कंट्रोल रूम से जुड़े रहेंगे सीसी कैमरे,सभी छह परीक्षा केंद्रों पर सुरक्षा को लेकर हो रहे पुख्ता इंतजाम

नितेश श्रीवास्तव ,भदोही। जिले में पुलिस आरक्षी भर्ती परीक्षा में कोई गड़बड़ी न हो, इसे लेकर अधिकारियों ने मंथन शुरू कर दिया है। 23 से 31 अगस्त के बीच 10 पाली में होने वाली परीक्षा के लिए चिह्नित किए गए छह केंद्रों पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए जा रहे हैं। इन केंद्रों पर करीब 30 हजार परीक्षार्थी परीक्षा देंगे। प्रत्येक पाली में लगभग तीन-तीन हजार परीक्षार्थी परीक्षा में भाग लेंगे। परीक्षा केंद्रों पर लगे सीसीटीवी कैमरे कलेक्ट्रेट और प्रदेश मुख्यालय स्थित कंट्रोल रूम से जुड़े रहेंगे। इससे परीक्षा की एक-एक गतिविधि पर नजर रखी जाएगी।

सूबे में आरक्षी पुलिस भर्ती के 60 हजार 244 पदों के लिए 52 लाख से अधिक आवेदन आए हैं। शासन की ओर से 17 और 18 फरवरी को परीक्षा आयोजित होनी थी। इसके लिए 36 केंद्र भी बनाए गए, लेकिन पेपर लीक के कारण यह परीक्षा रद्द कर दी गई। करीब पांच महीने के बाद अब शासन ने दोबारा परीक्षा की तिथि तय की है। परीक्षा में कोई दिक्कत न हो इसलिए अबकी बार पांच दिनों तक दो पालियों में परीक्षा का आयोजन होगा। 23, 24, 25 और 30-31 अगस्त को दो-दो पालियों में परीक्षा होगी। हर पाली में 3048 अभ्यर्थी शामिल होंगे।

अपर पुलिस अधीक्षक डॉ. तेजवीर सिंह ने बताया कि प्रशासन की तरफ से सभी केंद्रो पर एक-एक सेक्टर, स्टेटिक मजिस्ट्रेट के साथ ही अतिरिक्त केंद्र व्यवस्थापक लगाए गए हैं। इसके अलावा सीओ, थानेदार और चौकी प्रभारी अपने क्षेत्र में भ्रमणशील रहेंगे। क्राइम ब्रांच, एसओजी के साथ ही एसटीएफ की टीम भी सक्रिय रहेगी।सघन निगरानी के लिए सभी परीक्षा केंद्रों पर लगे सीसी कैमरे को पुलिस कार्यालय में कंट्रोल रूम बनाकर जोड़ा गया है। एक अधिकारी कंट्रोल रूम में बैठकर सभी परीक्षा केंद्रों पर चल रही गतिविधि को देखेंगे। परीक्षा देने के लिए अभ्यर्थी बस से निशुल्क यात्रा कर सकेंगे। पिछली बार जिले में 36 केंद्रों पर परीक्षा हुई थी। इस बार नए मानकों के अनुरूप जिला मुख्यालय से 10 किमी के दायरे में स्थित छह राजकीय और सहायता प्राप्त कॉलेज और एक महाविद्यालय को ही केंद्र बनाए गए हैं।

एडीएम-तहसीलदार और जिला स्तरीय अफसर बने मजिस्ट्रेट

पुलिस भर्ती परीक्षा में डीएम विशाल सिंह के निर्देश पर सेक्टर और स्टेटिक मजिस्ट्रेट नामित हो गए हैं। ज्ञानपुर, भदोही और औराई एसडीएम राजस्व और न्यायिक के अलावा दो तहसीलदार को सेक्टर मजिस्ट्रेट बनाया गया है। दो मजिस्ट्रेट को रिजर्व में रखा गया है। इसके अलावा डीडीओ, उपायुक्त उद्योग, डीडी कृषि, बीएसए समेत छह जिला स्तरीय अफसरों को स्टेटिक मजिस्ट्रेट नामित किया गया है।

