नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी का बड़ा बयान : अल्पसंख्यक समुदाय का साथ रहा, तो 2025 में गठबंधन की बनेगी सरकार

डेस्क : बिहार विधान सभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव का बड़ा बयान सामने आया है। उन्होंने दावा किया है कि अगर बिहार में अल्पसंख्यक समुदाय का साथ रहा, तो 2025 में गठबंधन की सरकार बनेगी। वहीं उन्होंने सबसे बड़ी बात जो कही है वह यह है कि अगर नीतीश कुमार मुख्यमंत्री बने रहे, तो राजद को आगामी चुनाव में चार गुना सीटें मिलेंगी। नीतीश कुमार सामने रहेंगे, तो इससे आरजेडी मजबूत होगी।

दरअसल बीते शनिवार को तेजस्वी यादव राजद प्रदेश कार्यालय के कर्पूरी सभागार में आयोजित अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ की बैठक को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान अल्पसंख्यकों से आह्वान करते हुए कहा कि आप साथ दें, आपकी भागीदार मैं तय करूंगा। अल्पसंख्यकों का उचित साथ मिलेगा, तो सूबे में सरकार जरूर बनेगी। 

उन्होंने दावा किया कि सबसे पहले लालू प्रसाद ने बिहार में अल्पसंख्यक मंत्रालय बनाया। इसके बाद यह मंत्रालय देश में बना। सीएम बनते ही लालू प्रसाद ने देश में कमंडल के खिलाफ मंडल शुरू किया था। लालकृष्ण आडवाणी को गिरफ्तार करके माहौल को ठीक किया था। वक्फ संशोधन बिल के खिलाफ आरजेडी सांसदों ने संसद में मजबूती से लड़ाई लड़ी। पहली बार भाजपा ने किसी बिल को जेपीसी (ज्वाइंट पार्लियामेंटरी कमेटी) में भेजा है।

पूर्व विदेश मंत्री कुंवर नटवर सिंह का गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में ली अंतिम सांस 

पूर्व विदेश मंत्री कुंवर नटवर सिंह का शनिवार रात निधन हो गया है. 93 वर्ष के नटवर सिंह एक समय पर गांधी परिवार के बेहद ही करीबी और वफादार थे. हालांकि साल 2008 में नटवर सिंह ने कांग्रेस छोड़ दी थी और बगावत पर उतर आए थे. नटवर सिंह की बगावत उनकी किताब 'वन लाइफ इज नॉट इनफ : एन आटोबायोग्राफी' में खुलकर नजर आई. जिसमें उन्होंने गांधी परिवार को लेकर कई बड़े खुलासे किए.

राजस्थान के भरतपुर जिले में जन्मे नटवर सिंह पढ़ाई में बहुत तेज थे. सेंट स्टीफंस कॉलेज से पढ़ाई के बाद नटवर इंग्लैंड चले गए और कैंब्रिज में दाखिल ले लिया. नेहरू गांधी के करीबी कृष्णा मेनन ने नटवर सिंह को सिविल सर्विसेस एग्जाम से जुड़ी टिप्स दी थी. नटवर सिंह ने सिविल सर्विसेस का एग्जाम क्लियर करके IFS (भारतीय विदेश सेवा) अधिकारी के तौर पर कई सालों तक सेवाएं दी.

नटवर सिंह का राजनीतिक सफ़र

कुछ सालों बाद नटवर सिंह भारत वापस आए गए और उन्होंने प्रधानमंत्री नेहरू गांधी के दफ्तर में काम करना शुरू कर दिया. इस दौरान उन्हें ताकतवर नौकरशाह पीएन हक्सर के साथ काम करने का मौका भी मिला. इंदिरा गांधी जब प्रधानमंत्री बनीं उस दौरान नटवर सिंह को राजनीति में आने का मौका मिला. कहा जाता है कि नटवर सिंह ने ही इंदिरा गांधी के सामने राजनीति में आने की इच्छा जाहिर की थी. जिसे इंदिरा गांधी ने स्वीकार कर लिया था. इंदिरा गांधी ने नटवर सिंह को राज्यसभा से लाने का सोचा. लेकिन कांग्रेस से जुड़े कुछ लोगों को ये पसंद नहीं आया और उन्होंने नटवर सिंह को लोकसभा चुनाव लड़ाने की बात रखी. साल 1984 में इंदिरा गांधी की हत्या के बाद नटवर सिंह ने भरतपुर से लोकसभा चुनाव लड़ा और जीत हासिल की.

