयोजन किया गया था. अब नौ सितंबर से पहले आठ सितंबर की रात को फिर से न्याय की मांग पर विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया गया है. शुक्रवार को कोलकाता में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर प्रदर्शनकारी रिमझिम सहित अन्य महिलाओं ने आठ सितंबर की रात को विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया.

बता दें कि कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में ट्रेनी डॉक्टर की लाश मिली थी. रेप और हत्या के आरोप में इस मामले में कोलकाता पुलिस ने सिविक वॉलेंटियर संजय रॉय को गिरफ्तार किया है. कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश के बाद अब इस मामले की सीबीआई जांच कर रही है.

रेप केस मामले में आरोपों से घिरे आरजी कर के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष को भी सीबीआई ने अरेस्ट किया है, लेकिन इस मामले में अभी भी न्याय की मांग को लेकर आंदोलन चल रहा है.

आठ सितंबर की रात को फिर होगा प्रदर्शन

प्रदर्शनकारीरिमझिम ने कहा कि 8 सितंबर की रात को वे लोग फिर से सड़क पर उतरकर प्रदर्शन करेंगे. विरोध प्रदर्शन को ‘शासक को जगाने के लिए नए गीतों की सुबह’ नाम दिया गया है.

इस कार्यक्रम के बारे में बात करते हुए रिमझिम ने सत्यजीत रे की फिल्म ‘गुपी गेन बाघा बेन’ का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि वे शासकों को उसी तरह जगाना चाहते हैं जैसे गुपी गेन ने राजा को जगाया था. रिमझिम ने कहा कि रात को सांस्कृतिक तरीके से विरोध प्रदर्शन किया जाएगा. इस कार्यक्रम में गायन मंडली, नृत्य मंडली, सांस्कृतिक जगत की विभिन्न हस्तियों को आमंत्रित किया गया है.

नौ अगस्त को ट्रेनी डॉक्टर की मिली थी लाश

9 अगस्त की सुबह आरजी कर मेडिकल कॉलेज के सेमिनार रूम से एक महिला डॉक्टर का शव बरामद किया गया था. तब से 25 दिन से अधिक समय बीत चुका है. सीबीआई मामले की जांच कर रही है. आरजी कर मामले की सुनवाई 9 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट में होगी. उससे ठीक एक रात पहले आंदोलनकारी सड़क पर उतरेंगे.

इससे पहले 10 अगस्त की रात को रिमझिम ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करके रिक्लेम द नाइट का आह्वान किया था. इस आह्वान पर कोलकाता, दिल्ली, बेंगलुरु और मुंबई सहित देश के विभिन्न शहरों में आधी रात को प्रदर्शन हुए थे और महिलाओं की सुरक्षा की मांग की गई थी.

Veer Gupta

Sep 06 2024, 19:30

केन्या में एक स्कूल के हॉस्टल में आग लगने से 17 छात्रों की मौत,13 गंभीर रूप से झुलसे

केन्या में एक स्कूल के हॉस्टल में आग लगने से 17 छात्रों की मौत हो गई और 13 अन्य गंभीर रूप से झुलस गए हैं. ये घटना न्येरी काउंटी के हिलसाइड एंडाराशा प्राइमरी स्कूल में हुई है. हालांकि, मृतकों की संख्या बढ़ने की आशंका जताई गई है, क्योंकि कई छात्र गंभीर रूप से झुलसे हुए हैं. मौके पर पहुंची पुलिस और राहत-बचाव की टीमों ने बच्चों को बाहर निकाला और नजदीकि अस्पताल में भर्ती करवाया है.

पुलिस प्रवक्ता रेसिला ओन्यांगो ने बताया कि आग लगने के कारणों की जांच की जा रही है. इस हॉस्टल में 14 साल तक के बच्चे रहते हैं और इसमें 150 से ज्यादा छात्र रहते थे. स्कूल की बिल्डिंग मुख्य रूप से लकड़ी की बनी हुई हैं, जिससे आग तेजी से फैल गई. केन्या के राष्ट्रपति विलियम रुटो ने इस घटना को “भयावह” बताया और संबंधित प्राधिकारियों को इस मामले की गहन जांच करने का निर्देश दिया. उन्होंने कहा कि जिम्मेदार लोगों को जवाबदेह ठहराया जाएगा.

