India

Aug 20 2024, 14:15

लेटरल एंट्री से होने वाली भर्ती का विज्ञापन होगा रद्द, विपक्ष के विरोध के बाद सरकार ने पीछे किए कदम

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केंद्र सरकार ने लेटरल एंट्री के विज्ञापन पर रोक लगा दी है। विपक्ष के साथ ही सरकार के कई सहयोगियों की ओर से यूपीएससी में लेटरल एंट्री और उसमें आरक्षण नहीं दिए जाने के विरोध के बीच सरकार ने फैसला वापस ले लिया है। इस संबंध में कार्मिक मंत्री ने यूपीएससी चेयरमैन को पत्र लिखा है।

केंद्रीय कार्मिक मंत्री जितेंद्र सिंह ने यूपीएससी के अध्यक्ष प्रीति सुदान को चिट्ठी लिखी है। मंत्री ने यूपीएससी की तरफ से सीधी भर्ती (लेटरल एंट्री) से जुड़े विज्ञापन को रद्द करने के लिए कहा है।पत्र में कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सार्वजनिक सेवा में आरक्षण के हिमायती हैं। हमारी सरकार सोशल जस्टिस को मजबूत करने को लेकर प्रतिबद्ध है, इसलिए हम आपसे अनुरोध करते हैं कि उन वैकेंसी का रिव्यू कर रद्द करें जो 17 अगस्त को यूपीएससी की ओर से जारी किया गया था।

यूपीएससी अध्यक्ष को लिखे पत्र में क्या

1. ''2005 में वीरप्पा मोइली की अध्यक्षता में बने दूसरे प्रशासनिक सुधार आयोग ने लेटरल एंट्री का सैद्धांतिक अनुमोदन किया था। 2013 में छठे वेतन आयोग की सिफारिशें भी इसी दिशा में थीं। हालांकि, इससे पहले और इसके बाद लेटरल एंट्री के कई हाई प्रोफाइल मामले रहे हैं।'' 

2. ''पूर्ववर्ती सरकारों में विभिन्न मंत्रालयों के सचिवों, UIDAI के नेतृत्व जैसे अहम पदों पर आरक्षण की नियुक्ति के बिना लेटरली एंट्री वालों को मौके दिए जाते रहे हैं।''

3. ''यह भी सर्वविदित है कि 'बदनाम' हुए राष्ट्रीय सलाहकार परिषद के सदस्य सुपर ब्यूरोक्रेसी चलाया करते थे, जो प्रधानमंत्री कार्यालय को नियंत्रित किया करती थी।''

 

4. ''2014 से पहले संविदा तरीके से लेटरल एंट्री वाली ज्यादातर भर्तियां होती थीं, जबकि हमारी सरकार में यह प्रयास रहा है कि यह प्रक्रिया संस्थागत, खुली और पारदर्शी रहे।''

 

5. ''प्रधानमंत्री का यह पुरजोर तरीके से मानना है कि विशेषकर आरक्षण के प्रावधानों के परिप्रेक्ष्य में संविधान में उल्लेखित समानता और सामाजिक न्याय के सिद्धांतों के अनुरूप लेटरली एंट्री की प्रक्रिया को सुसंगत बनाया जाए।''

45 स्पेशलिस्ट नियुक्त के लिए निकला था विज्ञापन

बता दें कि यूपीएससी ने 17 अगस्त को विभिन्न मंत्रालयों में ज्वाइंट सेक्रेटरी, डायरेक्टर और डिप्टी सेक्रेटरी के पदों पर 45 स्पेशलिस्ट नियुक्त करने के लिए भर्ती निकाली। इन भर्तियों को लेटरल एंट्री के जरिए किया जाना था। हालांकि, इसे लेकर विपक्ष ने हंगाम खड़ा कर दिया और सरकार के इस कदम को आरक्षण छीनने की व्यवस्था बताया।

राहुल गांधी ने किया विरोध

राहुल गांधी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर कहा, “लेटरल एंट्री दलितों, ओबीसी और आदिवासियों पर हमला है। बीजेपी का रामराज्य का विकृत संस्करण संविधान को नष्ट करना चाहता है और बहुजनों से आरक्षण छीनना चाहता है।” इससे पहले उन्होंने रविवार को आरोप लगाया था कि पीएम मोदी यूपीएससी की जगह आरएसएस के जरिए लोक सेवकों की भर्ती करके संविधान पर हमला कर रहे हैं।

