लोकसभा चुनाव के बाद पहला सर्वे, देश की इतनी प्रतिशत जनता शिवराज को PM के रूप में देखना चाहती है, पढ़िए, चौंकाने वाले आंकड़े, पीएम की रेस में ये

देश में लोकसभा चुनाव संपन्न हुए काफी वक्त हो गया है. मध्यप्रदेश की बात करें तो प्रदेश से कई सांसदों को मोदी कैबिनेट में शामिल भी किया गया है. आने वाले वक्त में देश में कुछ राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं. उससे पहले इंडिया टुडे मूड ऑफ द नेशन का सर्वे सामने आया है. इस सर्वे में लोगों से उनके पसंदीदा प्रधानमंत्री का नाम पूछा गया. उस नाम में मध्य प्रदेश के किस नेता का नाम शामिल है? आइये जानते हैं।

 लोकसभा चुनाव में बीजेपी को बढ़त मिली और एनडीए की सरकार केंद्र में चल रही है. मध्य प्रदेश से कई बड़े चेहरों को मोदी कैबिनेट में शामिल किया गया है. बीते दिन मूड ऑफ द नेशन का एक सर्वे सामने आया है. इस सर्वे में लोगों से पूछा गया कि आखिर उनका पसंदीदा पीएम का चेहरा कौन होगा? 

खास तौर पर बीजेपी से आने वाले नेताओं के बारे में पूछा गया. जिसमें 5 फीसदी लोगों ने शिवराज सिंह चौहान को पसंदीदा पीएम का चेहरा बताया है. मामा और भैया की छवि वाले और तो और मोदी कैबिनेट में कृषि मंत्री के रूप में काम कर रहे हैं. मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान देश के 5 फीसदी लोगों की पसंद के रूप में सामने आ रहे हैं. जब बात हो रही है प्रधानमंत्री के चेहरे की आपको बता दें कि मूड ऑफ द नेशन सर्वे के मुताबिक 5.4 फीसदी लोगों ने शिवराज सिंह चौहान को बीजेपी की तरफ से प्राइम मिनिस्टर कैंडिडेट के रूप में अपनी पसंद बताया है.

वहीं अगर साल 2024 और साल 2023 में जो मूड ऑफ द नेशन का सर्वे आया था. उसमें केवल दो फीसदी लोगों ने शिवराज सिंह चौहान को पीएम के रूप में अपनी पसंद बताया था, लेकिन समय के साथ देखा जा रहा है कि कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान की लोकप्रियता बढ़ रही है, और 5.4 फीसदी जनता उन्हें अपने प्राइम मिनिस्टर के रूप में देखना चाहती है.

 इस लिस्ट में अमित शाह, योगी आदित्यनाथ, नितिन गडकरी, राजनाथ सिंह का नाम भी शामिल है. लेकिन फिलहाल आपको बता दें कि यह सर्वे जो किया गया है. लोकसभा चुनाव के बाद यह पहला सर्वे है और इस सर्वे के मुताबिक लगातार शिवराज सिंह चौहान की लोकप्रियता ना सिर्फ मध्य प्रदेश बल्कि पूरे देश में बढ़ती हुई दिखाई दे रही है. और 5 फीसद लोग जो हैं उन्हें अपने पसंदीदा प्राइम मिनिस्टर कैंडिडेट के रूप में देख रहे हैं.

अस्पताल में डॉक्टर कर रहा था देश को दहलाने की प्लानिंग, जानिए, ऐसे हुआ पर्दाफाश, तीन प्रदेश से 14 लोग हिरासत में लिए गए, जांच जारी

 देशभर में आतंकी गतिविधियों की रोकथाम के लिए दिल्ली, झारखंड, उत्तर प्रदेश, एवं राजस्थान की एटीएस टीमों ने संयुक्त रूप से कई जगहों पर छापेमारी की है। इस अभियान में एटीएस को महत्वपूर्ण सफलता हाथ लगी है। जानकारी के अनुसार, देश में 'खिलाफत' के ऐलान की तैयारी चल रही थी तथा 'अलकायदा इन इंडियन सबकॉन्टिनेंट' नामक आतंकी मॉड्यूल को विस्तार देने की योजना थी। इस मॉड्यूल का सरगना झारखंड की राजधानी रांची के एक प्रतिष्ठित अस्पताल में रेडियोलॉजिस्ट डॉक्टर के रूप में पहचाना गया है। एटीएस की टीम ने इस आरोपी डॉक्टर को गिरफ्तार कर लिया है तथा अब तक 3 प्रदेशों से कुल 14 लोगों को हिरासत में लिया गया है।

