न्यायाधीश की कार्यशैली पारदर्शी और निष्पक्ष होनी चाहिए : चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा
बिलासपुर- छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा ने कहा कि न्यायाधीश की कार्यशैली पारदर्शी और निष्पक्ष होनी चाहिए। यह सिर्फ कहने के लिए नहीं बल्कि न्यायाधीशों का यह गुण फैसला सुनाते समय उनके आदेश और निर्णयों में भी परिलक्षित होने चाहिए। सीजे ने कहा कि ईमानदारी और निष्ठा को न्यायाधीशों के महत्वपूर्ण गुणों के रूप में सामने आता है। जिसे किसी के द्वारा सिखाया नहीं जा सकता बल्कि वह व्यक्तित्व में समाहित होता है। न्यायदान की प्रक्रिया में आप अपने व्यक्तित्व व विशेष गुणों का परिचय दें।
चीफ जस्टिस सिन्हा बुधवार को छत्तीसगढ़ राज्य न्यायिक अकादमी द्वारा नव-पदोन्नत जिला जज (प्रवेश स्तर) के ओरिएंटेशन ट्रेनिंग प्रोग्राम और नव-नियुक्त सिविल जज वर्ग- दो (प्रवेश स्तर) के इंडक्शन ट्रेनिंग प्रोग्राम का उद्घाटन कर रहे थे। इस अवसर पर उपस्थित ज्यूडिशियल अफसरों को संबाेधित करते हुए कहा कि प्रशिक्षण कार्यक्रम इस प्रकार तैयार किया गया है जिससे न्यायाधीशों को कानूनों को व्यावहारिक रूप से लागू करने के लिए आवश्यक कौशल और ज्ञान प्राप्त हो। चीफ जस्टिस सिन्हा ने न्यायाधीशों की भूमिका की महत्वपूर्णता पर जोर दिया, जो विधि का शासन बनाए रखने तथा सभी नागरिकों को न्याय प्राप्त हो सुनिश्चित करने के संबंध में निभाई जाती है। उन्होंने नव-पदोन्नत जिला जजों और नव- नियुक्त सिविल जजों को उनकी नवीन भूमिकाओं के लिए बधाई दी तथा न्यायपालिका में उनके पद के महत्व पर प्रकाश डाला।
महिला जजों को दी बधाई
महिलाओं की न्यायपालिका में बढ़ती भागीदारी को देखते हुए सीजे सिन्हा ने विशेष रूप से महिला न्यायिक अधिकारियों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि न्यायपालिका में महिलाओं की बढ़ती भागीदारी एक सकारात्मक और प्रगतिशील न्यायपालिका का सूचक है। यह तथ्य न्यायपालिका की समावेशिता, विविधता और लैंगिक समानता के प्रति प्रतिबद्धता को भी दर्शाता है। न्यायिक अधिकारियों को तकनीकी दक्षता हासिल करने और कानून के लगातार बदलते पहलुओं के साथ चलने के लिए निरंतर शिक्षा की आवश्यकता पर भी जोर दिया।
जस्टिस संजय के, अग्रवाल ने न्यायाधीशों की नवीन भूमिकाओं के साथ जुड़े दायित्वों की गंभीरता पर बल दिया। उन्होंने नव-पदोन्नत और नव-नियुक्त न्यायाधीशों से हमेशा निष्पक्षता, ईमानदारी तथा सहानुभूति के साथ कर्तव्य निर्वहन करने पर जोर दिया। उनके द्वारा न्यायाधीशगण से यह भी अपेक्षा की गई कि वे निरंतर शिक्षा के मूल्यों को बनाये रखें। जस्टिस संजय के. अग्रवाल ने न्यायिक आचरण के उच्चतम मानकों को बनाए रखने की आवश्यकता को उजागर किया और न्यायाधीशों को न्याय के सिद्धांतों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को अडिग बनाए रखने के लिए प्रेरित किया। इस अवसर पर जस्टिस सचिन सिंह राजपूत, जस्टिस अरविंद कुमार वर्मा उपस्थित थे।
जस्टिस संजय के, अग्रवाल ने न्यायाधीशों की नवीन भूमिकाओं के साथ जुड़े दायित्वों की गंभीरता पर बल दिया। उन्होंने नव-पदोन्नत और नव-नियुक्त न्यायाधीशों से हमेशा निष्पक्षता, ईमानदारी तथा सहानुभूति के साथ कर्तव्य निर्वहन करने पर जोर दिया। उनके द्वारा न्यायाधीशगण से यह भी अपेक्षा की गई कि वे निरंतर शिक्षा के मूल्यों को बनाये रखें। जस्टिस संजय के. अग्रवाल ने न्यायिक आचरण के उच्चतम मानकों को बनाए रखने की आवश्यकता को उजागर किया और न्यायाधीशों को न्याय के सिद्धांतों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को अडिग बनाए रखने के लिए प्रेरित किया। इस अवसर पर जस्टिस सचिन सिंह राजपूत, जस्टिस अरविंद कुमार वर्मा उपस्थित थे।
