मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन में राज्य में पहली बार वृहद स्तर पर शुरू हुआ महुआ पेड़ों का संरक्षण, मनेंद्रगढ़ वनमण्डल में शुरू हुआ “महुआ बचाओ अभियान”
रायपुर- बस्तर और सरगुजा क्षेत्र में आदिवासी अंचल के लिए महुआ का पेड़ विशेष महत्व है। महुआ के मौसम में गाँव की गलियाँ खाली होती है। सभी ग्रामीण महुआ के फूल बीनने में व्यस्त रहते हैं। महुआ का पेड़ प्रकृति का बहुमूल्य उपहार है। भारत में इसे कल्पवृक्ष के नाम से भी जाना जाता है। यह पेड़ आदिवासियों के लिए आर्थिक, धार्मिक और सामाजिक रूप से महत्व रखता है। महुआ का पेड़ भारत के उत्तर, दक्षिण और मध्य के 13 राज्यो में पाया जाता है। महुआ के फूल, फल, बीज, छाल और पत्ती सभी उपयोगी हैं। यह आदिवासियों की आय का एक प्रमुख स्त्रोत है। पिछले कुछ समय से महुआ के उत्पादन में गिरावट आयी है और महुआ के नए पेड़ नहीं उग रहे हैं। जिस कारण महुआ पेड़ों की संख्या घट रही है।
पुनरुत्पादन न होने से घटी महुआ पेड़ों की संख्या
महुआ पेड़ो की घटती संख्या चिंता का विषय है। सबसे बड़ी समस्या इनके पुनरुत्पादन की है। जंगल में तो महुआ पर्याप्त है पर आदिवासियो के द्वारा अधिकतर महुआ का संग्रहण गांव की ख़ाली पड़ी ज़मीन और खेत की मेड़ो पर लगे महुआ से होती है। अगर आप बस्तर और सरगुज़ा के किसी गाँव में जाएं तो उनके खेतों के पार और ख़ाली ज़मीन में सिर्फ़ बड़े महुआ के पेड़ ही बचे दिखते हैं। छोटे और मध्यम आयु के पेड़ों की संख्या लगभग नगण्य होती है। ग्रामीणों के द्वारा महुआ संग्रहण से पहले ज़मीन साफ़ करने हेतु आग लगाई जाती है इस कारण महुआ के पौधे जीवित नहीं रह पाते। ग्रामीण महुआ के सभी बीज संग्रहीत कर लेते हैं। महुआ पेड़ की औसत आयु 60 वर्ष है। अगर जंगल के बाहर इनके पुनरुत्पादन पर ध्यान नहीं दिया गया तो ये जल्द ही ख़त्म हो जाएँगे। इन्हीं चिंताओं को ध्यान में रखते हुए राज्य में पहली बार बड़े स्तर पर महुआ बचाओ अभियान की शुरुआत की गई है।
प्रधानमंत्री मोदी एवं सीएम विष्णुदेव साय की मुहीम लाई रंग
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू किये गए विशेष अभियान “एक पेड़ मां के नाम” ने राज्य में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में पौधारोपण एवं पर्यावरण संरक्षण की अलख जगा दी है। यह अभियान छत्तीसगढ़ राज्य में एक जन आंदोलन का रूप ले चुका है। इसी क्रम में वन मंडल मनेन्द्रगढ़ में वृहद स्तर पर महुआ बचाओ अभियान की शुरुआत की है। राज्य में पहली बार बड़े स्तर पर महुआ पेड़ों की संख्या को बढ़ाने एवं संरक्षण की कवायद शुरू की गई है।
विधायक रेणुका सिंह के मुख्य आतिथ्य में आयोजित हुआ महुआ बचाओ अभियान कार्यक्रम
महुआ बचाओ अभियान एवं वन महोत्सव वर्ष 2024 के अंतर्गत ग्राम-कछौड़ तुर्रा रोड पर भारत भवन के पास सफल कार्यक्रम का आयोजन किया गया। भरतपुर-सोनहत विधायक एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री रेणुका सिंह कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित हुईं। कार्यक्रम के दौरान क्षेत्रवासी महुआ वृक्षों के बारे में जागरूक हुए एवं महुआ के नए पौधों को लगाने एवं उनकी देखभाल करने के लिए प्रेरित हुए।
30,000 से अधिक महुआ पौधे लगाए जा चुके हैं
