कांग्रेस-नेशनल कॉन्फ्रेंस के बीच गठबंधन के बाद भी सीट बंटवारें पर फंसा पेंच, जानें कहां अटक रही बात
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केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर की 90 सदस्यीय विधानसभा के लिए अक्टूबर में चुनाव होने हैं।इस चुनाव में कांग्रेस ने नेशनल कॉन्फ्रेंस के साथ गठबंधन किया है। जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव को लेकर नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस ने 22 अगस्त को सभी 90 सीटों पर गठबंधन का ऐलान किया। सीट बंटवारे को लेकर नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) और कांग्रेस के बीच अब तक बात नहीं बन पाई है।
सूत्रों के मुताबिक जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव में नेशनल कॉन्फ्रेंस 52 और कांग्रेस 38 सीटों पर चुनाव लड़ सकती है। दोनों पार्टियों के बीच अभी भी कुछ सीटों को लेकर पेंच फंसा है। इन सीटों में नगरोटा, विजयपुर और हब्बा कदल की सीटें शामिल हैं। इसको लेकर दिल्ली में कांग्रेस हाईकमान के बीच चर्चा चल रही है।
सीटों के बंटवारे पर एनसी के नेता उमर अब्दुल्ला ने कहा है कि "ज्यादातर सीटों पर हम सर्वसम्मति बना चुके हैं।कुछ सीटों पर हम अड़े हुए हैं और कुछ सीटों पर कांग्रेस के क्षेत्रीय नेता अड़े हुए हैं। आज हम फिर चर्चा करेंगे और कोशिश करेंगे कि जहां तक हो सके बाकी सीटों को गठबंधन की सीमा में लाकर अपने उम्मीदवारों का एलान करें।
पहले चरण की 24 सीटों में कांग्रेस 9 या 10 सीटें लड़ेगी
फिलहाल पहले चरण की 24 सीटों में कांग्रेस 9 या 10 सीटें पर लड़ेगी, जिसमें वो घाटी की 4 सीटों पर दावा ठोक रही है। इसमें दो सीटें देवसर और शांगस पर कांग्रेस ने 2014 में जीत हासिल की थी। तीसरी दुरु विधानसभा सीट है, जहां गुलाम अहमद मीर 161 वोट के करीबी मार्जिन से पीडीपी के उम्मीदवार सैयद फारूक अहमद अंदराबी से हार गए थे। वहीं चौथी कोकर नाग विधानसभा सीट है, जहां से कांग्रेस के सीनियर लीडर पीरजादा मोहम्मद सैयद आते हैं। इसलिए यह सीट कांग्रेस मांग रही है। हालांकि 2014 के विधानसभा चुनाव में यहां से पीडीपी जीत गई थी। इस चुनाव में कांग्रेस को 34 प्रतिशत वोट मिला जबकि पीडीपी को 42 प्रतिशत वोट मिला था। पीडीपी के अब्दुल रहीम राथर चुनाव जीत गए थे।कुल मिलाकर कांग्रेस अपनी सिटिंग सीट और पीडीपी की सीटें मांग रही है, जहां से उसके उम्मीदवार रनर अप रहे थे।
आज जारी हो सकती है कैंडिडेट्स की पहली लिस्ट
वहीं, खबर है कि एनसी-कांग्रेस गठबंधन के कैंडिडेट्स की पहली लिस्ट शनिवार (24 अगस्त) को जारी होगी। सूत्रों के मुताबिक, पहली लिस्ट में नेशनल कॉन्फ्रेंस के 13 से 17 और कांग्रेस के 7 से 10 कैंडिडेट के नामों की घोषणा हो सकती है।
2014 में हुए थे आखिरी विधानसभा चुनाव
आखिरी बार 2014 में जम्मू-कश्मीर के विधानसभा चुनाव हुए थे। तब बीजेपी और पीडीपी ने गठबंधन सरकार बनाई थी। 2018 में गठबंधन टूटने के बाद सरकार गिर गई थी। इसके बाद राज्य में 6 महीने तक राज्यपाल शासन (उस समय जम्मू-कश्मीर संविधान के अनुसार) रहा। इसके बाद राष्ट्रपति शासन लागू हो गया।
राष्ट्रपति शासन के बीच ही 2019 के लोकसभा चुनाव हुए, जिसमें बीजेपी भारी बहुमत के साथ केंद्र में लौटी। इसके बाद 5 अगस्त 2019 को बीजेपी सरकार ने आर्टिकल-370 खत्म करके राज्य को दो केंद्र-शासित प्रदेशों (जम्मू-कश्मीर और लद्दाख) में बांट दिया था। इस तरह जम्मू-कश्मीर में 10 साल बाद विधानसभा चुनाव हो रहे हैं।
Aug 24 2024, 14:29