काव्य कविता ममता की छांव का हुआ लोकार्पण

गोरखपुर। प्रेस क्लब सभागार में गोरखपुर की उदीयमाना कवयित्री सुश्री दीक्षा राय ह्यशुभ्राह्ण की काव्यकिताब ह्यममता की छाँवह्ण का लोकार्पण यशस्वी कवि-साहित्यकार विद्वानों के हाथों सम्पन्न हुआ। पूर्वांचल हिन्दी-मंच, गोरखपुर के तत्त्वावधान में आयोजित इस लोकार्पण-समारोह में बीज-वक्तव्य देते हुए प्रो० रामदरश राय ने कहा कि मनोहर कृतियों का यह काव्यनीड़ हिन्दी की नयी सदी की नयी काव्ययात्रा है। कविता के विषयों में नवीन?ता है। अनेकत्र मौलिकता भी। दरअसल दीक्षा की सभी कविताएँ ममत्वभरी मनोगत की आत्मीय उद्गीथ हैं।

मुख्यवक्ता प्रो० आमोदकुमार राय ने दीक्षा की कविताओं को अधुनातन हिन्दी काव्यधारा में उठती हुई नवतरंग के रूप में देखा तो डॉ० संजयन त्रिपाठी ने कृति के मुक्तकों और गीतों को हिन्दीकाव्य की नयी देखा के रूप में चिह्नित किया। डॉ० शाकिरअली खाँ ने एक गजल और दो शेर सौंपकर कृति और कृतिका को दुआ अर्ज की। डॉ० विनयमोहन त्रिपाठी ने कवयित्री दीक्षा के नवजात काव्यकृतित्व की भाषिक विदग्धता और कला-चारुता पर अपनी मुहर लगायी। डॉ० अंगदकुमार सिंह ने ह्यममता की छाँवह्ण को दीक्षा की कविताओं का छायाश्रम कहा। डॉ० रामकृपाल राय ने एक स्वरचित गीत सुनाकर दीक्षा को शुभकामना दी। डॉ० फूलचन्दप्रसाद गुप्त ने कवयित्री दीक्षा में नये काव्यबीज का अंकुरण देखा। विशिष्ट अतिथि श्री अखिलेश चन्द ने कवयित्री दीक्षा की हर्षिल काव्य-तितीक्षा से मनोरम संवाद करते हुए एक मुकम्मल आश्वस्ति की अनुभूति की।

समारोह के मुख्य अतिथि डॉ० आद्याप्रसाद द्विवेदी ने काव्यकृति पर समीक्षा-दृष्टि दौड़ाते हुए उसे २१वीं सदी की नयी काव्यरेखा कहा। अध्यक्षीय उद्?बोधन में डॉ० उमाकान्त राय ने कवयित्री दीक्षा की इस प्रथम काव्ययात्रा को हिन्दी का अभिनव सुन्दरकाण्ड कहा।

सम्पूर्ण कार्यक्रम का खूबसूरत साहित्यिक संचालन डॉ० फूलचन्दप्रसाद गुप्त ने किया और आभार-ज्ञापन एवं धन्यवाद-प्रकाशन डॉ० अजय ह्यअनजानह्ण ने। आरम्भत: वाणी-वन्दना की गयी और मध्यत: दीक्षा राय के माता-पिता-अनुजा श्रीमती बीना राय और देवशर्मा राय तथा प्रज्ञा राय द्वारा मंचस्थ साहित्यविदों को पुष्पगुच्छ एवं उत्तरीय प्रदान कर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर राजेश्वर सिंह, नर्वदेश्वर सिंह, बृजेश राय, राकेश राय, जीतबहादुर पाण्डेय, आचार्य ओमप्रकाश पाण्डेय, डॉ. पवनकुमार राय, महेश त्रिगुणायत आदि उपस्थित रहे।

नागेंद्र नाथ सिंह स्मृति व्याख्यान एवं सम्मान समारोह में भारतीय संविधान में विविधता प्रबंधन विषय पर व्याख्यान का आयोजन

गोरखपुर। भारत को एक शब्द में सही सही वर्णित करना है तो कहना होगा कि वह शब्द है विभिन्नता। देश के संविधान ने विभिन्नता प्रबंधन के जो पैमाने बनाए, सत्ता में सबको भागीदारी देने और सबका ख्याल रखने का जो आदर्श तय किया उसका लक्ष्य भाईचारा प्राप्त करते हुए देश को मजबूत बनाना है। हम विविधता प्रबंधन इसलिए चाहते हैं कि भाईचारा हो जाए। जो भाईचारा के विरुद्ध कार्य कर रहे हैं, वे राष्ट्र व संविधान के विरूद्ध कार्य कर रहे हैं। असली राष्ट्रद्रोही वह हैं जो संविधान द्वारा तय किए राष्ट्र के लक्ष्य से देश को दूर ले जाने का कार्य कर रहे हैं। 