मनेन्द्रगढ़ वन क्षेत्र में गांव के बाहर खाली पड़ी जमीन और खेतों में महुआ के पौधे लगाए जा रहे हैं। जिनकी सुरक्षा ट्री गार्ड द्वारा की जा रही है। इस अभियान के अंतर्गत अभी तक 30,000 महुआ के पौधे लगाए जा चुके हैं। पौधों को लगाए जाने के साथ ही पौधे की सुरक्षा के लिए ग्रामीणों को ट्री गार्ड भी प्रदान किये जा रहा है। महुआ के पौधे लगने से ग्रामीणों में जबरदस्त उत्साह है। ग्रामीण आगे आकर महुआ पौधरोपण में अपना योगदान दे रहे हैं।


 
						





 रायपुर-    मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज नवा रायपुर में आदिम जाति अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान के समीप बन रहे ‘शहीद वीर नारायण सिंह आदिवासी स्वतंत्रता संग्राम सेनानी संग्रहालय‘ का निरीक्षण किया। छत्तीसगढ़ के आदिवासी वीर स्वतंत्रता सेनानियों को समर्पित इस संग्रहालय का निर्माण 45 करोड़ रूपए की लागत से लगभग 10 एकड़ भूमि पर किया जा रहा है। मुख्यमंत्री के साथ आदिम जाति विकास मंत्री रामविचार नेताम भी कार्य की प्रगति देखने पहुंचे। मुख्यमंत्री श्री साय ने संग्रहालय में मूर्तियों, अन्य कलाकृतियों तथा विभिन्न मॉडलों का अवलोकन किया। उन्होंने मूर्तियों का निर्माण कर रहे शिल्पकारों से चर्चा कर उनकी कला के बारे में जानकारी ली।
रायपुर-    मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज नवा रायपुर में आदिम जाति अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान के समीप बन रहे ‘शहीद वीर नारायण सिंह आदिवासी स्वतंत्रता संग्राम सेनानी संग्रहालय‘ का निरीक्षण किया। छत्तीसगढ़ के आदिवासी वीर स्वतंत्रता सेनानियों को समर्पित इस संग्रहालय का निर्माण 45 करोड़ रूपए की लागत से लगभग 10 एकड़ भूमि पर किया जा रहा है। मुख्यमंत्री के साथ आदिम जाति विकास मंत्री रामविचार नेताम भी कार्य की प्रगति देखने पहुंचे। मुख्यमंत्री श्री साय ने संग्रहालय में मूर्तियों, अन्य कलाकृतियों तथा विभिन्न मॉडलों का अवलोकन किया। उन्होंने मूर्तियों का निर्माण कर रहे शिल्पकारों से चर्चा कर उनकी कला के बारे में जानकारी ली।





 रायपुर-    मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की मंशानुसार, गांव, गरीब और किसानों की आर्थिक समृद्धि सुनिश्चित करने के लिए शासन द्वारा अनेक योजनाएं संचालित की जा रही हैं। इन्हीं योजनाओं के तहत मुंगेली जिला के ग्राम सोढ़ार के पशुपालक कुलदीप सिंह ठाकुर ने पशुधन मिशन योजना का लाभ उठाते हुए अपनी समृद्धि की राह तय की।
रायपुर-    मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की मंशानुसार, गांव, गरीब और किसानों की आर्थिक समृद्धि सुनिश्चित करने के लिए शासन द्वारा अनेक योजनाएं संचालित की जा रही हैं। इन्हीं योजनाओं के तहत मुंगेली जिला के ग्राम सोढ़ार के पशुपालक कुलदीप सिंह ठाकुर ने पशुधन मिशन योजना का लाभ उठाते हुए अपनी समृद्धि की राह तय की। रायपुर-    मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की पहल पर जशपुर जिला के कुनकुरी में प्रस्तावित 220 बिस्तर की क्षमता वाले अत्याधुनिक अस्पताल के भवन निर्माण के लिए राज्य सरकार ने निविदा जारी कर दिया है। इस अस्पताल के लिए राज्य सरकार ने 32 करोड़ 9 लाख रूपये की राशि स्वीकृत की है। उल्लेखनीय है राज्य में विष्णुदेव साय सरकार ने अपने बजट में कुनकुरी में 220 बिस्तर की क्षमता वाली अत्याधुनिक अस्पताल निर्माण की घोषणा की थी। इस बजट में अस्ताल भवन निर्माण के लिए आवश्यक राशि की स्वीकृति मुख्यमंत्री श्री साय ने दी है।
