मंकीपॉक्स के बढ़ते खतरे से भारत सतर्क, टेस्ट के लिए बनाई पहली स्वदेशी आरटी-पीसीआर किट
दुनियाभर में मंकीपॉक्स वायरस का प्रकोप तेजी से बढ़ रहा है।विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने मंकी पॉक्स को लेकर गंभीर चिंता जताई है। साथ ही इस बीमारी को ग्लोबल इमरजेंसी घोषित की है। इस वायरस का नया स्ट्रेन (क्लैड-1) अधिक संक्रामक माना जाता है और इसकी मृत्यु दर अधिक है। हालांकि, राहत की बात यह है कि भारत में अभी तक मंकीपॉक्स वायरस नहीं पहुंचा है। मगर इसके बढ़ते मामलों को देखते हुए इससे बचाव की तैयारियां तेज हो गई हैं। इस बीच, स्वास्थ्य उपकरण बनाने वाली एक भारतीय कंपनी ने दावा किया है कि उसने मंकीपॉक्स का पता लगाने वाली एक रियल टाइम किट तैयार की है।
इस किट को सीमेंस हेल्थिनियर्स कंपनी ने बनाया है। केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) ने इसे मंजूरी दे दी है। सीमेंस हेल्थकेयर प्राइवेट लिमिटेड ने कहा, यह हमारी ''मेक इन इंडिया'' पहल के लिए बड़ी उपलब्धि है। इस किट से केवल 40 मिनट में एमपॉक्स की जांच के सटीक परिणाम मिल सकेंगे, जबकि इस समय एमपॉक्स की जांच में एक से दो घंटे लगते हैं।
भारतीय कंपनी सीमेंस हेल्थिनर्स ने बताया कि आरटी-पीसीआर परीक्षण किट को वडोदरा की एक इकाई में तैयार किया जाएगा। हर साल करीब 10 लाख किट बनाई जा सकेंगी। हम यह किट लोगों को उपलब्ध कराने के लिए पूरी तरह तैयार है।
यह पीसीआर सेटअप किट सभी लैब वर्कफ़्लो में आसानी से फ़िट हो जाती है। जिससे आप दूसरे मशीन की आवश्यकता समाप्त हो जाएगी। मौजूदा कोविड परीक्षण बुनियादी ढांचे का उपयोग करने की क्षमता दक्षता को बढ़ाएगी। सीमेंस हेल्थकेयर प्राइवेट लिमिटेड के प्रबंध निदेशक हरिहरन सुब्रमण्यन ने कहा कि सटीक और सटीक निदान की आवश्यकता ही सबसे महत्वपूर्ण है। भारत में तैयार किया गया यह मंकीपॉक्स डिटेक्शन आरटी- पीसीआर किट हर तरफ से संपन्न है। इस बीमारी से लड़ने में काफी ज्याजा मददगार है। इसके इस्तेमाल से आप बिना समय गवाएं बीमारी का पता लगा सकते हैं।






