ममता बनर्जी का बड़ा बयान, बोली-10 दिन में रेप पीड़िताओं को मिलेगा न्याय, विधानसभा में लाएंगे विधेयक
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कोलकाता में महिला ट्रेनी डॉक्टर को इंसाफ दिलाने को लेकर पिछले कई दिनों भारी प्रदर्शन किया जा रहा है। भारतीय जनता पार्टी ने कल मंगलवार को छात्रों के प्रदर्शन पर कार्रवाई के खिलाफ आज बंद का आह्वान किया है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्य में जारी बवाल के बीच तृणमूल छात्र परिषद के 27वें स्थापना दिवस पर बड़ा दिया है। उन्होंने कहा कि हमने आज का दिन आरजी कर डॉक्टर को समर्पित किया है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि हम ऐसा कानून लाएंगे जिसमें 10 दिनों में केस खत्म हो जाएगा।
बीजेपी के बंगाल बंद पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने जमकर निशाना साधा है। ममता बनर्जी ने बीजेपी को अहंकारी, भ्रष्टाचार वाली पार्टी कहा। सीएम ने कहा कि बीजेपी शासन वाले यूपी, राजस्थान जैसे राज्यों में केंद्रीय एजेंसियों को नहीं भेजा गया। भाजपा ने कभी भी उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और यहां तक कि मणिपुर के मुख्यमंत्रियों के इस्तीफे की मांग नहीं की। हमने कल (नबान्ना अभियान रैली) की तस्वीरें देखीं, मैं स्थिति को अच्छी तरह से संभालने के लिए पुलिस को सलाम करती हूं।
ममता बनर्जी ने आगे कहा कि आरजी कर महिला डॉक्टर दुष्कर्म-हत्या मामले की जांच सीबीआई कर रही है। 16 दिन से केंद्रीय जांच एजेंसी मामले की जांच कर रही है। कहां है न्याय? कहां तक पहुंची जांच? ममताने कहा कि ऐसे कृत्यों की केवल एक ही सजा है- फांसी पर लटकाना। अगले हफ्ते हम विधानसभा सत्र बुलाएंगे और दुष्कर्मियों के लिए मृत्युदंड सुनिश्चित करने के लिए 10 दिनों के भीतर एक विधेयक पारित करेंगे। हम इस विधेयक को राज्यपाल के पास भेजेंगे। अगर वह इसे पारित नहीं करते हैं, तो हम राजभवन के बाहर धरना देंगे। यह विधेयक पारित होना ही चाहिए और वह इस बार जवाबदेही से बच नहीं सकते।
पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने कहा, हम न्याय चाहते हैं लेकिन बीजेपी ने आज बंद का आह्वान किया है। वे न्याय नहीं चाहते हैं। वे केवल बंगाल को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं। बनर्जी ने कहा कि हम इस बंद का समर्थन नहीं करते। ममता बनर्जी ने आरोप लगाया कि बीजेपी के सीनियर नेताओं के इशारे पर बंगाल में बवाल करवाया जा रहा है। पीएम मोदी को चेतावनी देते हुए कहा कि "अगर हिम्मत है तो चुनाव में हराकर दिखाओ। बीजेपी के लोग अपने लोगों से आग लगवा रहे हैं। मैंने पहले भी ऐसे हालात का सामना किया है, मैं बंदूक के आगे खड़ी होकर लड़ीं हूं।








केद्र सरकार ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत की सुरक्षा को और मजबूत कर दिया है। आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के सुरक्षा प्रोटोकॉल को जेड-प्लस से बढ़ा दिया गया है। उन्हें अब वही सुरक्षा घेरा मिलेगा जो पीएम नरेंद्र मोदी और अमित शाह को मिली हुई है।यह सुरक्षा घेरा एडवांस सिक्योरिटी लाइजन (एएसएल) कहा जाता है।एएसएल सुरक्षा पीएम और गृह मंत्री को मिलती है। *क्यों बढ़ाई गई भागवत की सुरक्षा?* मोहन भागवत की सुरक्षा बढ़ाए जाने के बाद सवाल उठने लगा है कि आखिर उनको किससे खतरा है कि उनको पीएम मोदी और अमित शाह के स्तर की सुरक्षा दी गई है। टाइम्स ऑफ इंडिया के सूत्रों के अनुसार, आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत की सुरक्षा की समीक्षा के आधार पर एक पखवाड़े पहले सुरक्षा बढ़ाने को अंतिम रूप दिया गया था। कथित तौर पर गैर-बीजेपी दलों द्वारा शासित राज्यों में मोहन भागवत के दौरे के दौरान उनकी सुरक्षा 'ढीली' पाई गई थी, जिसके बाद यह फैसला लिया गया है। *भारत विरोधी संगठनों के निशाने पर हैं भागवत!* सूत्रों के मुताबिक, गृह मंत्रालय को कुछ राज्यों में भागवत की सुरक्षा में ढिलाई देखने को मिली थी, जिसके बाद नए सुरक्षा प्रोटोकॉल पर काम किया गया और उनकी सुरक्षा को मजबूत किया गया। ऐसा माना जा रहा है कि वह कई भारत विरोधी संगठनों के निशाने पर हैं। बढ़ती चिंता और तमाम एजेंसियों से मिले इनपुट के बाद गृह मंत्रालय ने भागवत को एएसएल सुरक्षा देने का फैसला किया। सुरक्षा बढ़ाए जाने के संबंध में सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को जानकारी दी गई है। *क्या है एएसएल सिक्योरिटी?* सिक्यॉरिटी का यह बहुस्तरीय सुरक्षा घेरा है। इसमें हेलीकॉप्टर यात्रा भी केवल विशेष रूप से डिजाइन किए गए हेलीकॉप्टरों में दी जाती है और तयशुदा प्रोटोकॉल इस पर लागू किया जाता है। नए प्रोटोकॉल के तहत, जिला प्रशासन, पुलिस और स्वास्थ्य विभाग सहित स्थानीय एजेंसियां भागवत की सुरक्षा में मुस्तैद रहेंगी और सक्रिय भूमिका में होंगी। इस रणनीति में बहुस्तरीय सुरक्षा घेरा, सख्त तोड़फोड़ विरोधी उपाय और किसी भी दौरे से पहले समीक्षा और रिहर्सल शामिल हैं।
Aug 28 2024, 15:34
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