'डर पैदा करना जरूरी...राक्षसी लोगों को कड़ी सजा दी जाए...', पीएम मोदी ने लाल किले से ऐसे शब्दों का क्यों किया प्रयोग?
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स्वतंत्रता दिवस पर देश आजादी की वर्षगांठ का जश्न मना रहा है। लाल किले में झंडारोहरण के बाद पीएम मोदी ने देशवासियों को संबोधित किया।लाल किले की प्राचीर से पीएम मोदी ने आधी आबादी को उनकी सुरक्षा का भरोसा दिलाया। पीएम मोदी ने अपने भाषण में महिलाओं पर हो रहें अत्याचारों का जिक्र करते हुए आतताइयों को राक्षस बताते हुए उनके मन मे डर पैदा करने की बात कही।
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पीएम मोदी ने लाल किले की प्राचीर से महिलाओं की सुरक्षा का मुद्दा उठाया। पीएम मोदी ने सीधे तौर पर कोलकाता कांड का जिक्र तो नहीं किया, मगर उन्होंने रेप की घटना को अंजाम देने वाले को चेता दिया। पीएम मोदी ने साफ-साफ कहा कि पाप करने की सजा फांसी होती है, यह डर पैदा करना बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा कि बेटियों पर अत्याचार हो रहे हैं, हमें गंभीरता से सोचना होगा। महिलाओं के खिलाफ अपराध करने वालों को जल्द से जल्द सजा हो, ऐसा विश्वास पैदा करना जरूरी है।
राक्षसी कृत्य करने वालों को जल्द से जल्द कड़ी सजा हो-पीएम मोदी
लाल किले की प्राचीर से पीएम मोदी ने कहा,’ हर सेक्टर में हम महिलाओं का दमखम देख रहे हैं। मगर दूसरी तरफ कुछ चिंता की बातें भी आती हैं। आज लाल किले से फिर एक बार अपनी पीड़ा व्यक्त करना चाहता हूं। एक समाज के नाते हमें गंभीरता से सोचना होगा कि हमाारी माताओं, बहनों और बेटियों के प्रति जो अत्याचार हो रहे हैं, उसके प्रति देश का आक्रोश है। जन सामान्य का आक्रोश है। इस आक्रोश को महसूस कर रहा हूं। इसलिए देश को, समाज को और हमारे राज्य सरकारों को इसे गंभीरता से लेना होगा। महिलाओं के विरुद्ध अपराधों की जल्द से जल्द जांच हो, राक्षसी कृत्य करने वालों को जल्द से जल्द कड़ी सजा हो, समाज में विश्वास पैदा करने के लिए जरूरी है।
राक्षसी कृत्य करने वालों की खबरें सामने आना जरूरी- पीएम मोदी
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, महिलाओं के प्रति अपराधों की तुरंत जांच हो। कृत्य करने वालों को ज्यादा से ज्यादा, सख्त से सख्त और जल्दी से जल्दी सजा हो। जब ऐसी राक्षसी मनोवृत्ति को सजा होती है तो वह नजर नहीं आती कोने में कहीं पड़ी रहती है। ऐसे राक्षसी कृत्य करने वालों को होने वाली सजाओं के बारे में खबरें अब सामने आना जरूरी है, ताकि लोगों को पता चले कि ऐसे कृत्यों का क्या परिणाम होता है।








भारत आज यानि कि 15 अगस्त 2023 को अपना 78वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है।इस आजादी को पाने के लिए न जाने कितने वीर सपूतों ने अपने प्राणों की आहुति दे दी।कई सालों के संघर्ष के बाद ब्रिटिश संसद ने आखिरकार भारत को आज़ाद करने का फ़ैसला किया। भारत के अंतिम ब्रिटिश गवर्नर जनरल लुइस माउंटबेटन को 30 जून, 1948 तक भारत को सत्ता हस्तांतरित करने का आदेश दिया। हालांकि, माउंटबेटन ने तारीख को आगे बढ़ाने का फैसला किया और भारत सरकार को सत्ता हस्तांतरित करने के लिए 15 अगस्त, 1947 को चुना। ब्रिटिश हुकूमत से भारत 30 जून 1948 को ही आजाद हो गया था। यानि कि 30 जून को भारत को अंग्रेजों ने सत्ता सौंप दी थी। लेकिन उसी समय नेहरू और जिन्ना के बीच भारत व पाकिस्तान के बंटवारे का मुद्दा शुरू हो गया। इस दौरान मोहम्मद अली जिन्ना ने पाकिस्तान की मांग कर दी। जिसके बाद सांप्रदायिक दंगे की संभावना बढ़ गई। जिसके बाद भारत को 15 अगस्त 1947 को ही आजादी करने का फैसला लिया गया। भारत की आजादी को लेकर 4 जुलाई 1947 को माउण्टबेटन द्वारा ब्रिटिश हाउस ऑफ कॉमन्स में इंडियन इंडिपेंडेंस बिल पेश किया गया था। इस बिल को ब्रिटिश संसद द्वारा तुरंत मंजूरी दे दी गई और 15 अगस्त 1947 के दिन भारत को आजादी देने की घोषणा कर दी गई। यह दिन भारत के आखिरी वायसराय लोर्ड माउण्टबेटन के लिए बेहद खास था। उन्होंने इस कदम को दो कारणों से उचित ठहराया। सबसे पहले, उन्होंने कहा कि वे रक्तपात या दंगे नहीं चाहते थे, और दूसरा माउंटबेटन ने 15 अगस्त को इसलिए चुना क्योंकि यह तारीख द्वितीय विश्व युद्ध में जापान के आत्मसमर्पण की दूसरी वर्षगांठ थी। 15 अगस्त 1945 को द्वितीय विश्र्व युद्ध के दौरान जापानी आर्मी ने ब्रिटिश सरकार के सामने घुटने टेक दिए थे। जापान के आत्मसमर्पण के कारण 15 अगस्त उनके लिए एक खास दिन था।
Aug 15 2024, 12:50
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