*भदोही में सावन के अंतिम सोमवार पर शिवालयों में लगा श्रद्धालुओ भीड़ सुरक्षा व्यवस्था में तैनात रही पुलिस*

रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव

भदोही। सावन के महीने में देवों के देव महादेव और मां पार्वती की विधि-विधान से पूजा की जाती है। साथ ही सावन सोमवार का व्रत रखा जाता है। वैदिक पंचांग के अनुसार, 19 अगस्त यानी आज सावन महीने का अंतिम सोमवार है। साथ ही सावन पूर्णिमा भी है। इस उपलक्ष्य पर देशभर में रक्षाबंधन का त्योहार धूमधाम से मनाया जा रहा है।

धार्मिक मत है कि सावन सोमवार पर भगवान शिव की पूजा करने से साधक को मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। साथ ही घर में सुख, समृद्धि एवं खुशहाली आती है। साधक सावन सोमवार पर गंगाजल और दूध से भगवान शिव का अभिषेक करते हैं। जलाभिषेक करने से भगवान शिव शीघ्र प्रसन्न होते हैं। उनकी कृपा से साधक के सभी बिगड़े काम बन जाते हैं। अगर आप भी धन संबंधी परेशानी से निजात पाना चाहते हैं, तो भगवान शिव का अभिषेक करते समय श्री लिङ्गाष्टकम् का पाठ अवश्य करें।

सावन के अंतिम सोमवार पर आज शिवालयों पर सुबह से श्रद्धालुओं की भीड़ लग गई। जैसे-जैसे दिन बढ़ता गया श्रद्धालुओं का भीड़ बढ़ता गया। सुरक्षा व्यवस्था में तैनात रही पुलिस लोगों को दर्शन करने में जुटी रही। आला अधिकारी चक्रमण कर सुरक्षा कर्मियों को आवश्यक दिशा निर्देश देते रहे। शिवालयो पर जहां दर्शन पूजन श्रद्धालुओं द्वारा किया गया तो वहीं मेले का भी आयोजन किया गया। जहां पर जमकर खरीदारी की गई।बता दें कि श्रावण मास का अंतिम सोमवार होने के कारण भोर से ही भगवान शंकर का दर्शन पूजन के लिए शिवालयों पर श्रद्धालुओं की भीड़ लग गई। कतारबद्ध श्रद्धालु एक-एक कर भगवान शंकर का दर्शन पूजन किया। व्रती महिलाएं भी पूजन अर्चन करने में जुटी रही। अंतिम सोमवार होने के कारण भीड़ अधिक हो गई सुरक्षा व्यवस्था में तैनात सुरक्षा कर्मियों की पसीने छूट गए। सुरक्षा कर्मियों को पुलिस आला अधिकारी आवश्यक दिशा निर्देश भ्रमण कर देते रहें । जैसे-जैसे दिन बढ़ता गया वैसे भीड़ भी बढ़ती गई।

संदीप पांडेय ने बताया कि सावन का अंतिम सोमवार है। पांच साल बाद ऐसा संयोग बना था कि सावन सोमवार को पड़ा है। इस बार सर्वाद्ध योग भी है। इसमें किए गए सारे कार्यों की सिद्ध मिलती है। शिव जी का पवित्र मास सावन है। सच्चे मन से शिव की आराधना करने पर सिद्धी मिलती है। बेलपत्र के साथ एक लोटा जल अर्पित करने मात्र से शिवजी अतिसय प्रसन्न होते हैं। बताया पूजा का मुहुर्त पूरे दिन है।

भदोही से 100 बहनों ने सात समंदर पार भेजी स्नेह की डोर

नितेश श्रीवास्तव,भदोही। जिले की 100 बहनों ने अटूट विश्वास और स्नेह के बंधन को सात समंदर पार भेजा है। वहीं 2000 राखियां अन्य जिलों या राज्यों में भेजी गई है। भाई-बहन के अटूट विश्वास के पर्व रक्षाबंधन पर भाई की कलाई पर राखी न बांध सकने वाली बहनों ने दूर रह रहे भाइयों के लिए स्नेह का बंधन डाक के माध्यम से भेजा है। डाक विभाग के अनुसार अब तक सभी राखियां भेजी जा चुकी है।