उपराष्ट्रपति ने घटना पर क्या कहा?

केन्या के उपराष्ट्रपति रिगाथी गचागुआ ने स्कूल प्रशासन से अपील की कि वे सुनिश्चित करें कि आवासीय विद्यालयों के लिए शिक्षा मंत्रालय द्वारा अनुशंसित सुरक्षा दिशानिर्देशों का पालन किया जाए. उन्होंने सोशल मीडिया मंच एक्स पर लिखा, मैं संबंधित प्राधिकारियों को इस भयावह घटना की गहन जांच करने का निर्देश देता हूं. जिम्मेदार लोगों को जवाबदेह ठहराया जाएगा.

पहले भी हो चुकी हैं ऐसी घटनाएं

केन्या में हॉस्टल में आग लगने की घटनाएं आम हैं. शिक्षा मंत्रालय की एक हालिया रिपोर्ट के अनुसार, ये आग अक्सर मादक द्रव्यों के सेवन और क्षमता से अधिक छात्रों के रहने के कारण लगती हैं. माता-पिता का मानना है कि हॉस्टल में रहने से उनके बच्चों को पढ़ाई के लिए ज्यादा समय मिलता है.

हाल के सालों में, केन्या के स्कूलों में आग लगने की घटनाएं बढ़ी हैं. ये छात्रों और शिक्षकों के लिए खतरा पैदा कर रही हैं. 2017 में नैरोबी में एक स्कूल में आग लगने से 10 छात्रों की मौत हो गई थी. स्कूल में आग लगने की सबसे घातक घटना 2001 में हुई थी जब माचकोस काउंटी में एक छात्रावास में आग लगने से 67 छात्रों की मौत हो गई थी.

Veer Gupta

Sep 06 2024, 16:02

सावित्री जिंदल ने बीजेपी से बगावत करते हुए निर्दलीय चुनाव लड़ने का किया ऐलान

हरियाणा विधानसभा चुनाव के बीच बीजेपी को बड़ा झटका लगा है. जिस समय पार्टी चुनाव की तैयारियों में जुटी हुई है, उसी समय देश की चौथी सबसे अमीर महिला सावित्री जिंदल ने बीजेपी से बगावत कर दी है. साथ ही सावित्री जिंदल ने ऐलान कर दिया है कि वो निर्दलीय चुनाव लड़ेंगी.

हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी ने बुधवार देर शाम को 67 उम्मीदवारों की लिस्ट जारी की थी, लेकिन पार्टी की लिस्ट सामने आते ही बीजेपी में हलचल मच गई, टिकट न मिलने पर कई नेता नाराज हो गए.

सावित्री जिंदल की BJP से बगावत

कई नाराज पदाधिकारियों ने तो सोशल मीडिया पर ही अपना इस्तीफा पार्टी को सौंप दिया. वहीं, गुरुवार को देश की चौथी सबसे अमीर महिला और पूर्व मंत्री सावित्री जिंदल ने भी बीजेपी से बगावत कर दी है. बीजेपी से टिकट न मिलने के बाद उन्होंने हिसार से निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है. सावित्री जिंदल ने समर्थकों से कहा- मैं बीजेपी की प्राथमिक सदस्य नहीं हूं, मैं चुनाव न लड़ने के बारे में बोलने के लिए दिल्ली से वापस आई थी, लेकिन आपका प्यार और विश्वास देखकर अब मैंने फैसला लिया है कि मैं मैदान में उतरूंगी.

सावित्री जिंदल ने क्या कहा

सावित्री जिंदल ने निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान करने के बाद कहा , मैं बीजेपी की सदस्य नहीं हूं. हिसार की जनता जो कहेगी मैं वो करूंगी. उन्होंने इस बात के संकेत भी साफ दे दिए हैं कि वो चुनाव लड़ेंगी और कहा, हिसार की सेवा करने के लिए मैं चुनाव लड़ूंगी. उन्होंने कहा, लोकसभा चुनाव में सिर्फ मैं अपने बेटे का चुनाव प्रचार करने गई थी, मैंने कभी बीजेपी ज्वाइन नहीं की.

