नशा मुक्त भारत अभियान के अंतर्गत आज "विकसित भारत का मंत्र, भारत हो नशे से स्वतंत्र" विषय पर हुआ कार्यक्रम

गोरखपुर। महाराणा प्रताप पॉलिटेक्निक गोरखनाथ में केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय भारत सरकार के नशा मुक्त भारत अभियान के अंतर्गत आज "विकसित भारत का मंत्र, भारत हो नशे से स्वतंत्र" विषय पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया ।

कार्यक्रम पर प्रकाश डालते हुए संस्था के शिक्षक माधवेंद्र राज ने कहा कि युवा किसी भी राष्ट्र के कर्णधार होते हैं ।देश का गुरुतर भार इन्हीं युवाओं के कंधे पर आना है । इसलिए आवश्यक है कि हमारे देश के युवा इस चुनौती को स्वीकार करें कि वे स्वयं तथा समुदाय, परिवार, मित्र, एवं आसपास के लोगों को नशा मुक्त करेंगे । उन्होंने आगे कहा कि लिए हम सब मिलकर अपने जिले गोरखपुर ही नहीं वरन संपूर्ण उत्तर प्रदेश सहित सम्पूर्ण राष्ट्र को नशा मुक्त करने का दृढ़ निश्चय करें ।

उन्होंने शपथ दिलाया _

"मैं प्रतिज्ञा करता हूं कि अपने देश को नशा मुक्त करने के लिए अपनी क्षमता के अनुसार हर संभव प्रयास करूंगा ।"

श्री राज ने आगे कहा कि नशे से बचने के लिए युवाओं को सामाजिक गतिविधियों के साथ-साथ खेलो और राष्ट्र निर्माण की गतिविधियों से जोड़ना होगा ।

इस अवसर पर संस्था के वरिष्ठ शिक्षक एवं यांत्रिक अभियंत्रण के विभाग प्रभारी बी0 एन0 वर्मा, जोगेंद्रकुमार, चंद्रशेखर सिंह, मनीष कुमार सिंह, संजय यादव, विकास कुमार सिंह सहित संस्था के सभी शिक्षक कर्मचारी एवं छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।

आज पूरी दुनिया में आला हज़रत का चर्चा है : मुफ्तिया गाजिया ख़ानम


गोरखपुर। मकतब इस्लामियात तुर्कमानपुर में महिलाओं की ‘बज्मे कनीजाने आयशा’ नाम से दसवीं महाना दीनी महफ़िल हुई। अध्यक्षता ज्या वारसी ने की। संचालन शिफा खातून ने किया। कुरआन-ए-पाक की तिलावत अदीबा फातिमा ने की। हम्द, नात व मनकबत सादिया नूर, सानिया,  शिफा नूर, सना ने पेश की। हदीस-ए-पाक आयशा फातिमा ने पेश की।

मुख्य वक्ता मुफ्तिया गाजिया ख़ानम ख़ानम अमजदी ने कहा कि आला हज़रत इमाम अहमद रज़ा ख़ां अलैहिर्रहमा 10 शव्वाल 1272 हिजरी यानी 14 जून 1856 को बरेली शहर में पैदा हुए। आप बहुत सारी खूबियों के मालिक थे। आप भारतीय उपमहाद्वीप की सबसे मशहूर शख़्सियतों में से हैं। शायद ही कोई जगह ऐसी हो जहाँ मुसलमान आबाद हों और आपका जिक्र न हो। एक बात जो सिर्फ आपकी ही जात को हासिल है कि 200 साल में किसी भी आलिम-ए-दीन की हयात और ख़िदमात पर इतनी किताबें नहीं लिखी गई जितनी किताबें आपकी ज़िन्दगी पर लिखी गईं। जिनकी तादाद तक़रीबन 528 से ज्यादा है। जो अरबी, फ़ारसी, हिंदी, उर्दू, अंग्रेजी, पंजाबी, पश्तो, बलूची, कन्नड़, तेलगू, सिंधी, बंगला आदि भाषाओं में है। दुनिया के कमोबेश 15 से ज्यादा विश्वविद्यालय जिनमें अमेरिका, मिस्र, सूडान, भारत, बांग्लादेश आदि शामिल हैं जहां आपकी जात पर पीएचडी और एमफिल की 35 से ज्यादा डिग्रीयां मुकम्मल हो चुकी हैं।