भाई-बहन के अटूट विश्वास का त्यौहार रक्षाबंधन इस बार 19 अगस्त को मनाया जा रहा है। इसे लेकर बाजारों में भी खूब रौनक है। सावन माह की पूर्णिमा पर मनाए जाने वाले इस त्यौहार को लेकर लोगों में उत्साह है। न सिर्फ बहनें, बल्कि भाई भी इस त्यौहार बेसब्री से इंतजार करते हैं। क‌ई बहनें इस दिन अपने भाई की कलाई पर राखी बांधती है। लेकिन क‌ई बहनें ऐसी भी हैं जो अपनी पारिवारिक ज़िम्मेदारियों के कारण घर नहीं आ पाती है। वहीं क‌ई भाई ऐसे भी हैं। जो आजीविका के लिए या तो अन्य प्रांत में है‌ या फिर सात समंदर पार कर रहे हैं। ऐसे में इन बहन - भ‌इयों के चेहरों पर मायूसी न छाए। इसके लिए डाक विभाग ने डाक से राखी भेजने का प्रबंध किया है। हर बार बड़ी संख्या में राखियां विदेश और अन्य जिलों - प्रांतों में भेजी जाती है।

इस बार करीब 2000 राखियां दूसरे जिलों में भेजी गई है। वहीं 100 बहनों ने सात समंदर पार रह रहे भाइयों के लिए डाक के माध्यम से स्नेह का बंधन भेजा है।

भदोही में ऊर्जा से ओतप्रोत है बाबा जोगेश्वेर नाथ धाम

नितेश श्रीवास्तव,भदोही। मोक्ष मां गंगा के पावन तट पर स्थित बाबा योगेश्वर नाथ महादेव मंदिर धाम श्रद्धा और विश्वास का अनुपम धाम है। दिव्य योगेश्वर नाथ मंदिर का इतिहास काफी पुराना और रहस्यों से भरा हुआ है। गंगा के पावन तट पर बने मंदिर के आसपास तमाम पुरानी मूर्तियां विद्दमान है। परिसर तथा आसपास तमाम खंडित मूर्तियां भी मौजूद है।

इस मंदिर में स्थापित दिव्य शिवलिंग अदृभुत है। इस स्थल का विशेष महत्व है। संपूर्ण आस्था, विश्वास और सच्चे मन से शिवलिंग पर जलाभिषेक, दुग्धाभिषेक करने समस्त कष्टों का निदान हो जाता है। मां गंगा के पावन तट पर विद्दमान सुंदर का सुंदर प्रांगण ऊर्जा से ओतप्रोत है। यहां पहुंचते ही अदृभुत आध्यात्मिक ऊर्जा का संचार महसूस होता है। श्रावण एवं पुरुषोत्तम मास में यहां दर्शन पूजन करने का विशेष महत्व है। सीतामढ़ी से सेमराध नाथ तक सुगमता पूर्वक पहुंचा जा सकता है।

*भदोही में बंगाल में हुए दुष्कर्म और हत्या के विरोध में विद्यार्थी परिषद ने ममता बनर्जी का पुतला फूंका*

रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव

भदोही- कोलकाता के आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज में हाल ही में घटित हुए दुर्भाग्यपूर्ण दुष्कर्म एवं हत्या की घटना घटना को लेकर जिले में काफी विरोध रहा। शनिवार को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद भदोही जिले के कार्यकर्ताओं द्वारा केएनपीजी कॉलेजगेट पर पुतला दहन कर विरोध जताया।जिला संयोजक सागर राय ने कहा कि ऐसी घटना देश के लिए शर्मशार है।