अलकायदा इन इंडियन सबकॉन्टिनेंट मॉड्यूल से जुड़ी आतंकी गतिविधियों के बारे में गुप्त सूचना प्राप्त होने पर झारखंड एटीएस, रांची पुलिस तथा दिल्ली पुलिस की संयुक्त टीमों ने रांची, लोहरदगा, और हजारीबाग के 16 स्थानों पर एक साथ छापेमारी की। इस कार्रवाई में 8 संदिग्धों को हिरासत में लिया गया। इनमें रांची के एक प्रतिष्ठित अस्पताल के रेडियोलॉजिस्ट डॉक्टर इश्तियाक अहमद भी सम्मिलित हैं, जिन्हें इस मॉड्यूल का प्रमुख बताया जा रहा है।

वही अब तक झारखंड, राजस्थान, और उत्तर प्रदेश में इस आतंकी नेटवर्क के खिलाफ कार्रवाई की गई है, जिसमें कुल 14 लोगों को हिरासत में लिया गया है। झारखंड से 8 संदिग्धों को पकड़ा गया है, जिनमें डॉक्टर इश्तियाक अहमद भी सम्मिलित हैं। इश्तियाक अहमद रांची के बरियातू इलाके में एक अपार्टमेंट में रह रहा था तथा उसने रांची के सबसे बड़े अस्पताल रिम्स से एमबीबीएस की डिग्री प्राप्त की थी।

छापेमारी में डॉक्टर इश्तियाक के पास से एक एके-47 सहित कई अन्य अवैध हथियार भी बरामद हुए हैं। वह देश में खिलाफत की घोषणा तथा गंभीर आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने की योजना बना रहा था। झारखंड में 16 स्थानों पर की गई इस छापेमारी में ATS, दिल्ली पुलिस, एसटीएफ एवं रांची पुलिस की टीमों ने महत्वपूर्ण दस्तावेज, मोबाइल फोन, लैपटॉप तथा अन्य संदिग्ध सामग्री भी बरामद की है।

लड़कियों ने अफीम चाटते हुए बनाई Reel, वायरल होते ही पुलिस ने लिया ये एक्शन

सोशल मीडिया पर बीकानेर की लोकप्रिय युवतियां, जो 'बीकानेर गर्ल' और 'बीकानेर की शेरनिया' के नाम से जानी जाती हैं, को अफीम के साथ वीडियो बनाना महंगा पड़ गया है। पुलिस ने इन लड़कियों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए अफीम जब्त कर ली है, और अब उन पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

वायरल वीडियो में तीन लड़कियां नजर आ रही हैं, जिनमें से दो बहनें हैं—21 साल की मोनिका राजपुरोहित और 18 साल की करिश्मा राजपुरोहित—तथा तीसरी लड़की उनकी रिश्तेदार है, जो नाबालिग बताई जा रही है। वीडियो में तीनों को अफीम का सेवन करते हुए दिखाया गया है। बीकानेर की एसपी तेजस्विनी गौतम ने इस मामले का संज्ञान लिया एवं कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। पुलिस ने बताया कि बल्लभ गार्डन निवासी दोनों बहनों से 200 ग्राम अफीम बरामद की गई है। मोनिका एवं करिश्मा ने सोशल मीडिया पर अफीम के साथ रील बनाकर साझा किया था। 

पुलिस ने दोनों के खिलाफ FIR दर्ज कर दी है तथा सब इंस्पेक्टर जीतराम को जांच की जिम्मेदारी सौंप दी है। इन दोनों युवतियों पर अफीम के प्रचार के लिए सोशल मीडिया पर रील बनाने का आरोप भी है। इन लड़कियों का इंस्टाग्राम पर बहुत फॉलोइंग है तथा वे वीडियो को वायरल होने के बाद अपने अकाउंट से हटा चुकी हैं। उनके इंस्टाग्राम पेज पर कई डायलॉग और रील्स उपलब्ध हैं।