कनीज़ फातिमा ने कहा कि आला हज़रत ने पूरी ज़िन्दगी अल्लाह व रसूल की इताअत व फरमाबरदारी में गुजारी। आला हज़रत पैग़ंबरे इस्लाम हज़रत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम पर जानो दिल से फ़िदा व क़ुर्बान थे। आला हज़रत ने तेरह साल की उम्र से ही फतवा लिखना और लोगों को दीन-ए-इस्लाम का सही पैग़ाम पहुंचाना शुरू कर दिया। पूरी उम्र दीन की खिदमत में गुजारी। आला हज़रत द्वारा किया गया क़ुरआन-ए-पाक का उर्दू में तर्जुमा ‘कंजुल ईमान’ व ‘फतावा रज़विया’ बेमिसाल है। पैग़ंबरे इस्लाम से सच्ची मोहब्बत आला हज़रत का सबसे अज़ीम सरमाया था। आपकी एक मशहूर किताब जिसका नाम ‘अद्दौलतुल मक्किया’ है। जिसको आपने केवल आठ घंटों में बिना किसी संदर्भ ग्रंथ के मदद से हरम-ए-मक्का में लिखा। आज पूरी दुनिया में आला हज़रत का चर्चा है। आला हज़रत को अल्लाह व पैग़ंबरे इस्लाम से सच्ची मोहब्बत और गहरा इश्क था। जिसको आपने ‘हदाइके बख्शिश’ में हम्द, नात व मनकब के जरिए बयान किया है।

अंत में दरूदो सलाम पढ़कर मुल्क में खुशहाली, तरक्की व अमन की दुआ की गई। शीरीनी बांटी गई। महफ़िल में में अदीबा फातिमा, शाज़िया खातून, आलिया, आयशा, मरियम, अलविया, खुशी नूर, सना खान, जैनब, फिजा, मुस्कान, तमन्ना, तैबा नूर, साईबा फातिमा, नूरजहां शरीफी, जिक्रा शेख़ आदि मौजूद रहीं।

शार्ट सर्किट से कपड़े की दुकान के गोदाम में लगी आग


खजनी गोरखपुर।कस्बे में थाने के पीछे सिकरीगंज मार्ग पर जूनियर हाईस्कूल गेट के सामने स्थित कपड़े की दुकान के गोदाम में आज अपराह्न लगभग 1 बजे अचानक बिजली के शार्ट सर्किट से आग लग गई। धुंआ उठता देख दुकानदार तथा आसपास के लोगों को हैरत हुई।

गोदाम में पहुंच कर देखा तो धुंएं का गुबार भरा था। पानी डालकर आग बुझाने में दुकानदार और कर्मचारियों के साथ ही स्थानीय लोगों ने भी कड़ी मशक्कत की, इस दौरान दमकल को फोन पर घटना की सूचना दी गई। लोगों ने किसी तरह आग पर काबू पा लिया था, घंटे भर बाद लगभग 2 बजे दमकल पहुंची लेकिन इस बीच आग पूरी तरह बुझ चुकी थी।

दुकानदार विजय कुमार निगम और विशाल निगम ने लाखों रुपए मूल्य के कपड़े जल कर नष्ट होने का दावा किया। किंतु प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार ज्यादा नुकसान नहीं हुआ है। दिन का समय होने के कारण धुंआं उठते ही लोग मौके पर जा पहुंचे, जिससे गोदाम में लगी आग पर उसके फैलने से पहले ही पूरी तरह से काबू पा लिया गया।
देशभक्ति पर आधारित गायन और नृत्य प्रतियोगिता का हुआ आयोजन, कलाकारों ने मंच पर अपनी कला से लगाया चार चांद