यह बातें चाणक्य राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय, पटना के कुलपति प्रसिद्ध संविधान विशेषज्ञ प्रो फैजान मुस्तफा ने कही। वे नागेंद्र नाथ सिंह स्मृति व्याख्यान एवं सम्मान समारोह में भारतीय संविधान में विविधता प्रबंधन विषय पर व्याख्यान दे रहे थे। इस अवसर पर विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय कार्य करने वाले लोगों-भास्कर दुबे (वकालत), सुभाष चौधरी (साहित्य), चन्द्रविजय सिंह (कुश्ती), इंद्रदेव पासवान (राजनीति), सरदार जसपाल सिंह (समाज सेवा), डॉ एस सी त्रिपाठी (विज्ञान एवं तकनीक), यूपी पांडेय (पत्रकारिता), अजय कुमार शाही (शिक्षा), एके सिंह ( श्रमिक संगठन), डॉ मुमताज खान (बाल कल्याण) को स्मृति चिन्ह व अंग वस्त्र देकर सम्मानित किया गया। 

प्रो फैजान मुस्तफा ने अपने व्याख्यान में कहा कि भारत के संविधान में संघवाद, धर्मनिरपेक्षता, आरक्षण, भाषायी अधिकारों के संरक्षण के जरिए विभिन्नताओं का प्रबंधन किया गया है। भारत के लिए यह जरूरी था क्योंकि भारत बहुभाषी, बहुधार्मिक, बहुजातीय  है। जो लोग एक देश एक भाषा, एक धर्म, एक कानून, इलेक्शन आदि की बात करते हैं वह आइडिया आॅफ इंडिया के खिलाफ है।  

देश में जब संविधान बन रहा था तभी देश का धर्म के नाम पर विभाजन हो गया और बहुत जल्दी पड़ोसी देश इस्लामिक राष्ट्र बन गया। देश के विभाजन के बाद काफी हिंसा हुई। इस कठिन समय में संविधान निमार्ताओं ने तय किया कि हम अपने देश की विभिन्नताओं को देखते हुए उसके प्रबंधन के तरीके तय करेंगे। उन्होंने कहा कि बड़े और विभिन्नताओं वाले देश के लिए संघवाद बेहद जरूरी है। जो देश संघवाद नहीं अपनाते वे विभाजित हो जाते हैं। ऐसा दुनिया में तमाम उदाहरण हैं। संघवाद देश को मजबूत बनाता है। हमारे देश ने संघवाद को अपना कर राज्यों को शक्तियां दी। केन्द्र और राज्यों के बीच अधिकार का बंटवारा किया। 

धर्मनिरपेक्षता की व्याख्या करते हुए उन्होंने कहा इसका अर्थ है कि राज्य का कोई धर्म नहीं है। वह किसी धर्म को न तो प्रोत्साहित करेगा न किसी धर्म से द्वेष करेगा। वह सभी धर्मों से समान दूरी बरतेगा। चूंकि राज्य दुनियावी है इसलिए वह धर्म से कोई वास्ता रख ही नहीं सकता। ह्य साल्वेशन आॅफ सोल ह्ण राज्य की नहीं धर्म की जिम्मेदारी है। प्रो फैजान मुस्तफा ने कहा कि राज्य का कोई धर्म नहीं होने से सबसे अधिक फायदा धर्म का ही होता है क्योंकि यदि राज्य का कोई अपना धर्म होगा तो वह धर्म पर हावी हो जाएगा और अपने अनुसार धर्म बनाने लगेगा।  इससे सबसे बड़ा नुकसान धर्म का ही होगा। इसलिए धर्मनिरपेक्षता धर्म की आजादी के लिए जरूरी है। धर्म को राज्य से बचाना है तो धर्मनिरपेक्षता जरूरी है। धर्मनिरपेक्षता शब्द को संविधान में जोड़े जाने के पहले सुप्रीम कोर्ट में केशवानंद भारती केस में कहा था कि धर्मनिरपेक्षता हमारे संविधान का मूल ढांचा है। 

