पीएम मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन से की बात, यूक्रेन-बांग्लादेश समेत कई मुद्दों पर हुई चर्चा

#pm_narendra_modi_speaks_to_us_president_joe_biden 

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी हाल ही में यूक्रेन के दौरे पर थे। अपनी सात घंटे की यूक्रेन की यात्रा के दौरान पीएम मोदी ने यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की से कहा था कि यूक्रेन और रूस को युद्ध को समाप्त करने के लिए एक साथ बैठना चाहिए। भारत शांति बहाल करने में सक्रिय भूमिका निभाने के लिए तैयार है। अब अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने यूक्रेन के लिए पीएम मोदी के शांति और मानवीय सहायता के संदेश के लिए उनकी सराहना की।

दरअसल, सोमवार को अमेर‍िका के राष्‍ट्रपत‍ि जो बाइडन का पीएम मोदी को कॉल आया। दोनों नेताओं ने द्व‍िपक्षीय संबंधों पर लंबी चर्चा की। साथ ही पीएम मोदी और अमेर‍िकी राष्‍ट्रपत‍ि के बीच रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर भी बातचीत हुई है।

बातचीत के बाद पीएम मोदी ने एक्‍स पर लिखा, आज अमेर‍िकी राष्‍ट्रपत‍ि जो बाइडन से फोन पर बात की। हमने यूक्रेन की स्थिति सहित विभिन्न क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर विस्तृत विचार-विमर्श किया। मैंने शांति और स्थिरता की शीघ्र वापसी के लिए भारत के पूर्ण समर्थन को दोहराया। 

पीएम मोदी और बाइडेन ने बांग्लादेश की स्थिति और वहां बंगाली हिंदू अल्पसंख्यकों की सुरक्षा पर भी चर्चा की।इसमें वहां कानून-व्यवस्था की बहाली और अल्पसंख्यकों, विशेष रूप से हिंदुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने पर जोर दिया। क्वाड सहित बहुपक्षीय सहयोग को और मजबूत करने की प्रतिबद्धता दोहराई।

बता दें कि मोदी पिछले हफ्ते 23 अगस्त को यूक्रेन के दौरे पर थे। इस दौरान राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की के साथ बैठक में मोदी ने कहा था, भारत हमेशा से शांति के पक्ष में रहा है। मैं कुछ दिन पहले रूस के राष्ट्रपति पुतिन से मिला था। तब मैंने कहा था कि यह युद्ध का समय नहीं है।

मोदी और जेलेंस्की के बीच यूक्रेन के मैरिंस्की पैलेस में करीब 3 घंटे बैठक हुई थी। उन्होंने जेलेंस्की को भारत आने का न्योता दिया। मोदी जेलेंस्की के साथ यूक्रेन नेशनल म्यूजियम भी गए, जहां उन्होंने जंग में मारे गए बच्चों को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने बच्चों के मेमोरियल पर डॉल भी रखी।

पीएम मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन से की बात, यूक्रेन-बांग्लादेश समेत कई मुद्दों पर हुई चर्चा

#pm_narendra_modi_speaks_to_us_president_joe_biden

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी हाल ही में यूक्रेन के दौरे पर थे। अपनी सात घंटे की यूक्रेन की यात्रा के दौरान पीएम मोदी ने यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की से कहा था कि यूक्रेन और रूस को युद्ध को समाप्त करने के लिए एक साथ बैठना चाहिए। भारत शांति बहाल करने में सक्रिय भूमिका निभाने के लिए तैयार है। अब अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने यूक्रेन के लिए पीएम मोदी के शांति और मानवीय सहायता के संदेश के लिए उनकी सराहना की।

दरअसल, सोमवार को अमेर‍िका के राष्‍ट्रपत‍ि जो बाइडन का पीएम मोदी को कॉल आया। दोनों नेताओं ने द्व‍िपक्षीय संबंधों पर लंबी चर्चा की। साथ ही पीएम मोदी और अमेर‍िकी राष्‍ट्रपत‍ि के बीच रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर भी बातचीत हुई है।

बातचीत के बाद पीएम मोदी ने एक्‍स पर लिखा, आज अमेर‍िकी राष्‍ट्रपत‍ि जो बाइडन से फोन पर बात की। हमने यूक्रेन की स्थिति सहित विभिन्न क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर विस्तृत विचार-विमर्श किया। मैंने शांति और स्थिरता की शीघ्र वापसी के लिए भारत के पूर्ण समर्थन को दोहराया।

पीएम मोदी और बाइडेन ने बांग्लादेश की स्थिति और वहां बंगाली हिंदू अल्पसंख्यकों की सुरक्षा पर भी चर्चा की।इसमें वहां कानून-व्यवस्था की बहाली और अल्पसंख्यकों, विशेष रूप से हिंदुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने पर जोर दिया। क्वाड सहित बहुपक्षीय सहयोग को और मजबूत करने की प्रतिबद्धता दोहराई।

