बिहार में प्रशासनिक फेर-बदल : मयंक वरवड़े बने पटना प्रमंडल के आयुक्त, ग्रामीण विकास विभाग के सचिव पंकज कुमार पाल को ऊर्जा समेत इन दो विभागों का

डेस्क : बीते रविवार को बिहार सरकार ने प्रशासनिक महकमे में बड़ा फेर-बदल किया है। पटना प्रमंडल के आयुक्त को बदल दिया गया है। पटना प्रमंडल के आयुक्त कुमार रवि का स्थानांतरण करते हुए इनकी जगह मगध प्रमंडल के आयुक्त मयंक वरवड़े को पटना प्रमंडल का आयुक्त बनाया गया है। वहीं प्रदेश के दो आईएएस को क्रमश: ऊर्जा तथा उद्योग विभाग के सचिव का अतिरिक्त प्रभार सौंपा है। जबकि दो का स्थानांतरण किया है। सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा इसकी अधिसूचना जारी कर दी गई है। सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी अधिसूचना के मुताबिक वहीं गया के जिलाधिकारी त्यागराजन एसएम अगले आदेश तक गया प्रमंडलीय आयुक्त और गया स्थित बिपार्ड के अपर महानिदेशक के दैनिक कार्यों के अतिरिक्त प्रभार में रहेंगे। ग्रामीण विकास विभाग के सचिव पंकज कुमार पाल को ऊर्जा विभाग के सचिव और बिहार स्टेट पॉवर (होल्डिंग) कंपनी लिमिटेड के प्रबंध निदेशक का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है। पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग की सचिव बंदना प्रेयषी को उद्योग विभाग के सचिव का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है। उन्हें आधारभूत संरचना विकास प्राधिकार-आइडा के प्रबंध निदेशक और बिहार राज्य महिला एवं बाल विकास निगम के प्रबंध निदेशक का भी अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है। भवन निर्माण विभाग के सचिव और पटना प्रमंडल के आयुक्त कुमार रवि को स्थानांतरित करते हुए मुख्यमंत्री सचिवालय के सचिव के पद पर तैनात किया गया है। साथ ही उन्हें भवन निर्माण विभाग के सचिव और बिहार राज्य भवन निर्माण निगम के प्रबंध निदेशक का भी अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है।
औरंगाबाद :-मूकबधिर बच्चों के लिए होगा कैंप का आयोजन

औरंगाबाद, बाल श्रवण योजना अंतर्गत जिले में 13 अगस्त को एक कैंप का अयोजन होने जा रहा है. इस कैंप का उद्देश्य पांच साल तक के बच्चों को जिन्हें जन्म से ही सुनने और बोलने की समस्या है उनका अर्ली इंटरवेंशन तथा स्क्रीनिंग के माध्यम से पहचान कर पूर्ण इलाज निशुल्क उपलब्ध कराना है, जैसे कि कोकलियर इंप्लांट लगाना आदि. सुनने और बोलने की समस्या से बच्चों में होने वाले समग्र विकास में किसी भी प्रकार की बाधा उत्पन्न ना हो सके उसके लिए सरकार का एक सकारात्मक प्रयास है.

जिला स्वास्थ्य समिति औरंगाबाद के द्वारा आयोजित इस कैंप का अयोजन रेड क्रॉस भवन मे होगा. जिसमे पटना से सहयोगी संगठन "प्रनिधान" ईएनटी हेड नेक क्लीनिक के दक्ष सेवा प्रदाता भी भाग लेंगे.

जिलेवासियों के लिए बड़ी खबर : रेलवे लाईन निर्माण परियोजना अन्तर्गत रैयतों को अर्जनाधीन भूमि के मुआवजा भुगतान हेतु किया जा रहा यह काम, जानिए पूरा

औरंगाबाद : जिलेवासियों के लिए जिला प्रशासन की ओर से आवश्यक सूचना जारी की गई है। यह सूचना वैसे लोगों के लिए बड़े काम की है जिनका जमीन रेलवे लाइन निर्माण के परियोजना अंतर्गत सरकार द्वारा अधिग्रहित किया है। 

जिला प्रशासन की ओर से जारी सूचना इस प्रकार है....