कीव में पीएम मोदी-जेलेंस्की की मुलाकात, दोनों नेताओं ने एक दूसरे को गले लगाया, थोड़ी देर में द्विपक्षीय वार्ता

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रूस और यूक्रेन में ढाई साल से जारी जंग के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को यूक्रेन पहुंचे। यहां उन्होंने राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की से मुलाकात की। पीएम मोदी और राष्ट्रपति जेलेंस्की दोनों ने एक दूसरे को गले लगाया। इस दौरान पीएम मोदी, जेलेंस्की के कंधे पर हाथ रख कर बातचीत करते दिखें। इस दौरान दोनों नेताओं के चेहते गंभीर नजर आए। दोनों नेता यूक्रेन नेशनल म्यूजियम पहुंचे, जहां उन्होंने जंग में मारे गए बच्चों को श्रद्धांजलि दी।

इससे पहले मोदी 10 घंटे की ट्रेन यात्रा करने के बाद कीव पहुंचे। वे यहां 7 घंटे बिताएंगे। कीव में भारतीय समुदाय के लोगों ने मोदी का स्वागत किया। पीएम मोदी ने यूक्रेन की राजधानी कीव में भारतीयों से मुलाकात की तस्वीरें सोशल मीडिया पर साझा की हैं।

वहीं, पीएम मोदी ने फोमिन बोटैनिकल गार्डन में महात्मा गांधी की प्रतिमा पर श्रद्धांजलि अर्पित की। पीएम मोदी का ये दौरा इसलिए भी खास है क्योंकि 24 फरवरी 2022 को रूस के हमले के बाद से अब तक नाटो देशों के अलावा किसी अन्य देश के नेता ने यूक्रेन का दौरा नहीं किया है। 

पीएम मोदी ने जून में इटली के अपुलिया में जी-7 शिखर सम्मेलन के दौरान जेलेंस्की से बातचीत की थी। बातचीत के दौरान मोदी ने यूक्रेन के राष्ट्रपति से कहा था कि भारत यूक्रेन संघर्ष के शांतिपूर्ण समाधान के पक्ष में वह सब कुछ करेगा जो वह कर सकता है। उन्होंने कहा था कि बातचीत और कूटनीति के माध्यम से ही शांति लाई जा सकती है। बैठक में यूक्रेनी राष्ट्रपति ने प्रधानमंत्री को कीव आने का निमंत्रण दिया था।

सेबी ने अनिल अंबानी और उनकी कंपनियों पर लगाया बैन, 25 करोड़ का जुर्माना भी लगाया, जानें क्या है पूरा मामला

#anilambanibannedfromstockmarketfor5years 

मार्केट रेगुलेटर सेबी ने फंड की हेराफेरी के मामले में इंडस्ट्रियलिस्ट अनिल अंबानी को शेयर बाजार से 5 साल के लिए बैन कर दिया है। अंबानी पर 25 करोड़ रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है। उनके किसी भी लिस्टेड कंपनी में डायरेक्टर रहने पर भी पाबंदी लगी है।उनके अलावा रिलायंस होम फाइनेंस (RHFL) के पूर्व प्रमुख अधिकारियों समेत 24 अन्य एंटीटीज को बैन किया गया है और अलग-अलग जुर्माना लगाया गया है। वहीं रिलायंस होम फाइनेंस को 6 महीने के लिए बैन किया है और 6 लाख रुपए का जुर्माना लगा है।इस खबर के बाद अनिल धीरूभाई अंबानी ग्रुप के शेयरों में भारी गिरावट दिख रही है। ग्रुप के शेयरों में 14 फीसदी तक गिरावट आई है।

सेबी ने 222 पन्नों के अंतिम आदेश में कहा कि अनिल अंबानी ने सीनियर अधिकारियों की मदद से रिलायंस होम फाइनेंस से पैसों के गबन के लिए एक धोखाधड़ी की साजिश रची। इसे सहायक कंपनियों के लोन के रूप में दिखाया गया। कंपनी के बोर्ड ने इस तरह के ऋण देने की प्रथाओं को रोकने के लिए कड़े निर्देश जारी किए थे और कॉर्पोरेट ऋणों की नियमित समीक्षा की थी। लेकिन कंपनी के प्रबंधन ने इन आदेशों की अनदेखी की। सेबी ने कहा कि इससे पता चलता है कि कामकाज के तरीके में बड़ी त्रुटि हुई, जिसे अनिल अंबानी के प्रभाव में कुछ प्रमुख प्रबंधकीय कर्मियों ने अंजाम दिया।