बता दें कि मोदी पिछले हफ्ते 23 अगस्त को यूक्रेन के दौरे पर थे। इस दौरान राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की के साथ बैठक में मोदी ने कहा था, भारत हमेशा से शांति के पक्ष में रहा है। मैं कुछ दिन पहले रूस के राष्ट्रपति पुतिन से मिला था। तब मैंने कहा था कि यह युद्ध का समय नहीं है।

मोदी और जेलेंस्की के बीच यूक्रेन के मैरिंस्की पैलेस में करीब 3 घंटे बैठक हुई थी। उन्होंने जेलेंस्की को भारत आने का न्योता दिया। मोदी जेलेंस्की के साथ यूक्रेन नेशनल म्यूजियम भी गए, जहां उन्होंने जंग में मारे गए बच्चों को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने बच्चों के मेमोरियल पर डॉल भी रखी।

जम्मू-कश्मीर चुनाव: कांग्रेस और एनसी में 83 सीटों पर बनी बात, 5 सीटों पर फ्रेंडली फाइट

#seat_sharing_finalised_between_congress_and_nc_in_jammu_and_kashmir 

जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस और नेशनल कांफ्रेंस के बीच लंबी बातचीत के बाद सीटों के बंटवारे को लेकर सहमति बन गई। केंद्र शासित प्रदेश की 90 सीटों में से 51 पर नेशनल कॉन्फ्रेंस और 32 सीटों पर कांग्रेस चुनाव लड़ेगी। 5 सीटों पर फ्रेंडली फाइट होगी। इसके अलावा दोनों पार्टियों के गठबंधन में शामिल मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) और जम्मू-कश्मीर नेशनल पैंथर्स पार्टी को एक-एक सीट दी गई है। 

नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला के घर दिनभर चली बातचीत के बाद आयोजित संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में यह घोषणा की गई। दोनों दलों के नेताओं ने कहा कि सीट-बंटवारे के फॉर्मूले के अनुसार नेशनल कांफ्रेंस 51, जबकि कांग्रेस 32 सीट पर चुनाव लड़ेगी। उन्होंने यह भी कहा कि पांच सीट पर दोनों के बीच दोस्ताना मुकाबला होगा। कांग्रेस की जम्मू-कश्मीर इकाई के अध्यक्ष तारिक हामिद कर्रा ने कहा कि मुकाबला सौहार्दपूर्ण एवं अनुशासित तरीके से होगा।

सहमति के बाद नेकां ने 18 उम्मीदवारों की सूची का एलान कर दिया है। पिछले कुछ समय से सीटों के बंटवारे पर फंसे पेंच को सुलझाने के लिए दोनों दलों के बीच बैठक का पहला दौर दोपहर करीब 12:30 बजे शुरू हुआ। शाम 3 बजे तक कोई भी रास्ता नहीं निकला। इसके बाद दूसरी बैठक का समय चार बजे का दिया गया पर चार बजे के बाद जब कांग्रेस का कोई शीर्ष नेता फारूक के आवास पर नहीं पहुंचा तो गठबंधन होने या टूटने के बारे में अटकलों का बाजार गर्म होने लगा। करीब शाम 6:30 बजे कांग्रेस के वरिष्ठ नेता केसी वेणुगोपाल, सलमान खुर्शीद, पवन खेड़ा और भारत सोलंकी फारूक के आवास पर पहुंचे और करीब एक घंटे की बैठक के बाद सहमति बन गई।

बता दें कि जम्मू-कश्मीर में तीन चरणों में विधानसभा का चुनाव होना है। राज्य में जिन 24 सीटों पर 18 सितंबर को मतदान होना है, उन सीटों पर नामांकन की आखिरी तारीख 27 अगस्त है। वहीं, 25 सितंबर को दूसरे चरण के तहत मतदान वाली 26 सीटों पर नामांकन की आखिरी तारीख 5 सितंबर है। तीसरे चरण के तहत राज्य की जिन 40 विधानसभा सीटों पर 1 अक्टूबर को मतदान होना है, उन पर नामांकन की आखिरी तारीख 12 सितंबर है।