उन्होंने हमारे समाज में दलित और पिछड़े समाज के लोग शताब्दियों से शोषण के शिकार रहे हैं। ऐसे समुदायों को आरक्षण देना विविधता प्रबंधन का ही मैकेनिज्म है। उन्होंने कहा कि अदालतें आरक्षण को नियंत्रित, सीमित करने का काम कर रही है। क्रीमीलेयर की पहचान, प्रमोशन में आरक्षण या आरक्षण की सीमा तय करने के फैसले इसके उदाहरण है। सरकार राजनीतिक फायदे के लिए संवैधानिक संशोधन कर उन्हें वैधता दे रही हैं। विभिन्नता के प्रबंधन के लिए संविधान द्वारा दिए गए एक अच्छी व्यवस्था का राजनीतिकरण किया जा रहा है। संविधान के अनुसार में आरक्षण राज्य की हर संस्था में प्रतिबिंबित होना चाहिए। 

उन्होंने कहा कि संविधान के मूल कर्तव्य में भी विविधता के प्रबंधन को बताते हुए हमें मिली जुली संस्कृति का सम्मान करें और धार्मिक, सांस्कृतिक, भाषायी विविधता का संरक्षण किया। आज जब देश की महिलाओं को यह लगता है कि वे कहीं भी सुरक्षित नहीं हैं तो हमारे विविधता प्रबंधन पर सवाल उठता हैं। यदि राज्यों को लगने लगे कि कभी भी उन्हें केन्द्र शासित राज्य बनाया जा सकता है, तो विविधता प्रबंधन पर सवाल उठता है। किसी राज्य को यह नहीं लगे कि तमिलनाडु के साथ इंसाफ हो रहा है तो मणिपुर के साथ भी इंसाफ हो रहा है। 

उन्होंने कहा कि अल्पसंख्यकता का आधार केवल संख्यात्मक नहीं बल्कि अशक्तता भी है। यदि कोई समुदाय संख्या में अधिक है लेकिन सत्ता में उसकी भागीदारी नहीं है तो यह अशक्तता है। मुख्य अतिथि इंटीग्रल कोच फैक्ट्री के पूर्व महाप्रबंधक एवं वंदे भारत ट्रेन योजना के वास्तुकार सुधांशु मणि ने रेल संचालन में विविधता प्रबंधन की बात करते हुए कहा कि देश के गरीब कमजोर लोगों को सम्मान के साथ सभी सुविधाओं के साथ रेल यात्रा का हक है। यह सिर्फ कुछ अमीर लोगों के लिए नहीं होना चाहिए। भारत सही मायनों में विकसित भारत तभी होगा जब देश के चंद लोग ही आगे नहीं बढ़ेंगे बल्कि देश के हर तबके के लोग विकास करेंगे। 

अध्यक्षता कर रहे वरिष्ठ पत्रकार एवं पब्लिक इंडिया के संपादक आनन्द वर्धन सिंह ने सेकुलर सिविल कोड की चर्चा को फिजूल बताते हुए कहा कि भारत की आत्मा उसकी विविधता है। इस पर चोट देश पर चोट करना है लेकिन आज सर्वाधिक हमला देश की विविधता पर ही हो रहा है। 

कार्यक्रम के प्रारम्भ में नागेन्द्र नाथ सिंह स्मृति न्यास के अध्यक्ष राजेश सिंह ने स्वागत उद्बोधन करते हुए नागेन्द्र नाथ सिंह स्मृति व्याख्यान एवं सम्मान समारोह की 12 वर्ष की यात्रा पर प्रकाश डाला। शहर के प्रसिद्ध चिकित्सक एवं अदबी शख्सियत डॉ अजीज अहमद ने धन्यवाद ज्ञापित किया। संचालन डॉ मुमताज खान ने किया। 

इस मौके पर मंच पर गोरखपुर विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग के पूर्व अध्यक्ष प्रो चितरंजन मिश्र, पूर्व विधायक राजमणि पांडेय, पूर्व राज्य सूचना आयुक्त हर्षवर्धन शाही, पूर्वोत्तर रेलवे के सेवानिवृत वरिष्ठ अधिकारी एवं लेखक रणविजय सिंह, पूर्व कुलपति प्रो रजनीकांत पांडेय उपस्थित थे।

गांव के बिटिया ने बढ़ाया मान,लखनऊ विश्वविद्यालय में जेआरएफ प्रोजेक्टर बनी

खजनी गोरखपुर। क्षेत्र के बसडीला गांव की मूल निवासी पिता जितेंद्र शर्मा और मां बेबी शर्मा की लाड़ली बिटिया रौशनी शर्मा का अपने पहले ही प्रयास में बाबा साहेब भीमराव आम्बेडकर विश्वविद्यालय लखनऊ में जेआरएफ प्रोजेक्टर के पद पर चयन हुआ है।