गोरखपुर। राष्ट्र वंदन समिति के तत्वाधान में स्वतंत्रता के अमृतोत्सव को घर-घर पहुंचाने के उद्देश्य से प्रति वर्ष की भांति इस वर्ष भी किया गया आयोजित।  कार्यक्रम का शुभारंभ प्रसिद्ध समाज सेवी डॉ रूप कुमार बनर्जी प्रसिद्ध समाज सेविका सुधा मोदी समिति के अध्यक्ष विजय खेमका और महामंत्री दुर्गेश त्रिपाठी ने भारत माता के सम्मुख दीप प्रज्वलन कर किया।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए डा रूप  कुमार और सुधा मोदी ने संयुक्त रूप से कहा कि निश्चित तौर पर 15 अगस्त 26 जनवरी जैसे राष्ट्रीय पर्व हम सब में देश और राष्ट्र प्रेम की भावना को जागृत करने का कार्य करते हैं और राष्ट्र वंदन समिति द्वारा आयोजित इन कार्यक्रमों के माध्यम से भी घर-घर में देश प्रेम राज प्रेम की भावना का संचार हो रहा है हम जब किसी भगवान की पूजा करते हैं तो हम उनको मंत्रों के सुर में बांधकर उनका आवाहन करते हैं अत: भारत माता की पूजा का यह सबसे अच्छा माध्यम है कि उनको गायन नृत्य कला के द्वारा याद किया जाए और अमर शहीदों को अपने कला की शैली से श्रद्धांजलि दी जाए आज के दिन जिन भी प्रतिभागियों ने प्रतिभा किया है वह चाहे विजई हो या ना लेकिन यह जरूर है कि उन्होंने राष्ट्र के प्रति सम्मान में अपने जीवन के समय में से कुछ समय निकालकर यहां पर दिया यह बहुत बड़ी बात है आज के समय में अगर हम संस्कार और राष्ट्र धर्म प्रेम से भर जाएं तो हम किसी भी क्षेत्र में आगे हो सकते हैं।

संस्था के अध्यक्ष विजय खेमका और महामंत्री दुर्गेश त्रिपाठी ने कहा कि लाखों करोड़ों देशभक्ति के बलिदान के बाद यह स्वतंत्रता की देवी भारत में आई आज उन्ही के त्याग और तपस्या की वजह से हम सब इस खुली हवा में सांस ले रहे हैं। अत: हमेशा आजादी के महोत्सव को जितने खुले दिल और उल्लास से मनाया उतना ही काम है राजविंदर समिति का सदैव स्वदेश रहा है की स्वतंत्रता किस महापर्व को और हमारे अमर शहीदों के त्याग को घर-घर पर पहुंचा जिससे हमारे आने वाली पीढ़ी देश प्रेम और राज प्रेम के प्रति अपने दायित्वों का निर्माण कर सके और यह तभी संभव है जब घर-घर में देश प्रेम राष्ट्र प्रेम की लहर जाएगी और हर घर में तिरंगा लहराएगा।

कार्यक्रम का संचालन संपदा द्विवेद्वी ने किया और संयोजिका रूप रानी और सीमा रही। कार्यक्रम में जज के रूप में सुनीशा श्रीवास्तव नीलम पांडेय सुहानी प्रियम, प्रिंश रहे। कार्यक्रम में मुख्य रूप स्वतंत्रता के अमृतोत्सव समिति की संयोजिका रूप रानी रागिनी श्रीवास्तव माया गुप्ता विनीत पांडेय कंचन लता खेमका प्रियंका नितिन वर्मा समता स्वीटी माही देवीलाल गुप्ता अमित दत्त  रीता शर्मा  मनोरमा पाल अनुराग खेमका शशिकांत गुप्ता दीपक मौर्य राहुल कुमार पांडे प्रणव लक्ष्मी गुप्ता संगीता मद्धेशिया मानवी आराध्या अतुल द्विवेदी रुद्रांश चंद्रा आदि सम्मिलित रहे।
भोले के भक्तों को जंगल माता दिन वासियों ने कराया भोजन

गोरखपुर। शिव भक्त कांवड़ियों को रास्ते में खाने की दिक्कत ना हो जंगल माता दिन शाहपुर निवासी शेषनाथ योगी के नेतृत्व में भोजन कराया गया ।

आज रविवार को जंगल माता दिन शाहपुर के निवासियों शेषनाथ योगी डब्लू श्रीवास्तव धीरज सिंह अनूप श्रीवास्तव बबलू जेपी श्रीवास्तव द्वारा मोहल्ले के रास्ते से गुजरने वाले हर कांवड़ियों को भोजन कराया मोहल्ले वासियों का एक ही उद्देश्य रहा  कि इस रास्ते से गुजरने वाला कोई भी शिव भक्त भूखा न जाए इस उद्देश्य हर शिव भक्त कांवड़ियों को भोजन कराया जा रहा था और शिव भक्तों की सेवा कर रहे थे और शिव भक्तों की सेवा में किसी प्रकार की कमी मोहल्लेवासी नही आने दे रहे शिव भक्तों से आशीर्वाद प्राप्त कर रहे थे।
नगर निगम के मेगा शिविर में 58 आपत्तियों का किया गया निस्तारण