01.सोननगर बाईपास रेलवे लाईन निर्माण परियोजना अन्तर्गत रैयतों को अर्जनाधीन भूमि के मुआवजा भुगतान में तेजी लाने हेतु बारुण अंचल अंतर्गत दिनांक-12 अगस्त 2024 को 10:00 बजे पूर्वाह्न में सभा भवन बारुण प्रखंड परिसर में कैंप के माध्यम से विशेष शिविर का आयोजन किया गया है।

02.भारतमाला परियोजना के अन्तर्गत वाराणसी-कोलकाता खण्ड के 4/6 लेन पथ निर्माण हेतु परियोजना अन्तर्गत रैयतों को अर्जनाधीन भूमि के मुआवजा भुगतान में तेजी लाने हेतु दिनांक-12 अगस्त 2024 को 10.00 बजे पूर्वा० प्रखंड कार्यालय नवीनगर,कुटुम्बा एवं देव के सभागार में कैंप के माध्यम से विशेष शिविर का आयोजन किया गया है। 

03.NH-120 दाउदनगर-बाईपास पथ के निर्माण हेतू रैयतों को अर्जनाधीन भूमि के मुआवजा भुगतान में तेजी लाने हेतु दाउदनगर अंचल अंतर्गत दिनांक 12 अगस्त 2024 को 10:00 बजे पूर्वाह्न में सभा भवन दाउदनगर प्रखंड परिसर में कैंप के माध्यम से विशेष शिविर का आयोजन किया गया है। 

         

उक्त कैम्प मे संबंधित अंचल / मौजा के राजस्व कर्मचारी/अंचल निरीक्षक/राजस्व अधिकारी जमाबंदी पंजी एवं अन्य राजस्व अभिलेख के साथ उपस्थित रहेगे तथा कैम्प मे ही संबंधित रैयतों को एल०पी० सी० निर्गत करने की कार्रवाई करेंगे। साथ ही सवंधित मौजा के पंचायत सचिव एवं ग्राम कचहरी सचिव भी उपस्थित रहकर वंशावली से संबंधित आवेदन प्राप्त करेंगे।

औरंगाबाद से धीरेन्द्र

फैंस को कब देखने को मिलेगी अगली सीरीज, जानें किस टीम से होगी टीम इंडिया की टक्कर

टीम इंडिया ने हाल ही में श्रीलंका का दौरा किया था, यहां भारतीय टीम ने तीन टी20 और इतने ही वनडे मैच खेले थे. टी20 सीरीज तो टीम इंडिया जीतने में कामयाब रही थी, लेकिन वनडे सीरीज में उसे 0-2 से हार का सामना करना पड़ा. ऐसे में अब फैंस के मन में सबसे बड़ा सवाल ये है कि भारतीय क्रिकेट टीम अपनी अगली सीरीज किससे और कब खेलेगी. इस खबर में हम आपको भारतीय टीम के आगे के शेड्यूल के बारे में ही बताएंगे. टीम भले ही अभी ब्रेक पर है, लेकिन इसके बाद का शेड्यूल काफी बिजी रहने वाला है.

टीम इंडिया की अगली सीरीज कब?

श्रीलंका दौरा समाप्त होने के बाद भारतीय खिलाड़ियों का 43 दिनों का लंबा ब्रेक मिला है. अब भारतीय खिलाड़ी 19 सितंबर से एक्शन में नजर आएंगे. टीम इंडिया की अगली सीरीज बांग्लादेश के खिलाफ होगी, जो टेस्ट सीरीज होगी और भारत में ही खेली जानी है. दोनों टीमों के बीच 2 टेस्ट मैच खेले जाएंगे. इसके बाद भारत और बांग्लादेश के बीच 3 टी20 मैच भी होंगे. टेस्ट सीरीज 19 सितंबर से 1 अक्टूबर और वनडे सीरीज 6 अक्टूबर से 12 अक्टूबर के बीच खेली जाएगी.

IND vs BAN सीरीज का शेड्यूल

पहला टेस्ट- चेन्नई (19 से 23 सितंबर)

दूसरा टेस्ट- कानपुर (27 सितंबर से 1 अक्टूबर)

पहला टी20- धर्मशाला (6 अक्टूबर)

दूसरा टी20- दिल्ली (9 अक्टूबर)

तीसरा टी20- हैदराबाद (12 अक्टूबर)

न्यूजीलैंड के खिलाफ घरेलू सीरीज

बांग्लादेश के बाद न्यूजीलैंड की टीम भारत का दौरा करेगी. इस दौरान दोनों टीमों के बीच 3 मैचों की टेस्ट सीरीज खेली जाएगी. न्यूजीलैंड के भारत दौरे का आगाज 16 अक्टूबर से होगा और आखिरी टेस्ट मैच 1 नवंबर से शुरू होगा.

