वक्फ एक्ट में बदलाव की तैयारी में मोदी सरकार, आज संसद में संशोधन बिल कर सकती है पेश

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संसद का मॉनसून सत्र जारी है। आज सत्र का 11वां दिन है। आज मोदी सरकार के कार्यकाल में एक और बड़ा फैसला हो सकता है। मोदी सरकार आज संसद में वक्फ एक्ट में संसोधन के लिए बिल पेश कर सकती है। हालांकि, सरकार की ओर से इसे लेकर कोई पुष्टि नहीं की गई है। वहीं विपक्ष हंगामा कर सकता है। इसको लेकर ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने विरोध किया है। एआईएमआईएम के मुखिया असदुद्दीन ओवैसी ने सरकार पर हमला बोला है और उनका कहना है कि सरकार जमीन छीनना चाहती है। 

नए संशोधनों का मकसद क्या?

साल 2013 में, कांग्रेस सरकार ने वक्फ अधिनियम, 1995 में संशोधनों के माध्यम से वक्फ बोर्डों की शक्तियों का विस्तार किया था, जो मुस्लिम कानून के तहत धार्मिक या धर्मार्थ उद्देश्यों के लिए नामित संपत्तियों को विनियमित करता है। नए संशोधनों का मकसद केंद्रीय वक्फ परिषद और राज्य बोर्डों में महिलाओं का प्रतिनिधित्व बढ़ाना, जिला मजिस्ट्रेटों के साथ संपत्तियों की निगरानी के लिए उपाय करना और संपत्ति सर्वेक्षण में देरी को दूर करने जैसी बात शामिल है।

वहीं, लोकसभा में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, विनियोग विधेयक और वित्त विधेयक पेश करेंगी। इसके अलावा कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल, गोवा विधानसभा क्षेत्र में अनुसूचित जनजातियों के प्रतिनिधित्व को फिर से समायोजित करने के लिए विधेयक पेश करेंगे। राज्यसभा में मंगलवार को केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी तेल क्षेत्र (विनियमन और विकास) संशोधन विधेयक पेश करेंगे।

पेरिस ओलंपिक में भारतीय हॉकी टीम को सेमीफाइनल से पहले लगा बड़ा झटका, इस खिलाड़ी पर लग गया बैन

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पेरिस ओलंपिक 2024 में भारतीय हॉकी टीम ने कमाल का प्रदर्शन किया है। टीम ने ग्रेट ब्रिटेन को पेनाल्टी शूटआउट में 4-2 से हराकर सेमीफाइनल में जगह पक्की कर ली है। सेमीफाइनल मुकाबला 6 अगस्त को है, जहां भारत का मुकाबला जर्मनी से होगा। हालांकि, उस बड़े मुकाबले से पहले भारतीय टीम के लिए खबर अच्छी नहीं है। दरअसल, भारत के अमित रोहिदास पर एक मैच का प्रतिबंध लगाया है जिससे वह मंगलवार को जर्मनी के खिलाफ होने वाले पेरिस ओलंपिक के सेमीफाइनल मुकाबले में नहीं खेल सकेंगे।

भारतीय डिफेंडर अमित रोहिदास को ग्रेट ब्रिटेन के खिलाफ क्वार्टर फाइनल मुकाबले में रेड कार्ड दिखाया गया था। दरअसल, मैच के दौरान उनकी हॉकी स्टिक ग्रेट ब्रिटेन के खिलाड़ी के मुंह पर जा लगी थी, जिसके एवज में उन्हें रेड कार्ड मिला था। रेड कार्ड मिलने के बाद अमित रोहिदास उस पूरे मैच से तो बाहर रहे ही। अब सेमीफाइनल मुकाबले में भी नहीं खेलेंगे।