गोरखपुर।आज नगर निगम, गोरखपुर के जोनल कार्यालय जोन-04, सुभाष चन्द्र बोस नगर में जी०आई०एस० आपत्तियों के निस्तारण हेतु मेगा शिविर का आयोजन किया गया। उक्त मेगा शिविर में जी०आई०एस० की कुल 33 नई आपत्तियों प्राप्त हुई, जिसकी जाँच कर निस्तारण किया जाना शेष है तथा पूर्व में प्राप्त 58 आपत्तियों का मेगा शिविर में निस्तारण किया गया।

भवन स्वामी  नरसिंह प्रसाद गुप्ता, भवन संख्या-02, मोहल्ला-पुराना गोरखपुर का पूर्व में  1,382/- रुपए कर आता था, जिसे जी०आई०एस० सर्वे में  3,110/- निर्धारित किये जाने के उपरान्त इनके द्वारा आपत्ति की गयी, जाँचोपरान्त इनका कर  2488/- निर्धारित किया गया, इसी क्रम में भवन स्वामी  हीरालाल सिन्धी, भवन संख्या-109ए मोहल्ला-पुराना गोरखपुर का पूर्व में  1,842/- रुपए कर आता था, जिसे जी०आई०एस० सर्वे में  3,732/ निर्धारित किये जाने के उपरान्त इनके द्वारा आपत्ति की गयी, जाँचोपरान्त इनका कर  2,764/- निर्धारित किया गया तथा भवन स्वामी श्री कृष्ण गोपाल श्रीवास्तव भवन संख्या-155, मोहल्ला पुराना गोरखपुर का पूर्व में  968/- रुपए कर आता था, जिसे जी०आई०एस० सर्वे में  2,710/- निर्धारित किये जाने के उपरान्त इनके द्वारा आपत्ति की गयी, जांचोपरान्त इनका कर  1,770/- निर्धारित किया गया जिस पर उपरोक्त समस्त भवन स्वामी पूर्णरूप से संतुष्ट रहे।

शिविर में 20 भवन स्वामियों द्वारा कुल  57,587/- गृहकर / जलकर जमा कराया गया। उक्त शिविर में महापौर  डॉ० मंगलेश श्रीवास्तव नगर आयुक्त  गौरव सिंह सोगरवाल, जोनल अधिकारी  अविनाश प्रताप सिंह, मुख्य कर निर्धारण अधिकारी  विनय कुमार राय, कर अधीक्षक  विपुल विक्रम राय एवं समस्त राजस्व निरीक्षक व कर निरीक्षक सहित लिपिकगण उपस्थित रहे।
सॉफ्टवेयर इंजीनियर से हुई 60 लाख की ठगी


गोरखपुर । गोरखपुर में एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर से जालसाजों ने 60 लाख रुपए की ठगी कर दी । सॉफ्टवेयर इंजीनियर को जालसाजो ने बंगाली लव कैफे रेस्टोरेंट की फ्रेंचाइजी दिलाने का झांसा दिया और इसके नाम पर उनसे 60 लाख रुपए हड़प लिए । जब पीड़ित को ठगी का एहसास हुआ तो इसकी शिकायत पुलिस से की । घटना एम्स इलाके की है । शिकायत पर पुलिस तत्काल कार्रवाई करते हुए जालसाजों से 28 लाख रुपए वापस दिलवा दिए । बचे 8 लाख रुपए भी जल्द मिलाने की उम्मीद है ।

फेसबुक ऐड देखकर झांसे में आया

दरअसल एम्स इलाके के महादेव झारखंडी के रहने वाले और नवोदय विद्यालय के रिटायर्ड प्रिंसिपल प्रेम नारायण शुक्ला के बेटे प्रेम शुक्ला माइक्रोसॉफ्ट में सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं । उन्होंने फेसबुक पर बंगाली लव कैफे रेस्टोरेंट का ऐड देखा। ऐड में दिखाए गए नंबर पर संपर्क करने पर एक महिला ने बताया कि यह रेस्टोरेंट घरेलू महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से दिल्ली में शुरू किया गया है। जिसमें घर का बना खाना परोसा जाता है। इस फ्रेंचाइजी को गोरखपुर में शुरू करने के लिए प्रेम शुक्ला ने 60 लाख रुपए खर्च करने का फैसला लिया ।

बैंक अकाउंट में ट्रांसफर कर दिए 48 लाख रुपए

प्रेम शुक्ला ने 48 लाख रुपए अपने बैंक खाते से महिला के खाते में ट्रांसफर कर दिए और बाकी 12 लाख रुपए अपने पिता से जमा कराए । पैसे जमा करने के बाद , महिला ने फोन उठाना बंद कर दिया , जिससे प्रेम शुक्ला को ठगी का एहसास हुआ । उन्होंने अपने पिता के माध्यम से पुलिस में शिकायत दर्ज कराई ।

