देश ही नहीं विदेश के उद्योगपतियों की बिहार में बढ़ रही रुचि, अडानी के बाद अब आस्ट्रेलिया ने इस क्षेत्र में निवेश की जताई इच्छा*
डेस्क : एक समय था कि बिहार के नाम सुनते ही उद्योगपति हड़क जाते थे। लेकिन अब हालात बदल रहे है। देश ही नहीं विदेश के उद्योगपति भी बिहार में निवेश करने में रुची ले रहे है। पिछले दिनों देश के बड़े उद्योगपति अडानी ने बिहार में 1600 करोड़ के लागत से सीमेंट प्लांट लगाने की शुरुआत की। वहीं अब आस्ट्रेलिया ने बिहार में निवेश की इच्छा जताई है। आस्ट्रेलिया ने बिहार में गैर परम्परागत बिजली उत्पादन के क्षेत्र में निवेश करने की इच्छा जताई है। कोलकाता में आस्ट्रेलिया के कांसुलेट जनरल एच ब्वायलान ने इस संबंध में सूबे के ऊर्जा मंत्री बिजेन्द्र प्रसाद यादव से मिलने के लिए समय मांगा है। कांसुलेट जनरल दो दिवसीय दौरे पर 12 और 13 अगस्त को बिहार आ रहे हैं। दो दिवसीय दौरे में कांसुलेट जनरल मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सहित अन्य मंत्रियों से भी मिल सकते हैं। बिहार में बिजली के क्षेत्र में हो रहे कार्यों से आस्ट्रेलिया भी अवगत है। चूंकि राज्य में गैर परम्परागत बिजली उत्पादन की असीम संभावना है। बिहार सरकार जल-जीवन-हरियाली मिशन के तहत भी गैर परम्परागत बिजली को बढ़ावा दे रही है। अब तक 3500 से अधिक सरकारी भवनों पर सोलर पावर प्लांट लगाए जा चुके हैं। आगामी दो वर्षों में नौ हजार सरकारी भवनों में सोलर प्लेट लगाने की योजना की मंजूरी दी गई है। देश-विदेश की कंपनियों को आमंत्रित किया गया है कि वे बिहार आकर इस क्षेत्र में निवेश करें। इसे देखते हुए ही आस्ट्रेलिया के कांसुलेट जनरल ने बिहार में निवेश करने को लेकर ऊर्जा मंत्री से मिलने का समय मांगा है। इस मुलाकात के दौरान ऊर्जा मंत्री बिहार में गैर परम्परागत बिजली के क्षेत्र में मौजूद असीम संभावनाओं पर उनसे विमर्श करेंगे। अगर आस्ट्रेलिया ने निवेश करने की इच्छा व्यक्त की तो उसे बिहार सरकार की ओर से हर संभव सहायता भी दी जाएगी। गौरतलब है कि बिहार में गैर परम्परागत बिजली का भरपूर उत्पादन हो सकता है। खासकर सोलर के क्षेत्र में बिहार में असीम संभावनाएं हैं। केंद्र सरकार की ओर से किए गए हालिया सर्वेक्षण रिपोर्ट के अनुसार बिहार में 16 हजार मेगावाट गैर परम्परागत बिजली का उत्पादन हो सकता है। केंद्र सरकार ने बिहार में 11 हजार 200 मेगावाट सोलर बिजली का उत्पादन होने की संभावना जताई है। इसके अलावा राज्य में 3650 मेगावाट पवन ऊर्जा का उत्पादन हो सकता है। राज्य में नदी-नहर की भरमार है। बड़ी जलविद्युत परियोजना को छोड़ भी दें तो छोटी-छोटी इकाई लगाकर पनबिजली उत्पादित की जा सकती है। छोटी इकाईयों से 527 मेगावाट पनबिजली का उत्पादन हो सकता है। बिहार में बायोमास की भी संभावना है और इससे 619 मेगावाट बिजली का उत्पादन हो सकता है। सहायक इकाईयों से बिहार में 300 मेगावाट बिजली उत्पादित की जा सकती है। जबकि वेस्ट (बेकार) पदार्थ से राज्य में 73 मेगावाट बिजली उत्पादित हो सकती है।
Aug 08 2024, 16:56