Aug 20 2024, 10:39
चीन की “निगेहबानी” के लिए भारत को मिला जापान का “साथ”, हिंद महासागर में बढ़ेगा “ड्रैगन” का “डर”
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हिंद महासागर क्षेत्र में चीनी नौसेना की बढ़ती उपस्थिति और गतिविधियां भारत के लिए चिंता का विषय बनी हुई है।पिछले कुछ दशकों में चीन ने तेज़ी से अपनी नौसैनिक क्षमताओं का आधुनिकीकरण किया है। चीनी नौसेना ने विमान वाहक जहाज़ों, सतही युद्धपोतों और सैन्य पनडुब्बियों को बड़ी संख्या में अपने बेड़ों में शामिल किया है। जिसे हिन्द महासागर में आसानी से महसूस किया जा सकता है। हालंकि, अब भारत इसको काउंटर करने के लिए बड़ा कदम उठाने जा रहा है। भारत और जापान के बीच एक बड़ी डिफेंस डील की तैयारी हो रही है। जिससे भारत के पास हिंद महासागर में चीन की सारी चालों को नाकाम करने का “हथियार” मिल जाएगा।
दरअसल भारत, जापान से नौसेना के लिए एंटेना खरीदने की योजना बना रहा है। यह भारत को उसका पहला बड़ा रक्षा निर्यात होगा। इस सौदे की घोषणा आज मंगलवार को दिल्ली में भारत-जापान "2+2" मंत्रिस्तरीय बैठक के दौरान की जा सकती है। इकनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, सितंबर 2022 के बाद से यह दोनों देशों के विदेश और रक्षा मंत्रियों की पहली 2+2 मंत्रिस्तरीय बैठक होगी।
एनईसी और अन्य जापानी कंपनियों द्वारा विकसित एंटेना का इस्तेमाल जापानी नौसेना पहले से ही करती है। उसने अपने अडवांस एस्कॉर्ट जहाजों पर पहले से ही इस एंटेना को लगा रखा है। ये एंटेना मिसाइलों और ड्रोन की हरकतों का तेजी से पता लगाने में सक्षम हैं। इस एंटेना की मदद से भारतीय नौसेना समुद्र में अपने दुश्मनों का शिकार करेगी।
भारत और जापान आज दिल्ली में विदेश और रक्षा मंत्रालयों की भागीदारी वाली 2+2 वार्ता करेंगे, जिसके बाद दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग को और गहरा करने के लिए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और उनके जापानी समकक्ष किहारा मिनोरू के बीच द्विपक्षीय बैठक होगी। रक्षा मंत्रालय का कहना है कि द्विपक्षीय बातचीत और 2+2 बैठक के दौरान मंत्री सहयोग की समीक्षा करेंगे और दोनों देशों के बीच संबंधों को और मजबूत करने के लिए नई पहलों की खोज करेंगे। वे आपसी हितों के क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर भी विचारों का आदान-प्रदान करेंगे।
Aug 20 2024, 13:37