आखिरी बार 2014 में जम्मू-कश्मीर के विधानसभा चुनाव हुए थे। तब BJP और PDP ने गठबंधन सरकार बनाई थी। 2018 में गठबंधन टूटने के बाद सरकार गिर गई थी। इसके बाद राज्य में 6 महीने तक राज्यपाल शासन (उस समय जम्मू-कश्मीर संविधान के अनुसार) रहा। इसके बाद राष्ट्रपति शासन लागू हो गया। राष्ट्रपति शासन के बीच ही 2019 के लोकसभा चुनाव हुए, जिसमें BJP भारी बहुमत के साथ केंद्र में लौटी। इसके बाद 5 अगस्त 2019 को BJP सरकार ने आर्टिकल-370 खत्म करके राज्य को दो केंद्र-शासित प्रदेशों (जम्मू-कश्मीर और लद्दाख) में बांट दिया था। इस तरह जम्मू-कश्मीर में 10 साल बाद विधानसभा चुनाव हो रहे हैं।

जम्मू-कश्मीर भाजपा में छिड़ा घमासान, सूची जारी होने के बाद मचा बवाल

#bjp_supporters_angry_protest_over_ticket_distribution 

भारतीय जनता पार्टीने जम्मू-कश्मीर के आगामी विधानसभा चुनाव के पहले चरण के लिए सोमवार को 16 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की। इससे पहले, पार्टी की ओर से सुबह तीनों चरणों के लिए कुल 44 उम्मीदवारों की सूची जारी की गई थी, जिसमें दूसरे चरण के लिए 10 और तीसरे चरण के लिए 19 उम्मीदवारों के नाम थे। हालांकि, बाद में दूसरे और तीसरे चरण के लिए जारी उम्मीदवारों की सूची वापस ले ली गई और फिर सिर्फ पहले चरण के लिए 16 उम्मीदवारों के नामों की घोषणा की गई। लेकिन, अब पार्टी के अंदर हंगामा शुरू हो गया है और टिकट बंटवारे से नाराज बीजेपी दफ्तर में कार्यकर्ता प्रदर्शन कर रहे हैं।

जम्मू नॉर्थ से ओम खजुरिया को टिकट न देने के विरोध में उनके समर्थकों ने भाजपा मुख्यालय पर प्रदर्शन किया। उन्होंने आरोप लगाया कि जमीनी कार्यकर्ताओं को नजरअंदाज करते हुए अटैचियों और पैराशूट के माध्यम से दूसरों को टिकट दी गई है। जो लोग कुछ समय पहले ही पार्टी में आए हैं, उनको तव्वजो दी जा रही है। जबकि वह सालों से पार्टी के साथ जुड़े हैं। भाजपा ने अपनी पहली सूची में यहां से मदन लाल शर्मा को टिकट दी है, हालांकि इस सूची को बाद में आधिकारिक ग्रुप से हटा दिया गया।

बीजेपी जम्मू-कश्मीर एससी मोर्चा के अध्यक्ष जगदीश भगत ने कहा कि मैं पिछले 18 सालों से बीजेपी के लिए पूरे दिन काम कर रहा हूं लेकिन आज मेरे साथ अन्याय हुआ है। एसएसपी मोहन लाल 2 दिन पहले बीजेपी में शामिल हुए थे और उन्हें मैंडेट दे दिया गया। अगर इस मैंडेट को रोका नहीं गया तो बीजेपी को खामियाजा भुगतना होगा। 

वहीं, जम्मू-कश्मीर बीजेपी अध्यक्ष रविंदर रैना ने कहा है कि बीजेपी के सभी पार्टी कार्यकर्ता जो यहां एकत्र हुए हैं, मैं उनका सम्मान करता हूं। पार्टी का हर कार्यकर्ता हमारे लिए महत्वपूर्ण है। रविंदर रैना ने कहा कि मैं हर किसी से मिलूंगा, मैं पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से मिल रहा हूं। अगर पार्टी का कोई कार्यकर्ता परेशान है या कोई समस्या है तो हम बैठकर समाधान निकालेंगे। 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में रविवार को हुई भाजपा की केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में उम्मीदवारों के नामों पर मंथन के बाद उम्मीदवारों की पहली सूची को अंतिम रूप दिया गया। सूची के मुताबिक, पाम्पोर से सैयद शौकत गयूर अंद्राबी, राजपोरा से अर्शीद भट्ट, शोपियां से जावेद अहमद कादरी, अनंतनाग पश्चिम से मोहम्मद रफीक वानी, अनंतनाग से सैयद वजाहत, इंदरबल से तारिक कीन, डोडा से गजय सिंह राणा को उम्मीदवार बनाया गया है। वहीं बाद में कोकरनाग से भी पार्टी ने चौधरी रोशन हुसैन गुज्जर को टिकट दिया है। पार्टी ने किश्तवाड़ से शगुन परिहार, पाडेर-नागसेनी से सुनील शर्मा, भदरवाह से दलीप सिंह परिहार, डोडा पश्चिम से शक्ति राज परिहार, रामबाण से राकेश ठाकुर, बनिहाल से सलीम भट्ट, शनगुस अनंतनाग पूर्व से वीर सराफ, श्रीगुफवाड़ा बिजबेहरा से सोफी यूसुफ को उम्मीदवार बनाया है।

चीन जंग जीतने के लिए बदलेगा अपने पुराने सिद्धांत, नई युद्ध नीति के साथ ताकतवर दुश्मनों से करेगा मुकाबला!