इस पर रहा फोकस
- न्यायिक प्रशिक्षण कार्यक्रमः न्याय, ईमानदारी और समावेशिता के प्रति प्रतिबद्धता
- नव-पदोन्नत और नव-नियुक्त न्यायाधीशों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्घाटन
- न्यायपालिका की उत्कृष्टता न्यायिक प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ
- न्यायिक अधिकारियों की नई यात्राः प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्घाटन समारोह
- न्यायपालिका में विविधता और उत्कृष्टता को प्रोत्साहित करने वाला प्रशिक्षण कार्यक्रम
- न्यायिक प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्घाटन ईमानदारी, समावेशिता और उत्कृष्टता की प्रतिबद्धता

बिलासपुर- छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा ने कहा कि न्यायाधीश की कार्यशैली पारदर्शी और निष्पक्ष होनी चाहिए। यह सिर्फ कहने के लिए नहीं बल्कि न्यायाधीशों का यह गुण फैसला सुनाते समय उनके आदेश और निर्णयों में भी परिलक्षित होने चाहिए। सीजे ने कहा कि ईमानदारी और निष्ठा को न्यायाधीशों के महत्वपूर्ण गुणों के रूप में सामने आता है। जिसे किसी के द्वारा सिखाया नहीं जा सकता बल्कि वह व्यक्तित्व में समाहित होता है। न्यायदान की प्रक्रिया में आप अपने व्यक्तित्व व विशेष गुणों का परिचय दें।
रायपुर- विशेष पिछड़ी जनजाति पहाड़ी कोरवा से ताल्लुक रखने वाली छतकुंवर की पहचान अब शिक्षिका के रूप में होगी। छत्तीसगढ़ के संवेदनशील मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के निर्देश पर जिला प्रशासन कोरबा द्वारा छतकुंवर को सहायक शिक्षक के रूप में नौकरी दे दी गई है। विशेष पिछड़ी जनजाति की होने के बावजूद छतकुंवर ने पोस्ट ग्रेजुएशन तक शिक्षा हासिल करने के साथ कम्प्यूटर में डिप्लोमा भी की है। छतकुंवर के उच्च शिक्षा हासिल करने के पीछे तत्कालीन कलेक्टर पी. दयानंद की विशेष प्रेरणा रही है।
रायपुर- राज्यपाल रमेन डेका ने जल एवं पर्यावरण संरक्षण के लिए सामुदायिक सहभागिता पर जोर देते हुए पर्यावरण संवर्धन के लिए सभी से एक पेड़ लगाने का आह्वान किया है। राज्यपाल श्री डेका ने दुर्ग जिले में आयोजित प्रशासनिक अधिकारियों की बैठक में उक्त आशय के विचार व्यक्त किए।
रायपुर- राज्यपाल रमेन डेका से आज यहां राजभवन में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने सपरिवार सौजन्य भेंट की। इस अवसर पर राज्य की प्रथम महिला रानी डेका काकोटी, मुख्यमंत्री की धर्मपत्नी कौशल्या साय एवं परिजन उपस्थित थे।
रायपुर- बलौदाबाजार हिंसा मामले में जेल में बंद विधायक देवेंद्र यादव को राखी बांधने आज भिलाई क्षेत्र से भारी संख्या में महिलाएं रायपुर के केंद्रीय जेल पहुंची और विधायक की कलाई पर राखी बांधने की मांग की. महिलाओं का कहना था कि वह हर साल विधायक देवेंद्र यादव को राखी बांधती है, लेकिन इस बार उनके सलाखों के पीछे रहने से वह अब तक रक्षाबंधन का पर्व नहीं माना सकी है. वहीं प्रशासन की अनुमति न होने से उन्हें केंद्रीय जेल के अंदर नहीं घुसने दिया गया है, जिसके बाद महिलाएं सड़क पर उतर आई.