सोनिया गांधी के बनें वफादार

राजीव गांधी के मंत्रिपरिषद में नटवर सिंह को राज्यमंत्री बनाया गया और यहां से ही नटवर सिंह का राजनीतिक करियर की शुरूआत हुई. राजीव गांधी की हत्या के बाद पार्टी का सारा भार सोनिया गांधी पर आ गया. इस दौरान नटवर सिंह ने सोनिया गांधी की काफी मदद की. साल 1991 में नटवर सिंह की सलाह पर ही सोनिया गांधी पीएन हक्सर से मिली और पीएम किसको बनाया जाए, ये सलाह ली... पीएन हक्सर ने तत्कालीन उपराष्ट्रपति शंकरदयाल शर्मा का नाम आगे किया. लेकिन शंकरदयाल शर्मा ने पीएम बनने से मना कर दिया. इसके बाद पीएन हक्सर ने नरसिम्हा राव का नाम सुझाया और उन्हें पीएम बनाया गया. हालांकि बाद में नरसिम्हा राव और सोनिया गांधी के बीच कई मुद्दों पर विवाद हुआ.

नटवर सिंह सोनिया गांधी के सियासी गुरु बनें और उन्होंने सोनिया गांधी की हिंदी सुधारी. साथ ही राजनीति में उनकी पकड़ मजबूत कराई. उस दौरान सोनिया गांधी नटवर सिंह पर काफी भरोसा करती थी और एक-एक बात उनसे शेयर करती थी.

इस वजह से छोड़ी कांग्रेस

यूपीए-1 में नटवर सिंह विदेश मंत्री बनें. लेकिन ईरान से तेल के बदले अनाज कांड सामने आने के बाद उन्हें कैबिनेट से बाहर कर दिया गया. इसके बाद वो बागी हो गए और उन्हें अपनी आत्मकथा 'वन लाइफ इज नॉट इनफ' में गांधी परिवार से जुड़े कई खुलासे किए. जिसमें सोनिया गांधी की कड़ी आलोचना की. उन्होंने ये दावा भी किया कि किताब के प्रकाशन से पहले सोनिया गांधी और प्रियंका गांधी उनसे मिलने आई थी. लेकिन उन्होंने किताब से कोई हिस्सा नहीं हटाया.

ओलंपिक रिकॉर्ड बनाने के बाद भी खुश नहीं अरशद नदीम!

अरशद नदीम ने इस ऐतिहासिक प्रदर्शन के बाद जियो सिनेमा से बात करते हुए कहा, ‘मैं बहुत खुश हूं. भाग लेने वाले सैकड़ों देशों में से पाकिस्तान और भारत ने अच्छा प्रदर्शन किया. नीरज ने बुडापेस्ट में 2023 वर्ल्ड चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीता था और यह मेरे लिए एक सुनहरा पल था. हमारी दोस्ती बहुत मजबूत है और मैं चाहता हूं कि यह लंबे समय तक जारी रहे. तभी अरशद नदीम से उनके ओलंपिक रिकॉर्ड थ्रो के बारे में पूछा गया. इसके जवाब में उन्होंने कहा, ‘मैंने इसे कई बार देखा और मुझे लगता है कि मैं इससे भी बेहतर कर सकता हूं. मुझे उम्मीद है कि एक दिन मैं अपनी इस क्षमता का प्रदर्शन कर पाऊंगा. कहीं ना कहीं अरशद नदीम को इससे ज्यादा बेहतर थ्रो की उम्मीद थी.

जैवलिन थ्रो में होगी क्रिकेट जैसी टक्कर?