इंटरनेशनल हॉकी फेडरेशन ने अपनी प्रेस रिलीज में बताया है कि अमित रोहिदास को ग्रेट ब्रिटेन मैच के दौरान एफआईएच कोड आचरण के उल्लंघन के लिए एक मैच के लिए निलंबित कर दिया गया था। वह जर्मनी के खिलाफ सेमीफाइनल मैच में भाग नहीं लेंगे। भारत केवल 15 प्लेयर्स के साथ खेलेगा। 

अब, हॉकी इंडिया ने उनके फैसले को चुनौती दे दी है। लेकिन मौजूदा परिस्थिति में रोहिदास के सेमीफाइनल मैच में खेलने पर संशय है। माना जा रहा है कि एफआईएच इस अपील पर सोमवार को सुनवाई करेगा और अपना जवाब दाखिल करेगा।

“हिंद महासागर में अशांति पैदा करने वाले बदलाव की आशंका”, जानें एस जयशंकर के इस बयान के पीछे का संकेत

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हिंद महासागर क्षेत्र में चीनी नौसेना की बढ़ती उपस्थिति और गतिविधियां भारतीय नीति निर्माताओं और सुरक्षा विशेषज्ञों के लिए चिंता और चर्चा का विषय बनी हुई है। साल 2020 में पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में हुई सैन्य झड़प के बाद से दोनों देशों के बीच तनाव की स्थिति बनी हुई। भारत और चीन के बीच लंबे समय से सीमा विवाद चला आ रहा है। पिछले तीन साल से ये और भी ज़्यादा गहरा गया है। जानकारों की मानें तो ये तनाव हिन्द महासागर में भी महसूस हो रहा है क्योंकि दोनों ही देश इस इलाक़े में अपना दबदबा बनाना चाहते हैं। हिंद महासागर में चीन की बढ़ती समुद्री गतिविधियों के बीच भारतीय विदेश मंत्री ने बड़ा बयान दिया है।एस जयशंकर का कहवा है कि हिंद महासागर में अशांति पैदा करने वाले बदलाव होने की आशंका है और भारत को इसके लिए तैयार रहने की जरूरत है।

एक विचारक संस्था (थिंक टैंक) के संवाद सत्र को संबोधित करते हुए जयशंकर ने किसी देश का नाम लिए बिना कहा कि भारत के पड़ोस में जो प्रतिस्पर्धा देखी गई है, वह निश्चित रूप से हिंद महासागर में भी होगी। विदेश मंत्री ने एक प्रश्न के उत्तर में पड़ोस में प्रतिस्पर्धा के बारे में बात की और कहा, ‘‘इस बारे में विलाप करने का कोई औचित्य नहीं है’’ क्योंकि भारत को प्रतिस्पर्धा करने की जरूरत है और वह वास्तव में यही करने का प्रयास कर रहा है। उन्होंने कहा कि भारत हिंद महासागर में प्रतिस्पर्धा के लिए उसी तरह तैयार है, जिस तरह वह बाकी पड़ोस में प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार है

जयशंकर ने कहा, 'मुझे लगता है कि हिंद महासागर में समुद्री मौजूदगी नजर आ रही है, जो पहले नहीं थी। इसलिए यह एक विध्वंसकारी परिवर्तन के लिए तैयारी है। मुझे लगता है कि हमें इसका पूर्वानुमान लगाने (और) हमें इसके लिए तैयारी करने की जरूरत है।' 

बता दें कि पिछले कुछ दशकों में चीन ने तेज़ी से अपनी नौसैनिक क्षमताओं का आधुनिकीकरण किया है। चीनी नौसेना ने विमान वाहक जहाज़ों, सतही युद्धपोतों और सैन्य पनडुब्बियों को बड़ी संख्या में अपने बेड़ों में शामिल किया है। पिछले 20-25 वर्षों पर नज़र डालें तो हिंद महासागर में चीनी नौसैनिकों की मौजूदगी और गतिविधि में लगातार बढ़ोतरी हुई है।

