रोमन सम्राट नीरो की तरह निरंकुश हो गई है ममता बनर्जी : प्रद्युम्न राणा
रोमन सम्राट नीरो की तरह निरंकुश हो गई है ममता बनर्जी : प्रद्युम्न राणा
भाजपा बिहार प्रदेश ओबीसी मोर्चा के प्रदेश प्रवक्ता प्रद्युम्न राणा भट्ट ने बंगाल में ममता सरकार द्वारा कोलकाता के आर० जी०मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के महिला डॉक्टर से दरिंदगी की घटना के खिलाफ छात्रों के शांतिपूर्ण अभियान पर बर्बरतापूर्वक लाठी चार्ज के खिलाफ कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने कहा है कि जिस तरह से ममता सरकार ने छात्रों के साथ बर्बरता का कार्य किया है वह स्वस्थ लोकतंत्र के हित में नहीं है उनका यह व्यवहार रोम के निरंकुश सम्राट नीरो की याद दिलाता है जब रोम के नगर आग में जल रहे थे और नीरो खड़ा होकर उनकी विनाशलीला देख रहा था और सारंगी बजा रहा था। राणा ने कहा कि अभी हाल में ही सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ की बेंच ने बंगाल सरकार को जमकर फटकार लगाई थी और राज्य की पुलिस के एक्शन पर भी गंभीर सवाल उठाए थे ।उन्होंने ममता बनर्जी की आलोचना करते हुए कहा कि पूर्व में भी ममता सरकार ने अराजकता पूर्ण कार्य किया है । उन्होंने कहा कि बंगाल में जनता डरी हुई है। महिलाओं के साथ अत्याचार हो रहा है और उनकी एफआईआर भी नहीं लिखी जा रही, जो बहुत गंभीर बात है। बंगाल में ममता बनर्जी कभी पुलिस के द्वारा निर्दोष छात्रों पर लाठी चार्ज करवाती है तो कभी अपने गुंडो के द्वारा दूसरे दलों के कार्यकर्ताओं पर हमला करवाती है। वह महिला मुख्यमंत्री हैं फिर भी उनके शासनकाल में महिला सुरक्षित नहीं है। इस तरह का कृत्य लोकतंत्र में अस्वीकार्य और संविधान के खिलाफ है। बात-बात पर लोकतंत्र की दुहाई देने वाली ममता बनर्जी अगर लोकतंत्र पर जरा सी भी आस्था रखती हैं, तो उन्हें इस घटना की जिम्मेदारी लेते हुए अपने पद से तुरंत इस्तीफा दे देना चाहिए। 2024 के लोकसभा चुनाव में पूरे भारत में केवल बंगाल ही ऐसा राज्य था जहां राजनीतिक हिंसा हुई।उन्होंने यह भी कहा की बंगाल में अब राष्ट्रपति शासन लगा देना चाहिए क्योंकि सत्ता पर ममता बनर्जी की पकड़ बहुत ढीली हो गई है और उनसे बंगाल अब नहीं संभल रहा है।
रोमन सम्राट नीरो की तरह निरंकुश हो गई है ममता बनर्जी : प्रद्युम्न राणा
रोमन सम्राट नीरो की तरह निरंकुश हो गई है ममता बनर्जी : प्रद्युम्न राणा
भाजपा बिहार प्रदेश ओबीसी मोर्चा के प्रदेश प्रवक्ता प्रद्युम्न राणा भट्ट ने बंगाल में ममता सरकार द्वारा कोलकाता के आर० जी०मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के महिला डॉक्टर से दरिंदगी की घटना के खिलाफ छात्रों के शांतिपूर्ण अभियान पर बर्बरतापूर्वक लाठी चार्ज के खिलाफ कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने कहा है कि जिस तरह से ममता सरकार ने छात्रों के साथ बर्बरता का कार्य किया है वह स्वस्थ लोकतंत्र के हित में नहीं है उनका यह व्यवहार रोम के निरंकुश सम्राट नीरो की याद दिलाता है जब रोम के नगर आग में जल रहे थे और नीरो खड़ा होकर उनकी विनाशलीला देख रहा था और सारंगी बजा रहा था। राणा ने कहा कि अभी हाल में ही सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ की बेंच ने बंगाल सरकार को जमकर फटकार लगाई थी और राज्य की पुलिस के एक्शन पर भी गंभीर सवाल उठाए थे ।