दूसरी और नीरज चोपड़ा से जब पूछा गया कि क्या दोनों की सफलता से भारत और पाकिस्तान दोनों में एथलेटिक्स लोकप्रिय होगी तो उन्होंने कहा, ‘यह पहले से ही बहुत बढ़ चुकी है. हम पहले से ही भारत में अधिक प्रतिभाशाली भाला फेंक एथलीट देख रहे हैं. पाकिस्तान में भी यही हो रहा है. जब हम पिछले साल एशियाई खेलों में गए, अरशद घुटने की चोट के कारण हिस्सा नहीं ले सके थे तो उनकी जगह खेलने आए यासिर सुल्तान ने बहुत अच्छे थ्रो फेंके.अरशद का मेडल और ज्यादा बच्चों को प्रेरित करेगा जो बहुत बढ़िया है.

वहीं, यह पूछने पर कि क्या भारत-पाकिस्तान प्रतिद्वंद्विता क्रिकेट से हटकर भाला फेंक में बदल जाएगी तो इस पर नीरज ने कहा, ‘यह तभी संभव होगा जब हमारे पास क्रिकेट की तरह काफी कॉम्पिटिशन हों. हमारे पास दो बड़ी कॉम्पिटिशन हैं. चार साल में ओलंपिक और दो साल में वर्ल्ड चैंपियनशिप. अगर ज्यादा कॉम्पिटिशन होते तो ज्यादा से ज्यादा लोग इसे देखेंगे जैसे डायमंड लीग और कुछ अन्य कॉम्पिटिशन को देखते हैं.

बेंगलुरु से कोलकाता तक जाने वाली एसएमबीटी हावड़ा एक्सप्रेस ट्रेन की टिकट के दाम ने इंटरनेट पर मचा दी खलबली

लंबी दूरी तय करनी हो तो कार या बस के मुकाबले ट्रेन सबसे सस्ता पड़ता है. अगर आपके लिए समय पैसों से ज्यादा मूल्यवान है तो आप फ्लाइट से सफर कर सकते हैं. वहीं कम पैसे में लंबी दूरी की यात्रा करने के लिए ट्रेन सबसे बेस्ट ऑप्शन है. हालांकि, एक ट्रेन के टिकट का दाम महंगे फ्लाइट को टक्कर दे रहा है. बेंगलुरु से कोलकाता तक जाने वाली एसएमवीबी हावड़ा एक्सप्रेस ट्रेन के टिकट के दाम ने इंटरनेट पर खलबली मचा दी है. सेकेंड एसी क्लास के टिकट के दाम देखकर लोग चौंक गए हैं.

रेडिट यूजर ने शेयर की पोस्ट

एक रेडिट यूजर ने प्रीमियम तत्काल बुकिंग के जरिए 9 अगस्त को सेकेंड एसी टिकट के दाम का स्क्रीनशॉट शेयर किया है, जिसके मुताबिक बेंगलुरु से कोलकाता तक जाने के लिए यात्री को 10,100 रुपये चुकाने होंगे. दस हजार से भी ज्यादा महंगे ट्रेन टिकट का स्क्रीनशॉट शेयर करते हुए यूजर ने आश्चर्य जताया कि आखिर कौन इतने महंगा टिकट खरीद रहा है. पोस्ट शेयर करने वाले यूजर की तरफ से दी गई जानकारी के मुताबिक, आमतौर पर इस टिकट का दाम करीब 2900 रुपये रहता है.

लोगों को लगा शॉक

बेंगलुरु से कोलकाता तक के ट्रेन टिकट का दाम देखकर लोगों को जबरदस्त शॉक लगा है. कई यूजर्स का कहना है कि इतने पैसे देकर ट्रेन में सफर करने से अच्छा है कि इतने ही पैसों में फ्लाइट से सफर कर लिया जाए. रेडिट पोस्ट पर कमेंट करते हुए एक यूजर ने लिखा, "मुझे यात्रियों के साथ-साथ आईआरसीटीसी का भी यह व्यवहार समझ नहीं आ रहा है. क्यों न 'प्रीमियम' को नियमित तत्काल किराये के दोगुना की तरह एक निश्चित सीमा तक सीमित रखा जाए". टिकट के दाम पर तंज कसते हुए दूसरे यूजर ने लिखा, "कोई भी व्यक्ति सेकंड एसी में बिना टिकट यात्रा कर सकता है और जुर्माना अदा कर सकता है और यह 10 हजार से कम होगा."

