“तब मुझे निकाला था और आज...” हसीना के तख्तापलट पर तसलीमा का तंज
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निर्वासित बांग्लादेशी लेखिका तसलीमा नसरीन ने छात्र-नेतृत्व वाले विरोध प्रदर्शनों के बीच बांग्लादेश की अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना को लेकर बड़ी बात कही है। तसलीमा नसरीन ने कहा कि शेख हसीना को इस्तीफा देकर देश छोड़ना पड़ा। अपनी स्थिति के लिए वे खुद जिम्मेदार हैं। उन्होंने कट्टरपंथियों को पनपने दिया। तसलीमा नसरीन ने शेख हसीना पर अपनी भड़ास निकाली है और कहा है कि जिन इस्लामियों को खुश करने के लिए शेख हसीना ने मुझे देश से निकाल दिया और अब उन्हीं लोगों ने उन्हें देश से निकाल फेंका है।
तस्लीमा नसरीन ने पहले ही एक पोस्ट में कहा था, शेख हसीना पर "इस्लामवादियों को बढ़ाने" और भ्रष्टाचार में शामिल लोगों को पनपने देने का आरोप लगाया। उन्होंने अपने देश में सेना शासन के खिलाफ भी बात की और लोकतंत्र की वकालत की। तस्लीमा ने कहा कि आज "हसीना को इस्तीफा देकर देश छोड़ना पड़ा। वह अपनी स्थिति के लिए खुद जिम्मेदार थीं। उन्होंने इस्लामवादियों को बढ़ने दिया। उन्होंने अपने लोगों को भ्रष्टाचार में शामिल होने की इजाजत दी। अब बांग्लादेश को पाकिस्तान जैसा नहीं बनना चाहिए। सेना को शासन नहीं करना चाहिए। राजनीतिक दलों को लोकतंत्र और धर्मनिरपेक्षता को वापस लाना चाहिए।''
तसलीमा नसरीन ने अपने दूसरे पोस्ट में लिखा, 'शेख हसीना ने इस्लामियों को खुश करने के लिए 1999 में मुझे मेरे देश से बाहर निकाल दिया। जब मैं अपनी मां को उनकी मृत्युशय्या पर देखने के लिए बांग्लादेश में दाखिल हुई थी और मुझे फिर कभी देश में प्रवेश नहीं करने दिया। वही, इस्लामवादी छात्र आंदोलन में शामिल रहे हैं, जिन्होंने आज शेख हसीना को देश छोड़ने के लिए मजबूर किया।'
बता दें कि तसलीमा नसरीन को 1994 में अपनी पुस्तक "लज्जा" को लेकर कट्टरपंथी संगठनों द्वारा मौत की धमकियों के चलते बांग्लादेश छोड़ना पड़ा था। 1993 में लिखी गई इस पुस्तक पर बांग्लादेश में प्रतिबंध लगा दिया गया था, लेकिन यह अन्य जगहों पर बेस्टसेलर बन गई। हसीना की कट्टर प्रतिद्वंद्वी खालिदा जिया उस समय प्रधानमंत्री थीं, लेखिका तब से निर्वासन की जिंदगी बिता रही हैं।
गौरतलब है कि बांग्लादेश में रविवार को सबसे घातक हिंसक प्रदर्शन हुआ जिसमें पुलिस के साथ झड़प में लगभग 100 प्रदर्शनकारियों की मौत हो गई। इसके परिणामस्वरूप, प्रदर्शनकारियों ने सोमवार को प्रधान मंत्री आवास में तोड़फोड़ की थी। इसके बाद बदलते घटनाक्रम में शेख हसीना ने सीधे टकराव से खुद को दूर रखा और अपने पद से इस्तीफा दे दिया था और एक सैन्य विमान में बैठकर देश छोड़कर चली गईं। देश के सेना प्रमुख ने कुछ घंटों बाद एक प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई और घोषणा की कि देश को चलाने के लिए एक अंतरिम सरकार बनाई जाएगी।





बांग्लादेश में बिगड़े हालातों पर आज संसद भवन में सर्वदलीय बैठक हुई है। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने वहां के हालातों और भारत की स्थिति पर जानकारी दी है। इस मसले पर आज संसद में भी विदेश मंत्री ने स्थिति के बारे में जानकारी दी। मंगलवार को विदेश मंत्री एस जयशंकर ने लोकसभा और राज्यसभा में बांग्लादेश हिंसा पर भारत सरकार की ओर से अपना पक्ष रखा। *शेख हसीना ने मांगा था सहयोग* बांग्लादेश के ताजा हालात पर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि वहां की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने आनन-फानन में हमसे भारत आने का अनुरोध किया और भारत सरकार ने उनके सुरक्षित भारत आने की व्यवस्था की। एस जयंशकर ने कहा कि भारत और बांग्लादेश के रिश्ते बहुत मजबूत हैं। बांग्लादेश की सत्ता से शेख हसीना को हटाना ही प्रदर्शन का एक मात्र एजेंडा था। *बांग्लादेश 90 हजार भारतीय मौजूद* एस जयशंकर ने कहा कि भारत सरकार बांग्लादेश में अपने नागरिकों के संपर्क में है। इस वक्त वहां करीब 90 हजार भारतीय मौजूद हैं। जिनमें से लगभग 9000 छात्र हैं। जुलाई में अधिकांश छात्र वापस लौट आए हैं। हम अल्पसंख्यकों की स्थिति के संबंध में भी स्थिति की निगरानी कर रहे हैं। ढाका के भारतीय उच्चायुक्त और चिटगांव के सहउच्चायुक्त हमें लगातार रिपोर्ट भेज रहे हैं। *अल्पसंख्यकों की स्थिति पर जताई चिंता* हम बांग्लादेश में अल्पंख्यक समुदाय की सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं। बीते 24 घंटे के दौरान वहां काफी कुछ बदल गया है। यह बहुत ही संवेदनशील मसला है। हम सदन से इस मसले पर सहयोग चाहते हैं। विदेश मंत्री ने कहा कि छात्रों और भारतीय नागरिकों की सुरक्षा और भलाई सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न समूहों और संगठनों से बात की जा रही है।

Aug 06 2024, 19:51
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