#china_is_making_a_new_war_policy 

दुनिया दो धड़े में बंटती जा रही है। एक तरफ रूस-यूक्रेन में युद्ध लड़ रहे हैं, तो दूसरी तरफ इजराइल-हमास में जंग छिड़ी है।कोई एक पक्ष के समर्थन में खड़ा है, तो कोई दूसरे पक्ष के। इस बीच कई देशों से उलझ रहे चीन ने अपनी “चाल” बदलने की फिराक में है। दरअसल, दुश्मनों को मात देने के लिए चीन ने युद्ध का पुराना सिद्धांत बदलने का भी फैसला किया है। चीन ने यह बात स्वीकार ली है कि उसके दुश्मन अब काफी ताकतवर हो चुके हैं। अब वह मजबूत दुश्मनों और विरोधियों से मुकाबला करने और जीत हासिल करने के लिए नई युद्ध नीति तैयार कर रही है। उसी के अनुसार सेनाओं को तैयार किया जा रहा है।

22 अगस्त को चीन के क्रांतिकारी और सुधारवादी नेता डेंग जियाओपिंग की 120वीं जयंती मनाई गई। वो चीन के एक ऐसे नेता थे, जिन्होंने माओ-त्से-त्यु की मौत के बाद जब देश राजनीतिक और आर्थिक संकट से घिर गया था, तब डेंग ही देश को बाजारवादी अर्थव्यवस्था की ओर लेकर गए थे। उनकी जयंती पर एक कार्यक्रम का आयोजन कर उन्हें याद किया गया। जहां चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने चीनी सेना के फोकस के बारे में बात की।

चाइना पोस्ट की एक रिपोर्ट के मुताबिक पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के कमांडर इन चीफ शी जिनपिंग ने सेना से कहा कि वह राष्ट्रीय संप्रभुता, सुरक्षा और विकास हितों की रक्षा के लिए अपनी रणनीतिक क्षमता में सुधार करें। एक शीर्ष रक्षा अधिकारी ने कहा है कि स्थानीय युद्ध जीतने के अपने दशकों पुराने सिद्धांत से हटकर, चीन की सेना मजबूत दुश्मनों और विरोधियों के खिलाफ युद्ध जीतने पर फोकस कर रही है, बीजिंग को अमेरिका समेत कई मोर्चों पर बढ़ती चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।

मोर्चों पर चुनौतियों का सामना कर रहाचीन

पीएलए को यह निर्देश तब दिया गया है कि जब चीन बहुत सारे मोर्चों पर चुनौतियों का सामना कर रहा है। वह अपने विस्तार के लिए जो प्रयोग कर रहा है उनसे विवाद खड़े हो रहे हैं और उन विवादों से निपटे बगैर चीन आगे बढ़ नहीं सकता, इसलिए चीनी नेतृत्व को अब लग रहा है कि सैन्य श्रेष्ठता के बगैर आगे बढ़ना मुश्किल है। सैन्य क्षमता ही उसके आगे बढ़ते रहने का रास्ता बना सकती है। ताइवान और दक्षिण चीन सागर, दो ऐसे मुद्दे हैं जिन पर आगे बढ़ने पर चीन का अमेरिका से टकराव होना निश्चित है, ऐसे में सैन्य श्रेष्ठता के बगैर चीन अपने लक्ष्य प्राप्त नहीं कर सकता है।

कौन है चीन के ताकतवर दुश्मन

वैसे तो चीन के भारत, अमेरिका, फिलीपींस, वियतनाम, ताइवान समेत कई दुश्मन हैं। मगर वह अब भारत और अमेरिका को ही दुश्मन नंबर 1 मानता है। चीन को अब लगने लगा है कि भारत और अमेरिका की सैन्य ताकत कई गुना बढ़ गई है। ऐसे में खासककर इन दोनों से पार पानाा चीन के लेए आासान नहीं होगा। चीन जानता है कि सिर्फ एलएसी बॉर्डर पर ही नहीं, बल्कि भारत उसके लिए हिंद-प्रशांत क्षेत्र से लेकर दक्षिण चीन सागर तक खतरा बनेगा। इसी तरह उसे अमेरिका से भी धरती से आसमान तक प्रतिद्वंदिता से खतरा महसूस हो रहा है। इसलिए चीन ने युद्ध के अपने पुराने सिद्धांतों को बदलने का फैसला किया है। इसके तहत अब उसका एक मात्र लक्ष्य दुश्मन को किसी भी तरह मात देने पर होगा। इसमें कई नियम-कानून ताख पर रखे जा सकते हैं।

केन्द्रीय कर्मचारियों को बड़ी सौगात, क्या 2024 के चुनावों में दिखेगा यूनिफाइड पेंशन स्कीम का असर?