कुश्ती में महिला पहलवान रितिका हुड्डा ने हंगरी की पहलवान को हराकर प्री-क्वार्टर फाइनल में बनाई जगह

76 किलो कैटेगिरी कुश्ती में महिला पहलवान रितिका हुड्डा ने हंगरी की पहलवान को हराकर क्वार्टर फाइनल में जगह बनाई. रितिका ने पेरिस के अखाड़े में कमाल का प्रदर्शन करते हुए हंगरी की पहलवान को एकतरफा अंदाज में हराया. रितिका इस कैटेगिरी में भारत का प्रतिनिधित्व करने वाली पहली महिला पहलवान हैं. रितिका का जबरदस्त पावर गेम देख ऐसा लग रहा है कि ये खिलाड़ी भारत को एक और मेडल जिता सकती है.

भारतीय नौसेना की अफसर हैं रितिका

रोहतक में जन्मीं रितिका भारतीय नौसेना की अफसर हैं. वो चीफ पैटी अफसर के पद पर तैनात हैं. रितिका का करियर ज्यादा लंबा नहीं है ये खिलाड़ी 2022 में वर्ल्ड जूनियर चैंपियनशिप में 72 किलो वर्ग में ब्रॉन्ज मेडल जीतने में कामयाब रही थी. इसके बाद 2023 तिराना में हुई अंडर 23 वर्ल्ड चैंपियनशिप में इस खिलाड़ी ने गोल्ड मेडल अपने नाम किया. 2024 में ही एशियन चैंपियनशिप में रितिका ने 72 किलो वर्ग में ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किया.

रितिका का अगला चैलेंज

रितिका को क्वार्टर फाइनल में दुनिया की नंबर 1 रेसलर एइपेरी मेडेट काइज़ी से भिड़ना है. जाहिर तौर पर ये मुकाबला उनके लिए आसान नहीं होगा. किर्गिस्तान की ये रेसलर 2 बार एशियन चैंपियनशिप जीत चुकी है. ये खिलाड़ी एशियन गेम्स की गोल्ड मेडलिस्ट भी हैं.

क्या रितिका करेंगी अमन सहरावत जैसा कमाल?

पेरिस ओलंपिक में भारतीय टीम को कुश्ती में सिर्फ एक मेडल हासिल हुआ है. ये कारनामा भी अमन सहरावत ने 57 किलो वर्ग में किया था. अमन सहरावत ने ब्रॉन्ज मेडल मैच में एकतरफा अंदाज में जीत हासिल की है. अमन महज 21 साल के हैं और वो ओलंपिक में भारत के लिए मेडल जीतने वाले सबसे युवा खिलाड़ी हैं. रितिका भी महज 22 साल की हैं क्या वो अमन की तरह मेडल जीत पाएंगी, ये देखने वाली बात होगी.

हर घर तिरंगा-2024 कार्यक्रम' को सफल बनाने हेतु हुई बैठक

औरंगाबाद: आज दिनांक-10 अगस्त 2024 को जिला पदाधिकारी श्री श्रीकांत शास्त्री द्वारा संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार के द्वारा निर्देशित 'हर घर तिरंगा-2024 कार्यक्रम' को सफल बनाने हेतु बैठक आहूत की गई।

जिला पदाधिकारी महोदय द्वारा बताया गया कि संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार के दिशा निर्देश के आलोक में हम लोगों को मुख्यतः चार गतिविधियां आयोजित कराया जाना है। 

जिसमें सर्वप्रथम जिला मुख्यालय में तिरंगा यात्रा निकाला जाना है। तिरंगा यात्रा 14 अगस्त को प्रातः 8:00 बजे गेट स्कूल से गांधी मैदान तक जाएगी जिसमें बृहद रूप से सभी जनप्रतिनिधि, छात्र एवं छात्राएं, आशा कार्यकर्ता, आंगनबाड़ी सेविका,जीविका दीदी, एनसीसी एवं स्काउट गाइड के बच्चे एवं पदाधिकारी हाथ में तिरंगा लेकर तिरंगा यात्रा में शामिल होंगे।