हिंद महासागर में चीन की बढ़ती सैन्य उपस्थिति और बढ़ते प्रभाव को लेकर एस जशंकर ने ऐसा बयान पहली बार नहीं दिया है। इस बात को लेकर उन्होंने पहले भी आगाह किया है। जयशंकर ने इस बात पर जोर दिया कि भारत और चीन के बीच मतभेद सीमा विवाद से कहीं आगे तक जाते हैं। यह निर्विवाद रूप से हिंद महासागर क्षेत्र तक विस्तृत है। पिछले साल सितंबर में, विदेश मंत्री ने कहा था, ‘चीनी नौसेना के आकार और हिंद महासागर क्षेत्र में तैनाती में बहुत तेज वृद्धि हुई है। हमारे लिए तैयारी करना बहुत उचित है। हमने पहले की तुलना में कहीं अधिक बड़ी चीनी उपस्थिति देखी है।

वक्फ एक्ट को लेकर छिड़ा घमासान, मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने कहा- मुसलमान हरगिज नहीं कबूलेगा



डेस्क: केंद्र सरकार द्वारा वक्फ बोर्ड संशोधन विधेयक लाए जाने की तैयारी की जा रही है। इसे लेकर अब मुस्लिम पक्ष की तरफ से कई प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। साथ ही इसपर अब राजनीति भी तेज हो गई है। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने इसे लेकर बयान दिया है। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने कहा कि हम वक्फ एक्ट 2013 में ऐसा बदलाव, जिससे वक्फ संपत्तिों की हैसियत और प्रकृति बदल जाए या उन्हें हड़पना सरकार या किसी व्यक्ति के लिए आसान हो जाए, हरगिज कबूल नहीं होगा। इसी तरह वक्फ बोर्डों के अधिकारों को कम या सीमित करने को भी कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के प्रवक्ता डॉ. सैयद कासिम रसूल इलयास ने अपने बयान में कहा कि विश्वसनीय जानकारी के अनुसार, भारत सरकार वक्फ एक्ट 2013 में लगभग 40 संशोधनों के माध्यम से वक्फ संपत्तियों की हैसियत और प्रकृति को बदलना चाहती है, ताकि उन पर कब्जा करना और उन्हें हड़पना आसान हो जाए। जानकारी के अनुसार, इस प्रकार का विधेयक अगले सप्ताह संसद में पेश किया जा सकता है। मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड यह स्पष्ट करना आवश्यक समझता है कि वक्फ संपत्तियां मुसलमानों के बुजुर्गों द्वारा दिए गए वे उपहार हैं, जिन्हें धार्मिक और चैरिटी के कामों के लिए वक्फ किया गया है। सरकार ने बस उन्हें नियंत्रित करने के लिए वक्फ एक्ट बनाया है।

उन्होंने आगे कहा कि वक्फ एक्ट और वक्फ संपत्तियों को भारतीय संविधान और शरीयत एप्लीकेशन एक्ट 1937 भी सुरक्षा प्रदान करता है। इसलिए भारत सरकार इस कानून में कोई ऐसा संशोधन नहीं कर सकती, जिससे इन संपत्तियों की प्रकृति और हैसियत ही बदल जाए। उन्होंने कहा कि अब तक सरकार ने मुसलमानों से संबंधित जितने भी फैसले किए और कदम उठाए हैं, उनमें उनसे कुछ छीनने का ही काम हुआ है, दिया कुछ नहीं, चाहे वह मौलाना आजाद फाउंडेशन का बंद किया जाना हो, या अल्पसंख्यक स्कॉलरशिप को रद्द करना, या फिर तीन तलाक से संबंधित कानून हो।

