केन्द्रीय कर्मचारियों को बड़ी सौगात, क्या 2024 के चुनावों में दिखेगा यूनिफाइड पेंशन स्कीम का असर?
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चार राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले केंद्र सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों को बड़ी सौगात देते हुए यूनिफाइड पेंशन स्कीम (यूपीएस) को लागू करने का फैसला किया है। कर्मचारी लंबे समय से न्यू पेंशन स्कीम के बजाए ओल्ड पेंशन स्कीम लागू करने की मांग कर रहे थे। पेंशन स्कीम को लेकर सियासी घमासान चलता रहा है। ओपीएस को लेकर कांग्रेस लगातार सरकार को घेरती रही है। ऐसे में पीएम मोदी नीत केंद्र सरकार ने शनिवार को एक बड़ा फैसला लेते हुए देश में पेंशन योजना का नया प्रारूप पेश किया, जिसे एकीकृत पेंशन योजना अथवा यूनिफाइड पेंशन स्कीम (यूपीएस) नाम दिया गया है। यह योजना देशभर में 1 अप्रैल 2025 से लागू होगी।
केंद्र सरकार को यूपीएस लाने की आवश्यकता इसलिए पड़ी है कि कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी दलों ने पिछले साल विधानसभा चुनावों से पहले पुरानी पेंशन योजना (OPS) लागू करने की जोरदार वकालत की थी। इसको लेकर कर्मचारी संगठन आंदोलन कर रहे थे और विपक्षी दल उसे हवा देने में भी जुटे हुए थे। खासकर हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनावों में ओपीसी को मुद्दा बनाने का जबर्दस्त फायदा भी मिला था और उसने वहां सरकार भी बना ली। माना जाता है कि वहां सरकारी कर्मचारी परंपरागत रूप से चुनावों को प्रभावित करने में सक्षम रहे हैं। पार्टी को कर्नाटक में भी इसका काफी फायदा मिला था।
पीएम मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार ने यूपीएस लाकर लंबे समय से विपक्ष की ओर से की जा रही ओपीएस की मांग को खारिज करने की कोशिश की है। केंद्र सरकार यह योजना ऐसे समय में लाई है कि जब देश के दो राज्यों हरियाणा और जम्मू कश्मीर में चुनावों का ऐलान हो चुका है।जल्द ही महाराष्ट्र और झारखंड में भी चुनाव होने हैं।
राजनीति के जानकारों का मानना है कि आने वाले विधानसभा चुनावों में यह एक बड़ा फैक्टर साबित हो सकता है। जम्मू-कश्मीर और हरियाणा में चुनाव तारीखों की घोषणा हो चुकी है। महाराष्ट्र और झारखंड में उसके बाद इसी साल चुनाव होने हैं। अगले साल की शुरुआत में दिल्ली में और आखिर में बिहार विधानसभा के चुनाव भी होने हैं। ऐसे समय में सरकारी कर्मचारियों को केंद्र सरकार से तोहफा मिलना भाजपा और एनडीए के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है।
अगर, बीजेपी-शासित राज्यों ने भी केंद्र सरकार की तर्ज पर ही अपने कर्मचारियों के लिए यूपीएस लागू करने का फैसला कर लिया तो यह भी राजनीतिक तौर पर सत्ताधारी गठबंधन के लिए फलदायी हो सकता है।
है यूनिफाइड पेंशन स्कीम
- इस पेंशन के अंतर्गत अगर किसी कर्मचारी ने 25 साल तक नौकरी है तो रिटायरमेंट से पहले के 1 साल की बेसिक सैलरी का 50% हिस्सा पेंशन के रूप में दिया जाएगा.
- वहीं आगर किसी की मौत हो जाती है तो मिल रही पेंशन का 60% परिवार पेंशन के रूप में दिया जाएगा
- 10 साल तक काम कर चुके कर्मचारी को 10,000 महीना पेंशन दी जाएगी.
- यूपीएस स्कीम उन सभी के लिए भी लागू होगी जो एनपीएस के अंतर्गत 2004 में रिटायर हो चुके हैं या 2025 तक रिटायर होंगे.
Aug 26 2024, 19:37