संविधान में संशोधन की बात करने वाली भाजपा पिछले दरवाजे से आरक्षण व्यवस्था समाप्त करने का निकाल रही : राजद
* पटना : राजद ने आज पटना स्थित प्रदेश कार्यालय में प्रेस-वार्ता का आयोजन कर बीजेपी और सीएम नीतीश कुमार पर जमकर निशाना साधा। इस दौरान राजद नेताओं ने बीजेपी पर आरक्षण व्यवस्था को खत्म करने का रास्ता निकालने का आरोप लगाया। राष्ट्रीय जनता दल के प्रदेश अध्यक्ष जगदानन्द सिंह ने कहा कि संविधान में संशोधन की बात करने वाली भाजपा पिछले दरवाजे से उस तरह का रास्ता निकाल रही है। जिससे कि वो अपने उद्योगपति मित्र अडानी और अंबानी को फायदा भी हो और आरक्षण व्यवस्था को पिछले दरवाजे से समाप्त करने का सोच को भी आगे बढ़ा सके। जबकि भारत के संविधान में ही व्यवस्था है कि अगर किसी को संविदा पर भी कार्यों में रख रहे हैं तो उसे आरक्षण व्यवस्था के अन्तर्गत रखना होगा। लेकिन भाजपा मनमोहन सिंह का उदाहरण बनाकर आरएसएस के विचारों पर चलने वालों को संयुक्त सचिव बना रही है और बिना आरक्षण व्यवस्था के सैंकड़ों लोगों के नियुक्त किया जा रहा है। किसी भी कार्यों को तभी किया जा सकता है जब संविधान और विधि के अनुसार इसकी इजाजत प्राप्त हो। इन्होंने नीतीश कुमार से पूछा कि वो बतायें कि वो क्यों ऐसे पापो के भागीदार बने हुए हैं जो कहीं से भी संविधान के तहत उचित नहीं है। नीतीश कुमार ने स्वयं नारा लगाया था कि ‘‘संसोपा ने बांधी गांठ पिछड़ा पावे सौ में साठ’’ लेकिन सत्ता के लिए सारी बातों को ये भूल चुके हैं और भाजपा के साथ मिलकर पिछले दरवाजे से आरक्षण व्यवस्था को समाप्त करने वाले कार्यों में मददगार बने हुए हैं। वहीं राजद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष उदय नारायण चैधरी ने कहा कि आरक्षण सामाजिक गैर बराबरी को सुधारने के लिए दिया गया है न कि आर्थिक स्थिति को आधार बनाने के लिए। 2014 के बाद से लगातार आरक्षण व्यवस्था को समाप्त करने के लिए पिछले दरवाजे से कार्य किया जा रहा है। दलित और आदिवासियों के छात्रवृति और बैकलाॅग को रोक दिया गया है। निजीकरण कर के आरक्षण को समाप्त किया जा रहा है। प्रदेश मुख्य प्रवक्ता शक्ति सिंह यादव ने कहा कि राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव इस मामले को उठाते रहे हैं और उसी दबाव का नतीजा है कि आज सरकार ने लेटरल इंट्री के माध्यम से नियुक्ति को रोकने की बातें कही है। पहले से ही केन्द्र सरकार की आरक्षण पर डाका डालने की सोच रही है और उसी के अनुरूप कार्य किया जा रहा था। नीतीश जी सत्ता के लिए आरक्षण भक्षी के तौर पर लोगों में जाने जाते हैं। आरक्षण रोस्टर का पालन नहीं किया जा रहा है। संयुक्त सचिव के तौर पर आरएसएस के विचारधारा को हर विभाग में पहुंचाने का केन्द्र सरकार का मंशा रहा है, उसी के अनुरूप कार्य किया जा रहा है। राष्ट्रीय जनता दल संघ लोक सेवा आयोग के उस विज्ञापन का विरोध करती है जिसमें आरक्षण की व्यवस्था नहीं है। इस मामले में नीतीश जी के साथ-साथ चिराग पासवान, जीतनराम मांझी, चन्द्रबाबू नायडू, उपेन्द्र कुशवाहा के अलावा एनडीए के अन्य घटक दल के नेता भी उतने ही दोषी हैं जितना भाजपा। क्योंकि भाजपा संविधान के विरूद्ध जाकर आरक्षण को पिछले दरवाजे से समाप्त करना चाहती है और उसमें ये लोग भागीदार बने हुए हैं। इस अवसर पर संवाददाता सम्मेलन में प्रदेश उपाध्यक्ष सतीश कुमार, प्रदेश प्रवक्ता एजाज अहमद, अरूण कुमार यादव, प्रमोद कुमार सिन्हा, प्रदेश महासचिव प्रमोद कुमार राम सहित अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे।
Aug 20 2024, 19:39