तत्पश्चात तिरंगा यात्रा गांधी मैदान पहुंचने के बाद तिरंगा कैनवास स्थापित किए जाएंगे, जहां लोग किसी भी भारतीय भाषा में हर घर तिरंगा और जय हिन्द लिख सकेंगे। कैनवास का डिजाइन राष्ट्रीय ध्वज के समान 3 : 2 में होगा। 

इसके अतिरिक्त हर घर तिरंगा अभियान के तहत सभी घरों में तिरंगा झंडा फहराया जाना है। इसके लिए नगर परिषद एवं जनप्रतिनिधि के द्वारा सभी घरों में तिरंगा उपलब्ध कराया जाएगा।

तिरंगा यात्रा में शामिल होने वाले सभी लोगों को ध्वज फहराने और तिरंगा के साथ सेल्फी लेने और harghartrianga.com वेबसाइट पर अपलोड किया जा सकेगा। साथ में सोशल मीडिया पर और के साथ साझा किया जाएगा।

जिला पदाधिकारी ने सभी अधिकारियों को कार्यक्रम के सफल आयोजन के लिए आवश्यक तैयारी करने के दिशा-निर्देश दिए। 

उक्त बैठक में अपर समाहर्ता ललित रंजन भूषण, सदर एसडीओ संतन कुमार सिंह, जिला पंचायती राज पदाधिकारी इफ्तेखार अहमद, सदर एसडीपीओ, वरीय उपसमाहर्ता श्रीमती रत्ना प्रियदर्शनी एवं श्रीमती श्वेता प्रियदर्शी, डीपीएम स्वास्थ्य अनवर आलम, डीपीएम जीविका सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी अंचल अधिकारी मौजूद रहे।

पूर्व सांसद सुशील कुमार सिंह ने 15 अगस्त तक अपने घरों पर राष्ट्रध्वज फहराकर 'हर घर तिरंगा' मुहिम को मजबूत करने की अपील की

औरंगाबाद: पूर्व सांसद सह भाजपा नेता सुशील कुमार सिंह ने सभी लोगों से आज से लेकर 15 अगस्त तक के बीच अपने- अपने घरों पर राष्ट्रध्वज फहराकर 'हर घर तिरंगा' मुहिम को मजबूत करने की अपील की.

पूर्व सांसद ने कहा कि इस अभियान का मकसद हर भारतीय को तिरंगा फहराने के लिए प्रोत्साहित करके सभी लोगों देशभक्ति और राष्ट्रीय गौरव की भावना को पैदा करना है।22 जुलाई 1947 को ही तिरंगे को राष्ट्रध्वज के रूप में अपनाया गया था आइए उन सभी लोगों को याद करें जिन्होंने हमारे देश के लिए अपने प्राणों की आहुति दी आज हम उन सभी लोगों के साहस और प्रयासों को याद करते हैं जिन्होंने उस समय स्वतंत्र भारत के लिए एक ध्वज का स्वप्न देखा था।प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में 'हर घर तिरंगा' मुहिम अभियान का शुरूआत किया गया हैं।

आज से 15 अगस्त के बीच अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर तिरंगे का इस्तेमाल 'प्रोफाइल' तस्वीर के तौर पर करने के लिए हर किसी को प्रेरित करना है।इस अभियान का शुरूआत किया गया है।देश के गौरव और सम्मान का प्रतीक तिरंगा फहराए और हर घर तिरंगा अभियान में भाग ले।हर घर तिरंगा,हर दिल तिरंगा,हर मन तिरंगा,हर मकसद तिरंगा,हर सपना तिरंगा होना चाहिए।

इस अभियान के तहत सभी घरों पर तिरंगे फहराए जाएंगे सभी लोगों से 13 अगस्त से 15 अगस्त के बीच हर घर तिरंगा आंदोलन में शामिल होने और भारतीय तिरंगा फहराने का आग्रह किया।