#unifiedpensionschemepotentialpoliticalbenefitsto_bjp 

चार राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले केंद्र सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों को बड़ी सौगात देते हुए यूनिफाइड पेंशन स्कीम (यूपीएस) को लागू करने का फैसला किया है। कर्मचारी लंबे समय से न्‍यू पेंशन स्‍कीम के बजाए ओल्ड पेंशन स्कीम लागू करने की मांग कर रहे थे। पेंशन स्कीम को लेकर सियासी घमासान चलता रहा है। ओपीएस को लेकर कांग्रेस लगातार सरकार को घेरती रही है। ऐसे में पीएम मोदी नीत केंद्र सरकार ने शनिवार को एक बड़ा फैसला लेते हुए देश में पेंशन योजना का नया प्रारूप पेश किया, जिसे एकीकृत पेंशन योजना अथवा यूनिफाइड पेंशन स्कीम (यूपीएस) नाम दिया गया है। यह योजना देशभर में 1 अप्रैल 2025 से लागू होगी। 

केंद्र सरकार को यूपीएस लाने की आवश्यकता इसलिए पड़ी है कि कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी दलों ने पिछले साल विधानसभा चुनावों से पहले पुरानी पेंशन योजना (OPS) लागू करने की जोरदार वकालत की थी। इसको लेकर कर्मचारी संगठन आंदोलन कर रहे थे और विपक्षी दल उसे हवा देने में भी जुटे हुए थे। खासकर हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनावों में ओपीसी को मुद्दा बनाने का जबर्दस्त फायदा भी मिला था और उसने वहां सरकार भी बना ली। माना जाता है कि वहां सरकारी कर्मचारी परंपरागत रूप से चुनावों को प्रभावित करने में सक्षम रहे हैं। पार्टी को कर्नाटक में भी इसका काफी फायदा मिला था।

पीएम मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार ने यूपीएस लाकर लंबे समय से विपक्ष की ओर से की जा रही ओपीएस की मांग को खारिज करने की कोशिश की है। केंद्र सरकार यह योजना ऐसे समय में लाई है कि जब देश के दो राज्यों हरियाणा और जम्मू कश्मीर में चुनावों का ऐलान हो चुका है।जल्द ही महाराष्ट्र और झारखंड में भी चुनाव होने हैं। 

राजनीति के जानकारों का मानना है कि आने वाले विधानसभा चुनावों में यह एक बड़ा फैक्टर साबित हो सकता है। जम्मू-कश्मीर और हरियाणा में चुनाव तारीखों की घोषणा हो चुकी है। महाराष्ट्र और झारखंड में उसके बाद इसी साल चुनाव होने हैं। अगले साल की शुरुआत में दिल्ली में और आखिर में बिहार विधानसभा के चुनाव भी होने हैं। ऐसे समय में सरकारी कर्मचारियों को केंद्र सरकार से तोहफा मिलना भाजपा और एनडीए के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है।

अगर, बीजेपी-शासित राज्यों ने भी केंद्र सरकार की तर्ज पर ही अपने कर्मचारियों के लिए यूपीएस लागू करने का फैसला कर लिया तो यह भी राजनीतिक तौर पर सत्ताधारी गठबंधन के लिए फलदायी हो सकता है।

है यूनिफाइड पेंशन स्कीम 

- इस पेंशन के अंतर्गत अगर किसी कर्मचारी ने 25 साल तक नौकरी है तो रिटायरमेंट से पहले के 1 साल की बेसिक सैलरी का 50% हिस्सा पेंशन के रूप में दिया जाएगा. 

- वहीं आगर किसी की मौत हो जाती है तो मिल रही पेंशन का 60% परिवार पेंशन के रूप में दिया जाएगा

- 10 साल तक काम कर चुके कर्मचारी को 10,000 महीना पेंशन दी जाएगी.  

- यूपीएस स्कीम उन सभी के लिए भी लागू होगी जो एनपीएस के अंतर्गत 2004 में रिटायर हो चुके हैं या 2025 तक रिटायर होंगे.