रायपुर- दक्षिण मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र, नागपुर, संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार तथा संचालनालय संस्कृति एवं राजभाषा, छत्तीसगढ़ शासन के संयुक्त तत्वावधान में दिनांक 22 अगस्त 2024 को 'विश्व आख्यान दिवस' के अवसर पर महंत घासीदास स्मारक संग्रहालय परिसर, घड़ी चौक, सिविल लाइन्स, रायपुर, छत्तीसगढ़ में सायं 6 बजे, छत्तीसगढ़ की लोक आख्यान परंपरा पर केन्द्रित कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है।
रायपुर- मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के गृह ग्राम बगिया में संचालित मुख्यमंत्री कैंप कार्यालय के माध्यम से पीड़ितों एवं जरूरतमंदों की समस्याओं का त्वरित समाधान हो रहा है। आज मुख्यमंत्री कैंप कार्यालय पहुंचे श्रवणबाधित अर्जुन राम यादव को श्रवण यंत्र और दिव्यांग अशोक दुबे को ट्राई सायकल प्रदान किया गया है। दोनों ने अपनी समस्या का तत्काल समाधान होने पर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय का आभार व्यक्त करते हुए उन्हें धन्यवाद दिया है।
रायपुर- छत्तीसगढ़ राज्य के गरियाबंद जिले में अकलवारा और कमारपारा के आस-पास के इलाकों में निवासरत कमार विशेष पिछड़ी जनजाति के लोग पक्की सड़क के निर्माण से बेहद खुश हैं। अब उन्हें ब्लॉक मुख्यालय छुरा और जिला मुख्यालय गरियाबंद जाने-आने में होने वाली दिक्कतों से निजात मिल जाएगी। छुरा विकासखण्ड के गांव अकलवारा से कमारपारा तक का कच्चा कीचड़ युक्त मार्ग अब प्रधानमंत्री जनमन योजना से मिली स्वीकृति के चलते पक्की डामर सड़क में तब्दील हो रहा है। इस सड़क का निर्माण तेजी से जारी है। लगभग 1.125 किलोमीटर लंबी सड़क का जीएसबी कार्य और इसके मध्य तीन पुलियों का निर्माण पूरा कर लिया गया है। अकलवारा और कमारपारा का क्षेत्र विशेष पिछड़ी कमार जनजाति बाहुल्य है। पक्की सड़क न होने से इस इलाके में आवागमन एवं बुनियादी सुविधाओं को पहुंचाना कठिन था। पक्की सड़क का निर्माण शुरू हो जाने से एम्बुलेंस, उज्ज्वला योजना के गैस की गाड़िया, मोबाइल मेडिकल यूनिट और मुख्यमंत्री हाट बाजार क्लिनिक योजना की गाड़ियां यहां पहुंचने लगी हैं।

Aug 22 2024, 13:20
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