उन्होंने ममता बनर्जी की आलोचना करते हुए कहा कि पूर्व में भी ममता सरकार ने अराजकता पूर्ण कार्य किया है । उन्होंने कहा कि बंगाल में जनता डरी हुई है। महिलाओं के साथ अत्याचार हो रहा है और उनकी एफआईआर भी नहीं लिखी जा रही, जो बहुत गंभीर बात है। बंगाल में ममता बनर्जी कभी पुलिस के द्वारा निर्दोष छात्रों पर लाठी चार्ज करवाती है तो कभी अपने गुंडो के द्वारा दूसरे दलों के कार्यकर्ताओं पर हमला करवाती है। वह महिला मुख्यमंत्री हैं फिर भी उनके शासनकाल में महिला सुरक्षित नहीं है। इस तरह का कृत्य लोकतंत्र में अस्वीकार्य और संविधान के खिलाफ है। बात-बात पर लोकतंत्र की दुहाई देने वाली ममता बनर्जी अगर लोकतंत्र पर जरा सी भी आस्था रखती हैं, तो उन्हें इस घटना की जिम्मेदारी लेते हुए अपने पद से तुरंत इस्तीफा दे देना चाहिए। 2024 के लोकसभा चुनाव में पूरे भारत में केवल बंगाल ही ऐसा राज्य था जहां राजनीतिक हिंसा हुई।उन्होंने यह भी कहा की बंगाल में अब राष्ट्रपति शासन लगा देना चाहिए क्योंकि सत्ता पर ममता बनर्जी की पकड़ बहुत ढीली हो गई है और उनसे बंगाल अब नहीं संभाल रहा है।
देश को बांटना चाहते हैं राहुल गांधी : प्रद्युम्न राणा भट्ट*
*देश को बांटना चाहते हैं राहुल गांधी : प्रद्युम्न राणा भट्ट*
राहुल गांधी के बयान पर भाजपा  बिहार प्रदेश ओबीसी मोर्चा के प्रवक्ता प्रद्युम्न राणा भट्ट ने कहा कि राहुल गांधी राजनीतिक रूप से बुद्धिशून्य हो चुके हैं ।पिछले  दो दशक से राजनीतिक रूप से सक्रिय होने के बाद भी हमेशा अपने उल्टे सीधे और बचकानी बयानों के लिए वह जाने जाते हैं। राहुल गांधी को भारत की जनता गंभीरता  से नहीं लेती है और भविष्य में  कभी लेगी भी नहीं ।राहुल गांधी और कांग्रेस की नीति हमेशा देश को विखंडित करने की रही है। जो व्यक्ति मिस इंडिया के कॉन्टेस्ट में जाति सूची को देखता हो उस व्यक्ति के मानसिक सोच को जनता समझ सकती है । उन्होंने कहा कि जितने भी मिस इंडिया या मिस यूनिवर्स बनी है किसी जाति विशेष नही बल्कि प्रतियोगिता में सफल होकर बनी हैं।लगातार हो रहे हार से वह इस तरीके की बयान बाजी करते रहते हैं। राहुल गांधी कभी आलू से सोना बनाने तो कभी नारियल के जूस वाले बयान  देखकर हमेशा चर्चा में बने रहने का काम करते हैं। राहुल गांधी को पहले कर्नाटक में हुए जातीय जनगणना को सार्वजनिक करना चाहिए उसके बाद इस विषय पर उन्हें कुछ कहना चाहिए। कांग्रेस ने हमेशा देश को पीछे खींचने का काम किया है आज जब देश नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में हर तरफ विकास कर रहा है तो इस विकास को कांग्रेस और उनके अध्यक्ष पचा नहीं पा रहे हैं ।भारत आज विश्व शक्ति के रूप में विश्व में अपने आप को स्थापित कर रहा है पिछले दिनों भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यूक्रेन में जाकर युद्ध विराम को लेकर जहा मध्यस्थता कर  विश्व में शांति का संदेश दे रहे हैं। राहुल गांधी देश को विभाजित करने और बंटवारा की नीति पर काम कर रहे हैं उनका कोई भी वक्तव्य कभी भी देश के पक्ष में नहीं होता है उनका कोई भी स्टेटमेंट कभी भी बंगाल में और बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार को लेकर नहीं होता है वहां बोलने की उनकी हिम्मत नहीं होती है ।केरल में वह पीएफआई को समर्थन करते हैं ।