उन्होंने कहा कि यह मामला केवल मुसलमानों तक सीमित नहीं रहेगा। वक्फ संपत्तियों पर चोट करने के बाद आशंका है कि अगला नंबर सिखों और ईसाइयों की वक्फ संपत्तियों का और फिर हिंदुओं के मठों और अन्य धार्मिक संपत्तियों का भी आ सकता है। डॉ. इलियास ने स्पष्ट किया कि मुसलमान वक्फ एक्ट में कोई भी ऐसा संशोधन हरगिज-हरगिज कबूल नहीं करेंगे, जो उसकी हैसियत को बदल कर रख दे। इसी तरह वक्फ बोर्डों की कानूनी और न्यायिक हैसियत और अधिकारों में हस्तक्षेप भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के प्रवक्ता ने एनडीए की सहयोगी पार्टियों और अन्य विपक्षी राजनीतिक पार्टियों से जोरदार अपील की कि वे ऐसे किसी भी प्रस्ताव और संशोधन को पूरी तरह खारिज कर दें और इसे हरगिज़ हरगिज़ संसद से पारित न होने दें।
"खटमल को अंगूठे के नीचे कुचला जाता है", उद्धव ठाकरे के बयान पर देवेंद्र फडणवीस का पलटवार, “उद्धव ठाकरे का मानसिक संतुलन बिगड़ गया है”


डेस्क: शिवसेना यूबीटी के नेता उद्धव ठाकरे के बयान पर अब महाराष्ट्र के पूर्व उपमुख्यमंत्री और भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस ने निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि उद्धव ठाकरे का मानसिक संतुलन बिगड़ गया है। इसलिए वो इस तरह की बातें कर रहे हैं। लेकिन अमित शाह ने उद्धव ठाकरे को औरंगजेब फैन क्लब का मुखिया बोला था। आज उन्होंने अपने भाषण से ये सिद्ध कर दिया। उन्होंने कहा कि उद्धव मानसिक संतुलन खो चुके हैं और वह हताश होकर इस तरह की बातें कर रहे हैं। ऐसे हताश व्यक्ति के बयानों पर क्या जवाब दिया जाए। कोई हताशा में संतुलन खोकर अनाप-शनाप बकवास करे, उस पर जवाब नहीं दिया जाता है।

देवेंद्र फडणवीस ने आगे कहा कि अमित शाह ने जो कहा था कि उद्धव ठाकरे औरंगजेब फैन क्लब के सदस्य हैं, आज उन्होंने यह सिद्ध कर दिया है। बता दें कि महाराष्ट्र में आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीति गरमाई हुई है। हर तरफ बयानबाजियां देखने को मिल रही हैं। इस बीच शिवसेना यूबीटी के नेता उद्धव ठाकरे ने शनिवार को एक कार्यक्रम के दौरान देवेंद्र फडणवीस को खटमल कह डाला था। इससे पहले उद्धव ठाकरे ने कहा कि जैसे मुंबई में मैने कहा था कि "या तो तू रहेगा या फिर मैं।" मैं फिर कहता हूं "या तो तू रहेगा या मैं रहूंगा।"

उद्धव ठाकरे ने आगे कहा कि यहां मेरे पैर के नीचे कलिंगड रखा गया है। कुछ लोगों को लगा कि मैंने उसे (फडणवीस) कहा था कि या तो तू रहेगा या मैं रहूंगा, लेकिन मैं खटमल को चुनौती देता हूं। उसने (फडणवीस) कहा कि मेरे आड़े मत आओ, अरे तेरी हैसियत ही नहीं है। खटमल को अंगूठे के नीचे कुचला जाता है। उद्धव ठाकरे ने कहा, "अहमदशाह अब्दाली का राजनीतिक वंशज अमित शाह यहां (पुणे) में आया था। वो भी शाह था ये भी शाह है। नवाज शरीफ का केक खाने वाले हमें हिंदुत्व सिखाएंगे। मुस्लिम लीग के साथ बंगाल में सत्ता बनाने वाले श्यामाप्रसाद मुखर्जी है। आपका हिंदुत्व कैसा है? अगर हिंदू-मुस्लिम लड़का-लड़की शादी करते हैं तो आप लव जिहाद कहते हो, लेकिन आप मुसलमानों के लिए जो काम करते हो तो वो क्या है। अगर हम 'औरंगजेब फैन क्लब' है तो आप जो कर रहें वो 'सत्ता जिहाद' है।"