दिल्ली पहुंचने पर सिर्फ मिला बैनर

शिकायत मिलने पर साइबर थाने के एसआई उपेंद्र शुक्ला के नेतृत्व में पुलिस टीम जुलाई में दिल्ली पहुंची । फेसबुक पर दिए गए पते पर जांच करने पर रेस्टोरेंट का सिर्फ एक बैनर मिला लेकिन, कोई रेस्टोरेंट नहीं । पुलिस ने ठगो के बैंक खातों की पहचान कर उन्हें फ्रीज कराया ।
जिससे 28 लाख रुपए वापस प्राप्त हो गए व 8 लाख रुपए जल्द मिलने की उम्मीद है।
??एसएसपी गोरखपुर डॉक्टर गौरव ग्रोवर बताया कि पुलिस ने पीड़ित को 28 लाख रुपए वापस दिलाए है और शेष राशि भी जल्द मिल जायेगी । इस मामले में आरोपियों की पहचान कर ली गई है और उनकी गिरफ्तारी के लिए प्रयास जारी हैं।
रचित कृतियों से हमेशा लोगों की स्मृति में रहेंगे गोस्वामी तुलसीदास- डॉ. ब्रजेंद्र नारायण

गोरखपुर। गोस्वामी तुलसीदास से बाल्य काल से ही प्रभु श्री राम के भक्त रहे। प्रभु श्री राम के जीवन को रचित श्री रामचरितमानस के माध्यम से सरल भाषा में  घरों को पहुंचायां। तुलसीदास के रचित कृतियों से उन्हें लोगों हमेशा उनको स्मृति में बनाएं रहेंगे।

उक्त बातें स्वर भारती मानस संघ का 47वां वार्षिकोत्सव एवं गोस्वामी तुलसीदास की 527वीं जयंती महोत्सव रविवार को बेनीगजं शीशमहल स्थित राम जानकी मंदिर में कार्यक्रमके मुख्य अतिथि दूरदर्शन केंद्र के पूर्व कार्यक्रम प्रमुख डॉ. ब्रजेंद्र नारायण ने कही। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे संस्था संरक्षक एवं महापौर डॉ. मंगलेश श्रीवास्तव ने कहा कि संस्था के 47वें वार्षिकत्सव पर गोस्वामी तुलसीदास की जयंती बहुत ही सुखद आयोजन है। गोस्वामी तुलसीदास द्वारा रचित पवित्र ग्रंथ श्री रामचरितमानस लोगों के लिए हमेशा रहेगी पूजनीय एवं प्रेरणा स्रोत रहेगी। विशिष्ट अतिथि उ.प्र. व्यापारी कल्याण बोर्ड के उपाध्यक्ष पुष्पदंत जैन ने कहा कि तुलसीदास ने तमाम कृतियां लिखी, जिसमें आज भी भजन और गीतों के माध्यम से देश के हर घरों में सुनाई देती है।

कार्यक्रम पूर्वाह्न 10 बजे से चित्रांकन, भजन एवं देशभक्ति गीत, शंख ध्वनि, श्री राम बाल रूप सजाद प्रतियोगिता सायं 7 तक संचालित रहा। निर्णायक मंडल संतोष श्रीवास्तव, डॉक्टर शशि मौलि त्रिपाठी, संतोष कुमार गौड़, रविन्द्र के अनुसार सभी प्रतियोगिता में  विजेताओं को अतिथियों द्वारा प्रस्तुत किया गया।

सभी अतिथियों का स्वागत संस्थान के पदाधिकारी द्वारा किया गया। आए हुए अतिथियों एवं आगंतुकों स्वागत एवं आभार संस्था के संस्थापक अध्यक्ष राजेश कुमार श्रीवास्तव द्वारा किया गया। कार्यक्रम के दौरान सह संस्थापक अशोक कुमार  कशौधन, अनूप कुमार अग्रवाल, उपाध्यक्ष प्रेमचंद पांडेय, मंत्री श्याम मोहन श्रीवास्तव, शिव लगन पांडेय, धर्मेश चंद्र श्रीवास्तव, अरुण कुमार श्रीवास्तव, अभिनंदन त्रिपाठी, अशोक देव नीलू दादा, अनिल कुमार श्रीवास्तव, बेचन गौड, दिवाकर श्रीवास्तव, अवधेश त्रिपाठी, संजय श्रीवास्तव सहित तमाम लोग उपस्थित रहे।
12 व 13 अगस्त को रात्रि में आकाश में दिखेंगे टूटते तारे शूंटिंग स्टार्स, जाने क्यों होती है यह खगोलीय घटना