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Aug 20 2024, 13:37

कांग्रेस ने शुरू की थी लेटरल एंट्री? बीजेपी मनमोहन सिंह, रघुराम राजन और सैम पित्रोदा का नाम लेकर घेरा*
#upsc_lateral_entry_controversy *
संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) ने 17 अगस्त, 2024 को एक विज्ञापन जारी किया, जिसमें केंद्र सरकार के 24 मंत्रालयों में संयुक्त सचिव, निदेशक और उप सचिव के 45 पदों पर लेटरल एंट्री के जरिए भर्ती कि लिए योग्य उम्मीदवारों से आवेदन मांगे गए है। जिसके बाद विपक्ष ने विरोध शुरू कर दिया है। यूपीएससी में लेटरल एंट्री को लेकर बहस ने बड़ा रूप ले लिया है। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी का कहना है कि सरकार का यह फैसला आरक्षण विरोधी है। वहीं, भाजपा का कहना है कि यूपीए सरकार के समय में ही लेटरल एंट्री का प्रस्ताव लाया जा चुका था। राहुल गांधी ने दावा किया है कि लेटरल एंट्री के जरिए सरकार खुलेआम एसटी-एससी और ओबीसी वर्ग का हक छीन रही है। मोदी सरकार आरएसएस वालों की लोकसेवकों में भर्ती कर रही है। राहुल गांधी को जवाब देते हुए कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि पूर्व पीएम मनमोहन सिंह को लेटरल एंट्री के जरिए ही 1976 में फाइनेंस सेक्रेटरी, मोंटेक सिंह अहलूवालिया को योजना आयोग का उपाध्यक्ष और सोनिया गांधी को नेशनल एडवाइजरी काउंसिल (एनएसी) चीफ बनाया गया। कांग्रेस ने लेटरल एंट्री की शुरुआत की थी। अब पीएम मोदी ने यूपीएससी को नियम बनाने का अधिकार देकर लेटरल एंट्री सिस्टम को व्यवस्थित बनाया है। अर्जुन राम मेघवाल ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री रहते हुए जवाहर लाल नेहरू ने 1961 में और राजीव गांधी ने विपक्ष का नेता रहते हुए लोकसभा में ओबीसी आरक्षण का विरोध किया था। लेटरल एंट्री सभी के लिए खुली है। सभी वर्ग के लोग अप्लाय करते हैं। उनका दावा है कि हम आरक्षण खत्म कर रहे हैं। जब आप भर्ती कर रहे थे तो आप क्या कर रहे थे। मेघवाल ने कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) को नियम बनाने का अधिकार देकर लेटरल एंट्री प्रणाली को व्यवस्थित बनाया। उन्होंने कहा कि पहले शासन में इस तरह के प्रवेश के लिए कोई औपचारिक व्यवस्था नहीं थी। कांग्रेस बिना किसी व्यवस्था के इसको करती थी पीएम मोदी ने सिर्फ व्यवस्थित किया है और ट्रांसपेरेंसी के साथ यूपीएससी के जरिए इसको लागू करवाया है। वहीं, अश्विनी वैष्णव ने भी राहुल गांधी के आरोपों पर पलटवार करते हुए कहा ,"मनमोहन सिंह की 1976 में वित्त सचिव के पद पर नियुक्ति किस व्यवस्था के तहत हुई थी? तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने आर्थिक विशेषज्ञ के रूप में मनमोहन सिंह को सीधे वित्त सचिव बनाया था, जो बाद में वित्त मंत्री और प्रधानमंत्री भी बने। अश्विनी वैष्णव ने आगे कहा, कांग्रेस शासन में सैम पित्रोदा, वी कृष्षणमूर्ति, अर्थशास्त्री बिमल जालान, कौशिक विरमानी, रघुराम राजन जैसे लोगों को सरकार में शामिल किया गया। अश्विनी वैष्णव ने कहा कि इन्फोसिस के सह-संस्थापक नंदन नीलेकणि को 2009 से भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण का प्रमुख नियुक्त किया गया था।

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Aug 20 2024, 13:37

कांग्रेस ने शुरू की थी लेटरल एंट्री? बीजेपी मनमोहन सिंह, रघुराम राजन और सैम पित्रोदा का नाम लेकर घेरा
#upsc_lateral_entry_controversy

संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) ने 17 अगस्त, 2024 को एक विज्ञापन जारी किया, जिसमें केंद्र सरकार के 24 मंत्रालयों में संयुक्त सचिव, निदेशक और उप सचिव के 45 पदों पर लेटरल एंट्री के जरिए भर्ती कि लिए योग्य उम्मीदवारों से आवेदन मांगे गए है। जिसके बाद विपक्ष ने विरोध शुरू कर दिया है। यूपीएससी में लेटरल एंट्री को लेकर बहस ने बड़ा रूप ले लिया है। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी का कहना है कि सरकार का यह फैसला आरक्षण विरोधी है। वहीं, भाजपा का कहना है कि यूपीए सरकार के समय में ही लेटरल एंट्री का प्रस्ताव लाया जा चुका था।

राहुल गांधी ने दावा किया है कि लेटरल एंट्री के जरिए सरकार खुलेआम एसटी-एससी और ओबीसी वर्ग का हक छीन रही है। मोदी सरकार आरएसएस वालों की लोकसेवकों में भर्ती कर रही है।

राहुल गांधी को जवाब देते हुए कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि पूर्व पीएम मनमोहन सिंह को लेटरल एंट्री के जरिए ही 1976 में फाइनेंस सेक्रेटरी, मोंटेक सिंह अहलूवालिया को योजना आयोग का उपाध्यक्ष और सोनिया गांधी को नेशनल एडवाइजरी काउंसिल (एनएसी) चीफ बनाया गया। कांग्रेस ने लेटरल एंट्री की शुरुआत की थी। अब पीएम मोदी ने यूपीएससी को नियम बनाने का अधिकार देकर लेटरल एंट्री सिस्टम को व्यवस्थित बनाया है।

अर्जुन राम मेघवाल ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री रहते हुए जवाहर लाल नेहरू ने 1961 में और राजीव गांधी ने विपक्ष का नेता रहते हुए लोकसभा में ओबीसी आरक्षण का विरोध किया था। लेटरल एंट्री सभी के लिए खुली है। सभी वर्ग के लोग अप्लाय करते हैं। उनका दावा है कि हम आरक्षण खत्म कर रहे हैं। जब आप भर्ती कर रहे थे तो आप क्या कर रहे थे।

मेघवाल ने कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) को नियम बनाने का अधिकार देकर लेटरल एंट्री प्रणाली को व्यवस्थित बनाया। उन्होंने कहा कि पहले शासन में इस तरह के प्रवेश के लिए कोई औपचारिक व्यवस्था नहीं थी। कांग्रेस बिना किसी व्यवस्था के इसको करती थी पीएम मोदी ने सिर्फ व्यवस्थित किया है और ट्रांसपेरेंसी के साथ यूपीएससी के जरिए इसको लागू करवाया है।

वहीं, अश्विनी वैष्णव ने भी राहुल गांधी के आरोपों पर पलटवार करते हुए कहा ,"मनमोहन सिंह की 1976 में वित्त सचिव के पद पर नियुक्ति किस व्यवस्था के तहत हुई थी? तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने आर्थिक विशेषज्ञ के रूप में मनमोहन सिंह को सीधे वित्त सचिव बनाया था, जो बाद में वित्त मंत्री और प्रधानमंत्री भी बने।

अश्विनी वैष्णव ने आगे कहा, कांग्रेस शासन में सैम पित्रोदा, वी कृष्षणमूर्ति, अर्थशास्त्री बिमल जालान, कौशिक विरमानी, रघुराम राजन जैसे लोगों को सरकार में शामिल किया गया। अश्विनी वैष्णव ने कहा कि इन्फोसिस के सह-संस्थापक नंदन नीलेकणि को 2009 से भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण का प्रमुख नियुक्त किया गया था।