रायपुर-    मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की पहल पर जशपुर जिला के कुनकुरी में प्रस्तावित 220 बिस्तर की क्षमता वाले अत्याधुनिक अस्पताल के भवन निर्माण के लिए राज्य सरकार ने निविदा जारी कर दिया है। इस अस्पताल के लिए राज्य सरकार ने 32 करोड़ 9 लाख रूपये की राशि स्वीकृत की है। उल्लेखनीय है राज्य में विष्णुदेव साय सरकार ने अपने बजट में कुनकुरी में 220 बिस्तर की क्षमता वाली अत्याधुनिक अस्पताल निर्माण की घोषणा की थी। इस बजट में अस्ताल भवन निर्माण के लिए आवश्यक राशि की स्वीकृति मुख्यमंत्री श्री साय ने दी है। रायपुर-    प्रधानमंत्री जनमन योजना के तहत विशेष पिछड़ी जनजाति वर्ग के लोगों को शासन की जनकल्याणकारी योजनाओं का सीधा लाभ मिल रहा है। इस योजना ने पीवीटीजी (विशेष पिछड़ी जनजाति) परिवारों के लिए सामाजिक और आर्थिक उत्थान का एक नया मार्ग प्रशस्त किया है। प्रधानमंत्री आवास योजना, आयुष्मान भारत, नलजल, शिक्षा, बिजली, कृषि, सड़क, और आधार पंजीयन जैसी योजनाओं के माध्यम से न केवल समाज के पिछड़े वर्गों को मुख्यधारा से जोड़ने में सहायक हैं, बल्कि उनके जीवन स्तर को भी सुधारने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं।
रायपुर-    प्रधानमंत्री जनमन योजना के तहत विशेष पिछड़ी जनजाति वर्ग के लोगों को शासन की जनकल्याणकारी योजनाओं का सीधा लाभ मिल रहा है। इस योजना ने पीवीटीजी (विशेष पिछड़ी जनजाति) परिवारों के लिए सामाजिक और आर्थिक उत्थान का एक नया मार्ग प्रशस्त किया है। प्रधानमंत्री आवास योजना, आयुष्मान भारत, नलजल, शिक्षा, बिजली, कृषि, सड़क, और आधार पंजीयन जैसी योजनाओं के माध्यम से न केवल समाज के पिछड़े वर्गों को मुख्यधारा से जोड़ने में सहायक हैं, बल्कि उनके जीवन स्तर को भी सुधारने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं।
 रायपुर-     27वीं अखिल भारतीय वन खेलकूद प्रतियोगिता अंतर्गत छत्तीसगढ़ राज्य स्तरीय चयन प्रतियोगिता का शुभारंभ आज व्ही. श्रीनिवास राव, प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं वन बल प्रमुख छत्तीसगढ़ द्वारा स्थानीय कोटा स्टेडियम में किया गया। पूरे प्रदेश के 6 वन वृत्तों से आये लगभग 500 खिलाड़ियों को वन बल प्रमुख द्वारा शपथ दिलायी गयी। वन वृत्त बिलासपुर, दुर्ग, जगदलपुर, कांकेर, सरगुजा, रायपुर से आये खिलाड़ियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।
रायपुर-     27वीं अखिल भारतीय वन खेलकूद प्रतियोगिता अंतर्गत छत्तीसगढ़ राज्य स्तरीय चयन प्रतियोगिता का शुभारंभ आज व्ही. श्रीनिवास राव, प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं वन बल प्रमुख छत्तीसगढ़ द्वारा स्थानीय कोटा स्टेडियम में किया गया। पूरे प्रदेश के 6 वन वृत्तों से आये लगभग 500 खिलाड़ियों को वन बल प्रमुख द्वारा शपथ दिलायी गयी। वन वृत्त बिलासपुर, दुर्ग, जगदलपुर, कांकेर, सरगुजा, रायपुर से आये खिलाड़ियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।


 