गोरखपुर। अगर आप अंतरिक्ष में रुचि रखते हैं तो इस बार 12/13 अगस्त को होने वाला शूटिंग स्टार्स का समागम बेहद ख़ास नज़ारा आपके लिए भी होने वाला है कुछ और भी ख़ास, आख़िर ऐसा क्या होने वाला है उस रात, आईए हम आपको विस्तार से जानकारी देते हैं ।

क्या होते हैं टूटते हुए तारे _ वीर बहादुर सिंह नक्षत्र शाला ( तारामण्डल) गोरखपुर के खगोलविद अमर पाल सिंह ने बताया कि पुराने समय में लोगों की मान्यताएं थीं कि इस आकाश में प्रत्येक व्यक्ति का अपना एक तारा है जब उन्हें कोई "टूटता हुआ तारा" ( शूटिंग स्टार) दिखाई देता था तो उन्हें लगता था कि कोई व्यक्ति जरूर ही इस लोक से उस लोक की अनन्त कालीन महा यात्रा पर निकला है, लेकिन धीरे धीरे कुछ हद तक अंध विश्वास दूर होता गया और आज़ हम लोग जानते हैं कि वह टूटते हुए तारे बस्ताबिक तारे नहीं होते हैं, बल्कि वह वास्तव में उल्काएं होती हैं , जो रात्रि में कुछ देर के लिए चमक उठती हैं और अति सुंदर भी नज़र आती हैं।


खगोलविद अमर पाल सिंह ने बताया कि _
पृथ्वी  अपने अक्ष पर 23.5 डिग्री झुकी हुई है और पृथ्वी अपने अक्ष पर सतत  घूमते हुए सूर्य का चक्कर भी लगाती है, पृथ्वी का अपने अक्ष पर घूमने के  कारण ही हमें दिन और रात का अनुभव होता है, पृथ्वी का अपने अक्ष पर घूमने को घूर्णन ( रोटेशन) कहा जाता है, और पृथ्वी का सूर्य के चारों ओर चक्कर लगाने को परिभ्रमण ( रिवोल्यूशन) कहा जाता है, पृथ्वी को सूर्य का एक चक्कर पूरा करने में लगने वाले समय को हम बर्ष कहते हैं, जब पृथ्वी अपने वार्षिक परिभ्रमणीय यात्रा के दौरान सूर्य का चक्कर लगाते हुए  किसी धूमकेतु द्वारा जोकि लंबी दीर्घब्रत्ताकर कक्षाओं में सूर्य की परिक्रमा करते रहते हैं उनसे निकले हुए कण उनकी कक्षाओं में चक्कर लगाते रहते हैं उनके द्वारा छोड़े गए मलबे से गुजरती है तो उसी दौरान छोटे, बड़े आकार के ये टुकड़े जो कि कंकड़ पत्थर, जलवाष्प, गैसों ,धूल कणों आदि के बने हुए होते हैं , ये अंतरिक्षीय मलबे के टुकड़े जब पृथ्वी के वायुमंडल में दाखिल होने पर गुरूत्वाकर्षण बल और वायुमंडलीय घर्षण के कारण क्षण भर के लिए चमक लिए जल उठते हैं और रात्रि के आकाश में चमकते हुए दिखाई देते हैं और फिर कुछ समय में ही गायब हो जाते हैं , उसे ही खगोल विज्ञान की भाषा में उल्का और सामान्य भाषा में टूटता हुआ तारा ( शूटिंग स्टार) कहा जाता है।


जिनकी गति लगभग 70 किलोमीटर प्रति सेकंड से भी अधिक हो सकती है, इसी वजह से अधिकांश उल्काएं 130 से 180 किलोमीटर की ऊंचाई पर जलकर राख हो जाती हैं, यही आकाश में टूटते हुए तारों का आभास कराते हैं, जिन्हें ही आम बोलचाल की भाषा में टूटते हुए तारे भी कहा जाता है, जबकि बास्तब में ये टूटते हुए तारे नहीं होते हैं, इन्हें ही खगोल विज्ञान की भाषा में उल्काएं कहा जाता है, जो कि वैसे तो छिटपुट तौर से तो वर्षभर होता रहता है लेकिन ये कुछ  ख़ास महीनों में ज्यादा नज़र आती हैं।