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Aug 20 2024, 12:04

कोलकाता दुष्कर्म-हत्या मामले में सुप्रीम कोर्ट सख्त, CBI से मांगी स्टेटस रिपोर्ट, टास्क फोर्स के गठन का एलान*
#supreme_court_hearing_in_rg_kar_medical_college_doctor_rape_and_murder_case सुप्रीम कोर्ट ने कोलकाता के आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में एक जूनियर डॉक्‍टर से कथित बलात्कार और हत्या के मामले में सुनवाई की।सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि हाईकोर्ट कोलकाता रेप केस पर सुनवाई कर रहा है, लेकिन ये गंभीर मामला देशभर के स्वास्थ्यकर्मियों की सुरक्षा से भी जुड़ा है। सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस ने कहा कि ये सिर्फ एक मर्डर का मामला नहीं है। हमें डॉक्टरों की सुरक्षा की चिंता है। इस दौरान सर्वोच्च न्यायालय ने पीड़िता की पहचान उजागर करने को लेकर भी नाराजगी जाहिर की। सुप्रीम कोर्ट ने मामले में सीबीआई से स्टेटस रिपोर्ट तलब की हैष साथ ही साथ कहा है कि हम पूरे केस की निगरानी करेंगे। सीबीआई की ओर से सुप्रीम कोर्ट में सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता पेश हुए। वहीं, बंगाल डॉक्टर्स संघ समेत अन्य याचिकाकर्ता के वकील भी पेश हुए। सुनवाई के दौरान सीजेआई ने कहा कि हमने यह स्वत: संज्ञान इसलिए लिया है कि ये सिर्फ कोलकाता का एक भयावाह मामला नहीं है, बल्कि देश डॉक्टरों की सुरक्षा का मसला है। खासतौर पर महिला डॉक्टरों की सुरक्षा और उनके वर्किंग ऑवर का मसला है। इस पर एक राष्ट्रीय सहमति बननी चाहिए कि महिलाओं की सुरक्षा हो, उन्हें संविधान में समानता मिली है। यह सिर्फ इसलिए नहीं कि रेप का मसला है। यह बहुत ही चिंताजनक है और पीड़िता का नाम पूरी मीडिया में आ गया। तस्वीरें दिखा दी गई, यह चिंताजनक है। हमारा फैसला है कि रेप पीड़िता का नाम तक नहीं सार्वजनिक किया जाना है और यहां तस्वीरें तक दिखा दी गईं। सुप्रीम कोर्ट ने एलान किया कि इस घटना की जांच के लिए हम नेशनल टास्क फोर्स बनाने जा रहे हैं। यह टास्क फोर्स कोर्ट की निगरानी में काम करेगी। सुप्रीम कोर्ट ने मामले में सीबीआई से स्टेटस रिपोर्ट भी तलब की। सीजेआई ने पश्चिम बंगाल की ओर से पेश हुए कपिल सिब्बल से कुछ सवाल किए हैं। चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि इस मामले में एफआईआर भी देर से की गई है। सिब्बल ने इसे भी गलत बताया। इस पर चीफ जस्टिस ने पूछा कि क्या एफआईआर में मर्डर कहा गया। इसके जवाब में वकील ने कहा कि अननेचुरल डेथ का जिक्र किया गया। फिर चीफ जस्टिस ने पूछा कि जब मामले को आत्महत्या बताया जा रहा था तो सबसे बड़ा सवाल ये है कि प्रिंसिपल उस वक्त क्या कर रहे थे। एफआईआर शाम में दर्ज करवाई जाती है।

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Aug 20 2024, 11:09

आरजी कर मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष के खिलाफ केस दर्ज, घटना के बाद करता रहा मीटिंग

#kolkata_rg_kar_rape_murder_case_cbi_enquiry_interrogation_ex_principal_sanjay_ghosh

कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में ट्रेनी डॉक्ट के साथ रेप और हत्या मामले की जांच सीबीआई ने कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेश पर अपने हाथ में ले लिया है। सीबीआई के अधिकारी कई व्यक्तियों और विशेष रूप से आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष से पूछताछ करके अपराध में अन्य भागीदारों का पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं। इस बीच ट्रेनी डॉक्टर से रेप के बाद हत्या मामले में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है।सीबीआई सूत्रों के मुताबिक, आरजी कर अस्पताल के प्रिंसिपल को उनके एक भरोसेमंद सहयोगी के जरिए 9 अगस्त की सुबह 7 बजे पता चला कि पीड़िता का शव सेमिनार रूम में पड़ा है। संदीप घोष ने पूरी घटना जानने के बाद बैठक की थी, पुलिस को देर से सूचना दी।

आरजी कर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में एक महिला की हत्या एवं दुष्कर्म की घटना में सीबीआइ के रडार पर रहनेवाले आरजी कर मेडिकल कॉलेज अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष के खिलाफ कोलकाता पुलिस ने भी एफआइआर दर्ज की है। लालबाजार सूत्रों का कहना है कि घटना के दिन दुष्कर्म की शिकार पीड़िता का नाम एवं पहचान सार्वजनिक करने के आरोप में उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष और अन्य के खिलाफ आईपीसी की धारा 420 के साथ धारा 120बी और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की धारा 7 के तहत मामला दर्ज किया है। इस मामले में पुलिस आगे की जांच कर रही है।