मिली जानकारी के अनुसार एक मात्र रिक्त पद हेतु 13 अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था, जिनमें 8 अभ्यर्थियों का साक्षात्कार हुआ और उनमें रोशनी शर्मा को सफल घोषित किया गया।

सामान्य मध्यम वर्गीय परिवार में पली बढ़ी रौशनी शर्मा ने अपनी इस उपलब्धि का श्रेय अपने माता पिता और गुरूजनों को दिया है। पिता ने प्राइवेट स्कूल में शिक्षक के पद पर नौकरी करते हुए अपनी मेहनत की गाढ़ी कमाई से बिटिया को पढ़ा लिखा कर इस मुकाम तक पहुंचाया। रौशनी ने बताया कि उसने अपनी प्रारंभिक शिक्षा गांव में रह कर कक्षा 1 से लेकर 12 वीं तक के.पी. मेमोरियल खजनी से पूरी की फिर एमजी पीजी कॉलेज गोरखपुर से बीएससी और डीडीयू गोखपुर से एमएससी की पढ़ाई पूरी करने के बाद बीबीयू विश्वविद्यालय लखनऊ में उन्हें जेआरएफ प्रोजेक्टर के पद पर चयनित होने का अवसर प्राप्त हुआ है। बिटिया के चयनित होने पर ग्रामप्रधान प्रदीप शर्मा, पूर्व प्रधान डीके शर्मा, राघवेन्द्र शर्मा तथा कस्बे के व्यवसायी रामजी वर्मा, रामवृक्ष वर्मा,राजेन्द्र सेठ, मदन सिंह,सभापति शर्मा , सहित दर्जनों लोगों ने बधाई दी।

श्रद्धापूर्वक मनाया गया हल षष्ठी का पर्व,माताओं ने की छठ माता की पूजा अर्चना

खजनी गोरखपुर।भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष षष्ठी के दिन पडने वाले स्व:पुत्रों के कल्याण की कामना में हल षष्ठी (ललही छठ) पर्व पर क्षेत्र में पुत्रवती माताओं ने अपने पुत्रों के आरोग्य यश समृद्धि और लंबे जीवन के लिए पूजा अर्चना की।

परंपरानुसार घरों के बाहर कुश, परास स्थापित करके दो छोटे कुंड बनाए गए जिनमें पवित्र जल भर कर छठ माता का आवाह्न पूजन किया गया। माताओं ने छठ माता को दही, महुआ के सूखे फूल और तिन्नी चावल का मिश्रित प्रसाद श्रद्धापूर्वक चढ़ाया और छठ माता की सामुहिक कथा सुनी।

पंडित प्रेमचंद राम त्रिपाठी ने बताया कि लोक मान्यताओं के अनुसार कुश का पौधा हर मौसम में हरा भरा रहने वाला विपरित परिस्थितियों में भी लंबे समय तक जीवित रहने वाला तथा सनातन धर्म में सभी प्रकार के शुभ मांगलिक और पितृ पूजा के कार्यों में पवित्रता का प्रतीक माना गया है। वहीं परास का वृक्ष भी लंबे समय तक जीवित रहने वाला बहुत ही मजबूत वृक्ष है।

कुश परास की भांति अपने पुत्रों की वंशवृद्धि, स्वास्थ्य,शक्तिवर्धक एवं दीर्घायू जीवन की मंगलकामनाओं के लिए माताऐं हल षष्ठी का व्रत रहती हैं। परंपरानुसार इस व्रत में गोवंश को अपने परिवार का अंग मानते हुए उनकी रक्षा का संकल्प भी छिपा हुआ है। इसीलिए बैलों के हल से जुताई किए गए खेतों से उपजे अन्न और शाक का प्रयोग भी इसमें वर्जित माना गया है, पूजा के लिए भैंस के दूध की दही, भैंस के ही घी, तिन्नी चावल, महुआ के सूखे फूल और जल में उगने वाले शाक का प्रयोग किया जाता है।

माताऐं समूह में एकत्रित हो कर व्रत कथा सुनती हैं, मंगलगीत गाती हैं। साथ ही पुत्रों के दीर्घायु, स्वस्थ्य जीवन के लिए कामनाऐं करती हैं।

खजनी कस्बे एवं क्षेत्र के सभी गांवों और कस्बों में हल षष्ठी का पर्व श्रद्धापूर्वक हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। माताओं ने छठ माता की पूजा अर्चना की और अपनी संतानों के लंबे एवं स्वस्थ्य जीवन की कामनाएं की।