IND vs NZ सीरीज का शेड्यूल

पहला टेस्ट- बेंगलुरु (16 से 20 अक्टूबर)

दूसरा टेस्ट- पुणे (24 से 28 अक्टूबर)

तीसरा टेस्ट- मुंबई (1 से 5 नवंबर)

साउथ अफ्रीका दौरे पर टी20 सीरीज

इन दो टीमों की मेजबानी करने के बाद भारतीय टीम साउथ अफ्रीका जाएगी. इस दौरे पर उसे 4 टी20 मैच खेलने हैं. यह सीरीज 8 नवंबर से शुरू होगी और आखिरी मैच 15 नवंबर को खेला जाएगा.

IND vs SA सीरीज का शेड्यूल

पहला टी20- डरबन (8 नवंबर)

दूसरा टी20- गकबेर्हा (10 नवंबर)

तीसरा टी20- सेंचुरियन (13 नवंबर)

चौथा टी20- जोहानसबर्ग (15 नवंबर)

ऑस्ट्रेलिया दौरे पर सभी की नजर

टीम इंडिया साल के अंत में ऑस्ट्रेलिया का दौरा करेगी. दोनों टीमों के बीच बॉर्डर गावस्कर टेस्ट सीरीज खेली जाएगी, जिसमें डे नाउट टेस्ट के साथ कुल 5 टेस्ट मैच होंगे. इस सीरीज की शुरुआत 22 नवंबर से होगी जो अगले साल की शुरुआत तक खेली जाएगी.

IND vs AUS सीरीज का शेड्यूल

पहला टेस्ट- पर्थ (22 नवंबर से 26 नवंबर)

दूसरा टेस्ट- एडिलेड (6 दिसंबर से 10 दिसंबर)

तीसरे टेस्ट- ब्रिसबेन (14 दिसंबर से 18 दिसंबर)

चौथा टेस्ट- मेलबर्न (26 दिसंबर से 30 दिसंबर)

पांचवा टेस्ट- सिडनी (3 जनवरी से 7 जनवरी)

इंग्लैंड सीरीज से नए साल की शुरुआत

भारतीय टीम अगले साल अपनी पहली सीरीज इंग्लैंड के खिलाफ अपने घर पर खेलेगी. दोनों टीमों के बीच 5 टी20 और तीन मैच की वनडे सीरीज होगी. इस सीरीज के बाद भारतीय टीम को चैंपियंस ट्रॉफी 2025 में हिस्सा लेगा है.

IND vs ENG सीरीज का शेड्यूल

पहला टी20- चेन्नई (22 जनवरी)

दूसरा टी20- कोलकाता (25 जनवरी)

तीसरा टी20- राजकोट (28 जनवरी)

चौथा टी20- पुणे (31 जनवरी)

पांचवा टी20- मुंबई (2 फरवरी)

पहला वनडे- नागपुर (6 फरवरी)

दूसरा वनडे- कटक (9 फरवरी)

तीसरा वनडे- अहमदाबाद (12 फरवरी)

वक्फ बोर्ड संशोधन बिल को लेकर असदुद्दीन ओवैसी ने उद्धव ठाकरे पर साधा निशाना

मोदी सरकार ने लोकसभा में गुरुवार (8 अगस्त) को वक्फ बोर्ड संशोधन बिल पेश किया था. इस बिल के पेश होते ही एक बार फिर से वक्फ बोर्ड को चर्चा तेज हो गई है. विपक्ष इस संशोधन बिल को मुस्लिम विरोधी बता रहा है और लगातार इसका विरोध कर रहा है. इस बिल को अब संसद की संयुक्त समिति (JPC) के पास भेज दिया गया है

इसी बीच एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने वक्फ बोर्ड संशोधन बिल को लेकर उद्धव ठाकरे पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि जब वक्फ को बर्बाद करने का बिल लाया जा रहा था तो ये लोग (उद्धव ठाकरे के सांसद) पीठ दिखाकर भाग गए थे. 