इस खबर के बाद से अनिल अंबानी के शेयरों में लोअर सर्किट लगने के साथ गिरावट का सिलसिला शुरू हो गया। उनकी शेयर बाजार में लिस्टेड 3 कंपनियों कि ही बात करें तो रिलायंस इंफ़्रा, रिलाइंस पावर और रिलायंस होम में महज 4 घंटे में 14 फीसदी तक की गिरावट आ गई है। इस बीच अनिल अंबानी के 2126 करोड़ डूब गए।

किस कंपनी को कितना हुआ नुकसान

रिलायंस इंफ़्रा - शुक्रवार के कारोबारी सत्र में रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड, रिलायंस पावर लिमिटेड और रिलायंस होम फाइनेंस के शेयरों में भारी गिरावट आई। सबसे ज्यादा गिरावट रिलायंस इंफ़्रा में आई है। कंपनी का शेयर 14.19 प्रतिशत गिरकर 202 रुपये के दिन के निचले स्तर पर पहुंच गया। वहीं, कंपनी का मार्केट कैप लुढक कर 8.28 हजार करोड़ पर पहुंच गया। इस दौरान कंपनी को 1172 करोड़ का नुकसान हो गया।

रिलाइंस पावर - रिलायंस पावर के शेयर ने आज ही 38.07 रुपये पर अपना रिकॉर्ड हाई बनाया था। सेबी कि खबर आने के बाद कंपनी के शेयर में 9.51 फीसदी की गिरावट आई और शेयर 34.45 रुपये के लोअर सर्किट पर पहुंच गए। कंपनी के नुक्सान कि बात करें तो रिलायंस पावर का मार्केट कैप आज 13.83 हजार करोड़ से लुढ़क गया और कंपनी को 932 करोड़ का नुकसान हुआ है।

रिलायंस होम - रिलायंस होम कि बात करें तो शेयर 5 फीसदी से ज्यादा गिरकर 4.46 रुपये के लोअर सर्किट स्तर पर पहुंच गया। इस दौरान कंपनी को 22 करोड़ का नुकसान हुआ है।

तीनों कंपनियों के नुकसान को देखें तो अनिल अंबानी के कुछ ही घंटों में 2126 करोड़ रुपए डूब गए। शेयरों में ये गिरावट सेबी द्वारा अनिल अंबानी और रिलायंस होम के पूर्व प्रमुख अधिकारियों सहित 24 अन्य संस्थाओं को कंपनी से धन के डायवर्जन पर पांच साल के लिए सिक्योरिटी मार्केट से बैन होने के बाद आया है।

बांग्लादेश सरकार ने शेख हसीना का पासपोर्ट किया रद्द, अब दूसरे देश कैसे जाएंगी ?

#bangladeshrevokessheikhhasinadiplomatic_passport 

अपने देश से भाग भारत में शरण लिए हुए शेख हसीना की मुश्किलें बढ़ती ही जा रही है। एक तरफ बांग्लादेश पूर्व प्रधानंमत्री शेख हसीना के खिलाफ एक के बाद एक कई मामले दर्ज किए जा रहे हैं। यही वहीं, बांग्लादेश की मुख्य विपक्षी बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) ने भारत से शेख हसीना के प्रत्यर्पण की मांग की है। अब बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने शेख हसीना का पासपोर्ट रद्द कर दिया है।

बांग्लादेश में फैली भयंकर हिंसा के बीच 5 अगस्त को अपनी जान बचाने के लिए हसीना ने ढाका से भागकर भारत आकर शरण ली।भारत पहुंचने से पहले शेख हसीना को प्रधानमंत्री पद भी छोड़ना पड़ा था।अब बांग्लादेश की मौजूदा सरकार ने शेख हसीना का डिप्लोमेटिक पासपोर्ट रद्द करने का भी ऐलान कर दिया है यानी जिस पासपोर्ट को लेकर शेख हसीना भारत आई थीं अब वो मान्य नहीं है।