इससे पहले रेप और मर्डर की इस वीभत्स घटना के बाद उनके कार्यों के बारे में प्रिंसिपल से 13 घंटे से अधिक समय तक पूछताछ की गई है।सीबीआई ने लगातार चौथे दिन उन्हें पूछताछ के लिए बुलाया। इससे पहले रविवार देर रात 1 बजे तक उनसे पूछताछ चली।

सूत्रों के मुताबिक, सीबीआई ने आरजी कर अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष से सवाल किया कि सेमिनार रूम का बगल वाला हिस्सा क्यों टूटा हुआ है? इस पर घोष ने जो जवाब दिया, उससे सीबीआई संतुष्ट नहीं हुई। सीबीआई की पूछताछ में संदीप घोष ने दावा किया कि घटना के बाद गुस्साए छात्र और डॉक्टरों के विरोध को शांत कराने के लिए उस हिस्से में मरम्मत का काम शुरू किया गया। घोष का कहना है कि प्रदर्शनकारी छात्रों और डॉक्टरों ने मांग की थी कि उन्हें रेस्ट रूम, वॉश रूम और सुरक्षा प्रदान की जाए। ऐसे में उनके गुस्से को शांत कराने के लिए वहां काम शुरू किया गया। संदीप घोष ने पूछताछ में बताया कि कुछ महीने पहले वर्क ऑर्डर आया था और उस दिन स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से बात करने के बाद मरम्मत का काम शुरू हुआ।

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Aug 20 2024, 10:39

चीन की “निगेहबानी” के लिए भारत को मिला जापान का “साथ”, हिंद महासागर में बढ़ेगा “ड्रैगन” का “डर”

#india_to_buy_navy_ship_antennas_from_japan_to_counter_china

हिंद महासागर क्षेत्र में चीनी नौसेना की बढ़ती उपस्थिति और गतिविधियां भारत के लिए चिंता का विषय बनी हुई है।पिछले कुछ दशकों में चीन ने तेज़ी से अपनी नौसैनिक क्षमताओं का आधुनिकीकरण किया है। चीनी नौसेना ने विमान वाहक जहाज़ों, सतही युद्धपोतों और सैन्य पनडुब्बियों को बड़ी संख्या में अपने बेड़ों में शामिल किया है। जिसे हिन्द महासागर में आसानी से महसूस किया जा सकता है। हालंकि, अब भारत इसको काउंटर करने के लिए बड़ा कदम उठाने जा रहा है। भारत और जापान के बीच एक बड़ी डिफेंस डील की तैयारी हो रही है। जिससे भारत के पास हिंद महासागर में चीन की सारी चालों को नाकाम करने का “हथियार” मिल जाएगा।

दरअसल भारत, जापान से नौसेना के लिए एंटेना खरीदने की योजना बना रहा है। यह भारत को उसका पहला बड़ा रक्षा निर्यात होगा। इस सौदे की घोषणा आज मंगलवार को दिल्ली में भारत-जापान "2+2" मंत्रिस्तरीय बैठक के दौरान की जा सकती है। इकनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, सितंबर 2022 के बाद से यह दोनों देशों के विदेश और रक्षा मंत्रियों की पहली 2+2 मंत्रिस्तरीय बैठक होगी। 

एनईसी और अन्य जापानी कंपनियों द्वारा विकसित एंटेना का इस्तेमाल जापानी नौसेना पहले से ही करती है। उसने अपने अडवांस एस्कॉर्ट जहाजों पर पहले से ही इस एंटेना को लगा रखा है। ये एंटेना मिसाइलों और ड्रोन की हरकतों का तेजी से पता लगाने में सक्षम हैं। इस एंटेना की मदद से भारतीय नौसेना समुद्र में अपने दुश्मनों का शिकार करेगी।

भारत और जापान आज दिल्ली में विदेश और रक्षा मंत्रालयों की भागीदारी वाली 2+2 वार्ता करेंगे, जिसके बाद दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग को और गहरा करने के लिए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और उनके जापानी समकक्ष किहारा मिनोरू के बीच द्विपक्षीय बैठक होगी। रक्षा मंत्रालय का कहना है कि द्विपक्षीय बातचीत और 2+2 बैठक के दौरान मंत्री सहयोग की समीक्षा करेंगे और दोनों देशों के बीच संबंधों को और मजबूत करने के लिए नई पहलों की खोज करेंगे। वे आपसी हितों के क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर भी विचारों का आदान-प्रदान करेंगे।