बाबर आजम को अरशद नदीम को बधाई देना पड़ा भारी,एक पोस्ट ने पूरे पाकिस्तान में मचाया बवाल

पेरिस ओलंपिक में पाकिस्तान के अरशद नदीम ने जैवलिन थ्रो के फाइनल राउंड में नया रिकॉर्ड बनाते हुए गोल्ड मेडल जीतने में कामयाबी हासिल की. अरशद नदीम की ये जीत पूरे पाकिस्तान के लिए काफी खास रहे. हर कोई उन्हें इस बड़ी उपलब्धि के लिए बधाई दे रहा है, इस लिस्ट में पाकिस्तान क्रिकेट टीम के कप्तान बाबर आजम शामिल हैं. बाबर आजम ने सोशल मीडिया पर अरशद नदीम को बधाई दी, लेकिन इस दौरान उनके एक बड़ी गलती हो गई.

अरशद नदीम को बधाई देना बाबर को पड़ा भारी

अरशद नदीम ने जैवलिन थ्रो के फाइनल राउंड में 92.97 मीटर का थ्रो किया, जो ओलंपिक का एक नया रिकॉर्ड है. अरशद के गोल्ड मेडल जीतते ही बाबर आजम और मोहम्मद रिजवान समेत कई खिलाड़ियों ने सोशल मीडिया पर रिएक्ट किया, लेकिन बाबर इस दौरान एक बड़ी गलती कर बैठे. वाइट बॉल क्रिकेट के मौजूदा कप्तान बाबर आजम ने लिखा, ’30 सालों के बाद पाकिस्तान में वापस गोल्ड आ गया है. इस बड़ी उपलब्धि के लिए अरशद नदीम को बहुत-बहुत बधाई. आपने पूरे देश को गौरवान्वित किया है.

बता दें, पाकिस्तान ने अपना पिछला गोल्ड मेडल 1984 में जीता था. ऐसे में अब पाकिस्तान ने 30 नहीं बल्कि 40 साल के बाद कोई ओलंपिक गोल्ड मेडल जीता है. इसके अलावा 32 साल के बाद ये पहला मौका है जब पाकिस्तान की झोली में ओलंपिक मेडल जीता है. बाबर इस दौरान एक और बड़ी गलती की. उन्होंने अपने ट्वीट में गलत अरशद नदीम को टैग कर दिया, जिसके बाद वह सोशल मीडिया पर ट्रोल हो रहे है. ये पहला मौका नहीं है बाबर इससे पहले भी कई बार अपनी ऐसी गलतियों की वजह से सोशल मीडिया पर ट्रोल हो चुके हैं.

इन क्रिकेटर्स ने भी अरशद को दी बधाई

पाकिस्तान के विकेटकीपर मोहम्मद रिजवान ने पोस्ट करते हुए लिखा, ‘एक असाधारण एथलीट से गोल्ड. आपके ऊपर इससे ज्यादा गर्व नहीं हो सकता है मेरे भाई. आप प्रशंसनीय हैं. अंतर्राष्ट्रीय मंच पर चमक और धूम बरकार रहे. ऑलराउंडर शादाब खान ने भी बधाई देते हुए लिखा, ‘ओलंपिक में संभवतः यह किसी पाकिस्तानी एथलीट की सबसे बड़ी व्यक्तिगत उपलब्धि है. पूरे देश को अरशद नदीम की उपलब्धि पर गर्व है. आपने जिस तरह से देश का प्रतिनिधित्व किया है उसके लिए धन्यवाद.

क्या है मोदी सरकार 3.0 के 100 दिन का एजेंडा?