उद्धव ठाकरे पर बोला हमला 

असदुद्दीन ओवैसी ने आरोप लगाया, 'शुक्रवार को इंडिया गठबंधन के उद्धव ठाकरे की पार्टी के जितने भी सांसद थे, वो सदन से भाग गए. जब बिल पर स्पीकर ने बोलने के लिए कहा तो उद्धव ठाकरे की पार्टी के कोई सांसद वहां नहीं बैठे थे, सब कैंटिन में बैठकर चना-चाट खा रहे थे. उद्धव ठाकरे अपने हिंदुत्व में मुसलमानों की बात करते हैं. अब वे महाराष्ट्र के विधानसभा चुनाव में बड़ी-बड़ी बातें करेंगे. उन्हें मुसलमानों का वोट चाहिए, लेकिन जब वक्फ को बर्बाद करने का बिल लाया जा रहा था तो ये लोग (उद्धव ठाकरे के सांसद) पीठ दिखाकर भाग गए. अब महाराष्ट्र के मुसलमानों को अपने दोस्त और दुश्मन को पहचानना पड़ेगा.

यह बिल संविधान के मूल ढांचे का उल्लंघन करता है'

इसे पहले इस बिल पर सवाल उठाते हुए एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने कहा था, 'केंद्र सरकार लगातार वक्फ बोर्ड की संपत्तियों पर सवाल उठा रही है. इसकी तुलना छोटे-छोटे खाड़ी देशों की अर्थव्यवस्थाओं से हो रही है. भारत एक बहुत बड़ा देश है और गल्फ देशों से इसकी तुलना करना गलत है. ये बिल संविधान के अनुच्छेद 14, 15 और 25 के नियमों का उल्लंघन करता है. ये बिल संविधान के मूल ढांचे का उल्लंघन करता है.'

भारतीय पहलवान विनेश फोगाट को सिल्वर मेडल मिलेगा या नहीं, फिर से टल गया फैसला,अब 13 अगस्त को सुनवाई

भारतीय पहलवान विनेश फोगाट को सिल्वर मेडल मिलेगा या नहीं इस पर फैसला एक बार फिर टल गया है. CAS अब इस मामले पर फैसला 13 अगस्त को सुनाएगी. विनेश फोगाट ने खुद को डिस्क्वालिफाई करने के बाद आर्बिट्रेशन फॉर स्पोर्ट्स (CAS) में अपील की है कि जहां सुनवाई पूरी हो चुकी है. ताजा अपडेट के मुताबिक, अब 13 अगस्त को शाम 6 बजे तक इस मामले पर फैसला आ सकता है.

क्या था मामला?

विनेश फोगाट को महिलाओं की 50 किलोग्राम वेट कैटेगरी के फाइनल से पहले ही डिस्क्वालिफाई कर दिया गया था क्योंकि गुरुवार 7 अगस्त को होने वाले फाइनल की सुबह वजन नापने के दौरान उनका वेट तय सीमा से 100 ग्राम ज्यादा पाया गया था. ओलंपिक में रेसलिंग का संचालन करने वाली संस्था, यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग (UWW), के नियमों के मुताबिक कोई भी रेसलर अपने वजन से ज्यादा पाए जाने पर पूरे टूर्नामेंट से अयोग्य घोषित हो जाता है और मेडल जीतने की स्थिति में होने के बाद भी उसे वो पदक नहीं मिलता.

विनेश के साथ भी ऐसा ही हुआ और 100 ग्राम ज्यादा वजन के कारण उन्हें बाहर कर दिया गया. इसके चलते विनेश को फाइनल में पहुंचने पर कम से कम जो सिल्वर मेडल मिलना था, वो भी उनसे छिन गया और उन्हें सभी पहलवानों में आखिरी स्थान पर रखा गया. इसके बाद विनेश ने 7 अगस्त की शाम को ही CAS में अपील दाखिल की, जिसमें सबसे पहले तो फाइनल को रोकने और उन्हें फिर से मौका दिए जाने की मांग की गई थी. CAS ने इसे तुरंत ठुकरा दिया था और कहा था कि वो फाइनल को नहीं रोक सकते. इसके बाद विनेश की ओर से अपील में बदलाव किया गया था और संयुक्त रुप से सिल्वर मेडल दिए जाने की मांग की गई थी.