बांग्लादेश के गृह मंत्रालय ने कहा, "पूर्व प्रधानमंत्री, उनके सलाहकार, पूर्व कैबिनेट मंत्री और भंग राष्ट्रीय असेंबली के सभी सदस्य अपने पदों के आधार पर राजनयिक पासपोर्ट के पात्र थे। अगर उन्हें पदों से हटाया गया हो या वे सेवानिवृत्त हो गए हैं तो उनके और उनके जीवनसाथी के पासपोर्ट रद्द करने होंगे।" ढाका के नए अधिकारियों ने कहा कि शेख हसीना और उनके कार्यकाल के पूर्व शीर्ष अधिकारी स्टैंडर्ड पासपोर्ट के लिए आवेदन कर सकते थे।

पासपोर्ट रद्द करने की वजह

बांग्लादेश के गृह मंत्रालय ने पासपोर्ट रद्द करने के पीछे कारण दिया गया है कि शेख हसीना के खिलाफ अब तक 44 आपराधिक मुकदमे दर्ज हो चुके हैं। इसके साथ ही कुछ और मुकदमे अभी दर्ज हो सकते हैं। ऐसे में जरूरी है कि उन पर पाबंदी लगाने के लिए उनका डिप्लोमेटिक पासपोर्ट रद्द कर दिया जाए।

भारत से बाहर शरण मिलना होगा मुश्किल

बता दें कि शेख हसीना अभी फिलहाल भारत में शरण ली हुई हैं और वह कुछ अन्य देशों में भी शरण लेने की योजना के तहत काम कर रही हैं। बांग्लादेश की अंतिम सरकार द्वारा उनका डिप्लोमेटिक पासपोर्ट रद्द किए जाने के बाद उनको विदेश में शरण मिलना मुश्किल हो जाएगा। इसके साथ ही अंतिम सरकार ने उनके अनेक सहयोगियों के भी डिप्लोमेटिक पासपोर्ट रद्द कर दिए हैं, जिससे वह बांग्लादेश छोड़कर भाग न पाएं या यदि उनमें से कुछ लोग जो बाहर चले गए हैं वह अन्य देशों की यात्रा न कर पाएं।

यूएन टीम ने हसीना पर कई गंभीर आरोप लगाए

बांग्लादेश में पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना पर 40 से अधिक मुकदमे दर्ज किए जा चुके हैं, जिसमें ज्यादातर हत्या के मुकदमे हैं। संयुक्त राष्ट्र की एक टीम भी बांग्लादेश पहुंच चुकी है जो कि शेख हसीना के कार्यकाल में हुए मानवाधिकार हनन के मामलों की जांच करेगी। अपनी प्राथमिक जांच में यूएन टीम ने शेख हसीना पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं। ऐसा माना जा रहा है कि जल्द ही बांग्लादेश की सरकार शेख हसीना के खिलाफ भारत से प्रत्यर्पण की मांग कर सकती है।

बीएनपी ने की हसीने के प्रयार्पण की मांग 

बांग्लादेश की मुख्य विपक्षी बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) ने भारत से शेख हसीना के प्रत्यर्पण की मांग की है। बीएनपी के महासचिव मिर्जा फखरुल इस्लाम आलमगीर ने शेख हसीना पर देश में सरकार के खिलाफ प्रदर्शन को बाधित करने की साजिश रचने का आरोप लगाते हुए हसीना के प्रत्यर्पण की मांग की है। फखरुल इस्लाम ने कहा कि शेख हसीना को शरण देकर भारत बांग्लादेशियों का दिल नहीं जीत सकता। उन्होंने भारत पर लोकतंत्र के समर्थन से पीछे हटने का भी आरोप लगाया।