घटना में शामिल दोषी को सरकार द्वारा बचाया जा रहा है जो बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। ममता सरकार अपराधियों को बचाने का कार्य कर रही है ,ऐसे लोगो को फांसी की सजा होनी चाहिए । उन्होंने कहा कि नैतिकता के आधार पर ममता सरकार को इस्तीफा दे देना चाहिए।

निजी विश्वविद्यालय संयोजक अमन सिंह ने कहा बंगाल में ऐसी घटना सामान्य होगई है। केंद्र सरकार को वहा जल्द से जल्द राष्ट्रपति शासन लागू करना चाहिए । उन्होंने कहा कि ऐसी घटना पर राजनीतिक पार्टियों का चुप होकर बैठना उनके साथ मिले होने का संकेत देता है। उन्होंने दोषियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी सजा दिलाने की मांग किया। इस विरोध प्रदर्शन में शामिल निधीश पांडेय, विशाल दूबे, नमन निशांत आदि मौजूद रहे।

*भदोही में डॉक्टरों की हड़ताल:OPD सेवाएं रही बंद, जुलूस निकालकर चिकित्सक पहुंचे तहसील, प्रधानमंत्री को भेजा पत्र*

रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव

भदोही- भदोही में कोलकाता की घटना को लेकर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के निर्देश पर शनिवार को भदोही के चिकित्सक हड़ताल पर रहे। चिकित्सकों के साथ विभिन्न संस्थाओं में अध्यनरत नर्सिंग आदि के छात्र भी हड़ताल में शामिल होकर जूलूस निकाल तहसील पहुंचे। जहां पर प्रधानमंत्री के नाम संबोधित अपनी 4 सूत्रीय ज्ञापन एसडीएम भानसिंह को सौंपा। चिकित्सकों के हड़ताल पर चले जाने से निजी अस्पतालों में ओपीडी सेवाएं पूरी तरह से बंद रही। वहीं क्लिनिक पर ताला लगा रहा। हालांकि इमरजेंसी सेवाओं को चालू रखा गया।19 अगस्त को सुबह 6 बजे तक चिकित्सक हड़ताल पर रहेंगे।

विधायक व चिकित्सक डॉ आरके पटेल ने कहा कि कोलकाता की घटना ने एक बार फिर समाज को सोचने पर मजबूर कर दिया है। आज देश के अस्पतालों में चिकित्सकों को विभिन्न खतरों व भव्य के बीच काम करना पड़ता है। उन्होंने कहा कि अक्सर अस्पतालों में घटनाएं होने के बाद चिकित्सक वर्ग को न्याय नहीं मिल पाता है। आज चिकित्सक अपनी सुरक्षा को लेकर आशंकित हैं।

डॉ आरके पटेल ने कहा कि कोलकाता की घटना निष्पक्ष व विश्वसनीय जांच कराने की मांग देशभर के चिकित्सकों द्वारा की जा रही है। इस घटना में कार्रवाई कुछ ऐसी होनी चाहिए। जिसका कठोर संदेश अराजकतत्वों पर जाएं। जिससे ऐसे अराजकतत्वों के मन में कानून का भय व्याप्त हो व इस तरह की घटनाओं में लगाम लग सके। दोषियों की तत्काल गिरफ्तारी हो, मामले में त्वरित सुनवाई कर दोषियों को अधिकतम सजा सुनाई जाए। डॉक्टरों व अन्य स्वास्थ्य कर्मियों को सभी प्रकार की अराजक घटनाओं से बचाने के लिए केंद्रिय कानून बनाए जाए। सभी स्वास्थ्य देखभाल संस्थाओं को विशेष संरक्षित क्षेत्र घोषित किया जाए। राष्ट्रीय चिकित्सा परिषद को देश के किसी भी इलाके में काम कर रहे मेडिकल छात्रों और डॉक्टरों को सुरक्षा से संबंधित सख्त नियमों को लागू करने का अधिकार दिया जाए।