#modi_govt_100_days_action_plan

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार के पहले सौ दिन खास होते हैं। 2014 के चुनाव जीतकर सत्ता में आई मोदी सरकार ने पहले सौ दिन में ही काला धन को लेकर एसआईटी बनाने जैसे बड़े फैसले लिए। वहीं अपने दूसरे कार्यकाल के पहले सौ दिन में सरकार ने तीन तलाक, जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने जैसे बड़े फैसले लिए।पीएम मोदी की अगुवाई में अब तीसरी बार सरकार बनी है। सरकार गठन को दो महीने यानी 60 दिन से ज्यादा हो चुके हैं। ऐसे में मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल के शुरुआती सौ दिन के एजेंडे को लेकर चर्चा हो रही है। माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 15 अगस्त के मौके पर सरकार के 100 दिन के एजेंड़ों के तहत कई बड़े ऐलान कर सकते हैं।

दरअसल, केंद्र सरकार के सभी मंत्रालयों और विभागों के शीर्ष नौकरशाहों को निर्देश दिया गया है कि वे एक-एक ऐसी प्रभावशाली परियोजनाओं की पहचान करें, जिन्हें नरेन्द्र मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल के पहले 100 दिन में लागू किया जाएगा। कैबिनेट सचिव राजीव गौबा ने सभी सचिवों को भेजे पत्र में यह भी कहा कि मंत्रालयों और विभागों को अपनी नीतियों और योजनाओं को तैयार करने और लागू करने में संपूर्ण सरकार के नजरिये को अपनाना होगा।

पत्र में कहा गया है कि मंत्रालय, विभाग जरूरी मंजूरी पाने के बाद उनके द्वारा तैयार 100 दिन के एजेंडा में कार्य बिंदुओं को लागू करने के लिए कदम उठाएंगे। सचिवों से कहा गया है कि प्रत्येक मंत्रालय और विभाग 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री के संबोधन के दौरान घोषित पंच प्रण के तहत लागू करने के लिए योजनाएं तैयार करेंगे।

इसी साल मार्च में जब लोकसभा चुनावों की तैयारियां चल रही थीं तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी सरकार के सभी मंत्रियों को मंत्रालयों के लिए नई सरकार बनने के बाद पहले 100 दिनों का एजेंडा तैयार करने को कहा था। 21 फरवरी, 2024 को प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में केंद्रीय कैबिनेट की बैठक हुई तो उन्होंने सभी कैबिनेट मंत्रियों को यह निर्देश दिया था। 4 जून को चुनावी नतीजे आने के बाद 9 जून को एक बार फिर से नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में नई सरकार बनी। इसके तुरंत बाद प्रधानमंत्री ने 100 दिन के एजेंडे पर बैठक की।

मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल के पहले 100 दिनों का एजेंडा तैयार करने के लिए भारत सरकार के सचिवों के समूह बनाए गए थे। अलग—अलग सेक्टर के लिए कुल 10 समूह बनाए गए थे। इन सभी समूहों ने अपने प्रेजेंटेशन कैबिनेट सचिव और प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव के सामने दिए थे। 

कुछ प्रमुख लक्ष्यों में नए आपराधिक कानूनों को लागू करना और जम्मू कश्मीर में चुनाव कराना खास हैं। गृह मंत्रालय जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव सफलतापूर्वक संपन्न कराने पर ध्यान केंद्रित कर सकता है। अमित शाह ने कहा था कि केंद्र सरकार 30 सितंबर की सुप्रीम कोर्ट की समयसीमा से पहले चुनाव प्रक्रिया पूरी करना चाहती है। इसके अलावा ई—कॉमर्स, डाटा प्रोटेक्शन और विदेश व्यापार से संबंधित नीतियों में सुधार करने को भी इस एजेंडे में शामिल किया गया है।इस 100 दिवसीय एजेंडे में एक प्रमुख चर्चा विवादास्पद अग्निपथ सैन्य भर्ती योजना के बारे में हो सकती है, जिसकी गैर-भाजपा एनडीए सहयोगी समीक्षा चाहते हैं।

सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय मोदी के तीसरे कार्यकाल के पहले 100 दिनों में 3,000 किलोमीटर राजमार्ग परियोजनाओं को पूरा करने की योजना बना रहा है। इसके अलावा, यह 700 किलोमीटर लंबे हाई-स्पीड कॉरिडोर को भी चालू कर सकता है। कुछ सूत्रों ने बताया कि दुर्घटना पीड़ितों के लिए कैशलेस उपचार की योजना को भी लागू किया जा सकता है।