नेपाल में बड़ा हादसा, यूपी के नंबर की बस नदी में गिरी, 14 की मौत*
#indian_bus_carrying_passengers_plunges_into_river_in_nepal नेपाल में आज यानी शुक्रवार को एक बड़ा हादसा हो गया। नेपाल के तनहुं जिले में मर्सयांगदी नदी में एक बस गिर गई। बताया गया कि यह बस यूपी नंबर की थी और इसमें 40 यात्री सवार थे। अभी तक 14 लोगों के शव बरामद हुए हैं।घटनास्थल पर राहत और बचाव कार्य जारी है। नंबर प्लेट के आधार पर यह बस गोरखपुर की है।गोरखपुर से नेपाल गई बस केसरवानी ट्रेवल्स की है।नेपाली अधिकारी के अनुसार, बस पोखरा से काठमांडू जा रही थी। नेपाल पुलिस ने हादसे को लेकर पुष्टि करते हुए बताया कि 40 लोगों को लेकर जा रही एक भारतीय यात्री बस तनहुन जिले में मर्सयांगदी नदी में गिर गई है। जिला पुलिस ऑफिस तनहुन के डीएसपी दीपकुमार राया ने कहा, “UP FT 7623 नंबर प्लेट वाली बस नदी में गिर गई। अधिकारी के अनुसार, बस पोखरा से राजधानी काठमांडू की ओर जा रही थी। बताया जा रहा है कि यह हादसा आज शुक्रवार को सुबह करीब 11.30 बजे हुआ। इससे पहले इस साल जुलाई में नेपाल में दो बसों में सवार 65 लोग उफनती त्रिशूली नदी में बह गए थे। तब काठमांडू जाने वाली एंजेल बस और गणपति डीलक्स की बस हादसे का शिकार हुई थीं। बसें काठमांडू से रौतहट के गौर जा रही थीं। घटना क्षेत्र में भारी बारिश के बीच हुई थी।
बांग्लादेश सरकार ने शेख हसीना का पासपोर्ट किया रद्द, अब दूसरे देश कैसे जाएंगी ?*
#bangladesh_revokes_sheikh_hasina_diplomatic_passport *
अपने देश से भाग भारत में शरण लिए हुए शेख हसीना की मुश्किलें बढ़ती ही जा रही है। एक तरफ बांग्लादेश पूर्व प्रधानंमत्री शेख हसीना के खिलाफ एक के बाद एक कई मामले दर्ज किए जा रहे हैं। यही वहीं, बांग्लादेश की मुख्य विपक्षी बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) ने भारत से शेख हसीना के प्रत्यर्पण की मांग की है। अब बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने शेख हसीना का पासपोर्ट रद्द कर दिया है। बांग्लादेश में फैली भयंकर हिंसा के बीच 5 अगस्त को अपनी जान बचाने के लिए हसीना ने ढाका से भागकर भारत आकर शरण ली।भारत पहुंचने से पहले शेख हसीना को प्रधानमंत्री पद भी छोड़ना पड़ा था।अब बांग्लादेश की मौजूदा सरकार ने शेख हसीना का डिप्लोमेटिक पासपोर्ट रद्द करने का भी ऐलान कर दिया है यानी जिस पासपोर्ट को लेकर शेख हसीना भारत आई थीं अब वो मान्य नहीं है। बांग्लादेश के गृह मंत्रालय ने कहा, "पूर्व प्रधानमंत्री, उनके सलाहकार, पूर्व कैबिनेट मंत्री और भंग राष्ट्रीय असेंबली के सभी सदस्य अपने पदों के आधार पर राजनयिक पासपोर्ट के पात्र थे। अगर उन्हें पदों से हटाया गया हो या वे सेवानिवृत्त हो गए हैं तो उनके और उनके जीवनसाथी के पासपोर्ट रद्द करने होंगे।" ढाका के नए अधिकारियों ने कहा कि शेख हसीना और उनके कार्यकाल के पूर्व शीर्ष अधिकारी स्टैंडर्ड पासपोर्ट के लिए आवेदन कर सकते थे। *पासपोर्ट रद्द करने की वजह* बांग्लादेश के गृह मंत्रालय ने पासपोर्ट रद्द करने के पीछे कारण दिया गया है कि शेख हसीना के खिलाफ अब तक 44 आपराधिक मुकदमे दर्ज हो चुके हैं। इसके साथ ही कुछ और मुकदमे अभी दर्ज हो सकते हैं। ऐसे में जरूरी है कि उन पर पाबंदी लगाने के लिए उनका डिप्लोमेटिक पासपोर्ट रद्द कर दिया जाए। *भारत से बाहर शरण मिलना होगा मुश्किल* बता दें कि शेख हसीना अभी फिलहाल भारत में शरण ली हुई हैं और वह कुछ अन्य देशों में भी शरण लेने की योजना के तहत काम कर रही हैं। बांग्लादेश की अंतिम सरकार द्वारा उनका डिप्लोमेटिक पासपोर्ट रद्द किए जाने के बाद उनको विदेश में शरण मिलना मुश्किल हो जाएगा। इसके साथ ही अंतिम सरकार ने उनके अनेक सहयोगियों के भी डिप्लोमेटिक पासपोर्ट रद्द कर दिए हैं, जिससे वह बांग्लादेश छोड़कर भाग न पाएं या यदि उनमें से कुछ लोग जो बाहर चले गए हैं वह अन्य देशों की यात्रा न कर पाएं। *यूएन टीम ने हसीना पर कई गंभीर आरोप लगाए* बांग्लादेश में पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना पर 40 से अधिक मुकदमे दर्ज किए जा चुके हैं, जिसमें ज्यादातर हत्या के मुकदमे हैं। संयुक्त राष्ट्र की एक टीम भी बांग्लादेश पहुंच चुकी है जो कि शेख हसीना के कार्यकाल में हुए मानवाधिकार हनन के मामलों की जांच करेगी। अपनी प्राथमिक जांच में यूएन टीम ने शेख हसीना पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं। ऐसा माना जा रहा है कि जल्द ही बांग्लादेश की सरकार शेख हसीना के खिलाफ भारत से प्रत्यर्पण की मांग कर सकती है। *बीएनपी ने की हसीने के प्रयार्पण की मांग* बांग्लादेश की मुख्य विपक्षी बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) ने भारत से शेख हसीना के प्रत्यर्पण की मांग की है। बीएनपी के महासचिव मिर्जा फखरुल इस्लाम आलमगीर ने शेख हसीना पर देश में सरकार के खिलाफ प्रदर्शन को बाधित करने की साजिश रचने का आरोप लगाते हुए हसीना के प्रत्यर्पण की मांग की है। फखरुल इस्लाम ने कहा कि शेख हसीना को शरण देकर भारत बांग्लादेशियों का दिल नहीं जीत सकता। उन्होंने भारत पर लोकतंत्र के समर्थन से पीछे हटने का भी आरोप लगाया।
जंग के बीच कीव पहुंचे मोदी, रूस के दुश्मन देश में ऐसे हुआ स्वागत