अयोध्या गैंगरेप मामले पर अबू आजमी का विवादित बयान, बोले- कई पीड़िताएं ऐसी होती हैं, जिन्हें समझाकर बुलाया जाता है




डेस्क: अयोध्या में मासूम संग हुए गैंगरेप मामले पर अब समाजवादी पार्टी के नेता अबू आजमी ने बेतुका बयान दिया है। उन्होंने कहा, लोग मुख्यमंत्री से मिलने के लिए चिल्लाते हैं, लेकिन अपाइंटमेंट नहीं मिलता है। लेकिन ये मुख्यमंत्री के पास जाकर फौरन बात कर लेती है और मुख्यमंत्री से 5 मिनट में मुलाकात हो जाती है। बहुत सारी पीड़िता ऐसी हैं, जिन्हें समझाकर बुलाया जाता है। अबू आजमी ने आगे कहा कि अगर बलात्कार सच में हुआ है तो उन्हें फांसी होनी चाहिए। लेकिन बार-बार समाजवादी पार्टी का नेता, मुसलमान है यही दिखाया जा रहा है। समाजवादी पार्टी और मुसलमान दिखाने की क्या जरूरत है।


उन्होंने कहा कि जानबूझकर हमारी पार्टी को बदनाम करने की साजिश चल रही है। जब बलात्कार के मामले में भाजपा नेता आरोपी होते हैं तब कार्रवाई क्यों नहीं होती है। अभी तक इस केस में कुछ साबित नहीं हुआ है, लेकिन आपने घर तोड़ा शुरू कर दिया है। कल अगर वह रेपिस्ट जांच से छूट गया तो क्या उसका घर वापस लाकर देंगे। संविधान में कहीं नहीं लिखा है कि किसी आरोपी के घर को तोड़ दिया जाए। अगर अवैध निर्माण हुआ था तो अब तक अधिकारी क्या कर रहे थे। वह चुप क्यों थे। जैसे ही क्राइम होता है तो आपको हर चीज अवैध नजर आने लगती है। अबू आजमी ने कहा कि मायावती से पूछिए कि अखिलेश यादव अपने राज में कितने बेगुनाह लोगों का घर गिराया।

अबू आजमी ने आगे कहा कि क्या मोईद खान पर लगा जुर्म साबित हो गया है। अगर साबित हुआ तो हम धक्के मार कर निकाल देंगे लेकिन अगर साबित नहीं होगा तो क्यों निकालें। इस केस की जांच वह लोग कर रहे हैं जो सरकार में हैं। हम इस पीड़िता के साथ हैं। लेकिन मोईद खान पर पहले एक्शन ले लें बिना किसी सबूत के। अगर एविडेंस मिला तो कार्रवाई होगी। अपना चेहरा न देखा गया, आपसे बेवजह आईन तोड़ दिया। लोग मुख्यमंत्री से मिलने चिल्लातें हैं लेकिन अपॉइंटमेंट नहीं मिलात है। लेकिन ये मुख्यमंत्री के पास जाकर फौरन बात कर लेती है। मुख्यमंत्री से मुलाकात 5 मिनट में हो जाती है। बहुत सारी पीड़िता ऐसी हैं, जिन्हें समझाकर बुलाया जाता है।
बांग्लादेश में फिर हिंसा ने पकड़ी रफ्तार, झड़प में मरने वालों की संख्या पहुंची 27 के पार