*ब्लड कंपोनेट यूनिट तैयार, लाइसेंस का इंतजार*

रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव

भदोही- महाराजा चेतसिंह जिला चिकित्सालय में ब्लड कंपोनेट सेपरेशन यूनिट बनकर तैयार हो गई है। लाइसेंस न मिलने के कारण अभी तक संचालन नहीं हो सका है, हालांकि विभाग ने लाइसेंस के लिए शासन को पत्र लिखा है। इसके लिए जिला चिकित्सालय ब्लड बैंक के एक डाॅक्टर और तीन स्वास्थ्यकर्मी वाराणसी के पंडित दिन दयाल उपाध्याय अस्पताल में प्रशिक्षण ले चुके हैं। यूनिट में सारी व्यवस्थाएं पूरी हो चुकी हैं।

जिला चिकित्सालय के ब्लड बैंक के सामने ब्लड कंपोनेट सेपरेशन यूनिट बनाया गया है। यूनिट के संचालन के बाद डेंगू मरीजों को जिले में प्लाज्मा उपलब्ध होगा। यूनिट में मशीनें लगा दी गई हैं। शासन से लाइसेंस मिलते ही जांच शुरू होगी। जिसमें प्लाज्मा टेस्टिंग मशीन के साथ एलाइजा जांच करने वाली मशीन और अन्य मशीनें शामिल हैं। 26 जुलाई को सीएमएस डॉ. राजेंद्र कुमार और टीम ने यूनिट में टंपरेचर टेस्टिंग की थी। जिसके बाद अब यूनिट संचालन को लगभग तैयार हो चुका है। शासन से आई मशीनों के इंस्टालमेंट की प्रक्रिया पूरी की जानी शेष है। शासन से लाइसेंस मिलते ही मशीन इंस्टालमेंट होगा। इसके लिए शासन को पत्राचार किया गया है। यूनिट शुरू होने से मरीजों को जांच के लिए अन्यत्र नहीं जाना पड़ेगा। अल्प समय में डेंगू और मलेरिया जैसी बीमारी की रिपोर्ट मिलने से दवाएं भी शुरू हो जाएंगी। अस्पताल में प्रतिदिन 800 से एक हजार की ओपीडी होती है।

शासन स्तर से क्रय की गई मशीनें

ब्लड कंपोनेट सेपरेशन यूनिट में शासन स्तर से सारी मशीनें क्रय की गई है। जिसमें प्लेटलेट्स निर्माण, प्लेटलेट्स रखने सहित अन्य मशीने आई है। जिसमें डीप फ्रीजर 80 डिग्री, प्लाज्मा रखने के लिए और सेंटी फ्यूज मशीन, ब्लड प्लाज्मा को मिक्स करने की मशीन, प्लाज्मा ब्लड को अलग करने की मशीन, डेंगू जांच की मशीनें आदि हैं।

जिला चिकित्सालय में पहली एलाइजा टेस्ट

जिला चिकित्सालय में पहली बार एलाईजा टेस्ट किया जाएगा। बीते साल रिकार्ड 280 डेंगू मरीज मिले थे। तमाम मरीजों को प्लाज्मा के लिए गैर जनपदों का रुख करना पड़ा था। लेकिन इस बार ऐसे मरीजों को यहीं पर सुविधाएं मिलेगी। यूनिट का संचालन होने के बाद ही जिला चिकित्सालय में मरीजों को प्लाज्मा मिलेगा।

यूनिट की सारी तैयारी पूरी कर ली गई है। मशीने लगा दी गई है। शासन से लाइसेंस मिलते ही मशीनों को इंस्टालमेंट कर यूनिट का संचालन शुरु किया जाएगा। यूनिट में प्रशिक्षित कर्मी तैनात होंगे,जो प्रशिक्षिण प्राप्त कर चुके हैं - डॉ. राजेंद्र कुमार, सीएमएस, जिला अस्पताल।