यहीं रहेंगे, वापस नहीं जाएंगे..', बांग्लादेश बॉर्डर पर नो मेंस लैंड में फंसे सैकड़ों हिन्दू, BSF ने भारत में घुसने से रोका

 बांग्लादेश में चल रही हिंसा के कारण वहाँ के नागरिक भारत में अवैध रूप से घुसने की कोशिश कर रहे हैं। उत्तर बंगाल की अंतरराष्ट्रीय सीमा पर तैनात सीमा सुरक्षा बल (BSF) ने ऐसी कई कोशिशों को नाकाम कर दिया। BSF ने बताया कि बांग्लादेश के ठाकुरगाँव जिले के करीब 200 ग्रामीणों ने भारत में घुसने की कोशिश की, जिनमें से ज्यादातर अवामी लीग के सदस्य और हिंदू थे। BSF ने उन्हें रोकने के लिए हवा में गोलियाँ चलाईं।

उत्तर बंगाल फ्रंटियर BSF ने सोशल मीडिया साइट 'एक्स' (पूर्व में ट्विटर) पर बताया कि उन्होंने सतर्कता बरतते हुए बांग्लादेश बॉर्डर गार्ड (BGB) के साथ समन्वय कर, इन नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित की और किसी भी सीमा उल्लंघन को रोका। हालाँकि, ग्रामीण बांग्लादेश लौटने से इनकार कर रहे हैं, क्योंकि भीड़ अवामी लीग के सदस्यों और हिंदुओं की तलाश कर रही है। भागे हुए लोग नो-मैन्स लैंड में ही फँसे हुए हैं, जहाँ सीमा पर बाड़ नहीं है। BSF ने उन्हें भारत से बाहर रखने के लिए एक मानव अवरोध बनाया।

BSF के DIG (उत्तर बंगाल फ्रंटियर) अमित त्यागी के अनुसार, ग्रामीण अभी भी अंतरराष्ट्रीय सीमा से 200 से 500 मीटर की दूरी पर डटे हुए हैं। करीब 600 बांग्लादेशी नो-मैन्स लैंड में हैं और भारत में प्रवेश की माँग कर रहे हैं। BSF और BGB, दोनों उन्हें वापस लौटने के लिए कह रहे हैं, लेकिन वे मना कर रहे हैं। सोशल मीडिया पर साझा किए गए वीडियो में दिखाया गया है कि ठाकुरगाँव जिले के टेम्काभिता गाँव से बांग्लादेशी हिंदू और अन्य लोग नदी पार कर भारत में प्रवेश करने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन भीड़ द्वारा उन्हें निशाना बनाया जा रहा है। गाँव के लोग घर-बार छोड़कर जरूरी सामान के साथ पश्चिम बंगाल के उत्तरी दिनजापुर जिले की सीमा पर पहुँचे, जहाँ BSF ने उन्हें रोका हुआ है।

रिपोर्ट के अनुसार, सीमा पर कई जगहों पर इसी तरह के दृश्य देखने को मिल रहे हैं। एक अन्य स्थान पर BSF ने छह लोगों को जीरो पॉइंट पर रोका है, जहाँ सीमा पर कंटीले तारों की बाड़ नहीं है, जिससे यह जगह सीमा पार करने के लिए आकर्षक बन गई है। इसके कारण BSF कर्मियों पर काफी दबाव बढ़ गया है। स्थिति और गंभीर तब हो गई जब मंगलवार, 6 अगस्त 2024 की रात को अवामी लीग के पूर्व सांसद कमरुल अरेफिन, उनकी पत्नी और दो बेटियाँ पेट्रापोल-बेनापोल सीमा क्रॉसिंग पर बिना वैध वीजा के भारत में प्रवेश करने की कोशिश कर रहे थे। उन्होंने अपने देश में जान का खतरा बताते हुए भारत में प्रवेश की अपील की, लेकिन BSF ने उन्हें रोककर वापस बांग्लादेश भेज दिया, जहाँ BGB ने उन्हें हिरासत में ले लिया। इसी तरह BGB ने दर्शना सीमा चौकी पर अवामी लीग के दो और राजनेताओं को रोक लिया।