*जम्मू-कश्मीर चुनावः बीजेपी ने मुस्लिमों पर जताया भरोसा, पहली लिस्ट में जारी 15 सीटों में से 8 सीटों पर मुस्लिमों को टिकट

#bjp_jammu_kashmir_first_phase_voter_list_muslim_candidates 

जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनाव 2024 के लिए बीजेपी ने कमर कस ली है। बीजेपी ने जम्मू-कश्मीर के विधानसभा चुनाव के लिए पहले चरण की कुल 24 विधानसभा सीटों में से 16 सीटों पर उम्मीदवारों के नाम की घोषणा की है। बीजेपी ने पहले 15 सीटों पर उम्मीदवारों के नाम का ऐलान किया गया था। कुछ घंटे बाद उम्मीदवारों की दूसरी सूची आई गई, जिसमें सिर्फ एक नाम है। पहली लिस्ट में जारी 15 सीटों में से 8 सीटों पर मुस्लिमों को टिकट दिया है।

अभी जारी 15 प्रत्याशियों की लिस्ट में कम से कम 8 मुस्लिम हैं। भाजपा की सूची में आठ मुस्लिम और सात हिंदू प्रत्याशी हैं, जिनमें से एक सीट पर महिला प्रत्याशी को उतारा गया है। इस तरह 50 फीसदी से भी ज्यादा मुस्लिमों पर भरोसा जताया है। ऐसे में माना जा रहा है कि भाजपा यह चुनाव मुस्लिम प्रत्याशियों और मुस्लिम वोटरों के भरोसे जीतने की योजना भी बनाई है। 

जम्मू-कश्मीर में बीजेपी ने ऐसे ही मुस्लिम उम्मीदवारों पर दांव नहीं खेला है बल्कि सोची-समझी रणनीति के तहत उतारा है। बीजेपी का सियासी आधार जम्मू रीजन के क्षेत्र में है। कश्मीर रीजन में मुस्लिम वोटों के सियासी प्रभाव को देखते हुए बीजेपी ने मुस्लिम कैंडिडेट उतारे हैं। पार्टी ने लोकसभा चुनाव में जम्मू रीजन की दोनों सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे। कश्मीर पंचायत चुनाव में भी बीजेपी ने मुस्लिम बहुल इलाकों में मुस्लिमों पर दांव खेला था, जिसमें कुछ हद तक कामयाब रही। इसीलिए विधानसभा चुनाव में भी मुस्लिम पर भरोसा जताया है।

कश्मीर की अवाम खासकर मुस्लिमों का दिल जीतने के लिए नेशनल कॉफ्रेंस ने और अपनी पार्टी ने अपने घोषणा पत्र में 370 के लिए संघर्ष करने और राज्य का दर्जा बहाली को शामिल किया है। पीडीपी पहले से ही 370 के खिलाफ रही है। इसके चलते ही बीजेपी ने कश्मीर के मुस्लिम बहुल इलाके में मुस्लिम कैंडिडेट उतारकर बड़ा सियासी दांव चला है।

बता दें कि जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के लिए सोमवार को बीजेपी की पहली लिस्ट आई। पार्टी ने पहले 44 उम्मीदवारों की लिस्ट जारी की, लेकिन कुछ ही देर में इसे वापस ले लिया गया। बाद में पार्टी की तरफ से 15 उम्मीदवारों की नई संशोधित लिस्ट जारी की गई। इस नई लिस्ट में सभी 15 उम्मीदवार पहले जारी की गई लिस्ट वाले ही हैं। इसमें कोई बदलाव नहीं है। हटाई गई लिस्ट में 3 चर्चित चेहरे दो पूर्व डिप्टी CM निर्मल सिंह, कविंद्र गुप्ता और जम्मू-कश्मीर के पार्टी अध्यक्ष रविंद्र रैना का नाम नहीं था।

नॉर्थ कोरिया ने किया सुसाइड ड्रोन का सफल टेस्ट, तानाशाह किम जोंग ने खुद देखा परीक्षण

#north_korea_leader_kim_jong_un_oversees_tests_of_suicide_drones 

अमेरिका और उत्तर कोरिया में तनाव के बीच किम जोंग उन अपनी बढ़ती सैन्य क्षमताओं का प्रदर्शन कर रहे हैं। इस बीच उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन ने 'सुसाइड ड्रोन' से पर्दा उठा दिया है। उत्तर कोरिया ने इसका सफल परीक्षण भी कर लिया है। किम जोंग उन ने खुद घरेलू स्तर पर विकसित हमलावर ड्रोन का परीक्षण देखा है। उत्तर कोरिया की मीडिया केसीएनए ने सोमवार को ड्रोन के टेस्ट की तस्वीरें जारी की हैं। 