डेस्क: बांग्लादेश में महीनों से चल रही हिंसा ने एक बार फिर रफ्तार पकड़ लिया है। राजधानी ढाका में प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे लोगों और सत्तारूढ़ अवामी लीग के समर्थकों के बीच आज भीष झड़प हुई। रॉयटर्स के अनुसार मरने वालों की संख्या 27 पहुंच गई है। 30 अन्य घायल हुए हैं। सरकार के इस्तीफे की मांग को लेकर प्रदर्शनकारी एक ‘असहयोग कार्यक्रम’ में भाग लेने पहुंचे। अवामी लीग, छात्र लीग और जुबो लीग के कार्यकर्ताओं ने उनका विरोध किया और फिर दोनों पक्षों के बीच झड़प हुई। समाचार पत्र ‘ढाका ट्रिब्यून’ ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा, ‘‘ प्रदर्शनकारियों और अवामी लीग के समर्थकों के बीच मुंशीगंज में हुई झड़प में कम से कम दो लोगों की मौत हो गई और 30 अन्य घायल हुए हैं।’’

खबर में हालांकि, मृतकों की पहचान का खुलासा नहीं किया गया है। समाचार पोर्टल ‘बीडीन्यूज24’ की एक खबर के अनुसार, प्रदर्शनकारियों ने प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे की मांग की और आरक्षण में सुधार को लेकर हाल में हुए विरोध प्रदर्शनों में मारे गए लोगों के लिए न्याय की मांग करते हुए नारे लगाए। प्रदर्शनकारी असहयोग आंदोलन के पहले दिन राजधानी के साइंस लैब चौराहे पर भी एकत्र हुए और उन्होंने सरकार विरोधी नारे लगाए। विरोध प्रदर्शन के संयोजकों ने बताया कि ढाका के साइंस लैब, धानमंडी, मोहम्मदपुर, टेक्निकल, मीरपुर-10, रामपुरा, तेजगांव, फार्मगेट, पंथपथ, जतराबाड़ी और उत्तरा में भी प्रदर्शन और रैलियां आयोजित की जाएंगी।

समाचारपत्र ‘डेली स्टार’ के अनुसार, रविवार को बंगबंधु शेख मुजीब मेडिकल यूनिवर्सिटी (बीएसएमएमयू) में अज्ञात लोगों ने कई वाहनों को आग के हवाले कर दिया। खबर के अनुसार, लाठी-डंडे लिए लोगों को अस्पताल परिसर में निजी कार, एम्बुलेंस, मोटरसाइकिलों और बसों में तोड़फोड़ करते देखा गया, जिससे मरीजों, तीमारदारों, चिकित्सकों और अन्य कर्मियों में भय पैदा हो गया।
मुख्यमंत्री मोहन यादव के काफिले से टकराया ऑटो, 13 साल के बच्चे समेत 3 लोग घायल, मचा हड़कंप



डेस्क: मध्य प्रदेश के राजगढ़ से एक बड़ी खबर सामने आई है। यहां सीएम मोहन यादव के काफिले से एक ऑटो टकरा गया। इस हादसे में 13 साल के बच्चे समेत 3 लोग घायल हुए हैं। ये घटना उस वक्त हुई, जब सीएम मोहन यादव भोपाल से शाजापुर जा रहे थे।


सीएम मोहन यादव का काफिला भोपाल से शाजापुर जा रहा था। इसी दौरान सारंगपुर के पास हाईवे पर हादसा हुआ और एक ऑटो सीएम के काफिले से टकरा गया। इस घटना में एक 13 साल के बच्चे समेत 3 लोग घायल हुए हैं। कलेक्टर भी हॉस्पिटल पहुंचे हैं।

घायलों को हॉस्पिटल में एडमिट करवाया गया है। मिली जानकारी के मुताबिक, ऑटो में कुल चार लोग सवार थे। आरिफ ऑटो चला रहा था और साथ में उसकी पत्नी और 2 बच्चे थे। जिस 13 साल के बच्चे को चोटें आई हैं, उसकी पहचान आमिन के रूप में हुई है। आमिन के कमर और पेट में चोट लगी है।

काफिले की गाड़ी और ऑटो के बीच टक्कर इतनी जोरदार थी कि काफिले की गाड़ी असंतुलित होकर सड़क से नीचे खेत में उतर गई। सीएम के काफिले के साथ डीएम और एसपी भी चल रहे थे। वह फौरन घायलों को देखने के लिए हॉस्पिटल पहुंचे और घायलों के बेहतर इलाज के निर्देश दिए।