डिस्क्वालिफिकेशन के बाद लिया संन्यास

इस अपील के बाद अगले ही दिन 29 साल की विनेश ने कुश्ती से संन्यास का ऐलान कर दिया था और कहा था कि उनके पास अब आगे लड़ने की ताकत नहीं बची. वहीं इस स्थिति में मेडल से चूकने के बाद पूरे देश में निराशा, दुख और गुस्से का माहौल बन गया था. यहां तक कि संसद में भी ये मामला उठा था और विपक्ष ने सरकार से हस्तक्षेप की मांग की थी. वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी भारतीय ओलंपिक संघ की अध्यक्ष पीटी ऊषा से बात की, जो पेरिस में ही मौजूद हैं. पीएम ने उनसे मामले की पूरी जानकारी मांगी और हर संभव मदद करने को कहा.

नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी का बड़ा बयान : अल्पसंख्यक समुदाय का साथ रहा, तो 2025 में गठबंधन की बनेगी सरकार

डेस्क : बिहार विधान सभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव का बड़ा बयान सामने आया है। उन्होंने दावा किया है कि अगर बिहार में अल्पसंख्यक समुदाय का साथ रहा, तो 2025 में गठबंधन की सरकार बनेगी। वहीं उन्होंने सबसे बड़ी बात जो कही है वह यह है कि अगर नीतीश कुमार मुख्यमंत्री बने रहे, तो राजद को आगामी चुनाव में चार गुना सीटें मिलेंगी। नीतीश कुमार सामने रहेंगे, तो इससे आरजेडी मजबूत होगी।

दरअसल बीते शनिवार को तेजस्वी यादव राजद प्रदेश कार्यालय के कर्पूरी सभागार में आयोजित अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ की बैठक को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान अल्पसंख्यकों से आह्वान करते हुए कहा कि आप साथ दें, आपकी भागीदार मैं तय करूंगा। अल्पसंख्यकों का उचित साथ मिलेगा, तो सूबे में सरकार जरूर बनेगी। 

उन्होंने दावा किया कि सबसे पहले लालू प्रसाद ने बिहार में अल्पसंख्यक मंत्रालय बनाया। इसके बाद यह मंत्रालय देश में बना। सीएम बनते ही लालू प्रसाद ने देश में कमंडल के खिलाफ मंडल शुरू किया था। लालकृष्ण आडवाणी को गिरफ्तार करके माहौल को ठीक किया था। वक्फ संशोधन बिल के खिलाफ आरजेडी सांसदों ने संसद में मजबूती से लड़ाई लड़ी। पहली बार भाजपा ने किसी बिल को जेपीसी (ज्वाइंट पार्लियामेंटरी कमेटी) में भेजा है।

पूर्व विदेश मंत्री कुंवर नटवर सिंह का गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में ली अंतिम सांस 

पूर्व विदेश मंत्री कुंवर नटवर सिंह का शनिवार रात निधन हो गया है. 93 वर्ष के नटवर सिंह एक समय पर गांधी परिवार के बेहद ही करीबी और वफादार थे. हालांकि साल 2008 में नटवर सिंह ने कांग्रेस छोड़ दी थी और बगावत पर उतर आए थे. नटवर सिंह की बगावत उनकी किताब 'वन लाइफ इज नॉट इनफ : एन आटोबायोग्राफी' में खुलकर नजर आई. जिसमें उन्होंने गांधी परिवार को लेकर कई बड़े खुलासे किए.

राजस्थान के भरतपुर जिले में जन्मे नटवर सिंह पढ़ाई में बहुत तेज थे. सेंट स्टीफंस कॉलेज से पढ़ाई के बाद नटवर इंग्लैंड चले गए और कैंब्रिज में दाखिल ले लिया. नेहरू गांधी के करीबी कृष्णा मेनन ने नटवर सिंह को सिविल सर्विसेस एग्जाम से जुड़ी टिप्स दी थी. नटवर सिंह ने सिविल सर्विसेस का एग्जाम क्लियर करके IFS (भारतीय विदेश सेवा) अधिकारी के तौर पर कई सालों तक सेवाएं दी.