दक्षिण कोरियाई मीडिया के मुताबिक, इसका परीक्षण 24 अगस्त को किया गया। किम जोंग ने खुद इसकी निगरानी की थी।कोरियाई सेंट्रल न्यूज एजेंसी, केसीएनए ने कहा कि किम जोंग उन ने उत्तर कोरिया के रक्षा विज्ञान अकादमी के ड्रोन संस्थान पहुंचकर पूरे परीक्षण की निगरानी की। केसीएनए के मुताबिक, इस दौरान किम ने अलग-अलग सिस्टम के विकास और उत्पादन में तेजी लाने की बीत कही। पैदल सेना और विशेष अभियान इकाइयों द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले विस्फोटक ड्रोन, टोही और बहुउद्देश्यीय हमले वाले ड्रोन और पानी के नीचे आत्मघाती हमले वाले ड्रोन शामिल हैं।

उत्तर कोरियाई परीक्षण की तस्वीरें सामने आयी हैं। जिसमें एक सफेद ड्रोन दिख रहा है। जिसका पिछला हिस्सा और पंख अंग्रेजी वर्णमाला के अक्षर ‘एक्स’ के आकार के हैं। तस्वीरों में ड्रोन कथित तौर पर दक्षिण कोरिया के मुख्य युद्धक टैंक के-2 को नष्ट करते दिख रहा है।

यह परीक्षण ऐसे समय पर किया गया जब अमेरिका और दक्षिण कोरियाई सेनाएं संयुक्त क्षमताओं को बढ़ाने को बड़े पैमाने पर युद्धाभ्यास कर रही हैं। इस युद्धाभ्यास का उद्देश्य उत्तर कोरिया के बढ़ते परमाणु खतरों से बचाव करना है। दोनों देशों की ओर से कहा गया कि गुरुवार तक चलने वाले इस अभ्यास का उद्देश्य विभिन्न उत्तर कोरियाई खतरों के खिलाफ अपनी तैयारी को बढ़ाना है।

बता दें, ये एक ऐसा ड्रोन है, जो अपने लक्ष्य से टकराकर खुद भी नष्ट हो जाता है और अपने टारगेट को भी तबाह कर देता है। दुश्मन के टैंक को तबाह करने की क्षमता ये ड्रोन रखता है। सामान्य रूप से जहां ड्रोन किसी स्थान पर पहुंचकर वहां मिसाइल या अन्य पेलोड गिराकर हमला करता है, वहीं यह ड्रोन अपने टारगेट तक पहुंचने के बाद उससे टकराकर विस्फोट कर जाता है। आत्मघाती ड्रोन विस्फोटक ले जाने वाले मानवरहित ड्रोन होते हैं, जिन्हें जानबूझकर दुश्मन के लक्ष्यों पर गिराने के लिए तैयार किया जाता है तथा ये प्रभावी रूप से निर्देशित मिसाइलों के रूप में काम करते हैं।

यूक्रेन के हमलों से बौखलाया रूस, जवाब में पुतिन ने की ड्रोन और मिसाइलों से की हमलों बौछार

#russia_unleashes_massive_missile_and_drone_barrage_on_ukraine 

रूस और यूक्रेन के बीच दो साल से ज्यादा समय से जंग जारी है। हाल के दिनों में यूक्रेन की ओर से रूस पर घातक हमले किए गए हैं। यूक्रेन सेना के रूस के कुर्स्क इलाके में कब्जा करने के बाद से आज सोमवार सुबह रूस ने यूक्रेन के अंदर एक बड़ा हमला किया है। सोमवार सुबह यूक्रेन की राजधानी कीव समेत कई शहरों में धमाकों की आवाज सुनाई दी और धुआं उठता हुआ देखा गया है। यूक्रेनी वायु सेना ने बताया कि रूसी बलों ने कीव पर बड़ी संख्या में ड्रोन और मिसाइल दागे और देशभर के कई क्षेत्रों को निशाना बनाया। यूक्रेनी सेना ने बताया कि कई हफ्तों बाद इतने बड़े पैमाने पर हमला किया गया है और देश के ऊर्जा बुनियादी ढांचे को निशाना बनाया जा रहा है।

रूसी रक्षा मंत्रालय ने टेलीग्राम पर बताया कि यूक्रेन ने रूस के रोस्तोव, सरातोव, कुर्स्क और बेलगोरोड इलाकों को निशाना बनाते हुए एक बड़ा हमला किया। रूसी रक्षा बलों ने रोस्तोव इलाके में कम से कम 44 ड्रोनों को मार गिराने का दावा किया। रोस्तोव में ही वह एयर बेस स्थित है, जहां पर हमला किया गया था। रूस ने इस घटना का कोई और विवरण नहीं जारी किया है।

बता दें कि यूक्रेन सेना ने हाल ही में रूस पर कई हमले किए हैं, जिसमें ताजा हमला सारातोव की 38 मंजिला इमारत पर हुआ है। रूस के सरातोव में 38 मंजिला वोल्गा स्काई आवासीय परिसर में यूक्रेन का एक ड्रोन टकरा गया, जो शहर की सबसे ऊंची इमारत है। यूक्रेन ने रूस सीमा से 2300 किलोमीटर अंदर सारातोव में 38 मंजिला इमारत पर ड्रोन से हमला किया है। इस हमले के बाद पूरे शहर में डर का माहौल है और इस हमले को अमेरिका के 9/11 हमले जैसा बताया जा रहा है।

जम्मू-कश्मीर चुनाव: बीजेपी ने नए सिरे से जारी की प्रत्याशियों की लिस्ट, जानें क्यों पड़ी इसकी जरूरत?

