मणिपुर में टेंशन बढ़ाने वाली घटना, पहली बार ड्रोन से अटैक, कुकी उग्रवादियों के पास कहां से आ रहे आधुनिक हथियार?
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देश का उत्तर पूर्वी राज्य मणिपुर पिछले एक साल से सुलग रहा है। कुकी और मैतेई समुदाय के बीच शुरू हुई हिंसा को एक साल से ज्यादा वक्त बीत चुका है, लेकिन अभी तक हालात सामान्य नहीं हो पाए हैं। अभी दो दिन पहले ही राज्य की मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने भरोसा जाताया ता कि आने वाले 6 महीने के भीरत हालात पूरी तरह से सामान्य हो जाएंगे। हालांकि इसे बीच से खबर आ रही जो चिंता बढ़ाने वाली है। मणिपुर में जातीय हिंसा के बीच ड्रोन और आरपीजी के इस्तेमाल किया गया है। बीते 1 सितंबर को राज्य में शुरू हुई हिंसा फिर से बढ़ती दिख रही है और सोमवार 2 सितंबर को लगातार दूसरे दिन भी इंफाल में ड्रोन से हमला हुआ है। जातीय हिंसा के बीच ड्रोन बम के प्रयोग ने सुरक्षा एजेंसियों की चिंता बढ़ा दी है।
मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने मंगलवार को कुकी आतंकियों द्वारा ड्रोन के जरिए आम लोगों और सुरक्षा कर्मियों पर बम गिराने की घटना की निंदा की है। उन्होंने इसे आतंकी घटना बताते हुए कहा है कि इस कायराना हमले का मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने अपनी सोशल मीडिया पोस्ट में कहा, ‘आम लोगों और सुरक्षा कर्मियों के ऊपर ड्रोन से बम गिराने की घटना आतंकी घटना है। मैं इस कायरतापूर्ण घटना की कड़े शब्दों में निंदा करता हूं। मणिपुर की सरकार इस अकारण हमले को गंभीरता से लेती है और सरकार स्थानीय लोगों पर इस अकारण हमले के लिए कड़ी कार्रवाई करने को प्रतिबद्ध है।‘
अब तक पुलिस से छीने गए हथियारों का होता था इस्तेमाल
मुख्यमंत्री ने जोर देते हुए कहा कि हम हर तरह की हिंसा की निंदा करते हैं और मणिपुर के लोग नफरत, विभाजन और अलगाववाद के खिलाफ एकजुट हैं।मणिपुर के कोत्रुक गांव में जिस तरह से कुकी उग्रवादियों ने ड्रोन से आरपीजी यानी रॉकेट प्रोपैल्ड गन अटैक किया, वह वाकई चौंकाने वाला है। अभी तक कुकी उग्रवादी मणिपुर पुलिस से छीने गए हथियारों का इस्तेमाल हमलों के लिए कर रहे थे, जिनमें इंसास राइफलें, कार्बाइन, हैंड ग्रेनेड, मोर्टार और रॉकेट लॉन्चर जैसे हथियार शामिल थे, लेकिन अब ड्रोन अटैक यह वाकई चिंताजनक है।
जंग में इस्तेमाल होने वाले हथियार कहां से मिल रहे?