हालांकि गनीमत ये रही कि सीएम मोहन यादव को किसी तरह की चोट नहीं आई है और वह इस हादसे में बाल-बाल बचे हैं। हालांकि अभी ये कंफर्म नहीं हुआ है कि सीएम के काफिले की किस गाड़ी से एक्सीडेंट हुआ है और गलती किसकी थी। घायलों का इलाज चल रहा है और किसी बड़े नुकसान की जानकारी नहीं मिली है। गौरतलब है कि मध्य प्रदेश में इस समय खूब बारिश भी हो रही है, ऐसे में वाहन चलाते समय सावधानी बरतना आवश्यक है।
केरल के वायनाड में अब तक 334 लोगों की मौत, अल्लू अर्जुन ने किया पीड़ितों की मदद का ऐलान, जानिए, इतनी बड़ी रकम की डोनेट


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केरल के वायनाड जिले में लैंडस्लाइड से आई भयंकर तबाही में अब तक 334 से ज्यादा लोग अपनी जान गंवा चुके हैं. इस आपदा में सैकड़ों लोग लापता है, जिनकी तलाश की जा रही है. भारी बारिश के कारण अचानक लैंडस्लाइड होने की वजह से सैकड़ों घर मलबे में दब गए, जिससे जानमाल का भारी नुकसान हुआ. इस हादसे के बाद से घटनास्थल पर राहत और बचाव का काम जारी है. इस बीच पीड़ितों की मदद के लिए सेलिब्रिटीज़ भी आगे आ रहे हैं. पुष्पा फेम अभिनेता अल्लू अर्जुन ने भी मदद का ऐलान किया है.

अल्लू अर्जुन ने एक्स (पहले ट्विटर) पर एक ट्वीट में हादसे पर गहरा दुख जताया और केरल चीफ मिनिस्टर रिलीफ फंड में 25 लाख रुपये दान करने का ऐलान किया. अल्लू ने लिखा, “हाल ही में वायनाड में हुए लैंडस्लाइड से मैं काफी दुखी हूं. केरल ने मुझे हमेशा ही बहुत प्यार दिया है. अब मैं पुनर्वास के काम के लिए केरल चीफ मिनिस्टर रिलीफ फंड में 25 लाख रुपये दान करके अपने हिस्से का योगदान देना चाहता हूं. आपकी सुरक्षा और मजबूती के लिए दुआ करता हूं.” पोस्ट में उन्होंने केरल मुख्यमंत्री कार्यालय के एक्स अकाउंट को भी टैग किया है.


पिछले 6 दिनों से वायनाड के मुंदक्कई और चूरमाला में राहत और बचाव का काम लगातार जारी है. भारी बारिश की वजह से कई बार राहत कर्मियों को मुश्किलें भी आईं, लेकिन वो लगातार डटे हुए हैं और लोगों की तलाश कर रहे हैं. घटनास्थल पर भारतीय सेना, एनडीआरएफ, के अलावा लोकल इमरजेंसी रिस्पॉन्स डिपार्टमेंट के लोग भी लगातार मुस्तैदी के साथ जुटे हुए हैं. माना जा रहा है कि अभी भी मलबे और तबाह हुई इमारतों में लोग दबे हुए हैं.

मलयालम सिनेमा के सुपरस्टार मोहनलाल बीते रोज़ घटनास्थल पर पहुंचे थे. मोहनलाल को इंडियन टेरिटोरियल आर्मी में लेफ्टिनेंट कर्नल का पद मिला हुआ है. वो सेना की वर्दी में लैंडस्लाइड वाली जगह पहुंचे और वहां लोगों से मुलाकात भी की. उन्होंने रेस्क्यू में जुटे अधिकारियों से भी हालात को समझा. उन्होंने एक पोस्ट में लोगों से सुरक्षित रहने की अपील की थी. उन्होंने लिखा, “भारी बारिश और प्राकृतिक आपदा को देखते हुए ये ज़रूरी है कि सुरक्षित रहने के लिए हर कदम उठाया जाए. सरकारी आदेशों का पालन करें और जितना मुमकिन हो सके, यात्रा से बचें. कृपया इस घटना को लेकर झूठी और गलत खबरें शेयर करने से भी बचें.” अल्लू अर्जुन से पहले मोहनलाल ने भी इस आपदा के पीड़ितों की मदद के लिए 3 करोड़ रुपये डोनेट करने का ऐलान किया था.