   रायपुर-     कृषि विकास एवं किसान कल्याण मंत्री रामविचार नेताम ने कहा है कि कुछ दशक पूर्व किसान खेती में परंपरागत कृषि उपकरणों का उपयोग करते थे। लेकिन प्रौद्योगिकी के विकास के कारण आज खेतों में ट्रैक्टर चलित कल्टिवेटर, रोटावेटर, कम्बाइन जैसे आधुनिक कृषि यंत्रों एवं मशीनरी का उपयोग कर रहे हैं। इसके साथ ही अब कृषि में ड्रोन तथा ए.आई. तकनीक का उपयोग भी होने लगा है। कृषि मशीनरी के तकनीकी विकास के कारण कृषि के क्षेत्र में क्रान्तिकारी परिवर्तन आया है, इसके लिए देश के कृषि अभियंता तथा कृषि वैज्ञानिक बधाई के पात्र हैं।
रायपुर-     कृषि विकास एवं किसान कल्याण मंत्री रामविचार नेताम ने कहा है कि कुछ दशक पूर्व किसान खेती में परंपरागत कृषि उपकरणों का उपयोग करते थे। लेकिन प्रौद्योगिकी के विकास के कारण आज खेतों में ट्रैक्टर चलित कल्टिवेटर, रोटावेटर, कम्बाइन जैसे आधुनिक कृषि यंत्रों एवं मशीनरी का उपयोग कर रहे हैं। इसके साथ ही अब कृषि में ड्रोन तथा ए.आई. तकनीक का उपयोग भी होने लगा है। कृषि मशीनरी के तकनीकी विकास के कारण कृषि के क्षेत्र में क्रान्तिकारी परिवर्तन आया है, इसके लिए देश के कृषि अभियंता तथा कृषि वैज्ञानिक बधाई के पात्र हैं।

 रायपुर-    महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत् पंजीकृत श्रमिकों को न केवल रोजगार उपलब्ध कराए जा रहे हैं, बल्कि आजीविका के नए-नए साधन एवं सुविधाएं भी उपलब्ध कराए जा रहे हैं। बैकुंठपुर जिला के ग्राम पंचायत पटना के निवासी श्री दीपक और उनका परिवार मनरेगा में पंजीकृत है। जहां एक ओर वो मनरेगा से श्रमिक का काम करते हैं वहीं दूसरी ओर उनका रुझान गौपालन की तरफ भी था। उनके पास दो दुधारू गाय हैं, जिसके रखने के लिए उनके पास पक्का शेड नहीं था, जिसके कारण उन्हें मुश्किलों का सामना करना पड़ता था। जब उन्हें पता चला कि मनरेगा के तहत् पशुओं को रखने के लिए पक्का शेड निर्माण करके दिया जाता है तब उन्होंने ग्राम पंचायत को आवेदन दिया। ग्राम सभा के प्रस्ताव के आधार पर स्वीकृत कर ग्राम पंचायत को एजेंसी बनाया गया। इसके लिए एक लाख पच्चीस हजार रुपए की राशि खर्च कर गत वर्ष इनका कार्य पूर्ण कराया गया। इस निर्माण कार्य में श्रमिक के रूप में कार्य करके भी श्री दीपक को चार हजार रुपए की अतिरिक्त आय मनरेगा पारिश्रमिक के रूप में भी प्राप्त हुआ।
रायपुर-    महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत् पंजीकृत श्रमिकों को न केवल रोजगार उपलब्ध कराए जा रहे हैं, बल्कि आजीविका के नए-नए साधन एवं सुविधाएं भी उपलब्ध कराए जा रहे हैं। बैकुंठपुर जिला के ग्राम पंचायत पटना के निवासी श्री दीपक और उनका परिवार मनरेगा में पंजीकृत है। जहां एक ओर वो मनरेगा से श्रमिक का काम करते हैं वहीं दूसरी ओर उनका रुझान गौपालन की तरफ भी था। उनके पास दो दुधारू गाय हैं, जिसके रखने के लिए उनके पास पक्का शेड नहीं था, जिसके कारण उन्हें मुश्किलों का सामना करना पड़ता था। जब उन्हें पता चला कि मनरेगा के तहत् पशुओं को रखने के लिए पक्का शेड निर्माण करके दिया जाता है तब उन्होंने ग्राम पंचायत को आवेदन दिया। ग्राम सभा के प्रस्ताव के आधार पर स्वीकृत कर ग्राम पंचायत को एजेंसी बनाया गया। इसके लिए एक लाख पच्चीस हजार रुपए की राशि खर्च कर गत वर्ष इनका कार्य पूर्ण कराया गया। इस निर्माण कार्य में श्रमिक के रूप में कार्य करके भी श्री दीपक को चार हजार रुपए की अतिरिक्त आय मनरेगा पारिश्रमिक के रूप में भी प्राप्त हुआ।
Aug 29 2024, 20:25
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