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Aug 20 2024, 10:05

कोलकाता रेप-मर्डर केस में आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई, देशभर में डॉक्‍टर्स का विरोध प्रदर्शन जारी*
#supreme_court_hearing_in_rg_kar_medical_college_doctor_rape_and_murder_case
पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में ट्रेनी महिला डॉक्टर से रेप और हत्या का मामला गरमा गया है। सोमवार को जांच एजेंसी सीबीआई ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल डॉ. संदीप घोष से 13 घंटे से ज्यादा पूछताछ की। उनसे आज फिर पूछताछ की जा सकती है। वहीं, आरोपी संजय रॉय का अब पॉलीग्राफ टेस्ट करवाया जाएगा। सीबीआई को कोर्ट से मंजूरी मिल गई है। पॉलीग्राफी टेस्ट से पता चल सकेगा कि आखिर आरोपी कितना झूठ और कितना सच बोल रहा है। वहीं, आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में ट्रेनी डॉक्टर से दुष्कर्म-हत्या के मामले में सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई होगी। शीर्ष अदालत ने जूनियर डॉक्टर की दुष्कर्म के बाद हत्या और अस्पताल में तोड़फोड़ के मामले पर स्वत:संज्ञान लिया है। इस केस को आज लिस्ट में ऊपर रखा है। सुप्रीम कोर्ट में सुबह 10:30 बजे बजे कोलकाता केस में सुनवाई होगी। सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय मामले में सुनवाई करेगी। मंगलवार को सुनवाई के लिए तय मुकदमों की सूची में यह केस 66 वें नंबर पर है, लेकिन इसमें विशेष उल्लेख किया गया है कि पीठ इसे प्राथमिकता पर सुनेगी।शीर्ष अदालत की वेबसाइट पर अपलोड की गई 20 अगस्त की वाद सूची के अनुसार, पीठ में मुख्य न्यायाधीश चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा शामिल होंगे। इस बीच दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन ने याचिका दायर कर स्वत: संज्ञान मामले में उसे भी पक्षकार बनाने की अपील की है, जबकि फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (FORDA) ने अपने वकीलों के जरिए सुप्रीम कोर्ट में स्वत: संज्ञान जनहित याचिका में इंटरवेंशन एप्लीकेशन दायर किया है। *बंगाल सरकार ने एसआईटी का किया गठन* इधर, पश्चिम बंगाल सरकार ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में कथित वित्तीय अनियमितताओं की जांच के लिए आईपीएस डॉक्टर प्रणव कुमार के अगुवाई में एक एसआईटी का गठन किया है। पूर्व प्रिंसिपल डॉक्टर संदीप घोष के खिलाफ आरोप सामने आने के बाद इसका गठन किया गया। टीम में मुर्शिदाबाद रेंज के डीआईजी वकार रजा, सीआईडी के डीआईजी सोमा दास मित्रा और कोलकाता पुलिस की डीसीपी इंदिरा मुखर्जी भी शामिल होंगी। *डॉक्टर्स का विरोध प्रदर्शन जारी* वहीं दूसरी तरफ, महिला डॉक्टर के साथ रेप और हत्या के मामले को लेकर देशभर में विरोध-प्रदर्शन का दौर जारी है। तमाम अस्पतालों के डॉक्टरों ने इस घटना में शामिल सभी आरोपियों के लिए सख्त से सख्त सजा की मांग की है। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने भी कहा है कि दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दी जाए। इसके अलावा घटना के कारणों की भी जांच हों और डॉक्टरों की सुरक्षा में सुधार के लिए तत्काल कदम उठाए जाएं। बता दें कि आरजी कर मेडिकल कॉलेज के सेमिनार हॉल में नौ अगस्त की दरमियानी रात को प्रशिक्षु महिला डॉक्टर से दुष्कर्म के बाद हत्या कर दी गई थी। अगले दिन सुबह उसका शव मिला था, जिसके बाद से डॉक्टर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।