केद्र सरकार ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत की सुरक्षा को और मजबूत कर दिया है। आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के सुरक्षा प्रोटोकॉल को जेड-प्लस से बढ़ा दिया गया है। उन्हें अब वही सुरक्षा घेरा मिलेगा जो पीएम नरेंद्र मोदी और अमित शाह को मिली हुई है।यह सुरक्षा घेरा एडवांस सिक्योरिटी लाइजन (एएसएल) कहा जाता है।एएसएल सुरक्षा पीएम और गृह मंत्री को मिलती है। *क्यों बढ़ाई गई भागवत की सुरक्षा?* मोहन भागवत की सुरक्षा बढ़ाए जाने के बाद सवाल उठने लगा है कि आखिर उनको किससे खतरा है कि उनको पीएम मोदी और अमित शाह के स्तर की सुरक्षा दी गई है। टाइम्स ऑफ इंडिया के सूत्रों के अनुसार, आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत की सुरक्षा की समीक्षा के आधार पर एक पखवाड़े पहले सुरक्षा बढ़ाने को अंतिम रूप दिया गया था। कथित तौर पर गैर-बीजेपी दलों द्वारा शासित राज्यों में मोहन भागवत के दौरे के दौरान उनकी सुरक्षा 'ढीली' पाई गई थी, जिसके बाद यह फैसला लिया गया है। *भारत विरोधी संगठनों के निशाने पर हैं भागवत!* सूत्रों के मुताबिक, गृह मंत्रालय को कुछ राज्यों में भागवत की सुरक्षा में ढिलाई देखने को मिली थी, जिसके बाद नए सुरक्षा प्रोटोकॉल पर काम किया गया और उनकी सुरक्षा को मजबूत किया गया। ऐसा माना जा रहा है कि वह कई भारत विरोधी संगठनों के निशाने पर हैं। बढ़ती चिंता और तमाम एजेंसियों से मिले इनपुट के बाद गृह मंत्रालय ने भागवत को एएसएल सुरक्षा देने का फैसला किया। सुरक्षा बढ़ाए जाने के संबंध में सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को जानकारी दी गई है। *क्या है एएसएल सिक्योरिटी?* सिक्यॉरिटी का यह बहुस्तरीय सुरक्षा घेरा है। इसमें हेलीकॉप्टर यात्रा भी केवल विशेष रूप से डिजाइन किए गए हेलीकॉप्टरों में दी जाती है और तयशुदा प्रोटोकॉल इस पर लागू किया जाता है। नए प्रोटोकॉल के तहत, जिला प्रशासन, पुलिस और स्वास्थ्य विभाग सहित स्थानीय एजेंसियां भागवत की सुरक्षा में मुस्तैद रहेंगी और सक्रिय भूमिका में होंगी। इस रणनीति में बहुस्तरीय सुरक्षा घेरा, सख्त तोड़फोड़ विरोधी उपाय और किसी भी दौरे से पहले समीक्षा और रिहर्सल शामिल हैं।

पश्चिम बंगाल में ट्रेनी डॉक्टर से दुष्कर्म और हत्या के विरोध में देशभर नाराजगी है। इस बीच मंगलवार यानी 27 अगस्त को राज्य सचिवालय ‘नबन्ना’ तक प्रदर्शनकारियों के पहुंचने के प्रयासों के दौरान कई स्थानों पर पुलिस के साथ झड़पें हुईं। कोलकाता और हावड़ा की सड़कों पर बड़े पैमाने पर हिंसा हुई। राज्यभर में 200 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इसके विरोध में भाजपा की बंगाल इकाई के अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने 12 घंटे के 'बंगाल बंद' का आह्वान किया है। बीजेपी ने आज पश्चिम बंगाल में 12 घंटे के लिए सुबह 6 बजे से शाम 6 बजे तक के लिए बंद बुलाया है। बीजेपी का आरोप है कि ममता सरकार दोषियों को बचाने की कोशिश कर रही है। बंगाल बीजेपी प्रमुख सुकांत मजूमदार ने राज्यपाल को पत्र लिखा है और छात्रों को रिहा करने की मांग की है। राज्य सचिवालय तक मार्च के दौरान प्रदर्शनकारियों पर पुलिस कार्रवाई के विरोध में भाजपा द्वारा आहूत 12 घंटे के बंद के कारण बुधवार को पश्चिम बंगाल के कुछ हिस्सों में जनजीवन कुछ हद तक प्रभावित दिख रहा है। राज्य की राजधानी कोलकाता में, अन्य दिनों की सुबह की तरह सड़कों पर सामान्य चहल-पहल नहीं दिखी, क्योंकि बसें, ऑटो-रिक्शा और टैक्सियां कम संख्या में चल रही थीं। निजी वाहनों की संख्या भी काफी कम थी, जबकि बाजार और दुकानें हमेशा की तरह खुली रहीं। हालांकि, ममता बनर्जी सरकार ने इस बंद की इजाजत देने से साफ इनकार कर दिया है। पश्चिम बंगाल सरकार ने लोगों से बीजेपी के बंद में भाग नहीं लेने की अपील की है। सरकार ने नोटिस जारी कर कहा है कि सभी कर्मचारियों को दफ्तर आना है। कोई भी छुट्टी, कैजुअल लीव सैंक्शन नहीं की जाएगी।अगर कोई दफ्तर नहीं आएगा तो उसे कारण बताओं नोटिस जारी किया जाएगा।

Aug 28 2024, 13:20
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