#pm_modi_ukraine_visit

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यूक्रेन के दौरे पर पहुंच गए हैं। यूक्रेन की राजधानी कीव में पीएम मोदी का शानदार स्वागत किया गया। भारतीय समुदाय के लोगों ने प्रधानमंत्री मोदी का स्वागत किया।पीएम मोदी यूक्रेन की राजधानी कीव में होटल हयात पहुंचे। होटल हयात में मौजूद भारतीयों से मुलाकात की। वहां, मौजूद भारतीयों ने मोदी मोदी के नारे लगाए।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 10 घंटे की ट्रेन की यात्रा कर कीव पहुंच गए हैं। यहां वे सात घंटे बिताएंगे। इस दौरान वे कई बैठकें और कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगे। वे भारतीय समुदाय के लोगों से मुलाकात करेंगे। 1991 में सोवियत संघ से अलग होने के बाद यह किसी भारतीय प्रधानमंत्री की यूक्रेन की पहली यात्रा है।

कीव में रहने वाले भारतीय नागरिकों ने प्रधानमंत्री मोदी से उम्मीदें व्यक्त कीं। उन्होंने कहा कि वे उनकी यात्रा से खुश हैं और संभावित युद्धविराम या शांति सूत्र की उम्मीद कर रहे हैं। उन्होंने उम्मीद जताई कि मोदी संघर्ष को समाप्त करने में मदद करने के लिए कोई संदेश लेकर आएंगे।

क्या पीएम मोदी के यूक्रेन दौरे से रूस होगा नाराज?

#pm_modi_visiting_ukraine_after_putin_be_angry

रूस की यात्रा के ठीक 6 हफ्ते बाद प्रधानमंत्री मोदी यूक्रेन पहुंच रहे हैं। यह वही देश है जब पीएम मोदी ने पुतिन को गले लगाया था, तब खूब जहर उगला था। वह पीएम मोदी और पुतिन की दोस्ती और गले मिलने से खफा था। लोकतंत्र की दुहाई देने लगा था। मगर आज वही देश पीएम मोदी को गले लगाने का बेसब्री से इंतजार कर रहा है। ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि पीएम मोदी के यूक्रेन दौरे पर रूस की क्या प्रतिक्रिया होगी? क्या रूस भी यूक्रेन की तरह अपना आक्रोश जताएगा?

