इस राज्य में भारी बारिश ने मचाई तबाही, 15 लोगों की मौत, 11 हजार से ज्यादा लोगों को किया गया शिफ्ट, 27 जिलों में रेड अलर्ट
गुजरात में बारिश का आफतकाल चल रहा है. रिकॉर्ड बारिश से गुजरात के 27 जिलों में मौसम विभाग ने रेड अलर्ट जारी कर दिया है. पहले से 48 घंटे की मूसलाधार बारिश ने गुजरात के कई जिलों में बाढ़ जैसे हालात बना दिए थे. अब मौसम विभाग ने 28 और 29 अगस्त के लिए रेड अलर्ट जारी कर दिया है. राज्य के ज्यादातर डैम ओवरफ्लो हो चुके हैं. नदियां खतरे के निशान को पार कर तबाही मचाने को बेकरार हैं. रिहायशी इलाके टापू में तब्दील हो चुके हैं. मूसलाधार बारिश के बाद हुए कई फीट तक जलजमाव ने लोगों को अपने घरों में कैद रहने को मजबूर कर दिया है.
![]()
गुजरात पर आसमानी आफत कहर बनकर टूटी है. जामनगर से जूनागढ़ तक, वडोदरा से बनासकांठा तक और अरावली से अहमदाबाद तक पानी का प्रकोप दिख रहा है. पॉश इलाके में रहने वाले लोग भी पानी भरने से परेशान दिखे. सैलाब के बीच खड़ीं बाइक और स्कूटी करीब करीब डूब चुकी हैं. मूसलाधार बारिश की वजह से श्मशान घाट तक में पानी भर गया.
वहीं वडोदरा में भी बारिश मुश्किलें लेकर आई. जिन सड़कों पर गाड़ियां फर्राटा भरती थीं. आज वहां कई फीट पानी भरा है. वडोदरा में 48 घंटे से जोरदार बारिश ने शहर की रफ्तार पर भी ब्रेक लगा दिया. लोग कह रहे हैं कि उन्हें किसी तरह सैलाब के सितम से राहत मिल जाए. प्रशासन और एडीआरएफ की टीम निचले इलाकों में रहने वाले लोगों का रेस्क्यू कर रही है. दरअसल, वडोदरा में विश्वामित्र नदी में आजवा सरोवर से पानी छोड़ा जा रहा है. जिसके चलते विश्वामित्र नदी उफान पर है. ये नदी डेंजर लेवल से 8 फीट ऊपर बह रही है. जिसके चलते निचले इलाकों पर डूबने का खतरा मंडरा रहा है. प्रशासन की टीम अब तक 4 हजार से ज्यादा लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा चुकी है.
मौसम विभाग के मुताबिक, 29 अगस्त को भी सौराष्ट्र में भारी बारिश का अनुमान है. उत्तर गुजरात के जिलों को छोड़कर सभी जिलों में रेड अलर्ट है. कच्छ, सौराष्ट्र के सभी जिलों में भारी बारिश के साथ रेड अलर्ट जारी कर दिया गया है. अहमदाबाद, खेड़ा, आणंद, दाहोद, महिसागर, वडोदरा, पंचमहल, छोटाउदेपुर, भरूच और नर्मदा में भारी बारिश के साथ रेड अलर्ट पर हैं. सूरत, तापी, नवसारी, डांग, वलसाड, दमन और दादरा नगर हवेली में भी रेड अलर्ट है.
इसके अलावा राजकोट में 2 दिनों में 20 इंच से ज्यादा बारिश से शहर में जलभराव लोगों की मुसीबत बढ़ा रहा है. जिससे राजकोट शहर के एंट्री प्वॉइंट माधापर चौकड़ी पर गाड़ियों की आवाजाही प्रभावित है. जूनागढ़ में भी लगातार बारिश से नदियां उफान पर हैं. डैम ओवरफ्लो हो रहे हैं. डैम लबालब होने से पास के इलाकों में दहशत का माहौल है. मौसम विभाग का रेड अलर्ट बता रहा है कि, अभी आसमानी आफत का खतरा टला नहीं है.
गौरतलब है कि गुजरात में पिछले तीन दिनों में हुई भारी बारिश में 15 लोगों की मौत हो चुकी है. मोरबी में 1, गांधीनगर में 2, आणंद में 6, वडोदरा में 1, खेड़ा में 1, महीसागर में 2, भरूच में 1 और अहमदाबाद में 1 शख्स की जान चली गई. वहीं पिछले तीन दिनों में 11,043 लोगों को स्थानांतरित किया गया. जिसमें सबसे ज्यादा नवसारी जिले में 4160, वलसाड में 1158, आणंद में 1081, वडोदरा में 1008 लोगों को स्थानांतरित किया गया है. अब तक बाढ़ के पानी, भारी बारिश मे फंसे हुए 353 लोगों को बचाया गया है, जिसमें सबसे ज्यादा आणंद जिले में 150, खेड़ा में 108, मोरबी में 59, नवसारी में 20 और सुरेंद्रनगर से 10 लोगों को बचाया गया.