कब दिखाई देंगी उल्काएं _ खगोलविद अमर पाल सिंह ने बताया कि वैसे तो लगभग रात्रि आठ बजे के बाद से ही यह नज़ारा दिखना शुरू हो जाएगा लेकिन 12 तारीख की मध्य रात्रि से 13 तारीख की भोर तक यह उल्का ब्रष्टि का नज़ारा बेहद ही खूबसूरत नज़र आएगा, अगस्त माह में होने बाली उल्का ब्रष्टि को परसीड्स उल्का ब्रष्टि कहा जाता है, क्योंकि यह उल्काएं पर्सियस तारामंडल से आती हुई दिखाई देती हैं, उल्काएं जिस तारामंडल के बिंदु की तरफ़ से आती हुई दिखाई देती हैं उसे खगोल विज्ञान की भाषा में मीटियर रेडिएंट प्वाइंट ( उल्का बिकीर्णक बिंदु) कहा जाता है , मगर यह ध्यान में रखना ज़रूरी है कि किसी तारामंडल के एक बिंदु से उल्काओँ के बिकीर्णन का यह नज़ारा सिर्फ़ एक दृष्टि भ्रम है, वास्तव में तारे हमसे बहुत दूर हैं, लेकिन उल्काएं करीब 100 से 120 किलोमीटर ऊपर ही बायुमंडल में पहुंचने पर उद्दीप्त हो जाती हैं, उल्का ब्रष्टि किसी न किसी धूमकेतु से ही संबन्धित होती हैं, अगस्त माह की पर्सिड्स उल्का ब्रष्टि का सम्बंध भी धूमकेतु स्विफ्ट टटल या 109पी/स्विफ्ट टटल नामक धूमकेतू से है।

कितनी उल्काएं दिखेंगी इस बार_ अमर पाल सिंह ने बताया कि इस बार अगस्त 12/13 की रात्रि को आप एक घण्टे में कम से कम लगभग 60 से लेकर 100 उल्काएं तक देख सकते हैं, जबकि इनका दिखना मौसमी घटनाओं पर भी निर्भर करता है,

कब से कब तक होता है यह अनोखा नज़ारा _ प्रत्येक वर्ष लगभग 17 जुलाई से शुरू होकर 24 अगस्त तक चलती  है पर्सिडस मीटियोर शॉवर, लेकिन इस बर्ष अगस्त माह में 12/13 तारीख की रात्रि के दौरान यह  उल्का ब्रष्टि अपने चरम सीमा पर दिखाई देंगी, जिस से इन उल्काओं की ब्रष्टि को और भी अच्छे से देखा जा सकता है।

आकाश में किस तरफ़ से आती हुई दिखाई देंगी उल्काएं _
खगोलविद अमर पाल सिंह ने बताया कि वैसे तो आकाश में किसी भी दिशा से आती हुई दिख सकती हैं, लेकिन अगस्त माह में होने वाली उल्का ब्रष्टि को देखने के लिए आपको रात्रि के आकाश में पूर्वोत्तर दिशा की ओर से आती हुई दिखाई देंगी , और इनकी दृश्यता भी उच्च कोटि की होगी।

कैसे देखें _
खगोलविद अमर पाल सिंह ने बताया कि आप रात्रि के आकाश का अनुसरण करें और इन्हें देखने के लिए बिना किसी ख़ास दूरबीन या बायनोक्यूलर्स या अन्य सहायक उपकरणों के भी यह नज़ारा भव्य दिखाई देगा, इसके लिए किसी भी प्रकार के खास उपकरणों की आवश्यकता नहीं पड़ेगी,आप सीधे तौर पर अपने घरों से ही किसी भी साफ़ स्वच्छ अंधेरे वाली जगह से सावधानी पूर्वक ही अपनी साधारण आंखों से ही इस नजारे का लुत्फ उठा सकते हैं, शहरी क्षेत्रों में अधिक प्रकाश प्रदूषण होने के कारण कुछ व्यवधान उत्पन्न हो सकता है, लेकिन ग्रामीण इलाकों में निवास करने वाले लोगों को यह नज़ारा और भी मनोहारी दृश्य जैसा दिखाई देगा।


नोट _ध्यान रहे यदि अचानक से बादल, आंधी, बरसात , तूफ़ान आदि की स्थिति उत्पन्न होती हैं तो यह खूबसूरत नज़ारा दिखाई देना कठिन भी हो सकता है,
लोकनायक एवं युगद्रष्टा हैं गोस्वामी तुलसीदास : पवन कुमार