बता दें कि फरवरी 2022 में यूक्रेन पर आक्रमण के बावजूद भारत ने रूस के साथ घनिष्ठ संबंध बनाए रखा हैं। पीएम मोदी ने कई मौकों पर रूस और यूक्रेन में शांति का आह्वान किया है। हालांकि, उन्होंने युद्ध के लिए सीधे तौर पर रूस को जिम्मेदार ठहराने से इनकार किया है। जुलाई में पीएम मोदी की मॉस्को यात्रा और राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ उनकी बैठक के दौरान ही रूसी सेना ने यूक्रेन में बच्चों के अस्पताल पर घातक हमला किया था। हालांकि, पीएम मोदी ने पुतिन के सामने ही उस हमले को लेकर सार्वजनिक तौर पर दुख जाहिर किया था। उस समय मोदी ने कहा, "जब मासूम बच्चों की हत्या की जाती है, तो दिल दुखता है और वह दर्द बहुत भयानक होता है।"

जहां तक रूस के नाराज होने की बात है, तो बता दें कि रूस और भारत के बीच सैन्य, व्यापार और कूटनीतिक संबंध पहले से ही गहरे हैं। भारत अपने तेल का 40% से अधिक और अपने हथियारों का 60% रूस से खरीदता है। भारत हर साल बड़ी मात्रा में कोयला, उर्वरक, वनस्पति तेल और कीमती धातुओं का भी आयात करता है। यूक्रेन पर आक्रमण के कारण पश्चिमी देशों ने भारत को रूस से दूर करने की भरसक कोशिश की, लेकिन यह उनके लिए उल्टा साबित हुआ। इस दबाव ने भारत और रूस के संबंधों को और ज्यादा मजबूत किया। 

यही नहीं, भारत इसलिए भी रूस को नहीं छोड़ना चाहता कि उसे डर है कि कहीं मॉस्को अलग-थलग होने पर चीन के बहुत ज्यादा करीब न चला जाए। चीन और रूस के बीच एक लंबा और जटिल रिश्ता है और जो धीरे धीरे मजबूत हो रहा है। दशकों की प्रतिद्वंद्विता के बाद, रूस पर पश्चिमी प्रतिबंधों के सामने आखिरकार दोनों देश एक साथ आ गए हैं। रूस अगर भारत के सबसे बड़े दुश्मन के साथ दोस्ती बढ़ा रहा है तो भारत को रूस को भी यह जताना जरूरी है कि वह पिछलग्गू बनकर नहीं रह सकता। 

चीन और रूस की बढ़ती दोस्ती के चलते ही भारत अमेरिका की इंडो-पैसिफिक रणनीति का भी बड़ा समर्थक रहा है, जिसने क्षेत्रीय कनेक्टिविटी, व्यापार और निवेश के लिए समर्थन का वादा किया गया है। भारत को डर है कि चीन बंगाल की खाड़ी में अपनी नौसैनिक प्रक्षेपण क्षमताओं को बदलने के लिए रूस पर दबाव डाल सकता है। 21यही नहीं रूस के संबंध उत्तर कोरिया और ईरान के साथ भी नजदीकियां बढ़ रही हैं। जाहिर है कि ये देश एक लोकतंत्र विरोधी धुरी बना रहे हैं जो कानून के शासन, मानवाधिकारों और अंतरराष्ट्रीय सीमाओं की पवित्रता को नजरअंदाज करने के लिए तैयार हैं। 

ऐसे में भारत खुद को शांतिदूत के रूप में पेश करने और मानवीय सहायता में शामिल होने की कोशिश करेगा। यूक्रेन भी जानता है कि भारत ही एक ऐसा देश है, जिस पर वह मध्यस्थ के रूप में भरोसा कर सकता है। इसके अलावा दुनिया में कोई भी ऐसा देश नहीं है, जो रूस और यूक्रेन पर एक समान प्रभाव डाल सके।