इस वक्त तमाम फैंस को अल्लू अर्जुन की पुष्पा 2 का बेसब्री से इंतज़ार है. पहले ऐलान हुआ था कि फिल्म 15 अगस्त पर आएगी, हालांकि शूटिंग वक्त पर पूरी नहीं होने के चलते मेकर्स ने रिलीज़ डेट बदल दी थी. अब ये फिल्म साल के अंत में 6 दिसंबर को बड़े पर्दे पर दस्तक देगी. फिल्म में अल्लू अर्जुन के साथ साथ रश्मिका मंदाना और फहद फासिल भी अहम रोल में नज़र आएंगे. फिल्म का निर्देशन सुकुमार कर रहे हैं.
मध्यप्रदेश के 5 नेताओं को कोर्ट ने सुनाई कड़ी सजा, पूर्व विधायक समेत 5 को 2-2 साल की सजा


मध्यप्रदेश के 5 नेताओं को कोर्ट ने कड़ी सजा सुनाई है। इनमें कांग्रेस के एक पूर्व विधायक भी शामिल हैं। भोपाल की एमपी एमएलए MP-MLA कोर्ट ने सख्त फैसला देते हुए कांग्रेस के पूर्व विधायक विपिन वानखेड़े को 2 साल की सजा सुनाई है। पूर्व विधायक के साथ ही कांग्रेस नेता विवेक त्रिपाठी, आशुतोष चौकसे, आकाश चौहान और धनजी गिरी को भी 2-2 साल की सजा सुनाई गई है। पांचों कांग्रेसियों को सन 2016 में धरना-प्रदर्शन के मामले में यह सजा मिली है।

पूर्व विधायक विपिन वानखेड़े और कांग्रेस प्रवक्ता विवेक त्रिपाठी ने अपने साथी कार्यकर्ताओं आशुतोष चौकसे, आकाश चौहान और धनजी गिरी के साथ 2016 में सीएम हाउस में प्रदर्शन की तैयारी की थी। इस दौरान पथराव हो गया जिसके बाद पूर्व विधायक विपिन वानखेड़े सहित सभी नेताओं के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। इस केस में एमपी एमएलए कोर्ट ने फैसला सुना दिया है। 8 साल पुराने इस मामले में सभी आरोपियों को कोर्ट ने दोषी पाते हुए 2-2 साल की सजा सुनाई। कोर्ट ने सभी कांग्रेस नेताओं पर 11,000 रुपए का जुर्माना भी लगाया।

सन 2016 में एनएसयूआई NSUI ने सीएम हाउस का घेराव किया था। विपिन वानखेड़े और उनके साथी भी प्रदर्शन कर रहे थे तभी पथराव चालू हो गया। तोड़फोड़ भी हुई। इस पर विपिन वानखेड़े और विवेक त्रिपाठी, आशुतोष चौकसे, आकाश चौहान तथा धनजी गिरी के खिलाफ केस दर्ज किया गया था।

कांग्रेस के पूर्व विधायक विपिन वानखेड़े को पहले भी एक केस में सजा मिल चुकी है। सन 2011 के एक मामले में एमपी-एमएलए कोर्ट ने 6 अक्टूबर 2023 को उन्हें एक साल की सजा सुनाई थी। बाद में पूर्व विधायक को जमानत पर रिहा कर दिया गया था। विपिन वानखेड़े का यह मामला भी विधानसभा के घेराव से जुड़ा था।