पुलिस से छीने गए हथियारों के बल पर हमले करनमे वाले राज्य में कुकी उग्रवादियों ने अब अपनी रणनीति बदल दी है। मणिपुर में जो हुआ उसकी वाकई किसी ने कल्पना नहीं की थी। कुकी उग्रवादियों ने एक सितंबर को मणिपुर के इंफाल वेस्ट जिले में कोत्रुक गांव पर आश्चर्यजनक तरीके से ड्रोन के जरिए आरपीजी यानी रॉकेट प्रोपैल्ड गन अटैक किया। आमतौर पर ये हथियार जंग में इस्तेमाल होते हैं। मैतई बहुल इस गांव में पहले उग्रवादियों ने हैवी फायरिंग के बाद ड्रोन से बम गिराए। हमले में एक महिला समेत दो लोगों की मौत हो गई और कई जख्मी हो गए।
पुलिस के लिए हैरानी वाली वारदात
इस तरह के आरपीजी ड्रोन अटैक से मणिपुर पुलिस भी हैरान है। मणिपुर पुलिस ने अपने बयान में कहा है, ड्रोन बमों का इस्तेमाल आम तौर पर सामान्य युद्धों में किया जाता रहा है। सुरक्षा बलों और आम नागरिकों के खिलाफ विस्फोटक हमले करने के लिए आरपीजी अटैक के लिए हाई-टेक ड्रोन का इस्तेमाल वाकई चौंकाने वाला है। इस बात की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता कि इसके लिए उच्च प्रशिक्षित पेशेवरों, तकनीकी विशेषज्ञों की मदद ली गई होगी।
खुफिया सूत्रों का कहना है कि चीन इन ड्रोनों को म्यांमार के रास्ते भारत भेज रहा है और ये ड्रोन मणिपुर की इंटरनल सिक्योरिटी के लिए बड़ा खतरा हैं। सुरक्षा विशेषज्ञों ने भी इन एडवांस ड्रोन हमलों पर चिंता जताई है।
हाई लेवल कमेटी का गठन
इस बीच, मणिपुर पुलिस ने उग्रवादियों के ड्रोन के इस्तेमाल की जांच के लिए 5 सदस्यों की एक हाई लेवल कमेटी का गठन किया है। पुलिस विभाग की ओर से सोमवार को जारी की गई एक अधिसूचना में कहा गया है कि 1 सितंबर को कोत्रुक में एक बड़े हमले में कुकी उग्रवादियों ने हाई-टेक ड्रोन का इस्तेमाल करके कई आरपीजी तैनात किए थे, जिसमें एक महिला की मौत हो गई थी और तीन पुलिस कर्मियों समेत कई और लोग भी घायल हो गए थे। इस कमेटी की अध्यक्षता जीडीपी आशुतोष कुमार सिन्हा करेंगे और इसमें भारतीय सेना, असम राइफल्स, सीआरपीएफ और बीएसएफ अधिकारी भी शामिल होंगे।







भारतीय तटरक्षक बल के एक हेलीकॉप्टर को समुद्र में इमरजेंसी लैंडिंग करनी पड़ी है।इस घटना में हेलीकॉप्टर पर सवार चार लोगों में तीन लापता बताए जा रहे हैं, जिनकी तलाश जारी है। वहीं क्रू के एक सदस्य को बचा लिया गया है। तटरक्षक बल ने जानकारी दी है कि 02 सितम्बर 2024 को रात 11 बजे गुजरात के पोरबंदर में मोटर टैंकर हरि लीला से एक घायल चालक दल के सदस्य को निकालने के लिए एएलएच हेलीकॉप्टर को भेजा गया था। यह कार्रवाई गुजरात के पोरबंदर तट से करीब 45 किलोमीटर दूर की गई। तटरक्षक बल ने बताया कि मोटर टैंकर हरि लीला के मालिक के अनुरोध पर यह कार्रवाई की गई थी। तटरक्षक बल के दल में चार लोग सवार थे। कथित तौर पर अभियान के दौरान हेलीकॉप्टर को अरब सागर में ही आपात लैंडिंग करनी पड़ी। इंडियान कोस्ट गार्ड ने ट्वीट कर के जानकारी दी है कि यह घटना तब हुई जब हेलीकॉप्टर निकासी के लिए जहाज के पास आ रहा था। आपातकालीन लैंडिंग करने वाले हेलीकॉप्टर के चालक दल के एक सदस्य को खोज लिया गया है। वहीं, 3 अन्य सदस्यों की तलाश जारी है।रेस्क्यू टीम को हेलीकॉप्टर का मलबा मिल गया है। इंडियान कोस्ट गार्ड ने बचाव अभियान के लिए 04 जहाज और 02 विमान तैनात किए हैं।
Sep 03 2024, 15:57
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