रक्षाबंधन के लिए सजे बाजार, 19 अगस्त को दोपहर 1:43 बजे है शुभ मुहुर्त

भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक रक्षाबंधन देश भर में हर साल श्रावण मास की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है। इस दिन बहने अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधती है और भगवान से उनकी लंबी उम्र और सुखी जीवन की प्रार्थना करती हैं। भाई इस प्रेम रूपी धागे को बंधवा कर जीवनभर उनकी रक्षा करने का संकल्प लेते है। साथ ही अपनी बहन को उपहार देते है। प्रधान पुजारी आशीष मिश्रा ने बताया कि रक्षा बंधन 19 अगस्त को मनाया जाएगा। इस बार भी रक्षाबंधन पर भद्रा का साया रहेगा, जिसके चलते बहनों को भाइयों के राखी बांधने के लिए कई घंटों का इंतजार करना पड़ेगा। भद्रा का साया 19 अगस्त को सुबह तीन बजे से शुरू होगा और दोपहर 01.43 तक रहेगा।

शास्त्रों के अनुसार भद्रा में बहनों को अपने भाइयों के राखी नहीं बांधनी चाहिए। भद्रा काल के दौरान किसी भी हाल में राखी नहीं बांधनी चाहिए। क्योंकि ऐसा करने से शुभ फल की प्राप्ति नहीं होती है। पौराणिक कथाओं में बताया गया है कि रावण की बहन सूर्पनखा ने भद्रा काल में भाई रावण को राखी बांधी थी जो कि उसके विनाश का कारण बना। राखी बांधने का शुभ मुहूर्त 19 अगस्त को दोपहर 01:43 बजे से शुरू होगा और रात्रि 9:07 बजे तक रहेगा। इस बार रक्षाबंधन के दिन सर्वार्थ सिद्धि योग, रवि योग, शोभन योग और श्रवण नक्षत्र का महासंयोग बन रहा है और भगवान शंकर की कृपा प्राप्ति के लिए इस दिन श्रावन माह का अंतिम सोमवार भी रहेगा।

महाभारत काल में कृष्ण और द्रौपदी का एक वृत्तांत मिलता है कि जब कृष्ण ने सुदर्शन चक्र से शिशुपाल का वध किया, तब उनकी तर्जनी अंगुली में चोट आ गई और रक्त बहने लगा। ये देखकर द्रौपदी ने उस समय अपनी साड़ी का पल्लू फाड़कर उसे भगवान श्रीकृष्ण की अंगुली पर पट्टी की तरह बांध दिया था। यह श्रावण मास की पूर्णिमा का दिन था। इसके उपरांत भगवान श्रीकृष्ण ने द्रौपदी के चीर-हरण के समय उनकी लाज बचाते हुए भाई होने का धर्म निभाया। तब से ही रक्षा बंधन के दिन भाई की कलाई पर राखी बांधने की परंपरा शुरू हुई। उन्होंने बताया कि इसके अलावा रक्षाबंधन के बारे में अनेक पौराणिक कथाएं भी प्रचलित हैं।

वहीं, रक्षाबंधन को लेकर बाजार में राखी की दुकानें सजने लगी है। जहां पर बहनों ने खरीदारी भी शुरू कर दी गई है। पूरे जनपद में विभिन्न प्रकार की राखी की दुकानें सज गई हैं। भदोही के बाजारों में भी राखी की दुकानें सजी है। जहां बच्चों से लेकर बड़ों तक के लिए हर तरह की राखी उपलब्ध है। दुकानों पर 5 रुपए से लेकर 1000 रुपए तक कीमत वाली राखी मौजूद है। बच्चों के लिए काटून कैरेक्टर वाली राखियां, म्यूजिक लाइट वाली इलेक्ट्रॉनिक राखियां, कार्टून हीरो राखियां भी आ रही है। कस्टमाइज्ड राखियां - गिफ्ट्स बन रहे हैं। जिसमें राखी पर अपना फोटो,नाम व क‌ई तरह के फोटो है।
भदोही में शिवभक्तों की आस्था का केंद्र हैं बाबा बेरासनाथ, पूर्ण होती हैं मनोकामनाएं


नितेश श्रीवास्तव ,भदोही। भदोही में उत्तरवाहिनी मां गंगा के तट पर स्थित बाबा बेरासनाथ के नाम से प्रसिद्ध शिव मंदिर में दूर-दूर से काफी संख्या में श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं। श्रावण मास में और सोमवार को भक्तों की भारी भीड़ रहती है।ऐसी मान्यता है कि इस मंदिर में दर्शन करने आए श्रद्धालुओं की सारी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।