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भाजपा ने जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के लिए जारी 44 उम्मीदवारों की पहली सूची वापस ले ली है।बीजेपी ने पुरानी लिस्ट में संशोधन के बाद नई लिस्ट जारी की है। पहले बीजेपी ने 44 उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी की थी लेकिन कुछ ही देर बाद इसे वापस ले लिया गया। इसमें बदलाव करके बीजेपी ने पहली लिस्ट में सिर्फ 15 उम्मीदवारों के नामों का ऐलान किया है।

इससे पहले, सोमवार को भाजपा ने 44 उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी की थी। संशोधन से पहले जारी लिस्ट में पहले चरण के 15, दूसरे चरण के दस और तीसरे चरण के 19 उम्मीदवारों के नाम की घोषणा की गई थी। हालांकि कुछ समय बाद ही इस लिस्ट को वापस ले लिया गया। 

पार्टी ने अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर तीन चरणों के लिए 44 उम्मीदवारों की सूची अपलोड भी कर दिया था। अब इस लिस्ट को वहां से हटा लिया गया है। सिर्फ पहले चरण के 15 उम्मीदवारों के नाम वेबसाइट पर दिख रहे हैं। बाकी उम्मीदवारों के नाम वापस कर लिए हैं। पार्टी सूत्रों का कहना है कि दूसरे और तीसरे चरण के प्रत्याशियों के नाम गलती से सूची में शामिल कर लिए गए थे। सूत्रों की मानी जाय तो दूसरे और तीसरे चरण के उम्मीदवारों पर चर्चा हुई हैं और संभावित उम्मीदवारों के नाम भी तय किए गए हैं लेकिन अभी उसे जारी नहीं किया जाना था।

पहले चरण के प्रत्याशी

इंजीनियर सैयद शौकत गयूर पांपोर से, अर्शीद भट राजपोरा से, जावेद अहमद कादरी शोपियां से, मोहम्मद रफीक वानी अनंतनाग पश्चिम से चुनाव लड़ेंगे। एडवोकेट सैयद वजाहत अनंतनाग से, शगुन परिहार किश्तवाड़ और गजय सिंह राणा डोडा से चुनाव लड़ेंगे। श्रीगुफवाड़ा बिजबेहरा से सोफी यूसुफ, शानगुस अनंतनाग से वीर सराफ चुनाव मैदान में होंगे। इंदरवल से तारिक कीन, पाडेर नागसेनी सीट से सुनील शर्मा, भदरवाह से दिलीप सिंह परिवार चुनाव मैदान में होंगे। बनिहाल से सलीम भट्ट, रामबन से राकेश ठाकुर और डोडा पश्चिम से शक्ति राज परिहार शामिल हैं। 

पहले फेज में इन 24 सीटों पर वोटिंग

पहले फेज में जिन सीटों पर वोटिंग होगी, उनमें पंपोर, त्राल, पुलवामा, राजपोरा, जैनापोरा, शोपियां, डी.एच. पोरा, कुलगाम, देवसर, दूरू, कोकेरनाग (एसटी), अनंतनाग पश्चिम, अनंतनाग, श्रीगुफवाड़ा, बिजबेहरा, शांगस-अनंतनाग पूर्व, पहलगाम, इंदरवाल, किश्तवाड़, पैड डेर, नागसेनी, भद्रवाह, डोडा, डोडा पश्चिम, रामबन और बनिहाल शामिल हैं।

जम्मू कश्मीर में तीन चरणों में वोटिंग

90 विधानसभा सीटों वाले जम्मू कश्मीर में तीन चरणों में विधानसभा चुनाव होने है। पहले चरण के लिए वोटिंग 18 सितंबर को 24 सीटों पर होगी। पहले फेज के लिए नामांकन की आखिरी तारीख 27 अगस्त है ऐसे में आज जम्मू-कश्मीर पर बीजेपी की पहली लिस्ट आ सकती है। दूसरे चरण की वोटिंग 25 सितंबर को है, उस दिन 26 सीटों पर वोट डाले जाएंगे और तीसरे और आखिरी चरण की वोटिंग एक अक्टूबर को होगी। तीसरे चरण में सबसे ज्यादा 40 सीटों पर वोट डाले जाएंगे। मतों की गिनती 4 अक्टूबर को होगी।