गोरखपुर, संस्कृति विभाग ,उत्तर प्रदेश के अंतर्राष्ट्रीय रामायण एवं वैदिक शोध संस्थान, के तत्वावधान में  विजय चौक स्थित एस एस एकेडमी के प्रांगण मे गोस्वामी तुलसीदास जी की जयंती के अवसर पर विचार गोष्ठी एवं "तुलसी के राम" का कार्यक्रम सकुशल संपन्न हुआ,
कार्यक्रम का शुभारंभ  मुख्य अतिथि मानस मर्मज्ञ पवन कुमार मिश्र, वरिष्ठ वाणिज्य प्रबंधक, पूर्वोत्तर रेलवे , विशिष्ट अतिथि आचार्य बृजेश मणि मिश्रा एवं कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रही भारत विकास परिषद प्रांतीय पदाधिकारी श्रीमती सुधा मोदी सहित श्री हरि शाखा के अध्यक्ष कनक हरि अग्रवाल सचिव राजर्षि बंसल महिला संयोजिका डॉ प्रियंका वर्मा एवं विद्यालय की प्रधानाचार्या डॉ निशि अग्रवाल ने गोस्वामी तुलसीदास जी के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलित कर किया गया।


तत्पश्चात हृदय त्रिपाठी द्वारा गणेश वंदना की गई. इसी क्रम में विष्णु शंकर श्रीवास्तव ने रामचरितमानस की चौपाई सुनाई, अंजना लाल ने राम जी पर भजन प्रस्तुत किया कनिष्क श्री अग्रवाल ने रामचरित्र मानस की चौपाई सुनाई, वनवासी छात्रावास से आए बच्चों ने राम जी पर अत्यधिक सुंदर भजन की प्रस्तुति इन्हीं सबके बीच बैठे सबसे छोटे 6  वर्षीय कनिष्क हरि अग्रवाल ने की जन्म लिए चारों भैया की प्रस्तुति पर बैठे सभी मंचासीन अतिथिगण अत्यधिक प्रसन्न हुए एवं नन्हे से बच्चे को खूब  साधुवाद दिए ।


अपने उद्बोधन में मुख्य अतिथि पवन कुमार मिश्रा ने कहा कि लोकनायक एवं युगद्रष्टा हैं तुलसीदास
आज पूज्यपाद गोस्वामी तुलसीदास जी के कृतियों एवं साहित्य की सर्वाधिक आवश्यकता है। उनकी अप्रतिम रचना श्री राम चरित मानस को बालकों को युवाओं को सर्वाधिक पढ़ना एवं आत्मसात करना चाहिए। यदि समाज में परिवार में संस्कार के बीज बोने हैं तो हमे तुलसी साहित्य को पढ़ना ही होगा ।


श्री राम के कथा एवं चरित्र को लोकभाषा में रचकर जन जन तक पहुंचाने का कार्य तुलसीदास जी ने किया । आज यह ग्रंथ विश्व के अनेक भाषाओं में अनूदित है । उनका स्वयं कहना था कि इसमें सभी पुराण निगम आगम एवं इसके अलावा भी बहुत कुछ है
इस आयोजन के लिए उत्तर प्रदेश संस्कृत विभाग की भूरि भूरि प्रशंसा करते हुए तुलसीदास जी के जीवन के बारे में विस्तृत चर्चा की ।

विशिष्ट अतिथि आचार्य बृजेश मणि मिश्र ने कहा कि व्यक्ति अगर अपने जीवन में रामचरितमानस को अपना ले तो निश्चित ही किसी भी विषम से विषम परिस्थिति में वह विफल नहीं हो सकता व्यक्ति किसी भी वर्ग में काम कर रहा हो चाहे वह राजनीतिक हो व्यावसायिक हो कर्मचारी हो मालिक हो रामचरित्र मानस का पाठ करने वाले को जीवन में आ रही समस्याओं का बहुत ही सुलभता से समाधान मिल जाता है ।

ने कहा मैं बहुत भाग्यशाली हूं कि मुझे तुलसीदास जी की जयंती की अध्यक्षता करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ कार्यक्रम का सुंदर संचालन शिवेंद्र पांडे द्वारा किया गया एवं कार्यक्रम के विराम पर से स विद्यालय की प्रधानाचार्य डॉक्टर निशि अग्रवाल ने धन्यवाद ज्ञापन किया एवं राम सभी प्रतिभागियों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया. कार्यक्रम के समन्वयक डॉ राकेश श्रीवास्तव थे ।