नटवर सिंह का राजनीतिक सफ़र

कुछ सालों बाद नटवर सिंह भारत वापस आए गए और उन्होंने प्रधानमंत्री नेहरू गांधी के दफ्तर में काम करना शुरू कर दिया. इस दौरान उन्हें ताकतवर नौकरशाह पीएन हक्सर के साथ काम करने का मौका भी मिला. इंदिरा गांधी जब प्रधानमंत्री बनीं उस दौरान नटवर सिंह को राजनीति में आने का मौका मिला. कहा जाता है कि नटवर सिंह ने ही इंदिरा गांधी के सामने राजनीति में आने की इच्छा जाहिर की थी. जिसे इंदिरा गांधी ने स्वीकार कर लिया था. इंदिरा गांधी ने नटवर सिंह को राज्यसभा से लाने का सोचा. लेकिन कांग्रेस से जुड़े कुछ लोगों को ये पसंद नहीं आया और उन्होंने नटवर सिंह को लोकसभा चुनाव लड़ाने की बात रखी. साल 1984 में इंदिरा गांधी की हत्या के बाद नटवर सिंह ने भरतपुर से लोकसभा चुनाव लड़ा और जीत हासिल की.

सोनिया गांधी के बनें वफादार

राजीव गांधी के मंत्रिपरिषद में नटवर सिंह को राज्यमंत्री बनाया गया और यहां से ही नटवर सिंह का राजनीतिक करियर की शुरूआत हुई. राजीव गांधी की हत्या के बाद पार्टी का सारा भार सोनिया गांधी पर आ गया. इस दौरान नटवर सिंह ने सोनिया गांधी की काफी मदद की. साल 1991 में नटवर सिंह की सलाह पर ही सोनिया गांधी पीएन हक्सर से मिली और पीएम किसको बनाया जाए, ये सलाह ली... पीएन हक्सर ने तत्कालीन उपराष्ट्रपति शंकरदयाल शर्मा का नाम आगे किया. लेकिन शंकरदयाल शर्मा ने पीएम बनने से मना कर दिया. इसके बाद पीएन हक्सर ने नरसिम्हा राव का नाम सुझाया और उन्हें पीएम बनाया गया. हालांकि बाद में नरसिम्हा राव और सोनिया गांधी के बीच कई मुद्दों पर विवाद हुआ.

नटवर सिंह सोनिया गांधी के सियासी गुरु बनें और उन्होंने सोनिया गांधी की हिंदी सुधारी. साथ ही राजनीति में उनकी पकड़ मजबूत कराई. उस दौरान सोनिया गांधी नटवर सिंह पर काफी भरोसा करती थी और एक-एक बात उनसे शेयर करती थी.

इस वजह से छोड़ी कांग्रेस

यूपीए-1 में नटवर सिंह विदेश मंत्री बनें. लेकिन ईरान से तेल के बदले अनाज कांड सामने आने के बाद उन्हें कैबिनेट से बाहर कर दिया गया. इसके बाद वो बागी हो गए और उन्हें अपनी आत्मकथा 'वन लाइफ इज नॉट इनफ' में गांधी परिवार से जुड़े कई खुलासे किए. जिसमें सोनिया गांधी की कड़ी आलोचना की. उन्होंने ये दावा भी किया कि किताब के प्रकाशन से पहले सोनिया गांधी और प्रियंका गांधी उनसे मिलने आई थी. लेकिन उन्होंने किताब से कोई हिस्सा नहीं हटाया.

ओलंपिक रिकॉर्ड बनाने के बाद भी खुश नहीं अरशद नदीम!

अरशद नदीम ने इस ऐतिहासिक प्रदर्शन के बाद जियो सिनेमा से बात करते हुए कहा, ‘मैं बहुत खुश हूं. भाग लेने वाले सैकड़ों देशों में से पाकिस्तान और भारत ने अच्छा प्रदर्शन किया. नीरज ने बुडापेस्ट में 2023 वर्ल्ड चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीता था और यह मेरे लिए एक सुनहरा पल था. हमारी दोस्ती बहुत मजबूत है और मैं चाहता हूं कि यह लंबे समय तक जारी रहे. तभी अरशद नदीम से उनके ओलंपिक रिकॉर्ड थ्रो के बारे में पूछा गया. इसके जवाब में उन्होंने कहा, ‘मैंने इसे कई बार देखा और मुझे लगता है कि मैं इससे भी बेहतर कर सकता हूं. मुझे उम्मीद है कि एक दिन मैं अपनी इस क्षमता का प्रदर्शन कर पाऊंगा. कहीं ना कहीं अरशद नदीम को इससे ज्यादा बेहतर थ्रो की उम्मीद थी.

जैवलिन थ्रो में होगी क्रिकेट जैसी टक्कर?