‌धूमधाम से मनाया गया हलछठ का त्यौहार

गोला गोरखपुरIभाद्रपद महीने की कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि को मनाया जाने वाला यह पर्व विशेष रूप से महिलाओं द्वारा संतान की लंबी आयु प्राप्त की कामना करते हुए रविवार को गोला तहसील क्षेत्र के विभिन्न जगहों पर धूमधाम विधि विधान से पूजा पाठ करके हलछठ का पर्व मनाया गया ।

माताओ ने बेटों की लंबी उम्र के लिए व्रत रखा और विधि विधान के साथ पूजन अर्चन किया । एक दिन पहले से ही माताओ में हलछठ पर्व के लेकर उत्साह था ।

सभी ने बाजारों में पहुंचकर पूजन सामग्रियों की खरीदारी की । फिर रविवार को घरों में हलछठ की पूजा कर बेटों के लंबे उम्र की कामना की ।

ऐसे हुई पूजा

इस दिन माताओ ने महुआ पेड़ की डाली का दातुन कर स्नान कर व्रत धारण किया । कुश ढाक का पत्ता महुआ का फल तिन्नी का चावल भैंस के दूध से बनी दही चंदन आदि से पूजन सामग्री तैयार की ।

सामने एक चौकी या पाटी पर गौरी गणेश कलश रखकर हल षष्ठी देवी की मूर्ति की पूजा की साड़ी आदि सुहाग की सामग्री भी चढ़ाई । साथ ही हलषष्ठी माता की छः कहानी सुनाई ।पूजन की सामग्री में पचहर चाउर, बिना हल जोत हुए जमीन से उगा हुआ धान का चावल महुआ के पत्ते धान की लाई भैंस का दूध दही घी आदि रखा । बच्चों के खिलौने को भी रखा । माताओ ने पूजा अर्चना कर बेटों के दीर्घ आयु की कामना की ।

इस छठ की परंपरा

महिलाएं अपने संतान की सुरक्षा और उन्नति के लिए वह निर्जला व्रत रखती है । इस दिन भगवान शिव पार्वती की विशेष पूजा होती है । जिसमें पार्थिव शिवलिंग बनाकर अभिषेक किया जाता है और फिर पूजा में मदार के फूल बेलपत्र धतूरा और अन्य फूल पत्तीयां शिवलिंग पर चढ़ाई जाती हैं । इसके बाद शिवलिंग को नदी में विसर्जित किया जाता है । वही देवी पार्वती की पूजा सौभाग्य सामग्री चढ़कर की जाती है ।इस दिन बिना हल जोते खेत में उपजे धान से तैयार चावल का सेवन किया जाता है ।

इसके अलावा 6 तरह की सब्जियों का सेवन किया जा सकता है । सूर्य की आराधना करके सूर्यास्त के बाद व्रत खोला जाता है ।

बच्चों के लंबी उम्र के लिए व्रत

इस तिथि पर महिलाएं अपने बच्चों की सुख समृद्धि व लंबी उम्र की कामना से छठ माता की विशेष पूजा और व्रत उपवास करती हैं । कई जगहों पर इस दिन निर्जल यानी बिना पानी पीए व्रत करने की भी परंपरा है। इस दिन महिलाएं सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करती हैं।

फिर सूर्य को अर्घ्य देती हैं । इसके बाद भगवान गणेश फिर देवी पार्वती और छठ माता की पूजा करती है । साथ ही सौभाग्य और श्रृंगार की चीजों का दान किया जाता हैं ।

मान्यता है कि इस तरह का व्रत करने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं ।

सामाजिक न्याय एवं महिला अधिकारिता बोर्ड में मंदाकिनी पांडे जिले में महिला प्रकोष्ठ की बनी अध्यक्ष

गोरखपुर। सामाजिक न्याय एवं महिला अधिकारिता बोर्ड द्वारा गोरखपुर की रहने वाली मंदाकिनी पांडे को जिले में महिला प्रकोष्ठ का जिला अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। सामाजिक न्याय एवं महिला अधिकारिता बोर्ड में जिला अध्यक्ष नियुक्त होने पर बोर्ड को मंदाकिनी पांडे ने धन्यवाद व्यापित किया। उन्होंने कहा कि महिलाओं पर बढ़ते हुए अत्याचार, जुल्म आदि के खिलाफ अब एकजुट होकर महिलाएं आवाज उठा सकेंगी।

अब कोई भी महिला न्याय से वंचित नहीं रहेगी, जल्द ही पूरे जनपद में पूरी कार्यकारिणी का गठन कर सूची बोर्ड को भेजी जाएगी। साथ जनपद में स्वयंसेवकों की नियुक्ति भी की जाएगी जिसमें महिलाओं की सहभागिता बड़े पैमाने पर सुनिश्चित करते हुए महिलाओं का हर संभव मदद व समस्या से निवारण का प्रयास बोर्ड द्वारा किया जाएगा।