मगर पंचकोस की कमी की वजह से बेरासनाथ धाम केवल गुप्त काशी के नाम से प्रसिद्ध है।भदोही को काशी-प्रयाग के मध्य क्षेत्र को पवित्र क्षेत्र माना जाता है। इसी क्षेत्र के मध्य काफी धार्मिक केन्द्र हैं, जो अपने आप में कई ऐतिहासिक विरासत सहेजे हुए हैं। साथ ही सभी की अपनी अलग-अलग धार्मिक मान्यताएं हैं। काशी-प्रयाग के मध्य स्थित एक ऐसा शिव मंदिर है, जहां की मान्यता काशी विश्वनाथ से कम नहीं है. मगर भौगोलिक स्थिति की कमी से यह स्थल काशी तो नहींं बन सका, लेकिन गुप्त काशी के नाम से आज भी प्रचलित है। बाबा बेरासनाथ के नाम से प्रसिद्ध शिव मंदिर में काफी संख्या में दूर-दूर से भक्त आते हैं और सभी की मनोकामना अवश्य पूर्ण होती हैं।गोपीगंज क्षेत्र के बेरासपुर गांव में स्थित यह प्राचीन शिव मंदिर जो बाबा बेरासनाथ के नाम से क्षेत्र में प्रसिद्ध है।

इस मंदिर की स्थापना के बारे में बताया जाता है कि इस मंदिर का शिवलिंग भी एक कुंए में था। एक बार व्यासजी इसी जगह से जा रहे थे तो उनको यहां किसी दैवीय शक्ति का अहसास हुआ। फिर वे रुक गये और कुंए में स्थित शिवलिंग की पूजा अर्चना करने लगे। उसके बाद ग्रामीणों ने भी पूजा पाठ करना प्रारम्भ कर दिया। व्यास जी के कई वर्ष तक इस जगह रहने पर इस जगह का नाम व्यासपुर रहा, लेकिन कालांतर में गांव का नाम बेरासपुर पड़ गया। गांव के ही बाला प्रसाद पाल 'साहब' के सहयोग से हुआ मंदिर का निर्माण व्यासजी के चले जाने के काफी वर्ष बाद ग्रामीणों ने कुएं में स्थित शिवलिंग को बाहर निकाल कर स्थापित करने की इच्छा जताई, लेकिन ऐसा नहीं हो सका. फिर कुछ वर्षों तक ग्रामीणों ने कुएं को पाटकर शिवलिंग की जगह ऊपर पूजा-पाठ करना प्रारंभ कर दिया।

मगर मंदिर सही न होने से पूजा करने वालों को काफी दिक्कतें होती थीं। इसी को ध्यान में रखकर गांव के ही महामानव बाला प्रसाद पाल 'साहब' जो रेलवे में कार्यरत थे, उन्होंने बाबा बेरासनाथ मंदिर का जिणोद्धार का वीणा उठाया और वर्ष 1938 में पूरा करा दिया।‌ उस समय भारत-पाकिस्तान का बंटवारा नहीं हुआ था। इस मंदिर के निर्माण में लाहौर से दर्जनों कारीगरों ने आकर इस मंदिर के निर्माण कार्य में सहायता की थी। साथ ही गांव के भी काफी हिन्दू-मुस्लिमों ने भी कार्य किया था।