दूसरी और नीरज चोपड़ा से जब पूछा गया कि क्या दोनों की सफलता से भारत और पाकिस्तान दोनों में एथलेटिक्स लोकप्रिय होगी तो उन्होंने कहा, ‘यह पहले से ही बहुत बढ़ चुकी है. हम पहले से ही भारत में अधिक प्रतिभाशाली भाला फेंक एथलीट देख रहे हैं. पाकिस्तान में भी यही हो रहा है. जब हम पिछले साल एशियाई खेलों में गए, अरशद घुटने की चोट के कारण हिस्सा नहीं ले सके थे तो उनकी जगह खेलने आए यासिर सुल्तान ने बहुत अच्छे थ्रो फेंके.अरशद का मेडल और ज्यादा बच्चों को प्रेरित करेगा जो बहुत बढ़िया है.

वहीं, यह पूछने पर कि क्या भारत-पाकिस्तान प्रतिद्वंद्विता क्रिकेट से हटकर भाला फेंक में बदल जाएगी तो इस पर नीरज ने कहा, ‘यह तभी संभव होगा जब हमारे पास क्रिकेट की तरह काफी कॉम्पिटिशन हों. हमारे पास दो बड़ी कॉम्पिटिशन हैं. चार साल में ओलंपिक और दो साल में वर्ल्ड चैंपियनशिप. अगर ज्यादा कॉम्पिटिशन होते तो ज्यादा से ज्यादा लोग इसे देखेंगे जैसे डायमंड लीग और कुछ अन्य कॉम्पिटिशन को देखते हैं.

बेंगलुरु से कोलकाता तक जाने वाली एसएमबीटी हावड़ा एक्सप्रेस ट्रेन की टिकट के दाम ने इंटरनेट पर मचा दी खलबली

लंबी दूरी तय करनी हो तो कार या बस के मुकाबले ट्रेन सबसे सस्ता पड़ता है. अगर आपके लिए समय पैसों से ज्यादा मूल्यवान है तो आप फ्लाइट से सफर कर सकते हैं. वहीं कम पैसे में लंबी दूरी की यात्रा करने के लिए ट्रेन सबसे बेस्ट ऑप्शन है. हालांकि, एक ट्रेन के टिकट का दाम महंगे फ्लाइट को टक्कर दे रहा है. बेंगलुरु से कोलकाता तक जाने वाली एसएमवीबी हावड़ा एक्सप्रेस ट्रेन के टिकट के दाम ने इंटरनेट पर खलबली मचा दी है. सेकेंड एसी क्लास के टिकट के दाम देखकर लोग चौंक गए हैं.

रेडिट यूजर ने शेयर की पोस्ट

एक रेडिट यूजर ने प्रीमियम तत्काल बुकिंग के जरिए 9 अगस्त को सेकेंड एसी टिकट के दाम का स्क्रीनशॉट शेयर किया है, जिसके मुताबिक बेंगलुरु से कोलकाता तक जाने के लिए यात्री को 10,100 रुपये चुकाने होंगे. दस हजार से भी ज्यादा महंगे ट्रेन टिकट का स्क्रीनशॉट शेयर करते हुए यूजर ने आश्चर्य जताया कि आखिर कौन इतने महंगा टिकट खरीद रहा है. पोस्ट शेयर करने वाले यूजर की तरफ से दी गई जानकारी के मुताबिक, आमतौर पर इस टिकट का दाम करीब 2900 रुपये रहता है.

लोगों को लगा शॉक

बेंगलुरु से कोलकाता तक के ट्रेन टिकट का दाम देखकर लोगों को जबरदस्त शॉक लगा है. कई यूजर्स का कहना है कि इतने पैसे देकर ट्रेन में सफर करने से अच्छा है कि इतने ही पैसों में फ्लाइट से सफर कर लिया जाए. रेडिट पोस्ट पर कमेंट करते हुए एक यूजर ने लिखा, "मुझे यात्रियों के साथ-साथ आईआरसीटीसी का भी यह व्यवहार समझ नहीं आ रहा है. क्यों न 'प्रीमियम' को नियमित तत्काल किराये के दोगुना की तरह एक निश्चित सीमा तक सीमित रखा जाए". टिकट के दाम पर तंज कसते हुए दूसरे यूजर ने लिखा, "कोई भी व्यक्ति सेकंड एसी में बिना टिकट यात्रा कर सकता है और जुर्माना अदा कर सकता है और यह 10 हजार से कम होगा."