बीपी मंडल की जयंती पर सपा कार्यकर्ताओं ने किया संविधान मान स्तम्भ स्थापना कार्यक्रम का हुआ आयोजन

गोरखपुर। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के आह्वान पर संविधान मान स्तम्भ अभियान चल रहा है. इसी क्रम में नौसड में गोरखपुर वाराणसी मार्ग स्थित कृष्णा लान में संविधान मान स्तम्भ स्थापना कार्यक्रम हुआ तथा साथ ही बीपी मंडल की जयंती मनाई गई। कार्यक्रम की अध्यक्षता जिलाध्यक्ष ब्रजेश कुमार गौतम ने तथा संचालन महानगर अध्यक्ष शब्बीर कुरैशी व जिला महासचिव रामनाथ यादव ने किया मुख्य अतिथि के रूप में पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष राजपाल कश्यप मौजूद रहे उपस्थित नेताओं ने वीपी मंडल के चित्र पर पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी तथा उनके व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर प्रकाश डाला ।

संविधान मान स्तंभ को समाजवादी पार्टी के बेतियाहाता स्थित कार्यालय पर स्थापित किया गया मुख्य अतिथि पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष राजपाल कश्यप ने नौसड कार्यक्रम में व सपा के बेतियाहाता स्थित कार्यालय पर मीडिया के साथियों से वार्ता करते हुए कहा कि भाजपा सरकार संविधान व आरक्षण पर लगातार कुठाराघात कर रही है शिक्षक भर्ती में आरक्षण की अनदेखी करके पिछड़ों दलितों के अधिकारों की लुट इसका जीता जागता उदाहरण है पूर्व एमएलसी राजपाल कश्यप ने कहा कि सपा संविधान व आरक्षण की रक्षा के लिए निर्णायक संघर्ष के लिए प्रतिबद्ध है संविधान मान स्तम्भ को आज गोरखपुर में स्थापित किया गया है सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव लगातार संविधान निर्माता बाबा साहब भीमराव अंबेडकर के बनाए संविधान एवं लोकतंत्र की रक्षा के लिए लड़ाई लड़ रहे हैं ।

उन्होंने कहा कि बाबा साहब ने संविधान में उद्योगपति, गरीब, अमीर छोटे व बड़े सभी को संविधान में बराबरी का अधिकार देने का काम किया है। सपा की सरकार में ही स्व: मुलायम सिंह यादव ने पंचायत में आरक्षण देने का काम किया था। भाजपा सरकार सिर्फ देश व प्रदेश की जनता को धोखा देने का काम कर रही है, भाजपा की जमीन 2024 के लोकसभा के चुनाव से खिसक चुकी है और 2027 में अखिलेश यादव के नेतृत्व में प्रदेश की जनता सपा की सरकार बनाएगी। सपा जिलाध्यक्ष ब्रजेश कुमार गौतम ने कहा कि भाजपा सरकार लगातार संविधान निर्माता बाबा साहब भीमराव अंबेडकर के बनाए हुए संविधान से लगातार छेड़छाड़ करने की कोशिश कर रही है और भाजपा देश और प्रदेश की जनता को बाटकर सत्ता और वोट की राजनीति कर रही है।भाजपा देश के संविधान और लोकतंत्र को खत्म करना चाहती है। सपा सिर्फ काम पर विश्वास करती है जबकि भाजपा जनता को धोखा देने का काम कर रही है। संविधान को सुरक्षित रखने का दायित्व कार्यक्रम में मौजूद हर व्यक्ति ने निभाने का संकल्प लिया।