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Aug 19 2024, 21:48

जम्मू-कश्मीर के उधमपुर में CRPF दल पर हमला, एक इंस्पेक्टर की मौत

जम्मू-कश्मीर के उधमपुर में आतंकियों ने सोमवार को सीआरपीएफ के दल पर हमला किया है। इस हमले में एक इंस्पेक्टर के बलिदान की खबर है। सुरक्षा बलों ने पूरे इलाके की घेराबंदी कर दी है। फिलहाल दोनों ओर से फायरिंग जारी है।

एक अधिकारी ने बताया कि उधमपुर के रामनगर के चील इलाके में सीआरपीएफ की नियमित गश्त के दौरान आतंकवादियों ने अंधाधुंध गोलीबारी की, जिसमें सीआरपीएफ के एक इंस्पेक्टर बलिदान हो गए। शहीद की पहचान कुलदीप के रूप में हुई है।

इससे पहले सात अगस्त को भी उधमपुर के बसंतगढ़ क्षेत्र में सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़ हुई थी। हालांकि आतंकी खराब मौसम और धुंध का फायदा उठाकर भागने में कामयाब रहे थे। माना जा रहा है कि उधमपुर के बसंतपुर के ऊपर जंगल में आतंकियों के कुछ ग्रुप यहां बीते कुछ महीने से छिपे हुए हैं। लोग संदिग्ध देखे जाने की लगातार सूचना दे रहे हैं। इतने समय तक बिना गाइड व मददगारों के छिपना संभव नहीं है।

सूत्रों की माने तो इन आतंकियों को किसी स्थानीय के यहां शरण मिल रही है। मौजूदा समय में गुज्जर-बकरवालों के कई डेरे जंगलों व पहाड़ों पर हैं। इनको धमकाकर आतंकी खाने का इंतजाम कर लेते हैं। सुरक्षाबलों को अप्रैल से इस क्षेत्र में आतंकियों की गतिविधियों के बारे में सूचना है।

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Aug 19 2024, 21:06

हेल्थ वर्कर्स की बढ़ाई जाएगी सुरक्षा, कमेटी भी बनेगी, देश भर में डॉक्टरों की हड़ताल के बीच स्वास्थ्य मंत्रालय का बड़ा फैसला


डेस्क: देश भर में डॉक्टरों की हड़ताल के बीच स्वास्थ्य मंत्रालय ने बड़ा फैसला किया है। केंद्र सरकार ने सभी मेडिकल हॉस्पिटल्स में 25% सुरक्षा बढ़ाने का आदेश दिया है। वहीं, मंत्रालय ने हेल्थकेयर वर्कर्स की सुरक्षा के लिए एक कमेटी भी बनाने का आदेश दिया है। DGHS की अध्यक्षता में जो कमेटी बनाई जाएगी, वह डॉक्टरों और हेल्थकेयर वर्कर्स की समस्याओं पर सुझाव लेंगी। डॉक्टरों की बेसिक समस्याएं जैसे रेस्ट रुम, CCTV सुविधाएं इन सबको दुरुस्त किया जाएगा। जरूरत के आधार पर मार्शल भी बढ़ाए जाएंगे। अस्पताल में हिंसा मामले को लेकर 6 घंटे के भीतर FIR दर्ज कराने का आदेश दिया गया है। इस कमेटी में राज्य सरकार समेत सभी अहम स्टेकहोल्डर्स के प्रतिनिधि होंगे।

स्वास्थ्य मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी से आज कई रेजिडेंट डॉक्टरों के प्रतिनिधियों की मुलाकात हुई। 26 राज्यों में पहले ही स्वास्थ्य सेवाकर्मियों की सुरक्षा के लिए कानून  है। जिसमें 3 साल से 10 तक की सजा का प्रावधान है। सरकार ने डाक्टरों को समझाया कि ऑर्डिनेंस से कोई फायदा नहीं होगा। रेजिडेंट डॉक्टरों की मांग उचित नहीं है। डॉक्टर जो भी मांग कर रहे हैं, वह राज्यों के कानून में कवर नहीं होता। पश्चिम बंगाल का मामला निंदनीय है और ये रेप मर्डर के कानून के तहत कार्रवाई की जाएगी। अगर डॉक्टर ऐसे ही अपनी मांग पर अड़े रहे तो कानून और कोर्ट के आदेश के आधार पर डॉक्टर के खिलाफ एक्शन हो सकता है।