किस BJP नेता के खिलाफ लड़ेंगी चुनाव

सावित्री जिंदल मशहूर उद्योगपति और कुरूक्षेत्र से बीजेपी सांसद नवीन जिंदल की मां हैं और लोकसभा चुनाव के दौरान सावित्री जिंदल अपने बेटे के लिए लगातार प्रचार करती भी नजर आ रही थी. हालांकि, अब हिसार सीट पर उनका मुकाबला बीजेपी के मंत्री डॉ. कमल गुप्ता से होगा जो इस समय हरियाणा सरकार में स्वास्थ्य मंत्री की जिम्मेदारी निभा रहे हैं. दोनों मैदान में आमने-सामने होंगे.

कौन हैं सावित्री जिंदल

सावित्री जिंदल एक उद्योगपति हैं, जिन्होंने साल 2005 में अपना सियासी सफर शुरू किया था. वह हिसार सीट से जीतकर विधानसभा पहुंची, जिसके बाद साल 2009 में उन्होंने एक बार फिर किस्मत आजमाई और लगातार दूसरी बार जीत दर्ज की. साल 2013 में उन्हें हरियाणा सरकार में कैबिनेट मंत्री की जिम्मेदारी दी गई. हरियाणा की 90 सीटों पर 5 अक्टूबर को मतदान किया जाएगा और वोटों की गिनती 8 अक्टूबर को की जाएगी.

Veer Gupta

Sep 06 2024, 15:13

55 साल की महिला की कहानी कर देगी भावुक, घर खर्च के लिए रात को चलाती हैं ऑटो,देखे वीडियो
55 साल की महिला की कहानी कर देगी भावुक, घर खर्च के लिए रात को चलाती हैं ऑटो,देखे वीडियो

Veer Gupta

Sep 06 2024, 14:32

दिल्ली से वाराणसी जाने वाली फ्लाइट में AC नहीं चलने से यात्रियों का फुटा गुस्सा

इंडिगो एयरलाइंस में सफर करने वाले यात्रियों का एक वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा.

ये फ्लाइट दिल्ली से वाराणसी के लिए टेक ऑफ करनी थी. टेक ऑफ करने से पहले ही फ्लाइट में एसी काम नहीं कर रही थी. यात्रियों ने फ्लाइट के टेक ऑफ करने से पहले ही एयरलाइंस कर्मियों से इसकी शिकायत की थी, लेकिन इसके बाद भी एसी को सही नहीं कराया गया और पूरी यात्रा में सफर करने वाले लोगों को सांस लेने में दिक्कत होने लगी.

फ्लाइट में ही लोगों का गुस्सा फूट गया और उनकी एयरलाइंस स्टाफ के साथ जमकर कहा सुनी हुई, जिसका वहां मौजूद यात्री ने ही वीडियो बना लिया. अब इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. बाद में वाराणसी पहुंचकर भी यात्रियों ने एयरलाइंस अथॉरिटी से इसकी शिकायत की. इस फ्लाइट में सफर करने वाले यात्रियों का आरोप है कि प्रशासन से शिकायत के बाद भी किसी तरह की कोई कार्रवाई नहीं की गई.

यात्रियों का फूटा गुस्सा

एयरलाइंस में ऊमस और गर्मी से जब सभी यात्री बेहाल हो गए तो उनका आक्रोश एयरलाइंस कर्मियों पर फूटा. फ्लाइट में मौजूद एक शख्स ने कहा कि, “हमारा दिमाग खराब है, जो हम एसी को बार-बार ठीक कराने के लिए कह रहे हैं, यात्रियों ने कहा कि हमारी जिंदगी का मजाक बना दिए हैं”. ये घटना इंडिगो की फ्लाइट 6 E 2235 में हुई.

एसी बंद होने से दम घुटने लगा

इंडिगो की इस फ्लाइट में एसी बंद होने से कुछ लोगों का दम घुटने लगा. उन्हें सांस लेने में काफी तकलीफ होने लगी. फ्लाइट के अंदर सही तरीके से ऑक्सीजन न मिलने के कारण कुछ महिलाएं और बच्चे वहीं बेहोश होने लगे, जिन्हें बाद में अस्पताल में भर्ती कराया गया. एयरलाइंस में यात्रियों को हुई इस असुविधा से सभी बेहद नाराज हैं. किसी तरह से सफर करते हुए बड़ी मुश्किल से वो दिल्ली से वाराणसी पहुंचे.