संविधान की प्रस्तावना पढ़ कर कार्यक्रम में संविधान की शपथ ली गई। इस दौरान प्रमुख रूप से जिलाध्यक्ष ब्रजेश कुमार गौतम महानगर अध्यक्ष शब्बीर कुरैशी जिला महासचिव रामनाथ यादव सहित पार्टी के विजय बहादुर यादव, यशपाल सिंह रावत गोपाल यादव, जगदीश यादव, अवधेश यादव, प्रहलाद यादव, रजनीश यादव, नगीना प्रसाद साहनी, जफर अमीन डक्कू, जियाउल इस्लाम, कृष्ण कुमार त्रिपाठी, शकील अंसारी, अमरेन्द्र निषाद, संजय कुमार, रुपावती बेलदार, बृजनाथ मौर्य, मिर्जा कदीर बेग, रामदरश विद्यार्थी, मनुरोजन यादव, मुन्नीलाल यादव,राघवेंद्र तिवारी राजू, देवेंद्र भूषण निषाद, नीरज शाही, जितेंद्र यादव, हीरालाल यादव, राहुल यादव, अली हुसैन, विंदा देवी, संजय पहलवान, श्याम देव निषाद, सुरेंद्र निषाद, जावेद खान, कपिल मुनि यादव, गवीश दुबे, रफीउल्लाह सलमानी, अशोक चौधरी, सच्चिदानंद यादव, संजय यादव, मनीष कमांडो, दयानंद विद्रोही, धनपत यादव, रामनिरंजन यादव, अमरजीत यादव, सुनील यादव, सुरेंद्र मौर्य, राहुल गुप्ता, सन्तोष मौर्य, रणजीत पासवान, अविनाश तिवारी, नवाज लारी, फ़िरदौस आलम, आनन्द राय, अमित शाही, हरेंद्र हैरी, अनूप यादव, प्रदीप यादव, मनोज, सोनू, अभिषेक जिला एवं महानगर कार्यकारिणी के सभी प्रमुख नेतागण एवं भारी संख्या में कार्यकर्तागण मौजूद रहे।

*अस्पतालों में बढ़ी मरीजों की संख्या, गांवों में सफाई और छिड़काव नहीं*

गोरखपुर- मौसम में हो रहे तेजी से बदलाव के कारण बीते कुछ दिनों से उमस भरी गर्मी के कारण इलाके में वायरल बुखार के मरीजों की संख्या बढ़ी है। अस्पतालों के ओपीडी में इलाज के लिए पहुंचने वाले मरीजों की संख्या अचानक बढ़ गई है। वहीं दूसरी ओर लोग मेडिकल स्टोर्स, प्राइवेट अस्पतालों तथा छोला झाप डाॅक्टरों के पास भी इलाज के लिए पहुंच रहे हैं। खजनी पीएचसी के मेडिकल आॅफिसर डॉक्टर एखलाक ने बताया कि इन दिनों बुखार, सर्दी, जुखाम, खांसी, त्वचा रोग और माइल्ड डायरिया से पीड़ित मरीज इलाज कराने के लिए आ रहे हैं। अस्पताल में उनकी जांच के बाद इलाज के लिए उन्हें मुफ्त दवाएं भी दी जा रही हैं।

बताया गया कि पीएचसी के ओपीडी में प्रतिदिन इलाज के लिए 125 से अधिक मरीज पहुंच रहे हैं। कुछ इसी प्रकार हरनहीं सीएचसी के ओपीडी में भी रोजाना 150 से अधिक रोगियों के पहुंचने की जानकारी दी गई है। इसके अलावां प्राइवेट अस्पतालों और मेडिकल स्टोर्स पर भी लोग इलाज के लिए पहुंच रहे हैं। बीमार लोगों में खुटहना के युनूस ने बताया कि इस समय उनके परिवार में सभी लोग बुखार से पीड़ित हैं। इसी प्रकार आशापार गांव के राम प्रसाद विश्वकर्मा ने बताया कि उन्हें तथा उनके बड़े बेटे को बीते एक हफ्ते से बुखार आ रहा है दवा खाने पर ठीक हो जाता है लेकिन दवा का असर खत्म होते ही फिर बुखार चढ़ जाता है।

कुछ इसी प्रकार अस्पताल में इलाज के लिए पहुंचे मिठाईलाल,सलहंता, मनोरमा और सुधा देवी ने भी अपने बीमार होने की जानकारी दी है। साथ ही बेलडांड़, गुलउर, विनायका, कटघर, धुवहां, सोहरां,सहसीं, भिटहां, पल्हीपार, सतुआभार समेत दर्जनों गांवों के लोगों में रविशंकर, अवधेश, अरविंद, विशाल,अनिल,अभय,सुधीर, रोहित, विकास, पप्पू, मयंक, शिवम, प्रमोद आदि ने रोष जताते हुए बताया कि गांवों में सफाई की कोई व्यवस्था नहीं है। बरसात में हर तरफ झाड़ियां और खुली नालियों तथा पानी से भरे छोटे बड़े गड्ढों में मच्छर पनप रहे हैं, किन्तु सफाई और छिड़काव की कोई व्यवस्था नहीं है।

पीएचसी के प्रभारी चिकित्साधिकारी डॉक्टर प्रदीप तिवारी ने बताया कि पीएचसी में आने वाले सभी मरीजों का उचित इलाज जांच परामर्श और दवाएं दी जा रही हैं। लोगों को मौसमी बीमारियों से बचने,खुले में न सोने, मच्छरदानी लगाकर सोने तथा उबाल कर ठंडा करके साफ पानी पीने की सलाह भी दी जा रही है।