केद्र सरकार ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत की सुरक्षा को और मजबूत कर दिया है। आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के सुरक्षा प्रोटोकॉल को जेड-प्लस से बढ़ा दिया गया है। उन्हें अब वही सुरक्षा घेरा मिलेगा जो पीएम नरेंद्र मोदी और अमित शाह को मिली हुई है।यह सुरक्षा घेरा एडवांस सिक्योरिटी लाइजन (एएसएल) कहा जाता है।एएसएल सुरक्षा पीएम और गृह मंत्री को मिलती है। *क्यों बढ़ाई गई भागवत की सुरक्षा?* मोहन भागवत की सुरक्षा बढ़ाए जाने के बाद सवाल उठने लगा है कि आखिर उनको किससे खतरा है कि उनको पीएम मोदी और अमित शाह के स्तर की सुरक्षा दी गई है। टाइम्स ऑफ इंडिया के सूत्रों के अनुसार, आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत की सुरक्षा की समीक्षा के आधार पर एक पखवाड़े पहले सुरक्षा बढ़ाने को अंतिम रूप दिया गया था। कथित तौर पर गैर-बीजेपी दलों द्वारा शासित राज्यों में मोहन भागवत के दौरे के दौरान उनकी सुरक्षा 'ढीली' पाई गई थी, जिसके बाद यह फैसला लिया गया है। *भारत विरोधी संगठनों के निशाने पर हैं भागवत!* सूत्रों के मुताबिक, गृह मंत्रालय को कुछ राज्यों में भागवत की सुरक्षा में ढिलाई देखने को मिली थी, जिसके बाद नए सुरक्षा प्रोटोकॉल पर काम किया गया और उनकी सुरक्षा को मजबूत किया गया। ऐसा माना जा रहा है कि वह कई भारत विरोधी संगठनों के निशाने पर हैं। बढ़ती चिंता और तमाम एजेंसियों से मिले इनपुट के बाद गृह मंत्रालय ने भागवत को एएसएल सुरक्षा देने का फैसला किया। सुरक्षा बढ़ाए जाने के संबंध में सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को जानकारी दी गई है। *क्या है एएसएल सिक्योरिटी?* सिक्यॉरिटी का यह बहुस्तरीय सुरक्षा घेरा है। इसमें हेलीकॉप्टर यात्रा भी केवल विशेष रूप से डिजाइन किए गए हेलीकॉप्टरों में दी जाती है और तयशुदा प्रोटोकॉल इस पर लागू किया जाता है। नए प्रोटोकॉल के तहत, जिला प्रशासन, पुलिस और स्वास्थ्य विभाग सहित स्थानीय एजेंसियां भागवत की सुरक्षा में मुस्तैद रहेंगी और सक्रिय भूमिका में होंगी। इस रणनीति में बहुस्तरीय सुरक्षा घेरा, सख्त तोड़फोड़ विरोधी उपाय और किसी भी दौरे से पहले समीक्षा और रिहर्सल शामिल हैं।

पश्चिम बंगाल में ट्रेनी डॉक्टर से दुष्कर्म और हत्या के विरोध में देशभर नाराजगी है। इस बीच मंगलवार यानी 27 अगस्त को राज्य सचिवालय ‘नबन्ना’ तक प्रदर्शनकारियों के पहुंचने के प्रयासों के दौरान कई स्थानों पर पुलिस के साथ झड़पें हुईं। कोलकाता और हावड़ा की सड़कों पर बड़े पैमाने पर हिंसा हुई। राज्यभर में 200 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इसके विरोध में भाजपा की बंगाल इकाई के अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने 12 घंटे के 'बंगाल बंद' का आह्वान किया है। बीजेपी ने आज पश्चिम बंगाल में 12 घंटे के लिए सुबह 6 बजे से शाम 6 बजे तक के लिए बंद बुलाया है। बीजेपी का आरोप है कि ममता सरकार दोषियों को बचाने की कोशिश कर रही है। बंगाल बीजेपी प्रमुख सुकांत मजूमदार ने राज्यपाल को पत्र लिखा है और छात्रों को रिहा करने की मांग की है। राज्य सचिवालय तक मार्च के दौरान प्रदर्शनकारियों पर पुलिस कार्रवाई के विरोध में भाजपा द्वारा आहूत 12 घंटे के बंद के कारण बुधवार को पश्चिम बंगाल के कुछ हिस्सों में जनजीवन कुछ हद तक प्रभावित दिख रहा है। राज्य की राजधानी कोलकाता में, अन्य दिनों की सुबह की तरह सड़कों पर सामान्य चहल-पहल नहीं दिखी, क्योंकि बसें, ऑटो-रिक्शा और टैक्सियां कम संख्या में चल रही थीं। निजी वाहनों की संख्या भी काफी कम थी, जबकि बाजार और दुकानें हमेशा की तरह खुली रहीं। हालांकि, ममता बनर्जी सरकार ने इस बंद की इजाजत देने से साफ इनकार कर दिया है। पश्चिम बंगाल सरकार ने लोगों से बीजेपी के बंद में भाग नहीं लेने की अपील की है। सरकार ने नोटिस जारी कर कहा है कि सभी कर्मचारियों को दफ्तर आना है। कोई भी छुट्टी, कैजुअल लीव सैंक्शन नहीं की जाएगी।अगर कोई दफ्तर नहीं आएगा तो उसे कारण बताओं नोटिस जारी किया जाएगा।


Aug 28 2024, 13:12
- Whatsapp
- Facebook
- Linkedin
- Google Plus
0- Whatsapp
- Facebook
- Linkedin
- Google Plus
10.6k