मिनिस्ट्री ने प्रदर्शन पर बैठे डॉक्टर्स को काम पर लौटने को कहा है। मंत्रालय का कहना है कि इस समय डेंगू और मलेरिया के मामले बढ़ रहे हैं तो इस समय डॉक्टर्स की बहुत जरूरत है। मंत्रालय ने डॉक्‍टरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सभी उपाय सुझाने के लिए एक समिति गठित करने का आश्‍वासन दिया है। 26 राज्य स्वास्थ्य कर्मियों की सुरक्षा के लिए कानून पारित कर चुके हैं।


दिल्‍ली मेडिकल एसोसिएशन के वरिष्‍ठ उपाध्‍यक्ष डॉ. सुनील सिंघल ने कहा कि हम जनहित में अब भी काम कर रहे हैं। हम इमरजेंसी ड्यूटी कर रहे हैं। उन्‍होंने कहा कि हमें स्‍टेट लॉ नहीं बल्कि सीपीए चाहिए। साथ ही उन्‍होंने कहा कि हमें काम करने के लिए सुरक्षित वातावरण चाहिए। उन्‍होंने सरकार के कमेटी बनाने पर कहा कि कमेटी बनाने से क्‍या होगा, यह पहले भी हो चुका है।

बता दें कि इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) के स्ट्राइक के आह्वान पर इस समय देश भर में ओपीडी बंद है। डॉक्टर्स कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में महिला डॉक्टर के रेप और हत्या के विरोध में हड़ताल पर बैठे हुए हैं। सभी मेडिकल सर्विसेज ठप हैं। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने देश भर के एलोपैथिक डॉक्टर्स को इमरजेंसी और कैजुअल्टी को छोड़ सभी प्रकार की सर्विसेज बंद करने को कहा था। विरोध कर रहे डॉक्टर्स सरकार से पीड़िता और उनके परिवार के लिए न्याय की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि घटना को 10 दिन से भी ज्यादा हो गए हैं। लेकिन अभी तक कोई गंभीर कार्रवाई नहीं हुई।

मालूम हो कि 9 अगस्त को कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में पोस्ट ग्रेजुएट ट्रेनी डॉक्टर की रेप कर हत्या कर दी गई। इससे देश भर के डॉक्टर्स के बीच रोष है जो विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में महिला डॉक्टर के रेप और हत्या के विरोध में सभी मेडिकल सर्विसेज ठप हैं।

India

Aug 19 2024, 20:07

रक्षाबंधन के मौके पर गणेश जी को पहनाई गई दुनिया की सबसे बड़ी राखी, वजन है 125 किलो


डेस्क : मध्य प्रदेश के इंदौर में भगवान गणेश को दुनिया की सबसे बड़ी राखी पहनाई गई है। इस राखी का वजन 125 किलो है और इसकी डोर की लंबाई 101 मीटर है। इस राखी को पर्यावरण बचाने की थीम पर बनाया गया है।

भगवान गणेश के भक्तों की एक संस्था ने अपने इष्ट देव को रक्षाबंधन पर सोमवार को 169 वर्ग फुट की राखी अर्पित की। संस्था का दावा है कि यह पर्यावरण बचाने की थीम पर बनाई गई दुनिया की सबसे बड़ी राखी है। श्री विघ्नहर्ता गणेश भक्त समिति के सचिव राहुल शर्मा ने बताया कि रक्षाबंधन के दिन शुभ मुहूर्त पर शहर के खजराना गणेश मंदिर में भगवान को यह राखी अर्पित की गई।

उन्होंने इसे पर्यावरण बचाने की थीम पर बनाई गई दुनिया की सबसे बड़ी राखी बताया। शर्मा ने बताया कि 13 गुणा 13 फुट की राखी की डोर 101 मीटर लम्बी है जिसे पूरे मंदिर परिसर पर बांधा गया है। उन्होंने बताया कि राखी का वजन 125 किलोग्राम है और इसे 15 कलाकारों ने पखवाड़े भर में तैयार किया है।


राखी पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अगुवाई में विश्व पर्यावरण दिवस पर पांच जून से शुरू किए गए एक पेड़ मां के नाम पौधारोपण अभियान का नाम भी लिखा गया है। शर्मा ने कहा कि हमने भगवान गणेश को यह राखी अर्पित करते समय उनसे प्रार्थना की कि वह वैश्विक तापमान में वृद्धि और जलवायु परिवर्तन के खतरों से पृथ्वी की रक्षा करें। यह राखी बनाने के पीछे हमारा मकसद आम लोगों को पर्यावरण बचाने के लिए जागरूक करना है।