*प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र से दवा बेचने वाली एएनएम को पुलिस ने भेजा जेल*

गोरखपुर - उरुआ थाने की पुलिस ने स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र से दवाओं की चोरी करके बाजार में बेचने के मामले में फरार चल रही एएनएम को उरुआ थाने की पुलिस ने शनिवार को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया है। बता दे बीते 30 जुन 2023 को उरुआ थाने के उपनिरिक्षक विवेक वर्मा को सूचना मिली थी कि पीएचसी के सामने स्थित चाय पकौड़ी की दुकान पर सरकार द्वारा मुफ्त में दी जाने वाली दवाओं को बाजार में बेचा जा रहा है।

सूचना के बाद वह औषधि निरीक्षक गोरखपुर जय सिंह अपने हमराह औषधि अनुसेवक मोहन तिवारी के साथ चाय की दुकान पहुंचे तो उन्हें बेलघाट थाना क्षेत्र के सोहनाग गांव के निवासी स्वर्गीय महेंद्र प्रताप मिश्र के 40 वर्षीय पुत्र परमानंद मिश्रा मिले। मौक़े से हल्दीराम के कुल 19 बॉक्स में सरकारी दवाएं मिली थी। पुछताछ के दौरान परमानंद ने बताया था कि मेरे पहचान की एक एएनएम है। जिनका नाम रीना देवी पत्नी मनोज कुमार है।

रीना देवी बलिया जनपद के बेल्थरा रोड थाना क्षेत्र अंतर्गत आने वाले गौवापार की रहने वाली है। वर्तमान में उरुआ थाना क्षेत्र के बिलासपुर में गोपीचंद के मकान में रहती हैं। परमानंद ने बताया था कि हम दवाओं को एएनएम से लेकर बाजार में ऊँचे दाम में बेंच देते हैं। दवा को बेचने के बाद उसका मुनाफा हम दोनों ले लेते हैं। इसके बाद उरुआ थाने की पुलिस ने 1 जुलाई मुकदमा दर्ज कर लिया था और एएनएम रीना देवी की तलाश में जुट गई थी। जिसे जेल भेजा गया.

*पुलिस भर्ती परीक्षा खजनी में 1080अभ्यर्थियों में सैकड़ों ने छोड़ी परीक्षा,दो पालियों में कड़ी निगरानी में हुई परीक्षा*


खजनी गोरखपुर।।

पुलिस भर्ती परीक्षा आज इलाके के तीन इंटरकॉलेज में दो पालियों में शांति पूर्ण माहौल में संपन्न कराई गई। कुल 1080 अभ्यर्थियों में सैकड़ों अभ्यर्थियों ने परीक्षा छोड़ दी 2 पालियों में सबेरे 10 बजे से 12 बजे तक और अपराह्न 3 बजे से 5 बजे तक दो पालियों में परीक्षा हुई।

गणेश पाण्डेय इंटरकॉलेज कटघर में 480 अभ्यर्थियों ने, चंपादेवी राजकीय बालिका इंटरकॉलेज में 360 तथा उमा प्रसाद दामोदरदास इंटरकॉलेज बहुरीपार में 240 अभ्यर्थियों को परीक्षा देनी थी किन्तु सैकड़ों अभ्यर्थियों ने परीक्षा छोड़ दी और नियत समय पर परीक्षा देने के लिए केंद्रों तक नहीं पहुंचे।

10 बजे से 12 बजे तक और अपराह्न 3 बजे से 5 बजे तक दो पालियों में परीक्षाएं दीं।इस दौरान प्रशासनिक व्यवस्था सख्त और चुस्त रही। पिछली भर्ती परीक्षा में पेपर लीक होने की घटना के कारण ‌प्रशासन की कड़ी निगरानी में परीक्षा हुई। सभी परीक्षा केंद्रों पर और कक्षों में सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे।

सेक्टर मजिस्ट्रेट उप जिलाधिकारी खजनी कुंवर सचिन सिंह तहसीलदार कृष्ण गोपाल तिवारी और बीडीओ खजनी रमेश शुक्ला तथा स्टेटिक मजिस्ट्रेट अनिल कुमार सहित क्षेत्राधिकारी खजनी विजय आनंद शाही थानाध्यक्ष खजनी शैलेन्द्र कुमार शुक्ला सहित पुलिस टीम लगातार परीक्षा केंद्रों पर निगरानी में लगी रही।