Veer Gupta

Sep 06 2024, 12:27

पितृपक्ष चंद्रग्रहण के साए में होगी शुरुआत, जानें श्राद्ध कर्म के नियमों में क्या होगा बदलाव,पितरों को कैसे दिलाएं मुक्ति?

हिंदू धर्म में पितृपक्ष अपने पूर्वजों को श्रद्धांजलि देने का एक महत्वपूर्ण समय है. इस दौरान पितरों के लिए श्राद्ध, तर्पण और पिंडदान किए जाते हैं, लेकिन इस साल चंद्रग्रहण के साए में पितृपक्ष की शुरूआत हो रही है. ऐसे में पितरों को मुक्ति कैसे दिलाएं मिलती है और उनका आशीर्वाद कैसे प्राप्त होता है. ऐसा माना जाता है कि जब पितृपक्ष के दौरान चंद्र ग्रहण जैसी खगोलीय घटना होती है, तो श्राद्ध कर्म करने के नियमों में कुछ बदलाव आ जाते हैं. चंद्र ग्रहण को एक अशुभ घटना माना जाता है और इस दौरान कई धार्मिक कार्य वर्जित होते हैं. पितृपक्ष के दौरान चंद्र ग्रहण का होना और भी महत्वपूर्ण हो जाता है क्योंकि यह पितरों से जुड़ा एक विशेष समय है.

इस बार पितृपक्ष में ही साल का दूसरा चंद्रग्रहण और सूर्यग्रहण लगने जा रहा है. ज्योतिष के मुताबिक, इस साल पितृपक्ष की शुरुआत चंद्र ग्रहण से होने जा रही है. 18 सितंबर को प्रतिपदा श्राद्ध के साथ ही पितृपक्ष की शुरुआत होगी. उसी दिन साल का दूसरा चंद्र ग्रहण भी लगने जा रहा है. यह पितृपक्ष अत्यंत शुभदायक नहीं रहेगा. साल का दूसरा चंद्रग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा. इसलिए भारत में सूतक नहीं माना जाएगा. लेकिन पितृ पक्ष पर इस ग्रहण का प्रभाव रहेगा.

पंचांग के अनुसार, चंद्रग्रहण सुबह 6 बजकर 12 मिनट पर शुरू होगा और इसका समापन सुबह 10 बजकर 17 मिनट पर होगा. भारत में दिखाई नहीं देने के कारण इस ग्रहण का प्रभाव नहीं होगा. फिर भी प्रतिपदा पर श्राद्ध करने वाले लोगों को ध्यान रखना होगा कि जब तक ग्रहण काल समाप्त नहीं हो जाए, तब तक श्राद्ध नहीं करें. ग्रहण के मोक्ष काल की समाप्ति के बाद ही प्रतिपदा के श्राद्ध की शुरुआत करें.

पितरों को ऐसे दिलाएं मुक्ति

ऐसा मान्यता है कि पितृपक्ष के दौरान हमारे पितर धरती पर आते हैं. पितृ पक्ष भाद्रपद पूर्णिमा से लेकर अमावस्या तक रहता है. इस दौरान पितरों के निमित्त तर्पण, श्राद्ध, पिंडदान आदि किया जाता है. इन कार्यों से पितृ प्रसन्न होते हैं और हमको आशीर्वाद देते हैं. चंद्र ग्रहण के दौरान पितृपक्ष का विशेष महत्व होता है. इस समय पितरों को मुक्ति दिलाने के लिए विशेष उपाय किए जाते हैं. यदि आप पितृपक्ष के दौरान चंद्र ग्रहण के बारे में अधिक जानकारी चाहते हैं, तो किसी पंडित या ज्योतिषी से संपर्क कर सकते हैं.

पितृ शांति के लिए करें ये उपाय

चंद्र ग्रहण के दौरान पितरों को मुक्ति दिलाने के लिए कुछ उपाय किए जा सकते हैं. ग्रहण के दौरान श्राद्ध करना वर्जित होता है. ग्रहण समाप्त होने के बाद ही शुभ मुहूर्त में श्राद्ध करना चाहिए. ग्रहण के दौरान विशेष मंत्रों का जाप करना चाहिए और गरीबों को दान करना चाहिए. ग्रहण के बाद पितरों को याद करके उन्हें श्रद्धांजलि दें और धार्मिक ग्रंथों का पाठ करें.