इस मंदिर को अंदर से देखने से एक अलग स्थापत्य कला का अनुभव होता है। मंदिर को बाहर देखने से मंदिर जैसा लगता है और अंदर गोलाकार है। मंदिर के निर्माण में बाला प्रसाद पाल 'साहब' के सहयोग को गांव कभी नहीं भुला सकता है।इस मंदिर के आध्यात्मिक महत्व के बारे में प्रसिद्ध विद्वान स्व. प्रभुनाथ मिश्र ने अपने काव्य रचना में बताया कि इस जगह काशी की स्थापना होनी थी, मगर पंचकोस जमीन की कमी के कारण यहां काशी की स्थापना नहीं हो सकी और यह क्षेत्र गुप्त काशी के रूप में महात्म्य सहेजा है। स्व प्रभुनाथ मिश्र ने अपनी काव्य रचना में बताया कि जैसे काशी विश्वनाथ के पूर्व तरफ उत्तरवाहिनी गंगा है, वैसे ही बाबा बेरासनाथ धाम के पूर्व तरफ भी उत्तरवाहिनी गंगा बहती है। काशी में उत्तर तरफ से कोई एक पानी का स्त्रोत आकर गंगा में मिलता है, ठीक वैसे ही बेरासनाथ मंदिर से कुछ दूरी पर एक पानी का स्त्रोत भी गंगा में जाकर मिलता है। मगर पंचकोस की कमी की वजह से बेरासनाथ धाम केवल गुप्त काशी के नाम से प्रसिद्ध है।

इस मंदिर के बारे में गांव के वयोवृद्ध लोग काफी चमत्कारिक घटनाएं बताते हैं। गांव के फूलचंद तिवारी ने इस मंदिर के महात्म्य के बारे में बताया कि बचपन से ही बेरासनाथ मंदिर के महिमा को सुनते चले आ रहे हैं। कई ऐसी घटनाओं को भी देखा जो किसी चमत्कार से कम नहीं है। फूलचंद ने बताया कि एक बार बारिश न होने से पूरे गांव वाले मिलकर मंदिर के शिवलिंग को पानी से डूबोना चाहते थे। मान्यता है कि बारिश होगी, लेकिन सभी ग्रामीणों के प्रयास के बावजूद भी शिवलिंग पानी से नहीं डूबा. हालांकि बाद में बारिश हुई और लोग काफी प्रसन्न हुए।बेरासनाथ मंदिर के महिमा के बारे में बताते हुए रमेश पांडेय ने कहा कि यह शिव मंदिर हमारे पूर्वजों के समय से भी पहले का है। यहां पर पूजा-पाठ करने वालों की सभी मनोकामना अवश्य पूर्ण होती है। यहां पर अपने मनोरथ पूर्ण होने पर दूर दूर के दर्शनार्थी आते हैं। पिछले कई वर्षो से बेरासनाथ मंदिर प्रांगण में शारदीय नवरात्र में भव्य दुर्गा पूजन का आयोजन भी होता है। बेरासनाथ मंदिर प्रांगण में एक भव्य और विशाल पीपल का पेड़ है, जो इस मंदिर की भव्यता को और भी बना देता है।

जिला अस्पताल की ओपीडी में पहुंचे मौसम बीमारियों से पीड़ित 716 लोग

नितेश श्रीवास्तव ,भदोही। मौसम में निरंतर परिवर्तन देखा जा रहा है। इसका असर लोगों की सेहत पर तेजी से पड़ रहा है। शुक्रवार को जिला चिकित्सालय के ओपीडी में मरीजों की भरमार रही। ज्यादातर मरीज, सर्दी, जुकाम, बुखार के पहुंचे, जिन्हें जांच पड़ताल कर दवाई उपलब्ध कराई गई।

716 मरीजों की ओपीडी रही। जनपद में कुछ दिनों से बारिश के बाद धूप खिल रहा है। जिससे असर लोगों की सेहत पर पड़ रहा है। बारिश में भीगने के बाद लोग बीमार पड़ रहे है। सर्दी, जुकाम और बुखार के चपेट में तत्काल आ रहे हैं। जिला चिकित्सालय में शुक्रवार को 716 मरीजों की ओपीडी और 43 मरीजों की इमरजेंसी रही।

ज्यादातर मरीज मौसमी बीमारी से ग्रसित रहते। फिजिशियन डॉ प्रदीप कुमार यादव ने बताया कि बदलते मौसम के बीच सतर्कता जरूरी है। क्योंकि कुछ दिनों से बारिश के धूप खिल रही है। इसका असर लोगों की सेहत पर पड़ा है।